मनमर्जियाँ – 51
Manmarjiyan – 51
Manmarjiyan – 51
(अब तक आपने पढ़ा गुड्डू और शगुन की शादी हो चुकी है लेकिन गुड्डू ने शगुन को पत्नी का दर्जा नहीं दिया। ऐसे कठिन समय में भी शगुन ने समझदारी दिखाते हुए अपने और गुड्डू के रिश्ते को बचाने की कोशिश में लग गयी। शगुन समझदार लड़की है जिसने कभी अपने जीवन में हार नहीं मानी , लेकिन गुड्डू अभी भी पिंकी के जाल से बाहर नहीं निकला था और फंसता चला जा रहा था। गुड्डू ये सब क्यों कर रहा था जानने के लिए पढ़िए आगे -: )
शगुन की बात सुनकर गोलू परेशान हो गया उसे समझ आ गया की गुड्डू और शगुन की जिंदगी में कुछ ठीक नहीं है। उसने चाय का कप रखा और शगुन के पास आकर कहा,”सुनिये भाभी एक ठो बात कहे आपसे”
“हां गोलू जी कहिये”,शगुन ने कहा
“हमाये गुड्डू भैया ना सच में उतने बुरे नहीं है उह तो पिंकिया के चक्कर में बावरे बने बैठे है। उनका दिल बहुते बड़ा है भाभी और हमे पूरा यकीन है एक दिन गुड्डू भैया ना आपकी भावनाओ को जरूर समझेंगे आप ना बस हिम्मत मत हारना बाकी हमहू तो है ही आपके साथ”,गोलू ने बड़े ही अपनेपन से कहा तो शगुन मुस्कुरा उठी और कहने लगी,”मैं जानती हूँ गोलू जी वो बुरे इंसान नहीं है , और मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है , माजी , पापाजी , वेदी आप सभी बहुत अच्छे है और मैं खुश हूँ। आप चाय पि लीजिये मैं नीचे होकर आती हूँ”
“हम्म्म्म ठीक है भाभी”,कहकर गोलू अपनी चाय की और आया और चाय पीते हुए मन ही मन कहा,”तुमहू बिल्कुल फ़िक्र ना करो भाभी गुड्डू भैया को तो हम लाइन पर ले आएंगे , उह तुम्हायी कदर भी करेंगे और तुमसे प्यार भी करेंगे उह भी सच्चा वाला ,,,,, रही पिंकिया तो उसे हमाये लिए छोड़ दो”
गोलू ने फटाफट अपनी चाय खत्म की और नीचे चला आया , गोलू नीचे आया तो देखा मिश्रा जी बैठे है , गोलू ने चुपचाप से निकलने का सोचा लेकिन मिश्रा जी की नजर उस पर पड़ ही गयी और उन्होंने कहा,”का बे गोलू छुपकर कहा जा रहे है ? तुम्हाये भैया दिखाई नहीं दे रहे आज तुम्हाये साथ का झगड़ा हो गवा का दोनों के बीच
“अरे नहीं चच्चा झगड़ा काहे होगा हमाये बीच हम तो हिया अपनी भाभी से मिलने आये रहय”,गोलू ने मिश्रा जी के सामने आकर कहा
“उह तो ठीक है इह बताओ आगे का का सोचे हो ? गुड्डूआ को तो शोरूम पर लगा दिए तुम का करोगे कछु सोचे हो या ऐसे ही घूमना है”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू खिसियाने लगा और कहा,”करेंगे ना चचा , हम भी कुछो करने का सोच रहे है”
“कुछो मदद चाहिए हो तो बेझिझक कहना”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू को बहुत हैरानी हुई आज से पहले मिश्रा जी का ये रूप तो कभी ना देखा था गोलू ने , गोलू को अपनी और घूरता पाकर मिश्रा जी ने कहा,”काहे दिमाग की नसे फाड़ रहे हो ? तुमको का लगता है सिर्फ गुड्डू हमारा बेटा है तुम भी बेटे जैसे ही हो यार गोलू बस रंगबाजी ना थोड़ी कम किया करो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,का है की गुड्डू की शादी हो चुकी है कल को तुम्हायी भी होगी तो आने वाली बहु के सामने कुछो इज्जत रहनी चाहिए की ना चाहिए”
“सही कह रहे हो चचा गंगा मैया की कसम हमहू तो आज से सब कुछ छोड़ छाड़ के बस अपने काम पर ध्यान देंगे”,गोलू ने कहा
“चलो अभी बहुते उड़ लिए अब निकलो”,मिश्रा जी उठते हुए कहा और अंदर चले गए। गोलू भी ख़ुशी ख़ुशी घर से निकल गया तभी गली में खडी रौशनी ने कहा,”ए गोलू भैया , कल शाम में शादी है हमायी पूरी फॅमिली के साथ पहुँच जाना रामबाग पैलेस में”
“अरे बिल्कुल हमहू तो सुबह ही आ जायेगे काम जो करना है तुम्हायी शादी में”,गोलू ने खुश होकर कहा और चला गया।
रात के खाने के समय सब मौजूद थे बस गुड्डू नहीं था तो मिश्रा जी ने फोन लगाया। कुछ समय बाद गुड्डू ने फ़ोन उठाया और कहा – जी पिताजी
मिश्रा जी – कहा हो गुड्डू ? अभी तक घर नहीं पहुंचे
गुड्डू – उह तिवारी जी है ना जौनपुर वाले उनका आर्डर पैक करवा रहे थे , रात में निकलेगा तभी ना सुबह में पहुंचेगा सब
मिश्रा जी – उह सब तो ठीक है और तुमहू तो मतलब काम को बहुते ज्यादा सीरियस ले लिए हो यार , वक्त से घर आ जाया करो तुम्हारा परिवार है , पत्नी है चिंता हो जाती है ,,,,,, जल्दी काम निपटाय के निकलो
गुड्डू – जी पिताजी , रखते है
“का कह रहे गुड्डू महाराज ?”,दादी ने पूछा तो मिश्रा जी ने मुस्कुराते हुए कहा,”अरे अम्मा लगता है गुड्डू धीरे धीरे सुधर रहा है , मतलब काम में इतना ध्यान दे रहा है लगता है कुछ दिनों में सब काम सम्हाल लेगा”
“अरे आनदं हमहू तो पहले ही कहे रहे की गुड्डू बहुते गुणवान है पर तुमहू कभी उसके गुण दिखाई ही ना दिए”,दादी ने कहा तो मिश्रा जी पास ही खाना परोसती शगुन को देखा और कहा,”नहीं अम्मा इह सब शगुन बिटिया के आने का प्रभाव है , इह घर के लिए और गुड्डू के जीवन के लिए शगुन बहुते भागयशाली है”
शगुन ने कुछ नहीं कहा बस फीका सा मुस्कुरा दी। सभी खाना खाने लगे सिर्फ शगुन ने नहीं खाया वह गुड्डू के आने का इंतजार कर रही थी। मिश्रा जी अपने कमरे में बैठकर हिसाब किताब करने लगे , वेदी अपने कमरे में चली आयी। लाजो दादी के कमरे में चली गयी उनकी तेल मालिश करने। शगुन आँगन में बैठी गुड्डू के आने का इन्तजार करने लगी। रात के 10 बजने को आये लेकिन गुड्डू नहीं आया , शगुन को बैठे देखकर मिश्राइन उसके पास आयी और कहा,”बिटिया तुमहू चलकर खाना खाय ल्यो का पता गुड्डू को और कितना टाइम लग जाये”
“नहीं माजी उनके आने के बाद ही खा लेंगे”,शगुन ने कहा तो मिश्राइन भी आकर उसकी बगल में बैठ गयी और कहने लगी,”गुड्डू को गलत मत समझना बिटिया , अभी नया नया काम सम्हाला है तो थोड़ी परेशानी हो रही है उसे भी और तुम्हे भी ,, हम जानते है गुड्डू तुम्हे वक्त नहीं दे पा रहा है लेकिन धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा।”
शगुन ने मिश्राइन के हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगी,”माजी आप ऐसा क्यों सोच रही है की मुझे गुड्डू जी का काम करना बुरा लगेगा ,, बिल्कुल नहीं बल्कि मैं खुश हूँ उनके लिए। रही बात वक्त की तो अब सारी जिंदगी हमे साथ रहना है हमे उनसे कोई शिकायत नहीं”
शगुन की बातें सुनकर मिश्राइन ने प्यार से अपना हाथ शगुन के सर पर रखा और कहा,”भगवान तुम दोनों की जोड़ी सलामत रखे , हमारे गुड्डू को बस तुम ही बदल सकती हो शगुन और उसका ख्याल रखना उसे इतना प्रेम देना की उह कभी तुमसे दूर ना जाये”
दोनों सास बहु बैठकर अभी बाते कर ही रही थी की तभी सामने से रौशनी हाथ में मेहँदी का कटोरा लिए आयी और कहा,”माफ़ करना चाची हमहू एकदम से भूल गए , कल शादी है और सबको मेहँदी लगानी है ,,, इह लो फटाफट लगाय ल्यो”
“अरे बिटिया इतनी रात में मेहँदी , कल लगा लेंगे”,मिश्राइन ने कहा
“का चाची कल तो शादी है हमायी आज काहे नहीं लगा लेती , और अब तो सब काम भी हो चुका घर का लगा लो वरना हम सोचेंगे तुम खुश नहीं हो हमायी शादी से”,रौशनी ने उदास होकर कहा
“धत पगली , हम काहे खुश नहीं होंगे ,, हमहू तो बहुते खुश है इतना अच्छा रिश्ता हुआ है तुम्हारा ,, लाओ हम लगा लेते है”,मिश्राइन ने कहा तो रौशनी ने मुस्कुराते हुए मेहँदी का कटोरा उनकी और बढ़ा दिया और शगुन से कहा,”भाभी तुमहू भी लगा लो”
रौशनी वहा से चली गयी , मिश्राइन ने शगुन की और देखा और कहा,”आओ बैठो तुम्हाये हाथो में मेहँदी हम लगा देते है”
“अभी तक तो शादी की मेहँदी नहीं उतरी है , आप लगा लीजिये”,शगुन ने अपने हाथ दिखाते हुए कहा जिनपर शादी की मेहँदी अब फीकी पड़ चुकी थी।
“हिया आकर बैठो , नयी नवेली बहुओ का ना मेहँदी रचाये रखनी चाहिए”,मिश्राइन ने लगभग आदेश देते हुए कहा तो शगुन आकर उनके पास बैठ गयी ,,,,,,,, मिश्राइन ने शगुन के हाथो की उंगलियों के पोरो पर मेहँदी लगा दी। हथेली में एक बड़ा सा सिक्का बना दिया। बची हुई मेहँदी से खुद के हाथो में भी मेहँदी लगा ली देखा मेहँदी अभी भी बच गयी है तो लाजो को आवाज दी।
“हां चाची”,लाजो ने आकर कहा
“इह मेहँदी लगा लो”,मिश्राइन ने कटोरे में पड़ी मेहँदी की और इशारा करके कहा
“हम का करेंगे लगाकर हमारी शादी थोड़े है”,लाजो ने कहा तो मिश्राइन ने उस घुरा और कहा,”जितना कहे है उतना करो , उठाओ और अंदर लेकर जाओ”
लाजो चुपचाप मेहँदी लेकर चली गयी। शगुन और मिश्राइन अपने हाथो की मेहँदी सुखाने लगी कुछ ही देर बाद गुड्डू की बाइक की आवाज सुनाई दी। शगुन उठ खड़ी हुई , गुड्डू घर आ चुका था घर का मेन गेट खुला था इसलिए गुड्डू बाइक सीधे अंदर ले आया और हाथ मुंह मुँह धोने वाशबेसिन की और चला आया। शगुन ने देखा हाथो में लगी मेहँदी अभी गीली थी वह खाने की टेबल के पास चली आयी। गुड्डू हाथ मुंह धोकर आया देखा शगुन खड़ी है। उसने शगुन को एक नजर देखा तो आँगन में बैठी मिश्राइन की और देखकर कहा,”अम्मा खाना लगाय दयो”
“हमाये हाथ में मेहँदी लगी है”,मिश्राइन ने वही से जवाब दिया
“तुमहू लगाय दयो”,मज़बूरी में गुड्डू ने शगुन से कहा तो शगुन ने दोनों हाथ गुड्डू के सामने कर दिए। उसके हाथो मे भी मेहँदी लगी देखकर गुड्डू ने लाजो को आवाज लगायी। गुड्डू की आवाज सुनकर लाजो बाहर आयी और कहा,”जी गुड्डू भैया”
“खाना लगाय दयो”,गुड्डू ने बेचारगी से कहा लेकिन आज गुड्डू की किस्मत खराब थी लाजो ने भी अपने हाथ आगे कर दिए जिन पर मेहँदी लगी हुई थी। गुड्डू को अब खुनस होने लगी थी उसने हाथ में पकड़ा तौलिया कुर्सी पर डाला और कहा,”हमे खाना ही नहीं है”
गुड्डू बिना खाये ही ऊपर चला गया शगुन को अच्छा नहीं लग रहा था। मिश्राइन ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था की गुड्डू ने खाना नहीं खाया वह मस्त अपनी मेहँदी सुखाने में लगी थी। लाजो भी वापस दादी के कमरे में चली गयी। शगुन किचन में आयी और अपने हाथो पर लगी मेहँदी धो दी। हाथ पोछकर उसने प्लेट उठाई और उसमे गुड्डू के लिए खाना लगाया। जैसे ही रसोई से बाहर आयी लाजो की नजर शगुन पर पड़ी तो उसने कहा,”अरे भाभी अपने अपनी मेहन्दी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
लाजो आगे कुछ बोल पाती इस से पहले ही शगुन ने उसे चुप रहने का इशारा किया और सीढ़ियों की और बढ़ गयी। गुड्डू के लिए शगुन की परवाह देखकर लाजो मुस्कुराये बिना ना रह सकी। शगुन खाने की थाली लेकर जैसे ही कमरे में घुसी सामने खड़े गुड्डू को देखकर अपनी आँखे बंद कर ली और वापस पलटते हुए कहा,”आप दरवाजा बंद करके कपडे नहीं बदल सकते”
“हमारा कमरा है हम कैसे भी रहे ? तुमको पूछकर आना चाहिए”,गुड्डू ने जल्दी से हाथो में पकड़ी अपनी टीशर्ट पहनते हुए कहा। शगुन ने देखा की गुड्डू टीशर्ट पहन चुका है तो वह पलटी और खाने की प्लेट टेबल पर रखकर कहा,”खाना लेकर आये खा लीजिये”
“तुम्हाये हाथो में मेहँदी लगी थी धो काहे ली ?”,गुड्डू ने शगुन के हाथो को देखकर कहा
“मेहँदी से ज्यादा जरुरी आपकी भूख है खा लीजिये”,कहकर शगुन जाने लगी तो गुड्डू ने कहा,”सुनो”
शगुन पलटी और गुड्डू की तरफ देखा तो गुड्डू का दिल धड़क उठा उसने शगुन ने नजरे चुराकर कहा,”तुमहू खा ली का ?”
शगुन ने धीरे से ना में गर्दन हिला दी तो गुड्डू थाली के पास आया और उसे सोफे पर रखते हुए कहा,” इह इतना सब हम अकेले नहीं खा पाएंगे , आधा तुम खाय ल्यो”
शगुन ने सूना तो उसे अपने कानो पर विश्वाश ही नहीं हुआ। गुड्डू में इतनी जल्दी बदलाव होने लगेगा उसने नहीं था। वह अवाक् सी बस गुड्डू को देखे जा रही थी शगुन को अपनी और देखता पाकर गुड्डू ने कहा,”अबे यार जब देखो तब ऐसे घूरने काहे लगती हो हमें , खाना है खा लो”
शगुन आकर चुपचाप गुड्डू के सामने बैठ गयी। गुड्डू ने खाना शुरू कर दिया तो शगुन भी उसके साथ खाने लगी। दोनों ने चुपचाप खाना खाया और इस बीच दोनों के बीच कोई बात नही हुई। खाना खाने के बाद शगुन प्लेट रखने नीचे चली आयी। जब ऊपर आयी तो देखा तो देखा गुड्डू डर के मारे काँप रहा है और बिस्तर पर चढ़ा हुआ है। शगुन अंदर आयी और कहा,”क्या हुआ आपको आप ऐसे ऊपर क्यों चढ़े है ?”
“कमरे में चू चू चूहा घुस आया है”,गुड्डू ने कहा
“ओह्ह चूहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,कहते हुए शगुन जैसे ही पलटी उसे याद आया की उसे तो खुद चूहों से डर लगता है। वह चिल्लाते हुए कमरे में यहाँ से वह भागने लगी। साथ साथ चूहा भी यहाँ वहा भागने लगा। गुड्डू की तो डर के मारे हालत ही खराब थी। शगुन को डरते देखकर गुड्डू ने उसकी और अपना हाथ बढ़ा दिया शगुन भी गुड्डू के साथ बिस्तर पर चढ़ गयी। चूहा अभी भी कमरे में यहां से वहा भाग रहा था और फिर एकदम से वह बिस्तर पर चला आया। गुड्डू और शगुन चिल्लाते हुए यहाँ वहा कूदने लगे और अचानक से एक दूसरे से टकरा गए। शगुन को गिरता देखकर गुड्डू ने उसकी कमर पर हाथ रखा और उसे गिरने से बचा लिया। शगुन तो बच गयी लेकिन गुड्डू उसकी आँखों के समंदर में जा गिरा और दोनों चूहे को भूलकर एक दूसरे की आँखों में देखने लग
(बैकग्राउंड म्यूजिक)
आँखों ही आँखों से बातें हो रही सब खास है
अब तलक जो दूर थे वो काफिले अब पास है
दिल भी है , और धड़कने है , इश्क़ की अब आस है
कुछ नहीं है दरमियान बस प्यार के अहसास है
छूकर यु तुझे सांसे महकती है
आँखे ये तेरी आज कुछ कहती है
सांसो में घुलके सांसे बहकती है
आँखे ये तेरी आज कुछ कहती है
तुम हो जवा , हम है जवा , है इश्क़ अब तुमसे कह रहा
भूल हदे कर जाने दे
मनमर्जियाँ , मनमर्जियाँ , मनमर्जियाँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कैसी ये मर्जियाँ
मनमर्जियाँ , मनमर्जियाँ , मनमर्जियाँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कैसी ये मर्जियाँ
गुड्डू और शगुन चूहे को भूल चुके थे। बस दोनों एक दूसरे में खोये एक दूसरे की आँखों में ना जाने क्या ढूंढने की कोशिश कर रहे थे और तभी चूहा आकर शगुन के पैर पर चढ़ा और वह डर के मारे गुड्डू के सीने से आ लगी। जैसे ही शगुन गुड्डू के सीने से लगी गुड्डू के दिल के सारे तार झनझना उठे। उसे ऐसा लगा जैसे उसने बिजली के तार को छू लिया है। चूहा वहा से जा चुका था लेकिन शगुन ने डर के मारे आँखे बंद कर रखी थी गुड्डू के सीने में अपना मुंह छुपाये हुए थी।
क्रमश – manmarjiyan-52
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संजना किरोड़ीवाल
Finally aaj part a hi gaya😍
Wah bht hi superb part bs aise hi shgun dheere dhire guddu ko apne pyar me kas kr baandh le n ye golu ne sahi kaha ki pinki ko hmare liye chhod do kyuki us chudail ko golu hi sbk sikha skta h
Itta pyara part..bahut hi khubsurat part..shayad itte din baad pada to or bhi zyada accha lag rha hai..ty sanjana ji..
हा हा हा…मैम ये चूहा तो बड़ा अच्छा निकला…एक ही झटके में शगुन और गुड्डू को करीब ला दिया….सही हैं…अब गुड्डू बस शगुन की आंखों में ऐसे खो जायें कि…पिंकीया का चेहरा भूल जायें😊 awesome part👌👌👌👌👌
Bhut hi acha part tha mazaa aa gya
Ohhoo intezar ka fll bda mithaa… Aj ka part bhut achaa hhh😍😍😍 guddu ko akal aa jaye bss🤗
Very beautiful
Aaj ka part to bahut achcha tha dheere dheere hi sahi dono ki gadi patri par a jayegi hope so k Roshni ki shadi m kuch achcha ho jaye
अरे वाह आज का पार्ट तो बहुत ही मजेदार था फाइनली गुड्डू के दिल में शगुन ने अपनी थोड़ी सीजगह बना ली है और बाकी का काम चूहे ने कर दिया
वाह इज तो कमाल ही हो गया…मतलभ अबतक सुना थि कि एक बच्चा दो लोगों को करीभ लिता है, पर यहा तो चूहे ने गुड्डू-शगुन को करीब ला दिया…जय हो गणेश जी की सवारु चूहे की…वैसे ये गुड्डू बलद रहि है यि फिर ये भी पिंकी की नई चाल का हिस्सा??? कुछ भी हो, फर अब दोनों (गुड्डू-शगुन) साथ रहने चाहिए संजना जी…और आज पार्ट अपलोड करने के लिए भी धन्यवाद
वाह इह तो कमाल ही हो गया…मतलभ अबतक सुना था कि एक बच्चा दो लोगों को करीब लाता है, पर यहा तो चूहे ने गुड्डू-शगुन को करीब ला दिया…जय हो गणेश जी की सवारी चूहे की…वैसे ये गुड्डू बलद रही है या फिर ये भी पिंकी की नई चाल का हिस्सा??? कुछ भी हो, पर अब दोनों (गुड्डू-शगुन) साथ रहने चाहिए संजना जी…और आज पार्ट अपलोड करने के लिए भी धन्यवाद
Waoooooooo 😍😍😍😍😍😍😍😍😍itne din se intezaar jar rahi thi finally a hi gaya 😘😘😘😘😘😘or bhot hi gajab ka part h n me do bar pad chuki sagun or guddu ka chuhe wala ye seen 😍😍😍😍😍bas ab jaldj se jaldi inhe pyar ho jae humai heroin se
Wah kya bàat hai chote chuhe ne bada kam kar diya
So beautiful moment
Wow really amazing moment ❤️
बहुत ही शानदार भाग संजना मैम बस शगुन और गुड्डू के दिल इसी तरह धड़कते रहे…🌹🌹🌹🌹