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मनमर्जियाँ – S35

Manmarjiyan – S35

Manmarjiyan - S35

मनमर्जियाँ – S35

गोलू ने शगुन और गुड्डू को मिलवाने का प्लान बनाया जिसमे वह फिर से वही घटना को दोहराने वाला था जिसके घटने के बाद शगुन और गुड्डू में नजदीकियां बढ़ी थी। ये सोचकर की शायद इस से गुड्डू की यादास्त वापस आ जाये गोलू ने ये कदम उठाया पर गोलू शायद भूल गया था की उसकी जिंदगी में कुछ भी सीधा नहीं होता था , उसके और गुड्डू के कर्मो को काण्ड में बदलते देर नहीं लगती थी। शगुन को गोलू ने झूठ बोलकर उस ओर भेज दिया जिस ओर उसके बुलाये लड़के खड़े थे। कुछ देर बाद उसने गुड्डू को भी उस तरफ भेज दिया।
“बस अब थोड़ी देर में गुड्डू भैया की यादास्त आएगी और सब सही हो जाएगा ,,,,, अरे जिओ गोलू का चौचक प्लान बनाये हो , गुड्डू भैया शगुन भाभी के जीवन में तुम्ही हनुमान हो”,गोलू अपनी तारीफ़ करते हुए वापस अंदर आया और बैठकर कोल्ड ड्रिंक पीने लगा पीते हुए उसकी नजर सामने से आती पिंकी पर गयी गोलू का माथा ठनका और उसने मन ही मन खुद से कहा,”जे पिंकिया हमहू तो मना कर दी के पापा नहीं आने देंगे फिर जे हिया कैसे ? सीधा जाकर पूछेंगे तो उनको लगेगा हमहू उन पर शक कर रहे है , एक ठो काम करते है दूर से नजर रखते है”
पिंकी वहा अपनी किसी कजिन के साथ आयी थी , पिंकी आना नहीं चाहती थी लेकिन उसकी कजिन उसे जबरदस्ती वहा ले आयी और पिंकी इस बात से अनजान थी की ये सारा अरेजमेंट गोलू ने किया है। पिंकी की कजिन उसे डांस करने के लिए ले आयी , डांस करते हुए जैसे ही पिंकी की नजर सामने खड़े गोलू पर पड़ी वह थोड़ी सी परेशान हो गयी। कही गोलू उसके बारे में गलत ना समझ ले सोचकर पिंकी गोलू की तरफ आयी लेकिन गोलू गुस्सा होकर वहा से चला गया।
उधर गोलू के कहने पर शगुन गुड्डू को ढूंढते हुए बाहर चली आयी। सुनसान जगह , खाली सड़क वहा कोई भी नहीं था शगुन को घबराहट होने लगे। तभी सड़क के मोड़ पर उसे किसी की परछाई दिखी शगुन को लगा वह गुड्डू होगा इसलिए उस ओर चल पड़ी। शगुन जैसे ही उस मोड़ पर पहुंची उसका चेहरा फीका पड़ गया। 3-4 हट्टे कट्टे वहा बैठकर पैसो की गिनती कर रहे थे। शगुन को वहा देखकर एक ने लार टपकाते हुए कहा,”भाई लगता है आज तो किस्मत फुल मेहरबान है हम पर पैसा भी मिल गया और लड़की भी”
शगुन ने जब ये सूना तो उसका दिल धड़कने लगा उसने जैसे ही अपने कदम पीछे बढ़ाये किसी से जा टकराई , उसे देखकर शगुन और ज्यादा घबरा गयी। पीछे उन्ही आदमियों का एक साथी खड़ा था और खा जाने वाली नजरो से शगुन को देख रहा था। शगुन ने भागना चाहा तो आदमी ने उसे पकड़ लिया शगुन जैसे ही चिल्लाई उसने उसका मुंह बंद कर दिया और उसे उठाकर अपने कंधे पर डालते हुए कहा,”आज की रात मजा आ जाएगा”
शगुन हाथ-पैर मारती रही लेकिन आदमी ने उसे नहीं छोड़ा। शगुन को ढूंढते हुए गुड्डू भी बाहर आया उसे बाहर शगुन दिखाई नहीं दी तो गुड्डू जाने के वापस मुड़ गया , तभी उसके कानो में शगुन की आवाज पड़ी गुड्डू वापस पलटा तो मोड़ की तरफ कुछ परछाईया देखकर उस तरफ आया।

गुड्डू मोड़ पर आया तो उसने देखा शगुन को एक आदमी ने कंधे पर उठा रखा है और बाकि उसे छेड़ते हुए चल रहे है। गुड्डू दौड़कर गया और एकदम से उनके सामने आकर रुक गया। गुड्डू को वहा देखकर सभी एक दूसरे को देखने लगे।
“गुड्डू जी,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने गुड्डू को देखा दर्द भरे स्वर में कहा
“कौन हो बे तुम लोग और इनको कंधे पर काहे उठाया हुआ है ?”,गुड्डू ने कहा तो जिसने शगुन को अपने कंधे पर उठाया हुआ था उसने शगुन को नीचे उतारा और कहा,”तू कौन है ? चुपचाप यहाँ से निकल वरना मारा जाएगा”
“बाबू एक ठो बात बताये हमाये बाप के अलावा ना किसी में हिम्मत नहीं है हमे मारने की , और इनको हाथ लगाकर तो तुमहू पहिले ही इतनी बड़ी गलती कर चुके हो , चलो माफ़ी मांगो उनसे और पतली गली से निकल ल्यो , का समझे ?”,गुड्डू ने कहा
“माफ़ी और तुमसे”,कहते हुए आदमी ने गुड्डू को एक घूंसा मारा गुड्डू दूर गिरा उसकी शर्ट गिरने से गन्दी हो गयी और होंठ से खून भी निकलने लगा। गुड्डू गुस्से से वापस उठा अपनी शर्ट झाड़ी और आदमी के पास आकर उसे एक खींचकर कंटाप मारते हुए कहा,”साले हमायी फ्रेट शर्ट थी जे तुमहू गन्दी कर दी , पुरे 1200 की लेकर आये थे”
गुड्डू अभी उसे बोल ही रहा था की तभी पीछे से आकर दूसरे ने उसे लात मारी और गुड्डू सीधा जाकर शगुन के सामने गिरा। लड़की के सामने गुड्डू का कचरा हो गया वह उठा और पलटते हुए कहा,”अबे बैठ के बात करते है ना”
लेकिन वो लोग तो जैसे कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थे। जैसे ही तीसरे ने गुड्डू को मारने के लिए जैसे ही हाथ उठाया गुड्डू ने उसका हाथ बीच में ही रोकते हुए कहा,”अबे हमहु प्यार से समझा रहे है तुमहू हो के सुन ही नहीं रहे हो”
उसके बाद गुड्डू ने उन्हें जो मारा है बेचारी शगुन तो घबराकर एक कोने में खड़ी सब देखते रहीं। गुड्डू शगुन के पास आया और कहा,”तुमहू ठीक हो ? यार इति रात में अकेले बाहर आने की का,,,,,,,,,,,,,,,,!! गुड्डू कह ही रहा था की तभी उसे अपनी गर्दन पर बंदुक की नोक महसूस हुयी , उसने गर्दन घुमाकर देखा उन्ही आदमियों में से एक ने बन्दुक हाथ में पकड़ी हुई थी। यहाँ गुड्डू ने दिमाग से काम लिया और आदमी के पीछे देखते हुए कहा,”अबे पुलिस हिया का कर रही है ?”
आदमी ने जैसे ही पीछे देखा गुड्डू ने तुरंत अपने सर को उसके हाथ पर मारा बन्दुक नीचे जा गिरी , गुड्डू ने आदमी को धक्का दिया तो आदमी दूर जा गिरा शगुन गुड्डू के पास आयी और घबराते हुए कहा,”अब क्या करे ?”
गुड्डू ने शगुन का हाथ थामा और उसकी ओर देखकर कहा,”करना क्या है शगुन गुप्ता भागो यहाँ से”
कहकर गुड्डू शगुन को लेकर उलटी दिशा में भागने लगा। आदमी भी उठे और उन दोनों का पीछा करने लगे। वो रास्ता जंगल से होकर गुजर रहा था गुड्डू को अँधेरे में कुछ समझ नहीं आ रहा था कहा जाना है ? वह बस शगुन का हाथ मजबूती से पकडे भागे जा रहा था। भागते भागते गुड्डू एक पत्थर में उलझा और शगुन को साथ लिए निचे जा गिरा। लुढ़कते हुए दोनों जंगल में नीचे जा गिरे। आदमी ऊपर उन्हें यहाँ वहा ढूंढते रहे लेकिन गुड्डू शगुन उन्हें कही नजर नहीं आये। गुड्डू और शगुन अब उस घने जंगल में थे , जहा बस घुप अँधेरे के सिवा कुछ नहीं था। शगुन गुड्डू से कुछ दूर जा गिरी , गुड्डू को शगुन दिखाई नहीं दी तो उसने आवाज दी,”शगुन , शगुन , शगुन अरे कहा हो ?”
“गुड्डू जी हम यहाँ है”,शगुन ने अँधेरे में कहा।
गुड्डू उठा और अपने कपडे झाड़ते हुए कहा,”हमाये सारे कपड़ो के पैसे ना इनसे वसूल करेंगे हम”
गुड्डू शगुन के पास आया और कहा,”हमे कुछो दिखाई नहीं दे रहा है शगुन कहा हो ?”
कहते हुए जैसे ही आगे बढ़ा वहा पड़े पत्थर में उसका पैर उलझा और वह सीधा आकर गिरा शगुन के बगल में। गुड्डू का हाथ शगुन की कमर पर था , शगुन की तो जैसे सांसे ही अटक गयी। तभी जोरो से बिजली कड़की और उसकी रौशनी में गुड्डू को शगुन का चेहरा नजर आया , दोनों एक दूसरे की आँखो में देखने लगे , बिजली एक बार फिर कड़की इस बार डरकर शगुन गुड्डू से आ चिपकी। एक तेज करंट का अहसास गुड्डू को हुआ , उसके दिल की धड़कने बढ़ गयी। शगुन उसके इतना करीब थी ,, आवाज गुड्डू के हलक में ही अटक गयी। अगले ही पल बिजली कड़कने के साथ बारिश शुरू हो गयी। बारिश होती देखकर गुड्डू ने कहा,”हमे जल्दी यहाँ से निकलना होगा , बारिश भी शुरू हो चुकी है”
गुड्डू की आवाज सुनकर शगुन को अहसास हुआ की वह गुड्डू के गले लगी हुई है वह जल्दी से गुड्डू से दूर हटी और उठते हुए कहा,”सॉरी”
“सॉरी वॉररी बाद में कह लेना पहिले चलो हिया से”,कहते हुए गुड्डू आगे चलने लगा और शगुन उसके पीछे , दोनों बारिश में बुरी तरह भीग चुके थे। अँधेरा था लेकिन कड़कती बिजली की रौशनी बीच बीच में उन्हें रस्ता दिखा रही थी। कुछ देर चलने के बाद गुड्डू और शगुन वापस उसी जगह आ गए जहा से चले थे। ये देखकर शगुन ने कहा,”हम तो फिर से वही आ गए , ऐसे तो हम बाहर नहीं जा पाएंगे”
“तो अब का करे ?”,गुड्डू ने कहा
“सुबह तक इंतजार करना होगा , सुबह उजाले में ही हम रास्ता ढूंढ पाएंगे . तब तक बारिश से बचने के लिए कुछ करना होगा”,शगुन ने कहा
“वहा उस पेड़ के नीचे चलते है”,गुड्डू ने कहा और शगुन के साथ पेड़ के नीचे चला आया। यहाँ बारिश थोड़ी कम थी। शगुन और गुड्डू बुरी तरह भीग चुके थे। शगुन के कपडे भीगने की वजह से उसके बदन से चिपक गए थे। शगुन ने देखा भीगने की वजह से गुड्डू काँप रहा है , उसके होंठ थरथरा रहे थे शगुन ने अपना दुप्पट्टा निकाला और गुड्डू की तरफ बढाकर कहा,”आप इसे अपने चारो और लपेट लीजिये इस से आपको ठण्ड नहीं लगेगी”
शगुन को अपनी परवाह करते देखकर गुड्डू अपना गुस्स्सा भूल गया और दुप्पटा लेकर उसे जैसे ही ओढ़ने लगा नजर शगुन पर चली गयी वह भी बारिश से बचने की नाकाम कोशिश कर रही थी। गुड्डू उसके पास आया और आधा दुपट्टा उसे ओढ़ाते हुए कहा,”तुम भी ओढ़ वरना बीमार पड़ जाओगी”
शगुन का दुपट्टा कंधे पर डाले दोनों पास पास खड़े थे। दोनों ख़ामोशी से बारिश के रुकने का इतंजार कर रहे थे। कुछ देर बाद बारिश रुकी शगुन और गुड्डू के पैरो में पानी भर चुका था। गुड्डू शगुन का हाथ थामे पेड़ के नीचे से बाहर आया और कहा,”सुबह होने में अभी बहुत वक्त है आज की रात हमे यही गुजारनी होगी , लेकिन ऐसे पानी में तो नहीं चलो कुछ देखते है का पता कोई जगह मिल जाये”
दोनो एक दूसरे का हाथ थामे आगे बढ़ गए

पिंकी ने जब गोलू को उस पार्टी में देखा तो उसके पास आयी लेकिन गोलू ग़ुस्से में वहा से बाहर चला आया। बाहर आकर उसने देखा जिन लड़को को उसने बुलाया था वे सब तो खड़े खड़े चाय पि रहे थे। गोलू उनके पास आया और एक के सर में चपत लगाते हुए कहा,”अबे हिया का कर रहे हो ? भाभी को छेड़ना था ना जाकर”
“गोलू भैया हमहू 3 बार जाकर आये है ना भैया है ना भाभी है वहा किसे छेड़े ?”,लड़के ने कहा
“अबे कहा चले गए दोनों ?”,गोलू ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“अरे हमे क्या पता ? हमने कहा था उस साइड भेजना पर कोई आया ही नहीं तो हम वापस चले आये”,लड़के ने भड़क कर कहा
“अबे लगता है हमायी लंका लगवाओगे तुम , हमहू दोनों को बाहर भेजे थे चलो चलकर ढूंढो उनको पता नहीं कब कौनसा कांड हो जाये उनके साथ”,कहते हुए गोलू मोड़ की तरफ गया लेकिन ना शगुन मिली ना गुड्डू अब तो गोलू की हालत पतली हो गयी तभी गोलू का फोन बजा जिस लड़के ने ये अरेजमेंट करवाया था उसका फोन था उसने कहा,”अरे गोलू अरे यार कहा हो तुम ? यहाँ एक लड़की दारू पी के तमाशा कर रही है यार जल्दी आओ”
“हां हाँ आते है”,कहकर गोलू ने फोन काटकर ऊपर आसमान देखते हुए कहा,”और कोई भसड़ बाकि है तो वो भी कर दयो हमायी जिंदगी में”
झुंझलाता हुआ गोलू वापस पार्टी में आया तो देखा तमाशा करने वाली लड़की कोई और नहीं बल्कि पिंकी ही थी। उसने गुस्से गुस्से में शराब पि ली थी और अब उसे चढ़ चुकी थी। वह टेबल पर चढ़कर नाच रही थी , उसकी कजिन बार बार उसे नीचे आने को बोल रही थी पर पिंकी किसी की सुने तब ना। म्यूजिक बंद हो चुका। गोलू पिंकी के पास आया और उसका हाथ पकड़ते हुए कहा,”पिंकिया का कर रही हो बाबू नीचे उतरो , काहे तमाशा कर रही हो ?”
गोलू को वहा देखकर पिंकी मुस्कुराई और झुककर मुंह में भरी शराब को गोलू पर उड़ेलते हुए कहा,”यहाँ बहुत मजा आ रहा है गोलू , तुम भी आ जाओ”
बेचारा गोलू उसने पिंकी का हाथ छोड़ा और अपना मुंह पोछकर बाकि सब से कहने लगा,”हमायी ना तुम सबसे हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट है पिलीज पार्टी खत्म करो और सब अपने अपने घर जाओ”
अचानक पार्टी खत्म होने से सबका मुंह बन गया और सब , पार्टी ऑर्गनाइज करने वाले को सुनाकर जाने लगे। सबके जाने के बाद गोलू ने देखा पिंकी की कजिन भी वहा से जा चुकी है। लड़का गोलू के पास आया और भड़कते हुए कहा,”ये था तुम्हारा अरेजमेंट , सारी पार्टी का सत्यानाश कर दिया तुमने ,, अब बाकि के पैसे तुम खुद भरना समझे”
“अमा यार सुनो तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गोलू उसके पीछे जाने लगा लेकिन तब तक पिंकी नीचे आकर उसका हाथ पकड़ कर रोक चुकी थी और कहने लगी,”तुमने मुझे बताया क्यों नहीं की तुम यहाँ हो ?”
“सर सब जा रहे है मुझे भी ये बंद करके जाना होगा आप अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर जाओ ताकि मैं भी अपने घर जाऊ”,लोकेशन के मालिक लड़के ने कहा गोलू ने देखा पिंकी नीचे जमीं पर बैठी है तो उसने लड़के से कहा,”ऐसी हालत में इसको लेकर कहा जायेंगे ? एक ठो काम करो आज आज हमे यही रुकने की परमिशन दे दो हम सुबह निकल जायेंगे”
“सर मैं अकेले आपके लिए इसे खोलकर कैसे जा सकता हूँ ?”,लड़के ने अपनी मज़बूरी जताई
“पिंकी इतना पी चुकी थी की इस हालत में नहीं थी के घर जा सके। गोलू ने लड़के से कहा,”एक ठो काम करो तुम बाकि सब बंद कर दो बस जे बाहर वाला कमरा खुला छोड़ , सुबह होते ही हमहू इसे लेकर निकल जायेंगे”
गोलू की बाते सुनकर लकड़ा सोच में पड़ गया उसे सोच में डूबा देखकर गोलू ने 500 का नोट उसकी जेब में रखा और कहा,”समझा करो यहाँ लड़की है ऐसी हालत में घर जाएगी तो अच्छा नहीं लगेगा”
“ठीक है भैया आपके भरोसे छोड़कर जा रहा हूँ”,कहकर लड़का चला गया। अब वहा सिर्फ पिंकी और गोलू थे। गोलू ने नीचे बैठी पिंकी को देखा और कहा,”पिंकी उठो और अंदर चलो”
“तुम हमसे प्यार नहीं करते गोलू”,पिंकी ने कहा
“अरे करते है , बहुत करते है”,गोलू ने कहा
“तो फिर हमे अपनी गोद में उठाओ और अंदर लेकर चलो”,पिंकी ने शराब के नशे में धुत बच्चो की तरह जिद करते हुए कहा
“पिंकिया उठो और चलो”,गोलू ने कहा
“देखा तुम हमसे प्यार नहीं करते”,पिंकी ने रोते हुए कहा
“अरे ठीक है उठाते है रो मत यार तुम एक तो ऐसे ही गुड्डू भैया और भाभी नहीं मिल रहे उपर से तुम , रुको उठाते है”,कहते हुए गोलू ने पिंकी ने गोलू को अपनी बांहो में उठाया और अंदर जाने लगा। पिंकी ने खुश होकर गोलू के गाल पर किस कर लिया। गोलू के मन के सारे तार झनझना उठे। उसने अपनी भावनाओ पर काबू रखा और पिंकी को अंदर ले आया। उसने वहा पड़े बिस्तर पर पिंकी को बैठाया और कमरे की खिड़की खोल दी। ठंडी हवाये आने लगी। बाहर बिजली कड़क रही थी और ये देखकर गोलू को गुड्डू और शगुन की फ़िक्र हो रही थी। वह उनके बारे में सोच ही रहा था की पिंकी ने कहा,”गोलू,,,,,,,,,,,,!!!”
“हां”,गोलू ने पलटकर कहा
“इधर आओ”,पिंकी ने कहा
गोलू पिंकी के सामने चला आया तो पिंकी ने कहा,”तुम हमे देखकर भागे क्यों ? हमे पता है तुम हमसे नाराज हो क्योकि हम तुम्हारे साथ नहीं आये ,, पर हमारी गलती नहीं है गोलू हमे नहीं पता था तुम यहाँ हो”
“हम तुमसे नाराज नहीं है पिंकी”,गोलू ने प्यार से पिंकी को देखते हुए कहा
“तो फिर हमे गाल पर किस करो”,पिंकी ने गोलू की तरफ देखते हुए कहा। पिंकी नशे में थी और गोलू इस वक्त ऐसी कोई हरकत नहीं करना चाहता था जिस से पिंकी को हर्ट हो। गोलू ने कोई जवाब नहीं दिया तो पिंकी ने कहा,”देखा हमे पता था तुम हमसे प्यार नहीं करते”
“अच्छा करते है”,कहते हुए गोलू ने धीरे से पिंकी के गाल को अपने होंठो से छू लिया। पिंकी मुस्कुराने लगी और अपनी ऊँगली दूसरे गाल पर रख दी। गोलू ने दूसरे गाल पर भी किस किया बड़ी मुश्किल से वह अपनी भावनाओ को काबू में रखे हुए था। पिंकी उसके सब्र का इम्तिहान ले रही थी इस बार उसने ऊँगली अपने होंठो पर रख दी और गोलू की तरफ देखने लगी। दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और यहाँ गोलू पिघल गया। उसने अपनी आंखे मुंदी और अपने होंठो को पिंकी के होंठो पर रख दिया। बाहर तेज बारिश हो रही थी और अंदर ख़ामोशी पसरी थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!

क्रमश – मनमर्जियाँ – S36

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संजना किरोड़ीवाल

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