Main Teri Heer Season 5 – 54
Main Teri Heer Season 5 – 54

ड्राइवर सीट पर बैठे लड़के को जब भूषण ने देखा तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया और आँखों मे बेचैनी के भाव तैरने लगे। मुन्ना के बगल में ड्राइवर सीट पर बैठा लड़का कोई और नहीं बल्कि राजन यादव था। भूषण के लिए ये अब तक का सबसे बड़ा झटका था। राजन मुन्ना की दोस्ती के बारे में वह जानता था लेकिन राजन उसे छोड़कर मुन्ना को चुनेगा ये उसने सोचा नहीं था। हैरान परेशान सा भूषण जीप से नीचे उतरा और राजन को देखने लगा।
मुन्ना के चेहरे पर कोई भाव नहीं थी वह बस ख़ामोशी से भूषण को देख रहा था। मुन्ना ने गर्दन घुमाकर राजन की तरफ देखा तो राजन जीप से नीचे उतरा और भूषण की तरफ बढ़ गया। जैसे जैसे राजन भूषण की तरफ बढ़ रहा था भूषण के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी , वह बस खुद को यकीन दिलाने की कोशिश कर रहा था कि राजन मुन्ना के साथ है। राजन भूषण के सामने आ खड़ा हुआ और एकटक उस देखने लगा
राजन को मुन्ना के साथ देखकर भूषण गुस्सा भी था उसने कठोरता से कहा,”हमहू सपने मा भी नाही सोचे थे राजन भैया आप हमरे साथ इत्ता बड़ा धोखा करोगे , अरे हमहू तो आपको अपना बड़ा भाई माने थे और आप हमाये दुश्मन का हाथ पकड़ लिए,,,,,,,,बहुत सही राजन भैया बहुते सही बख्त पर छुरा घोंपे हो हमायी पीठ मा”
राजन ने भूषण को देखा और खींचकर एक तमाशा उसके गाल पर रसीद कर दिया। भूषण हैरान रह गया साथ ही उसके लड़के भी सकते में आ गये। मुन्ना जीप से नीचे उतरा , पीठ बोनट से लगाकर खड़ा हुआ और जेब से सिगरेट निकालकर होंठो के बीच रख ली। उसने सिगरेट जलाई और पीने लगा , आँखों पर चश्मा था और इस वक्त मुन्ना आम दिनों से ज्यादा आकर्षक और आत्मविश्वास से भरा नजर आ रहा था।
भूषण ने अपना हाथ गाल से लगाए एक नजर मुन्ना को देखा और गुस्से से भरकर राजन से कहा,”उह्ह मुन्ना से हाथ मिलाय के आप हम पर हाथ उठाय रहय राजन भैया , अपने दोस्त पर,,,,,,,,,,,!!”
भूषण के मुंह से दोस्त शब्द सुनकर राजन की आँखों में गुस्से के भाव तैर गए और उसने भूषण को घूरते हुए कहा,”जबान खींच लेंगे तुम्हायी अगर तुमने खुद को हमारा दोस्त कहा , दोस्त बनकर तुमहू धोखा दिये हो हमे , झूठ बोले हो हम से”
“धोखा ? झूठ ? अरे हमहू आपको धोखा देने का कबो सोच भी नही सकते , हमहू आपसे झूठ काहे कहेंगे ?”,भूषण ने घबराहटभरे स्वर में कहा
राजन ने भूषण की आँखों में देखा और कहा,”जोन लड़की से तुमहू हमको मिलाये थे उह राजदुलारी नाही थी”
राजन ने जैसे ही कहा भूषण का दिल धड़कने लगा , उसके चेहरे पर पसीने की बुँदे छलकने लगी और आँखों में बेचैनी साफ़ नजर आ रही थी फिर भी भूषण ने राजन के सामने मासूम बनते हुए कहा,”अरे भैया नाही ! आपको कोनो ग़लतफ़हमी हुई है , उह आपकी राजदुलारी ही थी आपसे जे किसने कहा ?
जरूर उह साला रमेशवा कहा रहा होगा ,, ओह्ह को लात मारकर अपने ग्रुप से बाहिर किये थे ना तो साला बदला ले रहा है हमसे,,,,,,,,,,,,हमरा यकीन कीजिये भैया उह राजदुलारी ही थी”
राजन ने सुना तो खींचकर एक थप्पड़ भूषण को मारा राजन के थप्पड़ से भूषण नीचे जा गिरा। राजन ने गुस्से से चिल्लाकर कहा,”उह राजदुलारी नाही थी , एक मरा हुआ इंसान वापस कैसे आ सकता है ?”
नीचे गिरे भूषण ने सुना तो उसे दूसरा झटका लगा। जिस राजदुलारी के प्यार में राजन था वो तो इस दुनिया में थी ही नहीं,,,,,,,,भूषण शर्मिंदगी से सर झुकाये उठा और जैसे ही राजन से कुछ कहने को हुआ राजन ने उसे गुस्से देखकर कहा,”एक शब्द नाही बोलना भूषणवा , साला हमहू तुमको अपना दोस्त समझे रहे और तुमहू हमायी भावनाओ से खेल गए ,
तुमने जब राजदुलारी से मिलने की बात कही तब साला एक पल को तो हमे भी लगा जैसे हमाये लिए उह वापस इह दुनिया मा आ गयी है पर अगले ही पल हमहू जे बहम से बाहिर आय गए लेकिन तुमने तुमने हमाये दिल से , हमायी भावनाओ से खेला उह्ह भी सिर्फ एक इलेक्शन टिकट के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,अरे हमसे कहे होते साला हमहू तुमको बिना इलेक्शन के इह शहर मा विधायक बनवा देते लेकिन इत्ती नीच हरकत करोगे हमहू सोचे ना थे।
अरे तुमसे अच्छा तो उह्ह मुन्ना है जोन हमायी ख़ुशी मा खुश और दर्द मा मरहम पट्टी कर दिए,,,,,,,,,और तुम , तुमहू दोस्त होकर अपने लड़के को छुरा लेकर भेज दिए मुन्ना को मारने,,,,,,,,,,!!”
राजन की बात सुनकर भूषण का चेहरा सफ़ेद पड़ गया , उसके लड़के भी घबरा गए कि राजन को ये बात कैसे पता ? मुन्ना ने सुना तो आँखों से चश्मा हटाया और राजन की तरफ देखा तो राजन ने कहा,”हाँ मुन्ना ! उह शाम तुमको मारने का पूरा पिलान था भूषण का अगर हमहू बख्त पर छुरा अपने हाथ से नाही रोके होते तो आज तुमहू ज़िंदा नाही होते”
मुन्ना ने सुना तो कठोर भाव के भूषण को देखा और उसकी तरफ बढ़ गया। भूषण डर से थर थर काँप रहा था , उसे लगा वह बिना सामने आये सब आसानी से खत्म कर देगा। राजन को नकली राजदुलारी से मिलाकर उसका खास बन जाएगा और मुन्ना को खत्म करके हमेशा के लिए बनारस का विधायक बन जाएगा लेकिन उसके साथ उलटा हो गया।
मुन्ना आकर राजन के बगल में खड़ा हो गया और भूषण की तरफ देखकर कहा,”तुमहू ना दोस्ती ढंग से निभा पाए ना ही दुश्मनी , हमारे साथ तुमने जो किया उस से हमे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा पर तुमहू अपने ही दोस्त को धोखे मा रखकर ओह्ह की नजरो से गिर गए,,,,,,,,शुक्र मनाओ आज हम अच्छे मूड में है भूषण वरना आज तुमहू अपने पैरो पर तो घर नाही जाने वाले थे”
राजन बस भूषण को घूरे जा रहा था। मुन्ना ने देखा उसे पार्टी हॉउस जाने में देरी हो रही है तो उसने चश्मा आँखों पर लगाया और राजन के कंधो पर बांह डालकर उसे वहा से ले जाने लगा। चलते चलते मुन्ना पलटा और भूषण से कहा,”पार्टी हॉउस मा मिलते है , असली हार तो अभी देखनी बाकी है ना भूषणवा”
भूषण गुस्से का कड़वा घूंठ निगल गया , मुन्ना मुस्कुराया और राजन के साथ अपनी जीप की तरफ बढ़ गया।
“भूषण भैया जाने काहे दिया उह्ह मुन्ना को , जे लयो कट्टा और उतार दयो इह की 6 की 6 गोलियां ओह्ह के भेजे मा”,भूषण के एक लड़के ने उसके पास आकर गुस्से और नफरत भरे स्वर में कहा
भूषण ने लड़के का हाथ नीचे किया और ना में गर्दन हिला दी। राजन जीप में ड्राइवर सीट पर बैठा और मुन्ना उसके बगल में , राजन ने जीप आगे बढ़ाई और भूषण के बगल से निकालकर ले गया।
भूषण चोट खाये शेर की भांति वही खड़ा जाती हुई गाड़ियों को देखता रहा। जब सब गाड़िया चली गयी तो भूषण के साथ खड़े लड़के ने गुस्से से कहा,”जे का भूषण भैया ! काहे नाही मारे ओह्ह मुन्ना को ? उह सामने था काहे ओह्ह का काम खत्म नाही कर दिए,,,,,,,का डर गये का आप मुन्ना से ?”
लड़के के आखरी शब्द सुनकर भूषण ने लड़के के हाथ से कट्टा छीना और एक घुसा लड़के को मारा लड़का नीचे जा गिरा।
भूषण आया और कट्टा उस पर तानकर कहा,”डरते तो हमहू अपने बाप से भी नाही पर साला दोस्ती बीच मा गयी , देखा ना तुम सबने जिस राजन भैया के लिए हमहू अपनी पूरी जवानी दे दिए उह साला एक ठो गलती पर हमे सबके सामने थप्पड़ मार दिए ,, हमको ओह्ह के थप्पड़ का दुःख नाही है दुःख बस इह बात का है कि उह थप्पड़ हमे मुन्ना के सामने मारे , उह्ह बख्त उह मुन्ना के चेहरे पर जो ख़ुशी हमहू देखे है हमारा कलेजा चीरने के लिए काफी था,,,,,,,,,,,,अपने अपमान का बदला भी लेंगे और ससुरे मुन्ना को भी मारेंगे और सबके सामने मारेंगे,,,,,,,,,
इलेक्शन का रिजल्ट आना अभी बाकी है ओह्ह के साथ ही हमहू तय करेंगे मुन्ना की किस्मत,,,,,,,,,,,!!”
इतना कहकर भूषण ने ट्रिगर दबा दिया और लड़के ने डरकर अपनी आंखे बंद कर ली लेकिन अगले ही पल उसे अहसास हुआ कि गोली उसे नहीं लगी है। उसने आँखे खोली तो देखा भूषण का हाथ ऊपर आसमान में है , वो गोली आसमान में चली थी। भूषण जीप की तरफ बढ़ गया और गुस्से से कहा,”चलो बे”
होटल सारथी , मुंबई
अपने नए ऑफिस की मीटिंग सारिका ने होटल सारथी में रखी थी जहा काफी लोग आये थे। नई कम्पनी के शेयर होल्डर्स थे , नवीन था , कुछ पुराने ऑफिस के लोगो को भी सारिका ने इन्वाइट किया था। सब अच्छे से चल रहा था। मीटिंग के बाद सबके लिए लंच सारिका ने इसी आलिशान होटल में रखवाया था। नवीन चूँकि अब भी खुद को सारिका का मैनेजर समझता था उसने सारिका से कहा,”मैडम शेयर होल्डर्स के लिए बस 10 मिनिट की आपकी एक स्पीच है आप वो कम्प्लीट कीजिये मैं लंच का अरेंजमेंट करवाता हूँ”
नवीन जैसे ही जाने लगा सारिका ने उसे रोककर कहा,”नवीन ये सब काम मैनेजर देख लेगा आप रुकिए,,,,,,,वैसे भी आप जायेंगे तो कम्पनी का एक शेयर होल्डर हमारी स्पीच सुन नहीं पायेगा”
“मैं कुछ समझा नहीं मैडम,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा
“आज से आप भी इस कम्पनी में शेयर होल्डर है मिस्टर नवीन शर्मा”,सारिका ने सधे हुए स्वर में कहा
नवीन ने सुना तो हैरानी से कहा,”ये सब क्या है मैडम ? मैं और आपकी कम्पनी में शेयर होल्डर,,,,,,,,,,,मेरे लिए वही पुरानी पोस्ट सही है मैडम”,नवीन ने आत्मीयता से कहा
सारिका ने नवीन को देखा और कहा,”नवीन आपका अपना बिजनेस है , अपना ऑफिस है हम नहीं चाहते हमारी कपनी के लिए आप अपना सब कारोबार छोड़कर फिर से मैनेजर की पोस्ट सम्हाले इसलिए हमने अपनी कम्पनी के लिए नयी मैनेजर हायर कर ली है।”
“ये सब क्यों मैडम ?”,नवीन ने मायूसी से कहा
“ताकि आप खुद को हमारा मैनेजर समझना बंद करे और कम्पनी के शेयर होल्डर बनकर एक ही टेबल पर हमारे साथ बैठ सके। हमारे बराबर रहेंगे तो आगे फैसले लेने में झिझक भी नहीं होगी,,,,,,,,,!!”,सारिका ने पहेलियाँ बुझाते हुए कहा
“कैसे फैसले मैडम ?”,नवीन अब भी उलझन में था।
“धीरे धीरे समझ आ जायेगा नवीन , स्पीच का टाइम हो गया है चले ?”,सारिका ने सहजता से कहा
“लेकिन लंच का इंतजाम ?”,नवीन ने कहा
“उसकी चिंता मत करो नवीन , इस होटल के मालिक हमारे अच्छे दोस्त है हमने उनके मैनेजर से कह दिया है वे सब इंतजाम कर देंगे,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“ठीक है मैडम”,नवीन ने सारिका के साथ आगे बढ़ते हुए कहा।
“अच्छा नवीन , निशि और वंश शूटिंग से वापस आ गए क्या ? हमे यहाँ टाइम लग जायेगा क्यों ना आप वंश को यही बुला ले फिर हम यही से उसके साथ फ्लेट पर चले जायेंगे। हमारा सामान भी आप वही भिजवा दीजियेगा”,सारिका ने मीटिंग रूम की तरफ कदम बढ़ाते हुए कहा
“मैं वंश को लोकेशन के साथ मैसेज कर देता हूँ मैडम”,कहते हुए नवीन ने अपना फोन निकाला और वंश को होटल लोकेशन और मैसेज कर दिया।
वंश का फ्लेट , मुंबई
नवीन के घर से आने के बाद वंश हॉल में रखे बिस्तर पर आकर गिर गया। ना उसने कपडे बदले ना नहाने गया , सफर में इतना थक चुका था कि गिरते ही नींद आ गयी। दोपहर होते होते वंश की आँख खुली और वह उबासी लेते हुए उठा। प्यास का अहसास हुआ तो उठा और किचन की तरफ जाने लगा। वंश ने प्लेटफॉर्म पर रखी बोतल उठाई और मुंह लगाकर पीने लगा तभी उसके फोन पर मैसेज आया।
“जरूर ये छिपकली का होगा , उसे मेरी याद जो आ रही रही होगी”,वंश ने खुश होकर खुद से कहा और बिस्तर पर कूदकर अपना फोन उठाया और देखा तो उसका मुंह बन गया क्योकि मैसेज निशि का नहीं बल्कि नवीन का था वो भी किसी होटल लोकेशन के साथ। वंश ने मैसेज पढ़कर फोन साइड में रखा और अपना मुंह तकिये में छुपाकर कहा,”अब ये नवीन अंकल को मुझसे क्या चाहिए ? कही ये निशि के साथ दहेज़ में तो नहीं आने वाले , ओह्ह्ह गॉड मैं इन दोनों बाप बेटी को एक साथ नहीं झेल पाऊंगा”
वंश कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा और फिर उठकर नहाने चला गया। तैयार होकर वह नवीन की भेजी लोकेशन पर निकल गया
वंश होटल आया तब तक लंच शुरू हो चुका था। नवीन जूस का गिलास हाथ में लिए वंश की तरफ आया और कहा,”तुम पूरा आधा घंटा लेट हो वंश , तुम्हे थोड़ा पंचुअल होना चाहिए”
वंश ने नवीन के हाथ से जूस का गिलास लिया और कहा,”पंचुअल का पता नहीं लेकिन आपकी बेटी के साथ रहा तो पंचर जरूर हो जाऊंगा”
नवीन ने अपने सामने से गुजरते वेटर की ट्रे से जूस का दूसरा गिलास लिया और उसे जाने का इशारा करके वंश से कहा,”मतलब ?”
वंश नवीन की पलटा और कहा,”आपने मुझे कभी बताया क्यों नहीं कि आपकी बेटी जंगली है”
“क्या बक रहे हो ? मेरी बेटी बहुत स्वीट है सिंसियर है मेच्योर है,,,,,,,,,,पता नहीं वो तुम्हारे प्यार में कैसे गिर गयी ?”,नवीन ने वंश को ताना मारते हुए कहा
वंश ने नवीन को घूरकर देखा और कहा,”ओह्ह्ह्ह मैं ये कैसे भूल गया कि मैं द ग्रेट निशि के ग्रेट फादर से बात कर रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह दोनों बाप बेटी ही पागल है”,वंश ने अपनी गर्दन खुजाते हुए कहा
नवीन की नजर वंश की गर्दन पर पड़ी तो वहा निशान देखकर नवीन ने कहा,”ये तुम्हारी गर्दन पर क्या हुआ ?”
वंश को नवीन को परेशान करने की सूझी तो उसने शर्ट की कॉलर दांतों के बीच दबाकर शर्माने की एक्टिंग करते हुए कहा,”जब एक लड़का लड़की प्यार में हो तो ऐसे निशान पड़ ही जाते है,,,,,,,,,ओह्ह्ह मैं नहीं बताऊंगा मुझे , मुझे शरम आ रही है”
कहकर वंश वहा से चला गया। नवीन ने उसे देखा और कहा,”अह्ह्ह्ह क्या अजीब लड़का है,,,,,,,,,,!!”
नवीन ने जूस का गिलास मुंह से लगाया और जैसे ही एक घूंठ भरा वंश की कही बातो उसके कानों में गुंजी,”आपने मुझे कभी बताया क्यों नहीं कि आपकी बेटी जंगली है”
नवीन के मुंह में भरा जूस सामने खड़े कम्पनी के सबसे बड़े शेयरस होल्डर पर जा उछला
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संजना किरोड़ीवाल


जरूर ये छिपकली का होगा , उसे मेरी याद जो आ रही रही होगी”,वंश ने खुश होकर खुद से कहा और बिस्तर पर कूदकर अपना फोन उठाया और देखा तो उसका मुंह बन गया क्योकि मैसेज निशि का नहीं बल्कि नवीन का था वो भी किसी होटल लोकेशन के साथ। वंश ने मैसेज पढ़कर फोन साइड में रखा और अपना मुंह तकिये में छुपाकर कहा,”अब ये नवीन अंकल को मुझसे क्या चाहिए ? कही ये निशि के साथ दहेज़ में तो नहीं आने वाले , ओह्ह्ह गॉड मैं इन दोनों बाप बेटी को एक साथ नहीं झेल पाऊंगा”
वंश कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा और फिर उठकर नहाने चला गया। तैयार होकर वह नवीन की भेजी लोकेशन पर निकल गया।
🤣🤣🤣 yeh Vansh iss story ka Golu lagta hai kabhi kabhi… matlab ki usne seedha Nishi k papa ko uss love bite k bare m btaya jo asal m hui hee nhi…kamaal hai yeh ladka…lakin Sarika k aage to Vansh bhi seedha aur khush ho jayega…jab dekhega ki uski mom mumbai
m uske sath rahegi…aur ab wo Sarika ko bta dega ki wo Nishi se pyar krta hai…to idhar main soch rhi ki aaj to result ka pta chalega…khar koi nhi kal dekhte hai ki kon Yuva neta election jeeta hai… umeed hai ki Munna jeete…quki agar Bhushan jeeta to fir Munna ko nhi chodega