Manmarjiyan Season 3 – 60
Manmarjiyan Season 3 – 60

लवली का पीछा करते हुए गोलू कानपूर चौक चला आया और किस्मत से उस लवली ठेले पर छोले कुलचे खाते नजर भी आ गया। गोलू ने जाकर लवली को धर
लिया लेकिन एक मिनिट लवली ने तो ठेले पर “छोले-भठूरे” ऑर्डर किये थे फिर वह “छोले कुलचे” क्यों खा रहा था ? इसका मतलब गोलू ने जिसे धरा था वह लवली नहीं बल्कि गुड्डू था जो कि शोरूम से बाहर कुछ खाने के लिए आया था।
गुड्डू ने गोलू को देखा तो हैरान हुआ लेकिन अगले ही पल ठेले वाले से कहा,”भैया एक ठो पिलेट और कर दयो,,,,,,,,!!”
गुड्डू गोलू के लिए आर्डर देकर गोलू की तरफ पलटा और कहा,”गोलू तुम्हे हम घर छोड़कर आये थे तुम यहाँ का कर रहे हो ?”
“वाह वाह वाह का गजब आदमी है फिर से हमको पागल बनाने के लिए गुड्डू भैया बनने की एक्टिंग कर रहा है,,,,,,,,आज मार मार के इसका जे भूत नाही उतारा ना हमारा नाम भी पिंकेश गुप्ता उर्फ़ गोलू गुप्ता नाही”
गोलू ने आड़े टेढ़े मुंह बनाते हुए मन ही मन खुद से कहा ,गुड्डू ने देखा तो कहा,”जे मुंह मा थूक बिलौना बंद करो और हमको जे बताओ तुमहू हिया का का कर रहे हो ?”
“का कर रहे है मतलब ? अरे आपको तो घर की परवाह है नाही भाजी तरकारी लेने आये है मार्किट मा आप हिया दिखे तो आपकी तरफ चले आये”,गोलू ने चिढ़ते हुए कहा
“अच्छा का तरकारी खरीदे तुमहू जे एक ठो गाजर ?”,गुड्डू ने भी गोलू को घूरकर कहा
गोलू ने हाथ में पकड़ी गाजर को देखा जिसे आधा वह खा चुका था उसने गाजर को फेंका और कहा,”हमहू सोच रहे है आज घर आपका कीमा लेकर जाए”
“हमारा कीमा ? अबे गोलू पगला गए हो का या सुबह की मार से दिमाग खराब हो गवा है तुम्हरा , अबे साकाहारी है हमहू नॉनवेज खिलाओगे हमे ?”,गुड्डू ने गोलू के सर पर एक चपत मारकर कहा
“अरे तुमहू इंसान मार के खा जाओ कीमा का चीज है,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने प्लेट में पड़ा निम्बू का टुकड़ा उठाकर कहा
“गोलू का बकवास कर रहे हो ? छोले कुलचे खाने है तो खाओ वरना भाग जाओ हिया से,,,,,,,जबसे बूढ़ा गयी है साला दिमाग खराब हो गवा है तुम्हरा”,गुड्डू ने खीजते हुए कहा और जैसे ही खाने के लिए प्लेट की तरफ पलटा गोलू ने हाथ में पकड़ा नीबू गुड्डू की आँख के सामने निचोड़ दिया जिस से छींटे गुड्डू की आँखों में पड़े और उसकी आँखे जलने लगी
गुड्डू दर्द और जलन के मारे चिल्ला उठा और हवा में गोलू को थप्पड़ मारते हुए चिल्लाया,”अबे साले निम्बू छोले में डालना था हमायी आँख में नाही,,,,,,,!”
गुड्डू का थप्पड़ गोलू को नहीं लगा और गोलू ने गुड्डू की गर्दन अपनी बांह में जकड़कर कहा,”साले गुड्डू भैया के हमशक्ल तुमको का लगा हमहू दूसरी बार भी तुमको नाही पहचानेंगे ? बेटा इह बार हमायी आँखे धोखा नाही खा सकती गिद्ध की नजर है हमायी समझे,,,,,,,!!”
“अबे गोलू ! साले हम गुड्डू ही है,,,,,,,,छोडो हमे वरना बहुत मारेंगे”,गुड्डू ने मिमियाते हुए कहा
गुड्डू की गर्दन दबोचे गोलू की नजर छोले कुलचे की प्लेट पर पड़ी तो उसे दूसरे हाथ से एक कुलचा उठाया और उसमे छोले लपेटकर पूरा एक साथ मुंह में भर लिया और खाते हुए कहा,”अरे तुम का मारोगे हमका , मारेंगे तो हम बेटा बहुते तबियत से,,,,,,!!”
गोलू ने क्या कहा गुड्डू को कुछ समझ नहीं आया क्योकि गोलू के मुंह मे कुलचा भरा था।
गुड्डू ने गोलू को धक्का दिया और गोलू सीधा ठेले पर गिरा , उसका हाथ प्लेट पर लगा और छोले उछलकर उसकी आँखों में , जैसे ही मिर्च ने अपना काम दिखाया गोलू उछला और चिल्लाने लगा। अब गुड्डू और गोलू दोनों अंधे हो चुके थे और हवा में दोनों एक दूसरे को थप्पड़ घुसे मार रहे थे। वहा मजूद लोगो के लिए सुबह सुबह ये मस्त नजारा था सभी उन्हें रोकने के बजाय इस नज़ारे का मजा ले रहे थे।
आँखे मीचे गोलू के हाथ बड़ा सा डंडा लगा उसने उसे उठाया और सामने गुड्डू का हमशकल खड़ा है सोचकर उसे मारने के लिए जैसे ही डंडा घुमाया पास ही के एक छपरे के खम्बे पर लगा और छपरा भड़भड़ाकर गोलू पर आ गिरा और साथ ही उस पर रखा सामान भी।
गोलू छपरे से निकलकर बाहर आया , उसके गले में साइकिल का टायर था और छपरे की गंदगी से वह पूरा काला हो चुका था। उसकी आँखों की जलन थोड़ी थोड़ी कुछ कम हुई तो वह खाँसा और खांसने के साथ ही उसके मुंह से मिट्ठी और राख उड़ी।
गुड्डू तब तक अपना मुंह धो चुका था हालाँकि उसकी आँखे थोड़ी लाल हो चुकी थी। गुड्डू ने गोलू को देखा कि उसकी आंखे अभी भी बंद है तो वह एक डिब्बा भरकर गोलू की तरफ आया और पानी उसके मुंह पर मार दिया। पानी की मार से गोलू की आँखे कुछ कुछ खुली और उसने देखा सामने गुड्डू खड़ा है और गुस्से से उसे देख रहा है।
गोलू गुड्डू के पास आया और जैसे ही कुछ कहने को हुआ तो गुड्डू ने कहा,”कुछो नाही बोलना गोलू वरना मुंह खोंच देंगे तुम्हरा , साले तुमहू दोस्त हो कि दुश्मन , का कोनो से हमाये नाम की सुपारी ले लिए हो का ? अबे हमे नाही पहिचान रहे भंड आदमी,,,,,,,,का हो का गवा है तुमका ?”
“हमहू कैसे मान ले तुमहू ही गुड्डू भैया हो ?”,गोलू ने कहा
गुड्डू ने गोलू को खा जाने वाली नजरो से देखा और दाँत पीसते हुए कहा,”गर्म गर्म तेल में जलेबी है छनती,,,,,,,,,,!!”
“पिंकिया के बाप से हमायी नाही बनती,,,,,,,,अरे गुड्डू भैया जे तो आप ही हो साला हमहू आपको फिर गलत समझ लिए”,गोलू ने खुश होकर कहा
लेकिन गोलू की ख़ुशी 10 सेकेण्ड भी नहीं रही और गुड्डू ने उसे एक थप्पड़ मारकर कहा,”साला तुम्हाये जे समझने के चक्कर में ना गोलू किसी दिन हमहू अपने जीवन से हाथ धो बैठेंगे”
छोले-भटूरे वाले के पास खड़ा लवली सब देख सुन रहा था और धीरे से बड़बड़ाया,”गर्म गर्म तेल में जलेबी है छनती,,,,,,,,,,!!” लवली मुंह घुमाकर छोले भठूरे खाने लगा और गुड्डू गोलू आपस में उलझे हुए थे। गुड्डू की बात सुनकर गोलू ने कहा,”गुड्डू भैया सॉरी ना हमको लगा,,,,,!!”
गुड्डू गोलू के सामने आया और उसको ऊँगली दिखाकर गुस्से से कहा,”तुमहू ना सिर्फ टेंट लगाने मा अपना दिमाग लगाओ गोलू जे सब मा नाही समझे , तुम्हरे चक्कर मा साला दो बार मार खा चुके है अब नहीं,,,,,,!!”
गुड्डू वापस ठेले की तरफ आ गया और देखा प्लेट से कुलचा ही गायब है तो ठेले वाले से कहा,”अब तुमको का अलग से कहे कुलचा कहा है हमारा ? जे छोले का अब अचार के साथ खाये , कुलचा दो”
गोलू ने गुड्डू को फिर लवली समझ लिया इस बात का गोलू को अफ़सोस था वह गुड्डू की तरफ चला आया और उसको मनाने के लिए जैसे ही हाथ प्लेट की तरफ बढ़ाया गुड्डू ने प्लेट साइड में खिसकाकर कहा ,”अपने पैसो से खाओ”
“का गुड्डू भैया इत्ता भी का गुस्सा कर रहे है , सॉरी कहे ना आपसे,,,,,,,,,!”,गोलू ने मायूसी से कहा
गुड्डू ने गोलू की तरफ देखा और गुस्से से कहा,”अपने सॉरी की ना बत्ती बनाय ल्यो , साला पुरे मार्किट मा हमायी छीछा लेदर करवाय दिए हो तुमहू गोलू शकल देखो अपनी कानपुर के भांड और गलियों में घूमते सांड भी ना तुमसे जियादा साफ़ सुथरे दिखते है”
गोलू ने सुना तो बगल में नाइ की दुकान में लगे शीशे में खुद को देखा और गुड्डू की तरफ पलटकर कहा,”ए गुड्डू भैया , ए हमहू तो पुरे काले हो गए रे,,,,!!”
“हाँ तो गज्जू गुप्ता तुमको पैदा किये रहय तब कौनसा तुमहू दूध केसर जैसे थे तबही भी काले ही थे ना,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने खीजकर कहा
“ए गुड्डू भैया हमको जो कहना है कहो हमारे कलर के बारे में कुछो नाही कहना,,,,,,,,,आज भी फेयर लवली लगा के घर से निकलते है ना तो गली मोहल्ले की लड़किया हमे मुस्कुरा कर देखती है”,गोलू ने अपनी तारीफ में कहा
“फेयर लवली अरे थू , हमको नाही पता था गोलू तम्हारे शौक लड़कियों वाले है और एक बार जाकर पता कर लयो लड़किया तुम्हेहँसते हुए देखती है या देखकर हंसती है”,गुड्डू ने कहा
गोलू ने सुना तो बेचारे का मुंह ही उतर गया तभी गुड्डू की नजर गोलू के गले में पड़े टायर पर पड़ी तो उसने कहा,”और जे टायर गले मा डालकर काहे डाल रखे हो अब का कबाड़ी वाला बनने का सोचे हो ? एक काम करो पुरे मार्किट मा हमायी इज्जत मिटटी मा मिलाय दयो,,,,,,!!”
गोलू ने सुना तो जल्दी से टायर निकालकर फेंका और गुड्डू के पास आकर कहा,”गुड्डू भैया गुस्सा थूक दयो ना”
“कहा थूके तुम्हाये मुंह पर ?”,गुड्डू ने गुस्से से कहा वह गोलू से कुछ ज्यादा ही नाराज था,,,,,,,,,,!!
“अरे कही भी थूक दयो पर थूक दयो यार और हमको का पड़ी है किसी के फट्टे मा अपनी टाँग अड़ाने की अरे उह तो हमहू आपके लिए जे सब किये रहय पर सब गड़बड़ हो गवा , अब शकल भी तो एक जैसी ही है ना धोखा खा जाते है”,गोलू ने रोआँसा होकर कहा
“गड़बड़ तो होगा ना गोलू लोग कुल्हाड़ी अपने पैर पर मारते है पर तुमहू तो साले अपना पैर ही कुल्हाड़ी पर मार दे रहे , अपना तो अपना साथ में हमारा भी,,,,,,,,,अबे सामने वाले से पूछते भी नहीं और गुड्डू भैया के हमशक्ल बोलकर ओह्ह पर टूट पड़ते हो,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“इह बार पूछकर मारेंगे भैया”,गोलू ने कहा
“तुमहू हमे मारोगे ? साले मुंह खोंचकर ना कुलचा बना देंगे तुम्हरा समझे”,गुड्डू ने चिढ़ते हुए कहा
“अरे गुड्डू भैया आपको नाही आपके उह्ह हमशक्ल को,,,,,,,,उह्ह साले को तो हम छोड़ेंगे नाही”,गोलू ने कहा
गुड्डू ने गोलू ले सामने हाथ जोड़े और कहा,”ओह्ह्ह गोलू महाराज हमहू ना तुम्हाये आगे हाथ जोड़ते है जे चूहे बिल्ली का खेल बंद करो साला ओह्ह के चक्कर मा हमहू पागल हो जायेंगे,,,,,,,
उसको अब हम ढूंढेंगे और तुमहू जाओगे आज से अपने काम पर ,, लड़के का फोन आया था दुकान पर बहुत सारा काम पेंडिंग पड़ा है जाकर उह्ह देखो , शाम मा पिताजी आने वाले है और उनके सामने हमहू कोई तमाशा नहीं चाहते,,,,,,,,,समझे ?”
“समझ गए भैया”,गोलू ने कहा
“का समझे ?”,गुड्डू ने कहा
“यही की कुलचा अगर ठंडा हो जाये तो खाने मा टेस्टी नाही लगता , और ठीक से चबाने मा भी नाही आता”,गोलू ने प्लेट की तरफ देखते हुए कहा
“गोलूउउउउउ,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने खीजते हुए कहा
“ए गुड्डू भैया यार आपको पता है ना बिना खाये पिए हमाओ दिमाग नाही चलत है,,,,,,!!”,गोलू ने कुनमुनाते हुए कहा
“लो ठूस लो”,गुड्डू ने कहा तो गोलू मुस्कुराते हुए प्लेट लेकर खाने लगा। गुड्डू की तो भूख तो गोलू की वजह से मर चुकी थी उसने ठेले वाले को पैसे दिए और हाथ धोने लगा।
हाथ धोते हुए गुड्डू की नजर कुछ ही दूर छोले भठूरे खाते लवली पर पड़ी तो उसके चेहरे पर परेशानी के भाव आ गए और वह गोलू को देखकर चिल्लाया,”अबे गोलू वो रहा पकड़ उसको”
गोलू ने गुड्डू की बात सुनी लेकिन ना पलटकर देखा ना ही लवली को पकड़ने भागा उलटा आराम से छोले कुलचे खा रहा था।
गुड्डू की आवाज सुनकर लवली का ध्यान उस पर पड़ा उसने प्लेट नीचे रखी और जैसे ही भागने को हुआ ठेलेवाले ने उसकी बांह पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”ए भैया पइसा तो देकर जाओ”
लवली के पास पैसा तो था नहीं अब ठेले वाले को क्या दे , उसने अपनी मज़बूरी बताई लेकिन ठेले वाले को जाने नहीं दिया।
उधर गुड्डू ने जब देखा गोलू पर उसकी बात का कोई असर नहीं पड़ा है तो उसने गोलू के पास आकर उसके टकले पर चपत लगाकर कहा,”अबे गोलू हमहू कुछो कह रहे है”
“गुड्डू भैया हमने अपने दोनों कानो मा डाल ली है सरसो के तेल से भीगी रुई की बत्ती हमे अब कुछो सुनाई नाही दे रहा है और वैसे भी अभी कुछ देर पहिले आप ही कहे रहे थे कि हम आपके हमशक्ल के चक्कर में ना पड़े,,,,,,,!!”
गुड्डू गोलू को घूरने लगा उसने देखा लवली भागने की कोशिश कर रहा है तो उसने लवली की तरफ जाते हुए कहा,”मरो तुम यही और पैसा दे देना अपनी पिलेट का,,,,,,,,,,,!!”
गुड्डू को अपनी तरफ आते देखकर लवली ने गले में पहनी चाँदी की चैन ठेले वाले को दी और वहा से भाग गया।
लवली एक बार फिर गुड्डू के हाथ से निकल गया। गुड्डू ने झुंझलाहट में अपना पैर पटका तभी गोलू आया और कहा,”गुड्डू भैया हम इस तरफ से उसके पीछे जाते है आप दूसरी तरफ से आईये”
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा और दूसरी तरफ खड़ी अपनी बाइक की तरफ चला आया। गोलू में भी खाना खाकर थोड़ी हिम्मत वापस आ चुकी थी इसलिए वह लवली को ढूंढने निकल पड़ा। गुड्डू बाइक लेकर दूसरे रस्ते से उसका पीछा करने लगा। गुड्डू अभी चौक से बाहर निकला ही था कि तभी उसका फोन बजा।
गुड्डू ने बाइक रोककर फोन देखा तो पाया कि फोन घर से था गुड्डू ने फोन उठाया और कान से लगाया तो दूसरी तरफ से भुआ ने घबराये हुए स्वर में कहा,”हेलो गुड्डू ! हम बोल रहे है भुआ , शगुन को पता नहीं का हो गवा है ओह्ह के पेट मा बहुते दर्द हो रहा है तुमहू जल्दी से घर आही जाओ बिटवा”
“भुआ तुमहू घबराओ नाही , हमहू अभी आते है”,गुड्डू ने कहा और फोन काटकर जेब में रखते हुए बाइक को घुमाया और घर के लिए निकल गया वह लवली के बारे में भूल चुका था उसे अब शगुन की परवाह थी।
गोल लवली को ढूंढ रहा था। भागते हुए लवली ने जब गोलू को अपने सामने देखा तो भागकर गली में घुस गया। कहा लवली मिश्रा जी की जिंदगी में उथल पुथल मचाने आया था और कहा उसकी खुद की जिंदगी में भाग दौड़ मच गयी थी
गोलू उसी गली के सामने था इसलिए लवली कुछ देर वही छुपा रहा और फिर झुककर देखने लगा गोलू गया कि या नहीं ? गोलू को गली के बाहर ना पाकर लवली ने राहत की साँस ली और जैसे ही पलटा अपने सामने खड़े गोलू को देखकर उसका दिल धक् से रह गया
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संजना किरोड़ीवाल


गोल लवली को ढूंढ रहा था। भागते हुए लवली ने जब गोलू को अपने सामने देखा तो भागकर गली में घुस गया। कहा लवली मिश्रा जी की जिंदगी में उथल पुथल मचाने आया था और कहा उसकी खुद की जिंदगी में भाग दौड़ मच गयी थी।
गोलू उसी गली के सामने था इसलिए लवली कुछ देर वही छुपा रहा और फिर झुककर देखने लगा गोलू गया कि या नहीं ? गोलू को गली के बाहर ना पाकर लवली ने राहत की साँस ली और जैसे ही पलटा अपने सामने खड़े गोलू को देखकर उसका दिल धक् से रह गया
गोल लवली को ढूंढ रहा था। भागते हुए लवली ने जब गोलू को अपने सामने देखा तो भागकर गली में घुस गया। कहा लवली मिश्रा जी की जिंदगी में उथल पुथल मचाने आया था और कहा उसकी खुद की जिंदगी में भाग दौड़ मच गयी थी।
गोलू उसी गली के सामने था इसलिए लवली कुछ देर वही छुपा रहा और फिर झुककर देखने लगा गोलू गया कि या नहीं ? गोलू को गली के बाहर ना पाकर लवली ने राहत की साँस ली और जैसे ही पलटा अपने सामने खड़े गोलू को देखकर उसका दिल धक् से रह गया