Manmarjiyan Season 3 – 19
Manmarjiyan Season 3 – 19

शर्मा जी गोलू की शिकायत लेकर गुप्ता जी के पास आये थे लेकिन यहाँ तो गुप्ता जी उनसे ही बकैती कर रहे थे। जैसे ही शर्मा जी ने गोलू द्वारा किसी को अगवा करने की बात कही तब गुप्ता जी सोच में पड़ गए और मन ही मन खुद से कहा,”जे साला गोलू छोटे मोटे कांड करता था वहा तक ठीक था पर का उह सच मा किसी को अगवा कर सकता है का ? नहीं नहीं गोलू के बस का कुछो नाही है,,,,,,,,,जे साला शरमावा ऐसे ही बकत रहे”
“का हुआ का सोचने लगे ? जब ध्यान देने की जरूरत थी तब तो कुछो किये नहीं अब बिटवा हाथ से निकल गवा तब तो सोच रहे हो,,,,,,,,,,,कान खोलकर सुन ल्यो गुप्ता जी , बहुते बड़ी गलती किये है हम अपनी लड़की इह घर मा देकर,,,,,,,,,,पता नहीं कैसा गुंडे मवालियो का खानदान है”,शर्मा जी ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा तो गुप्ता जी सीढ़ियों से नीचे उतरकर उनके सामने आये और गुस्से से कहा,”जबान की गाड़ी पर थोड़ा ब्रेक लगाओ शर्मा , खानदान को बीच मा लाये न तो यही पटक के पेल देंगे ससुरे को,,,,,,,,
हमहू सोचे रहे गोलू पिंकिया के ब्याह के बाद तुमहू सुधर गए होंगे , पिछली बाते भूल गए होंगे पर नाही तुमहू तो घोड़े पर सवार हो,,,,,,,,,और का सबूत है गोलू ने किसी को अगवा किया है , कौन है उह शरीफ ?”
शर्मा जी ने गुप्ता जी को देखा और कहा,”गुड्डू के फूफाजी आदर्श बाबू और कौन ? चोर भी 7 घर छोड़कर चोरी करता है पर यहाँ तो गोलू जी ने,,,,,,,,,,,अरे काहे के गोलू जी,,,,,,,,,,,गोलुआ , गोलुआ ने अपने ही जिगरी दोस्त के फूफा को उठा लिया है , और रखा भी तो हमारे घर पर,,,,,,,,,,,,यकीन नहीं होता तो हमारे घर चलकर देखिये,,,,,,,,,,!!”
शर्मा जी की बाते सुनकर गुप्ता को मामला थोड़ा गंभीर लगा। उन्होंने शर्मा जी के कंधे पर हाथ रखा और गंभीरता से कहा,”अगर तुम्हरी बात में ज़रा सी भी सच्चाई हुई ना शर्मा तो इसी गली मा गोलू का जुलुस निकाल देंगे हम,,,,,,,,,,,,साला नाक मा दम कर रखे है जे गोलुआ भी,,,,,,,,,,फूफा को ही उठा लिए उह्ह भी गुड्डू के फूफा को,,,,,,,,,,,साला मिश्रा जी को पता चला न उनके साले पर हाथ डाले है जे कानपूर मा रहना मुश्किल कर दी है इह का,,,,,,,,,,,चलो”
“कहा चलो ? अपने साधन से आओ”,शर्मा जी ने उखड़े स्वर में कहा
“अरे तो तुमरे स्कूटर से जायेंगे तो का घस जाएगा,,,,,,,,फालतू में काहे दो दो स्कूटर का पेट्रोल फूकना,,,,,,,,,,,नई चलो स्टार्ट करो स्कूटर”,गुप्ता जी ने शर्मा जी के स्कूटर के पीछे बैठते हुए कहा
गुप्ता जी से बहस करना बेकार था इसलिए शर्मा जी आकर आगे बैठे और स्कूटर स्टार्ट करके वहा से निकल गए। इधर गुप्ता जी और शर्मा जी फूफा को देखने जा रहे थे उधर गुड्डू और गोलू जा रहे थे लेकिन पहले पहुंचे शर्मा जी क्योकि दोनों घरो में बस एक गली का ही तो फर्क था।
गुप्ता जी स्कूटर से नीचे उतरे और शर्मा जी के साथ घर के अंदर चले आये। शर्मा जी पुरे कॉन्फिडेंस से स्टोर रूम की तरफ आये ताकि गुप्ता जी के सामने गोलू के कारनामे ला सके। उन्होंने स्टोर रूम का दरवाजा खोला और शर्मा जी से कहा,”लो देखो अपने बिटवा के कारनामे”
गुप्ता जी स्टोर रूम की तरफ आये और अंदर देखा तो मुस्कुरा उठे और शर्मा जी की तरफ देखकर कहा,”शर्मा तुमको ना किसी अच्छे डाक्टर की जरूरत है , कहो तो पता हम बताय दे”
“क्या बकवास है ?’,शर्मा जी ने चिढ़कर कहा
“बकवास जे है कि जोन फूफा का बड़ा बड़ा ढोल तुमहू हमरे घर मा आकर पीटे हो उह फूफा कहा है ?”,गुप्ता जी ने कहा
“यही तो,,,,,,,,,,,,,,फूफा कहा गए ? अरे हम उन्हें यही छोड़कर गए थे,,,,,,,कहा चले गए ?”,शर्मा जी ने स्टोर रूम में आते हुए कहा
“भुआ से मिलने गए रहय होंगे,,,,,,,,,,शर्मा का सुबह सुबह भांग खाये हो , अपने ही दामाद को बदनाम करते शरम नहीं आती तुमको ? अरे हमरा गोलू छोटी मोटी गलतिया करता है पर किसी को अगवा करना जे बहुते बड़ी बात है,,,,,तुमहू साले बाहिर आकर मिलो हमसे”,कहते हुए गुप्ता जी वहा से चले गए
शर्मा जी ने स्टोर रूम में सब जगह देखा लेकिन फूफा कही नहीं थे , शर्मा जी घर से बाहर चले आये वे अभी भी उलझन में थे कि जिस फूफा को उन्होंने स्टोर रूम में छोड़ा था वे गए कहा क्योकि भागने के तो सब दरवाजे बंद थे।
उलझन में पड़े शर्मा जी घर से बाहर आये तो गुप्ता जी उन्हें देखकर बिफर पड़े और कहा,”अरे शर्मा ! जब तुमको कुछो पता ही नहीं है तो काहे बेसुरे ढोल के जैसे हमरी चौखट पे आके बजे, कहा है गुड्डू के फूफा जमीन खा गयी कि आसमान निगल गवा ओह्ह का ? अरे तुमहू सोच भी कैसे लिए कि हमरा गोलू ऐसा कुछो करेगा ? अरे ऐसे भी संस्कार ना मिले है ओह्ह का समझे ?”
“अंदर चलकर बात करते है ना , हम सच कह रहे है गोलूजी गुड्डू के फूफा को यहाँ लेकर आये थे,,,,,,,,,,यकीन ना हो तो बाबू से पूछ लो”,शर्मा जी ने धीमे स्वर में कहा , फूफा के ना मिलने से उनका टोन एकदम से चेंज हो गया।
“किसकी बाबू से पूछ ले ? जे बाबू शोना जादू टोना हमहू नहीं समझते शर्मा,,,,,,,,,,जोन तमाशा हमरे घर आके तुमहू किये हो ना बहुते महंगा पडेगा तुमको”,गुप्ता जी ने इतना ही कहा था कि किसी ने उनको साइड किया और आगे बढ़ते हुए कहा,”फटाफट से लेकर चलते है गुड्डू इह से पहिले कौनो और रायता फैले,,,,,,,,,,,,!!”
गुप्ता जी ने देखा ये कोई और नहीं बल्कि गोलू महाराज ही थे , गुप्ता जी ने आगे बढ़ते गोलू की गुद्दी पकड़ी और पीछे खींचकर कहा,”अबे ओह्ह बूंदी की औलाद कौनसा रायता फ़ैलाने की बात कर रहे हो ?”
गोलू ने देखा भी नहीं गुद्दी किसने पकड़ी है और कहा,”ए यार गुड्डू भैया ऐसे मोके पर जे मजाक ना करो , और तुम्हायी आवाज को का हुआ तुमहू गज्जू गुप्ता की आवाज मा बात काहे कर रहे हो ?”
गुड्डू ने तो जैसे ही गुप्ता जी और शर्मा जी को साथ देखा उलटे पैर वापस चला गया बस गोलू ही जल्दबाजी के चक्कर में बिना इधर उधर देखे आगे बढ़ गया।
गुप्ता जी ने गोलू को अपने सामने किया और कहा,”बाप को नाम से बुलाते शरम नाही आती,,,,,,,,लाज शरम का बेच दिए हो गोलू ?”
गुप्ता जी को अपने सामने देखकर गोलू के जिस्म से तो जान ही निकल गयी , आवाज गले में अटक गयी और उसके कॉन्फिडेंस ने दम तोड़ दिया। गोलू को खामोश देखकर गुप्ता जी ने उसे खा जाने वाली नजरो से देखते हुए कहा,”बोलोगे कुछो कि हलक मा हाथ डाल के आवाज निकाले तुम्हायी,,,,,,,,,,,,,!!”
गोलू कुछ कहता इस से पहले शर्मा जी ने गोलू के कंधे पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ घुमाया और कहा,”फूफा कहा है ?”
गोलू ने जैसे ही कुछ बोलने के लिए मुंह खोला गुप्ता जी ने उसे अपनी तरफ घुमाया और कहा,”फूफा को छोडो हमका जे बताओ गोलू जे सब चल का रहा है ? अब कौनसा नवा कांड किये हो तुमहू ?”
“अरे पि,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि शर्मा जी ने फिर बेचारे को अपनी तरफ घुमा लिया और कहा,”अपने पिताजी को बताओ आप फूफा को यहाँ लेकर आये थे या नहीं ?”
गोलू ने जैसे ही बोलने के लिए मुंह खोला गुप्ता जी ने फिर उसे अपनी तरफ घुमा लिया और कहा,”अबे गोलू ! आखिर जे फूफा का का चक्कर है ?”
“पिताजी हम,,,,,,,,,!!”,गोलू ने मुश्किल से कहा क्योकि इधर उधर घूमते हुए बेचारे का सर घूमने लगा था लेकिन यहाँ गोलू की परवाह किसे थी ? शर्मा जी ने गोलू को एक बार फिर अपनी तरफ किया और कहा,”हमे पहले पता होता आप जे सब करते है तो हम पिंकी की सादी आपसे कबो ना करते”
इस बार गुप्ता जी ने जैसे ही गोलू को अपनी तरफ घुमाया गोलू गुस्से से चीख पड़ा,”अबे चुपपपपपपपप , चुपपपपपप,,,,,,,,,,,,,,,कोई नाही बोलेगा , कोई एक ठो शब्द नहीं बोलेगा”
गोलू को चिल्लाते देखकर शर्मा जी और गुप्ता जी दोनों चुप हो गए। गोलू का सर फटने लगा था उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करे क्या बोले , उसने देखा गुड्डू उसे कही नजर नहीं आया तो मन ही मन खुद से कहा,”साला गुड्डू भैया भी बहुते सही बख्त पर छोड़कर भागे है हमको,,,,,,,,,,,एक ठो बार तो हमहू साला गुंडों और डकैतों के बीच सेफ है पर जे दोनों तो चक्की के पाट है और हमहू है गेंहू ,, इनके बीच रहे तो पीस के हमरा आटा होना तय है,,,,,,,,,!!”
“अब बोलोगे कुछो ?”,गुप्ता जी के सब्र का बांध टूट गया तो उन्होंने कहा
गोलू अपने ख्यालो से बाहर आया और शर्मा जी से कहा,”फूफा कहा है ?”
“उह तो स्टोर रूम मा नाही है,,,,,,,,,,!!”,शर्मा जी ने कहा
शर्मा जी की बात सुनकर गोलू को एक पल तो राहत महसूस हुई लेकिन अगले ही पल परेशान हो गया कि फूफा यहाँ नहीं है तो कहा गया होगा ?
“आपने फूफा को देखा था ?”,गोलू ने पलटकर अपने पिताजी से पूछा
“नहीं हमहू नाही देखे , जे तुम्हरा ससुर ही कहे रहा कि तुमने उनको अगवा कर लिया है”,गुप्ता जी ने कहा
गोलू ने खा जाने वाली नजरो से शर्मा जी को देखा और धीरे से कहा,”अपनी ही बिटिया का सुहाग उजाड़ने की जल्दी है आपको , कहे थे ना 2 घंटे की बात है”
“उधर का पंचायती कर रहे हो इधर हमका बताओ जे सब का मेटर है ?”,गुप्ता जी ने कहा तो गोलू उनकी तरफ पलटा लेकिन कहा कुछ नहीं अब सब सच बताकर उसे अपनी ही कबर खुद थोड़े खोदनी थी।
गोलू को कुछ नहीं सुझा तो उसने शर्मा जी के घर की तरफ देखकर कहा,”फूफा वहा का कर रहे है ?”
शर्मा जी और गुप्ता जी ने एक साथ उस तरफ देखा लेकिन वहा कोई नहीं था। गुप्ता जी ने जैसे ही सामने देखा गोलू महाराज गायब,,,,,,,,,,उन्होंने उधर देखा लेकिन गोलू तो उनके सामने से ऐसे गायब हुआ जैसे गधे के सर से सींग,,,,,,,,,,,,!!!
गुप्ता जी को बदहवास देखकर शर्मा जी भी चुपचाप वहा से खिसक गए !
अपने पिताजी के सामने से भागकर गोलू आगे वाली गली में घुस गया और भागते हुए सड़क पर आ पहंचा वह रुका और हाफने लगा।
गुड्डू गोलू को छोड़कर भागा नहीं था बल्कि गली के बाहर बाइक रोककर उसका ही इंतजार कर रहा था क्योकि गुड्डू जानता था गोलू कैसे भी करके वहा से निकल कर आ ही जाएगा। हांफते हुए गोलू ने जैसे ही सामने बाइक पर बैठे गुड्डू को देखा गुस्से से उसकी तरफ आया और बिफरते हुए कहा,”साला जे थी तुम्हायी दोस्ती गुड्डू भैया , उह सांप और नेवले के बीच हमका अकेला छोड़कर आ गए,,,,,,,,,एक ठो बार भी हमाये बारे में नाही सोचे ? कितने स्वार्थी हो गए हो गुड्डू भैया तुमहू,,,,,,,,,,!!”
“हाँ साले स्वार्थी है तभी तो तुम्हरे इत्ते बड़े कांड का टोकरा अपने सर पर उठाये हिया तक चले आये तुम्हरे साथ,,,,,,,,,,काण्ड भी तुम करो और शाबाशी भी तुम्ही लो.,,,,,,,,,साला का जरुरत थी फूफा को उठाने की और उठाये भी तो रखे कहा ? अपने ससुर के घर मा , अरे उह्ह आदमी तो मौका ढूंढता है तुमको जलील करने का,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने बिफरकर कहा क्योकि ये जो कुछ भी हो रहा था सब गोलू की वजह से हो रहा था ना वह मिश्रा जी के सामने फूफा को उठाने की बात करता और ना इतने बड़े कांड में फंसता,,,,,,,,,!!”
गोलू सर पकड़कर जमीन पर ही बैठ गया उसे समझ नहीं आ रहा था क्या करे ? पहले फूफा को उठाने की टेंशन थी अब फूफा को ढूंढने की टेंशन थी।
“मातम ना मनाओ जे बताओ फूफा शर्मा जी के घर मा है कि नाही ?”,गुड्डू ने कहा
“फूफा वहा नहीं है,,,,,,,,,,लगता है भाग गए है , लेकिन भागकर गए कहा होंगे ? कही पुलिस स्टेशन तो नाही चले गए हमरे खिलाफ रपट लिखवाने , कि हमने उनको किडनेप किया है ,, हमको तो अभी से जेल की चार दिवारी और फांसी का फंदा दिखाई दे रहा है गुड्डू भैया”,गोलू बड़बड़ाया
“बको मत गोलू , हमको लगता है फूफा घर गए होंगे,,,,,,,,हमका एक ठो बार घर चलकर देखना चाहिए वहा नहीं मिले तो फिर एक ही रास्ता है पुलिस स्टेशन जाकर रपट लिखवानी पड़ेगी,,,,,,,!!”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा
गोलू उठा और गुड्डू के पीछे आ बैठा और गुड्डू बाइक लेकर आगे बढ़ गया। गोलू के दिमाग ने तो काम करना बंद कर दिया था लेकिन गुड्डू के दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। आखिर मिश्रा जी ने गोलू से फूफा को उठाने के लिए क्यों कहा ?”
अपनी ही सोच में उलझा गुड्डू घर पहुंचा। गोलू बाइक से नीचे उतरा और गुड्डू के साथ अंदर आया। जैसे ही दोनों अंदर आये सामने भुआ मिल गयी , गुड्डू ने उन्हें देखकर पूछा,”भुआ फूफा घर आये थे का ?”
“नाही गुड्डू , अभी तक तो नाही आये,,,,,,,,,,,,का बात हुई ?”,भुआ जी ने पूछा
फूफा मिश्रा जी के घर भी नहीं है सुनकर गोलू बोखला उठा और कहा,”ल्यो गुड्डू भैया मिल गयी तसल्ली , हिया भी नाही है फूफा , ना शर्मा जी के घर थे ना हिया है , पता नहीं कहा चले गए है,,,,,,,,,,,हमको तो लगता है फूफा,,,,,,,,,,,,,!!”
गोलू ने इतना ही कहा कि भुआ ने ने रोने के लिए जोर से अलाप लिया और अपनी चूडियो को तोड़ने के लिए हाथ हवा में उठाया,”ए कोमलिया के पिता,,,,,,,,,,,!!!”
भुआ ने इतना ही कहा कि गोलू ने आकर उनका मुंह बंद करते हुए कहा,”अरे भुआ चुप हो जाओ , मरे नाही है फूफा साला जब देखो तब अपनी चुडिया तोड़ने को तैयार बैठी रहती हो,,,,,,!!”
गुड्डू ने भुआ और गोलू का ड्रामा देखा और बेचारा अपना सर पकड़ कर वही सीढ़ियों पर बैठ गया
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संजना किरोड़ीवाल


“का हुआ का सोचने लगे ? जब ध्यान देने की जरूरत थी तब तो कुछो किये नहीं अब बिटवा हाथ से निकल गवा तब तो सोच रहे हो,,,,,,,,,,,कान खोलकर सुन ल्यो गुप्ता जी , बहुते बड़ी गलती किये है हम अपनी लड़की इह घर मा देकर,,,,,,,,,,पता नहीं कैसा गुंडे मवालियो का खानदान है”,शर्मा जी ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा तो गुप्ता जी सीढ़ियों से नीचे उतरकर उनके सामने आये और गुस्से से कहा,”जबान की गाड़ी पर थोड़ा ब्रेक लगाओ शर्मा , खानदान को बीच मा लाये न तो यही पटक के पेल देंगे ससुरे को,,,,,,,,,
“का हुआ का सोचने लगे ? जब ध्यान देने की जरूरत थी तब तो कुछो किये नहीं अब बिटवा हाथ से निकल गवा तब तो सोच रहे हो,,,,,,,,,,,कान खोलकर सुन ल्यो गुप्ता जी , बहुते बड़ी गलती किये है हम अपनी लड़की इह घर मा देकर,,,,,,,,,,पता नहीं कैसा गुंडे मवालियो का खानदान है”,शर्मा जी ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा तो गुप्ता जी सीढ़ियों से नीचे उतरकर उनके सामने आये और गुस्से से कहा,”जबान की गाड़ी पर थोड़ा ब्रेक लगाओ शर्मा , खानदान को बीच मा लाये न तो यही पटक के पेल देंगे ससुरे को,,,,,,,,,
“का हुआ का सोचने लगे ? जब ध्यान देने की जरूरत थी तब तो कुछो किये नहीं अब बिटवा हाथ से निकल गवा तब तो सोच रहे हो,,,,,,,,,,,कान खोलकर सुन ल्यो गुप्ता जी , बहुते बड़ी गलती किये है हम अपनी लड़की इह घर मा देकर,,,,,,,,,,पता नहीं कैसा गुंडे मवालियो का खानदान है”,शर्मा जी ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा तो गुप्ता जी सीढ़ियों से नीचे उतरकर उनके सामने आये और गुस्से से कहा,”जबान की गाड़ी पर थोड़ा ब्रेक लगाओ शर्मा , खानदान को बीच मा लाये न तो यही पटक के पेल देंगे ससुरे को,,,,,,,,,
Yeh Fufa Ji kidnapping kaand to Golu maharaj k liye gale ki haddi ban gaya hai… kaha Golu hero banene chala tha aur ab villain ban gaya…papa-sasur se alag gaali kaayega aur fufa ji ka to pucho ..wo to bilkul nhi chodne Wale hai Golu ko… police se zarur pitwayenge…ab bhagwan bharose hai Golu maharaj
Guddu Gollu ne jo rayta failaya uuse sametne ki koshish kar raha hai per Gollu ko nahi pata ki usne Fupha ko Sharma ji ke ghar per ghar kar ek bar musibaat ko bhulava diya hai..Guddu ko jab pata chala ki Fupha Sharmji ke ghar per bi nahi pareshan hogaya… I hope Guddu waqt rehte sab sambhal le nahi toh Gollu Mishra ji se kaun bachayega…interesting part Maam♥♥♥♥