हाँ ये मोहब्बत है – 21
Haan Ye Mohabbat Hai – 21
मीरा माँ बनने वाली है ये खबर घर मे ख़ुशी की एक नयी लहर ले आयी जिसमे सोमित और तनु भी अपना दर्द भूल चुके थे। रात के खाने के वक्त सब जमा थे मीरा कुछ देर पहले ही हॉस्पिटल से आयी थी इसलिए राधा ने उसके लिए सूप बना दिया। आज ख़ुशी का मौका था इसलिए सब घरवाले साथ बैठकर खाना खा रहे थे। अक्षत मीरा के बगल में ही बैठा था खाना खाते हुए उसने अपना हाथ मीरा के हाथ पर रखा और फिर दोनों के हाथ को अपने पैर पर रख लिया और अनजान बनकर खाना खाने लगा। सोमित जीजू की उन दोनों पर ही थी जैसे ही अक्षत ने उनकी ओर देखा सोमित जीजू ने मुस्कुराते हुए भँवे उचकाई तो अक्षत ने ना में गर्दन हिला दी , सोमित जीजू थोड़ा सा अक्षत की तरफ झुके और कहा,”साले साहब आदत छूटी नहीं आपकी ?”
अक्षत मुस्कुराने लगा क्योकि वह समझ गया जीजू को सब दिख गया है तो उसने मीरा का हाथ पहले तो छोड़ दिया और फिर वापस पकड़कर जीजू की तरफ देखते हुए कहा,”तब वो मेरी बंदी थी अब वो मेरी बीवी है अब तो 100 लोगो के सामने उसका हाथ थाम सकता हूँ मैं”
“सही है लगे रहो”,जीजू ने कहा
अक्षत खाना खाने लगा , कुछ देर बाद जीजू और अर्जुन ने इशारो इशारो में एक दूसरे को कुछ समझाया और फिर दोनों ही थोड़ा थोड़ा खाकर उठ गये। दादू भी उनके इशारे समझ गए इसलिए कहा,”आज वो जरा हाजमा ख़राब है तो मैं ज्यादा नहीं खाऊंगा”
उन तीनो को ऐसे जाते देखकर विजय जी को कुछ गड़बड़ लगी लेकिन उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपना खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद अक्षत मीरा की दवाईया और फाइल लेकर उसके साथ अपने कमरे में चला आया। उसने मीरा को आराम करने को कहा और फिर कमरे से बाहर चला आया। इंजेक्शन और दवाईयों की वजह से मीरा को नींद आने लगी थी वह लेट गयी।
अक्षत कमरे से बाहर आया ही था की उसके फ़ोन पर सोमित का मेसेज आया,”साले साहब ऊपर छत पर आ जाईये”
अक्षत ने फोन जेब में रखा और ऊपर छत पर चला आया जहा अर्जुन , जीजू और दादू पहले से महफ़िल जमा कर बैठे थे अक्षत ने वहा पड़ी चौथी ख़ाली कुर्सी खिसकाई और उस पर बैठते हुए कहा,”पार्टी के नाम पर आप लोगो को ड्रिंक ही क्यों करना होता है ?”
“दादू देखो कौन बोल रहा है ? जिसने दो बार पि है और दोनों ही बार बड़ा धमाका किया है , एक मेरी बेचलर पार्टी में दूसरा अपनी शादी में कैसे पाइप पर चढ़कर मीरा से मिलने गया था।”,अर्जुन ने हँसते हुए कहा
“हां और इसके चक्कर में मेरे 2000 रूपये लगे थे”,सोमित जीजू ने अक्षत को देखकर मुंह बनाते हुए कहा।
“अरे इसको क्या पता शराब के बारे में ? तू ये सब बाते करके पार्टी खराब मत कर”,दादू ने कहा
“मुझे जानना भी नहीं है , वैसे भी मैंने किसी से वादा कर चुका हूँ इसलिए ये सब आपको ही मुबारक”,अक्षत ने कहा और वहा रखी पानी की बोतल उठा ली
“पर आशु आज तो बनता है , तू बाप बनने वाला है और ये बहुत बड़ी ख़ुशी की बात है तेरे लिए”,अर्जुन ने कहा
“हां साले साहब ये अर्जुन ने ठीक कहा”,सोमित जीजू ने कहा
“दादू आप क्या सुन रहे है देख नहीं रहे कैसे मुझ जैसे मासूम बच्चे को बिगाड़ रहे है”,अक्षत ने कहा
“मासूम तू सिर्फ तेरी मीरा की नजर में है हमारी नजर में नहीं , ले दो घुट मार ले”,दादू ने अपना ग्लास बढाकर कहा लेकिन अक्षत ने ना में गर्दन हिला दी। अर्जुन और सोमित ने देखा तो दोनों जिद करने लगे और जिद का नतीजा ये हुआ की अक्षत को एक छोटा सा पैग पीना पड़ा। हालांकि मीरा से किया वादा वह तोड़ना नहीं चाहता था पर मीरा ने एक बार उस से कहा था की ओकेजनली वह चाहे तो पि सकता है। चारो बैठकर अपनी पार्टी एन्जॉय कर रहे थे की तभी विजय जी वहा आ पहुंचे। अक्षत तो वहा से साइड वाली छत पर कूद गया , सोमित जीजू दिवार के पीछे छुप गए , अर्जुन सीढ़ियों वाले दरवाजे की तरफ छुप गया बचे दादू उन्होंने इतनी पी ली थी की उठकर कहा जाते इसलिए वही बैठे रहे। विजय जी उनके पास आये और कहा,”पापा ये क्या कर रहे है आप ? अभी पिछले हफ्ते ही डॉक्टर ने आपको ये सब पीने से मना किया था और आप”
“अरे आज ख़ुशी का दिन है , आज तू भी एक दो पैग मार ले”,दादू ने कहा जिनको चढ़ चुकी थी
“नहीं पापा , और ये चार चार ग्लास क्यों रखे है आपने ? कोई और भी है क्या आपके साथ ?”,विजय जी ने शक भरी नजरो से चारो और देखते हुए कहा।
“कोई , कोई नहीं है”,दादू ने कहा
“अच्छा तो ये चार चार ग्लास से आप अकेले पि रहे है”,विजय ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा
“मैं चार ग्लास से पिऊ या बोतल से तू ये बता तू मेरा बाप है या मैं तेरा बाप हूँ ?”,दादू ने भी थोड़ा गुस्से से कहा
“चलिए नीचे चलिए आपको चढ़ गयी है आपसे सुबह बात करते है”,विजय जी ने दादू को उठाते हुए कहा। दादू उठे और विजय जी के साथ चल पड़े। उनके जाने के बाद अर्जुन और जीजू निकलकर आये और कहा,”बच गए यार , दादू जितने मस्त आदमी है मौसाजी से उतना ही डर लगता है”
“हां आज तो अच्छी खासी क्लास लगती”,अर्जुन ने कहा
“चलो चलते है”,जीजू ने कहा
“आशु कहा है ?”,अर्जुन ने अक्षत को वहा ना पाकर कहा।
“थोड़ी देर पहले तो यही था”,जीजू ने कहा तो दोनों उसे ढूंढने लगे। कुछ देर बाद अक्षत के गुनगुनाने की आवाज सुनकर दोनों पास वाली छत की तरफ आये और देखा अक्षत वहा दिवार से पीठ लगाए बैठा है , उसके हाथ में एक छोटी शराब की केन है अक्षत उसे पी चुका था शायद और उसे चढ़ चुकी थी।
“आशु वहा क्या कर रहा है तू ? चल नीचे वरना पापा ने देख लिया तो गए सब काम से , चल आ”,अर्जुन ने अपना हाथ अक्षत की और बढाकर कहा
“मैं नहीं आ रहा मुझे यहाँ अच्छा लग रहा है , कितना अच्छा मौसम है , कितना सुन्दर आसमान है , कितनी सुन्दर रात है,,,,,,,,,,,,,,,हाय”,अक्षत ने कहा।
“चढ़ गयी है इसे मैंने कहा था ना मत पिलाओ इसे”,जीजू ने कहा
“अरे आपने ही फ़ोर्स किया था जीजू , अब देखो इसे,,,,,,,,,,,,,,,,आशु मेरे भाई आजा ऊपर आजा चल नीचे चलते है”,अर्जुन ने कहा
“नीचे नीचे क्या है ?”,अक्षत ने कहा
“नीचे,,,,,,,,,,,,,,,,,नीचे मीरा है , तुम्हारा वेट कर रही है”,जीजू ने तपाक से कहा उन्हें पता था अक्षत किसी के नाम से उनकी बात सुने ना सुने मीरा के नाम से जरूर सुनेगा। वह उठा और जीजू अर्जुन के पास आकर कहा,”मीरा , कहा है मीरा ? शी इज सच अ डार्लिंग वो कभी मुझ पर गुस्सा नहीं करती है , मुझसे बहुत प्यार करती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे मीरा के पास जाना है , चलो”
अर्जुन ने जीजू ने सम्हाल के अक्षत को अपनी छत पर धकेला और फिर उसे लेकर नीचे चले आए , अक्षत को थोड़ी चढ़ी हुई थी अर्जुन और सोमित उसे उसके कमरे में छोड़कर चले गए। अक्षत अंदर आया देखा मीरा सो रही थी। अक्षत वहा से बाथरूम चला आया , मुंह धोया लेकिन सर घूम रहा था। वह बाहर आया और झूले वाली कुर्सी पर आ बैठा , नशे में था लेकिन इतना अहसास था की उसे ऐसी हालत में मीरा के करीब नहीं जाना है , अक्षत ने बेड पर पड़ा तकिया लिया और सर के पीछे लगाकर उसी झूले वाली चेयर पर सो गया।
सुबह मीरा की आँख खुली तो उसने अक्षत को वहा चेयर पर सोया पाया। मीरा उठी उसने ने अपने बालो को बाँधा और उठाकर खिड़की के पास आकर परदे हटाए और खिड़की खोल दी ,, सुबह की ताजा हवा खाकर मीरा का मन अच्छा हो गया। वह अक्षत के पास आयी और बिस्तर पर बिल्कुल उसके सामने बैठकर उसे देखने लगी। उसके और अक्षत के बीच में सिर्फ दो कदम का फ़ासला था। कुछ देर बाद अक्षत की आँख खुली मीरा को अपने सामने देखते ही अक्षत को रात वाली बात याद आ गयी जब वह उन तीनो के साथ था और उन्होंने उसे भी थोड़ी सी पीला दी थी। मीरा को खामोश देखकर अक्षत को लगा की जरूर उसने नशे में मीरा के सामने कुछ ऐसा किया होगा जिस से मीरा नाराज है। अक्षत ने ठीक से बैठने की कोशिश की और कहा,”मीरा वो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
“कुछ मत कहिये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा अक्षत को लगभग घूरते हुए कहा
“मेरी कोई गलती नहीं है वो तो भाई और जीजू ने,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने मना भी किया था की मैं नहीं पियूँगा”,अक्षत ने हिचकिचाते हुए अपनी बात पूरी कर दी
मीरा जिसके दिमाग में कुछ और ही बात चल रही थी उसने अक्षत की बात सुनी तो एकदम से चौंकी और फिर कहा,”मतलब कल रात आप सब लोग ऊपर ड्रिंक कर रहे थे”
“हम्म्म्म वो दादू का प्लान था , मैं बाप बनने वाला हु इस ख़ुशी में वो सब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,”,अक्षत ने धीरे से कहा
“दादू से तो हम बाद में बात करेंगे , आप बताईये आप यहाँ क्यों सो रहे थे ?”,मीरा ने सवाल किया
“वो मैं नशे में था सोचा तुम्हारे करीब रहूंगा तो तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा इसलिए मैं यहाँ सो गया”,अक्षत ने कहा
मीरा अक्षत के थोड़ा पास आयी और उसका हाथ अपने हाथो में लेकर कहने लगी,”अक्षत जी हम आप आपसे प्यार करते है हमने आपको खरीदा नहीं है , हम कभी नहीं चाहेंगे हमारी ख़ुशी के लिए आप अपने शौक खत्म करे”
“ऐसी कोई बात नही है मीरा मैं जानता हूँ तुमने हमेशा मुझे उन्ही चीजों के लिए मना किया है जो मेरे लिए सही नहीं है , जीजू भैया और दादू खुश थे इसलिए मैं उन्हें ना नहीं बोल पाया”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म कोई बात नहीं हम नहाने जा रहे है आप वहा सो जाईये”,मीरा ने कहा और फिर उठकर बाथरूम की और चली गयी
अक्षत की नींद अभी पूरी नहीं हुई थी वह आकर बिस्तर पर सो गया। तैयार होकर मीरा नीचे चली आयी और जैसे ही उसने किचन में नीता की मदद करनी चाही नीता ने कहा,”मीरा अभी शुरूआती दिन है किचन में रहोगी तो तुम्हारा मन घबराएगा तुम आराम करो , किचन का काम मैं और तनु दी दी कर लेंगे”
“लेकिन भाभी हम ठीक है”,मीरा ने कहा
“हाँ हाँ तुम बिल्कुल ठीक हो मीरा लेकिन माँ बनने के शुरुआती दिनों में , थकान होना , जी मिचलाना ये सब होता रहता है इसलिए चलो चलकर बाहर बैठो किचन का काम नीता और तनु देख लेंगी”,राधा ने आकर मीरा को किचन से बाहर ले जाते हुए कहा
“फिर हम क्या करेंगे ?”,मीरा ने पूछा
“मीरा यहाँ आओ”,मंदिर के आँगन में बैठी दादी माँ ने कहा
“जी दादी माँ”,मीरा ने उनके पास आकर कहा
“यहाँ मेरे साथ बैठो और भगवत गीता का ये पाठ पढ़कर मुझे सुनाओ , सुनाओगी ना”,दादी ने प्यार से कहा
“जी बिल्कुल”,कहकर मीरा ने भगवत गीता को प्रणाम किया और फिर एक एक करके उसके श्लोक दादी को सुनाने लगी , सुबह सुबह घर का माहौल काफी अच्छा हो गया। राधा पूजा से कहकर घर के दूसरे काम करवाने लगी। कुछ देर बाद सभी नाश्ता करने नीचे चले आये। सोमित अर्जुन और दादू सबसे पहले आकर बैठे और रात वाली बात को लेकर डिसकस करने लगे। तभी विजय जी वहा आये तो तीनो चुपचाप बैठ गए। विजय जी को अर्जुन सोमित के बारे में पता नहीं था इसलिए उन्होएँ दादू से पूछा,”हां तो पापा कल रात आप छत पर क्या कर रहे थे ?”
“मैं क्या कर रहा था मैं तो टहल रहा था”,दादू ने विजय से नजरे चुराते हुए कहा जबकि उन्हें भी ये याद नहीं था रात में छत से उन्हें नीचें कौन लाया था।
मीरा ने एक पथ खत्म करके उन पन्नो के बिच मोर पंख रख दिया और किताब बंद कर दी। वह दादी को सहारा दिए उन्हें लेकर नाश्ते की टेबल तक आयी तो विजय जी ने कहा,”देखा माँ ये कह रहे है की ये छत पर टहलने जाते है”
“पापा जी दादू अकेले नहीं थे”,मीरा ने जीजू और अर्जुन की और देखते हुए कहा
“मतलब ?”,विजय जी ने मीरा से पूछा
“मतलब ये की दादू के साथ साथ सोमित जीजू , अर्जुन भैया और अक्षत जी भी थे”,मीरा ने सपाट कहा तो अर्जुन और जीजू बेचारगी से मीरा को देखने लगे हमेशा सबको बचाने वाली , सबकी मदद करने वाली मीरा ने आज एक झटके में उन्हें फंसा दिया। विजया जी ने दोनों को देखा और कहा,”आप दोनों नाश्ते के बाद ज़रा बाहर मिले मुझसे”
“जीजू मीरा ने तो हम लोगो को फंसा दिया , अब ?”,अर्जुंन ने फुसफुसाते हुए कहा
“अब क्या मौसाजी के लेक्चर सुनने पड़ेंगे और क्या”,जीजू ने कहा। कुछ देर बाद नाश्ता टेबल पर लगा और सब खाने लगे। मीरा का मन नहीं था इसलिए उसने नाश्ता नहीं किया।
नाश्ता करके विजय जी ने सोमित और अर्जुन की अच्छी खासी क्लास लगाई और फिर सोमित जी के साथ ऑफिस के लिए निकल गए। अर्जुन भी डांट का कोटा पूरा करके अपने ऑफिस चला गया। दादू को किसी से डांट ना सुननी पड़े इसलिए वे बाहर गार्डन में घूमने निकल गए और काव्या भी उनके साथ चली गयी। हॉल में बैठी मीरा ने दूध और एक सेव खाया और फिर ड्राइवर को फोन कर दिया ताकि वह आकर उसे ले जाये।
ड्राइवर के आने के बाद जब मीरा जाने लगी तो राधा उसके पास आयी और कहा,”मीरा ऐसी हालत में काम करोगी ?”
“काम क्या करना है माँ बस कुछ फाइल्स साइन करनी है , कुछ बच्चो के साथ वक्त बिताना है , आप कहे तो हम नहीं जायेंगे”,मीरा ने कहा
“नहीं मीरा ऐसी बात नहीं है मैंने इसलिए कहा क्योकि अभी तुम्हारी तबियत पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है , ऐसे में बाहर आना जाना तुम परेशान हो जाओगी बेटा”,राधा ने कहा
“ठीक है माँ हम एक काम करते है ड्राइवर से कहकर फाइल घर पर ही मंगवा लेते है”,मीरा ने राधा की बात समझते हुए कहा
“हम्म जैसा तुम्हे ठीक लगे”,कहकर राधा वहा से चली गयी। मीरा ड्राइवर के पास आयी और उसे वहा से वापस भेज दिया
दिल्ली , सिन्हा हॉउस
निहारिका अपने कमरे में बैठी थी उसी वक्त सिन्हा जी आये और कहा,”ये मैं क्या सुन रहा हूँ नेहू ? तुमने पेरिस वाली ट्रिप केंसिंल कर दी”
“यस डेड मुझे नहीं जाना”,निहारिका ने कहा
“लेकिन क्यों ? दो दिन पहले तक तो तुम एक्साइटेड थी वहा जाने के लिए अब ये अचानक से ना , सब ठीक है ?”,सिन्हा जी को निहारिका की चिंता हुई
“या डेड”,निहारिका ने अपने लेपटॉप पर उंगलिया चलाते हुए कहा
“ओके तुम्हे पेरिस नहीं जाना तो कही और चलते है , न्यूयॉर्क , इटली जहा तुम कहो”,सिन्हा जी ने कहा
“नो डेड”,निहारिका ने लेपटॉप में देखते हुए कहा
“ओके देन तुम्ही बता दो कहा जाना है तुम्हे ?”,सिन्हा जी ने आखिर में थककर बेड पर बैठते हुए कहा तो निहारिका ने लेपटॉप उनकी और घुमा दिया और कहा,”यहाँ , मुझे यहाँ जाना है”
“इंदौर ? आर यू सीरियस तुम्हे इंदौर देखना है”,सिन्हा जी ने हैरानी से कहा
“यस डेड आई ऍम सीरियस , लुक एट दिस ये कितना खूबसूरत है”,निहारिका ने इंदौर की कुछ तस्वीरें दिखाते हुए कहा
“बट तुमने तो कहा था की ये चीप जगह है”,सिन्हा जी ने कहा
“सॉरी लेकिन कभी कभी छोटे शहरो में कुछ बड़ा मिल जाता है , मुझे इंदौर जाना है डेड प्लीज”,निहारिका ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“ओके फाइन मैं आज ही तुम्हारे लिए टिकट्स बुक करवा देता हूँ”,सिन्हा जी ने कहा तो निहारिका उनके गले आ लगी और कहा,”ओह डेड आई लव यू यू आर द बेस्ट डेड इन दिस वर्ल्ड”
Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21 Haan Ye Mohabbat Hai – 21
क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 22
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संजना किरोड़ीवाल
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👍👍
Hey Bhagwan …yeh ek Pooja naam ki musibat se chutkara hua nahi …ek aur musibat Gale padne wali hai Niharika naam ki…😔😔yeh Meera ne kya kar diya jiju aur Arjun ko phassa diya…Dadu ko koi kuch nahi keh sakta….aur un dono ki jam kar class lag gayi…🤣🤣♥️♥️♥️♥️
ओहो ये पूजा और उसकी मैडम से तो छुटकारा मिला नहीं की एक ओर मुसीबत तैयार बैठी है निहारिका। लेकिन जहां तक मुझे लग रहा है कि मिस्टर सिन्हा को आगे पता चले कि अक्षत आलरेडी मैरिड है ओर would be father है और वह निहारिका को समझाएंगे तो शायद वह मोना जैसा कांड ना करे।
I wish aisa hi ho।
Waiting for next part
Superb part…bechare jiju or arjun ki class lag gai aaj… hamesha bachane wali ne hi fasa diya aaj…ek anar so bimar…mona kam thi jo ab Niharika bhi aa gai akshat k piche…wo Indore sirf akshat k liye ja rhi h … akshat ka ignore krna use chub gya or apne igo satisfaction k liye wo kisi bhi had tk jaayegi… waiting eagerly for next part
Meera aur akshit ki lyf mein fir se siyaapa paine vala hai😔😔😔
Aab ye niharika alag jeena haram karne aa rahi hai
मीरा किस किस से बचेगी…पूजा से या निहारिका से…
Ye Niharika meera aur Akshat ki life me problems lane vali h