Sanjana Kirodiwal

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मनमर्जियाँ – S76

Manmarjiyan – S76

Manmarjiyan

Manmarjiyan – S76

करवाचौथ का व्रत था , शगुन ने गुड्डू के लिए और पिंकी ने अपने गोलू के लिए व्रत रखा। पिंकी ने रात में गोलू को घर आने को कहा ताकि गोलू अपने हाथो से पिंकी को पानी पिलाये और उसका व्रत खोले। दिवाली के बाद एकादशी को गोलू और पिंकी की शादी होने वाली थी लेकिन गोलू ने अभी तक ये सब गुड्डू को नहीं बताया था , वह बताने वाला था लेकिन जब गुड्डू को शगुन के करीब देखा तो खुद को रोक लिया।
सुबह सुबह गुप्ता जी से बहस होने के बाद गोलू नहा-धोकर अपनी शादी की शॉपिंग के लिए निकल गया। उसने पार्लर वाले से लेकर बेंड वाले तक को बुक कर दिया। अब उसे खरीदने थे कपडे और बुक करनी थी शेरवानी इसलिए गोलू कानपूर के सबसे बड़े शोरूम में चला आया। आता भी क्यों नहीं अब गोलू कमाने जो लगा था। फ़िलहाल शादी के मुहूर्त नहीं थे इसलिए गोलू का वेडिंग वाला काम भी बंद पड़ा था। गोलू ने कपडे खरीदे और फिर दुकानवाले को एक बढ़िया सी शेरवानी दिखाने को कहा। दुकानवाला गोलू को शेरवानी दिखाने लगा।
अब इसे गोलू की बुरी किस्मत कहे या संजोग गुड्डू भी किसी काम से उसी शोरूम में चला आया। गुड्डू की नजर दुकान में शेरवानी देखते हुए गोलू पर पड़ी तो वह हैरानी से उसकी तरफ चला आया और आकर गोलू के सामने खड़ा हो गया। गोलू ने शेरवानी खुद से लगाकर शीशे में देखने के लिए जैसे ही सामने देखा , सामने गुड्डू को देखते ही उसकी हवा टाइट हो गयी। गुड्डू ने भँवे उचकाई तो गोलू के मुंह से आवाज तक नहीं निकली। गुड्डू उसके पास आया और कहा,”जे सब का चल रहा है गोलू ? तुम्हायी शादी हो रही है और तुमने हमे बताया तक नहीं ,, वहा हम भोलेनाथ से दुआ कर रहे है की शर्मा जी मान जाए और तुमहू हिया अकेले अकेले शादी की शेरवानी सलेक्ट कर रहे हो , हमे बताया तक नहीं”
बेचारा गोलू ऐसे में क्या कह्ता उसने हाथ में पकड़ी शेरवानी को साइड में रखा और गुड्डू के पास आकर कहा,”भैया वो हम बताने वाले ही थे पर का करे इन दिनों मिलना ही नहीं हो पा रहा था आपसे , सूना आप शोरूम सम्हालने लगे है तो फिर हमने भी आपको डिसट्रब नहीं किया।”
“का यार गोलू जे बात तो हमे फोन पर भी बता सकते थे , खैर छोडो जे बताओ शर्मा जी मान गए ना शादी को ?”,गुड्डू ने मुस्कुराते हुए कहा
“हाँ भैया मान गए दिवाली के बाद शादी है हमायी”,गोलू ने कहा
“अरे जिओ गोलू , चलो हमायी ना सही तुम्हायी शादी तो हो रही है , लाओ फोटो दिखाओ भाभी का ?”,गुड्डू ने गोलू के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
फोटो का नाम सुनकर गोलू फिर उलझन में पड़ गया उसने सोचते हुए कहा,”भैया फोटो तो नहीं है हमाये पास , डायरेक्ट शादी में मिलना ना आप उनसे ,, वैसे भी दिन कितने बचे है”
“हां जे भी सही है , चलो हम दिलवाते है तुम्हे शेरवानी अपनी पसंद से”,कहते हुए गुड्डू गोलू को काउंटर की तरफ ले गया और लड़के से कहा,”सुनो बाबू एक ठो बढ़िया सी शेरवानी दिखाओ इनके लिये,,,,,,,,,,,,,का है की हमाये इकलौते दोस्त है जे बढ़िया दिखने चाहिए”

गुड्डू को हँसता मुस्कुराता अपने लिए कपडे खरीदते देख गोलू के मन में एक टीस उठी। गुड्डू उस पर बहुत भरोसा करता है और गोलू वही उस से अपने और पिंकी के रिश्ते के बारे में छुपा रहा था उसे अच्छा नहीं लग रहा था। गुड्डू ने अपनी पसंद से गोलू के लिए शेरवानी खरीदी , बिल भी खुद ही चुकाया गोलू को शादी का तोहफा जो देना था उसे। दोनों कपडे लेकर बाहर चले आये चलते चलते गुड्डू ने कहा,”अच्छा गोलू आज शाम को घर आ जाओ”
“आज कुछो स्पेशल है का भैया ?”,गोलू ने पूछा
“स्पेशल तो नहीं पर हाँ शगुन ने करवाचौथ का व्रत रखा है और हमे जे पता लगाना है की किसके लिए रखा है ?”,गुड्डू ने कहा
“किसके लिए का आपके लिए रखा होगा ?”गोलू ने धीमी आवाज में कहा
“का मतलब ?”,गुड्डू ने पूछा
“अरे हमारा मतलब आप जैसा अच्छा पति पाने के लिए रखा होगा यार”,गोलू ने तुरंत बात बदलते हुए कहा
“हम्म्म्म लेकिन हमाये लिए तो नहीं रखा ना (धीरे से कहता है ) हमारा मतलब यार गोलू आ जाओ ना शाम में घर पर हम पूछेंगे तो उह भाव खायेगी , तुम्हायी अच्छी बनती है उनसे तुम्ही पूछ लो ना”,गुड्डू ने कहा
गोलू एकदम से गुड्डू के सामने आया और कहा,”एक मिनिट आप काहे इतने उतावले हो रहे है जे जानने के लिए की उन्होंने व्रत किसके लिए रखा है ?”
“हम , हम तो बस ऐसे ही जानना चाह रहे थे , तुमको नहीं आना तो मत आओ वैसे भी अब शादी होने वाली है तुम्हायी हम इम्पोर्टेन्ट थोड़े है तुम्हाये लिए”,गुड्डू ने कहा तो गोलू मुस्कुराने लगा और कहा,”अच्छा ठीक है आजायेंगे , और भले हमायी शादी हो जाये हम रहेंगे आपके दोस्त ही वही पुराने वाले गोलू”
“जे की ना तुमने दोस्ती वाली बात , लभ जू ,, अब चलकर अपनी शादी फिक्स होने की ख़ुशी में पार्टी दो और सोनू भैया की दुकान पर चलकर पिज्जा खिलाओ हमे”,गुड्डू ने आगे बढ़ते हुए कहा।
गुड्डू अपनी बाइक से और गोलू स्कूटी से दोनों साथ साथ सोनू की बड़ी दुकान की तरफ चल पड़े जो की मार्किट की तरफ थी। दोनों जैसे ही दुकान में घुसे सोनू भैया ने उन्हें देखते ही कहा,”अरे आज दोनों साथ साथ का बात है ?”
“गोलू की सादी फिक्स हो गयी है इसी ख़ुशी में पार्टी दे रहा है जे”,गुड्डू ने खुश होकर कहा
“अरे वाह मुबारक हो गोलू शादी में बुलाओगे ना ?”,सोनू भैया ने कहा
“हां आ जाना आप भी”,गोलू ने कहा
“ठीक है बैठो आज तुम दोनों को यहाँ का स्पेशल पिज्जा खिलाते है”,सोनू भैया ने कहा तो गोलू और गुड्डू दोनों टेबल के इर्द गिर्द आ बैठे। गुड्डू गोलू के साथ बैठा यहां वहा की बाते करने लगा। पिज्जा आया और साथ में कोल्ड ड्रिंक भी दोनों पिज्जा का लुफ्त उठाने लगे। कुछ देर बाद गोलू ने बिल चुकाया और फिर गुड्डू शोरूम की तरफ और गोलू घर के लिए निकल गया।

गोलू ने गुड्डू से शाम को घर आने का वादा भी कर लिया वह भूल गया की शाम में उसे पिंकी के घर भी जाना है। गुड्डू और पिंकी के घर के बीच एक गली का ही फर्क था लेकिन घूम के जाना पड़ता था जिसमे पैदल आदमी को 5 मिनिट तो लग ही जाते थे। शोरूम आकर गुड्डू काम में लग गया। आज घर से मिश्रा जी का टिफिन नहीं आया था शायद मिश्राइन भिजवाना भूल गयी थी। शोरूम पर भीड़ भी ज्यादा थी इसलिए लड़के भी सब काम में लगे थे। मिश्रा जी बाहर आये और गुड्डू से कहा,”हम खाना खाने घर जा रहे है तुमहू सम्हाल लेना सब”
“आज टिफिन नहीं आया ?”,गुड्डू ने कहा क्योकि वह तो कुछ देर पहले ही पिज्जा खाकर आया था गोलू के साथ इसलिए उसे भूख का अहसास नहीं हुआ।
“शायद तुम्हायी अम्मा काम में व्यस्त होगी हमहू चले जाते है”,मिश्रा जी ने कहा
“आप यही रुकिए हम जाकर ले आते है”,गुड्डू ने कहा
“नहीं हम शाम में खा लेंगे तुमहू परेशान ना हो”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू को अच्छा नहीं लगा उसने कहा,”बाप बेटे के रिश्ते में प्रोफेशनल काहे बन रहे है आप ? आपको हमारा जाना पसंद नहीं है तो कोई बात नहीं हम बाहर से आर्डर कर देते है”
कहकर गुड्डू वहा से चला गया काउंटर पर आकर उसने वहा खड़े लड़के को कहा,”खाना आर्डर कर देओ”
बाहर नया सामान आया हुआ था इसलिए गुड्डू को जाना पड़ा लड़के को लगा गुड्डू अपने लिए मंगवा रखा है उसने पास वाली शॉप से पिज्जा आर्डर कर दिया जो की गुड्डू का फेवरेट भी था। कुछ देर बाद गुड्डू वापस आया और कहा,”आर्डर कर दिया ?”
“जी भैया”,लड़के ने कहा
“ठीक है अब तुमहू स्टोर रूम में जाओ और देखो वहा तुम्हायी जरूरत होगी”,गुड्डू ने लड़के को भेज दिया और बिलिंग करने लगा। कुछ देर बाद एक पिज्जा आया उसे देखकर गुड्डू ने कहा,”जे किसने मंगवाया है ?”
“आपके नाम से ही आर्डर हुआ है सर”,लड़के ने कहा
“खाना आ गया ?”,उसी वक्त मिश्रा जी ने बाहर आते हुए कहा
गुड्डू ने देखा लड़के ने पिज्जा आर्डर किया है तो अपना सर पीट लिया और मिश्रा जी से कहा,”उह गलती से आर्डर कर दिया उसने हम कुछो और मंगवा देते है”
“रहने दो हम यही खा लेंगे”,कहते हुए मिश्रा जी ने लड़के के हाथ से डिब्बा लिया और अपने केबिन की तरफ चले गए। गुड्डू को लड़के पर खुन्नस हुई लेकिन खुद को रोक लिया और बिल पे करके मिश्रा जी के केबिन की तरफ चला आया। गुड्डू अंदर आया और कहा,”वो हमने उस से खाना ऑर्डर करने को कहा था लेकिन उसने गलती से , अगर आप जे ना खाना चाहो तो छोड़ दो हम कुछ और ला देते है”
“तुमसे सही काम की उम्मीद हमे है भी नहीं”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू का चेहरा उतर गया पिछले एक हफ्ते से वह सब सही करने की कोशिश ही कर रहा था लेकिन कही ना कही उस से गड़बड़ा हो ही जाती थी। गुड्डू ने धीरे से सॉरी कहा और वहा से जाने के लिए मुड़ गया। गुड्डू जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचा मिश्रा जी ने आवाज दी – गुड्डू
“जी”,गुड्डू ने पलटकर कहा
“इसे खाते कैसे है ?”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू उनके पास चला आया। उसने पिज्जा के साथ आये चिल्ली फ्लेक्स और सॉस को उस पर डाला और एक पीस निकालकर मिश्रा जी की तरफ बढ़ा दिया। मिश्रा जी ने एक टुकड़ा खाया और कहा,”जे तो बहुते स्वादिष्ट है , तुमहू भी ल्यो”
“हम,,,,,,,,,,,,,,,?”,गुड्डू ने कहा
“हां तुम्हे ही कह रहे है , बइठो”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू के होंठो की मुस्कराहट लौट आयी। वह मिश्रा जी के साथ बैठकर पिज्जा खाने लगा। खाते हुए मिश्रा जी की नजर शीशे के बाहर खड़े अपने एक दो स्टाफ वालो पर पड़ी , वे लोग उन्हें ही देख रहे थे। मिश्रा जी ने गुड्डू से कहकर बाकि सबके लिए भी पिज्जा मंगवाने को कहा। आज मिश्रा जी गुड्डू के साथ बैठकर गुड्डू की उम्र में लौट आये थे और ये देखकर गुड्डू को बहुत अच्छा लग रहा था !

दोपहर बाद शगुन की तबियत बिगड़ने लगी थी। उसे एसिडिटी हो गयी और साथ ही जी घबराने लगा। ना वह पानी पी सकती थी ना दवा ले सकती थी। मिश्राइन ने शगुन की ऐसी हालत देखी तो उसे लेकर खुले आँगन में आयी और सोफे पर बैठाते हुए कहा,”बिटिया तुम्हायी तबियत ठीक नहीं लग रही एक काम करो तुमहू दवा ले लो”
“नहीं माजी ये मेरा पहला करवाचौथ है मैं इसे अधूरा नहीं छोड़ सकती। मैं ठीक हूँ”,शगुन ने कहा
वेदी भी चली आयी उसने शगुन की ऐसी हालत देखी तो कहा,”अम्मा सही कह रही है भाभी , चाँद निकलने में तो अभी बहुत वक्त है ऐसे तो आपकी तबियत और ज्यादा खराब हो जाएगी।”
“वेदी गुड्डू जी की सलामती के लिए हमे ये करना ही होगा , मैं ठीक हूँ बस थोड़ी एसिडिटी है”,शगुन ने अपने गले को हाथ लगाते हुए कहा
“अगर गुड्डू भैया यहाँ होते तो वो भी आपको यही कहते भाभी , गुड्डू भैया कभी नहीं चाहेंगे आपको उनके लिए ऐसे परेशान होना पड़े”,वेदी ने शगुन के हाथ पर हाथ रखकर कहा
“हाँ बिटिया वेदी सही कह रही है तुमहू व्रत तोड़ दो , व्रत से ज्यादा जरुरी तुम्हारी तबियत है”,मिश्राइन ने कहा
“नहीं माजी मैं व्रत नहीं तोड़ सकती”,शगुन ने कहा
“बिल्कुल सही कहा , अरे पति के लिए इतना तो कर ही सकती है हमायी शगुन , और फिर हमारी शगुन तो है ही इतनी बहादुर”,दादी ने शगुन की तरफ आते हुए कहा तो शगुन ने कहा,”हाँ दादी माँ मैं ये व्रत पूरा करुँगी”
“अब तुम्हारी और अम्मा की जिद के आगे भला किसकी चली है ?”,मिश्राइन ने कहा तो शगुन मुस्कुराने लगी। शगुन का ध्यान कही और लगे इसलिए वेदी उसे लेकर छत पर चली आयी। दोनों बाते करते हुए घूमने लगी।
शाम में मिश्राइन ने शगुन को एक लाल रंग का जोड़ा और कुछ गहने पहनने को दिए और तैयार होकर आने को कहा। शगुन तैयार होकर आयी तब तक मिश्राइन ने पूजा की सारी तैयारियां कर ली थी। पूजा करने के बाद शगुन कमरे में चली आयी उसने वो जोड़ा और गहने उतारे और लाल रंग का सूट पहन लिया , माँग में भरे सिंदूर को बालो में छुपा लिया। गुड्डू और मिश्रा जी के आने का वक्त भी हो चुका था और चाँद निकलने में अभी वक्त था।

उधर शोरूम पर काम ज्यादा होने और नया माल आने की वजह से मिश्रा जी को रुकना पड़ा और अपने साथ साथ उन्होंने गुड्डू को भी रोक लिया बेचारा गुड्डू कहा उसे शगुन से मिलने की जल्दी थी और वह काम में फंसकर रह गया। उधर गोलू सज धज कर परफ्यूम लगाकर घर से निकल गया उसे आज अपनी पिंकी से जो मिलना था। गोलू पिंकी के घर के सामने पहुंचा और बेल बजा दी। दरवाजा पिंकी की मम्मी ने खोला सामने गोलू को देखा तो खुश होकर कहा,”अरे दामाद जी आप , आईये अंदर आईये ना ,, पिंकी से मिलने आये है ?”
“होने वाली सासू माँ आप तो बड़ी बुद्धिमान है मतलब आपको कैसे पता हम पिंकी से मिलने आये है ?”,गोलू ने अंदर आते हुए कहा
“अरे आज करवाचौथ है न इसलिए अंदाजा लगा लिया”,शर्माईन ने कहा
“जे भी सही है अच्छा हमायी होने वाली धर्मपत्नी कहा है दिखाई नहीं दे रही”,गोलू ने घर में नजरे दौड़ाते हुए कहा
“वो ऊपर छत पर है आपका ही वेट कर रही है”,शर्माईन ने कहा
“अच्छा आपके चाँद,,,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब पिंकिया के पापा कहा है ?”,गोलू ने सीढ़ियों की तरफ बढ़ते हुए कहा
“क्यों हमे देखकर व्रत खोलने वाले हो आप ?”,शर्मा जी ने कमरे से बाहर आते हुए कहा तो गोलू ने ना में गर्दन हिलायी और बिना रुके सीधा ऊपर चला आया। ऊपर आकर उसने देखा लाल रंग का बिना स्लीव्स वाला पटियाला सूट पहने , गले में हरे रंग का दुप्पटा लगाए , आँखों में काजल , होंठो पर लाली , कानो में झुमके , हाथो में चुडिया पहने पिंकी छत के एक तरफ आसमान में चाँद को देखने की नाकाम कोशिश कर रह थी। पिंकी को देखकर गोलू का तो दिल ही धड़क उठा आज से पहले शायद ही वह इतनी खूबसूरत लगी हो। गोलू दबे पाँव आया और पिंकी के बगल में दिवार से पीठ लगाकर खड़ा हो गया और पिंकी को देखते हुए कहा,”छोटी शर्माईन हम तो हिया है तुमहू आसमान में का ढूंढ रही हो ?”
पिंकी ने गोलू की आवाज सुनी तो ख़ुशी से गोलू की तरफ पलटकर कहा,”गोलू तुम”
“होने वाले पति को कोई तुम बुलाता है का ?”,गोलू ने झूठ मुठ का गुस्सा दिखाते हुए कहा तो पिंकी उसके करीब आयी और अपनी बाँहे गोलू के गले में डालते हुए कहा,”तो का कह के बुलाये आपको ?”
“का बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है तुम्हे हम पर पिंकिया , कही ऐसा ना हो हम बहक जाये”,गोलू ने पिंकी की आँखों में देखते हुए कहा
“कुछ दिन की बात है गुप्ता जी उसके बाद जितना बहकना है बहकिये जितना चहकना है चहकिये कोई नहीं रोकेगा”,पिंकी ने कहा
“इस बात पर तो फिर कुछ मीठा बनता है”,कहते हुए गोलू ने जैसे ही अपने होंठो को पिंकी के गाल की तरफ बढ़ाया उसका फोन बज उठा।
गोलू रुक गया और ये देखकर पिंकी ने हसंते हुए कहा,”उठा लो उठा लो वरना बाद में सुनना ना पड़े”
गोलू ने जेब से फोन निकाला और प्यार से पिंकी की तरफ देखते हुए फोन कान से लगाकर कहा,”कौन बोल रहा है बे ?”
“तुम्हाये बाप बोल रहे है गुड्डू”,दूसरी तरफ से गुड्डू ने कहा
“अरे गुड्डू भैया आप है , का हुआ ?”,गोलू ने कहा
“तुमसे का कहे थे हम शाम में घर आने को , और तुमहू गायब ,, तुम्हाये लक्षण ना कुछो ठीक नहीं लग रहे है हमे गोलू,,,,,,,,,,,,,,,,अभी के अभी घर पहुंचो समझे”,गुड्डू ने लगभग आर्डर देते हुए कहा और फोन काट दिया
“पिंकिया हम 10 मिनिट में आते है”,गोलू ने फोन जेब में रखते हुए कहा
“लेकिन हमारा व्रत कैसे खुलेगा ?”,पिंकी ने कहा
“अरे बाबू अभी चाँद कहा निकला है , चाँद निकलने से पहिले आ जायेंगे”,गोलू ने कहा
“खाओ कसम”,पिंकी ने कहा
“तुम्हई कसम पक्का , अभी जाये”,गोलू ने कहा तो पिंकी ने हामी में गर्दन हिला दी। गोलू वहा से निकल गया। बाहर आकर स्कूटी स्टार्ट की लेकिन बेचारे की बुरी किस्मत स्कूटी बंद पड़ गयी। गोलू ने दो तीन बार कोशिश की लेकिन चालू नहीं हुई इतने में गुड्डू का फोन फिर आ गया और उसने कहा,”गोलू तुम आ रहे हो या नहीं ?”
“अरे भैया आ रहे है बस रास्ते में ही है”,गोलू ने कहा और फोन काट दिया
गोलू ने फोन जेब में रखा और अपनी स्कूटी को लात मारकर पैदल ही दौड़ पड़ा। 4 मिनिट में भागते हुए गोलू गुड्डू के घर पहुंचा वह फटाफट ऊपर आया तो गुड्डू ने हाथ में पकडे शर्ट गोलू के सामने करके कहा,”हम का पहने जे लाल वाला या जे नीला वाला ?”
“हमको हिया इसलिए बुलाये थे ?”,गोलू ने हांफते हुए कहा तो गुड्डू ने बड़ी सी स्माइल के साथ हाँ में गर्दन हिला दी। गोलू का मन किया इस वक्त या तो गुड्डू को मार दे या खुद मर जाये। कहा वह मीठा खाने के चक्कर में था और कहा गुड्डू ने उसके मीठे में खटास डाल दी।

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