हाँ ये मोहब्बत है – 15
Haan Ye Mohabbat Hai – 15
अक्षत सोमित को अपने घर ले आया था सोमित के बुरे हालातो के बारे में सिर्फ अक्षत और मीरा को पता था उन्होंने घर में किसी को सच नहीं बताया। आज संडे था इसलिए सब घर पर ही थे। सोमित फ्रेश होकर बाहर चला आया , तनु थकान की वजह से काव्या की बगल में ही लेट गयी और उसे नींद आ गयी। सोमित को देखकर हॉल में बैठे विजय जी ने कहा,”अरे सोमित जी आईये चाय पीजिये”
सोमित आकर सोफे पर बैठ गया , विजय जी ने सामने पड़ा चाय का कप सोमित की और बढ़ा दिया और अपने लिए दूसरी चाय मंगवा ली। सीढ़ियों से उतरते हुए अर्जुन की नजर सोमित पर पड़ी तो उसने उनके पास आकर कहा,”गुड़ मॉर्निंग जीजू”
“गुड़ मॉर्निंग अर्जुन”,जीजू ने थोड़ा हैरानी से कहा
दादी पूजाघर में पूजा कर रही थी और राधा मीरा नीता के साथ किचन में। अर्जुंन भी आकर सोमित के बगल में बैठ गया आज वह बहुत खुश नजर आ रहा था कुछ देर बाद अक्षत भी नीचे चला आया और आते ही सोमित से कहा,”जीजू चाय पी आपने ?”
“हां अभी थोड़ी देर पहले ही पी है”,सोमित ने कहा
“ठीक है एक एक कप और पीते है”,अक्षत ने कहा
“अक्षत आजकल कुछ ज्यादा चाय नहीं पीने लगे हो तुम ?”,विजय जी ने कहा
“उसके लिए आप मीरा से कहो उसी ने सबको आदत डाली है वरना मैं अपनी कॉफी के साथ खुश था,,,,,,,,,,,,,,,,उफ़ क्या दिन थे वो भी”,अक्षत फ्लो फ्लो में बोलता ही गया ये नहीं देखा की मीरा चाय का कप लिए उसके पीछे खड़ी है जीजू ने अक्षत को इशारा किया तो उसने पलटकर देखा और झेंपते हुए कहा,”चाय चाय से अच्छा भला दुनिया में कुछ हो सकता है और वो भी मीरा के हाथ की चाय,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए अक्षत ने चाय का कप उठाया और पीने लगा ये देखकर अर्जुन ने कहा,”देखा पापा कितनी जल्दी बदल गया ये लड़का”
“अच्छा अक्षत तुम बता रहे थे दिल्ली में तुम्हारी कोई मीटिंग थी , क्या हुआ उसका ?”,विजय जी ने कहा
अक्षत ने कोई जवाब नहीं दिया बल्कि अर्जुन की और देखकर मुस्कुराया तो अर्जुन ने उसे कुछ इशारा किया , अक्षत ने चाय का कप रखा और वापस ऊपर गया कुछ देर बाद एक फाइल के साथ आया और फाइल अर्जुन को दे दी। विजय जी को कुछ समझ नहीं आया की दोनों इतना खुश क्यों है ? अर्जुन ने अक्षत को अपनी बगल में आने को कहा और फिर दोनों ने अपने हाथो से विजय जी की और वो फाइल बढाकर कहा,”पापा आपका सपना अमायरा”
विजय जी ने फाइल ली और उसे खोलकर देखा , अमायरा के डिजायन के साथ साथ उसमे काम के सारे पेपर्स थे जो की विजय व्यास के नाम से बने हुए थे।साथ ही दिल्ली की एक बड़ी कम्पनी का अग्रीमेंट था , उसे देखते ही विजय जी की आँखों के आगे अपना सालो पुराना सपना आ गया , अमायरा के नाम के साथ वे अपना डायमंड ज्वेलरी का काम शुरू करना चाहते थे पर उस वक्त ज्यादा पहुँच और पैसा न होने की वजह से विजय जी उस सपने को पूरा नहीं कर पाए लेकिन आज सालो बाद उस लोगो को देखकर विजय जी की आँखे भर आयी। उन्होंने अपने दोनों बेटो की और देखकर कहा,”ये सब कब किया तुम दोनों ने ?”
“दोनों ने नहीं पापा सिर्फ आशु ने मैंने तो बस इसकी थोड़ी हेल्प की थी , कई सालो से हमारा अक्षत इसके पीछे पड़ा था और फाइनली इसने कर दिखाया ,,, आप यकीन नहीं करेंगे पापा दिल्ली के सबसे बड़े बिजनेसमैन मिस्टर सिन्हा जिनके पास किसी के लिए वक्त नहीं होता उन्होंने हमारी कम्पनी को अपने डायमंड्स देने का फैसला किया है”,अर्जुन ने कहा तो विजय जी की आँखों में अक्षत के लिए प्यार उमड़ आया और उन्होंने उठते हुए कहा,”इधर आ”
अक्षत विजय जी के सामने आ खड़ा हुआ विजय जी ने कुछ पल उसे देखा और फिर उसे गले लगाते हुए कहा,”इतना सब क्यों किया तुमने बेटा ? मेरे सपने को अपना सपना बनाकर पूरा कर दिया , आज मैं बहुत खुश हूँ बेटा”
“आप खुश है इस से ज्यादा मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए”,अक्षत ने विजय जी के गले लगे हुए कहा। एक वक्त था जब विजय जी को हमेशा अक्षत से शिकायते रहती थी पर आज उनकी आँखों में अक्षत के लिए सिर्फ सम्मान था और मन में प्यार। विजय जी ने अक्षत के कंधो को पकड़ कर कहा,”आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू बेटा”
“पापा थोड़ी मेहनत मेरी भी है”,अर्जुन ने बाप बेटे का प्यार देखते हुए कहा तो विजय जी ने उसे भी गले लगाया और कहा,”हां मुझे अपने दोनों बेटो पर नाज है”
विजय जी ने राधा से सबको मिठाई खिलाने को कहा। अक्षत को खुश देखकर जीजू ने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा,”बहुत बहुत बधाई हो तुमको”
जवाब में अक्षत मुस्कुरा दिया। राधा ने सबका मुंह मीठा करवाया , निधि वहा आयी तो उसने कहा,”अरे वाह आज मिठाई किस ख़ुशी में खिलाई जा रही है ?”
“तुम्हे तुम्हारे हनी से फुर्सत मिले तब पता चलेगा ना घर में क्या हो रहा है ?”,अक्षत ने निधि को छेड़ते हुए कहा
“देखो ना पापा अक्षत भैया फिर मुझे छेड़ रहे है”,निधि ने विजय जी के सोफे के हत्थे पर बैठते हुए कहा
“ए इसे कोई नहीं छेड़ेगा,,,,,,,,,,,,वैसे तेरा हनी वहा कोई काम करता भी है या सिर्फ तुझसे बात करता रहता है”,विजय जी ने भी आखिर में निधि को छेड़ ही दिया तो निधि ने चिढ़ते हुए कहा,”क्या पापा आप भी भैया की साइड हो गए”
“पापा को पता है तू तो चली जाएगी अगले साल रहना तो इन्हे हमारे साथ ही है”,अर्जुन ने कहा तो निधि ने पास पड़ा कुशन उसकी और फेंककर कहा,”आप तो बोलो ही मत जब आपकी शादी हुई थी आप भी कितना बिजी रहते थे”
“ए मेरे भाई को मारना नहीं”,कहते हुए अक्षत ने वही कुशन उठाकर निधि की और फेंक दिया। विजय जी उठकर अपने कमरे की और चले गए लेकिन उनके जाते ही एक छोटा सा कुशन युद्ध अर्जुन , अक्षत और निधि के बीच में शुरू हो गया। जीजू ख़ामोशी से बैठे बैठे सब देख रहे थे। राधा ने देखा तो उनके पास आयी और कहा,”आशु , अर्जुन क्या कर रहे हो ये तुम दोनों ? बहन को ऐसे कोई मारता है”
“देखो ना माँ दोनों मिलकर मेरी टांग खींच रहे है”,निधि ने राधा के पीछे छुपते हुए कहां तो अक्षत और अर्जुन ने अपने अपने हाथ में पकडे कुशन सोफे पर फेंक दिए। राधा ने देखा सोमित भी वही है तो उनसे कहा,”सोमित जी आपने भी इन्हे मना नहीं किया”
“मौसीजी ये दिन बार बार नहीं आएंगे , कुछ महीनो बाद निधि शादी करके चली जाएगी तब इन दोनों भाईयो को ये पल याद आएंगे”,सोमित ने कहा तो राधा मुस्कुरा उठी और कहा,”हां ये सही कहा आपने”
“बस इस घर की खुशियों को किसी की नजर ना लगे”,सोमित ने कहा तो अक्षत उनके पास आ बैठा और कहा,”इतनी प्यारी फॅमिली को किसी की नजर नहीं लगेगी जीजू हम सब हमेशा साथ रहेंगे खुश रहेंगे एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल रहेंगे”
“अच्छा चलो अब बाते बहुत हो गयी सब चलकर नाश्ता कर लो”,राधा ने कहा। सभी नाश्ता करने के लिए आ बैठे। दादू दादी और विजय जी पहले से वहा थे। अर्जुन , अक्षत , सोमित और निधि भी आ बैठे। नीता ने सबके लिए नाश्ता परोसना शुरू किया तो विजय ने देखा वहा तनु नहीं है उन्होंने सोमित से कहा,”सोमित जी तनु कहा है ?”
“मौसाजी उसकी तबियत थोड़ी ठीक नहीं है इसलिए वो सो रही है”,सोमित ने कहा
“अच्छा बताया नहीं आपने मैं उसे देखकर आती हूँ”,कहते हुए राधा गेस्ट रूम की और चली गयी। अक्षत की नजरे तो अपनी मीरा को ढूंढ रही थी वह बार बार किचन की और देख रहा था सोमित ने देखा तो धीरे से कहा,”सब्र रखो आ जाएगी”
“अरे नहीं मैं तो बस ऐसे ही , नाश्ते के साथ जूस नहीं आया इसलिए,,,,,,,,,,,आप खाइये न”,अक्षत ने कहा तो जीजू नाश्ता करने लगे। नाश्ता करने के बाद सभी इधर उधर हो गए। नीता चीकू को नहलाने के लिए ऊपर ले गयी , निधि अपनी दोस्त से मिलने स्कूटी लेकर चली गयी। दादू बालकनी में बैठे धुप सेकने लगे , दादी बैठकर कोई धार्मिक ग्रंथ पढ़ रही थी। विजय जी अमायरा वाली फाइल लेकर आगे के काम को लेकर अर्जुन से डिस्कस कर रहे थे और अक्षत ऊपर था। मीरा किचन से बाहर आयी तो बगीचे में सोमित अकेले खड़ा है तो वह उनके पास चली आयी और उनकी बगल में खड़े होकर सहजता से कहा,”इतना मत सोचिये जीजू , हम समझ सकते है इस वक्त आपको यहाँ रहना थोड़ा अजीब लग रहा रहा होगा। आप नहीं जानते शायद पर माँ और अक्षत जी आपसे बहुत प्यार करते है और आपकी रिस्पेक्ट भी , अक्षत जी को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में भले हमने बताया हो पर उन जिम्मेदारियों का अहसास उन्हें आपने करवाया है। जीजू,,,,,,,,,,,,,,,आप पहले की तरह मुस्कुराईये ना आप वैसे ही अच्छे लगते है ऐसे सेड सेड नहीं”
सोमित ने सूना तो मीरा की और पलटा और कहा,”मैं वो सब नहीं सोच रहा मीरा , मैं सोच रहा हूँ की मैं कितना खुशनसीब हूँ जिसे ये घर और इसमें रहने वाले लोग मिले। यहाँ सब अच्छे है और सबको बस एक दूसरे की फ़िक्र है , सबकी आँखों में एक दूसरे के सम्मान है , सबके दिल में एक दूसरे के लिए प्यार है और यही इस घर के लोगो की सबसे खूबसूरत बात है। सब मुझे देखकर ऐसे रिएक्ट कर रहे है जैसे कुछ हुआ ही ना हो सब नार्मल पहले की तरह”
“हां वो इसलिए क्योकि कोई भी आपको ये अहसास नहीं दिलाना नहीं चाहता की आप अकेले है , हम सब आपके साथ है जीजू”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा
“आज समझ आया की आशु तुम्हे इतना पसंद क्यों करता है”,जीजू ने प्यार से मीरा का गाल छूकर कहा
“क्यों ?”,मीरा ने कहा
“क्योकि तुम में किसी को भी अपना बना लेने का हुनर है , तुम्हारी सीधी सच्ची बातो से पत्थर भी मोम की तरह पिघल जाये”,सोमित ने कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी और कहा,”और आप के साथ खड़ा हर इंसान खुद को महफूज महसूस करता है , अब मुस्कुरा दीजिये प्लीज”
मीरा के लिए सोमित मुस्कुरा , दोनों अभी बातें कर ही रहे थे की तभी गेट के बाहर एक गाड़ी आकर रुकी और उसमे से एक लड़का निकलकर अंदर आया। उसे देखते ही मीरा ने कहा,”अरे अखिलेश जी आप यहाँ ?”
“सॉरी मैडम संडे के दिन आपको डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था लेकिन चाइल्ड होम में कुछ जरुरी काम आ गया है , एक सर्वे के लिए कुछ अधिकारी आये है और आपसे मिलना चाहते है , सिर्फ 10 मिनिट मेम उसके बाद आप फ्री है”,अखिलेश ने बहुत ही सभ्य तरीके से कहा
“आज इतवार है और आज का दिन हम अपने परिवार के साथ बिताना चाहते है”,मीरा ने कहा
“मेम प्लीज आपका उनसे मिलना बहुत जरुरी है मैंने उनसे बात करने की कोशिश भी लेकिन उनका कहना है की उन्हें वहा के ऑर्नर से ही मिलना है”,अखिलेश ने कहा
“मीरा आई थिंक तुम्हे वहा जाना चाहिए”,सोमित ने कहा
“हां जीजू लेकिन अक्षत जी कल रात ही वापस आये है , हमारा ऐसे चले जाना उन्हें,,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा
“वर्क इज इम्पोर्टेन्ट मीरा , तुम्हे जाना चाहिए”,पीछे से हाथ में दो कॉफी मग थामे अक्षत आते हुए कहता है तो मीरा और सोमित दोनों पीछे देखते है
“जीजू कॉफी,,,,,,,,,,,,,मैंने बनाई है हम दोनों के लिए”,अक्षत ने एक कप सोमित की और बढाकर कहा
“सच में जाए हम ?”,मीरा ने अक्षत से पूछा
“हम्म्म”,अक्षत ने मीरा की आँखो में देखते हुए कहा
“मेम ये सर है ?”,अखिलेश से रहा नहीं गया तो उसने पूछ लिया
“जी अखिलेश ये हमारे पति है मिस्टर अक्षत व्यास”,मीरा ने अक्षत की और देखते हुए कहा
“हेलो सर नाइस टू मीट यू”,अखिलेश ने अपना हाथ अक्षत की और बढाकर कहा
“हाय”,अक्षत ने भी अखिलेश से हाथ मिलाया लेकिन उसे उस लड़के से कोई पॉजिटिव वाइब्स नहीं आयी। लड़के ने अक्षत से कहा,”मैडम आपकी बहुत तारीफ करती है”
“मैं हूँ ही तारीफ के लायक है ना जीजू”,अक्षत ने कहा तो मीरा हंस पड़ी और अखिलेश जी आप गाड़ी में चलकर बैठिये हम अभी आते है।
अखिलेश और मीरा के जाते ही अक्षत ने सोमित से कहा,”जीजू आप क्यों नहीं मीरा के साथ जाते , मीरा का चाइल्ड होम भी देख लेना अच्छा लगेगा आपको”
“क्यों तुम्हे डर लग रहा है अपनी मीरा को उस हेंडसम लड़के के साथ अकेले भेजते हुए ?”,जीजू ने अक्षत की टांग खींचते हुए कहा
“हहह मुझसे ज्यादा हेंडसम नहीं है वो,,,,,,,,,,,,,,,मैं तो इसलिए कह रहा था की आपको कुछ नया देखने को मिलेगा,,,,,,,,,,,,,,,,खैर आपकी मर्जी”,अक्षत ने कॉफी पीते हुए कहा
“अच्छा ठीक है जा रहा हूँ मैं मीरा के साथ”,सोमित ने कहा तो अक्षत मुस्कुरा दिया। उसका फोन बजा तो वह साइड में चला गया। कुछ देर बाद मीरा भी चली आयी , सिंपल चूड़ीदार सूट और दुपट्टे में वह बड़ी प्यारी लग रही थी। उसे देखते ही सोमित ने कहा,”मीरा , तुम्हे कोई ऐतराज ना हो तो मैं तुम्हारे साथ चलू ?
“हां बिल्कुल , चलिए ना”,मीरा ने कहा और दोनों वहा से बाहर चले आये। सोमित आगे बैठ गया और मीरा पीछे सोमित को साथ देखकर अखिलेश का मूड थोड़ा अपसेट हो गया। उसे देखकर सोमित ने कहा,”ये गाड़ी ऑटोमैटिक है क्या ?”
“नहीं”,अखिलेश ने कहा
“अरे तो भाई फिर चलाओ इसे हमे वापस भी तो आना है”,सोमित ने कहा तो अखिलेश ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी।
उधर अक्षत फोन पर बात करते हुए काफी खुश था उसने कहा,”देट्स गुड़ न्यूज मैं आज ही आकर ऑफिस देख लेता हूँ और फाइनल टच भी बता देता हूँ”
संडे का दिन था लेकिन इसके बावजूद भी सभी काम में लगे हुए थे !!
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संजना किरोड़ीवाल
Nice part
There’s something wrong with Akhilesh..
Aab ye akhilesh konsi khichdi paka raha hai.
Nice part…♥️♥️
Ab akhilesh ki kya prblm hai🤔🤔
❤
ये कुछ झोल है अखिलेश में।….
👌👌😍😍
Aaj ka part bhut hi accha tha 🥰🥰🥰😍😍😍😍🥰🥰🥰😍😍😍🥰🥰🥰🥰😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍
Behtrarin part…aaj Vijay ji ka barso purana sapna unke beto se pura kr diya…somit jiju tension m but family ka bahut support h unko.. akshat jiju k liye kaam settle kr hi dega..ye akhilesh kuch doubtful lag rha h.. kahi ye mona ka pyada to nhi Jo meera ko harm krna chahta h…ya kuch or hi game khel rha aashram ki aad m .. waiting eagerly for next part