Sanjana Kirodiwal

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मनमर्जियाँ – 32

Manmarjiyan – 32

Manmarjiyan - 32

Manmarjiyan – 32

गुड्डू के दिल में शगुन नाम की आहट जगाकर मनोहर और रौशनी वहा से निकल गए। गुड्डू अपने कमरे में आया और शीशे के सामने आकर खुद को देखने लगा। पीले कुर्ते में माथे पर तिलक लगाए वह किसी दूल्हे से कम नहीं लग रहा था। गुड्डू ने शीशे में खुद को देखते हुए कहा,”काहे कर रहे हो इह सब गुड्डू ? घर में सब तुम्हारी शादी को लेकर इतना खुश है , अम्मा , पिताजी , वेदी और बूढ़ा भी फिर काहे मुँह फुलाए घूम रहे हो तबसे ? , ऐसा नहीं है तुमने अपने प्यार के लिए कोशिश नहीं की पर उह तो पिंकिया ही गलत निकली ना , उह चाहती तो आज शगुन की जगह उह होती पर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,भूल जाने में ही भलाई है गुड्डू , शायद तुम्हायी किस्मत में यही लिखा हो,,,,,,,,,,,चलो मुस्कुराओ,,,,,,,,,,(हल्का सा मुस्कुराता है),,,,,,,,,,,जे बात अब लग रहे एकदम हे कंटाप”
गुड्डू शीशे के सामने से हटा और नीचे चला आया। निचे आकर उसने लाजो से खाना लगाने को कहा और गोलू मनोहर को भी बुला लिया। तीनो दोस्त साथ साथ खाना खाने लगे। गुड्डू हंस रहा था सबसे बात कर रहा था ये देखकर गोलू और मनोहर भी खुश हो गए। गुड्डू बाहर से खुश था पर अंदर ही अंदर एक कसक थी जिसे कोई नहीं देख पाया। खाना खाने के बाद मनोहर घर चला गया , गोलू को गुड्डू ने वही रुकने को कहा।
शाम 5 बजे गुड्डू की हल्दी का फंक्शन रखा गया , गुड्डू ने सफ़ेद शर्ट और जींस पहना था ,, आज गुड्डू रोजाना से कुछ ज्यादा ही प्यारा लग रहा था। घर के आँगन में सभी औरते जमा थी और ढोलक बजा रही थी। गुड्डू आकर चौकी पर बैठ गया। एक बड़े से थाल में हल्दी से भरा कटोरा रखा हुआ था जिसमे हल्दी का लेप था। सभी बारी बारी से आकर गुड्डू को हल्दी लगाने लगे। गुड्डू की भाभी , सोनू भैया की पत्नी , रौशनी और वेदी ढोलक पर डांस कर रहे थे। मिश्राइन ने जैसे ही गुड्डू को हल्दी लगायी रौशनी उन्हें भी खींचकर सबके बीच ले आयी और मिश्राइन से नाचने का इशारा किया। ख़ुशी का माहौल था और बेटे की शादी भी भला मिश्राइन कैसे ना नाचती उन्होंने भी ठुमके लगाने शुरू कर दिए
मिश्राइन के चेहरे पर ख़ुशी देखकर गुड्डू भी मुस्कुरा उठा उसने पास बैठे गोलू से जाकर नाचने का इशारा किया। गोलू ने वहा रखा वेदी का दुपट्टा लिया और ओढ़कर नाचने लगा। गोलू की नौटंकी देखकर सबका हँसते हँसते बुरा हाल था। नाच गाना ख़त्म हुआ तो सब बारी बारी से गुड्डू को हल्दी लगाने लगे। सोनू की वाइफ की बारी आयी तो उसने ढेर सारी हल्दी ली और गुड्डू के मुंह पर लगाते हुए कहा,”शादी मुबारक हो गुड्डू भैया”
गुड्डू को बुरा नहीं लगा क्योकि वे गुड्डू की फेवरेट भाभी जो थी। गुड्डू के चेहरे और हाथो पर हल्दी लगी हुई थी। रौशनी ने , वेदी ने और गोलू ने भी गुड्डू के गालो पर हल्दी लगायी। मिश्रा जी वहा आये तो उन्होंने थोड़ी सी हल्दी अपनी उंगलियों पर ली और गुड्डू के गालो पर लगाते हुए कहा,”सदा खुश रहो”
गुड्डू को अच्छा लगा पहली बार मिश्रा जी ने उसे इतने प्यार से ये कहा था वह मुस्कुरा दिया मिश्रा जी साइड हो गए। सभी खुशिया मना रहे थे की भीड़ को चीरते हुए पिंकी आयी और आकर गुड्डू के सामने खड़ी हो गयी मिश्राइन ने देखा तो गुड्डू की और जाने लगी लेकिन मिश्रा जी हाथ पकड़कर रोक लिए और धीरे से कहा,”मिश्राइन हम कोई फसाद नहीं चाहते है , मेहमान मौजूद है शांत रहो”
“पर इह हिया आई का लेने है ?”,मिश्राइन ने चिंतित होते हुए कहा
“वही हम सोच रहे है की ये यहाँ क्यों आयी है ? शर्मा जी के घर तो बुलावा भी नहीं भेजे रहे हम”,मिश्रा जी ने कहा
गोलू की नजर जैसे ही पिंकी पर पड़ी उसने मन ही मन कहा,”आ गयी गुड्डू भैया की जिंदगी फिर से हराम करने”
गुड्डू जो की अपनी भाभियो के साथ बैठा उनकी बातो पर मुस्कुरा रहा था , पिंकी को अपने सामने देखकर हैरान हो गया और उसी वक्त उसके चेहरे से ख़ुशी गायब हो गयी। पिंकी ने कुछ नहीं कहा बस गुड्डू के पास आयी हाथो में थोड़ी सी हल्दी उठायी और गुड्डू को लगाते हुए कहा,”शादी मुबारक हो गुड्डू”
गुड्डू के शब्द जैसे गले में ही अटक गए उस से कुछ बोला ही नहीं गया वह बस आँखों में पानी लिए पिंकी को देखता रहा। गुड्डू को हल्दी लगाकर पिंकी वहा से चली गयी। चलते चलते वह सामने खड़े गोलू से टकरा गयी और उसके हाथो में लगी हल्दी की छाप गोलू के सीने पर जा लगी। बेचारा गोलू पहली बार किसी लड़की ने उसे छुआ था वो भी पिंकी ने , गोलू ने जैसे ही सामने देखा शाहरुख़ खान की किसी फिल्म का गाना उसके कानो में बजने लगा और आँखों में दिल चमकने लगे। पिंकी ने उसे साइड किया और चली गयी। बौराया सा गोलू गुड्डू के पास आया और उसकी बगल में बैठते हुए कहा,”लगता है इस साल हमारा बैंड भी बज ही जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मने शादी का”
गुड्डू ने सूना तो उठकर वहा से चला गया !

बनारस , उत्तर प्रदेश
शाम के 4 बजे गुप्ता जी के घर में मेहमानो का जमावड़ा लगा हुआ था। लड़किया आपस में बैठकर अठखेलिया कर रही थी। घर की बड़ी औरते हल्दी की रस्म की तैयारी कर रही थी। गुप्ता जी यहाँ से वहा घूमते हुए बार बार सारा बंदोबस्त देख रहे थे। अमन भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर मेहमानो को देख रहा था। शगुन , उसकी सहेली बिंदु और प्रीति ऊपर कमरे में थे। बिंदु शगुन को हल्दी की रस्म के लिए पिली साड़ी पहना रही थी और प्रीति उसकी हेल्प कर रही थी। शगुन उस साड़ी में बहुत सुंदर लग रही थी और उसका रंग उसमे और ज्यादा खिल उठा था। प्रीति ने उसे कानो में आर्टिफिशयल फूलो वाली ज्वेलरी पहनाई जो की आजकल चलन में थी। गले में भी वही हार और हाथो में उन्ही फूलो से बनी चूड़िया। शगुन इस लुक में बहुत प्यारी लग रही थी। बिंदु और प्रीति उसे निचे ले आयी चाची ने देखा तो शगुन की बलाये लेकर कहा,”हाय कितनी सुंदर लग रही है किसी की नजर ना लगे तुम्हे”
“अरे किसी की क्या सरिता तुम्हारी ही नजर लग जाएगी बच्ची को”,भुआ जी ने मजाक करते हुए कहा तो चाची हसने लगी और कहा,”अरे क्या दीदी माँ की नजर कभी बिटिया को लगती है क्या ,, शगुन तू आओ बेटा”
चाची शगुन को लेकर आयी और औरतो के बीच बैठा दिया। शगुन इतनी प्यारी लग रही थी की सबकी नजर उसी पर थी। शगुन की भुआ ने हल्दी लगाने की शुरुआत की और फिर सभी बारी बारी से शगुन को हल्दी लगाने लगे। आज शगुन अपनी माँ को बहुत मिस कर रही थी। जब गुप्ता जी ने उसे हल्दी लगायी तो शगुन की आँखों में आंसू आ गए गुप्ता जी समझ गए की शगुन आज अपनी माँ को बहुत मिस कर रही है है। उन्होंने शगुन को गले लगाया और उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा,”आज तुम्हारी माँ जिन्दा होती तो तुम्हे इस रूप में देखकर बहुत खुश होती , तुम्हारीं शादी एक अच्छे परिवार में होने जा रही है बेटा हमेशा खुश रहना”
शगुन ने अपने आंसुओ को रोकने की कोशिश की लेकिन नहीं रोक पाई और उसके आंसू बह गए। प्रीति ने देखा तो अपने पापा के पास आयी और कहा,”क्या पापा रुला दिया ना आपने दी को ?”
प्रीति को वहा देखकर शगुन ने अपने आंसू पोछ लिए और कहा,”पापा आप जाईये”
“अरे पापा दी ना सिर्फ विदाई की प्रेक्टिस कर रही है”,प्रीति ने कहा तो शगुन ने उसका कान खींचकर कहा,”जब तुम्हारी बारी आएँगी ना तब पूछूँगी तुमसे”
शगुन और प्रीति को हँसता मुस्कुराता देखकर गुप्ता जी वहा से चले गए। चाची ने शगुन को बैठने को कहा और फिर सबके साथ मिलकर मंगल गीत गाते हुए शगुन को हल्दी लगाने लगी। प्रीति ना जाने अपने फोन में क्यों बिजी थी ? शगुन ने उसे भी आकर हल्दी लगाने का कहा तो प्रीति ने कहा,”दी बस दो मिनिट अभी आयी”
शगुन को समझ नहीं आ रहा था की आखिर प्रीति कर क्या रही है ? खैर उसने प्रीति से ध्यान हटाया और गुड्डू के बारे में सोचने लगी “आज उन्हें भी हल्दी लग रही होगी , कैसे लग रहे होंगे वो हल्दी में ? काश मैं उन्हें देख पाती। उन्होंने अपना नंबर भी तो नहीं दिया है मुझे ,, उन्होंने खुद से नहीं दिया तो मैंने भी नहीं माँगा। वैसे भी कुछ दिन बाद तो हमेशा के लिए उनके पास जाना है और उनके साथ रहना है।”
शगुन अपनी ही सोच में गुम थी की प्रीति मुस्कुराते हुए उसके पास आयी और हल्दी लगाते हुए कहा,”आई हेव अ सरप्राइज फॉर यू”
“कैसा सरप्राइज ?”,शगुन ने हैरानी से पूछा
“आर यू रेडी ?”,प्रीति ने पूछा
“बताओ न बाबा”,शगुन ने कहा तो प्रीति ने अपना फोन आगे करके कहा,”टन टाडा”
शगुन ने प्रीति के फोन की स्क्रीन देखी तो उसके होंठो पर मुस्कान तैर गयी , और आँखे फोन की उस तस्वीर पर रुक गयी जो की गुड्डू की थी। सफ़ेद शर्ट पहने गालो पर हल्दी लगवाए गुड्डू किसी बात पर हंस रहा था तब वेदी ने ये तस्वीर अपने फोन में ली थी और प्रीति के कहने पर उसे भेज दी। शगुन को मुस्कुराते देखकर प्रीति ने कहा,”मिस कर रही थी ना जीजू को ?”
“ये तुम्हे कहा से मिली ?”,शगुन ने पूछा
“अरे दीदी बनारस वालो का दुसरा नाम है जुगाड़ू , कही से भी जुगाड़ लगा सकते है आप ये बताओ कैसा लगा मेरा सरप्राइज ?”.प्रीति ने कहा तो शगुन मुस्कुरायी और कहा,”बहुत अच्छा है , थैंक्यू”
शगुन अभी ठीक से गुड्डू को देख पाती इस से पहले ही भुआ जी ने फोन लेकर कहा,”अरे जरा हमे भी दिखाओ लड़कियों”
गुड्डू की तस्वीर देखकर भुआ जी ने कहा,”अरे वाह दामाद जी तो बहुत सुन्दर है”
“है ना भुआ जी”,प्रीति ने ख़ुशी से उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“हां दोनों की जोड़ी ऐसे है जैसे शिव पार्वती”,भुआ जी ने कहा तो वहा मौजूद सभी गुड्डू की तस्वीर देखने लगी बेचारी शगुन जी भर के उसे देख भी नहीं पाई थी। हल्दी की रस्म खत्म हुई तो सभी डांस करने लगे। शगुन और प्रीति ने खूब डांस किया , प्रीति की सहेलिया भी आयी सबने मिलकर खूब एन्जॉय किया। आस पास की औरते चली गयी बाकि कुछ मेहमान बचे थे जिनके रहने का इंतजाम गुप्ता जी ने नीचे घर में ही करवा दिया। मेहमानो को और घर के लोगो को किसी तरह की परेशानी ना हो इसलिए विनोद ने शादी तक घर में रसोईये को रख लिया। शगुन बहुत थक चुकी थी इसलिए नहाने के बाद अपने कमरे में चली आयी और बिस्तर पर लेटकर आँखे मूंद ली। खिड़की के बाहर बगल में ही उसका पसंदीदा गाना बज रहा था जिसे सुनते ही शगुन की आँखों के सामने गुड्डू का हँसता हुआ चेहरा आ गया जो उसने कुछ देर पहले फोटो में देखा था। लेटे शगुन मुस्कुरा उठी ,, उसकी रिश्ते में लगने वाली भाभी कमरे में आयी शगुन को मुस्कुराता देखकर उन्होंने कहा,”क्या बात है शगुन बड़ा मुस्कुरा रही हो ? अर्पित जी के बारे में सोच रही हो क्या ?”
भाभी की आवाज सुनकर शगुन उठी और कहा,”नहीं नहीं भाभी बस ऐसे ही , आईये बैठिये ना”
“तुम्हारे लिए मेहँदी लेकर आयी थी भुआ जी ने कहा है की आज से हाथ और पैरो की उंगलियों में मेहन्दी लगेगी जिस से शादी तक रंग गहरा हो जाये”,भाभी ने मेहँदी का कटोरा स्टूल पर रखते हुए कहा।
शगुन पैर लटकाकर बिस्तर पर बैठ गयी , भाभी ने पहले उसके पैरो में मेहँदी लगाई और फिर उसके हाथो की उंगलियों पर मेहँदी लगाकर वही बैठ गयी।
“अच्छा भाभी आपसे एक बात पुछे”,शगुन ने कहा
“अरे हां दी पूछिए ना”,भाभी जो की बड़ी ही हसमुख और खुशमिजाज थी उन्होंने कहा
“आपकी और भैया की लव मैरिज थी या अरेंज ?”,शगुन ने पूछा
“अरेंज”,भाभी ने मुस्कुरा कर कहा
“तो शादी से पहले आप कभी भैया से मिले या बात नहीं की ?”,शगुन ने कहा
“एक दो बार मिले थे और बात भी बहुत कम हुयी थी क्योकि सगाई के 10 बाद ही शादी थी इसलिए ज्यादा बात नहीं हो पाई पर एक बात बताये शगुन दी शादी के बाद बात करने का अहसास बहुत खूबसूरत होता है ,, ये जो आजकल शादी से पहले ही फोन पर लगे रहते है शादी के बाद उनमे उतनी बातें कहा होती है। पता है हमारी फर्स्ट नाईट पर तो हम दोनों बाते करते करते ही सो गए थे”,भाभी ने हँसते हुए कहा तो शगुन मुस्कुराने लगी
शगुन को मुस्कुराते देखकर भाभी ने कहा,”लगता है आपकी अर्पित जी से बात नहीं होती इसलिए आप ये सब पूछ रही है”
“अरे नहीं भाभी ऐसा कुछ नहीं है , वैसे भी गुड्डू जी बहुत कम बोलते है”,शगुन ने कहा
“क्या गुड्डू जी ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उनका घर का नाम गुड्डू है”,भाभी ने सवाल किया तो शगुन फिर मुस्कुरा उठी और कहा,”हम्म”
“अरे वाह नाम तो बड़ा प्यारा है उनका इंसान भी प्यारे ही होंगे”,भाभी ने हँसते हुए कहा तो शगुन खिड़की से दिखते गंगा घाट को देखते हुए कहने लगी,”हां भाभी प्यारे तो है पर उनकी आँखों में हमेशा एक भोलापन नजर आता है। वैसे तो बहुत कम बोलते है पर जब बोलते है तब दिल करता है बस उन्हें सुनते जाऊ”
“शगुन दी आप तो अभी से उनके रंग में रंगने लगी”,भाभी ने कहा तो शगुन अपने ख्यालो की दुनिया से बाहर आयी और शरमाते हुए कहा,”भाभी”
“अच्छा अच्छा ठीक है वैसे भी हम आपको ज्यादा परेशान नहीं करेंगे , नीचे जा रहे है आपके लिए कुछ भिजवाए”,भाभी ने उठते हुए कहा
“नहीं भाभी थैंक्यू ,, प्रीति नीचे हो तो उसे भेज देना”,शगुन ने कहा तो भाभी वहा से चली गयी।

कानपूर , उत्तर-प्रदेश – हल्दी की रस्म के बाद गुड्डू नहाकर अपने कमरे में चला आया। पिंकी के आने से गुड्डू का मन एक बार फिर बेचैन हो उठा। वह अपने कमरे में यहाँ से वहा घूम रहा था गोलू ने देखा तो कहा,”अरे भैया काहे बैल बने यहाँ से वहा घूम रहे हो ?”
“यार गोलू हमायी समझ में नहीं आ रहा की पिंकिया यहाँ काहे आयी थी ?”,गुड्डू ने एकदम से गोलू के सामने आकर कहा
“अच्छा उह्ह छिपकली की वजह से परेशान हो तुमहू इतना , अरे छोडो उसे उह ना बस तुम्हाये जले पर नमक छिड़कने आयी रही”,गोलू ने कहा
“यही तो हम नहीं चाहते ना गोलू जब प्यार नहीं है हमसे तो फिर काहे बार बार चली आती है उह हमारे सामने”,गुड्डू ने कहा तो उसकी नजर गोलू के कपड़ो पर गयी और उसने कहा,”और तुमने इह का हाल बना रखा है ? इह हल्दी काहे लगाए हो अपने कपड़ो पर ?”
गोलू पहली बार शरमाया तो गुड्डू ने कहा,”अबे काहे इतना चिरिया रहे हो बे ? बताओगे हुआ का है ?”
“अरे भैया कुछो नहीं हुआ बस ऐसे ही तुम्हायी हल्दी थी तो थोड़ा हम भी लगा लिए खुद को , अब दूल्हे के दोस्त है इतना तो हक़ बनता है और वैसे हमने सूना है की शादी की हल्दी लगे ना तो शादी का बैंड जल्दी बजता है”,गोलू ने कहा
“अबे काहे मौत को बुलावा दे रहे हो , शादी का दुसरा नाम है ही बर्बादी है,,,,,,,,,,,,,,,,छोडो तुम नहीं समझोगे”,गुड्डू ने कहा
“अरे भैया हम सब समझ रहे है और तुमहू ना इह मुंह मत लटकाओ ऐसे बिल्कुल अच्छे नहीं लगते”,गोलू ने कहा
“अच्छा तो हमको वैसे भी नहीं लग रहा है गोलू , पिताजी ने पिंकी को जरूर देखा होगा अब वो हमे सुनाएंगे”,गुड्डू ने बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“तुमहू चिंता ना करो भैया पिंकिया ने आकर तुम्हाये सीने में आग लगायी है ना तुमहू देखना बदला जरूर लेंगे”,गोलू ने सोचते हुए कहा
“क्या करोगे बे ?”,गुड्डू ने पूछा
“अरे भैया तुम चिल करो हम संभाल लेंगे सब”,गोलू ने चौडाते हुए कहा
गुड्डू बस गोलू की शक्ल देखता रहा और सोचता रहा की अब ये कोई नया कांड ना कर दे !

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संजना किरोड़ीवाल

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