Sanjana Kirodiwal

Story with Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“हाँ ये मोहब्बत है” – 2

Haan Ye Mohabbat Hai – 2

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

अक्षत से नाराज होकर मीरा नीचे चली आती है। किचन में आकर देखती है नीता ने सारा नाश्ता तैयार कर दिया है तो उसने कहा,”भाभी आप हाथ धो लीजिये हम सबके लिए नाश्ता लगा देते है”
“ठीक है मीरा”,कहकर नीता बाहर चली गयी। मीरा ने सारा नाश्ता बाहर टेबल पर लगाया , दादू , विजय जी , अर्जुन , निधि आकर नाश्ते के लिए बैठ गए। राधा पास ही में खड़ी थी उसे देखकर विजय ने कहा,”राधा तुम खड़ी क्यों हो ? आओ बैठो नाश्ता करो”
“अरे नहीं नहीं मैं आप सबके साथ कैसे बैठ सकती हू ?”,राधा ने कहा
“अरे बहू कोई बड़ी बात नहीं है , वैसे भी दो दो बहुओ की सास बन चुकी हूँ अब तो साथ बैठकर खा सकती हो”,दादू ने कहा
“नहीं पिताजी मैं बाद में खा लुंगी अभी आप सब खाइये”,राधा ने झिझकते हुए कहा
“बैठिये ना माँ”,अर्जुन ने कहा तो राधा आकर बैठ गयी।
मीरा और नीता सबके लिए नाश्ता परोसा , मीरा दादी माँ का नाश्ता उनके कमरे में ही रखकर आ गयी , वापस आयी तो देखा बाकि सब नाश्ता कर रहे है और नीता कटोरी लिए चीकू को खिलाने उसके पीछे पीछे दौड़ रही है। मीरा उसके पास आयी और कहा,”भाभी लाईये हम खिला देते है”
नीता कटोरी उसे पकड़ाकर चली गयी। मीरा हॉल की साइड आकर बैठी और चीकू की और देखकर कहा,”अहम्म्म्म कितना टेस्टी नाश्ता है , जो भी इसे खायेगा उसे चॉकलेट्स मिलेंगे”
चीकू ने सूना तो मीरा को देखा , चीकू को अपनी और देखता पाकर मीरा ने कहा,” चीकू आपको चॉकलेट्स चाहिए ?”
2 साल का बच्चा चॉकलेट्स का मतलब भला क्या समझता लेकिन मीरा की बातों से वह आकर्षित हुआ और उसकी और चला आया। मीरा ने उसे प्यार से खिलाना शुरू किया , कभी उसे बातो से बहलाकर तो कभी खुद खाने का नाटक करके वह उसे खिलाते जा रही थी ! कुछ देर बाद अक्षत भी नीचे चला आया उसने ट्राउजर और टीशर्ट पहना हुआ था , अभी अभी नहाकर आया था। नीचे आकर जब उसने मीरा की तरफ देखा तो मीरा ने मुंह बना दिया। अक्षत मुस्कुराते हुए जाकर नाश्ते के लिए आ बैठा। नीता ने उसके लिए भी नाश्ता परोस दिया , अक्षत ने एक बार फिर मीरा की और देखा लेकिन मीरा चीकू को खाना खिलाने में बिजी थी। अक्षत ने आवाज लगायी,”हे चैम्प !”
अक्षत की आवाज सुनकर चीकू उसकी और चला गया , अक्षत ने उसे उठाकर अपने पास वाली कुर्सी पर बैठाया और कहा,”उस मीरा के साथ नहीं रहना है वो तुम्हे भी अपनी तरह बोरिंग बना देगी”
“ए नालायक क्या उल्टा सीधा सीखा रहा है बच्चे को ?”,दादू ने कहा तो चीकू के साथ साथ अक्षत भी मुस्कुरा उठा। मीरा दूसरे कामो में लग गयी। नाश्ता करने के बाद विजय ने कहा,”पापा आज शाम को हनी के घरवाले आ रहे है , सगाई की तारीख तय करने”
“ये तो अच्छी बात है बेटा , निधि का कॉलेज भी पूरा हो चुका है , आगे की पढाई वह शादी के बाद कर लेगी”,दादू ने कहा
“हां पिताजी हनी के मम्मी पापा से बात हुई थी , उन्होंने कहा है की उन्हें निधि के आगे की पढाई से कोई ऐतराज नहीं है”,राधा ने कहा।
“तो फिर तय रहा आज शाम वो आ रहे है , बाकि जरफुरि बातें उनसे आज शाम में ही कर लेंगे”,विजय ने उठते हुए कहा
“ठीक है बेटा , तुम और अर्जुन आज जल्दी आ जाना ऑफिस से”,दादू ने कहा
“अर्जुन चले बेटा ?”,विजय ने अर्जुन की और देखकर कहा
“पापा आप गाड़ी लेकर जाईये , मुझे थोड़ा काम रहेगा बाहर तो मैं बाइक से आ जाऊंगा”,अर्जुन ने कहा तो विजय जी अपना बैग लेकर ऑफिस के लिए निकल गए। दादू अपने कमरे की और चले गए , नीता भी कीचन में काम देखने लगी और और अर्जुन ऊपर चला गया। निचे हॉल में अक्षत मीरा और चीकू ही थे। मीरा अभी भी अक्षत से नाराज थी ये देखकर अक्षत ने ऊँची आवाज मे चीकू से कहा,”यार चीकू कुछ ज्यादा ही नाराजगी नहीं दिखाने लगे है घरवाले”
चीकू क्या समझता वह तो बस बैठा सेब से खेल रहा था। मीरा के कानो में अक्षत की आवाज पड़ी तो वह अक्षत के पास आयी और कहा,”सीधे बात करने में शर्म आती है ?”
“सॉरी !”,अक्षत ने अपने दोनों कान पकड़कर कहा तो पास बैठा चीकू ने भी उसकी नक़ल करने लगा। ये देखकर मीरा ने उसके गाल पर किस करते हुए कहा,”आपको सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है बेटा”
जैसे ही मीरा जाने लगी अक्षत ने उसे हाथ पकड़कर रोक लिया , मीरा ने पलटकर इशारे से पूछा तो अक्षत ने गाल पर ऊँगली रखते हुए कहा,”और मेरा किस ?’
“शर्म नहीं आती आपको बच्चो के सामने ऐसी बाते करते हुए”,मीरा ने कहा
“चीकू से कैसी शर्म ? कल को इसकी भी तो कोई चिक्की होगी ना”,अक्षत ने कहा तो मीरा ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा,”लेकिन हम आपकी तरह बेशर्म नहीं है”
“मीरा मीरा सुनो तो मीरा”,अक्षत बोलता ही रह गया और मीरा वहा से चली गयी। अक्षत उठा और चीकू से कहा,”चीकू घूमने चले”
“हे हे घूमी घूमी”,चीकू कुर्सी पर खड़े होकर कूदने लगा , अक्षत ने उसे गोद में उठाया और बाइक की चाबी लेकर बाहर आ गया , उसने चीकू को अपने आगे बाइक पर बैठाया और बाइक स्टार्ट करके वहा से निकल गया।
मीरा ने नाश्ता किया और ऊपर अपने कमरे में चली आयी। कमरे में आकर उसने पहले यहाँ वहा अक्षत के कपड़ो को उठाया और बाथरूम मे जाकर उन्हें मशीन में डाल दिया। वापस आकर कमरे को साफ किया , बेडशीट चेंज की , इधर उधर बिखरे सामान को सही जगह जमाया। अभी वह अपना काम कर ही रही थी की तभी मीरा का फोन बजा , मीरा ने फोन उठाया देखा फोन “एनजीओ” से था जिसे मीरा ने शुरू किया। मीरा ने फोन उठाया और कहा,”हेलो”
“नमस्ते मैडम , मैं अखिलेश बात कर रहा हूँ ,, सॉरी टू डिस्टर्ब यू आज शाम एनजीओ में एक छोटा सा फंक्शन है ,, सभी चाहते है की आप आये। आपकी शादी के बाद से आप पर काफी जिम्मेदारियां आ गयी है हम सब जानते है , लेकिन आप थोड़ा टाइम निकालकर आती तो हमे अच्छा लगता”,अखिलेश ने कहा (मीरा के बाद इस एनजीओ को अखिलेश ही सम्हाल रहा था)
“माफ़ कीजियेगा आज शाम घर में कुछ मेहमान आने वाले है , हम नहीं आ पाएंगे”,मीरा ने कहा
“इट्स ओके मेम , आप आती तो बच्चो को अच्छा लगता”,अखिलेश ने कहा
“अखिलेश जी हम जरूर आते लेकिन घर में जरुरी काम है , आज नहीं लेकिन जल्द ही हम बच्चो से आकर मिलेंगे”,मीरा ने कहा
“ठीक है मेम , रखता हूँ”,कहकर अखिलेश ने फोन काट दिया !
मीरा ने फोन साइड में रखा और सोच में पड़ गयी शादी के बाद तो वह जैसे अपने सपने को भूल ही गयी थीअक्षत से शादी होन के बाद मीरा घर की जिम्मेदारियों में ही उलझकर रह गयी थी। ना उसके पास अपने सपनो के लिए वक्त था ना ही अपने एनजीओ के लिए। मीरा बैठे बैठे सोच ही रही थी की अक्षत वहा आया , मीरा को अक्षत के आने का पता ही नहीं चला। अक्षत उसके सामने आकर बैठा और चुटकी बजाकर कहा,”हे कहा खोयी हो ?”
“आप कब आये ?”,मीरा ने अपनी सोच से बाहर आकर कहा
“बस अभी अभी , वैसे क्या रही थी तुम ?”,अक्षत ने प्यार से पूछा
मीरा ने अक्षत के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”अक्षत जी , जबसे हमारी शादी हुई है एनजीओ पर ध्यान ही नहीं दे पाए है हम , कई बार वहा से फोन भी आया लेकिन जा नहीं पा रहे। एक अधूरापन सा लगता है हमे आजकल , जैसे किसी जरुरी चीज को खुद से दूर कर दिया हो हमने”
“बस इतनी सी बात , कल से तुम एनजीओ जाना शुरू कर दो। देखो मीरा मैंने तुमसे शादी की है इसका मतलब ये नहीं है की मेरे लिए तुम अपने सपनो को छोड़ दो , वैसे भी कुछ दिन बाद मैं दिल्ली जाने वाला हूँ , कोर्ट सेशन शुरू होने वाले है। मैं नहीं रहूंगा तो तुम बोर हो जाओगी इसलिए तुम कल से ही अपने एनजीओ
को देखभाल शुरू कर दो”,अक्षत ने कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी , उसे मुस्कुराते देखकर अक्षत ने कहा,”वैसे ये ख़ुशी एनजीओ जाने की है या मेरे दिल्ली जाने की ?”
“क्या आप भी ? आपका दूर जाना हमारे लिए हमारी जान जाने जैसा है लेकिन हमे आपको आगे बढ़ते देखना है , आपको इतना ऊंचाई पर देखना है जहा आपको हर परेशानी छोटी लगे”,मीरा ने कहा तो अक्षत ने उसे गले लगाकर कहा,”इतना काफी है मीरा , मुझे तुम्हारे साथ रहकर कामयाब बनना है तुमसे दूर जाकर नहीं”
“अच्छा तो फिर दिल्ली क्यों जा रहे है ?”,मीरा ने कहा तो अक्षत मीरा से दूर हटा और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”तुम कहोगी तो नहीं जाऊंगा”
“जाईये बस जल्दी वापस आजाईयेगा”,मीरा ने कहा अक्षत उसे देखता रहा और फिर उठकर दिवार के पास आकर अपने बनाये डिजाईन को देखकर कहने लगा,”पता है मीरा मेरा और अर्जुन भैया का सबसे बड़ा सपना तो यही है “अमायरा” , इसके लिए मैंने बहुत मेहनत की है इस संडे एक मीटिंग है उसमे क्लाइंट से मिलकर ये नया काम फिक्स करना है।”
“आप जरूर सफल होंगे”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा अक्षत वापस आया और आकर मीरा की सर रखकर लेट गया और कहा,”वैसे मीरा हमारे पहले बच्चे ना नाम हम लोग अमायरा ही रखेंगे”
“हम्म्म्म”,मीरा ने अक्षत के बालो में हाथ घुमाते हुए मुस्कुराकर कहा अक्षत उसकी गोद में लेटे हुए बातें करता रहा और मीरा प्यार से उसके बालो में उंगलिया घुमाती रही बाते करते करते कब अक्षत को नींद आ गयी उसे पता ही नहीं चला। मीरा ने देखा तो उसने धीरे से अक्षत का सर उठाया और तकिया लगा दिया। घडी की और देखा दोपहर के 2 बज रहे थे। मीरा उठी और दरवाजा बंद करके बाहर आ गयी नीचे आकर उसने राधा के साथ मिलकर दोपहर का खाना बनाया। विजय और अर्जुन तो ऑफिस में थे निधि अपनी दोस्तो के साथ मार्किट गयी हुई थी। मीरा ने बाकी सब को खाना खिलाया और फिर किचन की सफाई में लग गयी ये देखकर राधा ने कहा,”मीरा खाना नहीं खाओगी ?”
“माँ अक्षत जी सो रहे है उन्होंने नहीं खाया उनसे पहले हम कैसे खा सकते है ?”,मीरा ने कहा
“वो तो नालायक है , ये कोई सोने का टाइम है उसके चक्कर में तुम क्यों भूखी रहोगी चलो चलकर पहले खाना खाओ”,राधा ने उसके हाथ से बर्तन लेकर सिंक में रखते हुए कहा।
“लेकिन माँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,मीरा ने कहना चाहा तो राधा ने कहा,”लेकिन वेकिन कुछ नहीं मीरा पत्नीधर्म निभाने के और भी कई तरीके है , भूखे रहकर खुद को तकलीफ देकर निभाया धर्म पत्नीधर्म नहीं होता है , अब चलकर खाना खा लो”
राधा की बात सुनकर मीरा किचन से बाहर चली आयी और नीता के साथ बैठकर खाना खाने लगी। खाने के बाद सभी काम निपटाकर राधा और नीता अपने कमरे में चली गयी , मीरा को दिन में कभी नींद नहीं आती थी इसलिए वह हॉल में आकर रघु की मदद से परदे और सोफे के कवर बदलने लगी। सभी काम होने के बाद रघु भी आराम करने बाहर अपने कमरे में चला गया। शाम को हनी और उसके घरवाले आने वाले है सोचकर मीरा ने उनके लिए कचौड़िया बनाने का बंदोबस्त कर दिया। सभी काम करते करते शाम के 5 बज चुके थे दादू की चाय का वक्त हो चुका था , राधा अपने कमरे से आयी और देखा मीरा काम में लगी है तो उन्होंने कहा,”मीरा तुम ऊपर जाकर तैयार हो जाओ , हनी और उसके घरवाले आते ही होंगे और हां आशु को भी उठा देना”
“जी माँ !”,कहकर मीरा वहा से चली गयी , राधा ने अपने और दादू के लिए चाय चढ़ा दी , विजय और अर्जुन भी घर आ चुका था आकर दोनों हॉल में ही बैठकर किसी मीटिंग के बारे में चर्चा करने लगे। राधा उनके लिए चाय लेकर आयी और विजय को चाय देते हुए कहा,”कितनी बार कहा है आपसे , ऑफिस की बाते ऑफिस में ही रखकर आया कीजिये , अब चाय पीजिये और फिर फर्श हो जाईये वे लोग आते ही होंगे”
“हां ठीक है , अक्षत कहा है ?”,विजय जी ने पूछा
“सो रहा है !”,राधा ने दादू के कमरे की और जाते हुए कहा
“शादी हो गयी है लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं”,विजय जी ने अक्षत के लिए कहा और चाय पीने लगे !
मीरा ने अपने लिए साड़ी निकाली उसे पहना और साथ में मैचिंग सिम्पल ज्वेलरी भी , उसने शीशे में खुद को देखते हुए मांग में सिंदूर भरा , बिंदी लगाई और आँखों में काजल लगाने लगी। अपनी साड़ी सही करते हुए शीशे में देखा तो पाया की अक्षत उसके पीछे ही खड़ा है , मीरा मुस्कुराई तो अक्षत उसके पास आया और पीछे से उसे अपनी बांहो में भरकर अपने होंठो को उसके कंधे पर रख दिया। मीरा अक्षत की और पलटी और कहा,”नीचे मेहमान आने वाले है , कपडे चेंज करके आप भी नीचे आ जाईये”
“हम्म्म , ठीक है”,अक्षत ने कहा और फिर मीरा की आँख के किनारे से काजल निकालकर उसके कान के पीछे लगाते हुए कहा,”बहुत सुंदर लग रही हो”
“थैंक्यू , जल्दी आईयेगा”,कहकर मीरा चली गई , अक्षत ने कबर्ड से अपने लिए कपडे निकालकर रखे और फ्रेश होने वाशरूम की और चला गया। मीरा नीचे आयी , नीता भी आ चुकी थी , कुछ देर बाद हनी और उसके मम्मी पापा आये। राधा और विजय जी ने उनका स्वागत किया सभी अंदर आकर बैठे। निधि भी मार्किट से आ चुकी थी उसे देखकर हनी ने धीरे से हाथ हिलाकर हाय कहा , विजय जी , दादू , अर्जुन और हनी के घरवाले सभी हॉल में बैठे थे। नीता और मीरा उनकी मेहमान-नवाजी में लगी थी। अक्षत वहा नहीं था , विजय जी ने राधा की और देखा तो मीरा ने धीरे से कहा,”पापा हम बुलाकर लाते है”
मीरा ऊपर आयी तो देखा अक्षत शर्ट पहन रहा है। मीरा उसके पास आयी और कहा,”सब लोग नीचे आ चुके है , पापा आपको बुला रहे है”
“हां मैं आ ही रहा था लेकिन ये बटन,,,,,,,,,,,,!”,अक्षत ने पहनी हुई शर्ट का टुटा हुआ बटन मीरा को दिखाते हुए कहा
“तो आप दूसरी शर्ट पहन लीजिये ना , मैं निकाल देती हूँ”,मीरा जैसे ही जाने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”नहीं मुझे यही पहनना है , तुम एक काम करो ना ये बटन लगा दो”
“कभी कभी ना आप बिल्कुल बच्चे बन जाते हो , अच्छा बैठो”,कहकर मीरा कबर्ड से सुई धागा ले आई और अक्षत के शर्ट का बटन लगाने लगी। अक्षत जान बुझकर ऐसा कर रहा था क्योकि वह चाहता था मीरा उसके आस पास रहे !!

Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2 Haan Ye Mohabbat Hai – 2

क्रमश – “हाँ ये मोहब्बत है” – 3

Read More – “हाँ ये मोहब्बत है” – 1

Follow Me On – facebook | instagram | youtube

But This Book Here – archanapublication

संजना किरोड़ीवाल

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

25 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!