Sanjana Kirodiwal

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और प्यार हो गया – भाग 1

Aur Pyar Ho Gaya – 1

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

“एंड द ‘स्टूडेंट ऑफ़ दि ईयर’ अवार्ड गॉज टू द हैंडसम , चार्मिंग , कॉलेज की लड़कियों के दिलो पर राज करने वाले मिस्टर कार्तिक सक्सेना !”, स्टेज पर आवाज गुंजी सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा l

स्टेज सामने पड़ी सोफेनुमा कुर्सी पर बैठा कार्तिक ख़ुशी से अंदर ही अंदर उछल रहा था l हॉल में मौजूद सभी लोगो की नजरे कार्तिक पर ही थी , कार्तिक का सीना गर्व से फूलकर और चौड़ा हो गया l तभी स्टेज पर खड़े एंकर ने एक बार फिर कार्तिक को स्टेज पर आने का आग्रह किया l कार्तिक मुस्कुराते हुए उठा और स्टेज की और बढ़ गया l कार्तिक को स्टेज पर देखते ही लड़किया जोर जोर से हूटिंग करने लगी l ब्लैक जींस और ब्लेक टीशर्ट , उस पर व्हाइट ब्लेजर में वह गजब ढा रहा था l स्टेज पर आकर उसने सबका अभिवादन किया l प्रिंसिपल सर ने उसे “स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर” की ट्रॉफी दी और सामने बैठे स्टूडेंट्स से कामयाबी और एक अच्छा स्टूडेंट कैसे बने ? के बारे में स्पीच देंने को कहा l कार्तिक ट्रॉफी सम्हाले माइक के सामने आया और कहने लगा
“डियर टीचर्स एंड स्टूडेंट्स थैंक्यू ! आज मैं जहा हु मुझे वहा पहुंचाने में आप सबका बहुत साथ रहा है l मैं सभी फ्रेशर स्टूडेंट्स से कहना चाहूंगा की किसी चीज को इतने दिल से चाहो की वो खुद तुम्हारी बनने पर मजबूर हो जाये l विश यू आल द बेस्ट !! इस साल तो ये ट्रॉफी मैं अपने नाम कर चुका हु और आने वाले दो सालो में भी इस पर सिर्फ मेरा हक़ होगा l”
कहकर कार्तिक माइक के सामने से हटकर स्टेज से निचे आने लगा l सामने खड़ी कॉलेज की लड़किया जो की इसी पल का इंतजार कर रही थी कार्तिक को देखते ही उस पर टूट पड़ी l कोई उस से ऑटोग्राफ मांग रहा है , कोई साथ में सेल्फी ले रहा है l एक लड़की ने तो सबके सामने उसके गाल पर ही किस कर दिया , बेचारा कार्तिक शरमा गया l कार्तिक को लड़कियों से घिरे देखकर बाकि लड़को के कलेजे पर सांप लौट गए l सब उसकी अच्छी किस्मत को कोस रहे थे l कार्तिक लड़कियों से पीछा छुड़ाकर हॉल से बाहर निकल गया l ग्राउंड में आकर वह ट्रॉफी लेकर जोर से हवा में उछला
“आह्ह्ह !! “,एक जोरदार चीख उसके मुंह से निकली l उसने देखा वह कॉलेज में नहीं है l
“अरे ! मैं यहाँ कैसे आया ? , ये तो मेरे कमरे जैसा लग रहा है , कमरे जैसा क्या ये तो मेरा ही कमरा है l पर मैं यहाँ क्या कर रहा हु ? मैं तो कॉलेज में था ना , और मेरी ट्रॉफी मेरी ट्रॉफी कहा है ?”,कार्तिक फर्श पे पड़े पड़े सोचने लगा

ऊपर शुरुआत में जो कुछ भी आपने पढ़ा वो सिर्फ एक सपना है जो कार्तिक पिछले कई दिनों से देख रहा है l हर रोज की तरह आज भी वह सपना देखते देखते निचे गिर पड़ा l “कार्तिक सक्सेना” अपने मम्मी पापा का लाडला बेटा l पापा (अखिलेश) एक सरकारी दफ्तर में बाबू है और मम्मी (रंजना) एक हॉउस वाइफ है l कार्तिक से 4 साल बड़ी एक बहन भी है जिसे घर में सब मौली बुलाते है l मौली और कार्तिक की एक दूसरे से कभी नहीं बनती है जब देखो तब दोनों में झगड़ा , बहस और मारपीट होती रहती थी l रंजना दोनों को बहुत समझाती लेकिन उनके कान पर जू तक नहीं रेंगती थी l मौली शांत और गंभीर रहने वाली लड़की है जो की अपना अधिकांश समय अपनी किताबो और कमरे में बिताती है l वही कार्तिक को पढाई से कोई मतलब नहीं है बस पुरा दिन मस्ती करनी है , खाना है , टीवी देखना , दोस्तों के साथ घूमना पसंद है l
“कार्तिक बेटा निचे फर्श पर क्या कर रहे हो तुम ?”,रंजना ने कमरे में आते हुए कहा
मम्मी की आवाज सुनकर कार्तिक ख्वाबो की दुनिया से बाहर आया और अंगड़ाई लेते हुए कहा,”गुड मॉर्निंग मम्मा !!”
“गुड़ मॉर्निंग नहीं बेटा गुड़ नून”,रंजना ने उस पर ताना कसते हुए कहा
“गुड़ नून ? “,कहते हुए कार्तिक ने सामने दिवार की तरफ देखा घडी में दोपहर के 12:30 बज रहे थे l कार्तिक अपनी बेवकूफी पर मुस्कुरा उठा और रंजना की तरफ देखते हुए कहा,”देट मिन्स मैंने आज फिर आपका सुबह का नाश्ता बचा लिया”
“ये अच्छी आदत नहीं है बेटा , पापा भी तुम्हारी इन आदतों से बहुत नाराज है ,, अब उठो और फ्रेश होकर बाहर आ जाओ मैं सबके लिए खाना लगाती हु”,रंजना ने बिस्तर पर पड़ी चददर समेट कर उसे कबर्ड में रखते हुए कहा l
“सॉरी कल से नहीं होगा ऐसा , कल रात दोस्तों के साथ था तो………………..!!”,कार्तिक कहते कहते रुक गया l
“वैसे भी आज संडे है , ज्यादा डांट नही पड़ेगी “,रंजना मुस्कुराई ओर कमरे से बाहर चली गयी l

कार्तिक जल्दी से बाथरूम की ओर बढ़ा l कुछ देर बाद लोअर ओर टीशर्ट पहने वह बाहर आया और आकर सीधा खाने की टेबल पर बैठ गया l अखिलेश जी और मौली पहले से वहां मौजूद थे l
कार्तिक ने मौली की प्लेट में रखा पराठा उठाया और अपनी प्लेट में रख लिया l
मोली ने वापस छीनकर रखा l
बेचारा पराठा कभी इस प्लेट में तो कभी उस प्लेट में ओर आखिर खींचातानी में पराठे के 2 टुकड़े हो गए l अखिलेश जी चुपचाप ये तमाशा देख रहे थे और मंद मंद मुस्कुरा रहे थे l
आखिर में मौली को गुस्सा आया और उसने अपनी प्लेट का सारा खाना कार्तिक की प्लेट में उड़ेल दिया और कहा,”ये लो ये भी खा लो”
मौली उठकर अपने कमरे में चली गयी और जाते जाते जोर से कहकर गयी,”माँ मेरा खाना कमरे में ही भिजवा देना”
कार्तिक खाने लगा l
“उसे इतना परेशान क्यो करता है बेटा ?”,अखिलेश जी ने कार्तिक से कहा
“मैं कहा परेशान करता हु दीदी ही बात बात पर झगड़ा करती है मुझसे”,कार्तिक ने बिना अखिलेश जी की तरफ देखे कहा l
“उसे ये सब पसन्द नही है”,अखिलेश जी ने बहुत ही प्यार से कहा
“उन्हें तो कोई भी पसन्द नही है , तभी तो राज……………”,कार्तिक कहते कहते रुक गया l
“कार्तिक मौली तुम्हारी बहन है और तुमसे 4 साल बड़ी है ! उस के लिए इस तरह की बाते करना सही नही है बेटा”,अखिलेश जी ने एक बार फिर कार्तिक को समझाया
“सॉरी पापा”,कार्तिक ने महसूस किया की शायद उसके मुंह से कुछ ऐसी बात निकल गयी जो पापा एक्सेप्ट नही कर पाए l
“अच्छा ये बताओ तुम्हारे फस्ट ईयर के रिजल्ट का क्या हुआ ? “,अखिलेश जी ने खाना खाते हुए कहा
रिजल्ट का नाम सुनते ही कार्तिक खाँसने लगा उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी वो जानता था पापा जितने नरम है कैरियर के मामले में उतने ही सख्त है l कार्तिक ने उनके सवाल को नजरअंदाज करना ही ठीक समझा !
“कार्तिक मैंने कुछ पूछा है ?”,इस बार अखिलेश जी ने थोड़ा सख्त होकर कहा
“वो पापा वो रिजल्ट , मैं बताने ही वाला था आपको लेकिन भूल गया रिजल्ट अच्छा है पापा , अच्छा है”,कार्तिक ने हकलाते हुए कहा
“पास हुए या नही ?”,अखिलेश जी ने घुरते हुए पूछा l
कार्तिक कुछ कहता इस से पहले ही चंदन आया और अखिलेश जी की पास वाली कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”अरे अंकल जी इसने बताया नही आपको ? दो पेपर में इसको बैक लगी है और तीसरा पेपर तो बैक लगते लगते बचा है , सही मौके पर टीचर के पैर पकड़ लिए तो एक नम्बर बढाकर बचा लिया उन्होंने नही तो ये साल भी इसका ऎसे ही जाता”
कार्तिक ने अपना सर पिट लिया l कार्तिक ये बात भली भांति जानता था कि ऐसी सिचुएशन मे चंदन हमेशा गलत वक्त पर आता है l
चंदन कार्तिक का पक्का वाला दोस्त ! बचपन से लेकर अब तक दोनो साथ साथ है l स्कूल से लेकर कॉलेज तक , क्रिकेट खेलने से लेकर लडकिया ताड़ने तक हर काम दोनो ने साथ साथ किया l यू मान लो कार्तिक रांझणा मूवी का कुंदन था और चंदन मुरारी l
दोनो दोस्त कम और भाई ज्यादा लेकिन अक्सर चंदन कार्तिक को ऐसी ही प्रॉब्लम में फंसा दिया कर दिया था l
“अच्छा तो इसलिए ये जनाब अपना रिजल्ट बताने में इतना हिचकिचा रहे है , ओर तुम्हारा क्या रहा ?”,अखिलेश जी ने चंदन से पूछा
“मैं , मैं फैल “,चंदन ने इतने इत्मीनान से कहा कि अखिलेश जी मुस्कुरा उठे
कार्तिक ने टेबल के नीचे से चंदन के पांव पर मारी ओर उसे घूरने लगा l
“कार्तिक , इस साल तुम फिर से फस्ट ईयर से ही पढोगे !”,अखिलेश जी ने कहा
“पर पापा सिर्फ दो बैक ही तो है , मैं इस साल क्लियर कर लूंगा”,कार्तिक ने मायूस होकर कहा
“देखो बेटा मैं उन बापो में से नही हु जो तुम्हारा खराब रिजल्ट जानकर चिल्लाऊं , तुम्हे दूसरे बच्चों के उदाहरण दु या फिर तुम्हे पढ़ने से रोक दु !! बल्कि मैं चाहता हु जो चीज तुम्हे संमझ नही आई वो एक बार तुम फिर समझो l अब तुम इसे मेरा हुकुम समझो या अपने लिए सजा , मर्जी तुम्हारी है l पर ये साल तो तुम्हे फिर से पढ़ना पड़ेगा”,अखिलेश जी ने कहा
कार्तिक बेचारा जिसका पढ़ाई से दूर दूर तक कोई लेना देना नही था l चंदन की बेवकूफी की वजह से अब उसे फिर से एक साल वही पढ़ाई करनी पड़ेगी l इस वक्त चंदन उसे अपना सबसे बड़ा दुश्मन नजर आ रहा था और चंदन इस से बेखबर पराठे खाने मे बिजी था l
अखिलेश जी ने खाना खाया और चंदन से कहा,”ओर बेटा तुम क्यों खामखा शर्मा जी के पैसे बर्बाद कर रहे हो “
“अरे अंकल जी आप चिंता मत कीजिये देखना एक दिन हम दोनों भाई मिलकर कॉलेज का नाम रोशन करेंगे”,चंदन ने कहा
“ध्यान रहे रोशन के बजाय डूबा मत देना”,कहकर अखिलेश जी हँसने लगे
खाना खाकर कार्तिक वहां से सीधा अपने कमरे में चला गया l चंदन भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा l अखिलेश जी अभी भी वही बैठे थे रंजना भी आकर उनके पास बैठ गयी ओर कहा,”पता नही कार्तिक ओर मौली का झगड़ा कब खत्म होगा ?
अखिलेश – मैं चाहता हु ये झगड़ा हमेशा यू ही बना रहे
रंजना – ये आप क्या कह रहे है ?
अखिलेश – सही कह रहा हु रंजू , कम से कम झगड़े की वजह से ही सही इन दोनो में बात तो होती है
रंजना – न जाने वो कोनसी मनहूस घड़ी थी जब वो हादसा हुआ और ये दोनों एक दूसरे से दूर होने लगें
अखिलेश जी ने रंजना के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”वक्त सब जख्म भर देता है धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा “
“हम्म्म्म ! काश सब ठीक हो जाये “,रंजना ने मौली के कमरे की तरफ देखते हुए कहा जिसका दरवाजा बंद था l
कमरे में आते ही कार्तिक ने चंदन पर लातो ओर घुसो की बारिश कर दी और कहा,”कमीने ! पापा के सामने बैक वाली बात क्यों कि ?
चंदन – मुझे लगा तूने अपने रिजल्ट के बारे मे बता दिया होगा l
कार्तिक – नही ना बताया ! हिम्मत ही नही हो रही थी बताने की यार पापा जितने शांत दिखते है उतने है नही देखा ना तूने पूरे एक साल की सजा सुना दी उन्होंने ओर वो भी तेरी वजह से
कहकर कार्तिक फिर टूट पड़ा उस पर
“अरे भाई तो अच्छा है ना दोनो साथ साथ फस्ट ईयर फिर से पढ़ेंगे , ओर वो श्रुति है ना वो भी हमारे ही कॉलेज में एडमिशन ले रही हैं”,चंदन ने कहा
“कौन श्रुति ?”,लड़की का नाम सुनते ही कार्तिक ने उसे छोड़ दिया और आंखो मे चमक भरते हुए कहा l
“अरे वही स्कूल वाली जिसने भाईदूज पर तुझे राखी बांधी थी”,कहकर चंदन जोर जोर से हँसने लगा l
“हा हा छिड़क लो जले पे नमक , उसे मैं परपोज़ करने वाला था पर ऐन मौके पर आकर तूने बेड़ा गर्ग कर दिया और उसने तेरी जगह मुझे राखी बांध दी “,कार्तिक ने बीती बातों को याद करते हुए कहा
“मैने क्या किया मैं तो हमेशा तेरे साथ रहता हूं”,चंदन ने कहा
“हा कभी कभी तो लगता है तू ही पनोती है”,कार्तिक ने खीजकर कहा
“अच्छा ये सब छोड़ मैं ये बताने आया था अगले हफ्ते कॉलेज शुरू हो रहा है , उम्मीद है अंकल जी की पनिशमेंट के बाद तो तू वक़्त पर आना शुरू कर देगा “,चंदन ने सामने पड़ी कुर्सी पर पसरते हुए कहा
“हेहेही हीही हुंह वक्त पे नही वक्त से पहले , इस बार दिखा दूंगा सबको की मैं कौन हूं ? just wait & watch”,कार्तिक ने ओवर कॉन्फिडेंस से कहा
“तुझे तो स्वयम बृह्मा भी आकर नही सुधार सकते”,चंदन ने हंसते हुए कहा
“लगी शर्त ?”,कार्तिक का कॉन्फिडेंस अब सर चढ़ने लगा था
“लगी , अगर इस साल तुमने टॉप करके दिखा दिया तो जो तू कहेगा वो मैं करूँगा”,चंदन भी जोश में आ गया
दोनो ने हाथ मिलाया ओर फिर बातों में लग गए l

कॉलेज का पहला दिन
सुबह 6 बजे उठकर ही कार्तिक तैयार होकर 8 बजे नाश्ते के लिए कुर्सी पर आ बैठा l अखिलेश जी ओर रंजना को तो अपनी आंखो पर यकीन ही नही हो रहा रहा था l कार्तिक ने नाश्ता किया माँ पापा के पैर छुए ओर बैग उठाये घर से निकल गया l गलियो को पार करके गुजरते हुए सड़क किनारे पहुंचा चंदन पहले से वहां खड़ा उसका इंतजार कर रहा था l
बस आने में अभी आधा घंटा बाकी था l कार्तिक ने ऑटो रुकवाया चंदन ओर वह दोनो अंदर आकर बैठ गए l ऑटो कॉलेज जाने वाले रास्ते की ओर बढ़ गया l
“भैया कॉलेज का पहला दिन है कोई मोटिवेशनल गाना लगाओ यार”,चंदन ने कहा
ऑटो वाले ने म्यूजिक ऑन किया गाना चलने लगा l
“जली जली जली तेरी लौ जली
जिओ रे बाहुबली !!
कार्तिक ने जैसे ही गाना सुना झुंझला उठा और ऑटो वाले से कहा,”अरे क्या भैया हमे कोनसा जाकर शिवलिंग उठाना है , इतना भी मोटीवेट मत कर भाई
ऑटोवाले ने गाना चेंज कर दिया l एक बार फिर गाना बजने लगा जो कि कार्तिक को अच्छा लगा
“अनदेखी अनजानी सी , पगली सी दीवानी सी
जाने वो कैसी होगी रे ?
कार्तिक को गाना इतना पसंद आया कि वह साथ साथ जोर जोर से गाने भी लगा l ऑटोवाले ने मुड़कर देखा तो चंदन ने इशारे इशारे में उसे समझाया कि भाई आगे देख इसका ये रोज का है l
दोनो कॉलेज पहुंचे l

महाराजा नेशनल कॉलेज , कानपुर , उत्तर-प्रदेश
कार्तिक नीचे उतरा और कॉलेज के सामने दंडवत प्रणाम करते हुए कहा ,”यही वो कॉलेज है जहां से बड़े बड़े आदमीयो ने डिग्री हासिल की है और कुछ साल बाद यहां से एक ओर बड़ा आदमी बाहर निकलेगा इर वो “मैं” हु
“तेरी नोटंकी खत्म हो गयी हो तो चले ?”,चंदन ने कहा l दोनो अंदर आ गए कॉलेज में अच्छी खासी भीड़ थी l चलते चलते कार्तिक की नजर पार्किंग में खड़े कुछ लड़को पर गई जिनके बीच एक लड़की भी थी l कोई लड़की मुसीबत ने हो और वहां कार्तिक ना पहुंचे ऐसा भला कैसे हो सकता है चंदन के साथ चलते चलते वह अचानक से पार्किग वाली साइड चला गया l
“कार्तिक मैं ये कह रहा था कि वो फॉर्म….
……!!’,कहते हुए चंदन ने जब अपनी साइड में देखा तो कार्तिक नरारद था
“अब ये कहा गया ?”,कहकर चंदन उसे ढूंढते हुए आगे बढ़ गया l
कार्तिक पार्किंग में आया तो देखा उसी के क्लास का लड़का विकी अपने लफ़ंडरो के साथ फ्रेशर्स की रैगिंग कर रहा है l कार्तिक की नजर जब लड़की पर पड़ी तो उसे वह बहुत ही मासूम ओर प्यारी लगी l
“भाईलोग रैगिंग करना बुरी बात है , वी ऑल आर स्टूडेंट्स एंड हम सब यहां पढ़ने आये है l”,कार्तिक ने उन सबको साइड करते हुए कहा l
“देख कार्तिक ये हमारा मेटर है इसके बीच में तू न ही पड़ l लड़की को आगे कर ओर निकल यहां से”,विकी ने अपने गुर्गों के सामने धौंस जमाते हुए कहा
कार्तिक विकी के पास आया और उसकी आंखो में देखते हुए कहा ,”लगता है तू उस रात वाली मार भूल गया l लड़की है उसकी रेस्पेक्ट करना सीख समझा ,, इसे यहां से लेकर जा रहा हु अगर हड्डिया तुड़वाने का शौक है ना तो रोक के दिखा “
कार्तिक लड़की को वहां से अपने साथ लेकर वहां से आगे बढ़ गया l विकी के गुर्गों में से एक जैसे ही आगे बढ़ा विकी ने उसे रोक लिया और कहा,”लड़की के सामने ज्यादा फुदक रहा है , इसे तो हम बाद में देख लेंगे “
“wow कैसे तुमने आकर मुझे उन लोगो से बचाया ? you are such a real hero “,लड़की ने अपनी प्यारी सी आवाज में कहा
अपनी तरफ सुनकर कार्तिक पिघल गया और फिर शुरू हुए उसके बोल बच्चन “अरे ! ये सब तो बस यू ही लड़कियो के साथ कोई बदतमीजी करे बर्दाश्त नही होता मुझसे l कॉलेज की सारी लडकिया इसीलिए तो पसंद करती है मुझे”
“हम्म काफी अच्छी फैन फॉलोइंग है आपकी “,लड़की ने फिर कहा l
“हे फैन नही जबरा फेन कहो कॉलेज की हर लड़की मरती है मुझपर , लडकिया मेरे साथ डेट पर जाना चाहती है , हर दिन ऑटोग्राफ , फोटोग्राफ , कॉफी , लंच , उफ्फ्फ क्या बताऊँ l कुछ मेरा नाम अपने हाथों पर लिखकर घूमती है तो कुछ ने तो मेरे नाम का टैटू भी करवा लिया l फोन के वॉलपेपर से लेकर दिल की गैलरी तक मैं ही हु l”,कार्तिक ने बढचढ कर कहा
लड़की मुस्कुराती हुई चुपचाप सुनती रही ओर उसके साथ साथ चलती रही l अचानक से कार्तिक उसके सामने आ गया और कहने लगा,”एक लड़की ने तो मेरे लिए अपने हाथ की नस तक काट ली थी l उफ्फ्फ सो टेरीबल लडकिया क्रेजी है यार मेरे लिये” कहकर वह फिर लड़की के साथ साथ चलने लगा l

अभी कुछ कदम ही चले थे कि दोनों रुक गए सामने श्रुति , चंदन ओर एक लड़की सुमन खड़ी थी
“ये क्या है ?”,श्रुति ने एक लिफाफा कार्तिक को देकर कहा
“मुझे क्या पता ?”, कहकर कार्तिक अनजान बनने की कोशिश करते हुए इधर उधर देखने लगा जैसे वह जानता हो कि उस लिफाफे में क्या है
“ओह्ह तो तुम्हे नही पता इसमे क्या है ? मैं बताती हु इसमे क्या है ? इसमें वो लेटर है जो कल रात तुमने इसे दिया था l ऊपर से धमकी की मेरा लव कबूल करो वरना तुम्हारे पति को बता दूंगा l कार्तिक हेव यू लोस्टेड वो शादी शुदा है”,श्रुति ने कहा
“मैं तो बस यूं ही”,कार्तिक ने धीरे से कहा
“दोबारा ऐसा किया ना तो पुलिस में कम्प्लेंट कर दूंगी तुम्हारी”,कहकर सुमन वहां से चली गयी l
“लेकिन इसने तो कहा कि लड़कियां इसके पीछे पागल है और कॉलेज की सारी लडकिया इसकी फेन है”,लड़की ने श्रुति की तरफ देखकर कहा
लड़की के मुंह से ये बात सुनकर कार्तिक ने मन ही मन कहा ,”क्यों मेरी पोल खुलवाना चाहती है , तुझे बचाकर ही गलती कर दी मैंने”
श्रुति मुस्कुराई ओर कहा ,”फेन वो भी इसकी हा हा हा joke of the day ! तुम शायद नई हो कॉलेज में वरना ऐसा नही कहती मैं बताती हु इसके बारे में !! ये हमारे कॉलेज का सबसे होनहार स्टूडेंट है पढ़ाई में नही बल्कि लड़कियों से गालियाँ खाने में ,, हर रोज इसे किसी ना किसी से प्यार हो ही जाता है l लडकिया इस से दूर ही रहती है बदकिस्मती से मैं इसकी मुंहबोली बहन हु ! “
लड़की घूरकर कार्तिक को देखती है तो वह दूसरी तरफ देखने लगता है ओर फिर श्रुति से कहा ,” पर भाग्यश्री तो मेरी गर्लफ्रैंड थी ना
“गर्लफ्रेंड ! पार्ट टाइम गर्लफ्रेंड के लिए तुमने क्या क्या नही किया उसे शॉपिंग कराई , उसका असाइनमेंट किया , उसके आगे पीछे घूमे तब जाकर उसने तुम्हे 2 4 बार बाबू बाबू कहा”,श्रुति कार्तिक की पोल खोलती जा रही थी
लड़की मुस्कुराते हुए सब सुन रही थी l
“बस बहुत हो गया , इस कॉलेज की लड़कियों में मुझे अब कोई इंटरेस्ट भी नही है”,कार्तिक ने अपनी इज्ज़त बचाने के लिए कहा
“इंटरेस्ट ! वैट अभी बताती हु सोनिया , रिंकी , मिताली यहा आना”,श्रुति जोर से चिल्लाई
अगले ही पल तीनो लडकिया कार्तिक के सामने थी और कार्तिक की हालत उन्हे देखते ही खराब l
“सुनो तुम में से कोई कार्तिक की दोस्त बनना चाहेगी ?”,श्रुति ने सीधा कार्तिक पर बम फोड़ा
“दोस्ती अरे ये तो दुश्मनी के लायक भी नही है”,सोनिया ने कहा
“दुनिया का आखरी लड़का हो ना तब भी मेरा जवाब ना ही होगा”,मिताली ने घूरकर कहा
“जितनी मासूम शक्ल उतना हरामी दिमाग”,रिंकी ने कहा l
बेचारा कार्तिक इतनी वाट तो उसकी आजतक किसी ने नही लगाई थी l लड़की चुपचाप सबकी बाते सुन रही थी और फिर कहा,”तुम सब इसे सुनाए जा रही हो आखिर इसने ऐसा किया है ?
“किया क्या है मैं बताती हु मुझे परपोज़ करके अपना असाइनमेंट करवाया , अपने नोट्स बनवाये , मुझसे केंटीन का बिल तक भरवाया ओर आखिर में कहता है आप मुझसे बड़ी हो मैं आपको दीदी कहूंगा”,सोनिया ने कहा
“ये तो कुछ भी नही , दो दिन के लिए मुझसे मेरी स्कूटी उधार ली थी और जब लौटाई तो वो किसी भंगार में बेचने की हालत में भी ना थी ऊपर से उसकी डिग्गी में बीयर की बोतल रख दी और मेरे घरवालों से कहा मैं पीती हु”,मिताली ने कहा
“मेरे साथ तो जो किया वो किसी को बताओ तो भी शर्म आती है l कॉलेज के बाहर रेस्टोरेंट में अकेले में जब मैं अपने बॉयफ्रेंड को किस कर रही थी तो इसने देख लिया मैंने किसी से ना बताने को कहा तो कहता है अपनी दोस्त से बात करवाओ”,रिंकी ने कहा
श्रुति ने उन तीनों को जाने को कहा ओर फिर लड़की से कहा,”लेटेस्ट इंसिडेंट दिखाती हु , हे पूजा कम
पूजा उनके पास आती हैं तो श्रुति कहती है,”कार्तिक तुमसे दोस्ती करना चाहता है ?
पूजा ने कार्तिक को घूरकर देखा और कहा ,”जिंदगीभर कुंवारी रह लुंगी पर इसको झेलना खुद को टॉर्चर करने जैसा है”
पूजा इतना कहकर वहा से निकल गयी l
“अच्छे लड़कों की कोई कद्र ही नही है”,कार्तिक ने मासूमियत से कहा
अब तक वह लड़की जो चुपचाप सुन रही थी कार्तिक की बात सुनकर खिल खिलाकर हँसने लगी l उसे हंसता देखकर कार्तिक को अच्छा लग रहा था लेकिन चंदन ओर श्रुति हैरान थे l
“हाय आई एम नंदिनी कश्यप !!”,लड़की ने अपना दाहिना हाथ कार्तिक की तरफ बढ़ाकर कहा
कार्तिक ने अपना हाथ बढ़ाकर उस से शेक हैंड किया
इसके बाद नंदिनी ने चंदन ओर श्रुति से भी हाथ मिलाया l
कार्तिक हैरान था कि कॉलेज की लड़कियों से कार्तिक की इतनी तारीफ सुनने के बाद भी नंदिनी इतना पॉजिटिव कैसे है l
खैर वो ये सोचकर खुश था कि नंदिनी पहली लड़की थी जिसने उसे पहली मुलाकात में गलत नही समझा
नंदिनी तीनो को बाय बोलकर क्लास की तरफ चली गयी l कार्तिक से नजर बचाकर श्रुति ओर चंदन भी भाग गए l बस कार्तिक वही खड़ा जाती हुई नंदिनी को देखता रहा l
उसकी जिंदगी में एक सही इंसान की एंट्री हो चुकी थी !!!

Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1 Aur Pyar Ho Gaya – 1

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संजना किरोड़ीवाल

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