मनमर्जियाँ – S72
Manmarjiyan – S72
Manmarjiyan – S72
गुड्डू का बदला रूप देखकर हर कोई हैरान था। पहली बार गुड्डू बिना मिश्रा जी के कहे शोरूम आकर पुरे मन से वहा का हर काम सम्हाल लिया। मिश्रा जी ने देखा तो उन्हें पहली बार गुड्डू में एक जिम्मेदार इंसान नजर आया लेकिन गुड्डू में ये सब बदलाव कैसे आये ? मिश्रा जी भी नहीं जानते थे। गुड्डू को काम करते देखकर मिश्रा जी आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गए और दूसरे काम देखने लगे। शोरूम पर काम करने वाले लड़के गुड्डू को वहा देखकर हैरान भी थे और थोड़ा परेशान भी क्योकि गुड्डू सब पर नजर जो रख रहा था। त्योहारों का सीजन था इसलिए सुबह सुबह ही शोरूम पर भीड़ जमा होने लगी। गुड्डू केश काउन्टर सम्हाल रहा था। लड़के आये हुए लोगो को साड़िया और कपडे दिखाने में लगे हुए थे। कुछ लोग जो गुड्डू को जानते थे उन्होंने जब गुड्डू को काउंटर पर देखा तो वे भी हैरान थे। मोहल्ले की लड़की रिंकी अपनी भाभी के साथ शोरूम आयी जब उसने गुड्डू को देखा तो काउंटर की तरफ चली आयी और कहा,”क्या बात है गुड्डू तुम और यहाँ ,,, आज तो गजब ही हो गया नई”
“खरीद लिए टिंडे ?”,गुड्डू ने रिंकी की तरफ देखकर कहा
“टिंडे ? हम तो यहाँ कपडे लेने आये है”,रिंकी ने हैरानी से कहा
“तो फिर जाकर लो ना हमारा दिमाग काहे चाट रही हो ?”,गुड्डू ने वापस अपनी नजरे केलकुलेटर में नजरे गड़ाए हुए कहा
“हुंह”,मुंह बनाते हुए रिंकी वहा से चली गयी।
गुड्डू के पास खड़े एक लड़के ने कहा,”गुड्डू भैया बुरा ना माने तो एक बात पूछे”
“हम्म् पूछो”,गुड्डू ने कहा
“इतनी सारी लड़किया आपसे बात करने को तरसती है और आप है की उन्हें भाव तक नहीं देते काहे ?”,लड़के ने कहा
गुड्डू ने सूना तो मुस्कुराया और कहने लगा,”देखो बाबू ऐसा है दिल ना वही लगाओ जहा दिमाग ना लगाना पड़े , नहीं समझे,,,,,,,,,,,,,,अब हर लड़की से बतियायेंगे तो सबको लगेगा हम है लपचेड़,,,,,,,,,,,जे भी नहीं समझे,,,,,,,,,लपचेड़ मतलब चीप,,,,,,,,,,,,इसलिए चीप बनने से अच्छा है अपने भौकाल में रहो”
“आपका सही है भैया , बाकी शक्ल सूरत अच्छी मिली है तो आपको सूट भी करता है जे सब”,लड़के ने कहा
“देखो बेटा ऐसा है जियादा मक्खन बाजी ना करो और जाकर काम देखो”,गुड्डू ने कहा तो लड़का खिंसियाकर वहा से चला गया। दिनभर काम रहने से गुड्डू बिजी रहा। लड़के खाना खाने चले गए मिश्रा जी अपने किसी दोस्त के साथ केबिन में थे और गुड्डू काउंटर पर हिसाब किताब लगा रहा था। कुछ देर अपनी मम्मी और अपनी भुआ के साथ पिंकी वहा आयी। गुड्डू को इस बात का अंदाजा भी नहीं था ना ही पिंकी ने गुड्डू को देखा वह सीधा साडिया देखने कुर्सियों पर आकर बैठ गयी। एक दुबला पतला सा लड़का था वह आकर उन्हें साड़िया दिखाने लगा। गुड्डू गर्दन झुकाये अपने काम में लगा हुआ था की तभी उसके कानो में आवाज पड़ी,”अरे जे का सस्ती साड़िया दिखा रहे हो हमायी भतीजी की सादी है जरा चमक धमक दिखाओ”
गुड्डू उठा और उस तरफ चला आया पिंकी को देखकर उसके कदम ठिठके लेकिन नहीं आज गुड्डू को अपने पुराने गुड्डू को हमेशा के लिए मार देना था इसलिए वह लड़के के पास आया और उसके हाथ से साडी लेकर कहा,”राजू तुम जाओ हम दिखाते है”
गुड्डू को वहा देखकर पिंकी थोड़ा असहज हो गयी , लेकिन पिंकी के मम्मी ने खुश होकर कहा,”अरे गुड्डू तुम कब से शोरूम आने लगे ?”
“बस आज से ही शुरू किया है”,गुड्डू ने वहा फैली सभी साडिया साइड करते हुए कहा।
“अरे बतियाना बाद में पहिले अच्छी अच्छी साड़ी दिखाओ”,भुआजी ने बीच में टोकते हुए कहा
“कैसी साड़ी दिखाये बताओ”,गुड्डू ने कहा
“अरे जो हमायी पिंकी पर सूट करे अगले महीने शादी है इसकी , तनिक बढ़िया बढ़िया कसीदे , जरी बूटे वाली साड़ी दिखाय दयो”,भुआजी ने कहा। गुड्डू ने शादी का नाम सूना और एक नजर पिंकी को देखा। पिंकी की नजरे गुड्डू से जा मिली और फिर दोनों इधर उधर देखने लगे। गुड्डू उठा और रॉ में से कुछ अच्छी महंगी साडिया ले आया और एक एक करके उन्हें दिखाने लगा। पिंकी चुपचाप बैठी थी और पिंकी की मम्मी और भुआ जी साडिया देखने में बिजी थी। गुड्डू एक के बाद एक साडिया दिखाते जा रहा था उसने पिंकी को देखा तक नहीं।
अब देखो यार पहली मोहब्बत कैसी भी हो पर जब सामने आती है तो इंसान के मन में उथल पुथल मचती ही है और यहाँ तो पिंकी अपनी शादी की शॉपिंग करने आई थी गुड्डू कैसे ना विचलित होता।
“ए लल्ला जे साड़ी बिटिया को पहिना के दिखाय दयो ज़रा”,भुआ जी ने एक गुलाबी रंग की साड़ी उठाकर गुड्डू की तरफ करते हुए कहा
“भूआ जी रहने दीजिये हम खुद पहन लेंगे”,पिंकी ने कहा
“अरे तुम रुको बिटिया”,भुआ जी ने कहा
“अरे भुआ जी उन्हें क्यों परेशान कर रही है लाईये हमे दीजिये हम पहनते है ना”,पिंकी ने कहा
“अरे तुमहू काहे पहनोगी , जे हिया किसलिए है ,, इतनी महंगी साड़ी खरीद रहे है सर्विस भी तो देंगे ना”,भुआ जी ने कहा तो गुड्डू ने उनके हाथ से साड़ी ली और उठकर नीचे आते हुए कहा,”हाँ बिल्कुल हमारा काम है सर्विस देना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आईये मैडम” पिंकी की तरफ देखकर गुड्डू कहता है तो पिंकी उसकी साइड चली जाती है।
“सादी कर रही हो तुम ? जे जिंदगीभर के लिए किस को टोपी पहनाई हो ?”,गुड्डू ने पिंकी को साड़ी पहनाते हुए धीमी आवाज में कहा
“क्या बकवास कर रहे हो ?”,पिंकी ने भी दाँत पीसते हुए कहा
“अच्छा हमहू बकवास कर रहे है , सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली। हमे तो बेचारे उस लड़के पर तरस आ रहा है जिसने तुमको शादी के लिए हाँ कहा है , बेचारे ने खुद ही अपना पैर कुल्हाड़ी पर मार लिया है”,गुड्डू ने कहा
“तुम ना अपनी बकवास बंद करो और जल्दी साड़ी पहनाओ”,पिंकी ने खीजते हुए कहा तो गुड्डू चुप हो गया। उसे पिंकी की शादी होने का दुःख नहीं था बस उस से पहले हो रही थी इस बात से गुड्डू को थोड़ा बुरा लग रहा था।
साड़ी पहनाकर गुड्डू ने साइड होते हुए कहा,”जे लो भुआजी देख ल्यो”
“साड़ी तो बहुते सुन्दर लग रही है , एक काम करो जे वाली पैक कर दयो और 10-12 साड़िया और दिखाओ”,भुआ जी ने कहा तो गुड्डू वापस उनके सामने चला आया। पिंकी की मम्मी और भुआजी ने पिंकी के लिए साड़िया पसंद की और उन्हें पैक करने को कहा। पास बैठी पिंकी सिर्फ ये सोच रही थी की गुड्डू को जब सच्चाई पता चलेगी तो क्या होगा ? क्योकि इतनी जल्दी वह पिंकी को माफ़ नहीं करने वाला।
गुड्डू ने लड़के को बुलाकर सब साड़िया पैक करने लगा और खुद काउंटर पर आकर बिल बनाने लगा। मिश्रा जी अपने दोस्त को दरवाजे तक छोड़ने आये जब देखा पिंकी अपनी मम्मी के साथ आये है तो उनकी तरफ चले आये। उन्हें देखते ही पिंकी की मम्मी ने कहा,”नमस्ते भाईसाहब”
“नमस्ते , शादी की खरीदारी हो रही है ?”,मिश्रा जी ने कहा
“जी भाईसाहब , शादी में दिन ही कितने बचे है ,, एक महीना तो तैयारियों में ही निकल जाएगा”,पिंकी की मम्मी ने कहा
“हां वो तो है (कहते हुए मिश्रा जी ने काउंटर की तरफ देखा और कहा) इनके बिल में डिस्काउंट कर देना”,मिश्रा जी ने कहा
“अरे नहीं नहीं भाईसाहब इसकी क्या जरूरत है ?”,भुआ जी ने कहा
“अरे मोहल्ले की बिटिया की सादी है जे सब तो चलता है”,कहते हुए मिश्रा जी वहा से चले गए। गुड्डू ने सूना तो मन ही मन कहा,”जे सारे मोहल्ले को लूट के बैठी है और पिताजी इसे डिस्काउंट दे रहे है”
“गुड्डू बना दिया बिल ?”,पिंकी की मम्मी ने कहा
“हाँ जे ल्यो”,गुड्डू ने बिल उन्हें दे दिया। पिंकी की मम्मी ने पैसे दिए और बैग वहा से लेकर चली गयी। पिंकी को देखकर गुड्डू का मन थोड़ा परेशान हो गया वह उठा और बाथरूम में आकर मुंह धोकर कहने लगा,”वो पिंकिया जाये जहनुम में हमे फोकस करना है खुद पर , पहिले भी उनकी वजह से बहुते बार पगलेट बने है अब नहीं,,,,,,,,,,,,,,अच्छा है शादी कर रही है तो,,,,,,,,,,,,,,!!!”
गुड्डू फ्रेश मूड के साथ वापस चला आया और काम करने लगा। 3 बज रहे थे गुड्डू बस काउंटर सम्हाल रहा था। मिश्रा जी ने देखा तो तिवारी जी से कहा,”गुड्डू से जाकर कहिये की घर जाकर खाना खा ले”
तिवारी जी बाहर आये और कहा,”गुड्डू बेटा सुबह से काम में लगे हो , मिश्रा जी ने कहा है घर जाकर खाना खा लो”
“हम्म्म ठीक है”,कहते हुए गुड्डू काउंटर से बाहर निकला दो कदम ही चला की उसे शगुन की याद गयी और किस वाला सीन एकदम से उसकी आँखो के सामने आ गया और गुड्डू ने वापस काउंटर की तरफ आते हुए कहा,”घर , घर नहीं जायेंगे”
“क्यों क्या हुआ ?”,तिवारी जी ने पूछा
“अरे तिवारी जी घर जायेंगे , वापस आएंगे वक्त बर्बाद होगा ना , इस से अच्छा है हम यही कुछो मंगवाकर खा ले,,,,,,,,,,,,,,,और हमे ना वैसे भी जियादा भूख नहीं है का है डायटिंग पे है ना हम”,गुड्डू ने बहाना बनाते हुए कहा
अच्छा वो गुड्डू जिसने अपना आधे से ज्यादा वक्त सोने में और शीशे के सामने गुजारा था आज पहली बार वह वक्त की बर्बादी पर लेक्चर दे रहा था। तिवारी जी ने सूना तो उन्हें यकीन नहीं हुआ की ये बाते गुड्डू कह रहा है। तिवारी जी हैरान परेशान मिश्रा जी के पास आये उन्हें देखकर मिश्रा जी ने कहा,”का बात है इतना परेशान काहे है ?”
“मालिक पिछले 22 सालो से हम आपके यहाँ काम कर रहे है , बचपन से गुड्डू बाबू को देखे है पर आज उन्हें देखकर , उनकी बाते सुनकर लग रहा है की जे वो गुड्डू बाबू है ही नहीं ,, हमने घर जाने को कहा तो कह रहे है घर जायेंगे तो वक्त की बर्बादी होगी”,तिवारी जी ने कहा
“ठीक है आप जाईये”,मिश्रा जी ने कहा अब तो उन्हें भी कुछ कुछ शक होने लगा की गुड्डू एकदम से कैसे बदल गया। खैर अपने इकलौते बेटे को ऐसे भूखे मरते कैसे देख सकते थे इसलिए लड़के को भेजकर घर से टिफिन मंगवा दिया। गुड्डू ने खाना खाया और वापस काम में लग गया। उसने अपनी पूरी जिंदगी में शायद इतना काम नहीं किया होगा जितना आज कर रहा था।
शाम में स्टाफ जब घर जाने लगा तब गुड्डू मिश्रा जी के केबिन में आया और हाथ में लिए पैसे और कुछ पेपर्स उनके सामने रखते हुए कहा,”जे आज का कलेक्शन है , कुछ रूपये बाहर दिए है जिनका हिसाब इनमे (पेपर्स) है , बाकि जो बाहर से आये है उनका हिसाब जे अलग है। चार आर्डर पेंडिग थे उनको पैक करके रखवा दिया है कल सुबह लगवा देंगे , बाकि 7 जो आज भेजे है उनका पेमेंट कल शाम तक आएगा।”
मिश्रा जी ने सूना और धीरे से कहा,”जे सब काहे कर रहे हो गुड्डू ? हम जानते है जे सब काम करना तुम्हे हमेशा से पसंद नहीं है फिर इतनी मेहनत काहे कर रहे हो ?”
गुड्डू ने सूना तो मिश्रा जी के सामने अपने दोनों हाथ बांधकर खड़े हो गया और नजरे झुकाकर धीरे से कहा,”खुद को सुधारने की कोशिश कर रहे है , जैसा बेटा आपको चाहिए था हम कभी वैसे तो नहीं बन पाए बस कोशिश करेंगे की आज के बाद आपको शिकायत का मौका ना दे”
मिश्रा जी ने सूना तो गुड्डू की तरफ देखने लगे उन्हें समझ नहीं आ रहा था की इस वक्त गुड्डू की बातो पर यकीन करे या नहीं। वे कुछ देर खामोश रहे और फिर कहा,”ठीक है घर जाओ , हम थोड़ी देर में आते है”
“कोई काम है हमे बता दीजिये हम कर देते है उसके बाद साथ ही चलते है”,गुड्डू ने धीरे से कहा
“ठीक है तुम बैठो हम आते है”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू बाहर चला आया और आकर बैठ गया। आज गुड्डू खुश था उसने पुरे दिन मन लगाकर काम किया और मिश्रा जी को शिकायत का मौका भी नहीं दिया। मिश्रा जी ने हिसाब किताब के पेपर ड्रावर में रखे लॉक किया और अपने केबिन के बाहर चले आये। गुड्डू भी उठकर उनके पीछे पीछे चल पड़ा। गुड्डू बाहर आया और शोरूम को लॉक करके चाबी मिश्रा जी की ओर बढ़ा दी। मिश्रा जी ने चाबी ली पार्किंग की तरफ चले आये। उन्होंने स्कूटी निकाली और गुड्डू की तरफ देखकर कहा,”बइठो”
गुड्डू आकर उनके पीछे बैठ गया मिश्रा जी ने हाथ पर बढ़ी घडी में देखा रात के 8 बज रहे थे। उन्होंने स्कूटी घर जाने वाले रास्ते की ओर बढ़ा दी। गुड्डू और मिश्रा जी दोनों खामोश थे। मिश्रा जी को स्कूटी चलाते देखकर गुड्डू ने महसूस किया की साइकिल भी शायद इस से तेज चलती है उनसे धीरे से कहा,”वो शोरूम जो जो गाड़ी है उसको काहे नहीं इस्तेमाल करते आप ? हमारा मतलब उस से आया जाया कीजिये सेफ रहेगा। इति रात में जे स्कूटी से सड़क के खड़े नजर नहीं आते है”
“गाडी सिर्फ बाहर आने जाने के लिए रखे है रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए नाही , और फिर स्कूटी से ज्यादा खर्चा है गाडी पर”,मिश्रा जी ने कहा
“उसकी चिंता काहे कर रहे है ? आप कल से गाडी से आया जाया कीजिये जे स्कूटी वेदी को दे दीजिये कोचिंग आया जाया करेगी इस से”,गुड्डू ने कहा
“आज कुछ ज्यादा ही परवाह नहीं होय रही हमायी ?”,मिश्रा जी ने ताना मारते हुए कहा
“आगे लखन की दुकान पर गाडी रोक दीजियेगा बड़की अम्मा (गुड्डू की बूढ़ा) ने कुछो सामान मंगवाया है”,गुड्डू ने बात बदलते हुए कहा। कुछ दूर जाकर मिश्रा जी ने स्कूटी रोक दी गुड्डू उतरा और लखन की दुकान पर आकर सामान खरीदने लगा। अभी गुड्डू सामान ले ही रहा था की तभी उसने देखा मिश्रा जी दो लड़को से बहस कर रहे है। गुड्डू उनकी तरफ आया और उन्हें साइड करते हुए कहा,”भाई भाई भाई सॉरी , गाड़ी तो हटानी है ना हम हटा लेते है ,, दो मिनिट”
मिश्रा जी ने देखा तो एक बार फिर हैरान थी। छोटी छोटी बात पर हाथ उठाने वाला गुड्डू आज सामने से माफ़ी मांग रहा था और शांति से बात कर रहा था। वह मिश्रा जी के पास आया और कहा,”हम चला लेते है आप पीछे बैठ जाईये”
मिश्रा जी पीछे खिसक गए तो गुड्डू ने हाथ में पकड़ा पालीथीन उनको पकड़ाया और स्कूटी लेकर वहा से निकल गया।
“हमे लगा तुम उन्हें मरोगे ?”,मिश्रा जी ने कहा
“हर समस्या का हल मार-पीट नहीं होता है , एक सॉरी कहने से हम छोटे थोड़े हो जायेंगे”,गुड्डू ने कहा मिश्रा जी को लगा आज जरूर वे कोई सपना देख रहे है। गुड्डू में एक साथ इतने बदलाव किसी चमत्कार से कम नहीं था। दोनों घर पहुंचे
मिश्राइन बरामदे में ही खड़ी यहाँ से वहा चक्कर काट रही थी। जब उन्होंने गुड्डू और मिश्रा जी को साथ साथ आते देखा तो ख़ुशी से मुस्कुरा उठी। आज गुड्डू बिल्कुल अपने पिताजी की तरह लग रहा था। अंदर आते हुए जैसे ही मिश्रा जी अपनी हाथ के बाजू को ऊपर चढ़ाया गुड्डू का हाथ भी अपनी बाजू पर चला गया। एक माँ के लिए इस से ज्यादा ख़ुशी की बात क्या होगी की उसका बेटा अपने पिता जैसा नजर आ रहा था।
पिछले कुछ चैप्टर्स से शायद कुछ पाठक कन्फ्यूजन में है की गुड्डू को रौशनी की शादी याद है और अपनी नहीं ऐसा क्यों ?
गुड्डू को ये पता है की उसके एक्सीडेंट के बाद बहुत सी चीजे हुई है जिनमे रौशनी की शादी भी एक है , लेकिन उसे डायरेक्ट अपनी शादी के बारे में याद दिलाना मतलब शगुन और उसके रिश्ते के साथ अन्याय होना क्योकि इसके बाद वह शगुन को अपनी पत्नी के रूप में तो अपना लेगा लेकिन जो फीलिंग्स एक्सीडेंट से पहले थी उन्हें शायद कभी नहीं जान पायेगा।
दूसरा कन्फ्यूजन की गुड्डू एकदम से कैसे बदल गया ?
गुड्डू बदला नहीं है बस पहली बार मिश्रा जी को लाचार और परेशान देखकर गुड्डू ने वो सारी चीजे छोड़ दी जो उसे आये दिन नयी मुसीबत में डालती थी। एक बेटा होने के नाते वह केवल अपनी जिम्मेदारियों को समझने की कोशिश कर रहा है ,, बाकि गुड्डू और कांड का तो जन्म जन्म का नाता है वो भी हो ही जाएगा।
कहानी का 2nd सीजन भी अपने अंत पर ही है इसलिए थोड़ा धैर्य के साथ पढ़े बाकि कोई और कन्फ्यूजन या सवाल हो तो आप सभी कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है इस संडे आपके सवालो के साथ एक नयी पोस्ट शेयर की जाएगी जिनमे आपके सवाल होंगे और मेरे जवाब
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संजना किरोड़ीवाल
Mam please guddu aur sagun ka baby bhi batiya ga sugun ka nine months struggle bhi jismai guddu uskai sath ho guddu aur sagun aur in dono ka baby Kai sath Wala jok jok bhi chahiya sagun ka nine months struggle srika from ranjhna story jaise ESCAP mat
kijiye ga please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aap please iss dtory ko itni jaldi khatm mat kijiye i request you 🙏🙏
Story ko itni jaldi bandh mat kiji ye
Superbbb osmmmm mind blowing part
Bahut hi pyara aur thoda imotional part h aajka…guddu ne aaj ek din me apne maa papa ko itni khusi de di jo shayad wo abhi tk nhi de paaya tha…bs abto guddu jldi hi shagun aur apni zindagi ko bhi khusiyon se bhar de
Superb
Nice story
Saadi ke scene ke bad bhi story hona chaahiye harek story saadi ke bad khatm ho jta hai
Awesome part lekin thida emotional tha
Pls iska season 3 b jrur bnana k guddu and Shagun kese apni married life and bache manage krte h unke ek single and twins b krna
Guddu kese apne bacho k kand manage krega..
Ab bache guddu k h to kand ka character to genetic he hoga na……..
I just love this story….
Wahhh aj ka part to chamatkari tha🤣🤣🤣
Mind blowing awesome part
कहानी की रफ्तार थोड़ी धीरे चल रही है इसे थोड़ा फास्ट किया जाए और जल्द से जल्द गुड्डू और शगुन का मिलन किया जाए
कहानी को पढ़ने में मजा आ रहा है…और जब गुड्डू और गोलू कांड करते है और ज्यादा मजा आता है…ये सीधा साधा गुड्डू भी ठीक लग रहा है…मुझे आप पर पूरा भरोसा है संजना जी कि आप कहानी में गुड्डू और शगुन के साथ पूरा न्याय करेगी
Very beautiful
😍😍
Guddu ne aaj aapne pitaji ko khush kr diya👏👏👏👏👏👏
मैम आज तो गुड्डू का ऐसा रूप देखकर मिश्रा जी बहुत खुश हुऐ होंगे़… लेकिन गुड्डू ने पिकीं से जो बकैती की हैं…जब पता चलेगा कि उससे शादी करनेवाला औंर कोई नहीं उसका लंगोटिया यार गोलू हैं…तब फिर गुड्डू का पुराना रूप कहीं ना जाग जायें😊 superb part👌👌👌👌👌
Kya ye kahani second season me apni happy ending payegi?? Yahh phir aur ek season???
Ans dijiyega please
🤩🤩🤩🤩🤩🤩
Iska matlab mamarijiya ka ek aur season ayega kya ,aur agar ayega toh kab ayega matalab isi month me agle month me.
Bht bht bdia part,hye mam itni jldi mat khatm krna story ko abhi to hme guddu ke bacho ki bhi story parhni hai, superb superb superb superb mind blowing fantastic fabolous ossssssmmmm blosssssmmmm part as always 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌
Ma’am.. story mein guddu koi kaand na kare tho mazaa nehi…
Par guddu ko badal ta dekh kar Mishra ji bahot khush hain…
Superb 🥰🥰🥰.. lovely part 😃…..
Mam please tell me this the last season of this story or kya is season ke baad koi season nahi ayega plz replay
Superb part dii…. Golu aur pinki ka kya hoga wo to guddu hi jaane …….lekin aap please jaldi khatam mt kijiyega …….pdhne me itna intrest aa rha h ki ab to guddu shagun ke bacho ki love story pdhne ka mn kr rha h…….❤️❤️
Roshni ki shaddi to Guddu ke exident se pehle hui thi na
Nice part
PLEASE AAP ISE STORY KO INTI JALDI band mat Kriya ise story ko
Today part is awesome part
Every part is written very well
Guddu ka naya roop acha lag raha hai har pita chahte hai unka beta kaabil bane guddu bhi bas wahi koshish kar raha hai bas in sabme humara pehle wale guddu ko khone mat dena
beautiful part, aacha lga aise guddu ka ye change, bt ghumke kyu ni diye, jimedari me shagun ko mt bhul jana
Very nice part vaise sabhi parts bahut aache hote hai muje aap or aap kii writing dono babut pasand hai
Pls love you zindgi kaa 2 part laiye
part to jabadast h mam but sunke dukh hua ki story khatam Hone wali h itni jldi mt end kijiye plz mam
Please mam…iss sijan ko finish karne se pahle guide aur sagun ka pyar aur golu pinki ki shadi kar dijiyega
Mind blowing🤯🤯🤯🤯 awesome part👌👌👌👌
Very very good👍👍😊😊😊😊😊
Beautiful part👌👌👌
Story itni awesome hai ki next part wait karna mushkil hota hai
manmarziyan or specially inke character se ek lagav sa ho gaya hai main to.inhe imagine krti hu ki asli main aisa hota to kya hota..sanjana ji apne kaha ant nazdik h sunke accha bhi laga ki shagun ir guddu ko saath dekhne milega lekin bura bhi lag raha h bhut ki ab manmarziyan khatam ho jayega..or apki story padna khatam ho jayega..mam pls bataiye ki app iske baad nayi story chalu karengi na..pls mam karieyega app ki story bhut bhut bhut acchi hoti h ..plss
Kahani to or bhi interested joti ja rahi hai
Guddu ko dhire dhire se sab yaad aa jayega or golu ki shadi ka jab guddu ko pata chalega tab kya hoga kya unki dosti me darar aa jayegi ya pehle so or jayada gahri ho jayegi
Jyoti Kaistha
Guddu or Shagun ko apni apni feelings ke bare me ek dusre ko bata dena chahiye kyonki agar guddu ko yad nahi bhi to hai par ek dusre pyar ka rishta to nibhs sakte hai jese kitani mohabbat me akshat or meera ka pyar kahani ka interest to ladt tak bana hi rha