Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 20

Haan Ye Mohabbat Hai – 20

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

मीरा चक्कर खाकर नीचे गिर पड़ी। नीता चिल्लाई तो सभी घरवाले दौड़े चले आये। राधा ने अर्जुन को आवाज दी , अर्जुन दौड़ा चला आया उनसे मीरा को जमीन पर गिरे हुए देखा तो उसके पास आया और उसे सम्हालते हुए कहा,”माँ मीरा को क्या हुआ ?”
“पता नहीं बेटा नीता चिल्लाई तो मैं बाहर आयी देखा मीरा नीचे बेहोश गिरी हुई थी , अर्जुन जल्दी से डॉक्टर को फोन कर”,राधा ने घबराई हुई आवाज में कहा
“हां माँ मैं करता हूँ”,कहकर अर्जुन अपने फैमिली डॉक्टर कपूर को फोन करने लगा। डॉक्टर कपूर उस वक्त शहर से बाहर थे उन्होंने आने से मना कर दिया। अर्जुन ने फोन जेब में डाला और कहा,”माँ कपूर अंकल इंदौर से बाहर है , एक काम करते है मीरा को हॉस्पिटल लेकर चलते है”
“हाँ ये सही रहेगा अर्जुन”,तनु ने कहा तो अर्जुन ने मीरा को अपनी गोद में उठाया और घर से बाहर आ गया उसने गाड़ी की पिछली सीट पर मीरा को लेटाया , मीरा का सर राधा की गोद में था , वे लगातार मीरा का सर सहला रही थी चिंता उनके चेहरे से साफ झलक रही थी। उन्होंने अर्जुन से कहा,”अर्जुन जल्दी चल ना बेटा” राधा कही परेशान ना हो जाये सोचकर तनु भी आगे की सीट पर बैठ गयी और पीछे मुड़कर मीरा का हाथ सहलाने लगी लेकिन मीरा को होश नहीं था
“हाँ माँ बस”,कहकर अर्जुन नीता के पास आया और कहा,”नीतू तुम यही रुको चीकू और दादाजी अकेले है , मैं मीरा को लेकर हॉस्पिटल जाता हूँ”
“हां ठीक है ध्यान से”,नीता को भी मीरा की परवाह होने लगी थी। रिश्ते में दोनों देवरानी जेठानी थी लेकिन बहनो से भी गहरा प्यार था दोनों में। अर्जुन गाड़ी लेकर वहा से चला गया। चीकू अपनी गुड़िया का हाथ पकडे आया और जाती हुई गाड़ी को देखकर कहा,”मम्मा मीरु , मम्मा मीरु मीरु”
“चीकू चलो अंदर चलते है”,नीता चीकू को अंदर ले आयी। पूजा खिड़की की तरफ से निकलकर अंदर आयी , वह मन ही मन बहुत खुश थी इस घर में आकर पहले ही दिन उसने अपने काम को अंजाम जो दे दिया था। वह नीता के पास आयी और कहा,”क्या हुआ दीदी ?”
“मीरा चक्कर आकर गिर पड़ी , अर्जुन जी उन्हें लेकर हॉस्पिटल गए है”,नीता ने बुझे मन से कहा
“चक्कर आकर नहीं मीरा मेरी जहर वाली चाय पीकर बेहोश हुई है अब धीरे धीरे वो जहर उस पर असर करेगा और दो मिनिट बाद वो इस दुनिया को अलविदा कह देगी,,,,,,,,,,,,,,बेचारी मीरा उसे इतना भी अच्छा नहीं होना चाहिए था , खामखा अपनी जान गवा बैठी”,पूजा ने मन ही मन कहा

अर्जुन मीरा को लेकर हॉस्पिटल पहुंचा और उसे एडमिट करवाया। इमरजेंसी के बाहर राधा और तनु बेंच पर बैठी थी और अर्जुन यहाँ वहा चक्कर काट रहा था। अक्षत घर आया देखा घर में बिल्कुल सन्नाटा है , उसने राधा , मीरा को आवाज दी पर किसी ने जवाब नहीं दिया ,, नीता चीकू को ऊपर सुलाने गयी थी अक्षत की आवाज सुनकर नीचे आयी , अक्षत को देखा तो उसके पास आकर कहा,”अच्छा हुआ आप आ गये”
“भाभी बाकि सब कहा है ? भाई , माँ , तनु दी और मीरा कोई दिखाई नहीं दे रहा , कहा गए सब ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“वो सब हॉस्पिटल गए है”,नीता ने कहा तो अक्षत का दिल धड़क उठा उसने घबराकर कहा,”क्यों ? सब ठीक है ना , माँ माँ तो ठीक है ना उन्हें कुछ हुआ तो नहीं ना ?”,अक्षत ने एक साथ कई सवाल कर डाले
“माँ ठीक है देवर जी , मीरा,,,,,,,,,,,,,,,!”,नीता आगे कह ही नहीं पाई इस से पहले ही अक्षत बोल पड़ा,”मीरा ? क्या हुआ मीरा को ? वो ठीक है न भाभी ? मुझे उसे अकेले छोड़कर जाना ही नहीं चाहिए था , वो कल से बीमार थी और मैंने उस पर ध्यान ही नहीं दिया , कौनसे कौनसे हॉस्पिटल गए है सब ?”
मीरा के नाम से ही अक्षत के चेहरे पर परेशानी के भाव आ गए।
“सिटी हॉस्पिटल गए है”,नीता ने इतना ही कहा की अक्षत बाहर आया बाइक स्टार्ट की और वहा से निकल गया। अक्षत जितनी तेज बाइक चला सकता था उसने चलाई। दिमाग में कई सारे ख्याल आ रहे थे। उसने हॉस्पिटल के सामने आकर बाइक रोकी और भागकर रिसेप्शन पर आया।
“मीरा अक्षत व्यास ?”,अक्षत ने रिसेप्शन पर बैठी लड़की से पूछा
“रूम नंबर 201 सर”,लड़की ने चेक करते हुए कहा
“थैंक्यू”,कहते हुए अक्षत लिफ्ट की और आया लेकिन बिजी देखकर सीढ़ियों की तरफ भागा , सेकेण्ड फ्लोर पर आकर उसकी नजर रूम नंबर 201 पर गयी और अक्षत जल्दी से उसमे आया देखा मीरा सामने बिस्तर पर लेटी हुयी थी। तनु , अर्जुन और राधा खामोश और उदास चेहरे लिए वहा बैठे थे। उनके उतरे हुए चेहरे देखकर अक्षत का दिल किसी अनहोनी से धड़क उठा और उसने अर्जुन के पास आकर कहा,”भाई , भाई क्या हुआ मीरा को ? भाभी ने बताया उसे चक्कर आ गया था , आप उसे हॉस्पिटल लेकर आये हो , भाई बोलो ना कुछ”
अर्जुन ने कोई जवाब नहीं दिया तो अक्षत का दिल और तेज धड़कने लगा , वह तनु के पास आया और उस से मीरा के बारे में पूछा लेकिन तनु ने भी कुछ नहीं बताया। अक्षत राधा के पास आया और दुखी स्वर में कहा,”माँ यार प्लीज आप तो बताओ मीरा को क्या हुआ है ?”
“मीरा माँ बनने वाली है”,राधा ने सहजता से कहा
अक्षत अब तक टेंशन में आ चुका था इसलिए पहले तो मीरा की और पलट गया पर जैसे ही राधा की बात पर गौर किया ख़ुशी से उनकी और पलटा और धड़कते दिल के साथ कहा,”क्या क्या कहा अापने ?”
अर्जुन मुस्कुराते हुए अक्षत के पास आया और उसने कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”माँ ने कहा है की मीरा माँ बनने वाली है”
“मतलब मैं,,,,,,,,,,,मैं पापा बनने वाला हूँ”,अक्षत अपनी ख़ुशी जाहिर नहीं कर पा रहा था उसका दिल बहुत तेज धड़क रहा था और ख़ुशी चेहरे से साफ झलक रही थी , ख़ुशी के मारे उसके होंठ काँप रहे थे।
अर्जुन ने अक्षत को इतना खुश देखा तो उसे गले लगाकर कहा,”हां मेरे भाई तू पापा बनने वाला है , हमारे घर में एक नन्हा मेहमान आने वाला है,,,,,,,,,,,,,,मुबारक हो तुम बाप बनने वाले हो”
अक्षत की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। वह राधा के पास आया तो राधा ने कहा,”पगला कैसे परेशान हो गया था , आशु तेरी मीरा बिल्कुल ठीक है माँ बनने वाली है ना इसलिए कमजोरी की वजह से चक्कर आ गया था उसे , अभी सो रही है जब उठेगी तब बात कर लेना उस से”
अक्षत को अब शर्म आने लगी थी उसने मुस्कुराते हुए मीरा की और देखा तो राधा ने कहा,”बहुत बहुत बधाई हो तुम दोनों को”
अक्षत ने सूना तो राधा को गले लगाया और फिर तनु के पास आकर थोड़ा मुंह बनाते हुए कहा,”तो ये आप सब का प्लान था मुझे परेशान करने का”
“सॉरी”,तनु ने प्यार से अपने दोनों कान पकड़ते हुए कहा
“अरे इट्स ओके दी , आप फिर से भुआ बनने वाली है”,अक्षत ने उन्हें साइड हग करते हुए कहा तो अर्जुन और राधा हंस पड़े। अर्जुन विजय जी को फोन किया तो वे सोमित के साथ सीधे हॉस्पिटल ही चले आये। मीरा को भी तब तक होश आ चुका था , वह बिस्तर पर बैठी हुई थी , विजय ने आकर अक्षत और मीरा को बधाई दी और फिर प्यार से मीरा का सहलाते हुए कहा,”अब से अपना और अपने होने वाले बच्चे का पूरा ध्यान रखना है मीरा”
जवाब में मीरा बस मुस्कुरा दी उसे सबके बीच बहुत शर्म आ रही थी। राधा , तनु , अर्जुन और विजय जी वही मीरा के साथ हंसी मजाक करने लगे। अक्षत जीजू के पास आया और शर्माने की एक्टिंग करने लगा उन्होंने देखा तो कहा,”भई मुबारक हो साले साहब इतनी जल्दी खुशखबरी दे दी आपने तो”
“क्या यार जीजू,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने शरमाते हुए कहा
जीजू ने उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खिंचा और कहा,”मुबारक हो , एक लड़के की जिंदगी में ये लम्हा बहुत खूबसूरत माना जाता है”
“थैंक्यू”,अक्षत ने सोमित से दूर होकर कहा
“सिर्फ थैंक्यू से काम नहीं चलेगा , पार्टी चाहिए वो वाली”,जीजू ने अक्षत को कोडवर्ड में समझाया तो अक्षत ने हामी में गर्दन हिला दी। अक्षत के कंधे पर हाथ रखे हुए जीजू बाकि सबके बीच आये और मीरा को भी बधाई दी।
कुछ देर बाद सोमित ने सबको बाहर चलने का इशारा किया। एक एक करके सभी बाहर चले गए। अक्षत भी आने लगा तो सोमित ने कहा,”अरे साले साहब आप कहा , मीरा के पास रुकिए ना”
“हम्म्म “,कहकर अक्षत वही रुक गया और बाकि सब कमरे से बाहर चले गए। विजय जी ने अर्जुन से कहा की डॉक्टर से मिलकर मीरा का डिस्चार्ज बनवा ले और खुद बाकि सबके साथ नीचे चले आये। अक्षत मीरा के पास आया , दोनों एक दूसरे को देखते रहे और फिर अक्षत ने कहा,”मीरा”
“हम्म्म्म”,मीरा ने कहा
“थैंक्यू”,अक्षत ने मुस्कुरा कर बड़े प्यार से कहा
“थैंक्यू किसलिए ?”,मीरा ने कहा तो अक्षत आकर उसकी बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा , उसने मीरा का हाथ अपने हाथ में थाम लिया और कहने लगा,”थैंक्यू इसलिए की तुम मेरी जिंदगी में आयी, थैंक्यू तुमने मुझ जैसे सडु (मुस्कुराते हुए) इंसान को सुधार दिया , थैंक्यू तुमने मुझसे शादी की और थैंक्यू हमारे बीच इस नन्ही सी जान को लाने के लिए ,, तुम माँ बनने वाली हो इस से बड़ी ख़ुशी की बात मेरे लिए क्या हो सकती है ? और इस फीलिंग को तुम्हारे साथ साथ मैं भी महसूस कर रहा हूँ। घर में सब कितने खुश है मीरा और मैं तो अपनी ख़ुशी शब्दों में भी बयां नहीं कर सकता , थैंक्यू मुझे इतनी बड़ी ख़ुशी देने के लिए” कहते हुए अक्षत मीरा का हाथ चुम लेता है।
शरमा कर मीरा दूसरी और देखने लगती है तो अक्षत अपना सर उसके सर के पास रख देता है , अक्षत की गर्म सांसो का स्पर्श मीरा को महसूस हो रहा था। मीरा ने अपनी गर्दन अक्षत की और घुमाई तो सहसा ही उसके होंठ अक्षत के माथे को छू गए , मीरा कहने लगी,”अक्षत जी हमारा प्यार कामयाब हुआ , हमारे प्यार की निशानी , आपका अंश हमारी कोख में है ,, उसे भी उतना ही प्यार दीजियेगा जितना हमे दिया। आपका प्यार और आपका साथ हमारे लिए सब कुछ है , एंड थैंक्यू आपने हमे अपनी जिंदगी में शामिल किया वरना हम कभी जान ही नहीं पाते प्यार इतना खूबसूरत होता है।”
“मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने मीरा के सर से अपना सर लगाए आँखे मूंदे उसके हाथ की उंगलियों को अपनी उंगलियों से थामते हुए कहा
“ह्म्म्मम्म”,मीरा ने कहा
“आई लव यू”,अक्षत ने कहा
मीरा ने कुछ नहीं कहा बस एक बार फिर अक्षत का सर चुम लिया। एक सुखद अहसास अक्षत को हुआ उसने अपनी आंखे खोली और कहा,”हमेशा मुझसे इतना ही प्यार करोगी ना ?”
“हमारा प्यार आपके लिए कभी कम नहीं होगा अक्षत जी”,मीरा ने कहा अक्षत उसकी आँखों में देखने लगा जिनमे उसे भरोसा और अपने लिए बेइंतहा प्यार नजर आ रहा था

दोनों एक दूसरे की आँखो में खोये हुए थे की किसी ने दरवाजा खटखटाया , अक्षत मीरा से दूर हटा तो अर्जुन डॉक्टर के साथ अंदर आया। डॉक्टर ने मीरा को कुछ दवाईया और परहेज बताये और दो दिन बाद आकर मिलने को कहा। डॉक्टर चला गया , उसने मीरा को घर जाने की परमिशन दे दी तो अर्जुन ने कहा,”चले मीरा ?”
“हम्म्म”,मीरा ने कहा
अर्जुन अक्षत और मीरा को साथ लेकर कमरे से बाहर आ गया। चलते चलते अक्षत ने मीरा का हाथ अपने हाथ में थाम लिया और सामने देखते हुए चलने लगा। मीरा ने देखा तो अक्षत को देखकर मीरा ने मन ही मन कहा,”बस हमेशा ऐसे ही हमारे साथ रहिएगा अक्षत जी , जिंदगी से हमे और कुछ नहीं चाहिए”
सभी मीरा को सही सलामत घर ले आये। घर आकर विजय जी जब दादू-दादी , नीता और निधि को बताया तो सबके चेहरे ख़ुशी से खिल उठे। निधि ने तो अपनी दोस्त मीरा को गले ही लगा लिया और एक्साइटेड होकर कहा,”कोन्ग्रेचुलेशन मीरा”
“थैंक्यू निधि”,मीरा ने कहा
अक्षत और मीरा ने दादू और दादी के पैर छुए दोनों ने उन्हें खुश रहने का आशीर्वाद दिया। रघु और पूजा डायनिंग टेबल के पास खड़े थे , रघु जितना खुश था पूजा मन ही मन में परेशान की ये सब क्या हो गया ? कहा वह मीरा के मरने का सपना देख रही थी और देखने को कुछ और ही मिला। विजय जी ने अपनी जेब से 500-500 के कुछ नोट निकाले और रघु और पूजा को देने उनकी और बढ़ गए। रघु ने तो ख़ुशी ख़ुशी ले लिए लेकिन पूजा ने आनाकानी की तो विजय जी ने कहा,”अरे रखो भई घर में ख़ुशी का माहौल है।”
दादू सबसे ज्यादा खुश थे आखिर फेवरेट पोता बाप जो बनने वाला था। राधा मीरा को लेकर घर के मंदिर में आयी और थाल में रखा पवित्र धागा उठाकर मीरा के हाथ पर बांधते हुए कहा,”अब से अपना पूरा ख्याल रखना है”
“जी माँ”,मीरा ने कहा तो राधा ने मुस्कुराते हुए उसके गाल को छुआ और उसे अपने साथ ले आयी।
सभी हॉल में बैठकर बातें करने में लगे हुए थे। मीरा भी आज उन सबके बीच बैठी हुयी थी। रघु नीता की मदद कर रहा था ,, पूजा वहा से बाहर चली गयी गार्डन एरिया में आकर उसने अपने कान में ब्लूटूथ लगाई और किसी को फोन लगाया।

मिलों दूर ऊँची सी बिल्डिंग के कमरे में बैठी लड़की ने फोन उठाया और कहा,”हाँ बोलो इस वक्त फोन क्यों किया ?”
“मैडम मैंने सोचा पहले दिन ही उस मीरा का काम तमाम कर दूंगी लेकिन वो बच गयी”,पूजा ने घबराते हुए दबी आवाज में कहा
“हेव यू लोस्टेड ? तुमसे मैंने क्या कहा था पहले उस घर के लोगो का भरोसा जितना है उसके बाद ऐसा कुछ करना है , अगर तुम पकड़ी जाती तो तुम्हारे चक्कर में मैं भी सामने आ जाती , लिस्टन ऐसी बेवकूफी दोबारा मत करना जब मैं कहू तब अपने काम को अंजाम देना है समझी तुम”,दूसरी और से लड़की ने गुस्से से कहा
“सॉरी मैडम वैसे एक बुरी खबर है”,पूजा ने फिर डरते डरते कहा
“अब क्या हुआ ?”,लड़की गुस्से से झल्लायी
“वो वो मीरा माँ बनने वाली है”,पूजा ने जैसे ही कहा दूसरी और से फोन कट गया। लड़की ने हाथ में पकड़ा फोन गुस्से में आकर दिवार पर दे मारा , उसका गुस्सा बता रहा था की उसे मीरा से बेइंतहा नफरत थी।

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संजना किरोड़ीवाल

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