हाँ ये मोहब्बत है – 33
Haan Ye Mohabbat Hai – 33
रात के खाने के समय सभी मौजूद थे। अक्षत को वहा ना देखकर विजय जी ने मीरा से पूछा,”मीरा अक्षत का फोन आया ? कब तक वापस आ रहा है वो ?”
“उनसे बात नहीं हुई है पापा”,मीरा ने उनकी प्लेट में खाना परोसते हुए कहा
“पापा वो किसी जरुरी काम से गया है आ जाएगा”,अर्जुन ने कहा
“हम्म्म , अच्छा इस बार शादी के बाद मीरा की पहली होली है तो मैं चाहता हूँ की होली का फंक्शन धूम धाम से रखा जाये। सोमित जी और तनु भी इस बार हम सबके साथ है”,विजय जी ने राधा की और देखकर कहा
“जैसा आपको ठीक लगे”,राधा ने मुस्कुरा कर कहा
“अरे वाह फिर तो मैं अपने सारे दोस्तों को इन्वाइट करने वाला हूँ”,दादू ने खुश होकर कहा
“हाँ पापा बिल्कुल आप अपने सभी दोस्तों को बुलाइये”,विजय जी ने मुस्कुरा कर कहा और फिर अर्जुन की और पलटकर कहा,”तीन दिन बाद होली है तो तुम सारा अरेजमेंट करवा देना ठीक है”
“जी पापा”,कहकर अर्जुन खाना खाने लगा।
सभी हंसी ख़ुशी खाना खा ही रहे थे की तभी निहारिका के साथ अक्षत घर में दाखिल हुआ।
“लो अक्षत भी आ गया”,दरवाजे की और देखते हुए दादू ने कहा लेकिन अगले ही पल उनके चेहरे के भाव बदल गए। अक्षत के पीछे पीछे निहारिका भी अपना बैग लिए चली आ रही थी। सब घरवालों ने देखा तो डायनिंग से उठे और हॉल की तरफ चले आये। अक्षत सबके सामने आकर खड़ा हो गया। मीरा अभी भी डायनिंग के पास खड़ी थी। किसी को समझ नहीं आ रहा था की आखिर निहारिका अक्षत के साथ क्या कर रही है ? सबको खामोश देखकर अक्षत ने कहा,”पापा
कुछ दिनों के लिए निहारिका हमारे साथ भी रहेगी”
अक्षत की बात सुनकर विजय के चेहरे पर कई भाव आये और गए उन्होंने एक नजर राधा को देखा और फिर कहा,”सब ठीक है ना आशु ?”
“पापा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने जैसे ही कहना चाहा निहारिका आगे आयी और कहा,”मैं बताती हूँ , अक्षत और मेरे बीच में एक एग्रीमेंट हुआ है , इसके साथ रहते हुए अगर मैंने इसे इम्प्रेस कर लिया तो ये मेरा हो जाएगा और मीरा को छोड़ देगा”
“छनननन”, मीरा ने जैसे ही सूना उसके हाथ में पकड़ी प्लेट नीचे जा गिरी। मीरा के साथ साथ सभी घरवालों को एक झटका सा लगा। निहारिका की बाते सुनकर सब अक्षत की तरफ देखने लगे। विजय जी ने सूना तो थोड़ा गुस्से में कहा,”ये सब क्या है ? ये लड़की जो कह रही है वो सच है ? जवाब दो आशु ?”
“पापा मैं आपको समझाता हूँ”,अक्षत ने कहा चाहा तो अर्जुन आगे आया और कहने लगा,”क्या समझायेगा तू ?
तूने एक बार भी मीरा के बारे में नहीं सोचा”
“भाई,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने बेबसी से कहा
“आशु इस लड़की ने जो कहा क्या वो सच है ?”,विजय जी ने कठोर स्वर में पूछा
“पापा,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा
“सच है या नहीं ?”,विजय जी ने थोड़ा तेज आवाज में कहा
“सच है पापा”,अक्षत ने जैसे ही कहा सब घरवालों को दुसरा झटका लगा मीरा की आँखे बस अक्षत को देख रही थी। विजय जी गुस्से से अक्षत के पास आये और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”तुमसे ये उम्मीद नहीं थी आशु , तुम्हारी कोई भी मज़बूरी होगी अभी के अभी इस लड़की लड़की को इसके घर छोड़कर आओ”
“मैंने किसी से वादा किया है पापा”,अक्षत ने कहा
“सुन रही हो राधा , देख रही हो इसकी बेशर्मी अब ये इतना बड़ा हो चुका है की अपने मन की करने लगा है”,विजय जी ने राधा की ओर पलटकर कहा। राधा को भी अक्षत की ये बात पसंद नहीं आयी और उन्होंने अक्षत के पास आकर कहा,”ये सब क्या है आशु ? निहारिका यहाँ ऐसे ? मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है”
राधा के चेहरे पर परेशानी के भाव देखकर अक्षत को अच्छा नहीं लग रहा था पर उसने जो किया उसके बाद ये सब तो होना ही था। अक्षत जिस मकसद से निहारिका को घर लेकर आया था उसके बारे में घरवालों को खुलकर भी नहीं बता सकता था ना ही इस वक्त किसी को समझा सकता था। विजय जी को अक्षत का ये कदम इतना नागवार गुजरा की वे अपना खाना अधूरा छोड़कर ही वहा से चले गए। राधा उनके पीछे चली गयी। दादू-दादी बेचारे क्या कहते उन्हें भी अक्षत का ये फैसला नहीं आया और वे अपने कमरे में चले गए। अर्जुन को तो अक्षत पर गुस्सा आ रहा था की वो निहारिका को घर में लेकर क्यों आया ? अर्जुन भी वहा से चला गया , नीता मीरा के साथ उसके कंधो को थामे खड़ी थी , मीरा खामोश थी उसने एक शब्द भी नहीं कहा। निधि भी मीरा की तरफ चली आयी और तनु चीकू काव्या को लेकर कमरे में चली गयी क्योकि इस वक्त माहौल काफी बिगड़ चूका था। मीरा ने नीता और निधि से जाने को कहा।
सब चले गए हॉल में सिर्फ मीरा , अक्षत , सोमित जीजू और निहारिका बचे थे । अक्षत ने मीरा की तरफ देखा तो उसकी नजरे मीरा से जा मिली इस वक्त अक्षत ना कुछ कहने की हालत में था ना ही किसी को कुछ समझाने की हालत में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
निहारिका ने ये सब देखा तो कहा,”उफ़ ये क्या ड्रामा लगा रखा है सबने , वैसे भी मुझे बहुत भूख लगी है खाना मिलेगा या नहीं ?”
“निहारिका यहाँ आओ”,मीरा ने सहजता से कहा
“व्हाट ?”,निहारिका ने आकर मीरा से कहा। अक्षत बस मीरा को देखे जा रहा था। मीरा ने रघु से कहकर वहा पड़ी प्लेट उठवायी और एक प्लेट रखकर निहारिका से कहा,”बैठिये हम आपके लिए खाना परोस देते है”
निहारिका आकर कुर्सी पर बैठ गयी। मीरा उसके लिए प्लेट में खाना परोसने लगी , उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे अक्षत ने जब मीरा ये सब करते देखा तो ना चाहते हुए भी उसकी आँखों में नमी उतर आयी वह बाहर की तरफ चला गया। सोमित जीजू ने देखा तो वे भी उसके पीछे पीछे चले आये। अक्षत आकर लॉन में खड़ा हो गया। सोमित जीजू अक्षत के पास आये और कहा,”इतना बड़ा फैसला लेने से पहले तुमने एक बार भी मीरा के बारे में नहीं सोचा , ये जानकर उसे कितनी तकलीफ हो रही है जानते हो तुम,,,,,,,,,,,,,,,,आशु मैं नहीं जानता ये सब करने के पीछे क्या वजह है और मैं जानना भी नहीं चाहता मैं बस ये कहना चाहता हूँ की मैं तुम दोनों को हमेशा साथ देखना चाहता हूँ”
“जीजू मैं जानता हूँ मेरे इस फैसले से आप सभी बहुत हर्ट है लेकिन मैंने बहुत सोच समझकर ये फैसला लिया है।”,कहते हुए अक्षत ने सोमित जीजू को सारी बाते बता दी। सोमित जीजू ने बड़े ध्यान से अक्षत की बात सुनी और फिर कहा,”आशु तुझे मीरा के लिए अपना प्यार साबित करना है , तुम दोनों के प्यार को कोई नहीं बाँट सकता निहारिका भी नहीं,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हारे साथ हूँ”
अक्षत ने उदास नजरो से सोमित जीजू की तरफ देखा तो जीजू ने अपने दोनों हाथ फैलाकर कहा,”कम”
अक्षत उनके गले आ लगा , थोड़ा रिलेक्स महसूस हुआ। सोमित जीजू देर तक उसके साथ बाहर लॉन में ही घूमते रहे और बातें करते रहे।
मीरा अंदर निहारिका को खाना परोस रही थी उसे नार्मल देखकर निहारिका ने कहा,”अक्षत पर गुस्सा करने के बजाय तुम मुझे यहाँ बैठाकर खाना खिला रही हो , तुम्हे अक्षत पर गुस्सा नहीं आ रहा”
मीरा हल्का सा मुस्कुरायी और कहा,”अगर ऐसे हालातो में भी हम उन्हें समझ नहीं पाए तो हमारे पत्नी होने पर धिक्कार है , देखी जाने वाली हर चीज सच हो जरुरी तो नहीं ,, आप खाना खाइये हम पानी लेकर आते है”
कहकर मीरा किचन की तरफ चली गयी निहारिका ने उसे जाते हुए देखा और मन ही मन कहा,”व्हाटएवर”
मीरा ने निहारिका को खाना खिलाया और नीचे खाली पड़े गेस्ट रूम में उसे छोड़कर आ गयी। सफर की वजह से निहारिका थक चुकी थी इसलिए कमरे में आकर सोने चली गयी। मीरा किचन में आयी उसने अक्षत के लिए चाय बनायी , किचन से देखा की अक्षत ऊपर जा रहा है। मीरा ने चाय कप में छानी और लेकर ऊपर चली आयी। अक्षत कमरे में ही था मीरा ने कप टेबल पर रखते हुए सहज भाव से कहने लगी,”वैसे इतनी रात में आपको चाय तो नहीं पीनी चाहिए लेकिन हम जानते है आपका सर दर्द कर रहा होगा ,, (बिस्तर पर पड़े तकिये सही करते हुए) आप पहले चाय पि लीजिये और फिर कपडे बदल लीजिये ,, आपका खाना हम ऊपर ही ले आएंगे (अक्षत के सामने से होते हुए कमरे की खिड़की के पास आती है , परदे हटाकर खिड़की खोल देती है) आपके कुछ कपडे जो आप अब नहीं पहनते वो आज शाम हमने रघु को दे दिए उसके काम आ जायेंगे। आपके कल कोर्ट जाने वाले कपड़ो को हमने प्रेस करके रख दिया है। (एक बार फिर जैसे ही अक्षत के सामने से गुजरी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ करके तड़पते हुए कहा,”बस करो मीरा , क्या तुम्हे सच में तकलीफ नहीं हो रही है ?”
मीरा मुस्कुराई लेकिन आज उसकी मुस्कुराहट में दर्द था , उसकी आँखों में नमी थी , उसने अक्षत से कहा,”बहुत तकलीफ हो रही है , पर वो तकलीफ जताकर हम आपको गलत साबित करना नहीं चाहते अक्षत जी , आपकी कुछ मज़बूरी रही होगी या जो भी वजह हो ईश्वर भी आकर कहे की आप गलत है तो हम नहीं मानेंगे”
“आई ऍम सॉरी , सॉरी , सॉरी , सॉरी”,कहते हुए अक्षत ने मीरा के चेहरे को अपने हाथो में लेकर अपना सर उसके सर से लगा लिया। अपने लिए मीरा की आँखों में इतना प्यार और भरोसा देखकर अक्षत की आँखो में आँसू आ गए। मीरा ने देखा तो अक्षत के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा,”शशशशशशश प्लीज”
अक्षत अपने आंसुओ को नहीं रोक पाया। मीरा ने देखा तो उसके आंसू पोछते हुए कहने लगी,”सच्चे प्यार में बहुत से इम्तिहान देने पड़ते है अक्षत जी , हम समझ लेंगे ये हमारे इम्तिहान का वक्त है। अगर हमारा प्यार एक दूसरे के लिए पाक-साफ है तो फिर चाहे कोई भी आये हमारे प्यार को नहीं बाँट सकता। आपको कमजोर नहीं पड़ना है आज जो लोग आपको गलत समझ रहे है कल वही सब आपके साथ होंगे ,, बस थोड़ा सा नाराज है क्योकि आपने जो किया है उस से उनके किसी अपने को ही तकलीफ होगी ना”
अक्षत ने अपनी नम आँखे पोछी और कहने लगा,”मैं तुम्हे खोना नहीं चाहता मीरा , निहारिका ने एक अजीब सी जिद पकड़ ली है मुझे लेकर और मुझे उसे उसी वहम से बाहर निकालना है , उस वक्त मुझे जो सही लगा मैंने किया और मुझे यकीन है की मैं कर लूंगा बस मुझे तुम्हारा साथ चाहिए”
“हम हमेशा आपके साथ है , आप कपडे बदल लीजिये हम आपके लिए खाना लेकर आते है”,कहकर मीरा जाने लगी तो अक्षत ने रोक लिया और कहा,”रहने दो मीरा मुझे भूख नहीं है”
“थोड़ा सा खा लीजिये हमारे लिए”,मीरा ने कहा तो अक्षत ना नहीं कह पाया। वह मीरा के करीब आया और उसका सर चूमते हुए कहा,”हम्म्म ठीक है”
जाने से पहले मीरा अक्षत को चाय देकर चली गयी। मीरा से बात करके अक्षत का मन हल्का हो गया , उसने चाय पी और कपडे बदलने चला गया। मीरा ने नीचे आकर अक्षत के लिए खाना गर्म किया। प्लेट लेकर जैसे ही जाने लगी किचन के दरवाजे पर राधा मिल गयी। राधा को इस वक्त वहा देखकर मीरा ने कहा,”अरे माँ आप इस वक्त ,, पापा जी का गुस्सा कम हुआ”
“ये तुम क्या कर रही हो मीरा ?”,राधा ने पूछा
“अक्षत जी के लिए खाना लेकर जा रहे है , उन्होंने कुछ खाया नहीं है ना तो खिला देते है थोड़ा वरना वो ऐसे ही सो जायेंगे”,मीरा ने कहा
“तुम किस मिटटी की बनी हो मीरा ? थोड़ी देर पहले जो कुछ यहाँ हुआ था क्या वो तुमने नहीं देखा ? उस सब के बाद भी तुम्हे आशु की परवाह है ,, उसने एक बार भी तुम्हारे बारे में नहीं सोचा”,राधा ने कहा
“माँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अक्षत जी गलत नहीं है , उन्होंने जो किया है उसके पीछे कोई ना कोई वजह होगी , ऐसे वक्त में उन्हें हमारे साथ की जरूरत है शिकायत करने के लिए तो हमारे पास पूरी जिंदगी पड़ी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बुरे हालातो में चाहे पूरी दुनिया हमारे खिलाफ हो हम बर्दास्त कर लेते है पर जब हमारा साथी साथ ना दे भरोसा ना करे तो हमे बहुत तकलीफ होती है,,,,,,,,,,,अक्षत जी को हम वो तकलीफ नहीं दे सकते ,, आगे हमारी किस्मत”,मीरा ने कहा और वहा से चली गयी
“पागल है ये लड़की हमेशा सबकी ख़ुशी देखेगी भले खुद तकलीफ में रहे,,,,,,,,,,,,,,,इन दोनों के रिश्ते को सलामत रखना ईश्वर”,कहते हुए राधा की आँखों में नमी उतर आयी।
मीरा अक्षत के लिए खाना लेकर कमरे में आयी तब तक अक्षत कपडे बदलकर आ चुका था और खिड़की के पास खड़ा था। मीरा ने प्लेट टेबल पर रखा और अक्षत की तरफ आकर कहा,”चलिए खाना खा लीजिये”
अक्षत मीरा के साथ चला आया। मीरा ने अक्षत को बैठने का इशारा किया और खुद आकर उसकी बगल में आकर बैठ गयी। अक्षत खाने को देखता रहा उसका मन एक अजीब सी उलझन में था। मीरा ने देखा तो कहा,”बहुत दिन हो गए हमने ना आपको अपने हाथो से खाना नहीं खिलाया , चलिए आज हम आपको खिलाते है” कहते हुए मीरा ने एक निवाला तोड़ा और अक्षत की ओर बढ़ा दिया अक्षत ने मीरा की ओर देखा और उसका हाथ थामते हुए कहा,”मुझसे इतना प्यार मत करो मीरा”
“हमे किस से प्यार करना है ये हम तय कर सकते है , पर कितना करना है ये ना हमारे हाथ में है ना आपके ,, खाना खाइये”,कहते हुए मीरा ने निवाला अक्षत को खिला दिया। अक्षत ने खाया और फिर मीरा को खिलाया। आज मीरा ने साबित कर दिया की उन दोनों का रिश्ता किसी सफाई का मोहताज नहीं था।
Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33 Haan Ye Mohabbat Hai – 33
क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 34
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संजना किरोड़ीवाल
Such me meera aur Akshat ka pyar lajwab h meera aur Akshat world’s best best couple 💑 ♥
Sach mein meera ne ajshit pr vishvash dikha kr sabit kr diya ki pyaar mein bhut taqat hoti hai
Meera ne jo kia hai really koi nai kar sakta hai… Bs ye bharosa or pyaar kabhi na tute
Yeh Niharika toh pehle hee kam akal thi …woh isne aaj Akshat ke ghar aakar saabit bhi kar diya…par Meera ke patience aur samajhadari ke kya kehne…♥️♥️Akshat ko sirf Meera samajh sakti hai…♥️♥️
🥺🥺
Very emotional part
Aisa pyar kash real life me v milta such me ek pal dukh v hua or khushi v nice part mam
मेरी तो समझ से परे है इन दोनों का रिश्ता..।
Behtrarin part… akshat k faisle se pura Ghar naraz h ..sirf jiju or meera hi ye samjh rhe h ki akshat k liye bhi ye faisla krna muskil hua hai… Meera or Akshat ka pyar kisi bhi proof ka mohtaj nhi h…meera akshat ko is musibat se bhi bahar le aayegi… waiting eagerly for next part
मीरा..इतना शांत कोई कैसे हो सकता है कितने अच्छे से समझती है वो अक्षत को…प्यार और भरोसा तो दोनों के रिश्ते को और मजबूत बना देगा.. यहां निहारिका उनके रिश्ते को तोड़ने आई है लेकिन उसके पहले कदम में ही दोनों को और पास ला दिया….
Meera wakai bhut alag h itna pyar or vishwas har koi nhi karta, amazing part