मनमर्जियाँ – 59
Manmarjiyan – 59
Manmarjiyan – 59
शगुन को लेकर गुड्डू की भावनाये धीरे धीरे बदलने लगी थी। वह समझने लगा था की शगुन एक अच्छी लड़की है जो हमेशा उसका अच्छा चाहती है। आज पहली बार गुड्डू ने शगुन को अपना कहा लेकिन आगे के शब्द गले में ही अटक गए। गुड्डू निचे चला आया और सीढिया उतरते हुए बड़बड़ाने लगा,”इह सब का है गुड्डू उनके सामने इतना नरवसाय काहे रहे हो ? पहले तो कैसे बेधड़क सब बोल देते थे लेकिन अब नहीं,,,,,,,,,,जो भी हो यार बहुते बवाल है जिंदगी में”
गुड्डू जैसे ही मेन गेट पहुंचा उसकी नजर सामने अपने घर के दरवाजे पर खड़ी रौशनी पर चली गयी। गुड्डू को देखते ही रौशनी खुश होकर उसके पास आयी और कहा,”थैंक्यू सो मच गुड्डू , तुमने हमारे लिए इतना अच्छा लड़का ढूंढा हम तुम्हे जितनी बार थैंक्यू कहे कम है”
“अरे रौशनी हमे काहे थैंक्यू कह रही हो ?”,गुड्डू ने कहा
“बैठो बताते है”,कहते हुए रौशनी गुड्डू के साथ उसके घर की सीढ़ियों पर ही आ बैठी और फिर कहा,”बचपन से हम तुम्हे पसंद करते थे और समझते थे की हमे तुमसे प्यार है पर सच कहे तो वो एकतरफा था आकर्षण था तुम्हारे लिए ,, प्यार तो हमे मनोहर से हुआ है। वो हमारा बहुत ख्याल रखता है , हमारी बातें सुनता है हमारी हर काम में हेल्प भी करता है,,,,,,,,,,,,,,हम भी शायद अपने लिए इतना अच्छा लड़का ढूंढ नहीं पाते , इसलिए थैंक्यू”
“का यार रौशनी तुमहू भी शर्मिंदा कर रही हो”,गुड्डू ने अपनी तारीफ सुन शरमाते हुए कहा
“नहीं गुड्डू तुमने साबित कर दिया की तुम हमाये सबसे अच्छे दोस्त हो”,रौशनी ने गुड्डू के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा तो गुड्डू का दिल भर आया आज से पहले शायद ही किसी ने उसे ये सब कहा हो। वह मुस्कुराया तो रौशनी ने आगे कहा,”अच्छा इह बताओ शगुन कहा है ?”
“ऊपर कमरे में है”,गुड्डू ने धीरे से कहा
“अच्छा लेकिन ये गलत है यार गुड्डू”,रौशनी ने एकदम से कहा
“अब हम का किये ?”,गुड्डू ने भी हैरानी से कहा
“यार शादी हुई है तुम्हायी कोई पार्टी नहीं,,,,,,,,पार्टी तो छोडो मुंह तक मीठा नहीं कराये हो यार तुम”,रौशनी ने कहा
“इह मा कोनसी बड़ी बात है अभी करवा देते है बताओ का खाओगी ?”,गुड्डू ने पूछा
“हमे तो शुक्ला जी की दुकान का पनीर चाऊमीन खाना है और साथ में ठग्गू के लड्डू”,रौशनी ने कहा
“ठीक है तुमहू अंदर चलकर बैठो हम लेकर आते है”,गुड्डू ने उठते हुए कहा तो रौशनी भी शगुन से मिलने अंदर चली गयी और गुड्डू बाइक लेकर घर से चला गया। शाम हो चुकी थी और हल्का हल्का अन्धेरा भी हो चुका था गुड्डू अपनी धुन में बाइक पर सवार चला जा रहा था की पान की दुकान पर बैठा गोलू मिल गया गुड्डू ने उसे भी अपने साथ ले लिया और दोनों चल पड़े। रौशनी शगुन से बातें करने लगी और उसे अपने और मनोहर के बारे में बताने लगी।
गुड्डू ने पहले ठग्गू के यहाँ से लड्डू पैक करवाए और उसके बाद पहुंचा शुक्ला जी के रेस्टोरेंट और उन्हें 4 प्लेट पनीर चाऊमीन पैक करने को कहा।
“भैया चार प्लेट काहे हम तो दो ही लोग है ?”,गोलू ने सवाल किया
“घर पर रौशनी और शगुन भी तो है”,गुड्डू ने अपने फोन में नजरे गड़ाए हुए कहा
“का बात है भैया पिघल रहे हो आजकल,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारा मतलब बड़ी परवाह होने लगी है आपको”,गोलू ने गुड्डू को छेड़ते हुए कहा
गुड्डू ने सूना तो फोन की स्क्रीन पर चलती उंगलिया एक दम से रुक गयी और शगुन का ख्याल आ गया लेकिन गोलू के सामने गुड्डू के दिल का हाल बंया हो ऐसा तो गुड्डू भी नहीं चाहता था
उसने गोलू की और देखा और कहा,”रौशनी आयी हुई है घर पर उसने पार्टी मांगी है इसलिए लेकर जा रहे है तुमहू ना जियादा दिमाग ना लगाओ समझे”
“समझ गए भैया”,गोलू ने कहा
गुड्डू एक बार फिर अपने फोन में उलझ गया की तभी किसी ने उसकी कलाई को थामा और उसे लेकर साइड में आयी। गुड्डू ने देखा सामने पिंकी खड़ी है। गोलू को भी ये देखकर गुस्सा आया और जैसे ही वह उन दोनों की और बढ़ने को हुआ गोलू के अंदर का मन बोल उठा,”नहीं गोलू नहीं कब तक तुमहू गुड्डू भैया को समझाओगे कभी तो उनको खुद भी सम्हलने का मौका दो। आज भी अगर गुड्डू भैया पिंकिया के सामने पिघल गए तो समझ जाना अपना ही सिक्का खोटा है” सोचकर गोलू ने अपने कदम पीछे ले लिए और रूककर दोनों की बातें सुनने लगा
“इह का बदतमीजी है पिंकी , ऐसे हमारा हाथ पकड़ के काहे ले आयी ?”,गुड्डू ने नाराज होकर कहा
“ओह्ह तो अब तुम्हे हमारा पकड़ना बदतमीजी लग रहा है , जे सही है गुड्डू ?”,पिंकी ने गुड्डू को घूरते हुए कहा
“और तुमहू जो कर रही हो हमाये का उह सही है ?”,गुड्डू भी तेश में आ गया
“का किया हमने ?”,पिंकी ने बेशर्मी से कहा
“का किया ? इह तुम हमसे पूछ रही हो,,,,,,,,,,,,,,,,का जरूरत थी हमे ऐसी जगह लेकर जाने की पिंकिया हमने सच्चे दिल से तुमको प्यार किया और तुमने हमाये प्यार को हवस समझ लिया,,,,,,हम कभी सपने में भी इह सब नहीं सोचे थे,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हायी वजह से शगुन को कितना हर्ट किया हमने फिर भी उसने हमसे एक ठो बार शिकायत नहीं की , उस दिन जब हमे तुम्हारी जरूरत थी तुम चली गयी और उसके बाद भी तुम कहती हो की तुम्हे हमसे प्यार है ,,,,,,,,,,,,,,,,इह कैसा प्यार है पिंकिया ?”,गुड्डू का गुस्सा अब दर्द में बदल चुका था
“लेक्चरबाजी का कर रहे इसके सामने देइ कंटाप एक खिंच के कान के नीचे पिंकिया का पी निकल जाएगा”,गोलू मन ही मन बड़बड़ाया लेकिन कह ना सका और एक बार फिर अपना ध्यान दोनों पर लगा लिया
“ये तुम नहीं बोल रहे हो गुड्डू तुम्हारे सर पर जो शगुन का भूत सवार हुआ है ना वो बोल रहा है”,पिंकी ने नफरत से कहा
“भूत तो हमाये सर पर तुम्हाये प्यार का सवार था पिंकी जो अब उतर चुका है अब तक हमे लगता था की कही ना कही तुम्हाये दिल में हमाये लिए थोड़ी सी फीलिंग होगी पर हम गलत थे,,,,,,,,,,,तुम हमाये और हमाये प्यार के लायक नहीं हो”,गुड्डू ने कहा
“अरे जिओ मेरे राजा का बात कहे हो , आज तो गुड्डू भैया पूरा फोम में है”,गोलू ने खुश होकर बड़बड़ाते हुए कहा
पिंकी ने जब सूना तो उसका खून जल गया और उसने गुड्डू से कहा,”उस शगुन की बराबरी तुम हमसे कर रहे हो गुड्डू ?”
“नहीं पिंकिया तुमहू उसकी बराबरी कर ही नहीं सकती , हमाये जैसे लड़के को उसने अपना लिया उस जैसी बड़े दिल वाली लड़की हमने कभी नहीं देखी”,गुड्डू ने शगुन की तारीफ में कहा तो पिंकी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और उसने कहा,”तुम बदल गए हो गुड्डू”
“नहीं पिंकिया बदल तो हम तुम्हारे साथ गए थे , तुम्हारे साथ हम वो गुड्डू थे ही नहीं जो असल में हम है ,,, तुम्हारे लिए हमने खुद का और दुसरो का बहुत दिल दुखाया है लेकिन अब नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,आज के बाद हमसे कोई रिश्ता रखने की जरूरत नहीं है , चलते है”
“ये सब तुम उस दो कौड़ी की लड़की शगुन के लिए कर रहे हो ना , उसी ने तुम्हे भड़काया होगा मेरे खिलाफ,,,,,,,,,,,,!”,पिंकी ने गुस्से से कहा
शगुन के लिए ये शब्द गुड्डू को अच्छा नहीं लगा वह गुस्से से पलटा और जैसे ही पिंकी की और हाथ उठाया उसका हाथ हवा में ही रुक गया और उसे अपने पिताजी की कही बात याद आ गयी (औरत पर हाथ उठाने वाला मर्द कभी मर्द नहीं होता है गुड्डू) गुड्डू ने हाथ वापस नीचे कर लिया और धीमी आवाज में कहा,”आज के बाद अगर उनके लिए एक शब्द भी गलत कहा ना पिंकिया तो हम भूल जायेंगे की तुमहू एक लड़की हो।”
पिंकी को समझ आ गया की गुड्डू उसकी बातो में नहीं आने वाला इसलिए आँखों में आंसू लाकर कहा,”लेकिन हम तुमसे बहुत प्यार करते है गुड्डू , तुम्हारी कसम”
गुड्डू ने सूना तो मुस्कुराया और कहा,”चल झूठी”
पिंकी का चेहरा उस वक्त देखने लायक था गोलू तो ख़ुशी से फुला नहीं समा रहा था। गुड्डू वहा से चला गया , पिंकी की आँखो से आंसू बहने लगे आज गुड्डू ने उसे उसकी सही जगह दिखा दी थी। पिंकी के आंसुओ का फायदा गोलू ने उठाया और पिंकी के पास आकर कहा,”ये बहुते गलत किया यार भैया ने मतलब तुम्हे रुला दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,उनको ना साला कदर ही नहीं है”
पिंकी ने सूना तो दुःख से भरी गोलू के सीने में अपना चेहरा छुपाकर रोने लगी लेकिन गोलू पुरे मजे लेने के मूड में था इसलिए पिंकिया को दिलासा देते हुए कहा,”अरे नहीं नहीं , अले ले ले मेरा बच्चा ऐसे रोते नहीं,,,,,,,,,,,,,,अरे बस बस”
गोलू की जिंदगी में ये पहला अवसर था जब उसकी औकात से बाहर लड़की उसके सीने से चिपककर रो रही थी। गोलू तो जैसे एक पल के लिए भूल ही गया की पिंकी ने अब तक कितना बखेड़ा किया है सबकी लाइफ में। गुड्डू ने देखा गोलू बाइक के पास नहीं है पलटकर देखा तो चिल्लाया,”गोलू आ रहे हो की जाये हम”
गोलू जल्दी से पिंकी से दूर हटा और कहा,”आ रहे है भैया”
गोलू गुड्डू के पास आया और बाइक पर पीछे बैठते हुए कहा,”बवाल चीज है बे इह पिंकिया हम समझा रहे हम ही चिपक गयी”
गुड्डू ने कुछ नहीं कहा बस बाइक स्टार्ट की और वहा से चला गया पिंकी उसे जाते हुए देखती रही।
गुड्डू और गोलू घर पहुंचे गोलू तो बस आज हवा में उड़ रहा था। शगुन और रौशनी आँगन में ही बैठी बातें कर रही थी। गुड्डू ने सामान डायनिंग पर रखा और हाथ मुंह धोने चला गया। गोलू ने ना हाथ धोये ना पैर सीधा आकर शगुन के हाथो को थामा और खुश होकर कहा,”भाभी भाभी भाभी आज तो हमहू बहुत खुश है , इतना खुश है की का बताये मतलब बवाल हो गया”
“अरे का हो गया गोलू बताओ तो सही”,रौशनी ने कहा
“अरे उह पि,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गोलू की नजर जैसे ही सामने खड़े गुड्डू पर पड़ी गुड्डू ने आँखों ही आँखो में गोलू को चुप रहने का इशारा किया तो गोलू रुक गया उसे चुप देखकर रौशनी ने कहा,”अरे आगे तो बोलो क्या हुआ ?”
‘हां,,,,,,,,,,,,,,हां उह हम कह रहे थे की पिछली गली में कल भंडारा है हम और गुड्डू भैया तो कल पूरा दिन वही रहने वाले है”,गोलू ने तुरंत बात पलट दी
शगुन ने सूना तो उसने अजीब नजरो से गुड्डू की और देखा गुड्डू ने भी गोलू की बात सुनकर सर पीट लिया और वहा से ऊपर चला। गुड्डू के चेहरे पर आयी उदासी को शगुन ने भांप लिया लेकिन गोलू और रौशनी को वहा छोड़कर शगुन जा भी नहीं सकती थी। शगुन किचन से प्लेट ले आयी और उसमे रौशनी और गोलू के लिए चाऊमीन और लड्डू परोसे। गोलू तो भुक्कड़ था ही प्लेट लेकर खाने लगा रौशनी भी गोलू और शगुन से बातें करते हुए खाने लगी लेकिन शगुन को बार बार गुड्डू का ख्याल आ रहा था की आखिर गुड्डू यहाँ सबके साथ क्यों नहीं है ? शगुन को खोया हुआ देखकर गोलू उसके पास आया और एक चम्मच शगुन की और बढ़ाकर कहा,”अरे भाभी आप भी खाइये ना , गुड्डू भैया स्पेशली आपके लिए ही तो लाये है”
“गोलू भैया आप लोग खाइये मैं उन्हें देकर आती हूँ”,शगुन ने कहा तो गोलू ने हामी भर दी और बैठकर फिर खाने लगा
शगुन किचन में आयी एक प्लेट में नूडल्स रखे चम्मच रखा और ऊपर चली आयी उसके जाते ही गोलू ने कहा,”देखा रौशनी हमाये गुड्डू भैया के बिना शगुन भाभी के हलक से एक निवाला तक नहीं उतरता है”
“हां गोलू शगुन बहुत अच्छी है किस्मत वाला है गुड्डू , बस इन दोनों का प्यार यु ही बना रहे”,रौशनी ने कहा और कुछ देर बाद गोलू और रौशनी अपने अपने घर चले गए।
शगुन प्लेट लेकर कमरे में आयी लेकिन गुड्डू वहा नहीं था। शगुन ने बाहर देखा गुड्डू बाहर भी नहीं था , सीढ़ियों में बालकनी में सब जगह ढूंढा पर गुड्डू कही नहीं मिला। रात के 8 बज रहे थे , आखिर में शगुन ऊपर वाली छत पर चली आयी। शगुन ने देखा गुड्डू दिवार पर बैठा है , शगुन गुड्डू के पास आयी और प्लेट उसकी बगल में रखकर कहा,”आप नीचे नहीं आये ?”
शगुन को वहां देखकर गुड्डू दिवार से नीचे उतरा और कहा,”तुम यहाँ ?”
“हां वेदी ने बताया था एक बार मुझे की जब आप परेशान होते है तो यहाँ आकर बैठ जाते है”,शगुन ने कहा
“हम्म्म परेशान नहीं है बस ऐसे ही थोड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू कहते कहते रुक गया शगुन ने प्लेट उठाकर गुड्डू के सामने कर दी। गुड्डू ने प्लेट ली और आकर झूले पर बैठ गया। गुड्डू ने एक दो निवाले खाये लेकिन आज ना उसे कोई स्वाद मालूम पड़ रहा था ना ही कुछ अच्छा लग रहा था उसने प्लेट साइड में रख दी। शगुन ने गुड्डू के चेहरे की और देखा हमेशा जिस चेहरे पर चमक रहती थी , ख़ुशी रहती थी आज वहा उदासी थी
शगुन गुड्डू के पास आयी और कहा,”क्या थोड़ी देर के लिए मैं यहाँ बैठ सकती हूँ ?”
“हम्म्म बइठो”,गुड्डू ने सामने देखते हुए कहा
शगुन गुड्डू से कुछ दूरी बनाकर उसकी बगल में बैठ गयी। ठंडी हवाएं चल रही थी , रात का पहर और दोनों खामोश ,, कुछ देर खामोश रहने के बाद शगुन ने कहा,”आपसे एक बात पूछे”
“हम्म्म पूछो”,गुड्डू ने शगुन की और देखकर कहा
“सच में कल आप गोलू जी के साथ भंडारे में जाने वाले हो ?”,शगुन ने जान बुझकर ये पूछा जिस से गुड्डू का मूड थोड़ा ठीक हो। गुड्डू ने शगुन की और देखा पहले उसे घुरा और फिर मुस्कुरा उठा , उसे मुस्कुराता देखकर शगुन भी मुस्कुराने लगी तो गुड्डू ने सामने देखते हुए कहा,”पागल है गोलू जब देखो तक बकैती करता रहता है , कोई भंडारा नहीं है उह तो बस ऐसे ही”
“अच्छा वैसे बनारस में मैंने बहुत बार खाया है”,शगुन ने कहा
“का सच में ? मतलब फिर तो शादी में भी खाया होगा ?”,गुड्डू ने शगुन की और मुंह करके बैठते हुए कहा
“नहीं बिन बुलाये कही नहीं जाती मैं”,शगुन ने कहा
“फिर तो तुमने जिंदगी में कुछ नहीं किया हम और गोलू ना कानपूर में जहा भी शादी होती थी ,खाना खाने के लिए बिन बुलाये घुस जाते थे , बहुत मजा आता था , एक बार तो ना पिताजी मिल गए थे एक शादी में और हम बिना देखे उनके कंधे पर कोहनी रखकर कुछ भी बके जा रहे थे”,गुड्डू ने अपने राज खोलते हुए कहा
“फिर,,,,,,,,,,,,,?”,शगुन ने गुड्डू की बातो में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा
“फिर का अगले दिन खूब सुताई हुई हमायी और गोलू की,,,,,,,,लेकिन हम फिर भी जाते थे का है की बाकि सब एक तरफ और शादी का मटर पनीर एक तरफ”,गुड्डू ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा
“आपको शादियाँ इतनी पसंद है ?”,शगुन ने पूछा
गुड्डू कुछ देर चुप रहा और फिर कहा,”हमारा सपना है की वेडिंग प्लानर बने , पुरे उत्तर-प्रदेश में बड़ी बड़ी शादिया करवाए , हमारा अपना नाम हो लेकिन पिताजी को इस बारे में बताएँगे न तो पेल देंगे उह हमे”
“वेडिंग प्लानर तो अच्छा काम है ना , मतलब दो लोगो की शादी करवाना”,शगुन ने कहा
“हां पर हम किसी की शादी करवाते उस से पहले तो हमायी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो तुमहू बताओ तुम्हारा भी कोई सपना होगा ना ?”,गुड्डू ने कहा
“मेरा तो अब यही सपना है की आपके सारे सपने पुरे हो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन गुड्डू की और देखते हुए बड़बड़ाई
“का ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू को शगुन की मन की आवाज जैसे सुनाई दी हो
“कुछ नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने कहा और सामने देखने लगी। गुड्डू कुछ देर चुप रहा और कहने लगा,”तुम्हे घर की याद नहीं आती ?”
“आती है”,शगुन ने कहा
“तो जाना चाहोगी बनारस ?”,गुड्डू ने एकदम से पूछ लिया
शगुन ने हैरानी से गुड्डू की और देखा तो गुड्डू ने कहा,”अरे हमारा मतलब घरवालों से मिलने के लिए”
“आप चलेंगे साथ ?”,शगुन ने सवाल किया
“हम का करेंगे साथ जाकर ? वैसे भी हमायी तुम्हायी बनती नहीं है , ना ही तुम गोलू की तरह हमायी दोस्त हो”,गुड्डू ने मासूमियत से कहा
शगुन ने सूना तो मुस्कुरायी और अपना हाथ गुड्डू की और बढाकर कहा,”फ्रेंड्स ?”
गुड्डू ने कुछ देर सोचा और फिर शगुन से हाथ मिला लिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दोस्ती प्यार की तरफ बढ़ाया पहला कदम था दोनों के बीच !!!
क्रमश – manmarjiyan-60
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संजना किरोड़ीवाल
so lovely and beautiful….
Wah guddu ji wah shabash 👍 aaj to bs sachchi bhaukaal hi mcha diye 👌👌👌👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Sbse achcha dialogue to aaj ka wo tha chal jhoothi 😊😊😂😂😂😂😂
Jio guddu jio…kya gajab palee ho pinkiya ko…majaa agaya hame….bas ab pyar ki shuruat disti se hogai hai..or pyar bhi jaldi ho jaye to accha hai…ab iske baad pinki nhi ani chahiye inke beech
Aj to guddu n dil hi jeet liya hmara mazaa aa gya
Waah kita shaandaar aur khoobsurat Sanjana Ji Kya Part Likhen Ho kasam se dil khush ho gya hamra😍😍😍😍😍bholenath ki kasam. Aaj to aapne din hi baba diya 💕💕💕
आज का बड़ा सवाल… गुड्डू ने शगुन की दोस्ती को एक्सेप्ट कर लिया है, पर क्या वो शगुन से प्यार भी करेगा??? जानने के लिए रोजना पढ़ते रहिए ‘मनमर्जियां’
मैम आज का भाग पढ़कर तो मजा आ गया…गुड्डू ने पिंकी को जो सुनाया फिर सारे रिश्ते भी उससे खत्म कर दियें…और शगुन से दोस्ती भी हो गई…प्यार में पहला कदम तो आज बढ़ा…दोनों तरफ से😊 awesome part👌👌👌👌👌
बहुत ही खूबसूरत भाग। अब गुड्डू और शगुन कि प्यार की शुरुवात आखिर हो ही गई बहुत शानदार….🌷🌷🌷💖🌷🌷🌷
Wow aj to mja aa gya jag gye hmare bhole bhandari bus ab sb achha hoga ab dekhte guddu k spna kaise pura hoga or in dono ki mithi love story wo to or bhi special hogi superb part ❤️
😍😍😍😍😍 so sweet. ….
wow.. superb part..
Pinkiya to gayi 12 k bhav, or Mishra nivas m huyi dosti ki nahi shuruwat
पिंकी चल झूठी 🤣🤣🤣🤣😁😁
बडा मजा आया आज तो का सुनाए है गुड्डू ने पिंकी को और अपनी लाइफ से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया 🤣🤣😂😂 सगुन और गुड्डू की दोस्ती भी हो गई 🥰🥰
….का लिखा आपने आज 😁😁
Very beautiful
Areee waahhh aj to mjaa aa gyaaa… pinki ko shi uskii aukat dikha dii🤣🤣🤣 ab to guddu or shagun dost bn gyeee….❤️❤️❤️ Bond is getting strong😘😘
Waooo aaj to dil gardan gardan ho gaya aaj jo guddu ji n pinkiya to sinaya n waaa mazza a agaya 😋😋😋😀😀😀😀😀😀😀or dheere dheere duriya bhi khtam ho rahi 😍😍😍😍😍or to or dosti bhi ho hi gai ab pyar hona baki h
Very beautiful and lovely part
Pyar ki shuruaat hi dosti se hoti h
Are wahh jiyo guddu ji 🥰😍🥰🥰😍
Haye iitni masumiyat 😘😘😘😘🤗🤗🤗