Main Teri Heer Season 5 – 43

Main Teri Heer Season 5 – 43

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

निशि अपना फोन कान से लगाए वंश को जाते हुए देखते रही। निशि को खामोश पाकर दूसरी तरफ से नवीन ने कहा,”हेलो हेलो , निशि तुम सुन रही हो , हेलो”
“हाँ डेड मैं सुन रही हूँ,,,,,,,!”, निशि ने फोन कान से लगाकर कहा
“ये वंश को क्या हुआ है , इतना चिढ़ा हुआ क्यों है ?”,नवीन ने पूछा
“उसे छोड़िये डेड , आप मुझसे कुछ कह रहे थे”,निशि ने कहा


“हाँ मैं ये पूछ रहा था कि तुम घर कब आ रही हो ? एक्चुली आई रियली मिस्ड यू बेटा , सुबह सुबह जब तुम्हे नहीं देखता हूँ तब खाली खाली सा लगता है”,नवीन ने प्यार भरे स्वर में कहा
“आई मिस्ड यू टू डेड मुझे भी घर आना है , वैसे भी आज इस सीरीज का लास्ट शूट है उसके बाद आज शाम मुंबई आ रहे है हम लोग”,निशि ने कहा
“मैं तुम्हे सीधा घर पर ही मिलूंगा बेटा,,,,,,!!”,नवीन ने कहा
“घर पर क्यों ? क्या आप मुझे लेने फिल्मसिटी नहीं आ रहे ?”,निशी ने मायूसी भरे स्वर में पूछा


“मैं जरूर आता बेटा लेकिन आज शाम मुझे सारिका मैडम को लेने एयरपोर्ट जाना है , आज शाम वो मुंबई आ रही है एक हफ्ता यही रहेंगी”,नवीन ने कहा
“ठीक है आप सारिका आंटी को एयरपोर्ट लेने जाना मैं वंश के साथ घर आ जाउंगी”,निशि ने कहा
“वंश के साथ ? अभी तो तुम दोनों झगड़ रहे थे,,,,,,,,!!”,नवीन ने हैरानी से कहा
“वो हमारा रोज का है एक्चुली इस प्यार में झगड़ा ज्यादा है , अब वो जैसा भी है लेकिन प्यारा तो है ना डेड”,निशि ने कहा


“हाँ लेकिन मैं उसे इतनी जल्दी एक्सेप्ट नहीं करने वाला,,,, अपना ख्याल रखना और ध्यान से आना दोनों”,नवीन ने कहा
“ठीक है डेड , अब मैं रखती हूँ मेरा शूट है , बाय डेड लव यू”,निशि ने कहा
“लव यू बेटा , सी यू सून”,नवीन ने कहा और फोन काट दिया
निशि ने अपना फोन कान से हटाया और कहा,”हाह ! डेड भी कितने अजीब है कहते है वो वंश को इतनी जल्दी एक्सेप्ट नहीं करेंगे और खुद उसके लिए पराठे सब्जी पैक करते है , कम ऑन डेड अब आप मान भी लीजिये आपको भी वंश पसंद है,,,,,,,,,!!”


“हाँ लेकिन मैं शादी सिर्फ तुम से करूंगा , तुम्हारे डेड से नहीं,,,,,,,,,!!”,वंश ने एकदम से निशि से आकर कहा तो निशि चौंककर पलटी और कहा,”अह्ह्ह तुम तुम मुझसे शादी करोगे ?”
“मैं नहीं आदित्य सुनैना से शादी करेगा,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
वंश की बात सुनकर उलझन में पड़ गयी और कहा,”आदित्य सुनैना ?”


“मैं अगले शूट की स्क्रिप्ट पढ़ रहा था , हम्म्म ये लो”,वंश ने हाथ में पकडे कागजो में एक निशि की तरफ बढ़ा दिया और दुसरा पन्ना हाथ में लेकर खुद उसे पढ़ते हुए कमरे में घूमने लगा। निशि कागज हाथ में थामे वंश को एकटक देखते रही। सफ़ेद रंग की स्वेटर में , बिखरे बालो के साथ वंश कुछ ज्यादा ही प्यारा लग रहा था। निशि उसके मासूम से चेहरे में खोकर रह गयी हालाँकि वंश निशि से नाराज था फिर भी वह बार बार घूम फिरकर निशि के पास आ ही जाता था। निशि को खामोश खड़े देखकर वंश ने कहा,”मुझे क्या देख रही हो स्क्रिप्ट पढ़ो , 1 घण्टे बाद शूट है हमारा”


“मैं सोच रही थी क्यों ना हम इसे साथ साथ पढ़े , इस से रिहर्सल ज्यादा अच्छी हो जाएगी”,निशि ने वंश की तरफ आते हुए कहा
“हाँ चलेगा,,,,,,,वैसे भी ये बोरिंग सीन तुम्हारे साथ ही है”,वंश ने मुंह बनाकर कहा जबकि निशि को वंश की इस बात पर गुस्सा नहीं आया बल्कि वह मुस्कुराते हुए वंश के सामने चली आयी और दोनों एक दूसरे के सामने डायलॉग बोलने लगे।

सिटी मॉल , इंदौर
“काशी वो ऑरेंज वाला देखो ना , वो बहुत प्यारा लग रहा है तुम पर अच्छा भी लगेगा”,शक्ति ने नारंगी रंग के लहंगे-चुन्नी की तरफ इशारा करके कहा। शोरूम वाले ने काशी के सामने वह पीस रखते हुए कहा,”सर की चॉइस बहुत अच्छी है मैडम ये आप पर सच में बहुत अच्छा लगेगा। आप चाहे तो इसे ट्राय कर सकती है,,,,,,,,!!”
काशी ने लहंगे को छूकर देखा उसका डिजाइन बहुत ही प्यारा था जो की राजस्थानी लुक लिए हुए था।

काशी ने पीस अम्बिका जी को दिखाया तो उन्होंने कहा,”काशी तुम्हे देखने के बाद शक्ति की चॉइस पर डाउट करना सूरज को दिया दिखाने जैसा है”
काशी ने सुना तो मुस्कुरा उठी और अधिराज जी से कहा,”देखिये नानू ! आपको क्या लगता है हमे इसे ट्राय करना चाहिए ?”


“बिल्कुल काशी ! तुम्हे इसे पहनकर देखना चाहिए ये बहुत डिफरेंट पीस है”,गौरी की आवाज सभी के कानो में पड़ी। सबने गर्दन घुमाकर देखा तो पाया गौरी भी नंदिता जी के साथ उसी शोरूम में शादी की शॉपिंग करने आयी है।
“तुम यहाँ कैसे ?”,काशी ने चहकते हुए कहा
“अब अक़्ली तुम्हारी शादी तो है नहीं , मेरी भी शादी है तो सोचा क्यों ना थोड़ा शॉपिंग कर लू,,,,,,,,,,,,वैसे जय और मम्मा भी आये है वो दोनों उधर है”,गौरी ने कुछ ही दूर बैठी नंदिता और जय की तरफ इशारा करके कहा


“गौरी खड़ी क्यों हो बैठो ना , पिछले एक घंटे से काशी को कुछ पसंद नहीं आ रहा तुम इसकी हेल्प करो ना। इन्फेक्ट तुम दोनों दोस्त हो तुम्हे एक दूसरे की पसंद के बारे में ज्यादा पता होगा”,शक्ति ने कहा
“बिल्कुल शक्ति,,,,,,,,,आई मीन जीजाजी”,गौरी ने कहा और शक्ति के बगल में आकर बैठ गयी।
गौरी ने 2-4 लहंगे पसंद किये और साइड करके काशी से पहनकर आने को कहा। शोरूम में काम करने वाली फीमेल स्टाफ ने उन सब सेलेक्ट किये कपड़ो को उठाया और काशी के साथ चेंजिग रूम की तरफ चली गयी।

अब जहा गौरी हो वहा शांति हो ऐसा भला कैसे हो सकता है ? सबको खामोश देखकर गौरी ने अधिराज जी से कहा,”अच्छा नानू ! आप लोग बनारस कब जा रहे है ? मैं इसलिए पूछ रही हूँ क्योकि मेरे यहाँ से ट्रेवलर्स गाड़ी जाएगी ना तो क्यों ना हम सब साथ चले , हहहहहह कितना मजा आएगा मैं अपने इनलोस के साथ ही अपनी शादी अटेंड करने जाउंगी”


गौरी की बात सुनकर अधिराज जी मुस्कुराये और कहा,”बिल्कुल गौरी ये तो और भी अच्छा है ,, सबके साथ जायेंगे तो सफर में बोरियत नहीं होगी,,,,,,,हम सोच रहे है पहले एक बार नंदिता जी से बात कर ले,,,,,,,,!!”
“अरे नानू मम्मा से क्या बात करना , वो आपको और नानी माँ को मना करेगी क्या ? बिल्कुल नहीं आफ्टर आल आप दोनों मेरे होने वाले सबसे पुराने सास-ससुर हो,,,,,,,,मम्मा से मैं बात कर लुंगी”,गौरी ने लापरवाही से कहा
“काशी , नानाजी और नानी माँ तो तुम्हारे साथ चले जायेंगे गौरी लेकिन हमारा क्या ?”,शक्ति ने पूछा


“तो आप भी हमारे साथ चलिए जीजाजी,,,,,,वैसे भी काशी की शादी में मुझे तुम्हारे जूते जो चुराने है”,गौरी ने अपने कंधे से शक्ति के कंधे को टकराकर शरारत से कहा
“अरे गौरी काशी की शादी में तुम शक्ति के जूते छुपाओगी तो हमारे मुन्ना से शादी कौन करेगा ?”,अम्बिका जी ने कहा
“अरे यार ! ये तो प्रॉब्लम हो गयी ना नानी माँ , शक्ति और काशी की शादी एक दिन पहले या बाद में नहीं कर सकते क्या ?”,गौरी ने कहा
अम्बिका मुस्कुराई और कहा,”नहीं शादी का शुभ मुहूर्त एक ही वक्त पर है,,,,,,,,,,!!”


अम्बिका जी की बात सुनकर गौरी की ख़ुशी कम हो गयी तो शक्ति ने कहा,”डोंट वरी हम तुम्हे जूते चुराई का नेग अलग से दे देंगे वैसे भी तुम हमारे फेवरेट साले  होने वाली पत्नी जो हो”
“क्या मतलब सिर्फ मान तुम्हारा फेवरेट है मैं नहीं हूँ ?”,गौरी ने चिढ़ते हुए कहा
“तुम भी हो लेकिन मुन्ना से रिश्ता थोड़ा ख़ास है,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
आगे इन लोगो की बाते हो पाती इस से पहले काशी नारंगी लहंगा पहने कंधे पर दुपट्टा सम्हाले उनके सामने चली आयी

शक्ति ने काशी को देखा और मुस्कुरा उठा उसके पसंद किये लहंगे में काशी कितनी प्यारी लग रही थी। गौरी ने देखा तो अपनी उंगलियों को अपने होंठो से छूकर एक चुम्मा काशी की तरफ उछालकर कहा,”कतई जहर”
गौरी के मुंह से ये शब्द सुनकर शक्ति , अधिराज जी और अम्बिका जी ने हैरानी से गौरी को देखा और अम्बिका ने कहा,”ये तुमने कहा से सीखा ?”
गौरी ने सबकी तरफ देखा और चहकते हुए कहा,”पापा से”
“पापा से ?”,अधिराज जी ने कहा


“अरे नानू मान के पापा से , उन्होंने मुझे सिखाया कि बनारस में जब कोई बहुत सुंदर दिखता है तो उसे “कतई जहर” कहते है”,गौरी ने कहा
काशी ने सुना तो वह भी हैरान थी कि गौरी ने ये सब सीख लिया। अम्बिका जी ने सुना तो झेंपते हुए मुस्कुरा दी और अधिराज जी ने कहा,”छोटे दामाद जी से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है ? घर की होने वाली बहू को ये कैसी बाते सीखा रहे है वो ?”


“अरे नानू ! यही नहीं उन्होंने मुझे कंटाप मारना , पान खाकर कैसे थूकना है , पासवर्ड रखना भी सिखाया है,,,,,,,,,और हाँ उन्होंने मुझे ये बोलना भी सिखाया “इह बनारस है गुरु , कायदे मे रहोगे तो फायदे में रहोगे,,,,,,,,,,,का समझे ?”,गौरी ने सोफे पर खड़े होकर मुरारी के अंदाज में कहा

“हाह ! ये तो पूरी दामाद जी के रंग में रंग चुकी है,,,,,,,,,बेचारे हमारे मुन्ना का क्या होगा ?’,अम्बिका जी ने दबी आवाज में अधिराज जी से कहा
अधिराज जी ने सुना तो अफ़सोस में अपना सर हिला दिया।
अधिराज जी और अम्बिका जी को बातें करते देखकर शक्ति ने गौरी की कलाई पकड़ी और उसे सोफे से नीचे उतारते हुए कहा,”गौरी ये सब बातें तुम्हारी पर्सनालिटी को सूट नहीं करती है,,,,,,,,!!”


“पर ये कितना कूल लगता है शक्ति , एक लाइन इतनी इंट्रेस्टिंग है तो सोचो मैं पूरी बनारसी हो गयी तो कितना मजा आएगा”,गौरी ने एक बार फिर शक्ति के बगल में बैठते हुए कहा
“हाँ बहुत ! अब काशी और तुम्हारे लिए कुछ कपडे देख ले फिर हमे निकलना भी है”,शक्ति ने कहा
“तुम कही जा रहे हो क्या ?”,गौरी ने सामने पड़ी साड़ी को उठाकर देखते हुए कहा
“हाँ हम बनारस जा रहे है , कल दोपहर हमारी ट्रेन है,,,,,,,,,,इसलिए आज ही सब काम खत्म करने होंगे”,शक्ति ने कहा


“ओह्ह्ह वाओ,,,,,,,,वैसे तुम बनारस क्यों जा रहे हो ?’,गौरी ने पूछा
“बनारस में इस बार युवा नेता इलेक्शन की अनाउंसमेंट हम करने वाले है,,,,,,,,हमे वहा चीफ गेस्ट बुलाया है”,शक्ति ने खुश होकर कहा
“अरे वाह शक्ति तुमने काफी तरक्की कर ली , वरना आज से पहले पुलिसवालों को चीफ गेस्ट कहा बुलाते थे , बहुत बहुत बधाई हो”,अधिराज जी ने कहा
“थैंक्यू नानाजी , हम काशी को भी साथ लेकर जाते लेकिन उसक इंटर्न्स है तो उसे परेशान नहीं किया”,शक्ति ने कहा


गौरी ने शक्ति के मुंह से जैसे ही युवा नेता इलेक्शन का नाम सुना उसकी आँखे चमक उठी और उसने कहा,”अरे वो तो मान,,,,,,,,,,,,,,!!”
गौरी कहते कहते रुक गयी एकदम से उसे मुन्ना की याद जो आ गयी , मुन्ना ने उस ये बात किसी को भी बताने के लिए मना किया था। गौरी मुंह में आये आगे के शब्दों को निगल गयी तो शक्ति ने कहा,”क्या हुआ तुम कुछ कह रही थी,,,,,,,!!”


“हाँ वो मैं , मैं कह रही थी कि ये तो बनारस वालो का मान सम्मान है शक्ति , आखिर तुम बनारस के होने वाले दामाद हो”,गौरी ने तुरंत बाद बदलते हुए कहा तो शक्ति हसने लगा और कहा,”कसम से एक ही पीस हो तुम , बेचारा मुन्ना”
काशी फिर नया लहंगा पहने चली आयी और फिर सब कपडे पसंद करने लगे कुछ देर बाद गौरी ने नंदिता और जय को भी उस तरफ बुला लिया।

अस्सी घाट , बनारस
मुन्ना ने पार्टी हॉउस से अस्सी घाट पर होने वाले बदलावों को लेकर परमिशन ले ली और लड़को के साथ वहा चला आया। उसे शाम का इंतजार का लेकिन शाम होने में अभी वक्त था इसलिए मुन्ना ने लड़को से कहकर गंगा में फैले कचरे की सफाई करवाना शुरू कर दिया। मुन्ना एक एक करके सभी नाव वालो से मिला और उन्हें एक नोटिस दिया जिसमे लिखा था शाम 6 बजे बाद गंगा के उस पार कोई भी नाव नहीं जाएगी।

कुछ तुरंत मुन्ना की बात मान गए कुछ ने आपत्ति जताई तो मुन्ना ने उन्हें अपने तरीके से समझाया , आखिर मुरारी के दिए पैसे यहाँ काम जो आ रहे थे हालाँकि मुन्ना को ये करना अच्छा भी नहीं लग रहा था लेकिन ये जरुरी था। धीरे धीरे मुन्ना को समझ आ रहा था कि राजनीती के इस दलदल से बुराई की जड़े उखाड़ने के लिए उसे अपने हाथो को गंदा करना पड़ेगा।

दोपहर के 3 बज रहे थे मुन्ना के साथ आये लड़के अब थकने लगे थे उन्होंने मुन्ना से एक ब्रेक लेने को कहा तो मुन्ना ने हामी भर दी। सभी चाय की दुकान के पास आकर सीढ़ियों पर आ बैठे और मुन्ना कुछ ही दूर खड़ा फ़ोन पर किसी से बात करने लगा। मुन्ना बात कर ही रहा था कि तभी एक लड़के ने कहा,”मुन्ना भैया”
मुन्ना पलटा तो लड़के ने कहा,”चाय के साथ एक ठो सिगरेट भी ले ले ?”


मुन्ना ने हामी में गर्दन हिला दी और वापस अपने फोन में लग गया। घूमते घामते भूषण पूजा को लेकर अस्सी घाट आ पहुंचा तो पूजा ने कहा,”बस राजन अब हम तक गए है , और हमे बहुत भूख भी लगी है”
“यहाँ ऊपर एक बहुते बढ़िया रेस्टोरेंट है पीजेरिया , खाना चाहेंगी आप ?”,राजन ने पूछा
“बनारस में आकर भी हम ये अंग्रेजी खाना खाएंगे ?”,पूजा ने शिकायती लहजे में कहा
“तो फिर ?”,राजन ने पूछा


“अरे कुछ बनारस का फेमस खिलाओ , कुछ जलेबी कचौड़ी , लिट्टी चोखा , लस्सी लौंगलता , अब बनारस में आकर भी हमे पिज्जा बर्गर ही खाने को मिले तो हमारा लखनऊ क्या बुरा है ?”,पूजा ने कहा
राजन ने सुना तो मुस्कुरा उठा , पूजा तो अभी से बनारस के रंग में रंगने लगी थी। उसने पूजा को देखा और कहा,”ठीक है फिर आईये सबसे पहिले आपको अस्सी के बाहर स्पेशल लिट्टी चोखा ही खिलाते है,,,,,,,!!”


पूजा ने खुश होकर हामी में गर्दन हिला दी और राजन के साथ आगे बढ़ गयी। चलते चलते राजन की नजर मुन्ना पर पड़ी तो पाया मुन्ना उसे ही देख रहा है तो राजन ने इशारो इशारो में मुन्ना को बताया कि पूजा वही लड़की है जिसके साथ उसका रिश्ता तय हुआ है। मुन्ना ने भी जवाब में मुस्कुराते हुए हाथ का अंगूठा दिखाकर ओके का इशारा कर दिया।

मुस्कुराते हुए राजन पूजा के साथ आगे बढ़ गया और साथ चलते हुए कहा,”वैसे जलेबी कचौड़ी के लिए आपको सुबह जल्दी आना होगा , जलेबी कचोडी यहाँ का फेमस नाश्ता है तो सुबह में ही ज्यादा अच्छा लगता है और लस्सी लौंगलता तो कभी भी खाइये,,,,,,,,हाँ शाम के लिए बहुत ही अच्छा ऑप्शन है टमाटर चाट एक बार खाएंगी ना कसम से बनारस का स्वाद भूल नहीं पाएंगी,,,,,,,,,,!!”
“साफ साफ कहिये ना आपको हमारे साथ आज की शाम भी बितानी है,,,,,,,,,!!”,पूजा ने राजन को देखकर कहा और आगे बढ़ गयी और राजन शरमाते हुए अपनी गर्दन सहलाकर आगे बढ़ गया 

 राजन और पूजा अस्सी से बाहर आये और बांयी तरफ बने “लिट्टी चोखा” रेस्टोरेंट में चले आये। दोनों अंदर आकर सबसे आखरी टेबल पर आ बैठे क्योकि यहां से सामने फैली माँ गंगा साफ़ दिखाई दे रही थी और उस पर ठंडी हवा के झोंके किसी को भी यहाँ बैठने के लिए मजबूर कर दे। हलकी हलकी धुप की गर्माहट और पूजा का साथ राजन को बहुत भा रहा था। वेटर आया तो राजन ने अपनी पसंद से पूजा के लिए आर्डर किया और पूजा ने भी अपनी तरफ से एक ड्रिंक आर्डर कर दी। खाना आया और दोनों बाते करते हुए खाने लगे।


खाना खाने के बाद वेटर दो प्लेट में मीठा लेकर आया और टेबल पर रखा तो राजन और पूजा ने एक दूसरे को देखा क्योकि दोनों ने ही ऐसा कुछ आर्डर नहीं किया था। वेटर जाने लगा तो राजन ने कहा,”जे किसलिए ? जे तो हमने आर्डर नहीं किया”


“ये आप दोनों के लिए मुन्ना भैया ने भेजा है और आपका आज का बिल भी उन्होंने पे कर दिया है”,वेटर ने कहा और वहा से चला गया राजन ने सुना तो उसे हैरानी हुई और ख़ुशी भी उसने गर्दन घुमाकर देखा तो कुछ दूर खड़ा मुन्ना दिखा , मुन्ना ने राजन को देखकर एन्जॉय करने का इशारा किया और मुस्कुरा कर वहा से चला गया।
राजन मुस्कुराया और मन ही मन कहा,”तुम सच में हमारे सबसे ख़ास दोस्त हो मुन्ना”

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संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer - Season 5
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