Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 23

Main Teri Heer – 23

Main Teri Heer
Main Teri Heer

शिवम् सबको साथ लेकर घर चला आया। मुरारी अनु और वंश भी शिवम् के घर चले आये। सब जानना छाते थे की आखिर शक्ति ने शिवम् से ऐसा क्या कहा जिस से वह ख़ामोशी से वहा से चला आया। घर के आंगन में सभी लोग जमा थे। काशी अनु की बाँह थामे एक तरफ खड़ी थी। बाबा , आई , मुरारी एक तरफ खड़े थे। सारिका मुन्ना और वंश एक तरफ,,,,,,,,,,,,,,शिवम् को खामोश देखकर सब एक दूसरे की शक्ल देख रहे थे।
“शिवा आखिर ये सब क्या हो रहा है बेटा ? कौन था वो लड़का और उसने तुमसे ऐसा क्या कहा जो तुम बिना कुछ कहे यहाँ चले आये ?”,बाबा ने पूछा
“शिवम् भैया शक्ति तो आपके दोस्त का बेटा है , उह का कह रहा था आपसे ?”,मुरारी ने भी सवाल किया
शिवम् ने एक नजर मुन्ना को देखा जैसे उस से पूछना चाहता हो की आखिर मुन्ना ने शक्ति का सच सबसे क्यों छुपाया ? शिवम् को अपनी तरफ देखता पाकर मुन्ना ने कहा,”बड़े पापा शक्ति एक पुलिस ऑफिसर है ये बात हमे भी कुछ दिन पहले ही पता चली थी”
“हम्म्म्म हम जानते है मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,,शक्ति ने कुछ देर पहले हमे खुद बताया की वो पुलिस ऑफिसर है , उसने कहा की वो काशी को पसंद करता है और उस से शादी करना चाहता है।”
शिवम की बात सुनकर काशी शिवम् की तरफ देखने लगी सारिका और बाकि घरवाले भी हैरान थे लेकिन मुन्ना शांत खड़ा था क्योकि मुन्ना सब पहले से जानता था। बाबा ने सूना तो शिवम् से कहा,”शिवा शादी कोई गुड्डे गुडियो का खेल नहीं है , वो लड़का अगर काशी को पसंद करता था तो घर आकर शराफत से उसका हाथ मांगता , ऐसे भरे बाजार वो ऐसी हरकत नहीं करता”
“सरु काशी को लेकर अंदर जाओ”,शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर कहा
सारिका और अनु काशी को लेकर अंदर चली गयी। शिवम् ने आई बाबा से बैठने को कहा और मुन्ना की तरफ पलटकर कहा,”मुन्ना तुम भी वंश के साथ बाहर जाओ , हमे इनसे कुछ जरुरी बात करनी है”
“जी बड़े पापा”,मुन्ना ने कहा और वंश के साथ बाहर चला गया।
आई , बाबा और मुरारी तीनो सोफे पर आ बैठे , शिवम् भी उनके सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठा और कहने लगा,”आई बाबा आज उस लड़के में हमने पहली बार खुद का अक्स देखा। हमे लगा एक पल के लिए जैसे हम 25 साल पीछे चले गए है। काशी के लिए उसका प्रेम उसकी आँखों में साफ़ दिखाई दे रहा था। शक्ति को हम बचपन से जानते है , उसके पिताजी हमारे बहुत अच्छे दोस्त थे। बचपन में ही शक्ति के माँ-पिता का देहांत हो गया और उसके बाद शक्ति अपना घर छोड़कर चला गया। अपने सपने पुरे करने के लिए उसने बहुत मेहनत की बाबा आज वो जिस मुकाम पर है उसे वहा देखकर हमे गर्व महसूस हो रहा है।
काशी जिसे पसंद करती है वह लड़का शक्ति है ये बात हम नहीं जानते थे ,, जानते तो हम काशी को कभी इतना दुःख नहीं पहुंचाते,,,,,,,,,,,,,,,फैक्ट्री वाले मामले में हमारी मदद करने वाला शक्ति ही था , मुन्ना ने शक्ति की मदद से मुरारी को मुसीबत से बाहर निकाला था , प्रताप के आदमियों से काशी को बचाने वाला भी शक्ति ही था , शक्ति बनारस अपने किसी काम से आया था लेकिन यहाँ फैले गलत कामो को देखकर वह अपनी पहचान छुपाकर यहाँ रहने लगा। इस शहर का ना होकर भी उसने इस शहर के लिए बहुत कुछ किया है बाबा,,,,,,,,ऐसा कोई अपना ही कर सकता है। हमने शक्ति को समझने में भूल कर दी,,,,,,,,,,,,,,,,,अगर काशी भी उसे पसंद करती है तो हम इस रिश्ते से इंकार नहीं कर सकते”
शिवम् की बात सुनकर पहले तो सब हैरान हो गए और फिर मुरारी ने कहा,”पर भैया इतना बड़ा फैसला , शक्ति के बारे में हम जानते ही का है ?”
“मुरारी काशी को बचाने के लिए वह अकेला ही राजन के आदमियों से लड़ने निकल गया , काशी के लिए उसकी नजरो में प्यार के साथ साथ रिस्पेक्ट भी देखे है हम और फिर एक्को बात बताओ सारिका से शादी करने से पहले हम का थे ? कुछ भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,फिर शक्ति तो हमसे बहुत बेहतर है। उस रात हम शक्ति के माँ-बाप को नहीं बचा पाए लेकिन अगर वो काशी से शादी करता है तो इस घर में उसे माँ-बाप का प्यार जरूर मिलेगा”,शिवम् ने कहा
शिवम् के सामने भला मुरारी क्या कहता काशी को वह अपनी बेटी से बढ़कर मानता था इसलिए काशी को लेकर थोड़ा चिंतित था। शिवम् ने बाबा की तरफ देखा और कहा,”बाबा हमने फैसला किया है की हम शक्ति को एक मौका देंगे , अगर काशी उसे पसंद करती है तो हम काशी का दिल नहीं तोड़ेंगे,,,,,,,,,,,,,,,हमने जब काशी से अपने पापा और अपने प्यार में से किसी एक को चुनने को कहा तो उसने हमे चुना,,,,,,,,,,,अगर हमारी बेटी हमारे लिए अपने प्यार को छोड़ सकती है तो क्या उसकी ख़ुशी के लिए हम शक्ति को नहीं अपना सकते,,,,,,,,,,,,,,,,आप बताईये बाबा आप क्या कहते है ?”
“तुमने कुछ सोच समझकर ही फैसला किया हो गया शिवा,,,,,,,,,,,,हमारी जो इच्छा थी अपने किसी बच्चे की शादी अपनी पसंद से करने की उह तो शायद इह जन्म में पूरी ना हो पायेगी”,बाबा ने बुझे मन से कहा
मुरारी ने सूना तो बाबा के बगल में आकर बैठते हुए कहा,”अरे परेशान काहे होते हो बाबा हमरे वंश मुन्ना है ना उनके लिए लड़की आप पसंद कर लेना”
“का भरोसा उह दोनों भी पहले से अपने लिए पसंद करके बैठे हो”,बाबा ने बच्चो की तरह चिढ़ते हुए कहा
“बाबा , शक्ति बहुत अच्छा लड़का है आप चिंता मत कीजिये काशी का कन्यादान आप अपने हाथो से करेंगे। उसकी शादी भी पुरे रीती रिवाज और धूम धाम से करेंगे,,,,,,,,,,,,,,,दो दिन बाद शक्ति काशी का हाथ माँगने घर आएगा बस तब तक तक के लिए ये बात हमारे बीच रहनी चाहिए”,शिवम ने कहा
“काहे सारिका भाभी और बाकि सब को काहे नहीं बताना ?”,मुरारी ने पूछा
“मुरारी कुछ सालो से हम देख रहे है सारिका बदल चुकी हैं , हमेशा अपने हक़ के लिए खड़ी रहने वाली सारिका अपने बच्चो के मामले में काफी शांत दिखाई पड़ती है। वो हमे इतना मानती है की कभी हमारे खिलाफ नहीं जाती है,,,,,,,,,,,,,,,,हमे वो पहले वाली सारिका फिर से देखनी है जो अपने हक़ के लिए किसी से भी लड़ जाती थी , जो अपनी बात रखने के लिए किसी से भी नहीं डरती थी। हमने शक्ति को स्वीकार कर लिया है ये बात घर में किसी को पता न चले,,,,,,,,,,,,,आखिर हम भी तो देखे अपने प्यार के लिए काशी और अपने बच्चो की ख़ुशी के लिए सरु कितनी मेहनत करती है”,शिवम् ने कहा
“ए शिवा तुम हमरी बहू को तंग करने का सोच रहे हो ? टाँगे तोड़ देंगे तुम दोनों की का समझे हो बड़े हो गए हो तो जो मर्जी करोगे ? हमरी बहू को अगर परेशान किया तो याद रखना पुरे बनारस में दौड़ा दौड़ा कर मारेंगे”,आई ने बिफरते हुए कहा
“अरे आई भैया तो सिर्फ मजाक कर रहे है , है ना भैया ?”,मुरारी ने शिवम् की ओर देखकर कहा तो शिवम् ने ना में गर्दन हिला दी। मुरारी अपने आप में ही बड़बड़ाया,”लगता है शिवम् भैया की वजह से फिर से हमरे पीटने के दिन आ गए है।”
“का बड़बड़ा रहे हो ? और शिवा के बाबा आप , आप भी इनकी हाँ में हाँ मिला रहे है”,आई ने बाबा को डाँटते हुए कहा
“अरे कावेरी काहे चिंता कर रही हो ? जे इनका मामला जे आपस में निपटे”,बाबा ने उठते हुए कहा
“बाबा क्या आप काशी और शक्ति के रिश्ते के लिए खुश नहीं है ?”,शिवम् ने बाबा के सामने आकर पूछा
“बच्चो की ख़ुशी में ही माँ बाप की ख़ुशी होती है शिवा , हम खुश है हमे पूरा बिस्वास है तुम कोई गलत फैसला नहीं लोगे”,बाबा ने शिवम् के कंधे पर हाथ रखकर कहा और अपने कमरे की तरफ चले गए।

अनु काशी के साथ उसके कमरे में थी। काशी बस तबसे रोये जा रही थी , इन सब परेशानियों के लिए वह खुद को दोष दे रही थी और अनु बस उसे समझाने में लगी थी। सारिका अपने कमरे में यहाँ वहा चक्कर काटते हुए शिवम् के आने का इंतजार कर रही थी। शिवम् जैसे ही कमरे में आया सारिका उसके सामने आयी और गुस्से से कहा,”समझते क्या है आप खुद को शिवम् जी ? सिर्फ आप अकेले काशी के पेरेंट्स नहीं है हम भी उसकी माँ है क्या हमारा कोई हक़ नहीं बनता अपने बच्चो पर ? आपने जैसा कहा हमने और इन बच्चो ने वैसा ही किया , इन्होने कभी आपकी किसी बात को ना नहीं कहा , हमेशा आपके फैसलों की रिस्पेक्ट की और आपने क्या किया ? आपने हमेशा इनका दिल तोड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,काशी उस लड़के से बहुत प्यार करती है शिवम् जी क्या एक बार के लिए आप अपने पिता होने के अहम् को साइड रखकर उस बच्ची के आँसू नहीं देख सकते ? क्या आपको अहसास नहीं है की इस वक्त किस तकलीफ से होकर गुजर रही है ? क्या गलती है हमारी बेटी की ये की उसने एक लड़के से प्यार किया या फिर ये की वो लड़का आपकी बराबरी का नहीं है ? आप ऐसा कैसे कर सकते है शिवम् जी ? वो इंसान जिसने अपने प्यार को पाने के लिए 14 साल इंतजार किया वो अपने ही बच्चो का प्यार क्यों नहीं समझ रहा ? आपका फैसला जो भी हो हम काशी को ऐसे नहीं देख सकते वो हमारी बेटी है उसे किसी के लिए रोता तड़पता हमसे नहीं देखा जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आज जब हम उसे इस हालत में देख रहे है तो हमे उसमे अपना अक्स नजर आ रहा है। आप इतने कठोर मत बनिए शिवम् जी , काशी की ख़ुशी उस लड़के में है उसे उस लड़के से दूर मत कीजिए,,,,,,,,,,,,,,,,हम आपसे रिक्वेस्ट करते है।”
सारिका की बाते सुनकर शिवम् मुस्कुरा उठा कितने दिनों बाद आज सारिका ने उस पर गुस्सा किया , उसके सामने खुलकर अपनी बात रखी। शिवम ने सारिका के कंधो को थामा और कहा,”सरु , काशी की शादी वही होगी जहा काशी चाहेगी”
“मतलब आपको उस लड़के से कोई शिकायत नहीं है ?”,सारिका ने आंसुओ से भरी आँखों से शिवम की तरफ देखकर हैरानी है पूछा
“किसने कहा शिकायत नहीं है ? शिकायत है , वो लड़का हमारी बेटी से शादी करके उसे हमसे दूर ले जाएगा”,शिवम् ने कहा तो सारिका नम आँखों के साथ मुस्कुरा उठी और शिवम् के गले आ लगी। शिवम् ने सारिका का सर सहलाते हुए कहा,”हम इतने भी कठोर नहीं है सरु की अपने बच्चो की खुशिया ना देख पाए”

“आखिर पापा को हो क्या गया है ? वो ऐसे ही किसी भी लड़के के साथ काशी का रिश्ता कर देंगे,,,,,,,,,,,,,क्या गारंटी है वो शक्ति अच्छा लड़का है ?”,वंश ने बाहर बगीचे में आकर मुन्ना से कहा
“अच्छा तुम्हारे पास क्या गारंटी है की हम अच्छे इंसान है ?”,मुन्ना ने सामने से सवाल किया
“गारंटी किस बात की मुन्ना मैं जानता हूँ तू अच्छा इंसान है , और मैं क्या पूरा बनारस जानता है”,वंश ने कहा
“तुम ये इसलिए कह रहे हो क्योकि तुम हमारे भाई हो , शक्ति के बारे में तुम कुछ नहीं जानते इसलिए तुम्हे उसके बारे में गलत नहीं बोलना चाहिए”,मुन्ना ने वंश को समझाते हुए कहा
“ओह्ह्ह तो तुमने उसे अपना जीजा मान लिया है,,,,,,,,,,,,,,,कोन्ग्रेचुलेशन,,,,,,,,,,,,,,बहुत बहुत बधाई हो”,वंश ने ताना मारते हुए कहा
“वंश,,,,,,,,,,,,,,हमारी बहन उस लड़के से प्यार करती है , उसे पसंद करती है और शक्ति भी काशी को बहुत चाहता है। उसने कई बार काशी की जान बचाई है , बड़े पापा और पापा की मदद की है , एक बार उसने हमारी जान बचाई , अभी कल ही उसने पापा को एक बड़े स्केंडल से बाहर निकाला है। वो इतना भी बुरा नहीं है वंश , उसने अपनी जिंदगी में बहुत बुरा वक्त देखा है अब जब काशी के रूप में उसे कुछ खुशिया मिलने जा रही है तो क्या हमे उसे ये छीननी चाहिए ? हम जानते है तुम उसे पसंद नहीं करते , पहले हम भी नहीं करते थे लेकिन फिर धीरे धीरे समझ आने लगा की वो अच्छा इंसान है। काशी उसके साथ खुश रहेगी,,,,,,,,,,,,,,,,तू बस जरा ठंडे दिमाग से सोच”,मुन्ना ने वंश को समझाना चाहा
“पापा के साथ साथ तू भी उस लड़के की बातो में आ गया है मुन्ना , शक्ति पुलिसवाला है ये जानने के बाद पापा ने भी उसे एक्सेप्ट कर लिया लेकिन क्या पापा तब उसे एक्सेप्ट करते जब वो सच में एक गुंडा होता ? इस से तो यही साबित हुआ ना मुन्ना की पापा सिर्फ अपने फायदे के लिए शक्ति को एक्सेप्ट कर रहे है , एक गुंडे को इस घर का दामाद बना रहे है”,वंश गुस्से गुस्से में कुछ ज्यादा ही बोल गया
“तू कब बड़ा होगा वंश ? क्या बड़े पापा की सोच तुम्हे इतनी संकीर्ण लगती है की वो शक्ति को अपने फायदे के लिए स्वीकार करेंगे,,,,,,,,,,,,,उलटा शक्ति ने हमेशा इस घर के लोगो की मदद की है उन्हें हर मुसीबत से निकाला है। हमे समझ नहीं आ रहा की हम तुम्हे कैसे समझाए ?”,मुन्ना ने हैरानी से कहा
“वंश को कुछ समझाने की जरूरत नहीं है मुन्ना”,पीछे से मुरारी के साथ आते शिवम् ने कहा
शिवम को देखकर वंश शांत हो गया क्योकि शिवम् के सामने कुछ बोलने की हिम्मत उस में आज भी नहीं थी। शिवम मुरारी के साथ वंश के सामने आया और कहा,”तुम्हे गुस्सा होने का पूरा हक़ है वंश तुम्हारी बहन के लिए हमने शक्ति को चुना , पर क्या तुमने कभी जानने की कोशिश की तुम्हारी बहन क्या चाहती है ? उसने हमारे कहने पर एक बार भी अपने बारे में नहीं सोचा और शक्ति को छोड़ने का फैसला कर लिया पर हर बार हमने जब उसका उतरा हुआ चेहरा देखा तो अहसास हुआ की अपने झूठ घमंड के लिए हम काशी को ठेस पहुंचा रहे है। काशी ने अपने लिए शक्ति को चुना उसे तो पता भी नहीं था की शक्ति एक पुलिसवाला है , काशी ने शक्ति की अच्छाई से प्यार किया है उसके पद या ओहदे से नहीं और हमने शक्ति को सिर्फ इसलिए स्वीकार किया क्योकि उसने हमसे एक बात कही थी। उसने कहा “अगर दुनिया का हर बाप ये सोचे की उसकी बेटी की शादी वह अपनी मर्जी से करेगा तो आज सारिका जी आपकी जिंदगी में नहीं होती” बात कड़वी थी पर सच थी। शक्ति चाहता तो काशी को अपने साथ लेकर भी जा सकता था लेकिन नहीं उसने हमसे कहा की वह काशी से शादी करना चाहता है लेकिन तब जब इसके लिए हम और सारिका इजाजत दे,,,,,,,,,,,,,,,,अगर हम ना कर दे तो वह ख़ुशी ख़ुशी हमेशा के लिए काशी की जिंदगी से चला जाएगा।”
वंश ने सूना तो उसे अपनी कही बातो का बड़ा अफ़सोस हुआ , उसने अपनी नजरे झुका ली तो शिवम् उसके पास आया और कहने कहा,”देखो वंश तुम और काशी दोनों हमे बहुत अजीज हो। हमने काशी को सब उसकी पसंद का दिया है तो अब दूल्हा भी उसकी पसंद का ही होना चाहिए , कल को तुम्हे भी कोई पसंद आये और वो तुम्हारे लायक हो तो क्या हम मना करेंगे ? इसलिए इतना परेशान मत हो और अपनी बहन की ख़ुशी के बारे में सोचो”
“आई ऍम सॉरी पापा”,वंश ने कहा
“हमसे नहीं दो दिन बाद जब शक्ति आये तो उस से कहना , उस पर हाथ उठाकर तुमने उसका अपमान किया है जब वो आये तो उसे दिल से सॉरी कहना”,कहकर शिवम् वहा से चला गया। वंश भी वहा से चला गया , वंश की दूर होती गलतफहमी देखकर मुन्ना को अच्छा लगा वह मुस्कुरा उठा तो मुरारी
उसके पास आया और कहा,”कहो तो तुमरे गौरीशंकर से बात चलाये तुम्हरी , एक ही शादी में दो का खर्चा निकल जाएगा”
“पापा,,,,,,,,,,,,हम हम आते है”,मुन्ना ने हैरानी से कहा और वहा से खिसक गया। मुरारी उसे जाते हुए देखता रहा और फिर कहा,”पता नहीं इनकी नैया कबो पार लगेगी ?”

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