Main Teri Heer Season 5 – 51

Main Teri Heer Season 5 – 51

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

सुबह बस ठीक होते होते 8 बज चुके थे। वंश को किस करने के बाद निशि शर्म के मारे उस से छुपती फिर रही थी इसलिए वह बस की आखरी सीट पर आकर बैठ गयी और शॉल में लिपटकर सो गयी। वंश जब बस में चढ़ा तो उसने निशि को सबसे आखरी सीट पर सोते देखा। वंश समझ गया निशि उस से दूर भाग रही है इसलिए वह सोती हुयी निशि को देखकर मुस्कुरया और अपनी सीट पर बैठने को हुआ तभी उसकी नजर निशि पर गयी नींद में निशि का सर जैसे ही साइड में गिरने को हुआ वंश ने भागकर अपना हाथ देकर निशि को गिरने से बचा लिया।

उसने निशि के बगल में बैठे लड़के से अपनी सीट पर जाने को कहा और खुद निशि के बगल में बैठ गया। निशि का सर उसने अपने कंधे पर रखा और चेहरे पर आये उसके बालो को साइड कर दिया। रातभर ना सोने की वजह से वंश को भी नींद आ गयी और जो शॉल निशि के इर्द गिर्द थी अब उस शॉल में निशि और वंश दोनों सो रहे थे।  

फिल्मसिटी , मुंबई
बस आकर फिल्मसिटी के बाहर रुकी। सभी एक एक करके बस से उतरने लगे। वंश और निशि बस की लास्ट सीट पर सो रहे थे वो भी मायरा की शॉल में लिपटे। मायरा ने ही निशि को अपनी शॉल ऑफर की थी जब उसने उसे ठण्ड से ठिठुरते देखा। पूरी बस खाली थी बस वंश और निशि ही आखरी सीट पर सो रहे थे और उनके सामने खड़ा सुमित प्यार से दोनों को देख रहा था।

सुमित ने उन दोनों को देखा और धीरे से बड़बड़ाया,”हाह ! पूरा दिन एक दूसरे से झगड़ने के बाद कितना आराम से सो रहे है दोनों,,,,,,,,इन्हे उठाने का दिल भी नहीं कर रहा , ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपनी किसी सुपरहिट सीरीज का रोमांटिक सांग देख रहा हूँ”
“अरे सुमित ! सब उतरे कि नहीं ?”,सुमित के पापा ने ड्राइवर सीट पर बैठते हुए कहा तो सुमित की तन्द्रा टूटी और उसने वंश का कंधा थपथपा कर कहा,”वंश , वंश , वंश उठो सुबह हो गयी है”


वंश के कानो में सुमित की आवाज पड़ी तो वह नींद में कुनमुनाया और बगल में बैठी निशि को बांहो में लेकर उन्मांद भरे स्वर में कहा,”सोने दो ना बड़े भैया ! बाकि का सीन बाद में शूट कर लेना,,,,,,,!!”
वंश ने एकदम से निशि को बांहो में लिया तो निशि जाग गयी उसने जब खुद को वंश की बांहो में देखा तो हैरान रह गयी उसे समझ नहीं आया कि वंश यहाँ क्या कर रहा है ? निशि ने सामने देखा तो सुमित को अपनी ओर देखते पाकर वह और उलझन में पड़ गयी एक पल को तो उसे लगा कि क्या वो सीरीज की शूटिंग पर है ?

निशि ने वंश की बांहो से निकलना चाहा लेकिन वंश की बांहो की पकड़ इतनी मजबूत थी कि निशि वंश की मजबूत बांहो में फंसकर रह गयी। वंश ने निशि को कसमकसाते देखा तो निशि का सर पकड़कर अपनी अपनी गर्दन से लगाया और सर सीट से टीका लिया। सुमित तो बस दोनों को देखे जा रहा था ना उसने वंश को निशि से दूर करने की कोशिश की ना ही निशि को कुछ कहा।


निशि का नाक वंश की गर्दन से जा लगा , वंश की गर्दन की गर्माहट और मेंस डीओ की खुशबु निशि की नाक से होकर गुजर रही थी। निशि ने वंश को जगाने के लिए उसका सीना थपथपाया लेकिन वंश तो जैसे आज नशा करके सोया था उसे फर्क ही नहीं पड़ा। निशि को जब कुछ समझ नहीं आया तो उसने बहुत जोर से वंश की गर्दन पर काट लिया।


एकदम से गर्दन पर दर्द होने की वजह से वंश चिल्लाया और उसकी नींद टूट गयी उसने जब निशि को अपनी बांहो में देखा तो जल्दी से उसे खुद से दूर किया और अपना हाथ गर्दन पर काटी हुई जगह पर रखकर कहा,”तुमने मुझे काटा क्यों ?”
“मैं तो बस तुम्हे नींद से जगा रही थी”,निशि ने अपने चेहरे पर आये बालो को दोनों हाथो से कान के पीछे करके मासूम बनते हुए कहा


“शादी के बाद तुम मुझे ऐसे उठाओगी ? कितनी जोर से काटा है ,, चुड़ैल हो तुम एक नंबर की,,,,,,,,,,शादी के बाद मेरे बिस्तर पर आना नहीं तुम,,,,,,,,आना क्या उस हिटलर से कहूंगा मुझे दहेज़ में 2 बेड चाहिए , तुम्हारा अलग मेरा अलग,,,,,आह्ह्ह्ह कितना दर्द हो रहा है मुझे”,वंश ने रोते हुए कहा

निशि ने सुना तो अपनी आँखों को घुमाते हुए बगल में खड़े सुमित की तरफ देखा। वंश ने देखा सुमित भी वहा तो उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया। वह उठा और कहा,”आप जैसा सोच रहे है वैसा कुछ नहीं है वो तो बस,,,,,,,,,,!!”
“सब बस से नीचे उतर चुके है , तुम दोनों उतरोगे तभी पापा बस लेकर यहाँ से जा सकेंगे”,सुमित ने सहजता से कहा जबकि उसे निशि और वंश की लव स्टोरी देखने में बड़ा मजा आ रहा था।


निशि उठी और वंश के बगल में आयी , वंश पहले ही उस से चिढ़ा हुआ था निशि ने उसे ज्यादा चिढ़ाने के लिए अपने दांतों से काटने का इशारा करके कहा,”दूर रहो मुझसे”
वंश पहले ही निशि की इस हरकत से कीलसा हुआ था उसने निशि को जाते हुए देखा और अपना पैर पटक कर कहा,”हुंह जंगली कही की , इसका नाम सही रखा है मैने छिपकली , आह जंगली छिपकली”
“अब बस भी करो,,,,,,!!”,सुमित ने वंश को चलने का इशारा करके कहा


“क्या बस करो ? देखो कितनी जोर से काटा है उसने मुझे,,,,,,,!!”,वंश ने चलते हुए कहा  
सुमित ने वंश के कान के पास आकर धीरे से कहा,”हो सकता है उसने तुम्हे लव बाईट दिया हो”
वंश ने सुना तो सुमित को घूरकर देखा और कहा,”अगर ये लव बाईट है तो आई हेट लव स्टोरी”
“वंश , वंश अरे सुनो तो,,,,,,,,,,!!”,सुमित ने कहा लेकिन वंश बस से नीचे उतर गया। सुमित भी बस से नीचे चला आया और बस वहा से निकल गयी।

 मुरारी का घर , बनारस
मुन्ना सुबह जल्दी उठ गया उसने सफ़ेद रंग का शर्ट पहना और साथ में डेनिम पहनी। मुन्ना शीशे के सामने चला आया और बाल बनाने लगा। मुन्ना ने देखा दाढ़ी पहले से ज्यादा बढ़ चूकी थी और बाल भी पहले से लम्बे हो चुके थे।

मुन्ना ने बाल बनाये दाढ़ी सेट की , परफ्यूम लगाया और सामने रखी घडी उठाकर कलाई में पहनते हुए खुद में बड़बड़ाया,”कल का दिन हमारे लिए बहुत बड़ा है , काश वंश भी यहाँ होता तो हमे ऐसे देखकर कितना हैरान होता ? वो पगला अभी अपनी निशि और सीरीज में बिजी है उसे तो अहसास तक नहीं है हम उसे कितना मिस कर रहे है। शादी में जब आएगा तब उसे यही रोक लेंगे अपने पास घर नहीं जाने देंगे,,,,,,,,,,!!”


मुन्ना ने बिस्तर के बगल में पड़ी टेबल से अपना फोन और पर्स उठाया और नीचे चला आया। मुन्ना ने देखा सुबह सुबह घर में कुछ लोग आये हुए थे और मुरारी के पीछे पीछे घूम रहे थे। मुन्ना नीचे चला आया और समझने की कोशिश करने लगा कि मुरारी क्या कर रहा है ?
“इह कोने से लेकर उह कोने तक तीन दिन के लिए पुरे घर मा हमको फूलो का डेकोरेशन चाहिए और रात में ओह्ह के साथ लाइटिंग भी , का समझे ?”,मुरारी ने साथ चलते आदमियों से कहा


“समझ गए विधायक जी,,,,,,,,,!!”,एक आदमी ने साथ चलते लड़के से मुरारी की कही बात नोट करने का इशारा करते हुए कहा
“हिया का डेकोरेशन हमहू बता चुके अभी बाहिर का सुनो , एंट्री गेट से लेकर घर तक बढ़िया टिपटॉप व्यव्यस्था और डेकोरेशन चाही हमका , ओह्ह के अलावा लोन मा टेंट लगवाय दयो , साथ मा औरतन के लिए संगीत पिरोगराम का बंदोबस्त और साइड मा एक ठो बढ़िया बेचलर पार्टी का सेटअप,,,,,,,,,,का समझे ?”,मुरारी ने मुन्ना की तरफ आते हुए कहा


“समझ गए विधायक जी , अरे ऐसा डेकोरेशन करेंगे पूरा बनारस याद रखे है”,आदमी ने कहा
मुन्ना ने सुना तो मुरारी से कहा,”पापा ये सब किसलिए ? हमारा मतलब हम नार्मल सिम्पल शादी क्यों नहीं कर सकते ? आपके पैसे भी बच जायेंगे और ज्यादा शोर शराबा भी नहीं होगा,,,,,,,और ये बेचलर पार्टी किसलिए ? हमारा तो ऐसा कोई दोस्त भी नहीं है जिसे ये सब में दिलचस्पी हो,,,,,,,,,हमने पहले ही अपने मना कर दिया है बेचलर पार्टी के लिए”


“तुमहू ना पगलेट हो मुन्ना , अरे सादी का बार बार होती है जीवन मा एक ठो बार सादी होती है और का खर्चे की परवाह कर रहे हो तुमहू ,, अरे चिंता नाही करो तुम्हाये बाप विधायक रहे है बनारस मा जितना कमाए है सब तुम्हायी सादी मा लगाएंगे,,,,,,,,,,एक ही तो लल्ला है हमाओ धूम धाम से सादी काहे नाही करेंगे ? तुमहू जे सब की चिंता नाही करो बस अपने इलेक्शन पर ध्यान दो जे सब हमहू सम्हाल लिए है,,,,,,!!”,मुरारी ने मुन्ना से कहा

फिर आदमियों की तरफ  पलटकर कहा,”हाँ तो हमहू जो समझाए सब लिख लिया ना , का है कि हमाये इकलौते बेटे की सादी है कोनो कमी नाही रहनी चाहिए”
“हाँ विधायक जी सब लिख लिया,,,,,,,,,,,,हमहू जे पूछ रहे थे कि उह्ह बेचलर पार्टी के लिए आर्केस्ट्रा कौनसा रखे ? अंग्रेजी या फिर हिंदी ?”,आदमी ने पूछा


“अबे भक्क साला बनारस मा होकर अंग्रेजी हिंदी सुनेंगे का ? प्योर भोजपुरी आर्केस्ट्रा रखो साला गाना बजे तो ऐसे बॉडी मा सेंसेशन होना चाहिए,,,,,समझे”,मुरारी ने कहा
मुन्ना ने सुना तो अपना सर पीट लिया , उसने मुरारी से कुछ ना कहना बेहतर समझा और नाश्ता लगाती अनु की तरफ आकर कहा,”माँ ! देखिये ना पापा क्या कर रहे है ? आप उन्हें समझाती क्यों नहीं ?  आर्केस्टा , बेचलर पार्टी ये सब किसलिए ?”


अनु ने मुन्ना के गाल को प्यार से छुआ और कहा,”मुन्ना ! बेटा तुम सिम्पल हो तुम्हारे पापा नहीं , अरे पड़ोस में किसी की शादी होती है तो वो कितना एक्साइटेड हो जाते है अब तो उनके अपने बेटे की शादी है , मैं तो अपने पति की खुशिया नहीं छीनने वाली,,,,,,तुम अपनी शिकायत कही और जाकर करो”
“माँ,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने बेचारगी से कहा लेकिन अनु किचन की तरफ चली गयी। मुन्ना पलटा तो सामने से आते बाबा और आई दिखाई दिए। आई को देखते ही मुन्ना को एक उम्मीद जगी  वह आई बाबा के पास आया और उनके पैर छूकर आई से कहा,”आई पापा को समझाइये ना”


आई बाबा को वहा देखकर मुरारी ने आदमियों को वहा से भेज दिया। आई ने मुरारी की तरफ देखा और मुन्ना को देखा और कहा,”मुन्ना ! बिटवा तुमहू हमसे मोहल्ले के काले कुकुर का पूछ सीधा करने को कही देओ तो हमहू उह कर दिहिस , यादववा की भैंस के आगे बीन बजा दिहिस , आसमान मा कित्ते तारे है जे भी गिन दिहिस पर मुरारी को समझावे का कही हो तो उह हमहू 14 जन्म लेकर भी ना कर पाई है बबुआ”
“अरे आई जन्म 7 ही होते है”,मुरारी ने आई की तरफ आकर कहा


“हमको पता ही था तुमहू बीच मा बोले ही बोले हो तो हमहू 7 तुम्हाये भी जोड़ लिए , आखिर समझाना भी तो तुम्हे ही है,,,,,,,,,,!!”,आई ने कहा तो बेचारा मुरारी झेंप गया और कहा,”का आई सुबह सुबह काहे मसखरी करत हो”
“तुमहू का हमाये जीजा लगे हो जो तोपे मसखरी करी है हमहू,,,,,,,,,,छोडो मुन्ना तुमहू बाताओ का किये मुरारी अब , काहे परेशान हो इत्ता ?”,आई ने मुरारी को झड़प कर मुन्ना की तरफ पलटकर कहा


“देखिये ना आई ! हम कह रहे है शादी जितनी सिम्पल हो उतना अच्छा है लेकिन पापा सुन नहीं रहे है , और तो और बेचलर पार्टी में आर्केस्ट्रा वाले को भी बुला रहे है”,मुन्ना ने कहा

मुन्ना के मुंह से आर्केस्ट्रा का नाम सुनकर आई की आँखे चमक उठी आखिर उन्हें नाचने गाने का इतना शौक जो था। उन्होंने मुन्ना को साइड किया और मुरारी के पास आकर कहा,”का रे मुरारी , मुन्ना की सादी मा सच मा आर्केस्ट्रा वाले को बुलाये हो ?”
“और नहीं तो का , बिना आर्केस्ट्रा के कैसी शादी ?”,मुरारी ने कहा
आई ने सुना तो ख़ुशी से भरकर कहा,”बहुत बढ़िया पर उह रामभरोसे को ना बुलाना इह बार ओह के पास ढंग का बेंड तक ना है हिया बजे तो बाहिर सुनाई ही ना दे,,,,,,,,,,!!”


“राम भरोसे नाही,,,,,,,,,इह बार सोनू आर्केस्टा को बुक किया हूँ”,मुरारी ने कहा
“अरे उह्ह चौखम्बा वाला सोनुआ जोन बबली का ब्याह मा गाये रहय ?”,आई ने याद करते हुए कहा
“सही पहिचानी हो आई का गजब गाये रहय उह्ह बबली का ब्याह मा,,,,,,,,,,,,हई फेंक द ना लोढ़ा गुस्सा कम कर थोड़ा , चूड़ी फुट जाई , रंग छूट जाई त मन रूठ जाई”,मुरारी ने कहा और वो गाना गाने लगा जो बबली की शादी में सोनू आर्केस्ट्रा वाले ने गाया था


अब मुरारी ऐसी रंगबाजी करे और आई उसका साथ ना दे भला ऐसा कैसे हो सकता है ? मुरारी ने जैसे ही गाना गाया आई उसके बगल में आयी और मुरारी के साथ गाते हुए ठुमके लगाने लगी  
तोहरा राजा जी के दिलवा टूट जाई
तोजा जी के दिलवा टूट जाई
मुन्ना ने बेचारगी से बाबा को देखा तो बाबा ने अपने कंधे उचकाए और वहा से चले गए।

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संजना किरोड़ीवाल 

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal
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Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

आई बाबा को वहा देखकर मुरारी ने आदमियों को वहा से भेज दिया। आई ने मुरारी की तरफ देखा और मुन्ना को देखा और कहा,”मुन्ना ! बिटवा तुमहू हमसे मोहल्ले के काले कुकुर का पूछ सीधा करने को कही देओ तो हमहू उह कर दिहिस , यादववा की भैंस के आगे बीन बजा दिहिस , आसमान मा कित्ते तारे है जे भी गिन दिहिस पर मुरारी को समझावे का कही हो तो उह हमहू 14 जन्म लेकर भी ना कर पाई है बबुआ”
“अरे आई जन्म 7 ही होते है”,मुरारी ने आई की तरफ आकर कहा

आई बाबा को वहा देखकर मुरारी ने आदमियों को वहा से भेज दिया। आई ने मुरारी की तरफ देखा और मुन्ना को देखा और कहा,”मुन्ना ! बिटवा तुमहू हमसे मोहल्ले के काले कुकुर का पूछ सीधा करने को कही देओ तो हमहू उह कर दिहिस , यादववा की भैंस के आगे बीन बजा दिहिस , आसमान मा कित्ते तारे है जे भी गिन दिहिस पर मुरारी को समझावे का कही हो तो उह हमहू 14 जन्म लेकर भी ना कर पाई है बबुआ”
“अरे आई जन्म 7 ही होते है”,मुरारी ने आई की तरफ आकर कहा

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