“मैं तेरी हीर” – 29
Main Teri Heer – 29
मुन्ना चाहता था चाहता काशी की सगाई के बाद गौरी जल्द से जल्द वापस इंदौर चली जाये। मुन्ना गौरी का सामना नहीं कर पा रहा था लेकिन गौरी तो ठहरी गौरी वो इतनी जल्दी हार कैसे मान लेती उसने मुन्ना को प्यारभरी धमकी दी और वहा से चली गयी। गौरी के जाने के बाद मुन्ना और ज्यादा परेशान हो गया , वह गौरी के साथ ऐसा बर्ताव करना नहीं चाहता था लेकिन वंश के लिए मजबूर था। गौरी के जाने के बाद मुन्ना वही खड़ा सोच में डूबा था मुरारी किसी काम से उधर से गुजरा उसने जब मुन्ना को ऐसे देखा तो उसके पास आया और कहा,”जे पुतला बनके काहे खड़े हो ? कोनो प्रकट होने वाला है का ?”
मुरारी की आवाज से मुन्ना की तंद्रा टूटी , उसने ना में गर्दन हिलाई और वहा से चला गया। मुरारी उसे जाते हुए देखता रहा और फिर मन ही मन खुद से कहा,”सुबह तो इह ठीक था अब एकदम से 12 काहे बजे है इसके चेहरे पर,,,,,,,,,,,,,,,,पता लगना पडेगा”
मुरारी वहा से चला गया। मुन्ना बरामदे से होकर बाहर जा ही रहा था की काशी ने उसे फिर बुला लिया। वहा गौरी है सोचकर मुन्ना के कदम ठिठके लेकिन फिर उसने एक गहरी साँस ली और कमरे में चला आया।
“मुन्ना भैया वो गौरी को मार्किट से कुछ लेना है आप साथ ले जायेंगे इसे”,काशी ने कहा
“क्या चाहिए बताओ हम ला देते है”,मुन्ना ने बिना गौरी की तरफ देखे कहा
“लड़कियों वाला सामान चाहिए ला दोगे , कहो तो बता देती हूँ वो मुझे ब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने इतना ही कहा की मुन्ना ने उसकी बात काटते हुए कहा,”हम बाहर है आ जाईये”
मुन्ना की शक्ल देखकर गौरी को हंसी आ गयी तो काशी ने उसे घूरते हुए कहा,”तुम बहुत शैतान हो गौरी”
“अरे उसने पूरी बात ही नहीं सुनी मैं तो ब,,,,,,,,,,,,,बेल्ट की बात कर रही थी , अब लेडीज बेल्ट के बारे में तुम्हारे भैया को कैसे पता होगा ?”,गौरी ने कहा
“हाँ नमन है तुमको अब जाओ वरना मुन्ना भैया कही तुम्हे छोड़कर ना चले जाए”,काशी ने कहा तो गौरी ने अपना पर्स लिया और बाहर चली गयी। मुन्ना बाहर बाइक स्टार्ट किये खड़ा था गौरी आकर उसके पीछे बैठ गयी लेकिन थोड़ा डिस्टेंस बनाकर ताकि मुन्ना को लगे की वह उस से अभी भी नाराज है। मुन्ना गौरी को लेकर वहा से निकल गया। सूरज ढल चुका था और बनारस सड़के दुकानों की रौशनी से जगमगा रही थी। मुन्ना ख़ामोशी से गौरी को साथ लिए आगे बढ़ता रहा मुन्ना को नहीं पता था उसे कहा जाना है और ना गौरी ने उसे बताया वह बस आगे बढ़ते जा रहे थे।
अचानक से मुन्ना ने ब्रेक ब्रेक लगाया और पीछे इत्मीनान से बैठी गौरी उस पर आ गिरी।
“ये ब्रेक लगाकर तुम क्या जताना चाहते हो ? देखो अगर मुझसे नाराज हो तो नाराज रहो , ये ब्रेक मारकर मेरा फायदा मत उठाओ”,गौरी ने झूठ मुठ का नाराज होते हुए कहा
“हमने कोई फायदा नहीं उठाया है वो ब्रेकर ना दिखने की वजह से अचानक ब्रेक लगाना पड़ा”,मुन्ना ने अपनी सफाई में कहा
“वाह जी वाह क्या बात है चोरी और सीनाजोरी , मैं जानती हूँ तुमने जानबूझकर किया है,,,,,,,,,,,सीधे मुंह बात करने में शर्म आती होगी ना तुम्हे,,,,,,वैसे भी लड़को को अच्छे से जानती हूँ मैं ब्रेक मारने के बहाने पास आने का सोचते है”,गौरी ने मुन्ना को चिढ़ाने के लिए कहा।
मुन्ना ने सूना तो आगे खिसका , इतना आगे की बाइक की टंकी पर आ बैठा और थोड़ा गुस्से से कहा,”अब ठीक है ?”
“हाँ ठीक है अब चलो”,गौरी ने कहा
“क्या तुम मुझे बताओगी जाना कहा है ?”,मुन्ना ने झुंझलाते हुए कहा
“मुझे कल सगाई में पहनने के लिए एक नेकलेस लेना है तो क्यों ना वही चले”,गौरी ने कहा तो मुन्ना ने बाइक आगे बढ़ा दी। कुछ देर बाद ही मुन्ना गौरी के साथ शॉप पर पहुंचा। मुन्ना ने बाइक साइड में लगाईं और गौरी के साथ अंदर चला आया। दुकान के मालिक ने मुन्ना को देखा तो देखते ही पहचान गया और कहा,”अरे मुन्ना बड़े दिनों बाद आये , विधायक जी कैसे है ?”
“नमस्ते अंकल पापा ठीक है , वो इनके लिए कुछ नेकलेस दिखाईये”,मुन्ना ने मुस्कुरा कर कहा
“छोटू मुन्ना भैया को वो नए वाले डिजाईन्स दिखाना ज़रा”,दुकान के मालिक ने दुकान में काम करने वाले छोटू से कहा और मुन्ना को उधर जाने का इशारा किया। मुन्ना गौरी के साथ छोटू की तरफ चला आया। मुन्ना को इन चीजों की ज्यादा जानकारी नहीं थी इसलिए उसने गौरी से देखने को कहा।
छोटू गौरी के सामने सुन्दर सुन्दर डिजाईन्स रखने लगा लेकिन गौरी को कुछ पसंद नहीं आ रहा था। काफी देर हो गयी तो मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा गौरी ने अपने कंधे उचकाए और कहा,”इनमे से कोई भी अच्छा नहीं है”
“मुन्ना भैया आप ही पसंद कर लीजिये ना भाभीजी के लिए”,छोटू ने गौरी को मुन्ना की गर्लफ्रेंड समझकर कह दिया
गौरी मुस्कुराने लगी और मुन्ना ने घूरते हुए छोटू को देखा और कहा,”पहली बात तो ये की जे तुम्हारी भाभी नहीं है और दूसरी बात जे की कुछो ढंग का है तो दिखाओ वरना अपना मुंह बंद रखो”
मुन्ना की बात सुनकर बेचारा छोटू सहम गया। उसने धीरे से हाँ में गर्दन हिलायी और दूसरे डिजाईन्स गौरी के सामने रखने लगा। गौरी ने एक डबल चैन वाला पेन्डेन्ट उठाया और उसे गले में पहनने की कोशिश करने लगी। वह पहन नहीं पा रही थी या ना पहनने का नाटक कर रही थी ये तो अब वही जानती थी , लेकिन उसे परेशान होते देखकर छोटू से रहा नहीं गया और उसने मुन्ना से फिर कहा,”मुन्ना भैया , उह पहनने में दीदी की मदद कर दीजिये जरा”
मुन्ना ने एक नजर छोटू को देखा तो वह सहमकर फिर अपने काम में लग गया। मुन्ना ने देखा गौरी उस चैन को नहीं पहन पा रही थी , वह उठा और गौरी के पीछे आकर उसके हाथो से चैन लेकर खुद उसे पहनाने लगा। ये करते हुए मुन्ना के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे पर उसकी इस हरकत ने गौरी के दिल को जरूर धड़का दिया था। सामने पड़े शीशे में वह अपने पीछे खड़े मुन्ना को चैन का हुक बंद करते हुए बड़े ही प्यार से निहार रही थी। मुन्ना की नजर शीशे पर गयी तो उसकी नजरे गौरी से जा मिली और उसका दिल धड़क उठा। मुन्ना साइड हट गया , अब चूँकि वो चैन मुन्ना ने गौरी को अपने हाथो से खुद पहनाया था इसलिए उसे उतारने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था उसने वो चैन और पेन्डेन्ट खरीद लिया।
मुन्ना ने पैसे देने चाहे तो गौरी ने उसे रोक दिया और खुद बिल पे करके कहा,”मैं अपना ख्याल खुद रख सकती हूँ मान”
गौरी की ये बात ना जाने क्यों मुन्ना को चुभन का अहसास दे गयी वह उसे लेकर बाहर चला आया। गौरी ने कुछ और सामान खरीदा जो की बेवजह था , वह बस कुछ वक्त मुन्ना के साथ बिताना चाहती थी ताकि उसकी परेशानी के बारे में पता लगा सके लेकिन मुन्ना ना जाने किस मिटटी का बना था उसने गौरी के सामने कुछ भी जाहिर नहीं किया। मुन्ना काशी के साथ मार्किट में ही था की वंश का फोन आया
“हे मुन्ना ! कहा है तू ? मैं कबसे तेरा वेट कर रहा हूँ”,वंश ने कहा
“वो हम बाहर है तू कैब से घर चला जा ना प्लीज”,मुन्ना ने कहा
“तेरा सही है,,,,,,,,,,,चल ठीक है मैं चला जाऊंगा वैसे तू कल आ रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑफकोर्स तू आ रहा है हमारी बहन की सगाई है , सुबह मिलना तेरे लिए एक सरप्राइज है,,,,,,,,,,,,,चल बाय”,वंश ने कहा और फोन काट दिया
“हेलो वंश,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या सरप्राइज हो सकता है ? ये लड़का भी ना पता नहीं अब क्या पागलपंती करने वाला है”,कहते हुए मुन्ना ने अपना फोन जेब में रख लिया। गौरी बैग हाथ में लिए शॉप से बाहर आयी और कहा,”हम्म्म सब हो गया आई थिंक हमे अब घर चलना चाहिए”
मुन्ना ने बाइक स्टार्ट की और गौरी को लेकर घर चला आया। घर आया तब तक सब खाना खा चुके थे और सब अलग अलग ग्रुप में बैठकर बातें कर रहे थे।
“मुन्ना चलो आओ हमने तुम्हारा खाना लगा दिया है आकर खा लो , गौरी तुम्हारे लिए भी लगवा दे”,सारिका ने पूछा
“नहीं आंटी मेरा पेट फुल है , मैं नहीं खाउंगी”,कहते हुए गौरी काशी के कमरे की तरफ चली गई
मुन्ना को भूख नहीं थी लेकिन सारिका के कहने पर चला आया। सारिका ने उसके लिए प्लेट में खाना परोसा और वही उसके बगल में बैठ गयी।
“बड़ी माँ हम खा लेंगे”,मुन्ना ने कहा
“कोई बात नहीं मुन्ना वैसे भी अब कोई काम नहीं है और काफी दिनों से तुमसे अच्छे से बात भी नहीं हुई है,,,,,,,,,,,,,,,हम तुमसे कुछ पूछे ?”,सारिका ने बड़े ही प्यार से कहा
“हम्म पूछिए ना”,मुन्ना ने निवाला तोड़कर खाते हुए कहा
“तुम ठीक हो ना मुन्ना ?”,सारिका ने पूछा। सारिका का सवाल सुनकर मुन्ना खाते खाते रुक गया , उसके चेहरे पर कई भाव आये और गए उसने खुद को नॉर्मल रखते हुए सारिका की तरफ देखा और कहा,”हाँ बड़ी माँ हम ठीक है”
सारिका एकटक मुन्ना को देखते हुए मुस्कुरा उठी और कहा”,मुन्ना ! जानते हो ईश्वर ने हमे सच बोलने के लिए सिर्फ मुंह ही नहीं बल्कि आँखे भी दी है , तुम कितना भी छुपाओ लेकिन तुम्हारी आँखों से सब पता चल जाता है,,,,,,,,,,,,,,अब बताओ क्यों परेशान हो ? क्या अब तुम अपनी बड़ी माँ से छुपाओगे ?”
“ऐसी बात नहीं है बड़ी माँ बीते दिनों में जो कुछ भी हुआ उसके बाद से हम थोड़ा अपसेट है , हम जानते है धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा”,मुन्ना ने कहा
“मुन्ना तुम जानते हो तुम ऐसे क्यों हो ? क्योकि तुम सबकी हद से ज्यादा परवाह करते हो , कभी अपने बारे में नहीं सोचते , तुम्हे थोड़ा खुद के लिए भी सोचना चाहिए बेटा,,,,,,,,,,,, तुम्हारे कॉलेज के एग्जाम्स हो चुके है अब तुम्हे फॅमिली की टेंशन छोड़कर अपने सपनो की ओर ध्यान देना चाहिए”,सारिका ने मुन्ना को समझाया
“पापा ने जॉब देखा है हमारे लिए , काशी की सगाई के बाद हम वही करने का सोच रहे है”,मुन्ना ने कहा
“अरे जॉब क्यों तुम पापा के चले जाओ इंदौर , पिछले कुछ सालो से उनका ऑफिस भी बंद पड़ा है तुम उसे फिर से शुरू कर सकते हो बेटा”,सारिका ने कहा
“नहीं बड़ी माँ पहले कुछ साल हमे अनुभव की जरूरत है उसके बाद ही हम ऐसा कुछ करेंगे ,,!!”,मुन्ना ने कहा
“ये भी ठीक है , अगर कभी भी तुम्हे लगे की तुम्हे किसी से कुछ शेयर करने की जरूरत है तो बेझिझक हमसे आकर कहना”,सारिका ने कहा तो मुन्ना ने हाँ में गर्दन हिला दी
खाना खाकर मुन्ना घर के लिए निकल गया। गौरी यहाँ थी और ऐसे में मुन्ना यहाँ रूककर अपनी परेशानिया और बढ़ाना नहीं चाहता था। अगले दिन सुबह सुबह घर में सबकी भागदौड़ शुरू हो गयी। कोई नहाने की जल्दी में था तो नाश्ते के लिए परेशान था। कोई आँगन में बैठा चाय की चुस्कियों के साथ अपने पुराने किस्से सबको सूना रहा था तो कोई सगाई में पहनने वाले कपड़ो को लेकर परेशान,,,,,,,,,,,,,,,,कुल मिलाकर शिवम् के घर में आज काफी चहल पहल थी। सारिका ने सबके नाश्ते का इंतजाम करवा दिया था। काशी अभी तक सो रही थी जबकि उसकी बाकी दोस्त उठकर नहा चुकी थी। सारिका उन सबको नाश्ते के लिए बोलने आयी थी उसने जब देखा की काशी सो रही है तो गौरी से कहा,”अरे अपनी दोस्त को उठाओ आज इसकी सगाई है और ये लड़की अभी तक सो रही है”
“आंटी रातभर शक्ति से फोन पर बातें करेगी तो यही हाल होगा , आप जाईये मैं इसे उठाती हु”,गौरी ने हँसते हुए कहा
“ठीक है बेटा , तुम सब भी बाहर आ जाओ नाश्ता तैयार है”,कहकर सारिका वहा से चली गयी
गौरी काशी के पास आयी और धीरे से उसके कान के पास आकर जोर से उसके कान में कहा,”शक्ति की दीवानी उठ जाओ सूरज निकल आया है”
घबराकर काशी एकदम से उठी , जब उसने देखा की गौरी बाकि सबके साथ मिलके जोर जोर से हंस रही है तो उसने पास पड़ा कुशन उठाया और गौरी की ओर फेंकते हुए कहा,”गौरी की बच्ची तुम्हे तो हम नहीं छोड़ने वाले है”
कुशन गौरी को लगता इस से पहले ही गौरी नीचे झुक गयी और काशी को चिढ़ाते हुए कहा,”उसके लिए तुम्हे पहले मुझे पकड़ना होगा बेटा”
“अच्छा रुको अभी बताती हूँ”,कहते हुए काशी उठी और गौरी के पीछे भागने लगी। दोनों कमरे में यहाँ वहा भाग रही थी लेकिन गौरी इतनी फुर्तीली थी की काशी के हाथ ही नहीं आयी और कमरे से बाहर निकल गयी। भागते हुए गौरी को ध्यान नहीं रहा और वह बाहर से आते मुन्ना से जा टकराई। वही पास से किशना फूलो की टोकरी लिए जा रहा था अचानक इस हरकत से वह भी डर गया और उसके हाथ में पकडी टोकरी ऊपर उछल गयी जिसमे से फूल बाहर आ गिरे। गौरी गिरती इस से पहले ही मुन्ना ने उसे अपनी मजबूत बाँह में थाम लिया दोनों एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे। किशना के हाथ से उछली टोकरी में रखे फूल उन दोनों पर आकर गिरने लगे। गनीमत था उस वक्त वंश वहा नहीं था वरना बेचारे का दिल टूट जाता लेकिन आँगन की तरफ से आते मुरारी की नजर गौरी और मुन्ना पर चली गयी , उन दोनों को साथ देखकर मुरारी वही रुक गया और बड़बड़ाया,”साला हमको पहले ही लगता था की इन दोनों के बीच कुछ ना कुछ चल रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बेटा मुन्ना हम भी तुम्हाये बाप है पता तो लगा ही लेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे का गजब का सीन है जे देखकर हमको हमाये जवानी वाले दिन याद आ गए बाय गॉड,,,,,,,,,,,,,एक्को बात हम भी मैग्गी से ऐसे ही टकराये थे , बस फूल ना गिरे थे हमरे ऊपर”
“ए मुरारी हिया का कर रहे हो ? तुमको पंडित जी से मिलने को कहा था तुम हो के छिपकली बन के दिवार से चिपके हुए हो,,,,,,,,,,,,,,,,,हमरी गलती है हम तुमको कहे ही क्यों ? चिपके रहो मगरमच्छ बन के”,आई ने आकर मुरारी को डांटते हुए कहा तो मुरारी अपने ख्यालो से बाहर आया और आई के पीछे चल पड़ा
“अब क्या शाम तक ऐसे ही रहने का इरादा है”,गौरी ने कहा तो मुन्ना की तंद्रा टूटी उसने गौरी को छोड़ दिया और अपने ऊपर गिरे फूलो को हटाते हुए कहा,”माफ़ करना वो हमने देखा नहीं था”
“काश तुम देख पाते मुन्ना”,गौरी ने मुंह बनाकर कहा और वहा से चली गयी। मुन्ना उसके तानो को अच्छे से समझता था इसलिए कुछ नहीं कहा और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। दरअसल वंश उसे सुबह से 10 बार फोन कर चुका था और घर आने को कह रहा था।
“हे मुन्ना आ गया तू जल्दी इधर आ , देख ये कैसा है ?”,वंश मुन्ना को लेकर बिस्तर के पास आया और वहा पड़े कपडे दिखाते हुए कहा
“अच्छा लग रहा है लेकिन तुमने दो जोड़ी एक जैसी क्यों ली ?”,मुन्ना ने पूछा
“अरे हमारी बहन की सगाई है , दोनों भाई एक जैसे कपडे पहनेंगे का गजब लगेंगे मतलब कतई बवाल लगेंगे नई”,वंश ने चिहुंकते हुए कहा
“क्या मैं अंदर आ सकती हूँ ?”,गौरी ने वंश के कमरे का दरवाजा खटखटाया
“अरे गौरी आओ ना , पूछ क्यों रही तुम इस घर में कही भी आ जा सकती हो , इसे अपना ही घर समझो”,वंश ने कुछ ज्यादा ही अपनापन दिखाते हुए कहा हालाँकि उसकी बात सुनकर मुन्ना ने मुश्किल से थूक निगला क्योकि वंश और किसी लड़की के सामने इतना सभ्य बिहेव करे ये तो पहली बार हो रहा था।
“ओह्ह्ह वाओ ये कपडे तुम शायद शाम में पहनने वाले हो”,गौरी ने बिस्तर पर पड़े ड्रेस देखते हुए कहा
“हाँ मैं और मुन्ना एक जैसे कपडे पहनने वाले है , कैसे है ?”,वंश ने खुश होकर कहा
“मुन्ना का पता नहीं पर तुम पर ये ड्रेस बहुत अच्छा लगेगा तुम्हारी पर्सनालिटी के हिसाब से”,गौरी ने मुन्ना को जलाने के लिए वंश की तारीफ कर दी हालाँकि मुन्ना को इस से कोई खास फर्क नहीं पड़ा क्योकि वो खुद मानता था वंश की पर्सनालिटी उस से ज्यादा अच्छी है
“थैंक्यू ! वैसे मैं मुंबई से तुम्हारे लिए कुछ लेकर आया था”,वंश ने कहा
“क्या सच में ? ओह्ह्ह तुम कितने अच्छे हो ,, दिखाओ ना क्या लाये हो ?”,गौरी ने कुछ ज्यादा ही खुश होने का नाटक करते हुए कहा
“अरे वो बहुत मामूली सी चीज है मुझे शर्म आ रही है देने में”,वंश ने शरमाते हुए कहा
“अरे अब शर्माना बंद करो और दिखाओ मुझे”,गौरी ने कहा तो वंश ने उसे रुकने का इशारा किया और खुद कबर्ड की तरफ चला गया। गौरी की नौटंकी देखकर मुन्ना जैसे ही वहा से जाने लगा गौरी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और धीमी आवाज में कहा,”मुझे लगता है तुम्हे इन सब से कोई खास फर्क नहीं पड़ना चाहिए या फिर मैं ये समझ लू की तुम्हे बुरा लग रहा है इसलिए तुम जा रहे हो”
गौरी को गलत साबित करने के लिए मुन्ना वही रुक गया। वंश गौरी की तरफ आया उसके हाथ में एक छोटा सा बॉक्स था। वंश ने उसे गौरी की तरफ बढ़ा दिया , गौरी ने उसे खोला उसमे बहुत ही सुन्दर झुमके थे। गौरी ने उन्हें वापस वंश की तरफ बढा दिए तो वंश के चेहरे से ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी और उसने कहा,”क्या हुआ तुम्हे पसंद नहीं आये ? वहा मॉल में सबसे सुंदर यही लगे मुझे इसलिए मैंने खरीद लिए”
“बहुत सुंदर है जब तुमने मेरे लिए खरीद ही लिए है तो क्यों ना तुम अपने हाथो से ही पहना दो ?”,गौरी ने मुन्ना की तरफ देखकर कहा
वंश ने सूना तो ख़ुशी के मारे उसका दिल धड़कने लगा और वह मुस्कुरा उठा। गौरी को झुमके पसंद आये ये उसके लिए बहुत ख़ुशी की बात थी लेकिन वही जब मुन्ना ने सूना तो उसका खून जल गया। गौरी के करीब किसी और का जाना वह कैसे देख सकता था फिर सामने खड़ा सख्स उसका भाई ही क्यों ना हो ?
वंश ने डिब्बे से एक झुमका निकला और दुसरा झुमका डिब्बे समेत मुन्ना के दूसरे हाथ पर रख दिया। बेचारा मुन्ना अब तो उसे ना चाहते हुए भी ये देखना पडेगा। मुन्ना अपने दाँत भींचे , मुश्किल से चेहरे के भावों को छुपाये , खामोश खड़ा उन दोनों को देख रहा था। जैसे ही वंश गौरी के करीब आकर उसके कान में झुमका पहनाने लगा मुन्ना को चुभन का अहसास हुआ ,उसके दांये हाथ की मुट्ठी भींच गयी ऐसे वक्त में वह ना गौरी को कुछ कह सकता था ना ही वंश को,,,,,,,,,,,,,मुन्ना से जब बर्दास्त नहीं हुआ तो उसने हाथ में पकड़ा डिब्बा और झुमका गौरी के हाथ में रखा और वहा से चला गया।
“इसे क्या हुआ ?”,वंश ने हैरानी से कहा
“शायद उसे ये सब चीजे देखने की आदत नहीं है , वो थोड़ा बोरिंग टाइप है ना इसलिए,,,,,,,,,,,,,ये दूसरे वाला मैं खुद पहन लुंगी,,,,,,,,,,थैंक्यू वंश”,कहते हुए गौरी जाने लगी
“सुनो गौरी मुझे तुमसे कुछ कहना था”,वंश ने अपने धड़कते दिल के साथ कहा
“शाम में बात करते है वंश अभी मुझे कुछ काम है”,कहकर गौरी चली गयी
Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29 Main Teri Heer – 29
क्रमश – Main Teri Heer – 30
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संजना किरोड़ीवाल
Amazing story ❤️🤔🤔💝❣️❣️💘💘💟💟❣️💝💝🤔❤️❤️😘😘😘😘❤️🤔💝
Gauri Munna ko jealous feel karwane ke chakkar me vansh ke dil se khel rhi h
Very nice
❤️❣️❣️♥️🧡💝💗💞😁😂😅
Saam ko footega bomb…
Ufff ye nishi bhi kb aayegi
Kyunki jb tk ye nhi aati n
Tb tk ye vansh ese hi harkate krata rahega
💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖
Aab ye dono bhai ek se kapde pehnege sham ko to kuch na kuch hoga joki galatfahmi ke karan hoga.
Nice story
Maam kisi ek ka dil to tootna hi h bhut hi bura lg rha h hme
Mam please upload kitni mohabbat hai season 2. Pls
Di kitani mohabbat hai season 2 aaj aane wala tha but aaya nhi kab aaye ga
Very nice part 👌
Superb part… gauri munna ko tang kr rahi h taaki gusse m wo apne andar jazb dard ko bahar nikal de taaki uski takleef kam ho jaye… kyunki Gauri ko ye samjh aa gya ki munna kuch chupa rha h or usko aisa kr k bahut taklif ho rhi h..ab to nishi ki entry par hi vansh ka dhyan Gauri se hatega kyunki dono ko ladne se fursat nhi milegi.. waiting eagerly for next part
Thanks for uploading ” Haan ye mohabbat hai”. Ma’am, please also upload the next part of ” Main Teri Heer season 2″.
Both the stories at awesome and the latter one has got lots of suspense in it. Wanna read both of them. Please do upload.
I just wish ki Vansh Gauri se kuch kahe, usse Nishi ki towards feelings realize ho jaye… isse kisi ka dil bhi nahi tootega aur Vansh aur Manavendra me difference bhi nahi aayegi.
Ye Amma pata nahi kyu hamesha murari ke piche padi rahati hai , our use bhi chain nahi sasur banne ke layak ho gaya lekin ab tak aai ki batei sunne ke kam karta rahata hai .😜☺️
Waise achha hai jo Gouri Munna ko jalane ka kam kar rahi hai shayad isse hi muna fut pade .☺️☺️
Waiting next part
Next part kb tk ayega mam… Eagerly waiting for next part
Hey bhagwan ya to vansh ko uski true feelings smjhwa do ya fr munna ka muhh khukwa do… Kyuki ese maan ko jealousy feel krane k chakkar me khi vansh ka game na bj jaye😑😑😑