Manmarjiyan Season 3 – 30

Manmarjiyan Season 3 – 30

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

शर्माईन ने फोन किया और कुछ देर बाद ही कानपूर के “मानसिक चिकित्सालय” की गाडी आयी और गोलू को गाड़ी में डालकर ले गयी। शर्मा जी और शर्माईन घर के दरवाजे पर खड़े चुपचाप देखते रहे। शर्मा जी के पडोसी ने आकर शर्मा जी से कहा,”जे आपने का किया , अपने ही दामाद को पागलखाने भेज दिया ?”
शर्मा जी ने पडोसी को एक नजर देखा और कहा,”हमने तो सिर्फ पागलखाने भेजा है वरना काण्ड तो उन्होंने जेल जाने वाले किये है”


शर्मा जी इतना कहकर अंदर चले गए , पडोसी ने शर्माईन को देखा और कहा,”अरे भाभी जी समझाइये भाईसाहब को,,,,,,,गज्जू गुप्ता को पता चला ना तो पूरा कानपुर मा बवाल हो जाही है”
शर्माईन ने सुना तो उसे बिता वक्त याद आ गया जब कानपूर में शर्मा जी ,  गुप्ता जी और मिश्रा जी का भौकाल था। शर्माईन के चेहरे पर परेशानी के भाव तैरने लगे , गोलू को पागलखाने भेजकर कही उन्होंने गलती तो नहीं कर दी। शर्माईन अंदर आयी तो देखा शर्मा जी फोन पर अपने जीजा से बात कर रहे थे और बहुत गुस्से में थे।

वे अपने कमरे में कमरे में चली आयी और यहाँ से वहा चक्कर काटते हुए अपनी गलती के बारे में सोचने लगी। शर्माईन को कुछ नहीं सुझा तो उन्होंने अपना फोन उठाया और पिंकी को फोन लगा दिया। एक दो रिंग के बाद ही पिंकी ने फोन उठाया और कहा,”हेलो ! हाँ मम्मी कैसी हो ? पता है हम आपको ही याद कर रहे थे”
“हम ठीक है पिंकिया , हमे तुमसे एक बहुते जरुरी बात करनी है”,शर्माईन ने परेशानी भरे स्वर में कहा


“का बात है मम्मी इतना चिंता में काहे हो ? कुछो हुआ है का ? कोनो जरूरत हो तो हम गोलू को भेज दे घर ?”,पिंकी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
अब बेचारी शर्माईन क्या बताती कि उन्होंने तो खुद अपने हाथो गोलू को पागलखाने भेज दिया है।
“का हुआ मम्मी बोलो ना ?”,शर्माईन को खामोश पाकर पिंकी ने कहा
“पिंकिया हमे माफ़ कर दो बिटिया , हमसे गलती हो गयी”,शर्माईन ने मरे हुए स्वर में कहा


“मम्मी हुआ का है कुछो बताएंगी आप ?”,पिंकी ने थोड़ा गुस्से से कहा
पिंकी की मम्मी ने पिंकी को सब बता दिया पिंकी ने सुना तो घबरा गयी और कहा,”मम्मी आपका दिमाग खराब है क्या ? आपने और पापा ने गोलू को पागलखाने भेज दिया,,,,,,,,,,,आप ऐसा कैसे कर सकते है ?”
“माफ़ करना बेटा पर क्या करे वो गोलू जी इतनी अजीब हरकते करने लगे की हमे कुछ समझ ही नहीं आया”,शर्माईन ने हताश होकर कहा


“अरे मम्मी समझ नहीं आया तो क्या आप मेरे पति को पागलखाने भेज देंगी ? ऐसा तो क्या कर दिया बेचारे गोलू ने , एक तो पहले ही इतना परेशान रहता है वो , ऊपर से जब देखो तब किसी ना किसी परेशानी में फंस जाता है और रही सही कसर आपने और पापा ने पूरी कर दी। अरे कौनसे जन्म का बदला ले रहे हो आप लोग हमारे गोलू से ? हम समझ गए मम्मी पापा हमेशा से हमारी और गोलू की शादी के खिलाफ थे , पापा हम दोनों की शादी से कभी खुश थे ही नहीं,,,,,,,,!!”,पिंकी कहते कहते रो पड़ी


“अरे पिंकिया बेटा हमारी बात सुनो ऐसा नहीं है,,,,,,,,,,,!!”,शर्माईन ने पिंकी को समझाने की कोशिश की लेकिन पिंकी अब वो पहले वाली पिंकी नहीं रही थी। शादी के बाद वह गोलू से और ज्यादा प्यार करने लगी थी। उसके साथ गलत होते देखना तो दूर किसी को उसके खिलाफ गलत बोलने तक नहीं देती थी और यहाँ उसके अपने माँ बाप ने ही उसके गोलू को पागलखाने में डाल दिया।


“कुछो नाही सुनना है हमे मम्मी , हमने सोचा नहीं था आप हमसे ऐसे बदला लेंगी,,,,,,,,,,आइंदा से हमे फोन ना कीजियेगा”,पिंकी ने कहा और रोते हुए फोन काट दिया। शर्माईन ने सुना तो उदास सा चेहरा लिए बिस्तर पर आ बैठी।
कहने को गोलू की जिंदगी में भसड़ थी लेकिन उसमे थोड़ा थोड़ा सहयोग बाकि सब का भी था !

मिश्रा जी का घर , कानपूर
शाम हो चुकी थी गुड्डू घर के गेट के पास खड़ा गोलू को फोन लगा रहा था , रिंग तो जा रही थी लेकिन गोलू फोन नहीं उठा रहा था।
“जे गोलू हमरा फोन काहे नहीं उठा रहा , एक तो काम के बख्त हमेशा गायब रहेगा अब कहा ढूंढने जाए इसको”,गुड्डू बड़बड़ाया और जैसे ही पलटा फूफा को अपने पीछे खड़े देखा तो चौंककर कहा,”का है ?”
“किस से बात कर रहे हो ?”, फूफा ने शरारत भरी मुस्कान होंठो पर बिखेरकर कहा


“हम आपको काहे बताये ? और हमसे ना जियादा फ्रेंक होने की जरूरत नाही है फूफा”,गुड्डू ने उखड़े स्वर में कहा
“अरे गुड्डू ! का यार तुमहू तो बुरा मान गए , हम तो बस ऐसे ही पूछ रहे थे का है कि सादी से पहिले तुम्हरा प्रेम प्रसंग सुने रहे हमहू , तो सोचा का पता शादी के बाद भी हाल चाल लेते होंगे ओह के,,,,,,,,,,!!”,फूफा ने दबी आवाज में कहा


गुड्डू ने सुना तो फूफा को घूरकर देखा और कहा,”जे छिनरो वाली हरकत की उम्मीद हमसे ना करना फूफा , हमहू अपनी पत्नी से बहुते प्रेम करते है
और जो जे आग लगाने की कोशिश आप कर रहे हो ना उह सब समझ रहे है हम”
“हमने का आग लगाई हम तो बस पूछ रहे है कि जे अकेले मा घर की चौखट पर खड़े होकर किस से बात की जा रही है,,,,,,,,,,,!!”,फूफा ने मुंह बनाकर कहा


“तो गड़े मुर्दे काहे उखाड़ रहे हो हमहू चाहे जिस से बात करे आपको का ? आप जाके अपना काम कीजिये ना”,गुड्डू ने उखड़े स्वर में कहा और वहा से चला गया। फूफा ने वही खड़े होकर मस्त अंगड़ाई ली और कहा,”काम ही तो कर रहे है , तुमहू उह कहावत नाही सुने गुड्डू “फूट डालों और राज करो”
फूफा के होंठो पर एक कुटिल मुस्कान तैर गयी और वे घर में ही टहलने लगे

गुप्ता जी का घर , कानपूर
अपनी मम्मी से बात करने पर पिंकी को पता चला कि गोलू पागलखाने में है तो उसे बहुत बुरा लगा और वह परेशान हो गयी। पिंकी बिस्तर पर बैठी गोलू के बारे में चिंता जताते हुए रोने लगी और कुछ देर बाद अपने आँसू  पोछकर उठते हुए कहा,”हम अभी जाकर पापाजी को सब बता देते है और उनसे कहेंगे की वे जाकर गोलू को घर ले आये”


पिंकी कमरे से बाहर जाने लगी लेकिन दरवाजे तक आते आते उसके कदम रुक गए और वह खुद में ही बड़बड़ाई,”नहीं नहीं हमे पापाजी को ये नहीं बताना चाहिए वो पहले ही गोलू से इतना नाराज है , ये सब पता चला और नाराज हो जायेंगे और गोलू को ही गलत समझेंगे,,,,,,,,,,,!!”


पिंकी बाहर ना जाकर वापस बिस्तर की तरफ चली आयी और कमरे में यहाँ से वहा चक्कर काटते हुए बड़बड़ाई,”अब हम क्या करे ? इस वक्त तो हम खुद भी घर से बाहर नहीं जा सकते,,,,,,,,,पता नहीं बेचारा गोलू किस हाल में होगा ? कही वो लोग उसके साथ कुछ गलत ना करे,,,,,,,,,,हमे तो बहुत डर लग रहा है”

मानसिक चिकित्सालय , कानपूर
“अरे हमहू कब से कह रहे है हमहू पागल नाही है,,,,,,,,,अबे ए डाक्टर तुम्हरे कान मा हड़ताल है का ? अबे छोडो हमे घर जाही दयो पिंकिया हमाओ इन्तजार कर रही होगी यार”,जनरल वार्ड के बिस्तर पर बैठे गोलू ने कहा जिसके हाथो को बांधा हुआ था और दो वार्ड बॉय उसके इर्द गिर्द खड़े थे ताकि गोलू भाग ना सके। गोलू की बात सुनकर डॉक्टर के साथ खड़े कम्पाउडर ने कहा,”सर ये पागल किसी पिंकी का नाम ले रहा है , लगता है ये किसी लड़की के प्यार में पागल हुआ है”


डॉक्टर ने गोलू को देखा जो कि अपनी बड़ी बड़ी आँखों को और बड़ा करके डॉक्टर और कम्पाउडर को देख रहा था।
“हाँ मुझे भी यही लगत है पक्का ये उस लड़की के प्यार में पागल हुआ है , शायद उस लड़की ने इसे धोखा दे दिया”,डॉक्टर ने कम्पाउडर से कहा
कम्पाउडर और डाक्टर की बात सुनकर गोलू ने कहा,”अबे का बकवास कर रहे हो दोनों ? हम कोई प्यार व्यार मा पागल नाही हुए है , अरे बल्कि पिंकिया हमाई पत्नी है उह काहे धोखा देगी हमका,,,,,,,,, साला कुछ भी अंट शंट बके जा रहे हो”


“सर लगता है बहुत गहरा असर हुआ है उस लड़की के प्यार का इस पागल पर”,कम्पाउडर ने कहा
बार बार अपने लिए पागल शब्द सुनकर गोलू को गुस्सा आ गया और उसने चिल्लाकर कहा,”साले तू पागल , तेरा बाप पागल , तेरा पूरा खानदान पागल , तेरे रिश्तेदार , पडोसी , मोहल्ले वाले पागल , तेरा ये डॉक्टर पागल , अबे कित्ती बार कहे तुम लोगन से हमहू पागल नाही है”


डॉक्टर ने गोलू को गुस्से में देखा तो उसके पास आकर उसका गाल थपथपाते हुए कहा,”रिलेक्स ! हर पागल को यही लगता है कि वो पागल नहीं है , पर तुम चिंता नहीं करो तुम ठीक हो जाओगे”
गोलू जो कि बहुत गुस्से में था एकदम से शांत हो गया और मुस्कुरा कर डॉक्टर को देखा तो डॉक्टर ने भी मुस्कुरा कर कहा,”हाँ मैं सच कह रहा हूँ”


“डाक्टर अपना हाथ हमरे सामने करोगे हमहू तुम्हरा हाथ चूमना चाहते है का है कि तुम्हरे एक बार छूने से हमरा गुस्सा शांत हो गवा , तुम्हरे हाथ मा मैजिक है,,,,,,,,!!”,गोलू ने बहुत ही प्यार से मासूम सा चेहरा बनाकर कहा    
डॉक्टर कम्पाउडर को देखकर मुस्कुराया जैसे उसे कहना चाह रहा हो कि देखो पेशेंट को ऐसे कंट्रोल किया जाता है। डॉक्टर गोलू की तरफ पलटा और अपना हाथ उसके सामने करके कहा,”हाँ क्यों नहीं ये लो”


गोलू डॉक्टर को देखकर पहले मुस्कुराया और फिर लपक कर डॉक्टर का हाथ अपने मुंह में लेकर इतनी जोर से काटा कि डॉक्टर की चीख पुरे जनरल वार्ड में गूंज उठी लेकिन गोलू ने उसका हाथ नहीं छोड़ा। कम्पाउडर गोलू की तरफ लपका , वार्ड बॉय ने कोशिश की लेकिन गोलू ने  डॉक्टर का हाथ नहीं छोड़ा , पीठ पर घुसा पड़ा तो चीखने के लिए गोलू का मुंह खुला और डॉक्टर ने अपना हाथ बाहर निकाल लिया।

गोलू गुस्से से डॉक्टर और बाकि सबको देख रहा था , उसने डॉक्टर के हाथ पर इतनी जोर से काटा था कि डॉक्टर के हाथ से खून निकलने लगा था और वह दूसरे हाथ से अपने जख्मी हाथ को थामे डर से थर थर काँप रहा था।
“सर अब हम क्या करे ?”,कम्पाउडर ने पूछा
गोलू जो कि जानता था ये लोग इसे छोड़ने वाले तो है नहीं वह बंधे हाथो के साथ बिस्तर पर लेट गया और कहा,”इनके लिए एक ठो सर्जन और हमरे लिए एक कप चाय का इंतजाम करो,,,,,,,,!!”


“बकवास बंद करो,,,,,,,,!!”,कम्पाउडर ने गुस्से से कहा
“ए क्या कर रहे हो ? मरीज से ऐसे बात करते है , वो जो मांग रहा है उसे दो और मेरे लिए डॉक्टर को फोन करो,,,,,,,,,,,!!”,डॉक्टर ने कांपती आवाज में कहा उसे बहुत दर्द हो रहा था और उसे अब भी लग रहा था कि गोलू ने ऐसा अपने पागलपन की वजह से किया है।


कम्पाउडर वहा से चला गया गोलू ने डॉक्टर को देखा और कहा,”खुद का इलाज तो कर नाही सकते चले है हमरा इलाज करने , हमरा इलाज तो मिश्रा जी नाही कर पाए , अरे खुद गज्जू गुप्ता नाही कर पाए , इनको लगता है जे कर देंगे,,,,,,,,,,!!”

गोलू के लिए परेशान हो रही पिंकी को जब कुछ समझ नहीं आया तो उसे आखिर में गुड्डू का ख्याल आया और उसने खुद से कहा,”गुड्डू , हमे गुड्डू की मदद लेनी चाहिए ,, वही है जो गोलू को पागलखाने से वापस घर ला सकता है। हम गुड्डू को फ़ोन करके सब बताते है,,,,,,,,!!”
पिंकी ने अपना फोन उठाया और गुड्डू का नंबर डॉयल किया। कुछ देर बाद गुड्डू ने फोन उठाया और कहा,”हेलो ! हाँ पिंकी का हुआ इह बख्त फोन की सब ठीक है ना ?”


“कुछो ठीक नाहीं है गुड्डू”,पिंकी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“का हुआ ? तुम इत्ती परेशान काहे हो ?”,गुड्डू ने पूछा
पिंकी ने गुड्डू को सब बाते बताई और कहा,”हमे तो बहुत घबराहट हो रही है गुड्डू पता नहीं बेचारा गोलू किस हाल में होगा , कही वो लोग गोलू को बिजली के झटके , कोनो दवा ना दे दे , हमे तो बहुत डर लग रहा है गुड्डू,,,,,,,,,,!!”


“पिंकी तुमहू परेशान ना हो हम हम जाते है , तुम बिलकुल चिंता नाही करो हमहू गोलू को लेकर आते है,,,,,,,,,,,,,पर साला तुम्हाये पिताजी में भी दिमाग नहीं है का ? मतलब कौनसे जन्म का बदला लिए उह गोलू से,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने पहले पिंकी को समझाते हुए कहा और बाद में भड़क गया
“बदला ही तो लिए है वरना अपने घर के दामाद को भी कोई पागलखाने भेजता है का ? गुड्डू तुम जाओ ना प्लीज , गोलू  को घर लेकर आओ”,पिंकी ने गुड्डू से विनती करते हुए कहा।


“हाँ हम जा रहे है तुमहू परेशान ना हो , हमहू करते है थोड़ी देर मा फोन”,गुड्डू ने कहा और जैसे ही फोन काटा सामने शगुन खड़ी थी। शगुन ने गुड्डू को परेशान देखकर कहा,”क्या हुआ गुड्डू जी ? किसका फोन था ?”
“पिंकी का”,गुड्डू ने कहा
आज अचानक पिंकी ने गुड्डू को फोन क्यों किया शगुन बस ये सोच ही रही थी कि गुड्डू ने कहा,”शगुन हमे किसी जरुरी काम से बाहिर जाना है पिताजी पूछे तो बहाना बना देना , हमहू आते है थोड़ी देर मा”


गुड्डू ने शगुन का जवाब भी नहीं सुना और जल्दी में वहा से निकल गया। शगुन ने जाते हुए गुड्डू को देखा और बड़बड़ाई,”लेकिन गुड्डू जी इतनी जल्दी में कहा गए होंगे वो भी इस वक्त,,,,,,,,,,!!”
“पुरानी प्रेमिका का फोन आना और आशिक का जल्दबाजी में निकल जाना , तुम का जे सब का मतलब नहीं समझती बहू”,फूफाजी ने शगुन के बगल में आकर कहा।
“आप कहना क्या चाहते है ?”,शगुन ने थोड़ा कठोरता से कहा


“हम का कहना चाहते है सच्चाई तुम्हरे सामने है अब तुमहू अपनी आँखे ना खोलो तो उह मा हमरी का गलती ,, प्रेमिका का फोन आया और गुड्डू महाराज दौड़े चले गए ,, अब इह बख्त कोनो फोन करे और मर्द जल्दी मा बाहिर जाए तो समझ जाओ कोई जरूरी काम नाही है बस पुरानी यादे ताजा करने गए है , बाकी तुमहू खुद समझदार हो”,फूफा ने कहा और वहा से चले गए लेकिन शगुन के दिमाग में प्रेमिका नाम का बीज डालकर चले गए। शगुन धीरे से बड़बड़ाई,”गुड्डू जी की पुरानी प्रेमिका “पिंकी”

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संजना किरोड़ीवाल

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पिंकी तुमहू परेशान ना हो हम हम जाते है , तुम बिलकुल चिंता नाही करो हमहू गोलू को लेकर आते है,,,,,,,,,,,,,पर साला तुम्हाये पिताजी में भी दिमाग नहीं है का ? मतलब कौनसे जन्म का बदला लिए उह गोलू से,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने पहले पिंकी को समझाते हुए कहा और बाद में भड़क गया”बदला ही तो लिए है वरना अपने घर के दामाद को भी कोई पागलखाने भेजता है का ? गुड्डू तुम जाओ ना प्लीज , गोलू  को घर लेकर आओ”,पिंकी ने गुड्डू से विनती करते हुए कहा।

पिंकी तुमहू परेशान ना हो हम हम जाते है , तुम बिलकुल चिंता नाही करो हमहू गोलू को लेकर आते है,,,,,,,,,,,,,पर साला तुम्हाये पिताजी में भी दिमाग नहीं है का ? मतलब कौनसे जन्म का बदला लिए उह गोलू से,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने पहले पिंकी को समझाते हुए कहा और बाद में भड़क गया
“बदला ही तो लिए है वरना अपने घर के दामाद को भी कोई पागलखाने भेजता है का ? गुड्डू तुम जाओ ना प्लीज , गोलू  को घर लेकर आओ”,पिंकी ने गुड्डू से विनती करते हुए कहा।

पिंकी तुमहू परेशान ना हो हम हम जाते है , तुम बिलकुल चिंता नाही करो हमहू गोलू को लेकर आते है,,,,,,,,,,,,पर साला तुम्हाये पिताजी में भी दिमाग नहीं है का ? मतलब कौनसे जन्म का बदला लिए उह गोलू से,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने पहले पिंकी को समझाते हुए कहा और बाद में भड़क गया
“बदला ही तो लिए है वरना अपने घर के दामाद को भी कोई पागलखाने भेजता है का ? गुड्डू तुम जाओ ना प्लीज , गोलू  को घर लेकर आओ”,पिंकी ने गुड्डू से विनती करते हुए कहा।

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