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मनमर्जियाँ – 92

Manmarjiyan – 92

Manmarjiyan - 92

मनमर्जियाँ – 92

गुड्डू ने गोलू को छुपकर आने को कहा था और इसी छुपमछुपाई में मिश्रा जी के हाथो गोलू की अच्छी खासी धुलाई हो गयी। बेचारा गोलू हर बार गुड्डू की वजह से पेला जाता। मिश्रा जी ने उसे अंदर आँगन में बुलाया और तख्ते पर आकर बैठ गए। गोलू भी चुपचाप आकर उनके सामने खड़ा हो गया अपनी दाढ़ी को सहलाते हुए मिश्रा जी ने गोलू से कहा,”कुछो बोलोगे या दही जमा लिए हो मुंह में ? इतनी रात में चोरो की तरह काहे आये थे ?”
“उह चचा हमहू सोचो के आप लोग परेशान होंगे इसलिए हम दिवार फांदकर,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने डरते डरते कहा
“तुम्हायी इस बेवकूफी के चक्कर में तुम तो पिटे गए ना गोलू गुप्ता,,,,,,,,,,,,,,मतलब हमको इह नहीं समझ आता की तुम और गुड्डू जब तक कुछो गड़बड़ ना करो तुम्हारा खाना नहीं पचता या नींद ही नहीं आती तुमको,,,,,,,,,,,बताओ का है इह सब ? बहू बेटियों वाले घर में तुमहू दिवार फांदकर आते हो शर्म नहीं तुमको,,,,,,,,,,,,,,,,कल अपने पिताजी को बोलना हमसे आकर मिले”,मिश्रा जी ने कहा
“काहे ?”,गोलू ने हैरानी से कहा
“तुम्हायी शादी की बात करनी है”,मिश्रा जी ने टोंट मारते हुए कहा
“का बात कर रहे हो चचा , अभी हमायी उम्र ही का है ?”,गोलू ने शरमाकर नाख़ून चबाते हुए कहा
मिश्रा जी ने नीचे पड़ी चप्पल उठायी और गोलू की और फेंककर कहा,”अबे तुम्हायी शिकायत करने को बुला रहे है कौन बेवकूफ होगी जो तुम्हाये साथ अपनी जिंदगी बर्बाद करेगी ?”
बेचारा गोलू एक ही पल में अर्श से फर्श पर आ गिरा और कहा,”माफ़ कर दो ना चचा गुड्डू भैया ने बुलाया था हमे”
“दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हो गोलू,,,,,,,,,,,,,,चलो जाओ और वापसी में दरवाजे से जाना”,कहकर मिश्रा जी वहा से चले गए।
मिश्राइन और बाकि सब भी अपने अपने कमरों में चले गए। गोलू बेचारा हाय हाय करते हुए ऊपर गुड्डू के पास आया। गुड्डू कमरे के बाहर ही खड़ा था उसे देखते ही गोलू ने कहा,”साले कमीने , दुष्ट आदमी , शर्म नहीं आयी तुमको हम वहा तुम्हायी वजह से मार खा रहे थे और तुमहू बचाने भी नहीं आये , कैसे दोस्त हो बे तुम गुड्डू भैया ? हाय !!!”
“तुम्हे बचाने आते न तो बेटा हम भी पेले जाते और तुमसे किसने कहा था सामने की दिवार फांदकर आने को ? खैर छोडो इह सब आओ अंदर आओ”,गुड्डू ने कहा और गोलू को अपने साथ लेकर अंदर चला आया। गोलू अंदर आकर बैठा गुड्डू ने उसे पानी का जग दिया गोलू ने पानी पीया और कहा,”अब बताओ काहे बुलाया था हिया ?”
“यार गोलू हमे नींद नहीं आ रही है”,गुड्डू ने मासूमियत से कहा
“तो हम का तुम्हायी अम्मा है जो लोरी गाकर सुलायेंगे तुमको”,गोलू ने चिढ़ते हुए कहा
“अरे यार तुमहू हमायी बात तो सुनो यार”,गुड्डू ने गोलू के बगल में बैठते हुए कहा
“हां कहो”,गोलू ने कहा
“जबसे बनारस से आये है कुछो अच्छा नहीं लग रहा है यार , घर में तो बिल्कुल मन नहीं लग रहा है जहा देखो वहा शगुन ही नजर आ रही है। बार बार उन्ही का ख्याल आ रहा है , उनसे बात करने के लिए फोन मिलाये पर ना जाने क्यों दिल बहुत तेज तेज धड़कने लगा तो हमने फोन काट दिया। वो जब होती थी तो
कुछो बात नहीं करते थे उनसे अब जब नहीं है तो बात करने का मन कर रहा है। समझ नहीं आ रहा है हम उनके बारे में इतना क्यों सोच रहे है ? और आज सुबह तो,,,,,,,,,,,,!”,गुड्डू ने बात अधूरी छोड़ दी।
“आज सुबह का ?”,गोलू ने आखरी बात पर ही ज्यादा ध्यान दिया
“कुछ नहीं छोडो”,कहकर गुड्डू उठा और कबर्ड खोलकर ऐसे ही कपड़ो को देखने लगा गोलू आया कबर्ड बंद करते हुए कहा,”सुबह का हुआ भैया ? फिर से कोई कांड किये,,,,,,,,,,,,,,,,,,अगर किये भी हो तो इस बार हम कोई साथ नहीं देने वाले है भैया बता रहे है”
“अरे यार गोलू कांड नहीं किए पर किस,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू फिर बोलते बोलते रुक गया सुबह वाला वो नजारा उसकी आँखों के सामने घूम गया।
“किस का भैया ? किस,,,,,,,,,,,,,,,,,,किस मतलब चुम्मा ?”,गोलू का दिमाग चल पड़ा तो उसने जोर से कहा
“अबे का कर रहे हो ? इति जोर से काहे बोल रहे हो ? हां सही समझे तुम किस”,गुड्डू ने कहा
“किसको कर आये ?”,गोलू ने पूछा
“वो हम,,,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब वो”,गुड्डू से बोला ही नहीं जा रहा था उसे बहुत अजीब लग रहा था बताते हुए
“अबे का दुल्हिन हो जो इतना शरमा रहे हो बताओ भी किसको किया ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कही भाभी को तो”,गोलू ने फिर अंदाजा लगाते हुए कहा
“हम्म्म”,गुड्डू ने धीरे से नजरे झुकाकर कहा
“अबे यार गुड्डू मिश्रा एक परेशानी ख़त्म नहीं की तुमहू दूसरी में कूद पड़ते हो मतलब अब कोनसा इमरान हाश्मी जाग गया तुम्हाये अंदर जो तुमहू इह सब,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने बिना सोचे समझे बोल दिया
“अबे पत्नी है वो हमारी का गलत किये हम और गाल पर किस किये है”,गुड्डू ने कहा तो गोलू को याद आया की गुड्डू की शादी हो चुकी है शगुन से। उसने अपने सर पीटते हुए कहा,”अरे दादा लगता है बड़के मिश्रा जी मार का असर है हमहू भी का बक रहे है , भाभी तो तुम्हायी पत्नी है तुम्हारा हक़ है,,,,,,,,,,,,,,,,,हम भी ना यार, छोडो इह सब पहिले इह बताओ जे सब हुआ कैसे ?”,गोलू ने गुड्डू को हाथ पकड़कर बैठाते हुए कहा
“अरे यार उह है ना प्रीति सुबह सुबह हमसे शर्त लगा ली और हम हार गए और बदले में हमे जे करना पड़ा”,गुड्डू ने बच्चो की तरह मुंह बनाकर कहां
“अबे बहुते सही शर्त लगाईं है प्रीति ने , भाभी तो एकदम शॉक्ड हो गयी होंगी”,गोलू ने खुश होकर कहा
“उनसे ज्यादा तो हमायी फटी पड़ी थी गोलू , पहली बार ऐसा कुछो किये है मालूम है ऐसे लग रहा था जैसे अभी के अभी दिल बाहर आ गिरेगा हमारा , हम तो किस किये और भाग निकले वहा से”,गुड्डू ने कहा
“अरे रे कैसे बढ़ेगा मिश्रा खानदान आगे ?”,गोलू ने कहा
“मतलब ?”,गुड्डू ने कहा
“मतलब जे गुड्डू मिश्रा की तुमको हो गया है भाभी से प्यार बस तुम ना एक्सेप्ट नहीं कर पा रहे हो”,गोलू ने माचिस की तीली से दाँत खुजाते हुए कहा।
“नहीं नहीं ऐसा कुछो नहीं है”,गुड्डू ने गोलू से नजरे चुराते हुए कहा
“भैया भले प्यार की भेल हमने ना खाई हो पर टेस्ट मालूम है , जबसे भाभी तुम्हायी जिंदगी में आयी है कितना बदल गए हो तुम खुद ही देख लो , अच्छे से काम करने लगे हो , भाभी की हर बात मानते हो , उनकी परवाह भी करते हो और अब तो अंग्रेजी फिल्मो की तरह किस भी कर दिया,,,,,,,,,,,,,,अब बस आई लव यू बोलना बाकि रह गया है जाकर उह बोल दो मामला सेट है”,गोलू ने कहा
“हम हम काहे बोले ? और प्यार ना एक ही बार होता है गोलू”,गुड्डू ने कहा
“जे किस मनहूस ने कहा की प्यार एक ठो बार ही होता है”,गोलू ने कहा
“पर हमारा पहिला प्यार तो पिंकिया ही थी ना गोलू”,गुड्डू ने मासूमियत से कहा
पिंकी का नाम सुनते ही गोलू को गुस्सा आ गया वह उठा और कहा,”अबे कौनसा पहला प्यार उह एकतरफा था भैया और तुमहु तो ऐसे बोल रहे हो जैसे मोहब्बत में बहुते झूले झुलाये है पिंकिया ने तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,गयी ना उह भी काटकर,,,,,,,,,,,,,प्रेजेंट पर ध्यान दो और पास्ट को हमाये लिए छोड़ दो”
“तुम्हाये लिए ?”,गुड्डू ने हैरानी से गोलू की और देखकर पूछा
“अरे मतलब भगवान के लिए पिंकिया का ख्याल छोडो और भाभी पर ध्यान दो,,,,,,,,,,,,,!!!”,गोलू ने तुरंत बात बदलते हुए कहा
“हमे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा है गोलू हम का करे”,गुड्डू ने परेशान सा बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“भैया सुनो ! हमाये जाने के बाद ना सच्चे दिल से आँखे बंद करना और देखना जिसका चेहरा नजर आता है वही है तुम्हारा असली प्यार”,गोलू ने कहा
“तुमहू जा रहे हो ?”,गुड्डू ने कहा
“हां , तुम्हायी बाते सुनकर ना हमे हमायी सरकार खतरे में लग रही है”,गुड्डू ने सोचते हुए कहा
“का ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे कुछो नहीं यार नींद आय रही है बहुते जोर की हमे जाने दो और सोने दो यार”,गोलू ने लगभग रोते हुए कहा।
“अच्छा ठीक है तुम जाओ यार हम मिलते है”,गुड्डू के इतना कहते ही गोलू वहा से चला गया। गुड्डू उठा और बाथरूम में जाकर मुंह धोया। शगुन के ख्यालो से गुड्डू पहले ही उलझन में था अब प्यार वाली बात करके गोलू ने उसे और परेशान कर दिया। उसने ठन्डे पानी से अपना मुंह धोया और कमरे में चला आया रात के 2 बजे गुड्डू शीशे के सामने खड़ा खुद को देख रहा था। अपनी नींद से जिस गुड्डू को प्यार था आज वो इतना लेट तक जाग रहा था। आँखों के सामने बार बार शगुन के साथ बिताये पल , उस से झगड़ना , उस पर हक़ जमाना , उसका करीब आना गुड्डू की आँखों के सामने आ रहा था। गुड्डू शीशे के थोड़ा क़रीब आया अपने हाथ से शीशे में नजर आ रहे अपने अक्स को छूते हुए वह धीरे से बुदबुदाया,”का गोलू सही कह रहा था ? हमे शगुन से प्यार हो गया है”
अगले ही पल गुड्डू को लगा जैसे कोई उसे छूकर गुजरा हो। गुड्डू तेजी से पलटा पर कमरे में कोई नहीं था। अब तो गुड्डू की आँखों से नींद बिल्कुल गायब थी , गुड्डू बिस्तर पर आ बैठा नजर साइड में चली गयी जहा शगुन सोती थी , उसके बिना गुड्डू को ये कमरा सूना सूना लग रहा था। गुड्डू ने काफी देर तक एकटक उस जगह को देखता रहा और फिर लेट गया लेकिन नींद आँखों से दूर। आज से पहले ये हालत उसकी कभी नहीं हुई थी , गुड्डू ने तकिये में मुंह छुपाया और सो गया। देर रात उसे नींद आ गई।
सुबह गुड्डू देर तक सोता रहा। मिश्रा जी अपने शोरूम जा चुके थे , किसी आर्डर का काम देखने जाना था जिसके लिए गोलू दुकान पर खड़ा खड़ा गुड्डू को फोन पर फोन किये जा रहा था लेकिन गुड्डू का फोन साइलेंट था इसलिए उसने उठाया नहीं। बेचारा गोलू अकेले ही अपनी स्कूटी लेकर चल पड़ा। रास्ते में शिवजी का मंदिर था गोलू ने स्कूटी रोकी और अंदर चला आया भगवान के सामने हाथ जोड़कर गोलू उनसे प्रार्थना करने लगा,”हे भोलेनाथ हमाये गुड्डू भैया की जिंदगी में शगुन भाभी को लाने के लिए शुक्रिया , उनको तो भाभी से प्यार हो गया अब कुछो हमारा भी देखो यार मतलब हम कब तक ऐसे ही घूमेंगे” गोलू अभी भोलेनाथ से मन्नत मांग ही रहा था की एक जानी पहचानी आवाज उसके कानो में पड़ी। गोलू ने देखा मदिर के बगल में खड़े दो लड़के एक लड़की को परेशान कर रहे है गोलू ने पंडित जी प्रशाद लिया और उस और चला आया देखा वो लड़की कोई और नहीं पिंकी ही थी। गोलू वहा आया और पिंकी के आगे आकर लड़को से कहा,”का बे का पंचायत लगा रखी है यहाँ ?”
“गोलू इह तुम्हारा मेटर नहीं है तुमहू हट जाओ”,एक लड़के ने कहा जो की पिंकी पर भड़का हुआ था
“भैया मेटर किसी का भी हो इह बताओ लड़की को काहे परेशान कर रहे हो बे ?”,गोलू ने कहा
“काहे तुम्हायी बहन लगती है ?”,दूसरे लड़के ने कहा तो पहला लड़का हसने लगा
“बेटा बहन लगती होगी तुम्हायी और जियादा चू चपड़ ना करो नहीं तो धर देंगे यही”,गोलू ने आँखे दिखाते हुए कहा
“हीरो बनने से पहले इह जान लो इन मोहतरमा ने का किया है ?”,लड़के ने भी तनते हुए कहा
“का किया ?”,गोलू ने कहा
“रिचार्ज करवाने के बाद बोलती है पैसे नहीं है”,लड़के ने कहा तो गोलू ने हैरानी से पिंकी की और देखा और फिर अचानक से उसके मन में पिंकी के सामने हीरो बनने का ख्याल आया उसने अपनी जींस की पॉकेट से पैसे निकालकर लड़को के सामने हीरो बनते हुए कहा,”बस इतनी सी बात के लिए धौंस दिखा रहे हो बोलो कितने पैसे है 100-150 कितने बोलो अभी तुम्हारे मुंह पे मारता हूँ”
गोलू के पास इतने ही 500-700 रूपये थे लड़के ने कहा,”2500″ कहते हुए उसने गोलू के हाथ से रूपये लिए और गिनते हुए कहा,”700 रूपये है 1800 और बचे और साले अब वो तुम्ही से वसूल करूंगा , हीरो बन रहा है चल बे” कहकर लड़का अपने दोस्त को लेकर वहा से चला गया। बेचारा गोलू अवाक् सा पिंकी की और पलटा और कहा,”इतना रिचार्ज , का अमेरिका फ़ोन करती थी का ?”
“गोलू हम समझाते है”,पिंकी ने कहना चाहा तो गोलू बोल पड़ा,”तुमहू रहने दो पिंकिया तुम्हाये चक्कर में हमाये कपडे उतर जाने है किसी दिन”
कहकर गोलू जैसे ही जाने लगा पिंकी ने उसका हाथ पकड़ कर रोक लिया। गोलू ने सख्त बनने की कोशिश की लेकिन यहाँ पिघल गया और रुक गया। पिंकी उसे लेकर सीढ़ियों के पास आयी और बैठने का इशारा किया।
गोलू बैठ गया पिंकी भी उस से कुछ दूर बैठ गयी। पिंकी कुछ देर चुप रही और फिर कहने लगी,”हम जानते है गोलू हम कुछ भी कहे तुम हमारी बात का यकीन नहीं करोगे , वो लड़का सही कह रहा था वो पैसे माँगता है लेकिन वो रिचार्ज हमने नहीं हमारी कजिन ने करवाया था”
“साला पूरा खानदान ही लुटेरा है”,गोलू मन ही मन बुदबुदाया
“जबसे गुड्डू हमारी जिंदगी से गया है तबसे हमे समझ आने लगा है की हम कितने गलत थे , पैसो की पट्टी हमारी आँखों पर ऐसी बंधी थी की हम उसके सच्चे प्यार को भी देख नहीं पाए। गोलू अब तो हिम्मत भी नहीं है की गुड्डू से जाकर अपने किये की माफ़ी मांग सकू पर तुम सामने हो इसलिए तुमसे माफ़ी मांगना चाहती हूँ , सॉरी गोलू अगर हमारी वजह से कभी भी तुम्हारा दिल दुखा हो तो हमे माफ़ कर देना”,पिंकी ने कहा
गोलू को तो अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ की पिंकी ये सब बोल रही है उसने कहा,”हम कैसे मान ले तुम सच कह रही हो ?”
पिंकी उठी और कहा,”मंदिर में आकर कोई इंसान कभी झूठ नहीं बोलेगा गोलू , चलती हूँ और हां तुम्हारे पैसे भिजवा दूंगी मैं”
पिंकी वहा से चली गयी लेकिन गोलू को उलझन में डाल गयी। फोन बजा तो गोलू की तंद्रा टूटी और उसने फोन उठाकर कहा,”कौन बोल रहा है बे ?”
“तुम्हाये बाप बोल रहे है , अपनी तशरीफ़ लेकर घर पधारो”,दूसरी और से गोलू के पिताजी ने कहा
“हां हां आते है”,कहकर गोलू ने जल्दी से फोन काटा और जेब में डालते हुए कहा,”बचा ले भोलेनाथ”

क्रमश – मनमर्जियाँ – 93

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संजना किरोड़ीवाल

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