हाँ ये मोहब्बत है – 44
Haan Ye Mohabbat Hai – 44
व्यास हॉउस में सब कुशल मंगल चल रहा था। अमायरा के घर में आने से घरवाले बहुत खुश थे , अक्षत तो उसे एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ता था और शायद यही वजह थी की मीरा के पास रो रही अमायरा अक्षत की गोद में आते ही चुप हो जाती थी। वैसे भी पिता अपनी बेटियों से बहुत प्यार करते है। निधि की शादी फिक्स हो चुकी थी जिसमे अभी 6 महीने बाकी थे लेकिन उस से पहले दिवाली आने वाली थी और घरवाले उन्ही तैयारियों में लगे हुए थे। एक हफ्ता गुजर गया अब मीरा और अमायरा पूरी तरह ठीक थी अक्षत उन दोनों के साथ अपने कमरे में शिफ्ट हो गया। एक रात मीरा अमायरा को सुला रही थी , अक्षत कमरे में आया आज उसका मूड अच्छा था जैसे ही वह मीरा की तरफ आया मीरा ने धीरे से कहा,”शशशशश ये जाग जाएगी”
अक्षत ने हाथ पर बंधी घडी की इशारा करके पूछा तो मीरा ने 5 मिनिट का इशारा किया अक्षत कमरे की खिड़की के पास आकर आकर खड़ा हो गया और आसमान में चमकते चाँद को देखने लगा। अमायरा को सुलाकर मीरा अक्षत के पास आयी। कितने दिनों बाद दोनों साथ थे अक्षत ने मीरा को अपनी बांहो में भरा और कहने लगा,”सब सही हो रहा है ना मीरा , अमायरा के आने से हमारी जिंदगी में खुशिया दुगुनी हो गयी अब बस तुम्हे और अमायरा को हमेशा खुश रखना है”
“हम दोनों की ख़ुशी आप की ख़ुशी में है अक्षत जी। आपने हमे जितना प्यार दिया है उसके सामने दुनिया की हर ख़ुशी फीकी है”,मीरा ने कहा तो अक्षत उसकी आँखों में देखने लगा। खिड़की से आती हवा से मीरा के बालों की लटे उसके गाल पर झूलने लगी। अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए बड़े ही प्यार से उन बालों को कान के पीछे कर दिया। अक्षत की छुअन से मीरा ने आँखे मूँद ली अक्षत थोड़ा सा मीरा के क़रीब आया जैसे ही उसने अपने होंठो को मीरा के होंठो की तरफ बढ़ाया। अमायरा के रोने की आवाज आयी। मीरा ने अपनी आंखे खोली देखा अक्षत उसके बहुत क़रीब खड़ा है। मीरा अक्षत की भावनाये समझ गयी लेकिन इस वक्त अमायरा का रोना उन भावनाओ पर भारी पड़ गया।
“वो जाग गयी,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने मासूमियत से कहा
अक्षत समझ गया इसलिए मुस्कुराते हुए अपना सर मीरा के सर से लगा दिया और फिर दूर होकर कहा,”जाओ”
मीरा आकर अमायरा को सम्हाला और उसके बगल में लेटकर उसे थपथपाने लगी। अक्षत ने अपनी भावनाओ को अपने मन में ही दबा लिया और आकर अमायरा के दूसरी तरफ लेट गया। अक्षत और मीरा दोनों एक दूसरे को देखने लगे। कुछ देर बाद बच्ची के साथ साथ मीरा भी सो गयी। अक्षत ने देखा तो पहले अमायरा के सर पर किस किया और फिर थोड़ा सा झुककर मीरा के सर पर किस किया। उसने पास पड़ी ब्लेंकेट उठायी और दोनों को अच्छे से ओढ़ाकर खुद भी ओढ़ ली।
सुबह मीरा उठी और बाथरूम चली गयी जब वापस आयी तो अक्षत और अमायरा को देखकर मुस्कुराने लगी। जैसे अक्षत अपना एक हाथ अपनी गर्दन से लगाए सो रहा था , बिल्कुल उसी की तरह अमायरा लेटी हुई थी उन्हें देखकर मीरा को यकीन हो चुका था की अमायरा पूरी की पूरी अक्षत पर गयी है। वह उन दोनों के पास आयी साइड में पड़ी कंबल उठायी और दोनों को ओढ़ा दी। मीरा ने अमायरा और अक्षत के सर को चूमा और कमरे से बाहर चली गयी।
वक्त तेजी से गुजरने लगा। दिवाली की शाम सभी माँ लक्ष्मी की पूजा के बाद सभी पटाखे , फुलझड़िया छुड़ाने बाहर लॉन में चले आये। अक्षत अमायरा को गोद में लिए खड़ा था। रघु चीकू , काव्या को फुलझड़िया जलाकर दे रहा था साथ ही उनका ख्याल भी रख रहा था। अर्जुन और सोमित जीजू रॉकेट और दूसरे पटाखे जलाने में लगे हुए थे। निधि की इस घर में आखरी दिवाली थी वह बहुत खुश थी और सबके साथ सेल्फ़िया ले रही थी। सबने धूमधाम से दिवाली मनाई और अंदर चले आये। दिवाली की रात थी इसलिए रातभर सबके बीच बाते चली , खूब मस्ती मजाक हुआ , अमूमन घर में ऐसा होता नहीं था लेकिन आज विजय जी भी वहा सबके साथ बैठकर हंसी मजाक कर रहे थे। राधा ने सबको हँसते मुस्कुराते देखा तो मन ही मन कहने लगी,”बस इस घर की खुशियों को किसी की नजर ना लगे”
देर रात सब सोने चले गये। अमायरा के आने से मीरा की जिम्मेदारियां पहले से ज्यादा बढ़ चुकी थी। दिनभर वह उसकी देखभाल में ही लगी रहती थी। अक्षत उठते ही सबसे पहले अमायरा का ही चेहरा देखा करता था वह अपनी प्रिंसेज को अपना लक मानता था और अमायरा उसके लिए लकी भी थी। पांच महीने गुजर गए अब तक अक्षत को अमायरा की ऐसी आदत हो चुकी थी की वह एक पल भी उसके बिना नहीं रहता था। शाम में जब भी घर आता सबसे पहले उस से मिलता , अमायरा भी अक्षत को देखते ही खिलखिलाने लगती। एक सुबह अक्षत को किसी मीटिंग में जाना था उसने अपने हाथ में चार पांच शर्ट पकडे हुए थे
और वह एक एक करके खुद से लगाकर अमायरा को दिखाते हुए पूछता,”ये ठीक है,,,,,,,,,,,,,,नहीं,,,,,,,,,,ओके वेट,,,,,,,,,,,,,,ये कैसा है ?”
दरवाजे पर खड़ी मीरा ने देखा तो अंदर आते हुए हैरानी से कहा,”ये क्या कर रहे है आप ?”
” अमायरा से पूछ रहा हूँ की आज मैं मीटिंग में कौनसा शर्ट पहनकर जाउ ?”,अक्षत ने कहा
“अक्षत जी वो बच्ची है उसे थोड़े ना पता होगा”,मीरा ने कहा
“तुम्हे यकीन नहीं हो रहा रुको अभी दिखाता हूँ”,कहते हुए अक्षत ने फिर से एक सी ग्रीन शर्ट उठाया और कहा,”प्रिंसेज ये ठीक है ?’
मीरा ने देखा अक्षत के ऐसा कहने पर अमायरा ने अपने होंठो को बाहर निकाला जैसे कहना चाह रही हो की उसे ये शर्ट पसंद नहीं आया। मीरा हैरानी से कभी अक्षत को तो कभी अमायरा को देखती। अक्षत ने उस शर्ट को साइड में रखा और दुसरा शर्ट लगाकर कहा,”ये ठीक है ?”
इस बार अमायरा खिलखिलाने लगी तो अक्षत ने कहा,”गुड चॉइस मैं अभी पहनकर आता हूँ”
मीरा ने देखा बाप बेटी के बीच अच्छी बॉन्डिंग थी। वह अमायरा के पास आयी और उसे दूध पिलाने लगी।
अक्षत मीटिंग के लिए निकल गया। मीरा अमायरा को लेकर नीचे चली आयी। निधि की शादी में एक महीना ही बचा था और घर में बस इसी की तैयारियां चल रही थी। अमायरा को देखते ही काव्या ने कहा,”इसे मुझे दे दो ना मामी , मुझे इसके साथ खेलना है”
“अच्छा ठीक है पहले वहा चलकर बैठो हम इसे लेकर आते है”,मीरा ने कहा तो काव्या और चीकू हॉल में पड़े गद्दे पर आकर बैठ गए। अमायरा 5 महीने की हो चुकी थी और अब बैठने भी लगी थी। मीरा अमायरा को लेकर आयी और काव्या के पास बैठा दिया। चीकू अपने सारे खिलोने लाकर उसके सामने रखने लगा। काव्या और चीकू दोनों अमायरा के साथ खेलने लगे। मीरा बाकि लोगो के साथ आकर बैठ गयी। राधा ने मीरा को देखा तो कहा,”मीरा आज शाम सभी शॉपिंग करने बाहर जा रही है इनके साथ तूम भी चली जाओ”
“लेकिन माँ अमायरा,,,,,,,,,,,,?”,मीरा ने कहा
“उसे मैं सम्हाल लुंगी , तुम सबके साथ जाओ बाद में शादी की और भी तो तैयारियां करनी है उनमे बिजी हो जाओगी”,राधा ने कहा
“चलो ना मीरा तुम नहीं चलोगी तो मैं नहीं जाउंगी”,निधि ने कहा तो मीरा ने हामी भर दी। दिनभर सभी अपने अपने कामो में बिजी रहे शाम को अर्जुन जल्दी घर आ गया क्योकि उसे ही सबको लेकर मार्किट जाना था। नीता , तनु , मीरा और निधि आकर गाड़ी में बैठ गयी अर्जुन उन्हें लेकर निकल गया। चीकू और काव्या बाहर गार्डन में खेल रहे थे और अमायरा को राधा ने सम्हाला हुआ था। दादी हॉल में चली आयी तो उन्होंने राधा से कहा,”राधा ला इसे मुझे दे दे और तू अपना कोई काम कर ले”
राधा अमायरा को लेकर दादी के पास आयी और उसे उनके पास छोड़कर चली गयी। मार्किट में खरीदारी करते हुए काफी टाइम लग गया। अक्षत कोर्ट से वापस आया तो देखा अमायरा हॉल में अकेले ही बैठी है वह उसकी तरफ आया और उसे गोद में उठाते हुए आवाज लगाईं,”मीरा , मीरा , मीरा कहा हो ?”
“मीरा सबके साथ मार्किट गयी है”,.राधा ने आकर कहा
“माँ अमायरा को इस तरह अकेले छोड़कर , अभी ये बच्ची है मीरा को इसका ख्याल रखना चाहिए”,अक्षत ने अमायरा के लिए थोड़ा पजेसिव होकर कहा
“बेटा मैंने ही उसे भेजा था अगले महीने निधि की शादी है उसी के लिए कुछ सामान और अपने कपडे”,राधा ने कहा
“वो सब ठीक है माँ लेकिन इस वक्त,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ”,कहते हुए अक्षत अमायरा को उठाकर सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। अपने कमरे में आकर अक्षत ने अमायरा को बिस्तर पर बैठाया और अपने जूते निकालने लगा। अक्षत का ध्यान भटका तो अमायरा साइड में जाने लगी , अक्षत ने देखा तो जूते छोड़ वह अमायरा की तरफ लपका और उसे गिरने से बचा लिया। जैसे तैसे अक्षत ने जूते निकाले , जुराबें निकाली कपड़े बदलना फ़िलहाल उसके बस में नहीं था क्योकि वह एक पल के लिए भी अमायरा को अकेला नहीं छोड़ सकता था। अक्षत ने शर्ट की बाजु ऊपर चढ़ा ली , ऊपर का एक बटन भी खोल लिया और अमायरा को अपने पास बैठाकर मीरा की उस से शिकायत करने लगा,”देखा प्रिंसेज आपकी मम्मा आपको अकेला छोड़कर मार्किट चली गयी , उन्होंने ये भी नहीं सोचा आप अकेले किसके साथ रहोगे ? आने दो आज उसे हम दोनों मिलकर डांट लगाएंगे”
अक्षत की बाते सुनकर अमायरा खिलखिलाने लगी। अक्षत ने पीठ दिवार से लगाई और अमायरा को अपनी गोद में बैठाकर अपने सीने से लगा लिया। अमायरा से बाते करते हुए अक्षत की आँखे झपकने लगी।
उसने दोनों हाथो को अमायरा की पीठ से लगाकर उसे अपने सीने से सटाया हुआ था। अक्षत के साथ साथ अमायरा भी सो गयी दोनों बाप बेटी सो रहे थे। राधा अक्षत के लिए चाय लेकर कमरे में आयी जब दोनों को ऐसे सोये हुए देखा तो मुस्कुराने लगी और धीरे से कहा,”बावला है ये लड़का सच में”
राधा चाय लेकर वापस नीचे चली आयी अन्धेरा हो चुका था , गाड़ी आकर घर में रुकी तो राधा को तसल्ली हुई की सभी वक्त से घर आ गए है लेकिन मीरा घबरा रही थी उसने अंदर आते ही राधा से पूछा,”माँ अमायरा कहा है ?”
“ऊपर है आशु के पास”,राधा ने कहा
“क्या ? वो आ गए ? फिर तो हमे घर में ना पाकर जरूर गुस्सा हुए होंगे , इसलिए तो हम अमायरा को छोड़कर जाना नहीं थे”,मीरा ने कहा
“मीरा ज्यादा मत सोचो , अमायरा और आशु दोनों सो रहे है जब उठेंगे तो दोनों का गुस्सा खत्म हो जाएगा ,, जाओ जाकर कपडे बदल लो”,राधा ने कहा तो मीरा वहा से चली गयी। तनु निधि और नीता अपने अपने बैग उठाये अपने कमरों में चली गयी कुछ देर बाद नीता कपडे बदल कर आयी और राधा से कहा,”माँ आप रहने दीजिये खाना हम लोग बना लेंगे”
“मैंने बना कर रख दिया है”,राधा ने कहा
“”माँ मैं और दी बना लेते आप क्यों परेशान हुई ?”,तनु ने कहा
“कोई बात नहीं नीता तुम सब भी तो मेरे बच्चे हो चलो अब चलकर मुझे दिखाओ क्या क्या लेकर आयी हो सब मार्किट से ?”,कहते हुए राधा नीता के साथ बाहर चली आयी उनका प्यार देखकर नीता ने मन ही मन कहा,”माँ कितनी अच्छी है उस दिन इस घर से अलग होकर कितनी बड़ी गलती करने जा रही थी मैं पर सही वक्त पर सम्हल गयी और आज मैं इनके साथ हूँ”
“क्या हुआ कहां खोयी हो ?”,राधा ने नीता से कहा तो नीता ने साइड से उनके गले में अपनी बांहे डालते हुए कहा,”कुछ नहीं माँ आई लव यू आप दुनिया की सबसे अच्छी सास है”
“लव यू टू बेटा तुम सबके अलावा मेरा है ही कौन ? अब चलो बाद में और काम भी तो देखने है न”,राधा कहते हुए अपने कमरे में चली आयी। निधि , तनु , नीता जो लेकर आयी थी सब राधा को दिखाने लगी। सबने अपने अपने लिए शॉपिंग की लेकिन राधा के लिए कोई कुछ लेकर नहीं आया। राधा फिर भी खुश थी। कुछ देर बाद मीरा नीचे आयी उसके हाथ में एक बैग था उसने राधा को देकर कहा,”माँ ये आपके लिए , निधि की शादी में आप यही पहनना” राधा ने साड़ी देखी कांजीवरम की बहुत ही प्यारी सी साड़ी थी सबको वह बहुत पसंद आयी।
Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44 Haan Ye Mohabbat Hai – 44
क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 45
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संजना किरोड़ीवाल
“बेटा मैंने ही उसे भेजा था अगले महीने निधि की शादी है उसी के लिए कुछ सामान और अपने कपडे”,राधा ने कहा
“वो सब ठीक है माँ लेकिन इस वक्त,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ”,कहते हुए अक्षत अमायरा को उठाकर सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। अपने कमरे में आकर अक्षत ने अमायरा को बिस्तर पर बैठाया और अपने जूते निकालने लगा। अक्षत का ध्यान भटका तो अमायरा साइड में जाने लगी , अक्षत ने देखा तो जूते छोड़ वह अमायरा की तरफ लपका और उसे गिरने से बचा लिया। जैसे तैसे अक्षत ने जूते निकाले , जुराबें निकाली कपड़े बदलना फ़िलहाल उसके बस में नहीं था क्योकि वह एक पल के लिए भी अमायरा को अकेला नहीं छोड़ सकता था। अक्षत ने शर्ट की बाजु ऊपर चढ़ा ली , ऊपर का एक बटन भी खोल लिया और अमायरा को अपने पास बैठाकर मीरा की उस से शिकायत करने लगा,”देखा प्रिंसेज आपकी मम्मा आपको अकेला छोड़कर मार्किट चली गयी , उन्होंने ये भी नहीं सोचा आप अकेले किसके साथ रहोगे ? आने दो आज उसे हम दोनों मिलकर डांट लगाएंगे”
अक्षत की बाते सुनकर अमायरा खिलखिलाने लगी। अक्षत ने पीठ दिवार से लगाई और अमायरा को अपनी गोद में बैठाकर अपने सीने से लगा लिया। अमायरा से बाते करते हुए अक्षत की आँखे झपकने लगी। “बेटा मैंने ही उसे भेजा था अगले महीने निधि की शादी है उसी के लिए कुछ सामान और अपने कपडे”,राधा ने कहा
“वो सब ठीक है माँ लेकिन इस वक्त,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ”,कहते हुए अक्षत अमायरा को उठाकर सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। अपने कमरे में आकर अक्षत ने अमायरा को बिस्तर पर बैठाया और अपने जूते निकालने लगा। अक्षत का ध्यान भटका तो अमायरा साइड में जाने लगी , अक्षत ने देखा तो जूते छोड़ वह अमायरा की तरफ लपका और उसे गिरने से बचा लिया। जैसे तैसे अक्षत ने जूते निकाले , जुराबें निकाली कपड़े बदलना फ़िलहाल उसके बस में नहीं था क्योकि वह एक पल के लिए भी अमायरा को अकेला नहीं छोड़ सकता था। अक्षत ने शर्ट की बाजु ऊपर चढ़ा ली , ऊपर का एक बटन भी खोल लिया और अमायरा को अपने पास बैठाकर मीरा की उस से शिकायत करने लगा,”देखा प्रिंसेज आपकी मम्मा आपको अकेला छोड़कर मार्किट चली गयी , उन्होंने ये भी नहीं सोचा आप अकेले किसके साथ रहोगे ? आने दो आज उसे हम दोनों मिलकर डांट लगाएंगे”
अक्षत की बाते सुनकर अमायरा खिलखिलाने लगी। अक्षत ने पीठ दिवार से लगाई और अमायरा को अपनी गोद में बैठाकर अपने सीने से लगा लिया। अमायरा से बाते करते हुए अक्षत की आँखे झपकने लगी।
Sab Happy Happy ho rha h…Ab sab thik rhe…
Superb part, happy happy hai sb😘😘
Jb sb jyada achha hota h to dar jyada lgta h
Inki khushiya me khi koi najar na lga de
♥️♥️Akshat…,Amayra ke liye kitna pareshan ho gaya…aise toh Meera kahin jaa hee nahi paayegi…par shayad saare papa aise hee hote hain…Akshat jaise…♥️♥️
Lagta hai kuchh bada hone wala hai😯😯
Superb part… amayara or akshat ki bonding bahut acchi h… amayara k aa jane se jaha khushiya h Wahi meera ki jimedari badh gai…
Bahot hi payri story hai 💜❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Nice part mam
Akshat or Amayra ki bonding super h ek chhoti si bacchi apne papa ke liye papa ki dress bhi kese isharon se bata rahi hai
Super 💕💕 story