Main Teri Heer Season 5 – 38
Main Teri Heer Season 5 – 38

मुरारी की बहकी बहकी बाते सुनकर अनु ने कहा,”मुरारी,,,,,,मुन्ना ऐसा बिल्कुल नहीं है शादी के बाद की बात और है लेकिन शादी से पहले,,,,,शादी से पहले उसने ऐसा कुछ नहीं किया है”
“अरे तुमको का पता मैग्गी,,,,,,,मुन्ना सिर्फ बाहर से सख्त दिखता है अंदर से उह हमसे भी बड़का,,,,,,,,तुमहू मुन्ना को छोडो हमरी सुनो का कहती हो ? देखो
सब इंतजाम है किसी को कानो कान खबर तक नाही होगी , बस थोड़ी किशना को तकलीफ देनी पड़ेगी”,मुरारी ने कहा
“किशना को कैसी तकलीफ ?”,अनु ने पीछे खिसकते हुए कहा
“अब इत्ती रात मा तुमसे तो पकोड़े बनाने को नहीं ना कहेंगे हम”,मुरारी ने कहा
“पकोड़े ?”,अनु ने हैरानी से कहा क्योकि मुरारी की बातो ने उसके दिमाग में जो सीन डाला था उसमे पकोड़ो का तो कोई काम नहीं था।
“हाँ ! अब का है ना सूखे सूखे पीने मा मजा नाही आता”,मुरारी ने लार टपकाते हुए कहा
अनु ने सुना तो उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया मतलब अब तक मुरारी जो कुछ भी कह रहा था वह सब शराब पीने के लिए कह रहा था। अनु खांसने लगी और कहा,”तुम इसलिए ये सब बकवास कर रहे थे ?”
“ए मैग्गी हमायी शराब को बकवास ना कहो तुम,,,,,,,,!!”,मुरारी ने थोड़ा चिढ़कर कहा
अनु कुछ कहती इस से पहले किशना वहा चला आया तो मुरारी ने अनु से ध्यान हटाकर किशना से कहा,”ए किशना सुनो ! थोड़े से प्याज के पकोड़े बनाय दयो और मिर्चा ज़रा तेज रखना,,,,,,,,,!!”
“मुरारी भैया आप पीने का सोच रहे है,,,,,,,,!”,किशना ने हैरानी से पूछा क्योकि उसे शाम वाला सीन याद आ गया जब उसने शराब को गटर में बहाया था
“सोच रहे है , आपके मुरारी भैया पूरा प्लान बना चुके है”,अनु ने मुरारी को ताना मारते हुए कहा
“अरे मुरारी भैया जे रोज रोज पीना शरीर के लिए सही नाही होता है,,,,,,,,,!!”,किशना ने कहा वो बेचारा तो अंदर ही अंदर अपनी पोल खुलने के डर से घबरा रहा था। अनु ने सुना तो उठकर वहा से चली गयी
मुरारी ने किशना को देखा और हाथ जोड़कर कहा,”माफ़ कर दयो मालिक का है पहिले पता होता तो एक ठो बार आप से पूछ लेते , अब पूछ लेते है मालिक आपकी इजाजत हो तो एक ठो पैग लगाय ले ?”
किशना बेचारा क्या कहता बस मुरारी को देखता रहा और मुरारी उठकर अपने ऑफिस रूम की तरफ बढ़ गया।
“हमने कहा था मुन्ना बाबा से हमसे जे सब ना करवाओ , अब मुरारी भैया को पता चला तो हमरी बत्ती बना देंगे उह,,,,,,,,,,जिह नाले मा उनकी दारू बहाये है उसी नाले में काट के हमको बहा देंगे,,,,,,,का करे , का करे मुन्ना बाबा भी घर मा नाही है,,,,,,,,,!!!”,किशना बड़बड़ाते हुए किचन में आया और भगोने में बेसन निकालने लगा। उसने गैस ऑन किया , कड़ाही रखी और तेल गर्म करने लगा। परेशान बैचैन सा किशना मुरारी के लिए पकोड़े बनाने लगा तभी मुरारी की आवाज उसके कानो में पड़ी,”किशना , ए किशना हिया आवा ज़रा”
“मर गये किशना , लगता है मुरारी भैया को सच पता चल गया है”,किशना बड़बड़ाया
“अरे मालिक आप आओगे कि हम आये ?”,मुरारी ने जोर से कहा तो किशना ने जल्दी से गैस बंद किया और किचन से बाहर आया। डरते डरते वह मुरारी के
ऑफिस रूम में आया और कहा,”हाँ भैया !”
मुरारी गिलास हाथ में पकडे किशना की तरफ पलटा। किशना ने देखा गिलास आधा शराब से भरा हुआ था और सिर्फ किशना ये सच जानता था कि वो शराब नहीं बल्कि एप्पल जूस था जो उसने खुद अपने हाथो से बोतलों में भरा था। मुरारी ने किशना को डरा सहमा देखा तो उसके पास आया और कहा,”काँप काहे रहे हो ? बाहर ठण्ड जियादा है का ?”
“नाही भैया उह आप इत्ता जल्दी में बुलाये हमको लगा कोनो गलती,,,,,,,,,,,,,!!”,किशना ने कहा
मुरारी किशना के बगल में आया और उसके कंधो पर हाथ रखकर धीमे स्वर में कहा,”यार किशना ! हमका जे बताओ साला का मिलाये हो इह मा मतलब पी के मजा आ गवा , इत्ता लाइट लाइट फील हो रहा है कि अच्छा लग रहा है। जे कोनो नवा ब्रांड रखे हो का ?”
किशना ने सुना तो उसे हैरानी हुई , मुरारी को शराब और एप्पल जूस में फर्क समझ नहीं आ रहा था या मुरारी किशना की टांग खींच रहा था किशना नहीं समझ पाया
किशना को चुप देखकर मुरारी ने कहा,”अरे बोलो भैया कोनो नवा ब्रांड आया है का मार्किट में ?”
“हाँ हाँ भैया , नवा ब्रांड है स्पेशली आपके लिए ही मंगवाए रहय अपने गांव से ,, हमको लगा आपको पसंद आएगा इहलीये आपको बताये बिना ही आपके ऑफिस मा रख दिए,,,,,,,!!”,किशना ने झूठी कहानी सुना दी
मुरारी मुस्कुराया और कहा,”सरप्राइज,,,,,,,नई”
“हाँ हाँ भैया सरप्राइज,,,,,,,!!”,किशना ने झेंपते हुए कहा
“किशना तुम्हरा जे सरप्राइज हमको बहुते पसंद आया , हमहू भी तुमका एक ठो सरप्राइज देना चाहते है,,,,,,,!!”,मुरारी ने किशना के बगल में आकर कहा
“का भैया ?”,किशना ने खुश होकर कहा
मुरारी मुस्कुराया और खींचकर एक मुक्का किशना की पीठ पर जड़ दिया और कहा,”कैसा लगा हमरा सरप्राइज ?”
“बहुते जोर से लगा है भैया,,,,,,,,,,!!”,किशना ने मरे हुए स्वर में कहा
“हमहू साला पुरे बनारस को सीखाते है तुमहू हमे सिखाने चले हो,,,,,,,,,,,,बेटा ऐसा है ना कि गुड़ और गोबर मा अंतर मुरारी मिश्रा बहुते अच्छे से जानते है। अब जे बताओ इह कारनामा करने को कौन कहे तुमसे ?”,मुरारी ने पूछा
“वो मुन्ना भैया,,,,,,,,,,,,उन्होंने कहा जे उम्र मा रोज रोज पीना आपकी सेहत के लिए सही नहीं है तो हमहू शराब की जगह सेब का रस भर दिए सब बोतल मा”,किशना ने डरते डरते कहा
“अरे वाह वाह मेरी अनारकली तुमको हमरी उम्र की इत्ती परवाह,,,,,,,,,,का प्रेमिका हो का हमायी जो इत्ती मोहब्बत जता दिए,,,,,,,,,सब बोतल मा अगर जूस है तो शराब कहा है ?”,मुरारी ने गुस्से से कहा
“बहा दिए,,,,,,,,,,,!!”,किशना ने धीरे से कहा
“का ?”,मुरारी ने पूछा
“उह बाथरूम में बहा दिये”,किशना ने कहा
किशना की बात सुनते ही मुरारी का मुँह खुला का खुला रह गया और उसका हाथ अपने सीने पर बांयी तरफ चला गया और उसने हैरानी से कहा,”75 हजार की शराब तुमहू बाथरूम मा बहा दिये,,,,,,,,,,,,अबे हार्पिक समझ लिए का उसको”
मुरारी को गुस्से में देखकर किशना थर थर कांपने लगा।
प्रताप का घर , बनारस
घाट से सीधा राजन अपने घर चला आया लेकिन जैसे ही घर के अंदर जाने लगा उसे अपने घर के बाहर खड़ा भूषण मिल गया। इतनी रात में भूषण को वहा देखकर राजन को हैरानी हुई वह रुक गया। भूषण राजन के पास आया और कहा,”कैसे हो भैया ? कुछ दिनों से मिलना ही नहीं हो पाया आपसे,,,,,,,,हाथ कैसा है आपका ?”
“तुमहू तो ऐसे पूछ रहे हो जैसे जे घाव तुम्ही ने दिया हो”,राजन ने भूषण के चेहरे पर नजरे जमाये कहा
राजन की बात सुनकर भूषण एक पल को घबराया लेकिन अपने चेहरे पर घबरहाट के भाव आने नहीं दिए और कहा,”अरे कैसी बातें कर रहे है भैया , हम आपको जख्म दे सकते है क्या ? उह्ह तो आपके हाथ पर रुमाल बंधा देखा तो पूछ लिए,,,,,,!!”
“हाँ एक दोस्त ने बांधा है,,,,,,,,मुन्ना को तो जानते ही होंगे तुम उसी ने हमरे हाथ का जख्म देखकर तुरंत अपना रुमाल बांध दिया”,राजन ने कहा
राजन के मुंह से मुन्ना के लिए दोस्त शब्द सुनकर भूषण का खून खौल उठा लेकिन उसने खुद को रोक लिया और नकली मुस्कान चेहरे पर लाकर कहा,”अच्छा है ना भैया , दोस्त हो चाहे दुश्मन मतलब तो जख्म पर पट्टी बांधने से है,,,,,,,,,,,,अच्छा हमहू आपसे कुछो जरुरी बात करने आये थे”
“हाँ कहो,,,,,,,!!”,राजन ने अपने हाथ पर बंधे मुन्ना के रूमाल को देखते हुए कहा
“हम जे कह रहे थे कि उह दुइ दिन बाद पार्टी हॉउस से रैली है। हमहू युवा नेता इलेक्शन के लिए खड़े हुए है और हमरे आइडियल तो आप ही है तो हमहू चाहते है आप भी उह रैली मा आये,,,,,,,,,,,हमको थोड़ा सपोर्ट मिलेगा और ख़ुशी भी होगी,,,,,,!!”,भूषण ने कहा
राजन कुछ देर चुप रहा और फिर कहा,”जरूर पार्टी हॉउस मा मिलते है फिर”
भूषण ने सुना तो ख़ुशी से उसका चेहरा खिल उठा। राजन भले ही मुन्ना को दोस्त मानता हो पर वह आज भी भूषण के साथ था ये जानकर भूषण ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”अरे थैंक्यू भैया ! हमको पूरा विश्वास था कि आप जरूर हाँ कहेंगे,,,,,,,,,,, थैंक्यू !”
“रात बहुत हो गयी है तुमहू निकलो अब पिताजी ने देखा तो तुम्हरे साथ साथ हमे भी चार बात सुना देंगे”,राजन ने घर के अंदर जाते हुए कहा
“हाँ हाँ भैया चलते है , हर हर महादेव”,भूषण ने कहा और बाइक लेकर वहा से निकल गया
राजन घर में आया और बाइक साइड में लगाकर अंदर चला आया तो प्रताप ने कहा,”अरे रजनवा ! कहा थे इत्ती देर कब से तुम्हरे फोन आवा रहा पर तुमहू तो नरारद,,,,,,,,,,!!”
“फोन ? किसका फोन ? और हमरे लिए काहे आ रहा है ?”,राजन ने असमझ की स्तिथि में कहा
“ल्यो अब पूजा के साथ ब्याह तुम्हरो पक्को हो रहो तो फोन भी तुम्हरे लिए ही आही है , हमरे लिए आवे से रहो,,,,,,,,शाम से 4 बार फोन आ चुका है एक ठो बार बात कर ल्यो , नंबर हुआ डायरी मा लिखो है अपने फोन ते मिलाय ल्यो,,,,,,,,हमहू चलते है बहुते नींद आय रही है”,प्रताप ने कहा और चला गया
राजन ने जब सुना कि पूजा ने उस से बात करने के लिए 4 बार फ़ोन कर दिया है तो उसे मन ही मन एक ख़ुशी हुई और थोड़ी हैरानी भी कि ऐसी क्या जरुरी बात करनी होगी पूजा को उस से,,,,,,,,,,,,!!”
राजन ने टेबल पर पड़ी डायरी उठाई और उसमे से पूजा का नंबर लेकर अपने फोन से डॉयल किया और फोन लगाकर काटते हुए कहा,”रात बहुत हो गयी है , इत्ती रात मा फोन किये तो अच्छा नाही लगेगा , कल सुबह उन्हें फोन करते है”
राजन ने डायरी बंद कर टेबल पर रखी और वहा से चला गया।
लोनावला , पुणे
वंश और निशि बिस्तर पर एक दूसरे के बगल में गिरे एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। वंश का हाथ निशि के मुंह पर था और निशि ख़ामोशी से वंश को देखे जा रही थी। वंश का दिल जोरो से धड़क रहा था उसने निशि की आँखों में देखते हुए कहा,”अगर मैं हाथ हटाउ तो तुम फिर से तो नहीं चिल्लाओगी ना ?”
निशि ने ना में गर्दन हिला दी तो वंश ने निशि के मुंह से अपना हाथ हटाया और धड़कते दिल के साथ निशि के बगल में ही लेट गया। निशि भी ख़ामोशी से उसके पास लेटी रही , नशे की वजह से उसका सर दर्द कर रहा था वह जैसे ही उठने को हुई वंश ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और उसकी तरफ गर्दन घुमाकर कहा,”लेटी रहो”
“अगर लड़का लड़की एक बंद कमरे में , एक ही बेड पर ऐसे साथ साथ रहे तो गड़बड़ हो जाती है”,निशि ने अपनी अपनी पलकें झपकाते हुए कहा
“अच्छा और ये किसने बताया तुम्हे ?”,वंश ने पूछा उसका हाथ अभी भी निशि के हाथ में था
“मुझे सब पता है,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“जब तुम्हे सब पता है तो फिर तुमने बाहर शराब क्यों पी ? तुम जैसी लड़कियों को शराब नहीं पीना चाहिए”,वंश ने कहा
“मुझ जैसी लड़किया ?”,निशि ने अपने पलकें झपकाकर मासूमियत से पूछा
“हाँ तुम जैसी,,,,,,,,!”,वंश ने कहा , उसने जैसे ही उठने की कोशिश की निशि ने आगे बढ़कर अपना सर उसके सीने पर रख दिया , पल भर के लिए वंश की धड़कने ही रुक गयी। निशि क्या कर रही थी उसे होश नहीं था लेकिन वंश के सीने पर सर रखकर उसे बहुत सुकून महसूस हो रहा था। उसने वंश का हाथ उठाया और अपने सर से लगाकर कहा,”मेरा सर बहुत दुःख रहा है , क्या तुम मुझे सुला सकते हो ?”
वंश कुछ बोल ही नहीं पाया , निशि के इतना करीब वह पहली बार जो था। उसने अपने हाथ से धीरे धीरे निशि के सर को थपथपाना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद निशि नींद के आगोश में चली गयी। वंश चाहकर भी उसे खुद से दूर नहीं कर पाया।
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संजना किरोड़ीवाल


राजन घर में आया और बाइक साइड में लगाकर अंदर चला आया तो प्रताप ने कहा,”अरे रजनवा ! कहा थे इत्ती देर कब से तुम्हरे फोन आवा रहा पर तुमहू तो नरारद,,,,,,,,,,!!”
“फोन ? किसका फोन ? और हमरे लिए काहे आ रहा है ?”,राजन ने असमझ की स्तिथि में कहा
“ल्यो अब पूजा के साथ ब्याह तुम्हरो पक्को हो रहो तो फोन भी तुम्हरे लिए ही आही है , हमरे लिए आवे से रहो,,,,,,,,शाम से 4 बार फोन आ चुका है एक ठो बार बात कर ल्यो , नंबर हुआ डायरी मा लिखो है अपने फोन ते मिलाय ल्यो,,,,,,,,हमहू चलते है बहुते नींद आय रही है”,प्रताप ने कहा और चला गया
राजन घर में आया और बाइक साइड में लगाकर अंदर चला आया तो प्रताप ने कहा,”अरे रजनवा ! कहा थे इत्ती देर कब से तुम्हरे फोन आवा रहा पर तुमहू तो नरारद,,,,,,,,,,!!”
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राजन घर में आया और बाइक साइड में लगाकर अंदर चला आया तो प्रताप ने कहा,”अरे रजनवा ! कहा थे इत्ती देर कब से तुम्हरे फोन आवा रहा पर तुमहू तो नरारद,,,,,,,,,,!!”
“फोन ? किसका फोन ? और हमरे लिए काहे आ रहा है ?”,राजन ने असमझ की स्तिथि में कहा
“ल्यो अब पूजा के साथ ब्याह तुम्हरो पक्को हो रहो तो फोन भी तुम्हरे लिए ही आही है , हमरे लिए आवे से रहो,,,,,,,,शाम से 4 बार फोन आ चुका है एक ठो बार बात कर ल्यो , नंबर हुआ डायरी मा लिखो है अपने फोन ते मिलाय ल्यो,,,,,,,,हमहू चलते है बहुते नींद आय रही है”,प्रताप ने कहा और चला गया
राजन घर में आया और बाइक साइड में लगाकर अंदर चला आया तो प्रताप ने कहा,”अरे रजनवा ! कहा थे इत्ती देर कब से तुम्हरे फोन आवा रहा पर तुमहू तो नरारद,,,,,,,,,,!!”
“फोन ? किसका फोन ? और हमरे लिए काहे आ रहा है ?”,राजन ने असमझ की स्तिथि में कहा
“ल्यो अब पूजा के साथ ब्याह तुम्हरो पक्को हो रहो तो फोन भी तुम्हरे लिए ही आही है , हमरे लिए आवे से रहो,,,,,,,,शाम से 4 बार फोन आ चुका है एक ठो बार बात कर ल्यो , नंबर हुआ डायरी मा लिखो है अपने फोन ते मिलाय ल्यो,,,,,,,,हमहू चलते है बहुते नींद आय रही है”,प्रताप ने कहा और चला गया
Ab kuch kaand nhi hoga…quki Nishi to so chuki hai…aur wo bhi Vansh ne usko sulaya hai…khar hungama to kal hoga ja Nishi ki aankh khulegi aur wo khud ko Vansh k room m payegi…lakin yaha to Rajan m sch m badlav aa gaya hai… bilkul gentlemen ban gaya… usne dee hone ki wajah se pooja ko pho nhi kiya…kya baat hai Rajan…bas yeh Bhushan zyada fayda na uthaye Rajan ka aur kya pta college ko dekh kar Rajan ki yaardast wapas aa jaye…but abhi bad feel fir kishna…galti ki Munna ne aur maar padi kishna ko…aur wo Murari usne pani hee fer diya Anu k…pe🤣 kya socha kya paya.