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मनमर्जियाँ – 94

Manmarjiyan – 94

Manmarjiyan - 94

मनमर्जियाँ – 94

गुड्डू को शगुन से प्यार हो चुका था और इस बात को वह गोलू के सामने मान भी चुका था। वही गोलू के दिल में भी पिंकी को लेकर भावनाये बदलने लगी थी जब पिंकी गुड्डू के साथ थी और उसके साथ गलत कर रही थी तब गोलू उस से बहुत चिढ़ता था लेकिन उस रात पिंकी को किस करने के बाद से उसकी सारी भावनाये ही बदल चुकी थी। पिंकी भी जहा गोलू से चिढ़ती थी अब उसके सामने आते ही खामोश हो जाया करती थी। शगुन को गुड्डू से प्यार था लेकिन उसने अभी तक अपनी भावनाये उसके सामने जाहिर नहीं की और कर पाती उस से पहले ही गुड्डू वापस कानपूर चला आया। पारस शगुन का अच्छा दोस्त है लेकिन कही ना कही वह शगुन को पसंद करता था पर ये बात उस से कह नहीं पाया और अब शगुन की शादी को उसने नियति मान लिया। प्रीति ने फैशन डिजायनिंग क्लासेज ज्वाइन कर लिया उसी के घर में रहने के लिए रोहन चला आया , वही लड़का जिस से प्रीति की दो-तीन बार झड़प हो चुकी है। वही मिश्रा जी के वार्निंग देने के बाद रमेश ने अपने कदम पीछे ले लिए और वेदी को भी परेशान करना बंद कर दिया। वेदी अपने फ़ाइनल के एडमिशन की तैयारियों में लगी हुई थी लेकिन उसके मन में भी प्रेम के अंकुर फूटने लगे थे। वंदना आंटी के घर रहने आये लड़के से अक्सर आते जाते वेदी की मुलाकात हो जाया करती है और दोनों बिना कुछ कहे बस एक दूसरे को देखते हुए गुजर जाते है। प्रेम कहानिया कई थी पर मंजिल किसी को नसीब नहीं सब के सब सफर में थे
गोलू दिनभर गुड्डू को शगुन के नाम से छेड़ता रहा और गुड्डू कभी उसे मारने दौड़ता तो कभी मुस्कुरा उठता। आज शाम कानपूर में ही कोई छोटा सा फंक्शन था जिसे गुड्डू की गैरमौजूदगी में गोलू ने ही लिया था पर गुड्डू खुश था की गोलू भी अपने काम को लेकर सजग है। रात की पार्टी में सभी आनंद ले रहे थे ये किसी राजनेता की और से थी , गोलू और गुड्डू एक साइड बैठकर सब देख रहे थे। फ्लोर पर लड़कियों के साथ डांस करते देखकर गोलू ने कहा,”जिंदगी हो तो ऐसी हो गुड्डू भैया हर तरफ बस ऐश ही ऐश है इनके , खाना , पीना मजे ही मजे”
“गोलू कोई जिंदगी नहीं है इनकी , दिनभर यहाँ वहा धक्के खाने के बाद जब आप घर जाओ और कोई आपकी परवाह करने वाला न हो तो कैसा लगेगा ?”,गुड्डू ने कहा
“बहुते बुरा लगेगा”,गोलू ने कहा
“वही तो हम कह रहे गोलू जे सब ना पैसे वालो के चोंचले है , और कोनसा इन्होने खुद कमाया है बस बाप के पैसो पर मजे कर रहे है सब ,,,, ख़ुशी तो तब होती है बाबू जब पैसे हम कमाए और उन्हें हमाये माँ बाप खर्च करे”,गुड्डू ने कहा
“इह बात बिल्कुल सही कहे है भैया , हमहू भी चाहते है की अपने पिताजी को ना एक बढ़िया गाड़ी तो खरीद ही दे , का है की उनकी लूना ना काफी पुरानी हो चुकी है”,गोलू ने कहा
“हां तो देओ ना , इह बार जो कानपूर वाली शादी है ना उसका बजट काफी अच्छा है उसमे जो मुनाफा हो तुम ज्यादा रख लेना और एक ठो गाड़ी किश्तों पर ले लेना”,गुड्डू ने कहा
“अरे भैया दिल खुश कर दिए यार तुमहू इह कहके”,गोलू ने गुड्डू को गले लगाते हुए कहा
गोलू और गुड्डू पार्टी खत्म होने तक वहा रुके और फिर घर के लिए निकल गए आज गोलू के पास अपनी स्कूटी थी और गुड्डू के पास अपनी बाइक दोनों साथ साथ ही चल पड़े। नुक्कड़ के पास पहुंचकर गुड्डू आगे चला गया और गोलू ने अपनी स्कूटी वापस घुमा दी , आज ना जाने उसे क्या हुआ की वह अपनी स्कूटी लेकर पिंकी की गली में जा पहुंचा। रात के 11 बज रहे थे मोहल्ले में सन्नाटा बस एक दो कुत्ते यहाँ वहा पड़े ऊंघ रहे थे। इतनी रात में भला पिंकी बाहर क्यों आएगी ? लेकिन ना जाने क्यों गोलू का मन हुआ की एक बार तो जाते जाते उसे देख ले ,, जैसे ही गोलू ने ऊपर पिंकी के कमरे की और गर्दन उठायी पिंकी के कमरे की लाइट जल रही थी और वह गुमसुम सी खिड़की के पास खड़ी आसमान में देख रही थी। उसे देखते हुए गोलू खो सा गया पहली बार पिंकी के चेहरे पर उसे मासूमियत नजर आ रही थी। पिंकी को देखने में वह इतना खोया हुआ था की उसे ध्यान नहीं रहा और उसने स्कूटी सामने बैठे कुत्ते को छू दी , कुत्ता जो भोंका है गोलू पर पिंकी की भी तंद्रा टूट गयी उसने एक नजर गोलू को देखा और खिड़की बंद करके चली गयी। गोलू ने देखा कुत्ता भोंके जा रहा है तो उसने कुत्ते को दुत्कारते हुए कहा,”सुनो बे हमाये बाप नहीं हो तुम जो तुम्हायी सुनेंगे”
लेकिन कुत्तो को कहा गोलू की बात सुननी थी उस कुत्ते ने अपने बाकि दोस्तों को भी बुला लिया। अब तो गोलू ने वहा से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और चुपचाप वहा से निकल गया। घर आकर गोलू ने स्कूटी साइड में लगाई और अपने कमरे में चला आया नीदं उसकी आँखों से कोसो दूर और जहन में बार बार पिंकी का ख्याल ! ये सब क्यों हो रहा था गोलू समझ नहीं पा रहा था , पिंकी उसे अच्छी लगने लगी थी , वह पिंकी की केयर करने लगा था। गोलू बदलने लगा था वह सोच में डूबा था की तभी उसने देखा उसकी दांयी और उसका अक्स खड़ा है और उस से कह रहा – का गोलू पिंकी के बारे में सोच रहे हो ? अरे बबुआ प्यार हो गया है तुमको उस से , अब बस जाकर इजहार कर दो अपनी मोहब्बत का इस से पहले की देर हो”
“नहीं गोलू ये तुमको भटका रहा है , जानते हो ना पिंकी ने गुड्डू के साथ का किया तुम्हारा भी उतनी ही बुरी तरह से कटेगा याद रखना”,गोलू के दूसरी और खड़े उसके दूसरे साये ने कहा तो गोलू उसकी और पलटा
“अबे गोलू कहा तुम इसकी बातो में आ रहे हो , गुड्डू का मामला सेट है पिंकी सिर्फ तुम्हारे लिए बनी है , जाकर बोल दो उसे”,पहले साये ने कहा
“गोलू नहीं तुम गलती कर रहे हो , गुड्डू को पता चला तो उसे बहुत बुरा लगेगा”,दूसरे साये ने कहा तो गोलू फिर उसकी और पलटा
“गुड्डू को कोई बताएगा तब ही तो पता चलेगा , गोलू तूम पिंकी को बोल दो”,पहले साये ने कहा
“गोलू क्या तुम गुड्डू से झूठ बोलेगे ?”,दूसरे साये ने कहा
“अरे जिस झूठ से तुम्हारा घर बसे वो झूठ झूठ नहीं होता गोलू”,पहले साये ने कहा
“पर ये तो गलत है ना गोलू , तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए”,दूसरे साये ने कहा
“गोलू उसकी बात पर ध्यान मत दो , तुम्हारी औकात से बाहर पिंकी तुम्हारी जिंदगी में आ रही है इसलिए वो जल रहा है”,पहले साये ने कहा
“नहीं गोलू मैं तुम्हारे अच्छे के लिए कह रहा हूँ पिंकी से दूर रहो”,दूसरे साये ने कहा
बेचारा गोलू अब तक दांये बांये देखकर थक चुका था इसलिए जोर से कहा,”अबे बस करो तुम दोनों”
गोलू का इतना कहना था की दोनों हवा में गायब हो गए। बेचारा गोलू इन सब में फंसकर रह गया। कुछ देर बाद वह सोने चला गया और उसे नींद आ गयी। सुबह गोलू उठा और नहा धोकर नाश्ता करने आया और कहा,”अम्मा नाश्ता दे दो”
“अरे नाश्ता बाद में करना गोलू पहिले इह देखो”,गोलू की अम्मा ने लिफाफा गोलू के हाथ में देकर कहा। गोलू ने लिफाफा उलट पलट कर देखा और कहा,”इह का है ?”
“गोलू सवाल बहुत करते हो तुम , जरा देखो तो सही अंदर का है इसके ?”,गोलू की अम्मा ने कहा
गोलू ने लिफाफा खोला उसमे एक तस्वीर थी गोलू ने तस्वीर निकाली और देखा , भारी भरकम लड़की जिसके भारी मुंह और चौड़े कंधो के बीच दबी गर्दन नजर ही नहीं आ रही थी , बड़ी बड़ी चमकदार आँखे और गुलाबी चौड़े होंठ , गोलू उसका आधा भी नहीं होगा वजन में उसे देखकर गोलू ने कहा,”इह कौन है और हमे तस्वीर काहे दिखा रहे हो ?”
“तुम्हायी शादी के लिए पसंद की है , कल उह जो आये रहय रमाकांत गुप्ता जी उनके साले की लड़की है जे”,गोलू की अम्मा ने कहा तो गोलू एकदम से बिफर पड़ा और कहा,”हम कोई शादी वादी नहीं करेंगे अम्मा”
“काहे नहीं करोगे ?”,दातुन से घिसते हुए गोलू के पिताजी ने कहा
“अभी हमायी उम्र ही का है ?”,गोलू ने कहा
“तुम्हायी उम्र में शादी करके पूरा घर सम्हाल लिया था हमने”,गोलू के पिताजी ने नाराज होकर कहा
“अरे तब बात दूसरी थी अब दूसरी है और अभी तो हमारा कॉलेज पूरा हुआ है , कुछो बनने तो दो हमे”,गोलू ने शादी से बचने के लिए कहा
“हां तो बाबू सादी करो और अच्छे पति बनो , फिर मन हुआ तो एक आध बच्चो के बाप भी बन जाना”,गोलू के पिताजी ने दाँत कुरेदते हुए कहा
“अरे यार अम्मा यार समझाओ इनको”,गोलू ने अपनी अम्मा के पास आकर कहा
“सही तो कह रहे है इकलौते लड़के हो तुम हमारे कोई बहू घर में आये तो हमे भी काम से फुरसत मिले”,गोलू की अम्मा ने कहा
गोलू को लगा वह बुरी तरह फसने वाला है तो उसने कहा,”हम इस से सादी नहीं करेंगे हम अपनी पसंद की लड़की से सादी करेंगे”
“हां जैसे सरसो के खेत में कोई सिमरन गुलाब लेके बैठी है तुम्हाये लिए , शक्ल देखो अपनी और तब भी ना समझ आये तो हरकते देखो अपनों शुक्र मनाओ की तुम्हाये सारे कांड जानने के बाद भी रमाकांत अपनी भांजी तुम्हाये साथ बयाहने को तैयार है , का कमी है इसमें बस थोड़ी भारी है”,गुप्ता जी ने कहा तो गोलू ने हैरानी से कहा,”थोड़ी , आप जिस उम्र में हो न पिताजी उस उम्र में हर लड़की अच्छी ही नजर आती है”
“हम तुम्हाये बाप है गोलू ज्यादा बकैती ना करो हमसे , शादी तो तुम्हायी इसी से होगी”,गुप्ता जी ने कहा
“हम नहीं करेंगे”,गोलू ने एकदम से कहा
“नहीं करोगे तो जायदाद से बेदखल कर देंगे तुमको”,गोलू के पिताजी ने भी उसे घूरते हुए कहा
“अरे चार जोड़ी कपड़ा , एक जे मकान , दुइ दुकान और एक लूना छोड़कर है का आपके पास ? पिताजी हम बता रहे है हम कोई सादी वादी नहीं करने वाले है , अगले हफ्ते लखनऊ में आर्डर है हमारा हमको काम करने दो”,कहकर गोलू वहा से चला गया
“हमहू तो लगता है किसी चुडैल के चक्कर में आ गवो है गोलू तब ही सादी के लिए ना बोल रहो”,गोलू की अम्मा ने कहा
“अगर ऐसा है ना गोलू की अम्मा तो मरहम तैयार कर लेओ तुम्हाये गोलू की तो अब सुताई होने वाली है”,गुप्ता जी ने मन ही मन कहा और स्कूटी लेकर जाते हुए गोलू को देखने लगे।
अपने घर से निकला गोलू पहुंचा सीधे गुड्डू के पास अब एक वही था जिसके सामने गोलू अपनी जिंदगी का रोना रो सकता था। गुड्डू उठा ही था गोलू आ धमका। उसे परेशान देखकर गुड्डू ने कहा,”का बात है गोलू सुबह सुबह इतने परेशान काहे हो ?”
“गुड्डू भैया तुम्हाये पिताजी ने बो दी है हमायी जिंदगी में चरस”,गोलू ने रोनी सूरत बनाकर कहा
“इह का बक रहे हो बे ? हमाये पिताजी ऐसा कुछो काहे करेंगे ?”,गुड्डू ने हैरानी से कहा
“उस रात जब हम तुमसे मिलने आये थे और मिश्रा जी ने हमे पेल दिया था उसके बाद कह रहे थे की तुम्हाये पिताजी से शिकायत करेंगे तो कर दी उन्होंने शिकायत और ऐसी वैसी नहीं जिंदगी भर की”,गोलू ने कहा
“गोलू का बोल रहे हो कुछ समझ नहीं आ रहा है , साफ़ साफ कहो यार”,गुड्डू ने कहा
“बात जे है की तुम्हाये पिताजी ने हमायी जिंदगी की लंका लगा दी है गुड्डू मिश्रा”,इतना कहकर गोलू ने सुबह वाली सारी कहानी गुड्डू को सूना दी , गुड्डू ने सुना तो कहा,”पर जे तो अच्छी बात है ना गोलू की तुम्हायी शादी हो रही है”
“तुम हमाये बाप की तरह बात ना करो गुड्डू भैया यार हमे नहीं करनी शादी”,गोलू ने कहा
“अच्छा ठीक है चलो चलकर पिताजी से ही पूछते है की उन्होंने ऐसा काहे किया ?”,गुड्डू ने कहा और गोली को साथ लेकर नीचे चला आया। मिश्रा जी उस वक्त तख्ते पर बैठे चाय पी रहे थे गुड्डू उनके पास आया और कहा,”पिताजी कुछो बात करनी थी आपसे ?”
“हां कहो”,मिश्रा जी ने कहा
गुड्डू ने सारी बातें मिश्रा जी को कही और फिर कहा,”उह रमाकांत जी को गोलू के घर आप भेजे रहय ?”
“सुबह सुबह का भांग खा ली है तुम दोनों ने ? हम किसी को गोलू के घर काहे भेजेंगे ?”,मिश्रा जी ने कहा
“उह उस रात आप ही तो कहे रहय की हमाये पिताजी से बात करेंगे”,गोलू ने डरते डरते कहा
“हां करने वाले थे उनसे बात लेकिन फिर सोचे की जब हम खुद ही तुम्हायी सुताई कर सकते है तो उनको परेशान काहे करे ?”,मिश्रा जी ने कहा
“मतलब आपने उनसे गोलू की शादी की बात नहीं की ?”,गुड्डू ने पूछा
“हमारा माथा ख़राब नहीं है जो इस नालायक से शादी करवाकर किसी लड़की की जिंदगी खराब करेंगे”,मिश्रा जी ने उठते हुए कहा और वहा से चले गए।
“इन्होने नहीं भेजा तो फिर किसने ?”,गोलू ने कहा
“किसी ने भी भेजा हो , शादी मुबारक हो गोलू”,गुड्डू ने कहा और वहा से चला गया। गोलू को इतना गुस्सा आया ये सुनकर उसने हवा में पैर मारा और वो जा लगा सामने पड़े गमले से , गोलू झुंझलाता हुआ गुड्डू के पीछे चल पड़ा

Manmarjiyan - 94
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क्रमश – मनमर्जियाँ – 95

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संजना किरोड़ीवाल

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