Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 28

Main Teri Heer – 28

Main Teri Heer
Main Teri Heer

गौरी अपनी दोस्तों के साथ बनारस आ चुकी थी। मुन्ना को जलाने के चक्कर में उसने वंश को गले लगाया हालाँकि गौरी ऐसा करना तो नहीं चाहती थी लेकिन दोस्तों की बातो में आकर वह ऐसी हरकत कर बैठी,,,,,,,,,,,,,,जैसा की प्रिया को यकीन था , मुन्ना को गौरी का यू वंश के गले लगना अच्छा नहीं लगा इसलिए उसने नजरे घुमा ली। गौरी वंश से दूर हटी और कहा,”घर चले काशी इंतजार कर रही होगी”
“हाँ,,,,,,,,,,हाँ चलो मैं तुम्हारा बैग उठा लेता हूँ”,कहते हुए वंश ने गौरी का बैग उठाया लिया और जीप की तरफ जाने लगा तो ऋतू ने कहा,”और हमारा बैग ?”
“इतनी हट्टी कट्टी हो खुद उठाओ”,वंश ने मुंह बनाकर कहा मुन्ना ने सूना तो वह ऋतू प्रिया की तरफ आया और चुपचाप उनका बैग लेकर जीप की तरफ बढ़ गया। मुन्ना ने सबके बैग पीछे जीप में रखे और जैसे ही ड्राइवर सीट की तरफ जाने लगा वंश ने उसे रोककर फुसफुसाते हुए कहा,”मुन्ना तू इन दोनों के साथ पीछे बैठ जा ना मुझे गौरी के साथ आगे बैठने दे”
“हम्म्म्म ठीक है”,मुन्ना ने बिना किसी भाव के कहा और ऋतू प्रिया के साथ पीछे जा बैठा। गौरी को बनारस में देखकर मुन्ना की हालत वैसे ही खराब थी। मुन्ना जानता था गौरी अभी जितनी शांत है बाद में उस पर उतना ही भड़कने वाली है। वह ख़ामोशी से पीछे बैठा रहा। वंश ने जीप स्टार्ट की गौरी उसकी बगल वाली सीट पर आ बैठी। वंश ने जीप आगे बढ़ा दी वह रास्तेभर गौरी से कुछ ना कुछ बातें करता था। जीप के अंदर लगे मिरर में जब मुन्ना की नजर पड़ी तो उसने पाया की गौरी उस मिरर से उसे ही देख रही है। दोनों की नजरे एक दूसरे से मिली और एक टीस मुन्ना के दिल में उठी वह एकटक गौरी को देखता रहा। मुन्ना का उदास चेहरा देखकर गौरी ने नजरे घुमा ली।
कुछ देर बाद सभी घर पहुंचे। सभी नीचे उतरे वंश ने मुन्ना से अंदर आने को कहा लेकिन मुन्ना काम का बहाना बनाकर वहा से निकल गया। मुन्ना का यू चले जाना गौरी को अच्छा नहीं लगा वह समझ गयी की मुन्ना जान बुझकर उसे इग्नोर कर रहा है। दीना भैया ने सबका सामान अंदर रख दिया। सभी अंदर चली आयी। गौरी शिवम् और सारिका से मिली , गौरी को अपने मम्मी पापा के साथ हँसते मुस्कुराते देखकर वंश ने मन ही मन खुद से कहा,”सच में इस लड़की में कुछ तो बात है”
“वंश जरा सुनो”,बाबा ने अपने कमरे से बाहर आते हुए कहा
“जी बाबा”,वंश ने कहा
“वो हमने दीना को सामान की लिस्ट दी है उसके साथ जाकर वो ले आओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,और आते हुए पंडित जी से मिलते आना कल की सगाई के लिए सामान की कुछ लिस्ट देंगे वो ले आना’,बाबा ने वंश को आते ही काम बता दिया। वंश का मन तो नहीं था जाने का लेकिन बाबा का कहा वो टाल भी नहीं सकता था। वंश अपनी बाइक लेकर दीना भैया के साथ निकल गया।

सारिका ने घर के नौकर से कहकर काशी की दोस्तों के लिए नाश्ता तैयार करने को कहा। काशी सबको लेकर अपने कमरे में चली आयी। प्रिया आते ही नहाने चली गयी और ऋतू आई से मिलने,,,,,,,,,,,,अब तक इन दोनों की इस घर में जान पहचान जो हो चुकी थी। गौरी और काशी इस वक्त अकेले थी इसलिए काशी ने कमरे का दरवाजा बंद किया और गौरी की तरफ आकर कहा,”क्या तुम मुन्ना भैया से मिली ? क्या कहा उन्होंने ? कुछ बताया तुम्हे ?”
“नहीं काशी मेरी मुन्ना से कोई बात नहीं हुई , हो सकता है वंश के सामने उसे ना की हो और उसे देखकर तो लग रहा था जैसे अब वो मुझसे कभी बात नहीं करेगा”,गौरी ने उदास होकर कहा
“गौरी तुम परेशान मत हो , सगाई तक तुम यही हो और मुन्ना भैया भी तुम दोनों के बीच की ये दूरिया जरूर कम हो जाएगी।”,काशी ने गौरी को यकीन दिलाते हुए कहा
“वैसे आज शाम को क्या है ? सगाई तो कल है ना तुमने हम सबको एक दिन पहले ही बुला लिया,,,,,,,,,,,,!”,गौरी ने बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“आज शाम मेहँदी है और तुम लोग चाहो तो हम सब थोड़ी मस्ती भी कर लेंगे”,काशी ने खुश होकर कहा
“क्या बात है शक्ति से सगाई होने को लेकर तुम कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड नजर आ रही हो”,गौरी ने काशी को छेड़ते हुए कहा
“उस से ज्यादा ख़ुशी मुझे इस बात की है की तुम सब यहा हो , वैसे मैंने आंटी और जय से आने को कहा था वो क्यों नहीं आये ?”,काशी ने सवाल किया
“मॉम को मान के बारे में नहीं पता है , मैं नहीं चाहती वो यहाँ आकर मान से हमारे बारे में बात करे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पहले मुझे जानना होगा की मान के दिल में क्या है ? उसके बाद ही मैं कोई फैसला ले सकती हूँ”,गौरी ने सीरियस होकर कहा
“ओह्ह्ह गौरी तुम इतना मत सोचो , तुम कहो तो हम वंश भैया की मदद ले उनकी मुन्ना भैया से अच्छी बनती है गौरी”,काशी ने कहा।
“नहीं काशी मुझे नहीं लगता इस मामले में मुझे किसी और की मदद लेनी चाहिए वैसे भी रिश्ता मेरा और मान का है तो हम दोनों को ही मिलकर इसे सुलझाना होगा,,,,,,,,,,,,,,,,तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना मैंने ऐसा कहा ?”,गौरी ने आसभरी नजरो से काशी को देखकर कहा
“बिल्कुल नहीं क्योकि तुम दोनों ही हमे बहुत अजीज हो , अब तुम जल्दी से नहा लो फिर कुछ खा लो उसके बाद बहुत सारे काम है”,काशी ने उठते हुए कहा
“ओके मैडम”,गौरी ने कहा तो दोनों खिलखिलाकर हंस पड़ी। प्रिया नहाकर आ चुकी थी उसके बाद गौरी चली गयी। प्रिया तैयार होकर बाहर चली आयी।
सारिका ने काशी के साथ साथ उसकी दोस्तों का नाश्ता भी उसके कमरे में भिजवा दिया। अंजलि भी उनके पास चली आयी और साथ में नाश्ता करने लगी।
आज शिवम् के घर में काफी चहल पहल थी।

शाम तक सगाई की सभी तैयारियां हो चुकी थी। घर के पीछे वाले मैदान में सब बंदोबस्त किया गया था , शिवम् का घर किसी दुल्हन की तरह सजा हुआ था। अंजलि के मम्मी पापा भी आ चुके थे उनके साथ ही कुछ मेहमान पहले चले आये और बाकी अगले दिन आने वाले थे। शिवम् नीचे लॉन में खड़ा मुरारी से कुछ बात कर रहा था की सारिका हाथ में फोन लेकर आयी और कहा,”शिवम् जी लीजिये आप ही कहिये नवीन से काशी की सगाई में आने के लिए”
शिवम् ने सारिका से फोन लिया और कान से लगाते हुए कहा,”हेलो नवीन जी , सगाई में क्यों नहीं आ रहे आप ? देखिये आप हमारी और सरू की शादी में भी नहीं आये थे इसलिए सगाई में तो आपको आना ही होगा और कोई बहाना नहीं चलेगा ,, सगाई कल शाम में है वक्त से आ जाईयेगा आप”
“सर मैं जरूर आता लेकिन मुझे अपनी पत्नी के साथ आज शाम में ही किसी जरुरी काम से बाहर जाना होगा , इनके पापा की तबियत कुछ नरम है और वहा जाना भी जरुरी है। मैं जरूर आता सर लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उम्मीद है आप समझेंगे”,नवीन ने अपनी मज़बूरी बताई
“हम्म्म हम समझ सकते है लेकिन आप नहीं आ सकते तो बच्चो को भेज दीजिये,,,,,,,,,,,,,वो तो आ सकते है”,शिवम् ने कहा
“मेरी सिर्फ एक बेटी है , मुझे उस से पूछना पडेगा अगर वो आना चाहेगी तो मैं उसे भेज दूंगा , काशी को बहुत सारा प्यार और आशीर्वाद”,नवीन ने कहा
“हां बिल्कुल आपकी बेटी हमारी बेटी आप बेफिक्र रहिये , उसके आने का टाइम टेबल सारिका को मेसेज कर दीजियेगा हम किसी को एयरपोर्ट भेज देंगे उसे लेने”,शिवम् ने कहा और फोन सारिका की ओर बढ़ा दिया। सारिका ने फोन लिया और बात करते हुए वहा से चली गयी।
सारिका के जाने के बाद शिवम् भी मुरारी के साथ वहा से निकल गया।

मुन्ना अनु के साथ घर पर था। अनु तैयार होकर आयी और कहा,”मुन्ना तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? तुम्हे दी के घर होना चाहिए वहा कितना काम होगा , चलो वैसे भी मुझे वहा जाना है तो तुम मुझे वहा छोड़ दो”
“माँ आप किशना के साथ चली जाईये ना”,मुन्ना ने काशी के घर जाने से बचने के लिए कहा ताकि उसे फिर से गौरी का सामना ना करना पड़े
“किशना को बहुत काम है और तुम्हे क्यों नहीं चलना ? चलो उठो और कपडे बदलकर नीचे आ जाओ”,कहते हुए अनु उसके कमरे से बाहर निकल गयी। मुन्ना बेमन से उठा और कबर्ड से पेंट शर्ट निकालकर बाथरूम की तरफ बढ़ गया।
मुन्ना कपडे बदलकर वापस आया उसने चेक्स वाला डार्क मेहरून शर्ट और ब्लैक पेण्ट पहना था। शीशे के सामने आकर वह अपने बाल बनाते हुए खुद से ही कहने लगा,”गौरी को यहाँ नहीं आना चाहिये था , हम ज्यादा देर तक उसे इग्नोर नहीं कर पाएंगे,,,,,,,,,,,,,,जब वो पूछेगी की हम ऐसा क्यों कर रहे है तो हम क्या जवाब देंगे उसे ? हम उसे वंश के बारे में भी नहीं बता सकते , बता दिया तो गौरी कभी उसे एक्सेप्ट नहीं करेगी,,,,,,,,,,,,,,,आज सुबह जब उसने वंश को गले लगाया तो हमे बुरा लग रहा था,,,,,,,,,हमे बुरा नहीं लगना चाहिए , हमने ही तो गौरी को वंश के लिए चुना है हमे बुरा नहीं लगना चाहिए,,,,,,,,,,,,बस सब ठीक हो जाये और गौरी वंश को अपना ले , इसके बाद हम हमेशा हमेशा के लिए इन सबसे दूर चले जायेंगे , ऐसी जगह जहा गौरी ना हो”
खुद से बात करते हुए मुन्ना का मन भारी हो गया , उसने अपना फोन जेब में रखा और कमरे से बाहर निकल गया। निचे आकर मुन्ना अनु के साथ शिवम् के घर के लिए निकल गया। शिवम् के घर आकर अनु अंदर चली गयी। मुन्ना को देखते ही वंश आया और कहा,”हे मुन्ना सुबह से कहा गायब हो तुम ? अब तुम आ गए हो तो मेरे साथ चलो”
“कहा ?”,मुन्ना ने पूछा
“पार्लर और कहा ?”,वंश ने अपने बालों में से हाथ घुमाते हुए कहा
“सगाई काशी की है तुम्हारी नहीं ?”,मुन्ना ने वंश को घूरते हुए कहा
“मैं जानता हूँ पर बहन की सगाई में भाई का अच्छा दिखना तो बनता है ना , वैसे लड़की भी है , मुहूर्त भी है क्या पता पापा को तरस आये और वो मेरी भी सगाई कर दे”,वंश ने बालकनी में खड़ी गौरी की तरफ देखकर कहा।
मुन्ना ने देखा बालकनी में खड़ी गौरी काशी और ऋतू प्रिया के साथ बातें कर रही है। हंसती मुस्कुराती कितनी प्यारी लग रही थी वो , जैसे ही गौरी ने मुन्ना की तरफ देखा मुन्ना ने झट से गर्दन घुमा ली और वंश से कहा,”तुम ऐसे भी अच्छे दिख रहे हो”
“ओह्ह मुन्ना चलो ना प्लीज , वैसे भी मुझे सगाई में पहनने के लिए कपडे लेने है अब चलो देर मत करो”,कहते हुए वंश ने आँखों पर चश्मा लगाया और बाइक स्टार्ट कर मुन्ना के साथ वहा से चला गया

अनु अंदर आयी देखा सब बातों में लगे है तो उसने काशी के कमरे की बालकनी में आते हुए कहा,”हे भगवान काशी कल सगाई है और तुमने अभी तक मेहँदी नहीं लगवाई , मैंने मेहँदीवाली को भेजा था ना फिर भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,चलो सब ऊपर छत पर चलो मौसम अच्छा है तो सब वही मेहन्दी लगवाना”
काशी , ऋतू , प्रिया , गौरी और अंजलि अनु के साथ छत पर चली आयी जहा कुछ औरते और राधिका पहले से मौजूद थी और अपने हाथो में मेहँदी लगवा रही थी। अनु ने मेहँदीवाली को काशी के हाथो में मेहँदी लगाने को कहा और खुद राधिका की तरफ चली आयी।

अन्धेरा होने तक सबको मेहँदी लग चुकी थी। रात के खाने में अभी वक्त था इसलिए सब यहाँ वहा बैठकर बातों में लगे हुए थे। अनु और राधिका सारिका के कमरे में थी और डिस्कस कर रही थी की कल क्या पहनना है ? काशी अपनी दोस्तों के साथ छत पर ही थी , ऋतू को भूख लगने लगी थी तो वह अपने फोन में ऑनलाइन फ़ूड देखने लगी ताकि आर्डर कर सके। उसे फोन में घुसे देखकर प्रिया ने कहा,”ये तुम कर क्या रही हो फोन में तबसे ?”
“मैं कुछ खाने को आर्डर कर रही हूँ”,ऋतू ने फोन में नजरे गड़ाए हुए कहा
“अरे तो हमसे कहा होता , बताओ क्या खाना है हम अभी वंश भैया को फोन करते है वो आते हुए ले आएंगे”,काशी ने कहा
“मुझे पिज्जा खाना है”,ऋतू ने कहा
“भूख तो मुझे भी लगी है”,गौरी ने कहा तो काशी ने अपना फोन उठाया और वंश का नंबर डायल किया। वंश पार्लर में बैठा फैशियल करवा रहा था। काशी का फोन देखकर उसने मुन्ना से फोन उठाने को कहा।
“हेलो हाँ काशी”,मुन्ना ने कहा
“ओह्ह मुन्ना भैया आप , आप भी वंश भैया के साथ है क्या ?”,काशी ने पूछा
“हाँ हम साथ में ही है तुम बताओ कुछ काम था वंश से ?”,मुन्ना ने पूछा
“हाँ वो हमे कुछ खाने को चाहिए था , अगर आप लोग बिजी है तो हम किसी और को बोल देते है”,काशी ने कहा
“नहीं हम फ्री है बताओ क्या चाहिए ?”,मुन्ना ने पूछा तो काशी ने कुछ पिज्जा और कुछ डिजर्ट लाने को बोला और फोन काट दिया। मेहँदी सूखने के बाद सभी नीचे चली आयी।

मुन्ना काशी का बताया खाना लेकर घर निकल गया , वंश को टाइम लगना था इसलिए मुन्ना अकेले ही चला आया। पैकेट्स लेकर मुन्ना सीधा काशी के कमरे में चला आया वह गौरी को देखकर मुन्ना का दिल फिर धड़क उठा। गौरी को इग्नोर कर मुन्ना ने पैकेट्स टेबल पर रखे और कहा,”काशी तुमने जो कहा था वो सब है इसमें , हम चलते है”
“मुन्ना भैया”,काशी ने कहा
“हाँ”,मुन्ना ने पलटकर कहा
“थैंक्यू”,काशी ने मुस्कुराकर कहा तो जवाब में मुन्ना भी हल्का सा मुस्कुरा दिया। गौरी ने अब तक खुद को रोक रखा था लेकिन जब बर्दास्त नहीं हुआ तो वह उठी और मुन्ना की कलाई पकड़ कर उसे अपने साथ वहा से ले गयी। काशी के साथ साथ ऋतू प्रिया भी हैरान थी लेकिन किसी ने कुछ कहा नहीं ना ही गौरी को रोका।
गौरी मुन्ना को लेकर घर के पीछे वाले हिस्से में आयी और उसे अपने सामने करके कहा,”हो गया तुम्हारा , अगर मुझे इग्नोर करके तुम खुश हो तो खुश रह सकते हो मान लेकिन तुम भी जानते हो की ये सब करके तुम्हे कितनी तकलीफ हो रही है,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझसे बात नहीं करनी मत करो , मेरे सामने नहीं आना मत आओ लेकिन कम से कम खुद को तकलीफ तो मत दो,,,,,,,,,,,,,,मैं नहीं जानती तुम्हे क्या हुआ है और तुम ऐसा क्यों कर रहे हो ? बस मैं इतना कहना चाहूंगी की खुद को हर्ट करना बंद करो,,,,,,,,,,,,,तुम्हे ऐसे देखकर मुझे कितनी तकलीफ हो रही है काश तुम ये समझ पाते,,,,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना खामोशी से सब सुनता रहा उसने कुछ नहीं कहा। उसकी ख़ामोशी ने गौरी की तकलीफ को और बढ़ा दिया वह जाने लगी तो मुन्ना ने उसकी कलाई पकडकर उसे रोक लिया। दोनों एक दूसरे की ओर पीठ करके खड़े थे। मुन्ना के रोकने से गौरी को लगा की वह उस से बात करना चाहता है। मुन्ना कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”काशी की सगाई के बाद तुम तुरंत यहाँ से चली जाना”
गौरी ने सूना तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया , मुन्ना को उसकी परवाह नहीं है ना सही लेकिन वो इतना कठोर कैसे हो सकता था। गौरी हार मानने वालो में से नहीं थी वह मुन्ना के सामने आयी और बड़ी सी स्माइल के साथ कहा,”बिल्कुल भी नहीं मिस्टर मानवेन्द्र मिश्रा , जब तक तुम मुझे अपने बदलने की वजह नहीं बता देते तब तक मैं यहाँ से नहीं जाउंगी और अगर तुमने जबरदस्ती की तो मैं हमारे प्यारे प्यारे फोटोज वायरल कर दूंगी। अब तुम इसे मेरी धमकी समझो या मेरा प्यार,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
गौरी मुन्ना को प्यार भरी धमकी देकर वहा से चली गयी

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