Manmarjiyan – 15

Manmarjiyan – 15

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

गुड्डू से बात करने के बाद गोलू कुछ देर के लिए ब्लेंक हो गया। उसे कुछ समझ नही आया। उसने बाबू से कहा,”बाबू पैसे दे देना हम निकलते है”
बाबू कुछ समझ पाता इस से पहले गोलू ने बाइक स्टार्ट की और आगे बढ़ गया।
“अरे भैया लेकिन हमाये पास पैसे नहीं है,,,,,,,,,,!”,बाबू ने पीछे से कहा


गोलू ने गर्दन घुमाई और जाते हुए कहा,”हाँ तो फिर आज आज पिलेट धो देना चचा की दूकान पर,,,,,,,,!!”
बाबू ने सुना तो रोआँसा हो गया और कहा,”अब समझ आया भैया कानपूर के लोग आपसे और गुड्डू भैया से इतना दूर काहे रहते है,,,,,,,,,,,,,!!”

गोलू गिरते पड़ते गुड्डू के घर पहुंचा , बाइक से उतरा और भागकर सीधा अंदर आया लेकिन रास्ते में किसी ने गीला कपड़ा डाला हुआ था गोलू का पैर पड़ा उस पर और गोलू फिसलकर सीधा थानेदार की बांहो में , थानेदार ने गोलू को सीधा खड़ा किया और कहा,”जे कौनसा स्टाइल है बे अंदर आने का ?”
गोलू को तो थानेदार के रूप में साक्षात अपनी मौत दिखाई दे रही थी , उसके गले से आवाज ही नहीं निकली तो थानेदार ने कहा,”का हुआ ठीक हो ? कुछो लोगे ?”


“चाय ले लेंगे”,गोलू ने मरे हुए स्वर में कहा
थानेदार ने देखा इतने टेंशन वाले माहौल में भी गोलू बकैती कर रहा है तो उन्होंने एक थप्पड़ गोलू के गाल पर रसीद कर दिया  

“का शादी में आये हो का ?”,थानेदार ने कहा
मिश्रा जी वही खड़े थे उन्होंने गोलू को पीछे खींचा और थानेदार से कहा,”माफ़ कीजियेगा थानेदार इनकी तरफ से हमहू माफ़ी चाहते है,,,,,,,,,आपका हिया कैसे आना हुआ ?”
“हमाये पास एक ठो कंप्लेंट आयी है , कल दोपहर से आदर्श शर्मा गायब है , उह अभी तक घर नाही पहुंचे है और उनका फोन भी नाही लग रहा है। आपके घर से ही किसी ने फोन किया था इसलिए हम आये है”,थानेदार ने मिश्रा जी को पूरी बात बताई


मिश्रा जी के चेहरे पर चिंता के भाव उभर आये , उन्होंने गोलू की तरफ देखा गोलू के तो ये सुनकर ही तोते उड़ चुके थे वह बस जैसे तैसे करके अपने चेहरे पर आये डर को छुपाने की कोशिश कर रहा था। वही गुड्डू को चिंता होंने लगी कि कही इन सब में गोलू ना फंस जाए क्योकि बीती गुड्डू ही फूफा के साथ था और उसी ने गोलू से फूफा को लेकर जाने को कहा था।


“लेकिन फोन किया किसने ?”,मिश्रा जी ने पूछा
तभी पीछे से  भुआजी निकल कर आयी और कहा,”फोन हमहू किये रहय”
“राजकुमारी तुमने थाने में फोन काहे किया जे घर का मामला था , आदर्श बाबू यही कही गए रहय होंगे आ जायँगे”,मिश्रा ने दबी आवाज में भुआ को घूरते हुए कहा।


गोलू ने जैसे ही सुना कंप्लेंट भुआ ने की है तो उसने फुसफुसाकर गुड्डू से कहा,”देखी तुमहू गुड्डू भैया , जे तुम्हायी भुआ ना एक नंबर की कलेशी औरत है भाईसाहब , मतलब फूफा घर नहीं आया तो सीधा पुलिस को घर बुला ली , ऊपर से इनका नाम राजकुमारी,,,,,,,,,,,,अरे ताड़कासुर है ताड़कासुर , हमका मारने की पूरी तैयारी करके आयी है इह बार”
“चुप करो गोलू का कुछ भी बके जा रहे हो ,  पहले पता तो चले भुआ ने इन्हे यहाँ काहे बुलाया है ?”,गुड्डू ने गोलू को झिड़कते हुए कहा  

“हाँ तो आप बताईये , आपने कंप्लेंट की के आपके पति कल से घर नहीं आये ,  उनका फोन भी नहीं लग रहा और कुछो अता पता भी नाही है,,,,,,,,,,,आपको कोनो पर सक है ?”,थानेदार ने पूछा
“गोलू,,,,,,,,,,,,,!!”,भुआ ने जैसे ही कहा गोलू का हाथ सीने पर चला गया उसे लगा बस अब उसे हार्ट अटैक आया , 10 सेकेण्ड में गोलू ने पुलिस स्टेशन से लेकर जल्लाद का फांसी देना तक सोच लिया।


वहा खड़े सब लोगो ने भुआ के मुंह से गोलू का नाम सुना तो सब हैरान परेशान हो गए , बेचारी मिश्रा जी खुद चिंता में पड़ गए कही उनकी वजह से गोलू किसी मुसीबत में ना फंस जाये लेकिन अगले ही पल भुआ ने कहा,”गोलू , हमाओ गला सुख रहा है , एक ठो गिलास पानी लाय दयो”
जो हार्ट अटैक लगभग गोलू को आ चुका था वो वापस गया और गोलू ने रोनी सूरत बनाकर कहा,”इह औरत हमको तुम्हरे पास भेजकर मानेगी महादेव”


“अभी लाते है,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ को खा जाने वाली नजरो से देखकर कहा और वहा से निकल गया
“आपको किसी पर शक है ? घर में या बाहर ?”,थानेदार ने पूछा
भुआ वहा पड़े तख्ते पर आ बैठी और रोते हुए कहने लगी,”अरे का बताये थानेदार साहब ! हमायी कोमलिया के पापा ऐसा कबो करते नाही है , उह तो कल भाईसाहब से थोड़ी बहस हुयी रही तो घर से चले गए ,, हमरे घरवाले तो सब अच्छे है और हमरे भाईसाहब इह पर सक करना मतलब खुद पर सक करने जैसा है हमको तो लगता है कोनो बाहिर वाला ही उनको अगवा कर लिया है,,,,,,,,,,,,,!!”


“ठीक है आप चिंता मत कीजिये किसी को उनकी फोटो और जानकारी लेकर थाने भेज दीजियेगा हम देखते है,,,,,,,,,,,,,!!”,भुआ को दिलासा देकर मिश्रा जी की तरफ आये और कहा,”परेशानी के लिए माफ़ी चाहेंगे मिश्रा जी पर फोन आपके घर से था इसलिए हमे आना पड़ा , अगर शाम तक आदर्श बाबू के बारे में कुछो पता चलता है या उह घर आते है तो ठीक है वरना फिर हम देखते है।”
“जी शुक्रिया,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने हाथ जोड़कर कहा तो थानेदार वहा से चला गया

थानेदार के जाने के बाद मिश्रा जी भुआ के पास आये और कहा,”का राजकुमारी जे सब का था ? तुमहू पुलिस बुलाय ली घर मा उह भी इत्ती सी बात के लिए , कल ही अम्मा गुजरी है सब उनके गम से बाहर तक नहीं निकले है और तुमहू जे नया तमाशा खड़ा कर दी हो , का जरूरत थी थानेदार को फोन करने की ?”
मिश्रा जी की डांट सुनकर भुआ रोने लगी और कहा,”जे इत्ती सी बात लग रही है आपको भाईसाहब , उह कल से घर नहीं पहुंचे है पता नहीं का हुआ होगा उनके साथ ? ऐसा तो कबो न किये उह ?”


“तो इह मा पुलिस बुलाने की का जरूरत थी हमहू भेजते ना गुड्डू को उन्हें ढूंढने,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने गुस्से से कहा तो भुआ साड़ी का पल्लू मुंह में खोंसकर रोने लगी। ये सब देखकर मिश्रा जी वहा से चले गए। मिश्राइन वही खड़ी थी उन्होंने भुआ को चुप करवाते हुए कहा,”चुप हो जावा दीदी , आदर्श बाबू आ जायेंगे,,,,,,,,काहे इतना चिंतियाय रही हो ?”


“अरे सरिता तुमको का पता हमाये सीने पर का बीत रही है जे बख्त ? बच्चे हमको इतना बुरा लताड़े है कि पापा का ख्याल काहे नाही रखी ? उह मामा के घर से निकले तो तुमहू साथ काहे नहीं चली आयी ? पर नहीं हमहू तो बहन का फर्ज निभा रहे थे हिया पति जाए भाड़ मा,,,,,,,,,,!!”,भुआ ने बिफरते हुए कहा
“भुआ इह ल्यो पानी”,गोलू ने आकर गिलास भुआ के सामने करके कहा
“डाल दयो हमाये माथे पे”,भुआ ने चिढ़कर कहा

 मिश्रा जी को जाते देखकर मिश्राइन भी उन्हें समझाने उनके पीछे चली गयी। साथ लाया पानी गोलू ने खुद ही पी लिया तभी गुड्डू आया और गोलू को साइड कर भुआ से कहा,”जे सब का है भुआ ? फूफा पहिले ही सबके सामने पिताजी को शर्मिन्दा करके गए रहय अब तुमहू भी पुलिस बुलाय लेइ ,, अपना नहीं कम से काम पिताजी की इज्जत का तो ख्याल करो,,,,,,,,,,,,बूढ़ा अगर ज़िंदा होती तो जे सब ना होन देती भुआ”


“अरे वाह गुडडुआ तुमहू भी हमे ही सुनाय रहे हो , हमहू का गलत किये रहय बताओ ज़रा,,,,,,,,,मतलब इधर बोले तो फंसे उधर बोले तो फंसे,,,,,,,,!!”,भुआ जी चिढ़ते हुए कहा
“अरे तुमहू फंस ही नाही सकती,,,,,,,,!!”,गोलू ने बीच में आकर कहा
“काहे ?”,भुआ ने गोलू ने कहा


“108 किलो की जो हो कहा से फँसोगी ?”,गोलू ने कहा
 गुड्डू ने सुना तो गोलू को देखा और कहा,”गोलू मुंह तोड़ देंगे हम बकैती ना करो”
“हाँ हाँ गुडडुआ हमायी तो कोनो इज्जत ही ना है इह घर मा , सही कहे रहे कोमलिया के पिताजी पर हमहू ही ना सुनी भाई के मोह मा पड़े है बस हिया,,,,,,,,,,,!”,भुआ ने गुड्डू को ताना मारते हुए कहा तो गुड्डू वहा से चला गया।

गुड्डू के जाते ही भुआ ने फिर साडी का पल्लू मुंह में खोंसा और रोते हुए कहा,”अरे ऐसा तो का कह दिए हमहू ? आज हमायी अम्मा ज़िंदा होती तो का हमका बोलने से रोकती,,हमहू तो रोकर अपना दुःख भी नहीं जता सकते रे,”
गोलू ने देखा भुआ का रोना धोना कुछ ज्यादा ही हो रहा है तो वह भुआ के बगल में बैठा और उन्हें साइड हग करते हुए कहा,”अरे भुआ काहे रो रोकर अपना कलेजा जलाय रही हो ?

अरे आ जाएंगे फूफा चिंता नाही करो गए होंगे किसी यार दोस्त के यहाँ,,,,,,,,,,,,देखो पूरा काजल फैला ली हो रो रोकर , अरे सब्र रखो सब ठीक हो जाएगा , मिश्रा जी पहिले इतना दुखी है बेचारे को और दुखी काहे कर रही हो ?”
“तुम्ही बताओ गोलू हमहू गलत है का ?”,भुआ ने रोते हुए कहा
 “अरे भुआ हमहू जान दे अगर कोई कहे तुमहू गलत हो,,,,,,,,,,तुमहू गलत हो ही नहीं सकती”,गोलू ने भुआ को चने के झाड़ पर चढ़ाते हुए कहा


“तुम्ही बताओ गोलू अब हमहू अपना दुखड़ा कहा रोये ?”, भुआजी ने सिसकते हुए कहा
“कही और क्यों जाओगी इह ल्यो हिया रोवो”,गोलू ने अपना कंधा थपथपाकर कहा। भुआ गोलू के कंधे पर सर रखकर सिसकने लगी। गोलू ने राहत की साँस ली उसका प्लान अभी भी कायम था।  भुआ को बहलाने के लिए और फूफा पर से उसका ध्यान हटाने के लिए गोलू ने भुआ के कानो में पहन सोने के झुमके देखकर कहा,”ए भुआ ! जे सोने के है का ?”


गोलू के कंधे पर सर टिकाये भुआ ने साड़ी के पल्लू से अपनी नाक पोछते हुए कहा,”हाँ सोने के है गोलुआ , जे भी तुम्हरे फूफा दिलाय रहे पिछली दिवाली”
“डिजाइन इत्ता कुछो ख़ास नाही है , इह से बढ़िया तो हमाये इधर के सुनार बनाय दी है,,,,,!!”,गोलू ने औरतो की तरह झुमको को छूकर देखते हुए कहा

गुड्डू पानी का गिलास लिए सामने खड़ा था। वह रोटी हुई भुआ को इग्नोर करके नहीं गया था बल्कि उनके लिए पानी लेने गया था लेकिन वापस आकर गुड्डू ने जो देखा वह तो उसकी सोच से भी परे था। भुआ से बात करते हुए गोलू ने जैसे ही सामने देखा तो गुड्डू का गुस्से से भरा चेहरा दिखाई दिया।
गोलू कुछ कहता इस से पहले गुड्डू ने हाथ में पकड़े गिलास का पानी गोलू पर उछालकर कहा,”हाँ तुमहू रंगबाजी कर ल्यो पहिले”


“अरे गुड्डू भैया आप गलत समझ रहे है,,,,,,,,,,हमहू तो बस उनको समझाय रहे थे”,गोलू ने गुड्डू के पीछे आते हुए कहा  
गुड्डू ऊपर चला आया , गोलू भी उसके पीछे पीछे चला आया और कहा,”गुड्डू भैया यार बात तो सुनो हमाई”
छत पर आकर गुड्डू गोलू की तरफ पलटा और कहा,”गोलू हमका जे बताओ फूफा कहा है ? का किये हो उनके साथ ?”


गुड्डू की बात सुनकर गोलू चुप हो गया तो गुड्डू गोलू के पास आया और उसके कंधो को थामकर कहा,”गोलू हम कल तुमसे फूफा को घर छोड़ने को कहे थे , तुमने उन्हें घर छोड़ा या नहीं ?”
“हाँ हाँ छोड़ा ना भैया , हमहू तो रात में ही उनको गांव वाली बस मा बैठा दिए थे,,,,,,,!!”,गोलू सफ़ेद झूठ बोल गया
“तो फिर फूफा घर कैसे नहीं पहुंचे ? कही रास्ते में उनके साथ कोनो दुर्घटना,,,,समझ नहीं आ रहा साला का करे एक मुसीबत सम्हालने जाते है कि दूसरी बाँहे फैलाये हमे गले लगाने को तैयार खड़ी रहती है”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा


“अरे गुड्डू भैया परेशान काहे होते है , हमहू है ना हम सब सम्हाल लेंगे,,,,,,,अभी जाते फूफा को ढूंढने,,,,,,,,तुमहू बस , तुमहू परेशान न हो”,गोलू ने गुड्डू के कंधे पर हाथ रखकर कहा
गुड्डू ने हामी में सर हिला दिया और फिर कुछ देर वही छत पर बैठा रहा। गोलू को मिश्रा जी से मिलना था इसलिए वह नीचे चला आया। गोलू को देखते ही मिश्रा जी उसे साइड में लेकर आये और कहा,”आदर्श बाबू को कहा रखे हो ?”


“उह सेफ जगह है बस आप एक ठो बार मिल के जे मामला निपटाय दयो”,गोलू ने गंभीरता से कहा
“हम्म्म,,,,,,,,बस ध्यान रहे अब कोनो गड़बड़ ना हो और तुम्हरे अलावा किसी को कानो कान खबर ना हो,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“बुरा ना माने तो एक ठो बाते पूछे आपसे ?”,गोलू ने डरते डरते कहा
“हम्म्म्म पूछो”,मिश्रा जी ने कहा


गोलू ने हिम्मत की और धड़कते दिल के साथ कहा,”कुछो ऐसा है का जो आप हम सबसे छुपा रहे है ?”
गोलू की बात सुनकर मिश्रा जी कुछ देर खामोश रहे और फिर कहा,”हम दोपहर मा तुमको फोन करेंगे तब तक सब सम्हालो”
मिश्रा जी ने गोलू की बात का कोई जवाब नहीं दिया और इसने गोलू को और उलझन में डाल दिया। खैर मिश्रा जी की बात मानने के अलावा गोलू के पास अब और कोई चारा भी नहीं था वह वहा से चला गया।

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संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

गुड्डू की बात सुनकर गोलू चुप हो गया तो गुड्डू गोलू के पास आया और उसके कंधो को थामकर कहा,”गोलू हम कल तुमसे फूफा को घर छोड़ने को कहे थे , तुमने उन्हें घर छोड़ा या नहीं ?”
“हाँ हाँ छोड़ा ना भैया , हमहू तो रात में ही उनको गांव वाली बस मा बैठा दिए थे,,,,,,,!!”,गोलू सफ़ेद झूठ बोल गया
“तो फिर फूफा घर कैसे नहीं पहुंचे ? कही रास्ते में उनके साथ कोनो दुर्घटना,,,,समझ नहीं आ रहा साला का करे एक मुसीबत सम्हालने जाते है कि दूसरी बाँहे फैलाये हमे गले लगाने को तैयार खड़ी रहती है”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा

गुड्डू की बात सुनकर गोलू चुप हो गया तो गुड्डू गोलू के पास आया और उसके कंधो को थामकर कहा,”गोलू हम कल तुमसे फूफा को घर छोड़ने को कहे थे , तुमने उन्हें घर छोड़ा या नहीं ?”
“हाँ हाँ छोड़ा ना भैया , हमहू तो रात में ही उनको गांव वाली बस मा बैठा दिए थे,,,,,,,!!”,गोलू सफ़ेद झूठ बोल गया
“तो फिर फूफा घर कैसे नहीं पहुंचे ? कही रास्ते में उनके साथ कोनो दुर्घटना,,,,समझ नहीं आ रहा साला का करे एक मुसीबत सम्हालने जाते है कि दूसरी बाँहे फैलाये हमे गले लगाने को तैयार खड़ी रहती है”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा

गुड्डू की बात सुनकर गोलू चुप हो गया तो गुड्डू गोलू के पास आया और उसके कंधो को थामकर कहा,”गोलू हम कल तुमसे फूफा को घर छोड़ने को कहे थे , तुमने उन्हें घर छोड़ा या नहीं ?”
“हाँ हाँ छोड़ा ना भैया , हमहू तो रात में ही उनको गांव वाली बस मा बैठा दिए थे,,,,,,,!!”,गोलू सफ़ेद झूठ बोल गया
“तो फिर फूफा घर कैसे नहीं पहुंचे ? कही रास्ते में उनके साथ कोनो दुर्घटना,,,,समझ नहीं आ रहा साला का करे एक मुसीबत सम्हालने जाते है कि दूसरी बाँहे फैलाये हमे गले लगाने को तैयार खड़ी रहती है”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा

गुड्डू की बात सुनकर गोलू चुप हो गया तो गुड्डू गोलू के पास आया और उसके कंधो को थामकर कहा,”गोलू हम कल तुमसे फूफा को घर छोड़ने को कहे थे , तुमने उन्हें घर छोड़ा या नहीं ?”
“हाँ हाँ छोड़ा ना भैया , हमहू तो रात में ही उनको गांव वाली बस मा बैठा दिए थे,,,,,,,!!”,गोलू सफ़ेद झूठ बोल गया
“तो फिर फूफा घर कैसे नहीं पहुंचे ? कही रास्ते में उनके साथ कोनो दुर्घटना,,,,समझ नहीं आ रहा साला का करे एक मुसीबत सम्हालने जाते है कि दूसरी बाँहे फैलाये हमे गले लगाने को तैयार खड़ी रहती है”,गुड्डू ने परेशानी भरे स्वर में कहा

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