Sanjana Kirodiwal

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और प्यार हो गया – 23

Aur Pyar Ho Gaya – 23

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

कार्तिक और नंदिनी को पता ही नहीं चला सफर कब पूरा हुआ और गाड़ी घर के सामने आ पहुंची l कार्तिक ने गाड़ी साइड में लगाई और कुछ देर दोनों गाड़ी में ही खामोश बैठे रहे l दोनों के दिल में एक दूसरे को कहने के लिए बहुत कुछ था लेकिन आज पहली बार दोनों को शब्द नहीं मिल रहे थे l रात के 10 बज रहे थे l कार्तिक का फोन बजा अखिलेश जी का नंबर देखकर कार्तिक ने नंदिनी से कहा,”घरवाले इंताजर कर रहे है , अंदर चलना चाहिए”
“हम्म्म्म”,कहकर नंदिनी ने गाड़ी का दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन दरवाजा नहीं खुला l नंदिनी को परेशान देखकर कार्तिक ने कहा,”मैं खोल देता हु”
कार्तिक नंदिनी के करीब आया और दरवाजा खोलने लगा लेकिन किस कारण से दरवाजा हैंग हो गया वो खुल ही नहीं रहा था l कार्तिक का चेहरे नंदिनी के चेहरे के बहुत करीब था नंदिनी की गर्म सांसे उसे अपनी गर्दन पर महसूस होने लगी थी l नंदिनी एकटक कार्तिक के चेहरे को देखे जा रही थी और कार्तिक ने एक बार फिर कोशिश की और दरवाजा खुल गया l गाड़ी से निचे उतरकर दोनों अंदर चले आये l अखिलेश जी , रंजना और मौली हॉल में ही बैठे उन दोनों का इंतजार कर रहे थे l कार्तिक और नंदिनी को देखते ही अखिलेश जी ने कहा,”बेटा कहा रह गए थे ? हमे कबसे चिंता हो रही थी , नंदिनी का पैर ठीक है न अब ? डॉक्टर ने क्या कहा ? देखो अगर रेस्ट की जरूरत है तो कोई बात नहीं कुछ दिन यही रहकर और रेस्ट कर लेगी नंदिनी अरे चुप क्यों हो बोलो भी कुछ ?
“कैसे बोले अंकल आप तो शताब्दी से भी तेज भाग रहे हो”,नंदिनी ने कहा तो सभी हसने लगे
“पापा नंदिनी का पांव अब बिलकुल ठीक है वो नार्मल चल फिर सकती है बस कुछ दिन उछलना कूदना नहीं है”,कार्तिक ने नंदिनी को चिढ़ाते हुए कहा
“क्यों नहीं कूद सकती ? अब तो मेरा पांव बिल्कुल ठीक है “,कहते हुए नंदिनी जैसे ही कुदी उसके पांव में हल्का सा दर्द हुआ और उसकी आह निकल गयी l सभी उसकी और लपके सबसे आगे कार्तिक वह नंदिनी के पास आया और उसको सोफे पर बैठने को कहा l नंदिनी सोफे पर बैठ गयी रंजना भी आकर उसकी बगल में बैठ गयी l
“देखा मैंने कहा था , ये लड़की मेरी कभी कोई बात नहीं सुनती है पापा , देखो हो गया ना दर्द l दीदी वो ऑइंटमेंट देना जरा”,कार्तिक ने नंदिनी का पैर देखते हुए कहा
“bunny कुछ नहीं हुआ , मैं ठीक हु”,नंदिनी ने कहा
“कहा ठीक हो ? तुम ना अपना बिल्कुल ख्याल नहीं रखती पता नहीं क्या होगा तुम्हारा ?”,कार्तिक ने डांटते हुए कहा
“देखो ना आंटी ये मुझे डांट रहा है”,नंदिनी ने मासूम सा चेहरा बनाकर रंजना की और देखते हुए कहा
“ऐ कार्तिक ! खबरदार जो मेरी बहू से कुछ कहा तो”,रंजना ने जल्दी से कहा
“क्या…………….?”,कार्तिक , अखिलेश जी और मौली ने एक साथ चौंककर कहा
“मेरा मतलब मेरी बहुत प्यारी सी बच्ची को”,रंजना ने बात को सम्हालते हुए कहा लेकिन नंदिनी मंद मंद मुस्कुरा रही थी l
कार्तिक ने नंदनी के पांव पर दवा लगायी और खुद सामने पड़े सोफे पर बैठ गया l पास ही अखिलेश जी बैठे थे नंदिनी ने पीछे खड़ी मौली को भी हाथ पकड़ कर अपने पास बैठा लिया l सभी बैठकर बाते करने लगे l कुछ देर बाद अखिलेश जी ने कहा,”रंजू जी एक एक कप कॉफी हो जाये सबके साथ !
“जी मैं अभी लेकर आती हु”,रंजना ने कहा और जैसे ही उठकर जाने लगी मौली ने उन्हें रोकते हुए कहा,” मम्मा आप बैठिये ना , मैं ले आती हु !!
मौली वहा से उठकर किचन की और चली नंदिनी ने सबकी और देखा और कहने लगी,”मुझे आप सबसे कुछ कहना है अंकल आंटी और बन्नी l इतने दिनों में आप सबने मुझे इतना प्यार दिया , मेरा इतना साथ दिया , मेरी शरारतो को सहा l मैं सच में बहुत लकी हु जो मुझे आप सब मिले और आपका ये प्यार मैं कभी नहीं भूल पाऊँगी l कल मम्मी पापा वापस आ रहे है और मुझे अपने साथ वापस लखनऊ लेकर जा रहे है l इस घर में आप सबके बिच रहते हुए मुझे महसूस ही नहीं हुआ की मैं किसी पराये घर में हु आपने अपनों से भी ज्यादा मुझे प्यार दिया l
नंदिनी के जाने की बात सुनकर अखिलेश जी और रंजना का चेहरा उदासी से घिर गया अब तक उन्हें भी नंदिनी की उस घर में आदत हो चुकी थी l इन दोनों से से भी ज्यादा कोई उदास था तो वो था कार्तिक उसे नंदिनी का यु जाना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था l वह सोफे से उठा और बिना किसी की तरफ देखे वहा से अपनी कमरे में चला गया l कार्तीक को जाता देखकर नंदिनी समझ गयी की उसे बुरा लगा है l अखिलेश जी नंदिनी के पास आये और उसके पास बैठते हुए कहा,”बेटा एक महीना तुम्हारे साथ कैसे बित गया कुछ पता ही नही चला l सच कहु तो हमे और इस घर को तुम्हारी आदत सी हो गई है पर तुम्हारा जाना भी जरुरी है इसलिए रुकने के लिए तुम्हे फाॅर्स नहीं करूंगा पर तुम्हे वादा करना होगा हफ्ते में एक बार तो तुम यहाँ आओगी”
“बिल्कुल , मैं जरूर आउंगी”,नंदिनी ने मुस्कुराकर कहा तो अखिलेश जी ने उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा,”हमेशा ऐसे ही मुस्कुराती रहो l
रंजना को खामोश देखकर नंदिनी ने उनके गले लगते हुए कहा,”आपको क्या हुआ ? आप क्यों चुप है ? अरे मैं कोई ससुराल थोड़े जा रही हु “
रंजना की आँखे थोड़ी नम थी वह नंदिनी की और देखने लगी तो नंदिनी ने अपना सर उनके कंधे से लगाकर कहा,”पता है आंटी आप दुनिया की सबसे अच्छी माँ है , जानती है क्यों ? क्योकि आप हम सबकी आँखों में देखकर हमारे दिल का हाल जान लेती है l “
“बस बस ज्यादा मस्का मत लगा ये बता वापस कब आएगी ?”,रंजना ने आँखों के किनारो को पोछकर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा l
“जल्दी ही आजाऊंगी , कॉलेज भी तो अटेंड करनी है कितना कोर्स बाकि रह गया होगा मेरा”,नंदिनी ने चिंता जताते हुए कहा
“चिंता मत करो मैं तुम्हारे प्रिंसिपल सर से बात कर लूंगा , तुम्हारी अटेंडेंस पूरी लगा देंगे वो”,अखिलेश जी ने कहा
“सो स्वीट ऑफ़ यू अंकल , आप बहुत अच्छे है”,नंदिनी ने बड़ी सी स्माइल के साथ कहा
“अच्छा सिर्फ अंकल स्वीट है मैं नहीं”,रंजना ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहा
“आप……………आप तो स्वीट के साथ साथ बहुत मस्त दिखती हो”,नंदिनी ने रंजना को छेड़ते हुए कहा
“धत बेशर्म………….!!”,रंजना ने कहा
मौली सबके लिए कॉफी लेकर आ गयी l उसने सबको कॉफी दी और खुद भी आकर सबके साथ बैठकर कॉफी पिने लगी नंदिनी ने भी एक कप लिया और पीते हुए कार्तिक के बारे में सोचने लगी l कार्तिक को उसका जाना बुरा लग रहा था l नंदिनी को अच्छा नहीं लग रहा था पर वो ये जानकर खुश थी की आना तो उसे एक दिन इसी घर में है l कॉफी ख़त्म कर नंदिनी ने कार्तिक वाला कप उठाया और कमरे की तरफ बढ़ गयी जानती थी कार्तिक इस वक्त गुस्से में होगा लेकिन उसका गुस्सा शांत करना भी जरुरी था l नंदिनी कमरे में आई करती गुस्से से इधर उधर टहल रहा था l नन्दिनी ने कॉफी का मग टेबल पर रखा आहट से कार्तिक को नंदिनी के वहा होने का अहसास हुआ l कार्तिक नंदिनी के पास आया और उसे कंधो से पकड़कर दिवार से सटाते हुए कहा,”तुम कही नहीं जाओगी !
नंदिनी – bunny मुझे कभी तो यहाँ से जाना होगा ना , और मैं कोनसा हमेशा हमेशा के लिए जा रही हु एक दो दिन में लौट आउंगी वापस
कार्तिक – श्श्श्श तू कही नहीं जा रही है बस ( अपना हाथ नंदिनी के मुंह पर रख देता है )
नंदिनी अपनी बड़ी बड़ी आँखों से कार्तिक को देखने लगती है नंदिनी का इस तरह से देखना कार्तिक की धड़कने बढ़ा देता है
कार्तिक – ऐसे घूरना बंद कर यार
नंदिनी अपनी आँखे बंद कर लेती है तो कार्तिक और झुंझला जाता है और वहा से हटकर बालकनी में आकर बैठ जाता है l नंदिनी को कार्तिक का उदास चेहरा अच्छा नहीं लगता वह भी कॉफी का कप उठाये आकर कार्तिक की बगल में आकर बैठ गयी
कार्तिक – मुझे पहले क्यों नही बताया की तू जा रही है ? (उदास होकर)
नंदिनी – बता देती तो तुम्हारे साथ इतना अच्छा वक्त नहीं बिता पाती , हर वक्त ये बात खलती की तुमसे दूर जाना है
कार्तिक – वापस कब आएगी ?
नंदिनी – जब तू कहे
कार्तिक – तो मत जा ना यही रुक जा (कहते हुए आँखों में नमी उतर आती है)
नंदिनी – bunny , माँ पापा एक महीने बाद घर लौटे है वो मुझे बहुत मिस करते है और मैं भी ,, कभी ना कभी तो मुझे यहाँ से जाना ही होगा
कार्तिक – हम्म्म (भर्राये गले से)
नंदिनी – कॉफी ?
कार्तिक नंदिनी की और देखता है तो वह कॉफी का कप उसके हाथ में थमा देती है l कार्तिक कॉफी पिने लगता है और कहता है ,”अच्छा लखनऊ जाकर यहाँ की याद आएगी तुम्हे ?
नंदिनी – बिल्कुल आएगी , अंकल , आंटी मौली दी सब कितने अच्छे है l इन सबको मैं बहुत मिस करुंगी
कार्तिक – और मुझे ? (कॉफी का कप उसकी और बढ़ा देता है)
नंदिनी – बिल्कुल नहीं (एक घूंठ भरकर वापस उसकी और बढ़ा देती है)
कार्तिक – पर मैं तो तुम्हे बहुत मिस करने वाला हु (एक घूंठ भरकर फिर से नंदिनी की और बढ़ा देता है)
नंदिनी – अच्छा क्या मिस करोगे ? (
कार्तिक – तुम्हे , तुम्हारी बातो को और ……………………..!!”
नंदिनी – और ?
कार्तिक – और तुम्हारी उस थप्पड़ वाली मेग्गी को (जोर जोर से हसने लगता है)
नंदिनी भी हस पड़ती है और कहती है ,”bunny तू न हँसता हुआ ही अच्छा लगता है”
“ये हंसी भी तेरे साथ होने से है नंदू”,कहकर कार्तिक नंदिनी की आँखों में देखने लगता है आज नंदिनी को कार्तिक की आँखों में सिर्फ अपने लिए प्यार नजर आ रहा था l नंदिनी भी उसे सामने बैठकर देखती रही l हवा के थपेड़े आकर दोनों के गालो को सहला जाते वो शाम सुहावनी थी और ये रात भी खूबसूरत थी जिसमे कार्तिक अपनी सारी परेशानिया भूलाकर नंदिनी के साथ था वही नंदिनी भी अपना बिता हुआ बुरा वक्त भूलकर कार्तिक के साथ बिताये आज के इन खूबसूरत पलो को कैद कर लेना चाहती थी l कार्तिक ने नंदिनी के चेहर से नजर हटाई और सामने देखने लगा l नंदिनी कार्तिक के थोड़ा और पास बैठ गयी और अपना सर कार्तिक के कंधे से लगाकर वह भी सामने देखने लगी ओर कहा,”वक्त कितनी जल्दी गुजर जाता है ना bunny , कौन कब कैसे जिंदगी मे आ जाए कुछ कह नही सकते l पर मैं खुश क्योकि तुम मेरे साथ हो”
नन्दिनी की बात सुनकर कार्तिक मुस्कुरा उठा ओर कहा,”हम कभी अलग नही होंगे नंदू

नन्दिनी को सुकून का अहसास हुआ उसने अपनी आंखे मूंद ली l कार्तिक उसे कॉलेज के पुराने किस्से सुनाने लगा नन्दिनी को नींद कब आई उसे पता ही नही चला ओर वह कार्तिक के कंधे पर सर रखे रखे ही सो गई l ठंडी हवा उसके बालो से अठखेलियाँ करती हुई गुजर जाती l बालो की एक लट उसके गालो को सहलाने लगी l कार्तिक की नजर जब नंदिनी के चेहरे पर पड़ी तो उसने उंगली से धीरे से उसके बाल साइड में कर दिए और उसकी एक तस्वीर अपने फोन में कैद कर ली
नन्दिनी को धीरे से गोद मे उठाया और ले जाकर बेड पर लेटा दिया l उसके सर के निचे तकिया लगाया और चद्दर ओढाकर कमरे से बाहर आ गया l l
बाहर आकर सोफे पर लेट गया l सिर्फ आज की रात कल शाम नंदिनी यहां से चली जायेगी l सोचकर ही कार्तिक का मन बैचैनी से भर उठा पर अगले ही पल नन्दिनी के साथ बिताए खुशमुना पल उसकी आंखो के आगे तैरने लगे ओर वह नींद की बांहो में समा गया l
अगली सुबह मौली ने नन्दिनी से मॉल चलने को कहा नन्दिनी को भी बाजार से कुछ सामान लेना था इसलिए वह तुरन्त तैयार हो गयी l नन्दिनी ने कार्तिक से भी चलने को कहा l नन्दिनी के साथ बिताने के लिए कुछ वक्त मिल जाएगा सोचकर कार्तिक भी जाने के लिए तैयार हो गया l तीनों मॉल पहुंचे और अपनी अपनी जरूरत का सामान लेने लगे l मौली अपने लिए दुपट्टा देख रही थी तभी दो मनचले आये और उसे छेड़ने लगे l
“bunny वो लोग मौली दी को छेड रहे है”,नन्दिनी ने देखा तो उसने कार्तिक से कहा
“नंदू दी को मेरी जरूरत नही है”,कार्तिक ने मौली को सुनाते हुए कहा l
“ए ये सब क्या नाटक है हा एक रेपट मारा न तो पूरी की पूरी बतीसी बाहर आ गिरेगी दोनो की”,मौली ने गुस्से से कहा l
“अरे रे मेडम जी को गुस्सा आ गया , तेवर तो देखो जरा इनके”,उनमे से एक लड़के ने मौली के बालों को छेड़ते हुए कहा
कार्तिक कुछ ही दूर खड़ा सब देख रहा था उसे लड़को की इस हरकत पर गुस्सा आने लगा पर वह मौली के बोलने का इंतजार कर रहा था पर मौली बिना कुछ बोले चुपचाप सब सुन रही थी l कार्तिक का गुस्सा जब सर चढ़ गया तो उसने सामने खड़े आदमी को जोर से थप्पड़ मारते हुए कहा,”वो उसे छेड रहा है और तू ऑडियंस बनके देख रहा है उसे रोक नही सकता”
“पर भाईसाहब आप भी तो चुपचाप देख रहे है”,आदमी ने अपना गाल सहलाते हुए कहा
“मैं देख रहा हु क्योंकि मैं मजबूर हु पर तु तो नही हैं ना l मैं बस इंतजार में हु की वो एक बार प्यार से मेरा नाम पुकारे वैसे ही जैसे बचपन मे बुलाती थी फिर देख मैं क्या करता हु “,कार्तिक ने चिल्लाकर कहा
मौली ने जब सुना तो उसकी आंखें भर आईं उसने कार्तिक की तरफ देखकर कहा,”छोटू !!”
“क्या कहा आपने ?”,कार्तिक ने मौली की तरफ पलटकर कहा l
“छोटू !”,,
“फिर से कहो “,कार्तिक मौली के सामने आकर खड़ा हो गया
“छोटू !!
“अबे तू है कौन कबाब में हड्डी”,एक लड़के ने कार्तिक को साइड करते हुए कहा
कार्तिक ने हाथ घुमाकर एक मुक्का सीधे उसके मुंह पर दे मारा खून का एक फव्वारा छूटा ओर लड़का नीचे जमीन पर कार्तिक नीचे बैठा ओर उसके बाल पकड़कर उसका सर उठाते हुए कहा,”बीच मे मत बोल बहन है वो मेरी”
“हा तो क्या कहा था आपने ?”,कार्तिक ने मौली से फिर सवाल किया
“अबे तू है कौन ?”,दूसरे लड़के ने आकर कहा कार्तिक ने उसे भी पिट दिया और कहा,”तेरे को दिखता नही बात कर रहा हु न मैं”
दोनों लड़के वहा से जान बचाकर भाग गए l
कार्तिक के हाथ से खून बहने लगा तो मौली ने अपना दुपट्टा उतारा और कार्तिक के हाथ पर बांध दिया l उसकी आंखो में कार्तिक के लिए आंसू ओर दर्द दोनो साफ झलक रहे थे l कार्तिक को मौली का ये परवाह करना बहुत अच्छा लग रहा था उसने धीरे से कहा,”डोरेमॉन , ज्यादा दर्द नही हो रहा है मैं ठीक हु
कार्तिक के मुंह से अपने लिए ये नाम सुनकर आज मौली की सारी कड़वाहट दूर हो गयी l उसने कार्तिक को गले लगा लिया ओर रोने लगी l नन्दिनी के चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गयी l आज मौली के दिल का सारा मेल धूल चुका था l मौली ओर कार्तिक पहले जैसे हो चुके थे और ये सब हुआ नन्दिनी के कारण नन्दिनी ने ही यहां आने से पहले उन दोनों लड़को को मॉल आकर मौली को छेड़ने का प्लान बनाया था l

शॉपिंग कर सभी घर आ गए l मौली ओर कार्तिक को साथ साथ देखकर अखिलेश जी ओर रंजना को भी बहुत खुशी हुई l शाम को नन्दिनी अपना बैग पैक करके बाहर आई l सभी उसे छोड़ने गेट तक आये l नन्दिनी ने सबको बाय कहा और चली गयी l कार्तिक उदास हो गया l लखनऊ जाकर नन्दिनी फैमिली ओर कामो में बिजी हो गयी l न वह कार्तिक के मैसेज का जवाब दे पाती ना उसके कॉल का जब नन्दिनी फ्री होती तब कार्तिक बिजी रहता जब कार्तिक फ्री होता तो नन्दिनी बिजी रहती पर कार्तिक को धीरे धीरे अहसास होने लगा था कि वह नंदिनी के बिना अधूरा है l नन्दिनी को गए दो दिन हो चुके थे एक शाम कार्तिक अकेला छत पर बैठा था कि मौली आई और कहा,”क्या हुआ यहा क्यो बैठा है ?
कार्तिक – कुछ नही दी बस ऐसे ही
कार्तिक ने अपनी उदासी छुपाते हुए कहा
मौली – नन्दिनी की याद आ रही है ?
कार्तिक – ह्म्म्म
मौली – तू उसे कह क्यो नही देता की तू उसे पसन्द करता है
कार्तिक – कैसे कहु ? मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा ये सब क्या है
मौली – क्या नही समझ आ रहा बता ?
कार्तिक – नंदू के साथ मैं हमेशा खुश रहता हूं , उस से बाते करना , उसे परेशान करना , उसे हँसाना बहुत अच्छा लगता है l जब उसकी आंखो में अपने लिए परवाह देखता हु तो दिल खुश हो जाता है कभी कभी लगता है वो कुछ भी नही ओर कभी कभी लगता है उसके बिना जिंदगी कुछ भी नही l ये क्या है संमझ नही आ रहा ?
मौली – ये प्यार हैं
कार्तिक – प्यार
मौली – हा प्यार क्योकि जो खुबसुरत सा अहसास तुम्हे हो रहा है वो प्यार में ही होता है
कार्तिक – फिर सोफिया से ………
कार्तिक कहते कहते रुक गया l मौली कार्तिक के मन की बात जान गई इसलिए उसका हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा,”सोफिया से प्यार तुम्हे कभी हुआ ही नही , उसकी तरफ बस एक अट्रेकशन था बाकी तुम्हारा दिल तो पहले ही नंदिनी से जुड़ चुका था l नन्दिनी तुम्हारे लिए परफेक्ट है कार्तिक l
कार्तिक – प्यार मे क्या होता है ? आपको तो पता होगा बताओ न
मौली – प्यार में सब खूबसूरत लगने लगता है l बारिश अच्छी लगने लगती है l गाने अच्छे लगने लगते है हर वक्त बस दिमाग मे उसी का ख्याल रहता है l जिंदगी की हर खुशी उसी के साथ महसूस होने लगती है l जिंदगी से खुद से प्यार हो जाता है
कार्तिक – थेँकयू दी !
मौली – तो अब कब कह रहै हो नन्दिनी से अपने दिल की बात
कार्तिक – उसके आते ही बोल दूंगा तब इस अहसास को जी लू
कहकर कार्तिक उठा और जाने लगा तो मौली ने कहा,”अब कहा चले
“मोहब्बत को महसूस करने”,कार्तिक ने कहा और वहां से चला गया l बारिश की बूंदे जब मौली को अपने हाथ पर महसूस हुई तो वह भी नीचे चली आई l बारिश तेज हो गयी कार्तिक घर के सामने बने गार्डन में अकेले ही बारिश में उछल कूद कर रहा था किचन की खिड़की से रंजना की नजर जब उस पर पड़ी तो उसने कहा,”कार्तिक बारिश में क्यों भीग रहा है बेटा बीमार हो जाएगा”
“i am in love mom”,कहकर कार्तिक फैली हुई उस घास पर गिर पड़ा l
दो दिन बाद नन्दिनी लौट आई उसी शाम वंदना मेडम ने सभी को अपने घर पार्टी में बुलाया था l कार्तिक ओर नन्दिनी ने भी वही मिलना तय किया शाम को कार्तिक पार्टी में जाने के लिए तैयार होने लगा अब तक वह 10 शर्ट बदल कर देख चुका था लेकिन कुछ समझ ही नही आ रहा था l मौली ने देखा तो आकर कबर्ड से काले रंग की शर्ट निकालकर कार्तिक को थमा दी l कार्तिक ने शर्ट पहनी ये उस पर जच रही थी l कार्तिक जाने लगा तो मौली ने कहा,”कार्तिक भुलना मत आज अपनी नंदिनी से अपने दिल की बात कह देना l
कार्तिक मुस्कुराया ओर जेब से रिंग निकालकर मौली की तरफ बढा ढ़ी l मौली ने देखा दो दिलो को जोड़कर बनाई गई वह डायमंड रिंग बहुत खूबसूरत थी l मौली ने रिंग कार्तिक को वापस लौटा दि ओर बेस्ट ऑफ लक कहकर वहा से चली गयी l
कार्तिक घर से निकल गया l
दूसरी तरफ नंदिनी का भी यही हाल था उसने भी आज ब्लेक रंग का ड्रेस पहना था वह बहुत प्यारी लग रही थी l स्वाति के साथ वह भी वंदना मेम की पार्टी के लिए निकल गयी l
पार्टी में पहुंचकर नन्दिनी अपने सभी दोस्तो से मिली l लेकिन नजरे कार्तिक को ढूंढ रही थी l कार्तिक भी आ चुका था और चंदन ओर त्यागी से बातें कर रहा था तभी नजर सामने खड़ी नन्दिनी पर गयी कार्तिक की तो नजर बस उस पर ठहर सी गयी l उसे नन्दिनी के अलावा और कोई नजर नही आ रहा था तभी चंदन ने कहा,”कार्तिक या तो तू आज नन्दिनी को i love you बोल दे या फिर मैं अपनी जान दे दूंगा”
“तुझे जान देने की जरूरत नही है आज मैं नन्दिनी को परपोज़ करने वाला हु”,कार्तिक ने मुस्कुराकर चंदन की ओर देखते हुए कहा
“तो जा ना वो रही नन्दिनी”,कहते हुए चंदन ने कार्तिक को धकिया दिया
उधर नन्दिनी भी कार्तिक को देखे जा रही थी तो स्वाति ने पास आकर कहा,”यार इतने क्यूट बन्दे को तू बोल नही पा रही l मैं होती न तो अब तक 100 200 बार बोल चुकी होती l
“ऐ bunny सिर्फ मेरा है”,नन्दिनी ने उसे घुरते हुए कहा
“तो जाकर बोल न उसे कब तक यहां खड़ी खड़ी उसे देखती रहेगी “,कहकर स्वाति ने उसे आगे धक्का दे दिया l
कार्तिक ओर नन्दिनी कुछ दूर एक दूसरे के सामने खड़े थे फिर मुस्कुराते हुए दोनो एक दूसरे की ओर बढ़ने लगें l दोनो के दिल मे पहली बार एक जैसा अहसास था l
दोनो में बस कुछ ही कदमो का फासला था कि तभी कही से सोफिया आई और आकार कार्तिक के गले आ लगी l नन्दिनी ने देखा तो उसके कदम वही रुक गए l उसने कुछ सोचकर अपने कदम वापस पीछे ले लिए ओर वहां से चली गयी l
कार्तिक चाहते हुए भी उसे रोक नही पाया l
जुनूनीयत इश्क़ दोस्ती पर भारी जो पड़ चुका था l l

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