मनमर्जियाँ – 61
Manmarjiyan – 61
मनमर्जियाँ – 61
सिनेमा हॉल की कॉर्नर सीट पर बैठे शगुन और गुड्डू खामोश थे। शगुन का हाथ गुड्डू के हाथ पर था जब उसे अहसास हुआ तो उसने अपना हाथ हटा लिया और नजरे स्क्रीन पर जमा ली। फिल्म स्टार्ट हुई गोलू ने भी क्या सही फिल्म चुनी ना गुड्डू और शगुन के लिए। फिल्म इमरान हाश्मी की थी “अजहर” गुड्डू और शगुन ख़ामोशी से फिल्म देख रहे थे। फील शुरू होने के कुछ देर बाद ही रोमांटिक गाना शुरू हुआ – चलो जी आज साफ साफ कहता हूँ इतनी सी बात है मुझे तुमसे प्यार है।”
शगुन तो इमरान हाशमी में अपने गुड्डू को देख रही थी लेकिन गुड्डू की नजर बार बार वहां बैठे कपल्स पर चली जाती। खैर जैसे तैसे गुड्डू ने थोड़ी फिल्म देखी थी की फिल्म में दूसरी लड़की की एंट्री होती है और इमरान हाशमी को उस से प्यार हो जाता है। कहानी के बीच में उस लड़की के साथ इमरान का एक रोमांटक किसिंग सीन होता है जैसे ही वह स्क्रीन पर आता है गुड्डू और शगुन की नजर एक दूसरे पर पड़ती है और दोनों ही इधर उधर देखने लगते है। उस सीन के बाद दोनों ही असहज थे और एक दूसरे से नजरे चुरा रहे थे , ना एक दूसरे की और देख रहे पा रहे थे ना स्क्रीन पर। शगुन को असहज देखकर गुड्डू ने कहा,”इह गोलू भी ना कहा भेज दिए है ? तुम्हे ठीक नहीं लग रहा तो बाहर चले”
शगुन ने देखा उस सीन के बाद से वहा बैठे कुछ कपल्स काफी रोमांटिक हो चुके थे और सिनेमा का माहौल बदल चुका था इसलिए उसने हां कह दिया। गुड्डू और शगुन उठकर बाहर की और जाने लगे। अँधेरे में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए चलते चलते शगुन लड़खड़ाई तो गुड्डू ने अपना हाथ उसकी और बढ़ा दिया। शगुन ने गुड्डू का हाथ थामा और उसके साथ थियेटर से बाहर चली आयी। कॉरिडोर में चलते हुए गुड्डू ने कहा,”गोलू ना सच में बैल है , ऐसी मूवी दिखाने की का जरूरत थी”
“फिल्म अच्छी थी”,शगुन ने कहा
“अच्छी तो थी पर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वहा माहौल अच्छा नहीं था”,गुड्डू ने कहा
“हम्म”,शगुन ने भी सहमति जताई और दोनों बाहर आ गए गुड्डू ने बाइक स्टार्ट की और शगुन से बैठने को कहा। दोपहर के 2 बज रहे थे और काफी धुप भी हो चुकी थी। गुड्डू को अब भूख लगने लगी थी इसलिए वह शगुन को लेकर एक रेस्टोरेंट में आया और वहा काम कर रहे लड़के से कहा,”बेटा भाग के पहिले दो
ठंडा लेकर आओ बाकि आर्डर बाद में देंगे”
“ठीक है भैया”,लड़का जो की गुड्डू को काफी वक्त से जानता था उसके कहने पर तुरंत चला गया। गुड्डू ने शगुन से बैठने को कहा और खुद भी उसके सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। लड़का दो कोल्ड ड्रिंक रखकर चला गया। गुड्डू के मन में शगुन के लिए भावनाये थी लेकिन खुलकर बाहर नहीं आयी थी ,वही शगुन के साथ था उसे तो गुड्डू पहले दिन से ही पसंद था पर शादी के बाद जो बातें हुयी उनसे शगुन थोड़ा अपसेट हो चुकी थी लेकिन गुड्डू एक बार फिर धीरे धीरे शगुन के मन में अपने लिए जगह बनाने लगा था।
दोनों ख़ामोशी से कोल्ड ड्रिंक पीने लगे। गुड्डू ने अभी एक दो घूंठ ही भरे थे की उसका फोन बजा। फोन शोरूम से था गुड्डू उठकर साइड में गया और फोन पर बात करने लगा। शगुन ने देखा गुड्डू की कोल्ड ड्रिंक सामने रखी है उसने उसे उठाकर अपनी और रखा और अपनी गुड्डू की जगह रख दी। ऐसा करके शगुन को बहुत ही क्यूट सी फीलिंग आ रही थी। वह गुड्डू की जूठी कोल्ड ड्रिंक पि पाती इस से पहले ही गुड्डू वहा आया और बैठते हुए कहा,”उह शोरूम से फोन था कुछ काम से शाम को जान पड़ सकता है”
“हम्म्म्म !”,शगुन ने कहा
“अरे तुमने पीया नहीं अच्छा नहीं है का ?”,गुड्डू ने शगुन के सामने रखी कोल्ड ड्रिंक को देखकर कहा
“अच्छी है”,कहते हुए शगुन ने जैसे ही ग्लास उठाया गुड्डू ने रोकते हुए कहा,”एक ठो काम करो ये ग्लास हमे दे दो , तुम्हारे वाले में ज्यादा है हम पि लेंगे तुम हमारे वाला पि लो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,जूठा पीने में कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना ?,,,,,,,,,,,,,,देखो हम और गोलू दोस्त है तो हम दोनों तो खा पि लेते है एक दूसरे का जूठा”
गुड्डू ने कहते हुए शगुन के हाथ से ग्लास ले लिया बेचारी शगुन उसे ना भी नहीं बोल पायी और एक बार फिर गुड्डू का ग्लास गुड्डू के हाथ में जा चुका था। गुड्डू मजे से कोल्ड ड्रिंक पीने लगा और ये देखकर शगुन ने अपना ही सर पीट लिया लेकिन खुद पर हंसी भी आ रही थी। कुछ देर बाद गुड्डू ने अपने और शगुन के लिए खाना आर्डर किया और दोनों बाते करते हुए खाने लगे। बातें क्या गुड्डू अपनी शरारतो के बारे में बता रहा था बस और शगुन मुस्कुराते हुए उसे सुने जा रही थी। उसे गुड्डू को सुनना बहुत पसंद था जब कनपुरिया टोन में वह बात करता था तो शगुन को उसमे सिर्फ मासूमियत ही नजर आया करती थी
खाना खाने के बाद गुड्डू ने बिल दिया और दोनों बाहर चले आये। धुप अभी भी बहुत तेज थी ऐसे में बाहर घूमना तो गुड्डू को गवारा नहीं था , लेकिन घर में गोलू नाम का प्राणी था जो उसे जीने नहीं देगा सोचकर गुड्डू ने शगुन से कहा,”तुमने कभी मोती झील देखी है ?”
“नहीं !”,शगुन ने कहा
“चलो फिर दिखाते है”,गुड्डू ने धुप से बचने के लिए चश्मा लगा लिया। शगुन की नजर सड़क के उस पार कही और थी गुड्डू ने उसको खोये हुए देखा तो कहा,”का हुआ बइठो ?”
“एक मिनिट में आती हूँ”,कहकर शगुन वहा से सड़क के दूसरी और चली गयी गुड्डू को समझ नहीं आया की शगुन क्या कर रही है जब वापस आयी तो उसके हाथ में हेलमेट था। शगुन ने गुड्डू के सामने आकर हेलमेट उसकी और बढ़ाकर कहा,”इसे पहन लीजिये”
“अरे हम नहीं पहनते है , हमे अच्छा नहीं लगता”,गुड्डू ने अपने बालो को सही करते हुए कहा
“मैं जानती हूँ लेकिन अपने लिए ना सही पर अपनी सेफ्टी के लिए पहन लीजिये”,शगुन ने इतने प्यार से कहा की गुड्डू ना नहीं कह पाया और हेलमेट लेकर पहनते हुए कहा,”अब ठीक है ?”
“हम्म्म !”,शगुन ने मुस्कुराते हुए हां में गर्दन हिला दी और गुड्डू के पीछे बैठ गयी। गुड्डू ने बाइक मोती झील की और जाने वाले रस्ते की और बढ़ा दी। धुप में भी शगुन को गुड्डू के साथ अच्छा लग रहा था। दोनों मोती झील पहुंचे। गुड्डू ने बाइक साइड में लगा दी और दोनों अंदर चले आये। चलते हुए गुड्डू की उंगलिया शगुन के हाथ को छू गयी , एक खूबसूरत अहसास जो गुड्डू के छूने से हमेशा हुआ करता था वही शगुन को हुआ उसने गुड्डू की और देखा तो पाया की
गुड्डू अपनी ही धुन में मस्त चला जा रहा था उसे पता भी नहीं था। शगुन गुड्डू के साथ साथ वहा घूमती रही , उनके अलावा वहा और भी कपल्स थे जो की हाथो में हाथ डाले घूम रहे थे। शगुन भी चाहती थी की गुड्डू भी उसका हाथ थामकर घूमे लेकिन ना उसमे कहने की हिम्मत थी ना ही गुड्डू का हाथ थामने की। शाम के 6 बज चुके थे और दोनों काफी थक चुके थे। गुड्डू को शोरूम भी जाना था किसी जरुरी काम से इसलिए उसने शगुन को घर चलने को कहा। दोनों घर के लिए निकल गए। चौक से होते हुए बाइक जब गुजरी तो बाबू गोलगप्पे वाले के पास खड़ी पिंकी की नजर गुड्डू पर पड़ी। शगुन और गुड्डू को साथ देखकर पिंकी जल भून गयी।
गुड्डू शगुन को लेकर घर पहुंचा। गोलू वही पड़ा सो रहा था और गली का कुत्ता भी वही पास में पड़ा ऊँघ रहा था। गुड्डू ने गोलू को उठाते हुए कहा,”अबे ये अपने ससुर को काहे बैठा रखा है यहाँ ?”
गोलू हड़बड़ा के उठा और कहा,”का ? का हुआ भैया ? देख ली फिल्म ? कैसी थी ?”
शगुन वहा से चली गयी तो गुड्डू ने गोलू की गर्दन दबोचते हुए कहा,”साले ऐसी फिल्म देखने भेज दिए हमे उनके साथ , पता है कितना अनकम्फर्टेबल हो रही थी उह हमाये साथ”
“अरे भैया रोमांटिक फिल्म थी हमें लगा देखकर आपके दिल में भावनाये जगेगी पर छोडो यार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने उबासी लेते हुए कहा
“खैर छोडो , हम शोरूम जा रहे है तुमहू यही रुको शगुन के साथ”,गुड्डू ने उठते हुए कहा
“अरे अभी अभी तो बाहर से आये हो फिर से काहे जाना है ? और मिश्रा जी मना किये थे ना बाहर जाने से”,गोलू ने कहा
“गोलू पिताजी ने ही बोला है , कुछ आर्डर का पेमेंट है वो लेन-देंन करना है। तुमहू इह बताओ के रुकोगे या नहीं ?”,गुड्डू ने कहा
“रुक जायेंगे रुकेंगे काहे नहीं ? वैसे भी हमने अपनी अम्मा को बोल रखा है की तुम्हाये घर है ,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन जल्दी आना तुम”,गोलू ने कहा
“हां ठीक है”,कहकर गुड्डू बाइक लेकर वहा से चला गया। शगुन गुड्डू और गोलू के लिए चाय लेकर आयी तो देखा गुड्डू तो वहा है ही नहीं।
“गुड्डू जी चले गए ?”,शगुन ने पूछा
“हां भाभी उह कुछो काम था शोरूम में अभी आ जाएगा थोड़ी देर में तब तक हम है यहाँ”,गोलू ने कहा तो शगुन ने गोलू को चाय दी और वही बैठकर दूसरी चाय खुद पीने लगी। गोलू शगुन की बहुत इज्जत करता था। वह हमेशा शगुन के सामने नजरे झुकाकर ही बात करता था। शगुन गोलू से कुछ देर इधर उधर की बातें करती रही और फिर खाना बनाने के लिए किचन में चली गयी। आज शगुन बहुत खुश थी शादी के बाद पहली बार उसने गुड्डू के साथ इतना वक्त बिताया था। शगुन ने गोलू से गुड्डू की फेवरेट डिश के बारे में पूछा जो की आलू की भाजी थी। शगुन ने आज वही बनाने का सोचा और काम में लग गयी।
गुड्डू शोरूम पहुंचा। मैनेजर ने सब काम गुड्डू को बताया जो की मिश्रा जी की गैर मौजूदगी में हुआ था। गुड्डू बैठकर सब समझने लगा कुछ पेमेंट्स थे वो क्लियर किये और कुछ हिसाब किताब था जो की काफी उलझा हुआ था। गुड्डू बैठकर ठीक करने लगा ताकि मिश्रा जी स्टाफ पर गुस्सा ना करे। काम करते करते रात के 9 बज चुके थे। स्टाफ के सभी लोग एक एक करके जा चुके थे बस मैनेजर बचा था उसने आकर गुड्डू से कहा,”गुड्डू बाबू हम यही रुक जाते है आपके साथ”
“अरे नहीं चचा आप घर जाईये ये बस खत्म होने ही वाला है हम चले जायेंगे”,गुड्डू ने बहीखाता में नजर गड़ाए हुए कहा
“लेकिन आप अकेले यहाँ है”,मैनेजर ने कहा तो गुड्डू ने बहीखाता साइड में रखा और उनकी ओर देखकर कहा,”चचा आपकी भी तो फॅमिली है , और वक्त से घर पहुँचना भी जरुरी है ,, एक ठो काम कीजिये आप निकलिए बाकी हम भी थोड़ी देर में निकल जायेंगे”
मैनेजर ने सूना तो उसे हैरानी हुई गुड्डू का ये बदला हुआ रूप देखकर
मैनेजर मुस्कुराया और वहा से चला गया। अब तो जो गुड्डू बेपरवाह और लापरवाह नजर आता था अब उसी गुड्डू में धीरे धीरे सबको समझदार और जिम्मेदार लड़का नजर आने लगा था। गुड्डू अपने काम में लगा रहा। कुछ देर बाद उसने चौकीदार को बुलाया और अपने लिए चाय मंगवाई। चौकीदार चला गया लेकिन चाय लेकर जब वापस आया तो किसी ने उसे रोक लिया। अँधेरे की वजह से चौकीदार उसका चेहरा नहीं देख पाया था लेकिन सामने वाले ने 500 का करारा नोट चौकीदार की और बढ़ा दिया और चाय में कुछ दवा मिला दी। चौकीदार चाय लेकर आया और गुड्डू को दे दी। गुड्डू ने चाय पि और सभी काम खत्म करके शोरूम को लॉक कर दिया। बाहर आया और चौकीदार से कहा,”यार चाय बहुते गजब लेकर आये थे ,बड़ी स्ट्रांग थी”
“शुक्रिया साहब”,चौकीदार मुस्कुराया तो गुड्डू ने उसके कंधे पर हाथ रखा और फिर अपनी बाइक लेकर चला गया। दवा का असर अभी उस पर हुआ नहीं था शायद इसलिए गुड्डू अपनी मस्ती में चला जा रहा था। कुछ दूर चला होगा की उसका सर घूमने लगा , चाय का नशा अब धीरे धीरे उस पर हावी हो रहा था। गुड्डू के लिए बाइक को सम्हालना मुश्किल हो रहा था। बाइक जाकर सामने रेत से बने ढेर से टकराई और गुड्डू बाइक समेत नीचे जा गिरा। गनीमत था ज्यादा चोट नहीं आयी गुड्डू ने जेब से फोन निकाला और मुश्किल से गोलू का नंबर डॉयल किया।
“हेलो हां भैया घर कब आ रहे हो ?”,गोलू ने फोन उठाते ही कहा
“गोलू,,,,,,,,,,,,ए यार हमहू गिर गए है”,गुड्डू ने नशे से ग्रस्त होकर कहा
“गिर गए हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कहा गिर गए हो ?,,,,,,,,,,,,,,,,,गुड्डू भैया ठीक हो ना तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,तुमहू कहे थे अकेले मत जाओ हमे लेकर जाओ लेकिन नहीं,,,,,,,,,,,अब बताओगे कहा हो ?”,गोलू झल्लाया
नशा इतना हावी था की गुड्डू कुछ बोल ही नहीं पाया और फोन उसके हाथ से छूटकर नीचे जा गिरा। गोलू हेलो हेलो करता रहा जब कोई जवाब नहीं मिला तो फोन कट किया और जेब में डालते हुए कहा,”पता नहीं अब कोनसा कांड किये होंगे गुड्डू भैया ?”
गुड्डू ने जूते पहने और पैदल ही निकल गया। नुक्कड़ पर आकर रिक्शा रुकवाया और चलने को कहा रिक्शा वाला गोलू के बताये हुए रास्ते पर चला जा रहा था। गोलू बाहर गर्दन निकाले बड़े ध्यान से चारो और देख रहा था की कुछ दूर जाकर उसकी नजर गुड्डू की बाइक पर पड़ी और उसने रिक्शा वाले से कहा,”अबे रोको”
रिक्शा रुकते ही गोलू उतरा और बाइक के पास आया तो देखा गोलू नीचे गिरा है गोलू ने बाइक उठाने की कोशिश की लेकिन अकेले से नहीं उठी तो रिक्शा वाले को बुलाया दोनों ने बाइक को उठाकर स्टेण्ड पर लगाया और फिर गोलू ने गुड्डू को सम्हालते हुए कहा,”अरे भैया हिया का कर रहे हो तुम ?”
“झूला झूल रहे है”,गुड्डू ने कहा
“का झूला ?”,गोलू ने हैरानी से कहा
“अबे गिर गए है बे दिखाई नहीं दे रहा है”,गुड्डू ने नशे की हालत में कहा
“अरे उह सब तो ठीक है पर तुमहू पहिले इह बताओ नशा किये हो का ? होश में नहीं दिख रहे हो”,गोलू ने गुड्डू को उठाते हुए कहा
“हमारा सर घूम रहा है गोलू”,गुड्डू ने कहा तो गोलू ने पहले ऑटो वाले को पैसे दिए और फिर खुद बाइक पर बैठा और पीछे गुड्डू को बैठा लिया। गुड्डू ने गोलू की कमर पकड़ कर सर उसकी पीठ से लगा लिया। गोलू ने बाइक आगे बढ़ा दी और बड़बड़ाने लगा,”हम मना किये थे की बाहर मत जाओ लेकिन नहीं , अब होश में नहीं है पूछे भी तो का पूछे तुमसे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लगता है हमायी आधी जिंदगी तो तुम्हे सम्हालने में ही गुजर जाएगी। भाभी को का जवाब देंगे हम,,,,,,,,,,उह कितनी मेहनत करती है यार तुम्हे समझने के लिए और तुमहू हो की। काहे किये नशा यार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
गोलू बस अकेले ही बड़बड़ाये जा रहा था बाइक घर के सामने पहुंची गोलू ने गुड्डू को सम्हाला और अंदर लेकर आया सामने शगुन मिल गयी शगुन ने देखा गोलू ने गुड्डू को सम्हाल रखा है तो उसकी चेहरे पर चिंता की लकीरे उभर आयी। गोलू ने शगुन को देखा और कहा,”उह भैया होश में नहीं है शायद किसी ने पिला दी इन्हे”
शगुन ने जैसे ही सूना उसकी आँखों में आंसू उभर आये ,वह गुड्डू को एक अच्छा इंसान बनाना चाह रही थी और गुड्डू ये सब कर रहा था। गुड्डू को इस हालत में देखकर शगुन का दिल टूट गया और वह बिना कुछ कहे वहा से चली गयी।
क्रमश – manmarjiyan-62
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संजना किरोड़ीवाल
Very romantic part….
Yh sb pinki n hi kiya hoga taki shagun guddu ko chod kr chli jaaye
Shagun ko bura lagna Sahi hai but is halat mein shagun ko guddu Ka khayal rakhna chahiye
Aag lge is pinkiya ko e saali mr kahe ni jati…keede pde ise
Aisa hi hota hai jab kuch achcha karna chaho tabhi galat ho jata hai lekin y achcha h ki Guddu sudhar raha hai.
yeh sab jarur kamini pinki ne kiya hoga. Bechara guddu bas shagun use galat na samaz le.
Ye pinkiya ki jaan lelena hai hame ek din…kaminee ek no. Ki..isi ne kiya hoga ye kand…mil jaye mujhe ye ..to jaan le lu iski…ab bas koi or misunderstanding na ho un dono ke beech
Aj ka kitna acha or romantic sa part tha btt last me is Pinkiya ne sb khrab kr dia😏😏
यह जरूर उस पिंकी की करामात है
Very beautiful
पिंकी अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आने वाली…पिला दी गुड्डू को नशे वाली चाय…
मैम सबसे ज्यादा मजा तो ठंडा पीने के टाईम आया…शगुन चोरी से जूठा पीना चाह रहीं थी…और गुड्डू सामने से पिला रहा था…हा हा हा पर पी ना पायें जूठा….मैम ये पिंकी ने ही किया हैं गुड्डू के साथ….अब तो उसे सबक मिलना ही चाहिए😊 majedaar part👌👌👌👌👌
Ye kand to pinkiya ka hi h but sagun ko galat fahmi ho gyi