Main Teri Heer Season 5 – 35
Main Teri Heer Season 5 – 35

जय को अचानक अपनी परवाह करते देखकर गौरी ने अपने कान से फोन हटाया और जय से कहा,”तुम्हे मुझसे कुछ चाहिए ?”
जय ने गौरी के बालों से अपना हाथ हटाया और उठते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह नहीं मैं बस जा रहा हूँ,,,,,,,!!”
“और तुम्हारा फ़ोन , क्या तुम्हे ये वापस नहीं चाहिए ?”,गौरी ने हैरानी से पूछा
“आप बात करके लौटा देना”,जय ने कहा और कमरे से बाहर निकल गया। गौरी बस हैरानी से उसे जाते हुए देखते रही और जब जय चला गया तो गौरी फोन अपने कान से लगाते हुए बड़बड़ाई,”क्या हो गया है इस लड़के को ?”
“तुम किसकी बात कर रही हो ?”,गौरी को बड़बड़ाते पाकर मुन्ना ने पूछा
“जय , आजकल वो कुछ बदला बदला नजर आ रहा है। ना वो मुझसे झगड़ा करता है ना मेरी किसी बात का बुरा मानता है , और तो और उसे आजकल मुझसे कुछ नहीं चाहिए होता,,,,,,,,!!”,गौरी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“तुम्हे एक बार जय से बात करनी चाहिए , हो सकता है कोई बात उसे परेशान कर रही हो,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म ठीक है मैं उस से बात करुँगी पहले तुम बताओ तुमने मुझे फोन क्यों किया है ?”,गौरी ने बिस्तर से उठकर खिड़की के परदे हटाते हुए कहा। परदे हटाते ही पूरा कमरा रौशनी से भर गया।
“मैंने तुम्हे कुछ बताने के लिए फोन किया है,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म बताओ ना”,गौरी ने प्यार से कहा
“कुछ ख़ास नहीं हम अस्सी घाट आये थे तो तुम्हारी याद आ गयी और हमने तुम्हे फोन लगा दिया”,मुन्ना ने कहा
गौरी ने जैसे ही सुना कि मुन्ना अस्सी घाट आया है तो उसने वही शब्द दोहराये जो कुछ देर पहले मुन्ना ने कहे थे और मुन्ना गौरी के साथ साथ उन्ही शब्दों को दोहराते हुए उसकी नक़ल करने लगा।
“ओह्ह्ह्ह मान कभी कभी तो लगता है कोई दूसरी लड़की नहीं बल्कि ये अस्सी घाट मेरी सौतन है , इतना तो तुमने कभी मेरे साथ वक्त नहीं बिताया जितना अस्सी घाट पर बिताते हो,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने चिढ़ते हुए कहा
मुन्ना हसने लगा और कहा,”जब तुम हमेशा के लिए बनारस आ जाओगी तो हम सबसे ज्यादा वक्त तुम्हारे साथ बिताएंगे”
“पक्का ?”,गौरी ने बच्चो की तरह पूछा
“हाँ बाबा पक्का,,,,,,,,,अच्छा गौरी सुनो न”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“इस हफ्ते इलेक्शन है तो हम उसकी तैयारियों में थोड़ा व्यस्त रहेंगे। तुम्हे ज्यादा वक्त नहीं दे पाएंगे तुम्हे चलेगा ना ?”,मुन्ना ने कहा
“ओह्ह्ह मान ये क्या बात हुई ? मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ फ़िलहाल तुम्हे अपने सपनो और अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान देना चाहिए,,,,,,,,,मुझे यकीन है ये इलेक्शन तुम ही जीतोगे”,गौरी ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुराया और कहा,”थैंक्यू गौरी , हमे लगा,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना अपनी बात पूरी करता इस से पहले गौरी ने उसकी बात बीच में काटकर कहा,”तुम्हे लगा दूसरी लड़कियों की तरह मैं तुमसे दिन में घंटो घंटो फोन पर बात करने के लिए कहूँगी , दिनभर मैसेज करने के लिए कहूँगी , चाहूंगी तुम दिनभर मुझे पैम्पर करो,,,,,,,,,,नो मान मुझे ऐसा कुछ नहीं चाहिए,,,,,,तुम्हारे सपने मेरे लिए उतना ही मेटर करते है जितना तुम,,,,,,,,,वैसे भी एक महीने बाद शादी है तो मेरे पास बहुत सारे काम है,,,,,,,मैं खुद तुम्हे वक्त नहीं दे पाऊँगी”
गौरी एक साँस में कह गयी तो मुन्ना ने कहा,”कौनसे काम ?”
“कौनसे काम ? अरे मुझे शादी के बाद पहनने के लिए कपडे खरीदने है ,, साड़िया लेनी है फिर उनकी मैचिंग जेवेलरी , चुडिया , जूते चप्पल , मेकअप लेना है।
शादी का लहंगा पसंद करना है , शादी में आने वाले मेहमानो की लिस्ट तैयार करनी है , इन्विटेशन कार्ड छपवाना है , सबको इन्विटेशन भेजना है , शादी में देने वाले गिफ्ट्स लेने है,,,,,,,,,,,उफ्फ्फ मैं तुम्हे बता नहीं सकती मैं कितना बिजी हूँ,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“रिलेक्स गौरी ! तुम्हे इतनी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है , शादी से एक हफ्ते पहले तुम सब बनारस आ ही रहे हो तो तुम अपनी सारी शॉपिंग यहाँ से कर सकती हो,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“अच्छा और बनारस में मेरे शॉपिंग वाले बैग कौन उठाएगा ?”,गौरी ने पूछा
“वो हम उठा लेंगे”,मुन्ना ने प्यार से कहा
“हाह क्या सच में ? फिर तो बहुत मजा आएगा इन्फेक्ट हम अपनी शादी के सारे फंक्शन्स के ड्रेस मैचिंग मैचिंग लेंगे,,,,,,,,तुम्हारी शॉपिंग भी मैं करवा दूंगी”,गौरी ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
गंगा आरती का समय हो चला था इसलिए मुन्ना नाव से नीचे आया और गौरी से बात करते हुए अस्सी के किनारे से सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया।
“एक हफ्ते पहले वंश और काशी भी बनारस आ जायेंगे तो हम सब साथ मिलकर शॉपिंग कर लेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मुन्ना जैसे ही सीढ़ियों से आगे बढ़ा सामने से आते किसी लड़के से टकरा गया।
मुन्ना ने सॉरी बोलने के लिए जैसे ही सामने देखा अपने सामने खड़े राजन को देखकर धीरे से गौरी से कहा,”हम तुम्हे बाद में फोन करते है”
“ठीक है मैं रखती हूँ , बाय”,गौरी ने कहा और फोन काट दिया
मुन्ना ने फोन जेब में रखा और राजन को देखकर कहा,”कैसे हो राजन ?”
राजन फीका सा मुस्कुराया और कहा,”हम तुमसे नाराज है मुन्ना,,,,,,,,,!!”
राजन के मुंह से नाराजगी की बात सुनकर मुन्ना को थोड़ी हैरानी हुई पर उसने अपने चेहरे पर कोई भाव आने आने नहीं दिया और कहा,”कैसी नाराजगी ?”
“चाय पीते हुए बात करे ? हमने सुना है अस्सी पर चाय बहुत अच्छी मिलती है”,राजन ने कहा
“सही सुना है , आओ पिलाते है”,मुन्ना ने कहा और राजन को साथ लेकर अस्सी घाट पर ऊपर सीढ़ियों पर बने मंदिर के ठीक सामने नीचे बनी चाय की टपरी के
पास चला आया। लड़का मुन्ना को जानता था इसलिए कहा,”नमस्ते भैया”
“नमस्ते , दो चाय”,मुन्ना ने कहा
“बइठो अभी देते है”,लड़के ने कहा और गर्मागर्म चाय को कुल्हड़ में छानने लगा। लड़के ने मुन्ना और राजन को चाय दी और अपने काम में लग गया। मुन्ना राजन के साथ खाली सीढ़ी पर आ बैठा और कहा,”अब बताओ ?”
राजन ने मुन्ना को देखा और कहा,”तुमने हमे बहुत हर्ट किया मुन्ना”
“हम समझे नहीं,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा वह नहीं जानता था राजन किस बारे में बात कर रहा था।
“हमने तुम्हे अपना दोस्त कहा पर शायद तुम हमे अपना दोस्त नहीं मानते , इसलिए तुमने हमे बताया तक नहीं और सगाई कर ली , हमे बुलाया तक नहीं क्या सच में हम इतने बुरे थे ?”,राजन ने उदासी भरे स्वर में कहा
मुन्ना ने सुना तो उसे याद आया कि उसने राजन को अपनी सगाई में इन्वाइट किया ही नहीं,,,,,,,,,,यादास्त जाने के बाद राजन भले ही मुन्ना को अपना दोस्त मानता था लेकिन मुन्ना ने राजन और उसके लड़को के साथ अपनी सीमाएं पहले ही तय कर ली थी वह आँख बंद करके राजन पर भरोसा नहीं कर सकता था।
मुन्ना ख़ामोशी से राजन को देखता रहा तो राजन मुस्कुराया और कहा,”तुमने हमे अपनी सगाई में नहीं बुलाया थोड़ा बुरा लगा पर कोई बात नहीं , लेकिन हम तुम्हे जरूर अपनी सगाई में बुलाएँगे,,,,,,,हम सादी करने जा रहे है मुन्ना और पुरे बनार मा हमरा ऐसा कोनो दोस्त नाही है जिह के साथ हमहू जे ख़ुशी बांट सके इहलीये तुम्हे बताया,,,,,,,,,,,तुम हमरी सगाई में आओगे ना ?”
राजन की आँखों में सच्चाई और बातो में अपनापन देखकर मुन्ना का दिल थोड़ा पिघला और उसने कहा,”बहुत बहुत बधाई हो राजन,,,,,,,,,तुम अपनी जिंदगी की एक नयी शुरुआत करने जा रहे हो,,,,,,,,हम जरूर आएंगे”
राजन ने सुना तो हाथ में पकड़ा चाय का कप साइड में रखा और मुन्ना के गले लगकर कहा,”थैंक्यू मुन्ना ! तुम आओगे तो हमे बहुत ख़ुशी होगी,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना को राजन का गले लगना थोड़ा अजीब लगा क्योकि अतीत में दोनों के बीच दुश्मनी रह चुकी थी , मुन्ना को अजीब लग रहा था पर वह इस पल राजन की ख़ुशी छीनना नहीं चाहता था इसलिए उसकी पीठ थपथपा दी। चाय पीकर दोनों गंगा आरती में शामिल होने चले गए।
लोनावला , पुणे
वंश और निशि दिनभर शूटिंग में बिजी रहे। वंश निशि से नाराज था इसलिए दोनों में दिनभर ज्यादा बातचीत भी नहीं हुई। सुबह झरने के ठन्डे पानी में भीगने की वजह से शाम होते होते निशि को बुखार हो गया लेकिन फिर भी उसने अपनी साइड के सीन शूट किये और पेकअप होने के बाद अपने कमरे में आकर लेट गयी।
के.डी ने सभी के लिए होटल के लॉन में पार्टी रखी सभी पार्टी में मौजूद थे सिवाय निशि के , वंश साथ आयी टीम की लड़कियों से घिरा हुआ था लेकिन उसकी नजरे बार बार किसी को ढूंढ रही थी। भले वह निशि से नाराज हो लेकिन निशि की कमी को महसूस कर रहा था। वंश सबको एक्सक्यूज मी बोलकर साइड आया और काउन्टर पर आकर एक सॉफ्ट ड्रिंक देने को कहा
“सॉफ्ट ड्रिंक तुम्हारी पर्सनालिटी को सूट नहीं करती तुम्हे हार्ड ड्रिंक ट्राय करनी चाहिए”,वंश के बगल में खड़ी मायरा ने कहा
वंश ने गर्दन घुमाकर देखा , डार्क ग्रीन रंग के गाउन में मायरा बला की खूबसूरत लग रही थी पर वंश ने उस पर ध्यान ना देकर अपना ड्रिंक उठाया और कहा,”मेरी पर्सनालिटी मुझे ये सब अलाउड नहीं करती”
“ओह्ह्ह कम ऑन वंश तुम अब बच्चे नहीं रहे , इन्फेक्ट इंडस्ट्री में बने रहने के लिए तुम्हे यहाँ के तौर तरीके सीखने ही होंगे,,,,,,,,,यहाँ हम जो नहीं है हमे वह भी बनकर दिखाना पड़ता है,,,,,,,,,!!”,मायरा ने अपने गिलास से शराब का एक घूंठ भरकर कहा
वंश मायरा के थोड़ा सा करीब आया और उसकी आँखों में देखकर कहा,”मैं अपने तौर तरिके बहुत अच्छे से जानता हूँ और वक्त आने पर तुम्हारी इस इंडस्ट्री को भी सीखा दूंगा”
मायरा मुस्कुरा दी वंश की इसी हाजिरजवाबी पर तो वह फ़िदा थी। उसने अपना शराब का गिलास वंश के सामने किया और अपनी एक आँख दबाकर कहा,”चियर्स”
वंश ने अपने कदम पीछे लिए और वहा से चला गया वह मायरा को बिल्कुल पसंद नहीं करता था लेकिन मायरा भी इस सीरीज में काम कर रही थी तो उसके साथ काम करना अब वंश की मज़बूरी बन चुका था क्योकि लगभग आधी सीरीज शूट हो चुकी थी।
वंश अपनी सॉफ्ट ड्रिंक पीते हुए सुमित की तरफ आया और बड़बड़ाया,”हाह कितनी अजीब लड़की है जब भी बात करती है मूड खराब कर देती है,,,,,,,,,,,,,आई जस्ट हेट हर”
“क्या हुआ अकेले में खुद से क्या बाते कर रहे हो ? और किसने मूड खराब किया तुम्हारा ?”,सुमित ने वंश की तरफ देखकर पूछा
“और कौन आपकी वो प्यारी मायरा , कभी कभी तो दिल करता है इसी पहाड़ी से उसे नीचे धक्का दे दू”,वंश ने चिढ़कर कहा
“ए तुम बसने से पहले ही मेरा घर उजाड़ने की बातें क्यों कर रहे हो ?”,सुमित ने कहा
“आपको पूरी मुंबई में यही एक लड़की मिली,,,,,,,,,,!!”,वंश ने सुमित को घूरते हुए पूछा
सुमित ने दूर खड़ी मायरा को देखा और मुस्कुरा कर कहा,”क्या कमी है उस में ? अह्ह्ह कितनी ब्यूटीफुल दिखती है वो,,,,,,सच एन एंजेल”
“तो अपनी एंजेल को थोड़ा कंट्रोल में रखो , बात बात पर मेरा मूड खराब क्यों करती है वो ?”,वंश ने कहा
“ओह्ह्ह कम ऑन वंश तुम्हारा मूड मायरा की वजह से नहीं बल्कि किसी और वजह से है और वो वजह मैं जानता हूँ”,सुमित ने कहा
“क्या जानते है आप ?’,वंश ने पूछा
“तुम्हारा मूड इसलिए खराब है क्योकि निशि यहाँ नहीं है,,,,,,,,,,,,,राइट ?”,सुमित ने वंश की आँखों में देखते हुए कहा जिनमे निशि का सुनते ही बेचैनी और चमक एक साथ थी लेकिन वंश इतनी जल्दी सुमित की बात पर सहमत हो जाये ये कहा मुमकिन था उसने सुमित की तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा,”उसके बिना भी इस पार्टी में काफी मजा आ रहा है,,,,,,,,और आपको उस छिपकली की इतनी ही याद आ रही है तो आप भी यहाँ से जा सकते है”
वंश चिढ़कर वहा से चला गया और सुमित उसे जाते देखकर बड़बड़ाया,”लगता है अब तो निशि को यहाँ लाना ही पडेगा”
सुमित ने हाथ में पकड़ी ड्रिंक खत्म की और होटल की तरफ चला गया। वंश दूसरे लोगो के साथ बिजी हो गया लेकिन अंदर ही अंदर वह निशि को बहुत मिस कर रहा था लेकिन सीधे मुंह कहे भी तो कैसे ?
सुमित निशि के कमरे के बाहर आया और दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने नहीं खोला। सुमित ने एक बार फिर दरवाजा खटखटाने के लिए जैसे ही हाथ उठाया उसने देखा कमरे का दरवाजा पहले से खुला है।
सुमित ने दरवाजा खोला और अंदर आया तो देखा निशि कम्बल ओढ़े बिस्तर पर सो रही थी। सुमित निशि की तरफ आया और कहा,”निशि ! निशि ! सब बाहर पार्टी कर रहे है और तुम यहाँ सो रही हो , कितनी अजीब लड़की हो तुम उठो और बाहर चलो,,,,,,,,,सब वहा है बस तुम नहीं हो , चलो उठो”
सुमित की आवाज से निशि की नींद टूटी और उसने उठकर बैठते हुए कहा,”मेरा मन नहीं है सर ,,,,,,,,,,!!!”
“अरे मन का क्या होता है ? तुम उठो बाहर चलो सबके बीच चलकर मन अपने आप बन जाएगा”,सुमित ने कहा
“नहीं सर सच में मेरा मन नहीं है और मुझे अच्छा भी नहीं लग रहा,,,,,,,आप लोग इंजॉय कीजिये”,निशि ने उदासी भरे स्वर में कहा
निशि की ना सुनकर सुमित जाने के लिए वापस मुड़ गया लेकिन पलटते हुए उसने कहा,”हाँ एन्जॉय तो सभी कर रहे है लेकिन वंश आज कुछ ज्यादा ही इंजॉय कर रहा है , वो भी मायरा के साथ,,,,,,,,,,,आई थिंक आज के झरने वाले सीन के बाद दोनों एक दूसरे के थोड़ा और ज्यादा करीब आ गए है,,,,,,,,,,!!”
सुमित के शब्दों ने निशि पर तुरंत असर किया वह बिस्तर से उठकर सुमित के पास आयी और कहा,”क्या ? वंश मायरा के साथ एन्जॉय कर रहा है , वो ऐसा कैसे कर सकता है ?”,सुमित निशि की तरफ पलटा और कहा,”क्योकि तुम वहा नहीं हो इसलिए,,,,,,आज तो वह मायरा के पीछे लट्टू बना घूम रहा है , और घूमना बनता भी है आज की पार्टी में मायरा इतनी हॉट जो लग रही है,,,,,,,,,,वैसे मैंने उसे बताया भी कि निशि आज पार्टी में मौजूद नहीं है तो उसने कहा,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह जाने दो मैं खामखा तुम दोनों के बीच झगड़ा नहीं चाहता”
“क्या कहा उसने ? मुझे बताईये सुमित सर उसने आपसे क्या कहा ?”,निशि ने उत्सुकता से पूछा
“अह्ह्ह उसने मुझसे कहा कि तुम्हारे बिना भी उसे इस पार्टी में काफी मजा आ रहा है”,सुमित ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
निशि ने सुना तो वह वंश के बारे में सोचकर ही गुस्से से भर गयी और कहा,”हाँ उसे तो मजा आएगा ना उस पर नाराज रखने वाली मैं जो वहा नहीं हूँ , उस चिरकुट को मैं छोडूंगी नहीं,,,,,,,,!!!”
“हाँ लेकिन यहाँ बैठकर तुम क्या ही कर लोगी मेरे ख्याल से तुम्हे बाहर पार्टी में आना चाहिए और उस चिरकुट,,,,,,,,,,आई मीन वंश को दिखा देना चाहिए कि आज की पार्टी की शान मायरा नहीं बल्कि तुम हो,,,,,,,!!”,सुमित ने निशि को चने के झाड़ पर चढ़ाते हुए कहा
निशि ने गुस्से से अपनी आँखों को छोटा किया और कहा,”हममम आप मुझे 10 मिनिट दो मैं अभी आयी”
“हम्म्म मैं बाहर तुम्हारा वेट करता हूँ”,सुमित ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा। निशि ने दरवाजा बंद किया और बाथरूम की तरफ चली गयी।
सुमित निशि के कमरे के बाहर आकर उसका इंतजार करने लगा तभी उसने निशि और वंश के कहे शब्द याद आ गए और वह हंस पड़ा , उसने कमरे के दरवाजे की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बड़बड़ाया,”क्या फनी नाम रखे है तुम दोनों ने एक दूसरे के लिए छिपकली और चिरकुट ,,, हाहाहाहाहा परफेक्ट,,,,,,,,,सीरियसली तुम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हो”
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संजना किरोड़ीवाल


Esa na ho ki party m jane ki wajah se Nishi ki tabiyat aur kharab ho jaye…iss Sumit ko nhi dikhta hai kya ki agar Nishi party m nhi hai to koi wajah hogi…but nhi…use to Vansh ka mood thik Krna hai…khar aaj Guri ne kitni samjdari wali baat ki…but apne bhai k bare m nhi soch saki ki wo kyu badal gaya hai… shaadi k baad Guri ko samaj m aayega ki Jai kyu badal gaya tha.,