मनमर्जियाँ – S99

Manmarjiyan – S99

Manmarjiyan Season 2

Manmarjiyan – S99

पाठको के साथ साथ मुझे भी लगता था की अब तक गुड्डू सुधर जाएगा लेकिन उसकी शरारतें अभी भी वैसी ही थी। मेहँदी में गुड्डू और गोलू को शामिल ही नहीं होने दिया गया तो बेचारे खिड़की से ताका-झाकी करने लगे लेकिन यहाँ भी बेचारो की किस्मत खराब की चाची ने देख लिया और आकर दरवाजा बंद कर दिया। दोनों वहा से चले गए। कुछ देर बाद रोहन और उसके घरवाले और रिश्तेदार चले आये। चूँकि रोहन के पापा और गुप्ता जी दोनों ने मिलकर ये गेस्ट हॉउस बुक किया था। रोहन और उसके घरवाले एक दिन पहले ही चले आये ताकि सब साथ मिलकर शादी एन्जॉय कर सके। गुड्डू और गोलू चूँकि लड़की वालो की तरफ से थे इसलिए दोनों उनके स्वागत में जुट गए। उसी हॉल से लगकर दूसरा हॉल था जहा लड़के वाले ठहरे थे। गुड्डू उन सबकी खातिरदारी कर रहा था हालाँकि हॉल वालो ने स्टाफ रखा था लेकिन इस वक्त सब किसी ना किसी काम में बिजी थे। गुड्डू ने देखा विनोद जूस की ट्रे उठाये मेहमानो की तरफ जा रहे है तो उसने आकर उनसे ट्रे ली और कहा,”अरे जे आप का कर रहे है लाईये हमे दीजिये हम लेकर जाते है ?”
“अरे नहीं दामाद जी आपसे ये सब थोड़े ना करवाएंगे”,विनोद ने कहा
“कमाल करते है आप भी , आप हमसे बड़े है हमाये सामने आप काम करेंगे ,, हमे अच्छा नहीं लगेगा। लाईये हमे दीजिये”,कहते हुए गुड्डू ने ट्रे ली और लेकर मेहमानो की तरफ बढ़ गया। विनोद दूसरी तरफ चला गया। उधर गुप्ता जी मिश्रा जी को अपने नए समधी जी और उनके परिवार से मिलवा रहे थे।
गुड्डू ट्रे लेकर जैसे ही रोहन और उसके रिश्तेदारों के बीच आया वहा बैठी लड़किया गुड्डू को देखने लगी और लड़के उसकी पर्सनालिटी से जलने-भुनने लगे। रोहन ने देखा तो कहा,”अरे अर्पित आप ये सब क्यों ले आये ? लाईये दीजिये”
“अरे कोई बात नहीं अभी तुम नए नए दामाद बनने वाले हो बाद में तुम्हे भी जे ही सब करना है”, ने कहा तो सब हसने लगे। रोहन ने सबको गुड्डू का परिचय दिया और फिर गुड्डू वहा से चला आया। लड़के वाले और लड़की वाले सारे मेहमान वहा मौजूद थे। रोहन को भी मेहँदी लगनी शुरू हो गयी सभी खूब मस्ती कर रहे थे। दोपहर के खाने के समय गुड्डू गोलू और वेदी बैठकर पिंकी और शगुन का इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद पिंकी और शगुन आयी और पिंकी ने कहा,”आप लोग खा लीजिये हमारे और शगुन के हाथ में मेहँदी लगी है हम लोग बाद में खा लेंगे”
“ठीक है कोई बात नहीं”,गोलू ने कहा तो पिंकी ख़ुशी ख़ुशी वहा से चली गयी। शगुन वहा से रोहन के पास चली गयी। उस से मिलकर वापस आयी तो देखा गुड्डू खाने की प्लेट सामने रखे अकेले ही बैठा है। शगुन उसके पास आयी और कहा,”क्या हुआ आप खाना नहीं खा रहे ?”
“वेदी अपनी सहेली के साथ खायेगी , गोलू किस्मत वाला है की पिंकी को अपने हाथो से खिलाने पहुँच गया बचे हम तो हम अकेले किसके साथ खाये ?”,गुड्डू ने कहा जबकि उसी ने जानबूझकर गोलू और वेदी को वहा से भेजा था। शगुन आकर गुड्डू के बगल में पड़ी कुर्सी पर आकर बैठ गयी और कहा,”ठीक है जब तक आप खाना खाएंगे मैं यहाँ बैठ जाती हूँ”
“तुम नहीं खाओगी ?”,गुड्डू ने सवाल किया
“मेरे हाथो में मेहँदी लगी है और अभी सुखी भी नहीं है , आप खा लीजिये मैं बाद में खा लुंगी”,शगुन ने कहा
“कोई बात नहीं हम खिला देते है”,गुड्डू ने जैसे ही एक निवाला तोड़कर शगुन की तरफ बढ़ाया तो शगुन ने कहा,”सबके सामने “
“का दिक्कत है हमायी अपनी पत्नी को खिला रहे है , ल्यो खाओ”,गुड्डू ने शगुन को खिलाते हुए कहा और फिर अगला निवाला खुद खा लिया। कुछ दूर खड़े मिश्रा जी ने देखा तो मन ही मन कहा,”बस महादेव् ऐसे ही तुम दोनों का प्रेम बनाये रखे”
गुड्डू शगुन को अपने हाथ से खाना खिला रहा था और शगुन को ये बहुत अच्छा लग रहा था। वह बस प्यार से गुड्डू के चेहरे को देखे जा रही थी और गुड्डू चुपचाप उसे खाना खिला रहा था। ये सब करते हुए गुड्डू को भी अच्छा लग रहा था
अब तक उसने खुद को शगुन से दूर रखा था , उसे बहुत हर्ट किया था लेकिन अब वह शगुन के लिए वो सब करना चाहता था जो शगुन डिजर्व करती थी। गुड्डू ने देखा शगुन के होंठो के नीचे थोड़ा सा खाना लग गया है वह टिशू ढूंढने लगा नहीं दिखा तो शगुन के थोड़ा सा क़रीब आया और अपने हाथ से ही साफ कर दिया। गुड्डू की इस हरकत ने शगुन का दिल धड़का दिया वह बस उसकी आँखों में देखते ही रह गयी।
“अच्छा दिखाओ तुम्हायी मेहँदी”गुड्डू ने शगुन से दूर होकर कहा
शगुन ने अपने दोनों हाथो को आगे कर दिया जिनमे बहुत ही सुन्दर मेहँदी लगी हुई थी। गुड्डू ने ध्यान से देखा और कहा,”इसमें हमारा नाम तो है ही नहीं ?”
“आपका नाम मेरे मन पर लिखा जा चुका है गुड्डू जी”,शगुन ने बड़े प्यार से गुड्डू को देखकर कहा तो गुड्डू का दिल धड़क उठा और उसने शरमाते हुए कहा,”हमे ना शर्म आ रही है , हम जाते है”
शगुन कुछ कहती इस से पहले ही गुड्डू वहा से उठकर चला गया शगुन मुस्कुराने लगी और फिर उठकर चली गयी। दिनभर सबने खूब मस्ती की शगुन अपने घर में बड़ी थी इसलिए वह ज्यादा टाइम कल शादी में काम आने वाले सामान और दूसरी व्यवस्था देख रही थी। शाम में रोहन की निकासी थी शगुन को वो सब भी देखना था उसकी मदद के लिए पारस चला आया। उसने शगुन के हाथ से सामान की लिस्ट लेकर कहा,”इस वक्त तुम्हे गुड्डू के साथ होना चाहिए और तुम ये सब कर रही हो। ये सब मैं कर लूंगा शगुन तुम जाओ अंदर जाकर सबके साथ बैठो”
“गुड्डू जी के साथ तो अब पूरी जिंदगी ही रहना है पारस , और फिर ये सब भी तो किसी ना किसी को देखना ही है ना। चाचा-चाची और पापा अकेले क्या क्या करेंगे ?”,शगुन ने कहा
“ठीक है फिर मैं तुम्हारी हेल्प कर देता हूँ”,कहते हुए पारस शगुन के साथ साथ काम में उसका हाथ बटाने लगा।

उधर ऊपर प्रीति के कमरे में गुड्डू , गोलू , वेदी , पिंकी , प्रीति की सहेलिया प्रीति के चारो ओर बैठे थे और हंसी मजाक कर रहे थे। प्रीति के हाथ पैरो में मेहँदी लगी थी। वह उन सबके बीच बैठी हंस रही थी मुस्कुरा रही थी। गुड्डू पेट के बल लेटा हुआ था सबके साथ हंसी मजाक कर रहा था। पिंकी को ये देखकर अच्छा लग रहा था की गुड्डू अब वापस पहले जैसा हो गया है और उसे गोलू और पिंकी के रिश्ते से भी कोई ऐतराज नहीं है।
“अच्छा प्रीति तुम्हायी शादी हो रही है लेकिन तुमने अभी तक हमे पार्टी नहीं दी यार , जे गलत बात है यार”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा बताओ क्या चाहिए मैं अभी ऑनलाइन आर्डर कर देती हूँ ?”,प्रीति ने कहा
“हमे तो बनारस की मलइयो खानी है”,गोलू ने कहा
“बाकि सबको ?”,प्रीति ने पूछा तो गोलू बोल पड़ा बाकि सब भी यही खा लेंगे”
“हम पिज्जा खाएंगे”,वेदी ने कहा तो गुड्डू ने एकदम से कहा,”अरे पिज्जा की एक बात बताते है सबको”
गोलू समझ गया गुड्डू क्या बताने वाला है ? क्योकि पिज्जा को लेकर एक वही कहानी फेमस थी। गुड्डू एकदम से उठकर बैठ गया और कहने लगा,”एक बार जे गोलू इसने ना हमाये घर के सामने रहने वाली रौशनी से 200 रूपये ले लिए और बदले में हमारा सीक्रेट उसे बता दिया”
“क्या गोलू जी 200 में बिक गए ?”,प्रीति ने लानत भरे स्वर में कहा
“अरे आगे सुनो उसके बाद उन्ही पैसो से जे महाशय सोनू भैया की दुकान पर बैठकर पिज्जा खा रहे थे बड़े मज्जे से , हमने धर लिया और दिए दो घुसंड ,,, पिज्जा भी उठाकर लाये”,गुड्डू ने ये बात इतनी मजेदार तरीके से बताई की सबका हंस हंस कर बुरा हाल हो गया।
“अच्छा ये सब ठीक है फिर मलइयो मंगा दे सबके लिए ?”,प्रीति ने पूछा
“हां मंगवा दो लेकिन इसकी भी एक बहुत दिलचस्प कहानी है”,गुड्डू ने अपने बालो में से हाथ घुमाते हुए कहा
“वो भी सूना दो”,गोलू ने कहा तो गुड्डू कहने लगा बहुत साल पहले हम ना कॉलेज वाले दोस्तों के साथ बनारस घूमने आये थे”
“कब हमे काहे नहीं लाये ?”,गोलू ने एकदम से कहा
“अबे तुमको निमोनिया जो गवा था उह साल तुम बीच में बोलकर फ्लो ना खराब करो”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा ठीक है ठीक है बताओ”,गोलू ने कहा
“तब हम , मनोहर और दो तीन लड़के और थे हम एक रेस्टोरेंट में बैठी और उनकी लगी हमसे शर्त की वहा बैठी किसी भी लड़की से बिल भरवा के दिखाओ , हम भी ओवरकॉन्फिडेंस में हां बोल दिए। हमने देखा वहा कोने में एक अकेली लड़की बैठी थी हम गए थोड़ी स्माइल की लड़की हो गयी हम पर फ्लेट (गुड्डू ने चुटकी बजाते हुए कहा) उनसे हमसे बैठने को कहा। थोड़ी बातें हुयी उह हो गई इम्प्रेस और कहा की हम आपके लिए क्या कर सकते है ,, हमने भी कह दिया की कुछो नहीं करना बस हमाओ बिल भर दयो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,गुड्डू ने कहा
“फिर भरा उसने बिल ?”,प्रीति ने कहा
“उह हमसे अच्छा खासा इम्प्रेस थी तो उसने हाँ बोल दी , उसके बाद हमाये साथ वाले लौंडो ने जो खाया है ऐसा मालूम पड़ता जैसे जन्मो जन्मो के भूखे है सब ,, हमाये लिए कुछ छोड़ा ही नहीं , फिर उह लड़की हमाये लिए मलइयो लेकर आयी हमने पूछा जे किसलिए ? उह बोली थोड़ी देर में पता चल जाएगा। हमको लगा उसे हम पर कुछो ज्यादा ही प्यार आ रहा है। खाने के बाद सभी उठकर चले गए जैसे ही हम जाने लगे धरे गए,,,,,,,,,,,,,,पुरे 3500 रूपये का बिल प्लस 100 रूपये मलइयो के,,,,,,,,,बिल लिए हमाये सामने एक मुस्टंडा खड़ा था हम थे तब 18 के डर गए। हमने आसभरी नजरो से लड़की को देखा तो उह आयी हमे थोड़ी तसल्ली हुई लगा जे बचा लेगी पर उह आके कहती है “पैसे ना दे तो पीछे बहुत सारे गंदे बर्तन पड़े है वो धुलवा लेना” हमे लगा वो हमसे इम्प्रेस है पर वो तो शादीशुदा निकली हमे ही डिप्रेस करके चली गयी”
गुड्डू की बात सुनकर सब हसने लगे और गोलू ने कहा,”अच्छा हुआ हम नहीं गए”
“अच्छा जीजू फिर आपने बिल भरा या बर्तन धोये ?”,प्रीति ने शरारत से कहा
“बर्तन धोने में कैसी शर्म घर में भी तो धुलते ही है”,गुड्डू ने मासूमियत से कहा तो सब समझ गए की गुड्डू ने बिल नहीं भरा और सब हसने लगे।
“ओह्ह जीजू आप कितने क्यूट हो यार आपको देखकर कोई कह नहीं सकता आपको गुस्सा भी आता है”,प्रीति ने कहा
“गुस्सा तो बस एक ही इंसान को आता है मास्टरनी को”,गुड्डू ने कहा
“अब ये कौन है ?”,प्रीति ने हैरानी से कहा
“शगुन भाभी की बात कर रहे है ये”,इस बार वेदी ने कहा
“अरे धीरे बोलो उसने सुन लिया ना यही खड़े खड़े लेक्चर दे देगी हमे ,, पता है कभी कभी उसमे ना वो मास्टरनी वाली आत्मा घुस जाती है और फिर वो शुरू हो जाती है अपनी टोन में , जे सही उह गलत हम तो किसी स्टूडेंट की तरह चुपचाप सुनते रहते है बस”कहते हुए गुड्डू जैसे ही घुमा शगुन को देखकर उसकी बोलती बंद हो गयी।
“अरे गुड्डू भैया बोलो बोलो चुप काहे हो ?”,गोलू ने गुड्डू के मजे लेते हुए कहा तो गुड्डू ने उसे घुरा
“क्या हो रहा है यहा ?”,शगुन ने बिल्कुल वैसे ही पूछा जैसे एक टीचर अपनी क्लास के बच्चो से पूछती है। गुड्डू ने सुना तो गर्दन घुमाकर प्रीति से इशारा किया तो प्रीति समझ गयी और हसने लगी , प्रीति हंसी तो बाकि सब भी हंस पड़े और गुड्डू ने कहा,”अरे तुम खड़ी काहे हो आओ बैठो ना हम सबके साथ ?”
गुड्डू शगुन का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले आया और फिर सब बैठकर एक बार फिर हंसी मजाक में खो गए। प्रीति ने जो आर्डर दिया था वह आ चूका था और सब साथ बैठकर खाने लगे। सभी बहुत खुश थे बस इन सबके बीच बैठी वेदी का मन थोड़ा उदास था। वह अमन को बहुत मिस कर रही थी लेकिन वह शादी में नहीं आया था।
शाम में प्रीति को छोड़कर बाकि सब रोहन की निकासी में जाने के लिए तैयार होने चले गए। गुड्डू सूट पहनकर प्रीति के सामने आया और कहा,”जे कैसा लग रहा है ?”
“परफेक्ट बस एक कमी है”,प्रीति ने कहा
“का ?”,गुड्डू ने खुद को देखते हुए कहा
प्रीति ने अपने टेबल से एक बहुत ही सुन्दर रोज़ पिन उठायी और गुड्डू के पास आकर उसके कोट पर लगाते हुए कहने लगी,”जीजू आपके आने की वजह से शगुन दी बहुत खुश है , देखा आपने कल से उसके होंठो से मुस्कराहट जाने का नाम नहीं ले रही (कहते हुए गुड्डू के हाथो को थाम लेती है और कहती है) अपनी शादी में मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए बस शगुन दी का ख्याल रखना , उसे कभी हर्ट मत करना वो इतनी अच्छी है की हर्ट भी होंगी तो आपसे कभी जाहिर नहीं करेगी क्यों की वो आपको बहुत ज्यादा पसंद करती है”
अपनी बहन के लिए प्रीति का प्यार देखकर गुड्डू ने प्रीति के हाथो को थामकर कहा,”हम हमेशा उसका ख्याल रखेंगे प्रीति खुद से भी ज्यादा , अब हम उन्हें हर्ट करने का सोच भी नहीं सकते। दिनभर उन्हें परेशान इसलिए करते है ताकि उनकी मुस्कराहट बनी रहे”
“मुझे आप पर पूरा भरोसा है , थैंक्यू”,कहते हुए प्रीति गुड्डू के गले आ लगी और फिर दूर होकर कहा,”अब जाईये सब आपका वेट कर रहे होंगे”
गुड्डू नीचे चला आया। सभी निकासी में जाने के लिए तैयार हो गए प्रीति के साथ उसकी सहेली रुक गयी। निकासी निकली गुड्डू विनोद चाचा के साथ साथ चल रहा था। वही शगुन , पिंकी , वेदी , चाची और मिश्राइन साथ थी। पारस आगे सब देखभाल करते हुए चल रहा था

गेस्ट हॉउस से थोड़ी ही दूर आये थे की रोहन के किसी रिश्तेदार ने डांस करने वालो पर नोट उछालने शुरू कर दिए। गुड्डू और गोलू का शादियों में ये फेवरेट पार्ट था लेकिन गुड्डू आज विनोद के साथ था और फिर शादी भी घर की थी उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन हमारे गोलू महाराज की नजर तो भैया नोटों के उस बंडल पर थी जो उछाला जाना था जैसे ही नोट उछले गोलू सब भूलकर पहुंच गया सबके बीच और लगा पैसे लूटने। बेचारे ने कुछ ही लुटे थे और जैसे ही पलटा नजरे जा मिली मिश्रा जी से जो की उसे खा जाने वाली नजरो से देख रहे थे। गोलू समझ गया उसने हाथ में पकडे नोट बेंड वाले को थमा दिए और खिंसियाते हुए मिश्रा जी के पास चला आया।
“बौहरा गए हो गोलू जे का कर रहे हो ? हमायी नाक कटाने पर तुले हो”,मिश्रा जी ने कहा
“वो जरा सा हाथ फिसल गया हमारा”,गोलू ने कहा
“बेटा अगर हमारा हाथ फिसला ना नाचने लायक नहीं छोड़ेंगे तुमको ,, शराफत से हमाये साथ चलते रहो ज्यादा चूल मची ना तो यही पटक मारेंगे सबके सामने”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू चुप चाप उनके साथ चलने लगा।
गुड्डू ने देखा शगुन औरतो के बीच है उसे शगुन के साथ डांस करना था कैसे लेकर आये उसे सबके बीच से ? दिमाग लगाया और फिर शगुन के पास आकर कहा,”शगुन हमारा फोन तुम्हारे बैग में है क्या ?”
शगुन रूककर बैग चैक करने लगी इतने में बाकि सब आगे निकल गए। शगुन ने बैग चेक करके कहा,”मेरे पास नहीं है गुड्डू जी”
“हां मालूम है अब चलो”,गुड्डू ने कहा और शगुन का हाथ पकड़कर उसे साइड से वहा आगे ले गया और डांस करने का इशारा किया। सबके सामने शगुन को थोड़ी शर्म आ रही थी ये देखकर गुड्डू ने पिंकी से भी आने का इशारा किया तो पिंकी भी ख़ुशी ख़ुशी चली आयी। तीनो साथ साथ डांस कर रहे थे। गोलू ने देखा तो बड़बड़ाया,”का किस्मत पाई है गुड्डू भैया ने एक्स गर्लफ्रेंड और बीवी दोनों के साथ डांस कर रहा है और यहाँ हम मिश्रा जी की दुम बने हुए है”
“हम भी चले जाए”,गोलू ने ऊँची आवाज में मिश्रा जी कहा तो उन्होंने गर्दन उचकाई
“गुड्डू भैया के पास , हमारा भी मन कर रहा है नाचने का”,गोलू ने कहा। अब मेहमानो के सामने मिश्रा जी क्या कहते इसलिए गोलू को जाने की परमिशन दे दी। उसके बाद गोलू गुड्डू शगुन और पिंकी ने खूब डांस किया। देर रात सभी वापस लौट आये , सब थक चुके थे इसलिए सोने चले गए

अगले दिन सभी यहाँ वहा बिजी रहे शगुन और गुड्डू को एक दूसरे से बात करने का वक्त ही नहीं मिला। ऊपर से मेहमान भी बढ़ गए। शाम में प्रीति तैयार होने पार्लर चली गयी। अपने साथ वह वेदी को लेकर गयी थी वेदी को उदास देखकर उसने पूछा,”क्या हुआ इतनी उदास क्यों हो ?”
“कुछ नहीं थोड़ा सा सर दर्द कर रहा था बस”,वेदी ने झूठ कह दिया।
“अभी पार्लर चलकर थोड़ा कुछ खा लेना फिर दवा ले लेना”,प्रीति ने कहा
दोनों पार्लर पहुँच गयी। प्रीति का मेकअप होने लगा और वेदी वही बैठकर आराम करने लगी
इधर सब तैयार होने चले गए। आज गुड्डू ने पहने था सफ़ेद कुरता पजामा जो की उस पर काफी जच भी रहा था। बालो को सेट किया , परफ्यूम लगाया। आज उसके चेहरे पर एक चमक थी और चेहरा ग्लो कर रहा था। पिंकी-गोलू ने मैचिंग के कपडे पहने थे। गुड्डू देख रहा था वहा सब थे बस शगुन कही नजर नहीं आ रही थी। शगुन को ढूंढते हुए वह ऊपर चला आया कमरे का दरवाजा खोलकर वह अंदर आया जैसे ही शगुन पलटी गुड्डू तो उसे बस देखता ही रह गया। लाल बॉर्डर वाली क्रीम बनारसी साड़ी में लिपटी शगुन , हाथो में चूड़िया , कानो में गोल्डन झुमके , गले में हार जो की उस साड़ी पर अच्छा लग रहा था। बालो को अच्छे से बनाकर पीछे जूड़ा बनाया हुआ था जिसके चारो और मोगरे के फूलो की लड़ी लगी हुई थी। मांग में भरा लाल रंग का सिंदूर , आँखों में गहरा काजल , होंठो पर लाली और नाक में एक छोटा सा नग,,,,,,,,,ये सारी चीजे मिलकर शगुन को और भी खूबसूरत बना रही थी। गुड्डू बस एकटक शगुन को देखता रहा आज से पहले शायद ही उसने शगुन को ऐसे देखा था।
“आप ठीक हो ?”,शगुन ने पूछा तो गुड्डू की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”हां हां हम ठीक है वो सब नीचे है तुम दिखाई नहीं दी इसलिए मैं,,,,,,,,,तूमहु तैयार हो तो चले ?”
“हां चलिए”,कहते हुए शगुन गुड्डू के साथ साथ चल पड़ी। शगुन के साथ चलते हुए गुड्डू के कानो में उसके कहे कड़वे शब्द गूंजने लगे जो उसने शगुन से कहे थे। वह बार बार शगुन को देख रहा था आज उसे शगुन एक पाक इंसान की तरह लग रही थी जिसने गुड्डू की हर गलती के लिए उसे माफ़ कर दिया था और वापस उसकी जिंदगी में शामिल हो गयी थी। सीढिया उतरकर दोनों नीचे आये। गुड्डू आगे बढ़ गया और शगुन वही रुककर अपनी साड़ी की सलवटों को सही करने लगी। गुड्डू ने पलटकर देखा और वापस शगुन के पास आकर नीचे बैठते हुए कहा,”लाईये हम कर देते है”
“गुड्डू उठिये सब देख रहे है मैं कर लुंगी”,शगुन ने कहा उसने देखा हॉल में मौजूद अधिकतर लोग उसे और गुड्डू को ही देख रहे है। गुड्डू ने सूना लेकिन ध्यान नहीं दिया उसने साड़ी की सलवटों को एक एक करके सही करना शुरू किया। ऐसा करते हुए उसने एकदम से शगुन के दोनों पैरो को छू लिया ,, शगुन हैरानी से गुड्डू को देखने लगी गुड्डू ने उसे ऐसे छुआ जैसे वह शगुन से माफ़ी मांग रहा हो। गुड्डू उठा और कहा,”हमने जो तुम्हारे साथ किया था उसके बदले में जे कुछ भी ना है शगुन ,, एक देवी जैसी लड़की का हमने दिल दुखाया हमसा बुरा इंसान अगर तुम्हाये पैर छूकर माफ़ी मांग भी ले तो कम ही होगा”
शगुन कुछ कहती इस से पहले ही गुड्डू वहा से चला गया। शगुन की आँख से बहकर आंसू नीचे जा गिरा। आज गुड्डू ने खुद को शगुन की नजरो में और ऊंचा कर दिया था।

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क्रमश – Manmarjiyan – S100

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संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan Season 2

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