मनमर्जियाँ – 35
Manmarjiyan – 35
Manmarjiyan – 35
गुड्डू के हाथो में शगुन के नाम की मेहँदी लग चुकी थी। बिस्तर पर लेटते ही उसे नींद आ गयी। उधर शगुन के घर में शगुन के हाथो में लग रही थी। प्रीति के कहने पर बिंदु ने शगुन की हथेली में बड़े बड़े अक्षरों में गुड्डू का नाम लिख दिया। शगुन ने देखा तो कहा,”अरे बिंदु गुड्डू क्यों लिखा है उनका नाम तो अर्पित है ना”
“अरे दी गुड्डू नाम में जितना प्यार है उतना अर्पित में नहीं है,,,,,,,,,,,,,है ना बिंदु दी ?”,प्रीति ने कहा
“बात तो प्रीति सही कह रही है , अर्पित नाम में वो फीलिंग नहीं आ रही जितनी गुड्डू नाम में आ रही है”,कहकर बिंदु हसने लगी और प्रीति भी खिलखिलाकर हंस पड़ी। शगुन क्या कहती उसे पता था अब तो गुड्डू के नाम से उसे सब ऐसे ही चिढ़ाएँगे ? पर मन ही मन उसे भी गुड्डू का नाम अपनी हथेली पर देखकर अच्छा लग रहा था। प्रीति कुछ देर बैठी रही और फिर कहा,”दी मैं ऊपर जाकर आपके बैग्स जमा देती हूँ क्योकि कल तो घर में बहुत सारे काम होंगे ना और शाम को डांस भी है तो टाइम नहीं मिलेगा”
“हम्म्म ठीक है”,शगुन ने कहा
प्रीति ऊपर शगुन के कमरे में चली आयी और उसका सामान ज़माने लगी। शगुन के ससुराल जो जो सामान जाने वाला था प्रीति एक एक करके सब रखते जा रही थी। शगुन को मेहँदी लगते लगते अँधेरा हो चुका था। घर की लाईटे जल उठी , पूरा घर रौशनी से जगमगा रहा था। शगुन मेहँदी सूखने के बाद ऊपर अपने कमरे में प्रीति को देखने आयी उसने देखा प्रीति बड़े प्यार से एक एक करके उसका सामान सूटकेस में रखते जा रही है। शगुन को वहा देखकर प्रीति ने उस से नजरे चुराते हुए कहा,”दी मैंने आपका सारा सामान रख दिया है , आपकी साड़िया और आपके सूट इस लाल वाले सूटकेस में रखे है और चुडिया भी ,, बाकि सामान इस दूसरे सूटकेस में रखा है। गुड्डू जीजू के पापा ने कहा था की आपके साथ ज्यादा सामान नहीं भेजना है। कितने अच्छे है यार आपके ससुराल वाले ,, आपकी शादी के बाद ना मैं तो पक्का आ रही हूँ वहा रहने”
प्रीति की आवाज में एक दर्द था जिसे सुनकर शगुन उसके पास आयी और उसके कंधे पर हाथ रखा तो प्रीति मुस्कुराते हुए उसकी और पलटी लेकिन आँखों में नमी थी। उस नमी को छुपाते हुए प्रीति ने कहा,”और पता है दी बेस्ट पार्ट क्या है ? आपको इतना अच्छा परिवार मिला है। आपकी शादी में ना मुझे गिफ्ट चाहिए”
“बताओ क्या चाहिए ?”,शगुन ने बड़े प्यार से कहा तो प्रीति खुद को रोक नहीं पाई और आँखों में आंसू भरकर कहा,”मत जाईये न मुझे छोड़ कर”
प्रीति की आँखों में आंसू देखकर शगुन की आँखो में भी आंसू आ गए और उसने प्रीति के आंसू पोछकर उसे गले लगाते हुए कहा,”बेटीयो को एक न एक दिन अपना मायका छोड़कर जाना ही पड़ता है प्रीति ,,,,अगर तुम ऐसा करोगी तो पापा कमजोर पड़ जायेंगे , उनके सामने मैं रो भी नहीं सकती। तुम तो इतनी समझदार हो की मेरे बाद पापा का ख्याल रख लोगी और अभी तुम्ही ने कहा ना की मुझे अच्छा परिवार मिलने जा रहा है फिर चिंता क्यों करती हो ?”
प्रीति शगुन के गले लगे हुए सिसकती रही , बचपन से लेकर अब तक वह और शगुन साथ साथ रहे थे। प्रीति के जीवन में माँ की कमी शगुन ही तो दूर कर रही थी लेकिन आज जब शगुन के जाने का वक्त आया तो प्रीति खुद को रोक नहीं पायी पर शगुन ने अपने आंसू रोक लिए क्योकि वह अपने पापा के सामने रोना नहीं चाहती थी। शगुन ने प्रीति को चुप करवाया और बिस्तर पर बैठाते हुए कहा,”अच्छा सुनो कानपूर बनारस से ज्यादा दूर नहीं है तुम्हारा जब भी मुझसे मिलने का मन हो तुम कानपूर आ जाना”
“वो तो मैं आउंगी ही आउंगी ,,,, सॉरी दी आपके सामने मुझे रोना नहीं चाहिए था”,प्रीति ने अपने आंसू पोछते हुए कहा
“कोई बात नहीं जब अपनों से बिछड़ने का वक्त आता है ना तब ऐसा ही होता है ,, अब तुम मुंह धो लो और नीचे चलो खाना तैयार है।”,शगुन ने कहा तो प्रीति उठकर मुंह धोने चली गयी और फिर नीचे चली गयी कमरे में सिर्फ शगुन थी जो की बिस्तर पर खामोश बैठी थी। आज कई सालो बाद उसने प्रीति की आँखों में आंसू देखे थे। शगुन उठी और दिवार पर लगी अपनी माँ की तस्वीर के सामने खड़े होकर नम आँखों से कहने लगी,”मेरा सफर इस घर में इतना ही था माँ , आप चाहती थी मेरी शादी धूमधाम से हो पापा ने कोई कमी नहीं रखी है मेरी शादी में। बहुत अजीब लग रहा है माँ , प्रीति और पापा को छोड़कर जाने का बिल्कुल मन नहीं कर रहा है ,, मैं तो इतनी मजबूर हूँ की उनके सामने रो तक नहीं सकती। आप जानती है ना पापा कितने कमजोर है जैसे ही मेरी आँखों में आंसू देखेंगे खुद रो पड़ेगे , और प्रीति वो तो आज भी मेरे लिए बच्ची जैसे है। मेरी और प्रीति की परवरिश में पापा ने कोई कमी नहीं रखी है माँ,,,,,,,,,आपकी बहुत याद आ रही है माँ,,,,,,,,,,,(कहते हुए शगुन की आँखों में भरे हुए आंसू उसके गालो पर लुढ़क आये और वह फफक कर रो पड़ी) बाहर गानो का शोर था घर लाइट और रौशनी से जगमगा रहा था। शगुन सिसक रही थी तभी गुप्ता जी कमरे में आये शगुन ने उनकी और पीठ कर रखी थी इसलिए वे शगुन की आँखों में आंसू देख नहीं पाए और कहा,”शगुन बेटा”
अपने पापा की आवाज सुनकर शगुन ने जल्दी से अपने आंसू पोछे और झूठी मुस्कान लेकर उनकी और पलटकर कहा,”जी पापा”
“सब तैयारी हो गयी बेटा ?”,गुप्ता जी ने शगुन के पास आकर पूछा
“हां पापा , प्रीति ने सब कर दिया”,शगुन ने कहा
“कुछ और चाहिए हो तो खुलकर मांग लेना बेटा”,गुप्ता जी ने प्यार से शगुन के सर पर हाथ रखकर कहा तो नमी एक बार फिर शगुन की आँखों में लौट आयी लेकिन उसने खुद को मजबूत करते हुए कहा,”आपने इतना किया है वो काफी है पापा , मुझे और कुछ नहीं चाहिए”
शगुन की बात सुनकर गुप्ता जी ने कहा,”अच्छा बेटा तुम अकेले यहाँ क्या कर रही हो निचे सब तुम्हे पूछ रहे है , जाओ जाकर खाना खा लो”
“ठीक है पापा”,कहकर शगुन वहा से चली गयी। गुप्ता जी अपनी पत्नी की तस्वीर के सामने आये और एकटक उसे देखने लगे। कुछ देर बाद कहा,”खुश हो ना सुभद्रा ,,तुम्हारी बड़ी बेटी शगुन का लग्न होने जा रहा है जैसा तुमने कहा था सब वैसा ही इंतजाम किया है मैंने,,,,,,,,,,,,,,,किसी चीज की कोई कमी नहीं है बस एक कमी है की तुम साथ नहीं हो,,,,,,,,,,,,,,,दो दिन बाद शगुन हमेशा के लिए इस घर से चली जाएगी , उसे विदा करने की हिम्मत मुझमे अब भी नहीं है,,,,,,,,,शगुन बहुत खुश है इस रिश्ते से और दामाद जी भी बहुत अच्छे है वो हमारी शगुन का पूरा ख्याल रखेंगे,,,,,,,,,,,बच्चियों के सामने आंसू भी नहीं बहा सकता काश तुम होती तो तुम्हारे सामने अपना दुःख जाहिर कर लेता,,,,,,,,,,,,अपना आशीर्वाद हमारी बच्चियों पर बनाये रखना सुभद्रा,,,,,,!!!”
कहकर गुप्ता जी ने आँखों में आये आंसुओ को पोछा और फिर नीचे चले आये। शगुन को आज खाना प्रीति ने अपने हाथो से खिलाया और उसके बाद सभी बैठकर मस्ती करने लगे।
कानपूर , उत्तर-प्रदेश
गुड्डू अपने कमरे में सो रहा था। निचे सभी मेहमान नहाने धोने में लगे थे। रसोईया नाश्ता बनाने में लगा था और मिश्रा जी सबको जल्दी जल्दी काम करने के लिए फटकार लगा रहे थे। आज गुड्डू का ममेरा आने वाला था और साथ ही शाम को शानदार दावत का इंतजाम भी था संजीवनी पैलेस में। मिश्रा जी ने जरुरी सामान संजीवनी पैलेस भिजवा दिया और सबको नाश्ता करने के बाद वही चलने को कह रहे थे। गोलू और मनोहर भी तैयार होकर गुड्डू के घर आ पहुंचे। उन्हें देखते ही मिश्रा जी उनके पास आये और कहा,”कान खोलकर सुन लो दोनों आज यही रुकना है कल सबेरे जल्दी बारात रवाना होगी चौक से , तुम दोनों की जरूरत पड़ेगी गुड्डू के साथ इसलिए चले मत जाना। फटाफट नाश्ता करो और संजीवनी पैलेस चलो”
“ठीक है चाचा”,गोलू ने कहा और फिर मनोहर को लेकर अंदर चला आया। मनोहर और गोलू ने पहले सबको नाश्ता करवाया और फिर खुद भी खाने लगे। सभी रिश्तेदार एक एक करके संजीवनी पैलेस जाने लगे। मिश्रा जी ने देखा गुड्डू कही नजर नहीं आ रहा है तो उन्होंने मिश्राइन से कहा,”अरे मिश्राइन गुड्डू कहा है जाकर देखो लाट साहब उठे की नहीं”
“आप काहे इतना परेशान हो रहे है हम देखते है”,कहते हुए मिश्राइन ऊपर चली गयी मनोहर और गोलू की नजर मिश्रा जी पर थी और फिर दोनों ने गर्दन झटकी और अपना पूरा ध्यान खाने पर लगा दिया। मिश्रा जी फोन करके अपने दोस्तों को और जान पहचान वालो को आने के कहने लगे। मिश्राइन ऊपर आयी देखा गुड्डू बड़े ही आराम से सो रहा है तो वह आकर उसके पास बैठी और प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा,”कितनी जल्दी तुमहू बड़े हो गए गुड्डू कल तुम्हायी शादी हो जाएगी , दुल्हिन घर में आ जाएगी उसके बाद तो सब बदल जाएगा पर तुमहू ना बदलना ऐसे ही रहना ,, अपनी अम्मा के लाडले बनकर”
मिश्राइन की आवाज से गुड्डू जाग गया और कहा,”अरे अम्मा तुमहू कब आयी ?”
“उठो गुड्डू और नहाय ल्यो , गेस्ट हॉउस जाना है आज ममेरा आएगा तुम्हारा और दावत भी है”,मिश्राइन ने उसका कम्बल समेटते हुए कहा। गुड्डू उठकर बैठ
गया जैसे ही उसे याद आया की कल उसकी शादी है उसका चेहरा उदासी से घिर गया। मिश्राइन ने देखा तो कहा,”का हुआ इतना परेशान काहे हो ? अच्छा सादी के बारे में सोच रहे हो चिंता ना करो तुम्हाये पिताजी ने जोरदार इंतजाम किया है आज शाम में पूरा कानपूर देखेगा इस शानदार शादी को”
“अम्मा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू कहना चाहता था लेकिन मिश्राइन को जाने की जल्दी थी इसलिए उठते हुए कहा,”नहाकर निचे आ जाओ और नाश्ता कर ल्यो , उसके बाद गेस्ट हॉउस जाना है। हमहू जा रहे है निचे बहुते काम है”
मिश्राइन चली गयी गुड्डू बुझे मन से उठा। शीशे में खुद को देखा उसके चेहरे पर एक चमक थी और चेहरा खिला हुआ नजर आ रहा था। ट्रिम की हुई अच्छी दाढ़ी में गुड्डू बहुत ही प्यारा दिख रहा था उसने चेहरे पर हाथ घुमाते हुए कहा,”दिख तो ठीक ही रहे है फिर नहाना जरुरी है क्या ? नहा लेते है यार खुद की शादी में तो नहाना बनता है”
कहते हुए गुड्डू बाथरूम गया और नहाकर वापस आ गया। उसने नए कपडे (फॉर्मल पेंट शर्ट) पहने , थोड़े अजीब लग रहे थे क्योकि उसे आदत थी जींस और फेशनेबल शर्ट पहनने की फॉर्मल ड्रेस में बहुत ही सीधा साधा दिख रहा था। खैर मिश्रा जी के डर से उसने वही कपडे पहने रखे और बाल बनाकर निचे आ गया। मनोहर और गोलू तब तक नाश्ता कर चुके थे गुड्डू को देखते ही उसके पास आये और गोलू ने कहा,”अरे का बात है भैया चमक रहे हो ?”
“फॉर्मल लुक काफी सूट कर रहा है गुड्डू तुम पर”,मनोहर ने भी तारीफ की
“तुम दोनों सुबह सुबह यहाँ काहे चले आये , गेस्ट हॉउस काहे नहीं गए ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे हम दोनों तो तुमको लेने ही आये है , तुम्हाये बिना वहा जाकर का करेंगे ? मिश्रा जी ने कहा है शादी तक तुम्हाये साथ रहने के लिए”,गोलू ने कहा
“तो फिर दो लौंडे और ले आते ,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“अबे यार का गुड्डू तुमहू भी शादी जैसे शुभ मोके पर कैसी बाते कर रहे हो ? चलो नाश्ता कर लो फिर चलते है , शादी है तुम्हायी थोड़ा इंजॉय करो यार”,मनोहर ने कहा
गुड्डू नाश्ता करने के लिए आ बैठा जैसे ही पहला टुकड़ा खाया मिश्रा जी की नजर उस पर पड़ी और वे उसके पास चले आये। गुड्डू ने ध्यान नहीं दिया और गर्दन झुकाकर खाता रहा तो मिश्रा जी ने कहा,”इह का हाल बना रखे हो चेहरे का दाढ़ी काहे नहीं हटाए हो ?”
“अब दाढ़ी में का दिक्कत है ? आने के बाद से कबो नहीं हटाए”,गुड्डू ने कहा
“बेटा कबो ना हटाए हो लेकिन सादी के दिन ना दाढ़ी नहीं रखी जाती है , मनोहर नाइ को बुलाओ और इसका हुलिया ठीक करवाओ ,,,, दाढ़ी उगाएंगे बाबा बनेंगे इह”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू बिफर उठा और कहा,”अरे हमे नहीं अच्छा लगता क्लीन सेव रहना लड़की जैसे दिखेंगे”
“बेटा दिल से तो लौंडे ही हो ना और इह तो घर की खेती है दुइ चार दिन में फिर से उग जाएगी ,, चलो देर मत करो फटाफट इह सब साफ करो और गेस्ट हॉउस पहुंचो , तुम्हारे मामा के यहाँ से मेहमान आ चुके है”,कहते हुए मिश्रा जी वहा से चले गए।
“यार ये पिताजी आखिर चाहते क्या है ? जब देखो तब उंगलियों पर नचाते रहते है हमको”,गुड्डू ने हाथ पैर पटकते हुए कहा
“सब्र करो गुड्डू मिश्रा जी का इह सितम भी खत्म होने वाला है”,मनोहर ने कहा
“कैसे ?”,गुड्डू ने बड़े ध्यान से मनोहर की और देखते हुए पूछा
“क्योकि कल से तो भाभीजी नचाएगी तुमको अपनी उंगलियों पर”,मनोहर ने गोलू को हाई फाइव देते हुए कहा और दोनों हंस पड़े। गुड्डू खा जाने वाली नजरो से देख रहा था। मनोहर ने देखा तो कहा,”तुमहू नाश्ता करो मैं पार्लर वाले को फोन करके आता हूँ”
मनोहर खिसक गया लेकिन गोलू फंस गया , गुड्डू को मनाने के लिए गोलू ने अपनी बत्तीसी दिखाई तो गुड्डू ने एक मुक्का उसकी पीठ पर जड़ते हुए कहा,”दोस्त नहीं हो दुश्मन हो तुम हमाये गोलू”
“अरे भैया मजाक कर रहे थे बाकी तो तुमहू जानते ही हो तुमसे कितना प्यार करते है”,गोलू ने कहा
“अच्छा,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“सोनू भैया के एक्स्ट्रा चीज पिज्जा की कसम,,,,,,,,,,,,,पुरे कानपूर में हमसे जियादा प्यार कोई नहीं करता है तुमको”,गोलू ने कहा तो गुड्डू ने मुंह बना लिया और नाश्ता करने लगा। थोड़ी देर बाद पार्लर वाला लड़का आ पहुंचा। मनोहर ने उसे गुड्डू की सेविंग बनाने को कहा और खुद फोन पर लग गया। जैसे ही सेविंग बनी गुड्डू ने खुद को शीशे में देखा वह बहुत चिकना लग रहा था। उसे शर्म आ रही थी जब लड़के ने पैसे मांगे तो गुड्डू ने कहा,”साले यही पटक के मारेंगे पैसे मांगना भूल जाओगे”
गुड्डू को गुस्से में देखकर मनोहर और गोलू उसकी और आये और लड़के को कहा,”अरे तुम चलो हम देते है ना पैसे तुमको काहे उनसे उलझ रहे हो ?”
“भैया इतना बोखलाए हुए काहे है ?”,लड़के ने चलते चलते मनोहर से पूछा
“अरे शादी होने जा रही है भैया की इसलिए , तुमहू इह पैसे पकड़ो और निकलो”,मनोहर ने कहा और लड़के को भेज दिया
वापस आया तो गुड्डू हाथो से अपना चेहरा ढककर खड़ा था , मनोहर ने देखा तो कहा,”अबे चेहरा काहे छुपा रहे हो ? दिखाओ ज़रा हम भी देखे”
गुड्डू ने जैसे ही हाथ हटाए मनोहर और गोलू ने हैरानी वाले भाव चेहरे पर लाकर एक दूसरे को देखा और फिर जोर से हंस पड़े क्योकि गुड्डू बहुत फनी लग रहा था।
क्रमश – manmarjiyan-36
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संजना किरोड़ीवाल
Areee areee bichare k sath ye tik ni kiya mishra ji nee😂😂😂
Superb 👌👌👌👌👌👌
Shandar part, jald hi shadi k dhamal hone vali hai, waiting for next part
VERY NICE
मैम गुड्डू का नया लुक…शगुन देखेगी तो क्या हाल होगा उसका😊 superb part👌👌👌👌👌
Lagta hai Guddu ki shaddi m bahot bada damka hone wala hai…Pinky hogi ya golu
Nice part
Nice part…😀😀😀😀
Nice part
Bhut hi pyaara part tha
Hahaha…mishra ji to beshari guddu ke piche hi padhe rahte hai😂😂
Very beautiful