मनमर्जियाँ – 29
Manmarjiyan – 29
गुड्डू के हाथो में शगुन का हाथ था और दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। गुड्डू को होश आया तो उसकी तंद्रा टूटी और उसने शगुन के हाथ से अपना हाथ हटा लिया। शगुन का दिन धड़क रहा था उसने अपनी चैन निकालने की कोशिश की तब तक गुड्डू अपनी सांसे रोककर खड़ा था। किसी लड़की का इतना करीब होना वह पहली बार महसूस कर रहा था। विनोद जी , चाची और प्रीति गाड़ी में बैठ चुके थे ,, प्रीति ने खिड़की से गर्दन बाहर निकाली और कहा,”अरे दी चलो क्या यही रहने का इरादा है ?”
प्रीति की बात सुनकर शगुन ने जल्दी से चैन निकाली और आकर गाड़ी में बैठ गयी। गुड्डू ने चैन की साँस ली। प्रीति ने गुड्डू और वेदी को हाथ हिलाकर बाय कहा। विनोद जी की गाड़ी वहा से निकल गयी , उनके जाने के बाद गुड्डू की जान में जान आयी। मिश्रा जी उसके पास आये और कहा,”तुमहू कहो तो तुम्हारा भी मंदिर बनवा दे हिया”
“काहे ?”,गुड्डू ने हैरानी से कहा
“मूर्ति बनके जो खड़े हो हिया , घर नहीं जाना है ?”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू झेंप गया और अपने बालो को सही करते हुए आगे बढ़ गया। मिश्रा जी ने देखा तो खीजते हुए कहा,”किसी दिन तुम्हाये बाल ही कटवा देने है मैंने”
गुड्डू आकर गाड़ी में आगे बैठ गया। मिश्रा जी वेदी और मिश्राइन के साथ पीछे आ बैठे और ड्राइवर से चलने को कहा। ड्राइवर कोई और नहीं बल्कि मिश्रा जी के शोरूम पर काम करने वाला लड़का ही था। मिश्रा जी ने उसे घर चलने को कहा और फिर मिश्राइन की और पलटे,”चलो सब अच्छा हुआ मिश्राइन सब अच्छे से निपट गवा। अब कल पंडित जी को घर बुलाकर आगे के कार्यक्रम के बारे में विचार कर लेंगे ,, आखिर शादी में दिन ही कितने बचे है”
शादी का नाम सुनते ही गुड्डू के माथे से पसीना टपकने लगा , आज एक दिन शगुन के साथ रहकर वह इतना परेशान था कुछ दिन बाद तो शगुन परमानेंट उसके साथ रहने आने वाली है। गुड्डू परेशान सा खिड़की से बाहर देखने लगा। कुछ देर बाद गाड़ी घर के सामने आकर रुकी और सभी अंदर चले आये। मिश्रा जी से नजरे बचाकर गुड्डू जैसे ही ऊपर जाने लगाए मिश्रा जी ने आवाज लगायी,”गुड्डू हिया आओ”
“लग गए”,गुड्डू बुदबुदाया और पलटकर मिश्रा जी के सामने आ खड़ा हुआ तो मिश्रा जी ने कहा,”बेटा तुमहू खुद को का समझते हो मतलब तुमको लगता है तुम्हारे बाप है बेवकूफ ,, नई,,,,,,,,,,,,,,,,,,बाप से बकैती करोगे ना बेटा तो मुंह की खाओगे का समझे,,,,,,,,,,,,,,,,,वहा सब तुम्हारा इंतजार कर रहे है और तुमहू हो के फोन का बहाना बना के खिसकने की सोचे , देखो बेटा पुरे कानपूर में खबर फ़ैल गयी है की चार हफ्ते बाद मिश्रा जी के लौंडे की सादी है , बेंड बाजे वालो से लेकर दरजी तक सबको एडवांस मिल चुका है इसलिए जियादा रंगबाज बनने की कोशिश ना करो और अपना ब्याह इंजॉय करो”
गुड्डू चुपचाप सुनता रहा और फिर कहा,”हमे शादी नहीं करनी है”
“तुमहू शगुन बिटिया में एक कमी बता दो हम नहीं करवाएंगे शादी”,मिश्रा जी ने गुड्डू को खुला चेलेंज दे डाला।
गुड्डू सोचने लगा क्योकि उसके हिसाब से शगुन में तो कमी थी ही नहीं , उसे चुप देखकर मिश्रा जी ने कहा,”का हुआ समझ में नहीं आ रहा ना कुछो , कमी होगी तो निकालोगे ,, अरे हीरा ढूंढकर लाये है तुम्हारे लिए पर नहीं तुमको तो गोबर में मुंह मारना है”
गुड्डू ने सूना तो खीजते हुए कहा,”आप पिंकिया को इनडायरेक्टली गोबर बोल रहे है”
“नहीं हम तुमको बैल बोल रहे है , शगुन नैन नक्श में तुमसे अच्छी है , पढाई में तुमसे बेहतर है , संस्कारो की कोई कमी नहीं है उसमे , और बात करना तो कोई उस से सीखे ,, कितनी शालीनता से बात करती है और तुम ससुरे जब देखो तब काटने को दौड़ते हो”,मिश्रा जी ने कहा तो गुड्डू ने मुंह बना लिया।
मिश्रा जी ने गुड्डू से बहस करना बेकार समझा और कहा,”पिंकिया का ख्याल ना अपने दिमाग से निकाल दो बेटा और शगुन पर ध्यान दो !
गुड्डू मिश्रा जी की बात सुनकर वहा से चला गया। अपने कमरे में आया और आकर सीधा बिस्तर पर गिर गया। दिनभर की भागदौड़ में गुड्डू बुरी तरह थक चुका था। गुड्डू अभी लेटा ही था की गोलू का फोन आया और गुड्डू ने फोन कान से लगाते हुए कहा,”हां बे गोलू”
“भैया कैसी रही भाभी के साथ फर्स्ट मेरा मतलब सेकेण्ड मीटिंग ?”,गोलू ने कहा
“मिश्रा जी ने अभी अभी हमायी बजायी है , और ज्यादा बोले ना गोलू तो तुम्हायी हम बजा देंगे बता रहे है”,गुड्डू ने कहा
“अरे तुम्हारे बाप का तो रोज का है उन्हें छोडो इह बताओ भाभी कैसी लगी तुमको ? कुछो बात वात की उनसे की बस ऐसे ही जाने दिया ,, हमहू भी आना चाह रहे थे पर का करे अम्मा को लेकर घूम रहे थे आज तो हम”,गोलू ने अपना दुखड़ा सुनाया
“बहुत घूरती है उह हमको”,गुड्डू ने कहा
“कौन ?”,गोलू ने पूछा
“अरे वही शगुन ,, जब भी देखो हमे घूरती रहती है”,गुड्डू ने कहा
गुड्डू की बात सुनकर गोलू हसने लगा और कहा,”अरे भैया उसको घूरना नहीं कहते प्यार से देखना कहते है , अब का पता भाभी को तुमको फर्स्ट टाइम वाला लब हो गया हो , इसलिए देख रही होगी प्यार से और फिर आज तो तुमहू कतई जहर बनके गए रहय भाभी का कोई भी देखेगी तो पगला जाएगी”
“भक्क बे ! ऊपर से उसकी बहन इतना परेसान करती है ना दिल करता है एक रख के दे कंटाप”,गुड्डू ने कहा
“ए गुड्डू भैया नहीं नहीं नहीं इह गलत बात है प्रीति जी को कुछो नहीं कहना यार नया नया क्रश है हमारा उनपर”,गोलू ने कहा
“गोलू भेजा खराब है तुम्हारा जो उस से रिश्ता बनाने की सोच रहे हो”,गुड्डू ने कहा
“अरे भैया छोडो इह सब तुमहू इह बताओ भाभी को कोनो गिफ्ट विफ्त दिए के ऐसे सूखे में निपटा दिए ?”,गोलू ने बात बदलते हुए कहा
“हमने कहा दिया बड़के मिश्रा जी होय रहय मेहरबान उनपर सोने का चैन दिया है उनको तोहफे में ,, जितना खरचा 24 साल में हमाये ऊपर नहीं किये ना उतना एक ठो दिन में कर दिए है उन पर पता नहीं कोनसी माता चढ़ गयी है पिताजी पे ,,, हम साला 500 रूपये भी मांगे तो 100 ताने सुनने के बाद मिलता है”,गुड्डू ने कहा
“अरे भैया मिश्रा खानदान की होने वाली बहू है इतना खर्चा तो करना बनता है यार ,, अच्छा भाभी ने कोई तोहफा नहीं दिया तुमको”,गोलू ने कहा
गुड्डू की नजर अपने हाथ पर गयी जिसमे शगुन का दिया हुआ कडा था। गुड्डू को उसे देखते ही खुन्नस चढ़ी और उसने कहा,”गोलू दो मिनिट होल्ड करना तुम” कहकर गुड्डू ने फोन साइड में रखा और उस कड़े को निकालने की कोशिश करने लगा पर वह कडा तो जैसे गुड्डू के हाथ में फिट हो गया था। नहीं निकला तो गुड्डू ने फोन उठाकर कान से लगाया और रोआंसा होकर कहा,”यार इह तो हमाये हाथ से निकल ही नहीं रहा है”
“का ? अच्छा अच्छा ,मतलब भाभी ने तुमको कडा गिफ्ट किया है ,,, अरे जिओ राजा लेकिन तुम उसे निकाल काहे रहे हो ?”,गोलू ने कहा
“का है के हमे नहीं पहनना इह सब”,गुडडू ने कहा
“गुड्डू भैया,,,,,,,,,,,,,,ए गुड्डू भैया,,,,,,,,,,,,,,तुमहू ना यार सच्ची में बड़े अजीब हो मतलब जिनको तुम्हायी कदर नहीं उनके पीछे साला तुमहू अपना इतना वक्त बर्बाद किये और आज जब तुम्हारी कदर करने वाली कोई तुम्हारे सामने है तो तुमको अहसास तक नहीं ,,, और एक ठो बात बताये भाभी ने ना उह कड़ा बहुते प्यार से लिया होगा तुम्हाये लिए इसलिए उनकी भावना जुडी है इस से और अब इह जुड़ गवा है तुमसे। आज तुमको इह सब बाते समझ नहीं आ रही है पर जैसे जैसे समझ आएँगी ना देखना प्राउड फील करोगे एक दिन”,गोलू ने कहा
“यार गोलू एक ठो बात बताओ तुम और हमाये पिताजी एक ही स्कूल से पढ़े हो का ?”,गुड्डू ने अजीब सा सवाल किया
“नहीं तो , काहे ?”,गोलू को भी गुड्डू का सवाल समझ नहीं आया तो उसने पूछा
“का है ना तुम और हमाये पिताजी एक जैसा ज्ञान पेलते हो ,,,,साले तुमहू हमाये दोस्त हो दोस्त बनके रहो हमाये बाप बनने की कोशिश ना करो”,गुड्डू ने गोलू को फटकार लगाते हुए कहा तो गोलू ने मिमियाते हुए कहा,”अरे भैया हमहू तो बस ऐसे ही , लगता है तुमहू बहुत थक गए हो हम सुबह आकर मिलते है , शुभरात्रि”
गोलू ने फोन काट दिया। गुड्डू ने जूते निकाले और वापस लेट गया। हाथ में पहने कड़े को अपनी आँखों के सामने करके देखने लगा और कुछ देर बाद सो गया। रात 9 बजे मिश्राइन खाना लेकर ऊपर आयी तो देखा गुड्डू सो चुका है उन्होंने पास पड़ी कम्बल गुड्डू को ओढ़ाई और प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा,”सो गया हमारा बच्चा , थक गया। अब बस शगुन आकर इसे सम्हाल ले और का पता तब तक मिश्रा जी का गुस्सा भी कम हो जाये”
गुड्डू को चैन से सोया पकार मिश्राइन ने उसे उठाना सही नहीं समझा और खाने की प्लेट लेकर वापस नीचे चली आयी।
गाड़ी में खिड़की के शीशे से सर लगाए शगुन सोच में डूबी हुई थी , प्रीति और चाची सो चुकी थी। चाचा जाग रहे थे और ड्राइवर से बातें कर रहे थे। शगुन की आँखों के आगे गुड्डू के साथ बिताये पल एक एक करके आँखों के सामने आते जा रहे थे। आज दिनभर में शगुन ने गुड्डू को एक बार भी मुस्कुराते हुए नहीं देखा था और यही वजह थी की शगुन थोड़ा उलझन में थी की आखिर गुड्डू के दिल में क्या था ? रात के 11 बजे ड्राइवर ने गाड़ी एक ढाबे पर रोक दी। विनोद ने सबको नीचे उतरने को कहा। शगुन नीचे उतरी और मुंह धोने नल की और चली आयी , उसने मुंह धोया और अपने दुपट्टे से पोछने लगी। प्रीति अंगड़ाई लेते हुए उसके सामने आयी शगुन को थोड़ा खोया हुआ देखकर प्रीति ने कहा,”क्या हुआ दी ? आप कुछ अपसेट लग रही है”
“कुछ नहीं प्रीति बस ऐसे ही”,शगुन ने कहा
“कही जीजू को तो मिस नहीं कर रही”,प्रीति ने मुस्कुरा कर कहा तो शगुन फीका सा मुस्कुरा दी। शगुन की ये मुस्कुराहट प्रीति को कही चुभी तो उसने कहा,”दी बताओ ना क्या हुआ ?”
“प्रीति आज गुड्डू जी के साथ बहुत वक्त बिताने को मिला अच्छा भी लगा लेकिन दो बाते हमे परेशान कर रही है”,शगुन ने कहा जो प्रीति से ज्यादा देर तक कोई बात छुपाकर नहीं रखती थी।
“वो क्या ?”,अब प्रीति को भी थोड़ी सी चिंता हुई
“पहली तो ये की गुड्डू जी बहुत कम बोलते है और दुसरा मैंने आज एक बार भी उन्हें मुस्कुराते हुए नहीं देखा , जो ख़ुशी मेरे चेहरे पर थी वो उनके चेहरे पर नहीं थी”,शगुन ने कहा तो प्रीति ने कहा,”अरे दी आप भी ना यार कमाल करती हूँ , गुड्डू जीजू आपको इसलिए तो पंसद आये थे की वो कम बोलते है और रही बात ख़ुशी की तो जीजू खुश थे वो तो अंकल जी ने उनकी रेल बना रखी थी कभी यहाँ कभी वहा बेचारे थक गए थे , उन्हें देखकर लगता नहीं उन्होंने कभी इतना वक्त फॅमिली के साथ बिताया होगा। वैसे भी अभी तुम दोनों में बात कहा हुई है ? शादी के बाद जब साथ रहोगे तो वो भी होने लगेगी,,,,,,,,,,,,!!
“लेकिन प्रीति,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने कहना चाहा लेकिन प्रीति ने बीच में ही रोक दिया और कहने लगी,”क्या दी फालतू इन दो बातो की वजह से आपने उन पलो पर तो ध्यान ही नहीं दिया जो की खास थे , याद करो जीजू को तुम्हारा दिया कडा इतना पसंद आया की उन्होंने उसे तुरंत पहन लिया। हर जगह आज वो आपके साथ साथ थे हां थोड़ा सा कम बोलते है शायद हम लोगो के साथ कम्फर्ट होने में थोड़ा टाइम लगे पर सच कहु तो गुड्डू जीजू बहुत अच्छे है,,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए मेरी प्यारी बहन ये सब छोडो और उन अच्छे पलो को याद करो जो आज तुमने जीजू के साथ बिताये है”
“हम्म्म”,शगुन मुस्कुरा दी और चाचा चाची के पास चली आयी
“चाय पियोगी बेटा ?”,चाचा ने पूछा
“हम्म्म”,शगुन ने हां में गर्दन हिला दी और वही पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी। चाचा ने चाय के साथ कुछ नाश्ता भी आर्डर कर दिया। शगुन सामने बैठे कपल को देखने लगी। लड़की ने हाथो में लाल चूड़ा पहना हुआ था , गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर शायद उनकी शादी अभी कुछ दिनों में ही हुई थी। लड़का बड़े प्यार से लड़की को अपने हाथो से खिला रहा था और लड़की मुस्कुराते हुए प्यार से लड़के को निहार रही थी। शगुन ने अपनी कोहनी टेबल पर टिकाई और अपना हाथ गाल से लगा लिया। उस कपल को देखने में वह इतना खो गयी की उसे उस कपल में गुड्डू और शगुन दिखाई देने लगे थे। हुडी पहने हुए गुड्डू बहुत क्यूट लग रहा था और लाल चूड़ा पहने शगुन भी बहुत प्यारी लग रही थी। उन्हें देखते हुए शगुन के होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी। प्रीति ने आकर शगुन के कंधे पर हाथ रखा तो उसकी तंद्रा टूटी और वह ऐसे चौंकी जैसे किसी ने उसकी चोरी पकड़ ली हो।
“क्या हुआ दी आप ऐसे स्माइल क्यों कर रही थी ?”,प्रीति ने शगुन की बगल में बैठते हुए पूछा
“प्रीति वो सामने बैठा कपल कितना प्यारा है ना”,शगुन ने कहा
“हम्म्म्म एवरेज है , लड़का थोड़ा मोटा है और लड़की छिपकली ,, पता नहीं लोग ऐसी जोडिया क्यों बना लेते है ? मुझे तो आपकी और जीजू की जोड़ी बेस्ट लगती है , ना किसी में कम ना किसी में कुछ ज्यादा परफेक्ट कपल”,प्रीति ने चाय का कप उठाकर पीते हुए कहा
“तुम तो कुछ ज्यादा ही इम्प्रेस हो गयी हो गुड्डू जी से ,, नई”,शगुन ने कहा तो प्रीति ने कहा,”ओहो क्या बात है जलन हो रही है आपको , कही नहीं लेकर जा रही मैं आपके गुड्डू जी को”
“मजाक कर रही हूँ पागल , मैं तो चाहती हूँ की तुम दोनों के बीच एक अच्छा बांड रहे”,शगुन ने कहा
“अरे वो तो मैं बना ही लुंगी ,, आप कुछ खाओगी ?”,प्रीति ने पूछा
“नहीं तुम खा लो मैं सिर्फ चाय पिऊँगी”,कहते हुए शगुन ने चाय का कप उठाया और पिने लगी !!
सुबह गुड्डू देर से उठा और आँखे मसलते हुए निचे आया। निचे आकर मुंह धोया ब्रश किया और आकर आँगन में बैठ गया। लाजो गुड्डू को चाय देकर चली गयी अभी गुड्डू ने एक घूंठ ही भरा था की मिश्रा जी की आवाज उसके कानो में पड़ी वो भी गुस्से में,”गुड्डू , गुड्डू”
गुड्डू ने कप टेबल पर रखा और उठकर तुरंत भागा मिश्रा जी के पास और कहा,”जी जी पिताजी” अंदर ही अंदर गुड्डू की जान हलक में अटकी थी की अब उस से क्या गड़बड़ हो गयी ? गुड्डू को अपने सामने देखकर मिश्रा जी का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने गुड्डू से पूछा,”बेटा उह तुम्हारे रिजल्ट का का हुआ ?”
“रिजल्ट तो अभी लेट आने वाला है ना पिताजी”,गुड्डू ने डरते डरते कहा
“आने वाला है नहीं आ चुका है और तुमहू बेटा फिर से फ़ैल हो गए हो”,मिश्रा जी ने गुड्डू को घूरते हुए कहा
गुड्डू ने सूना तो सांसे ऊपर चढ़ गयी , पहले से उसके गले पर शादी नाम की तलवार लटकी हुयी थी अब तो उस से गुड्डू का कटना तय था। मिश्रा जी गुड्डू को घूर ही रहे थे की गोलू आया और कहा,”भैया रिजल्ट आ गवा और तुमहू फिर से फ़ैल हो गए”
मिश्रा जी गोलू की और पलटे और कहा,”अच्छा तुमहू तो खुशखबरी ऐसे बताय रहे हो जैसे बहुत बड़ा मैडल जीत के आये है साहबजादे , सब तुम्हायी संगत का असर है”
“अरे चचा हम का किये हम तो खुद फ़ैल हो गए है , हम का करे ?”,गोलू ने मासूमियत से कहा
“एक ठो काम करो बेटा उह बाटा की चप्पल दिख रही है तुमको ज़रा उह्ह लेकर आओ बताते है का करना है”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू चप्पल लेने चल पड़ा और गुड्डू ने अपना सर पिट लिया
क्रमश – Manmarjiyan – 30
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संजना किरोड़ीवाल
Nice …bata ki cha ppal ..😂
very nice
मैम मिश्रा जी और गोलू की बातें इतनी मजेदार होती हैं…कि गुड्डू की वाट लग जाती हैं…खैर पिंकीया का तो असली रूप गुड्डू देख चुका हैं…अब शगुन का ख्याल तो उसके दिमाग में आयें😊 lajwab part👌👌👌👌👌
Awesome part
लगता है आज मिश्रा जी गुड्डू और गोलू दोनों को ही चप्पल 👞से चलाएंगे 🤣🤣🤣सही कहा मिश्रा जी ने पिंकिया गोबर ही तो है जिसने खामखां गुड्डू के लाइफ में गंद मचा रखी है………
Hahahaha….Bechare guddu ji phir fail ho gaye…..
Itne smart hokar bhi babuji ki BATA KI CHAPPAL hi milti hai🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Very beautiful
Uhh baata ki chappal se Mishra ji ka karenge Kya nhi ye to nhi pata lekin chhote Mishra ji ab golu bhaiya ko chodne vale nahi h …u ka h na ki golu bhaiya ji Kar diya h unka dimag kharab to ab ye to gye
very nice
Gjb
Guddu to sach m jhalaa hai…Kuch samaj he bhi h usse…Jab dekho tab sabse preshani…Shadi kab ho rhi hai guddu kI
Ab guddu ke sath mishra ji kya Karenge guddu ki to band baj gayi 😂🤣
Loo shadi bad me phlee sutai krwa lo bata ki chappal se🤣🤣🤣
Hahaha😂😂 golu ur mishra ji ki bate 😜😜
Bechara golu 😀😀😀😀😀