“मैं तेरी हीर” – 22
Main Teri Heer – 22
मुन्ना वंश के साथ अपने कमरे में आया और आकर बिस्तर पर बैठ गया। वंश दिवार से पीठ लगाकर खड़ा हो गया और अपने हाथो को बांधकर मुन्ना को देखने लगा। कुछ देर खामोश रहने के बाद वंश ने कहा,”क्या तू मुझे बताएगा ये सब क्या हो रहा है ? मुन्ना मैं तुझसे बात कर रहा हूँ आखिर चल क्या रहा है तेरे दिमाग में ? तूने मुझसे मुरारी चच्चा के इस्तीफे पर नकली साइन करवाये,,,,,,,,,,,,,,आखिर ऐसा क्यों किया तुमने ?”
मुन्ना जो की वंश के सामने झूठ नहीं बोल सकता था उसने वंश को सब बता दिया , CBI से जुड़े अपने सीक्रेट काम से लेकर अब तक जो कुछ भी हुआ उस बारे में वंश से सूना तो उसका सर चकराने लगा इतनी बड़ी बात मुन्ना ने उस से छुपाई उसे यकीन नहीं हो रहा था। वह बदहवास सा आकर मुन्ना के बगल में बैठ गया और कहा,”तुमने मुझसे ये सब क्यों छुपाया मुन्ना ?”
“क्योकि हम तुम्हे परेशान नहीं करना चाहते थे , हमारे लिए तुम्हारा मुंबई जाने का सपना उतना ही इम्पोर्टेन्ट था जितना तुम्हारे लिए,,,,,,,,,,,,,,,,हम तुम्हारे सपने को पूरा होते देखना चाहते थे”,मुन्ना ने धीमी आवाज में कहा
“तू पागल हो गया है मुन्ना हम सबके सपनो के लिए तू अपनी जिंदगी क्यों दांव पर लगा रहा है ? देख मैं नहीं जानता तेरे दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा है मैं बस तुझसे ये कहना चाहता हूँ की इन से दूर रह , मैं तुझे किसी परेशानी में देखना नहीं चाहता,,,,,,,,,,,,,,हालत देख अपनी तुझे देखकर लगता है कितनी रातो से ठीक से सोया नहीं है तू,,,,,,,,,,,,तू अपने साथ ऐसा क्यों कर रहा है मुन्ना ? पहले सब कितना सही था हम साथ पढ़ते थे , घूमते थे कोई टेंशन नहीं थी और अब लगता है जैसे एक के बाद मुसीबत हमारे सामने बांहे फैला कर खड़ी है।”,वंश ने कहा
“हम जानते है हमारी वजह से सब प्रॉब्लम में है पर हम सब ठीक कर देंगे”,मुन्ना ने कहा
“कुछ ठीक करने की जरूरत नहीं है , सबसे पहले तुम अपनी नींद पूरी करो बाकि जो करना होगा मैं खुद देख लूंगा”,वंश ने कहा मुन्ना उस से कुछ कहता इस से पहले ही किशना उन दोनों के लिए चाय नाश्ता ले आया। किशना को देखते ही वंश ने कहा,”अरे वाह किशना भैया बिल्कुल सही टाइम पर आये है , कसम से इतनी तेज भूख लगी थी की क्या बताये ?”
किशना ने ट्रे टेबल पर रखा और दरवाजा बंद कर वापस चला गया। वंश ने चाय का एक मुन्ना की तरफ बढ़ा दिया और दुसरा खुद लेकर सेंडविच खाने लगा। मुन्ना ने देखा वंश उसके सामने ऐसे बर्ताव कर रहा था जैसे कुछ हुआ ही नहीं है , वंश को नॉर्मल देखकर मुन्ना को थोड़ी हिम्मत मिली चाय पीकर वह बिस्तर पर लेट गया और अपनी आँखे मूंद ली। वंश भी वही उसके कमरे में बैठकर अपना फोन चलाने लगा और कुछ देर बाद वही पड़े सोफे पर सो गया।
मुरारी एक बड़े स्केंडल में फसने वाला था जिसकी जानकारी शक्ति को थी। चीफ ने मुन्ना को धोखा दिया था , वह सिर्फ अपने फायदे के लिए मुन्ना को इस्तेमाल कर रहा था और मुन्ना अब तक उस पर भरोसा कर रहा था लेकिन सही वक्त पर शक्ति ने मुन्ना और मुरारी दोनों को इस मुसीबत से बाहर निकाल लिया। शक्ति को इन सब के बारे में पता था और उसकी असलियत मुन्ना जान चुका था लेकिन उसने ये बात खुद तक ही रखी क्योकि चीजे काफी उलझी हुई थी ऐसे में मुन्ना नहीं चाहता था स्तिथि और ज्यादा बिगड़े।
शक्ति का काम खत्म हो चुका था और अब उसे बनारस छोड़कर जाना था। उसी शाम शक्ति घाट पर खड़ा काशी का इंतजार कर रहा था लेकिन काशी उस से मिलने नहीं आयी। शक्ति काशी को अपने बारे में सब सच बताना चाहता था ताकि उसके बाद वह शिवम् से काशी का हाथ माँग सके। घाट की सीढ़ियों पर बैठा शक्ति सामने पानी में चल रही नौकाओं को देख रहा था। आज शक्ति का मन काफी शांत था , खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए उसे सबूत मिल चुके थे , काशी से वह अपने प्यार का इजहार कर चुका था , मुन्ना के मन में भी वह अपने लिए जगह बना चुका था , मुरारी और शिवम् जिन्होंने उसे बचपन से सहारा दिया उन्हें भी मुसीबत से निकाल लिया,,,,,,,,,,,,,,,अब शक्ति की जिंदगी में कोई परेशानी नहीं थी बस एक आखरी काम था काशी को सच बताकर शिवम् से उसका हाथ मांगना लेकिन काशी आज नहीं आयी।
शक्ति ने काशी का नंबर डॉयल किया लेकिन काशी ने फोन नहीं उठाया , शक्ति को ये अजीब लगा। वह वही घाट पर घूमते हुए काशी का इंतजार करने लगा ,, शाम से रात हो गयी लेकिन काशी नहीं आयी। कुछ देर बाद शक्ति का फोन बजा उसने स्क्रीन पर नंबर देखा और फोन कान से लगाते हुए कहा,”हेलो सर”
“शक्ति ! मैंने तुम्हे ये बताने के लिए फोन किया है की तुम्हारी बेगुनाही के सबूत डिपार्टमेंट को मिल चुके है , जल्द ही उस पर कमेठी बैठायी जाएगी और मुझे पूरा यकीन है फैसला तुम्हारे पक्ष में होगा।”,दूसरी तरफ से एक दमदार आवाज आयी
“थैंक्यू सर ! अपनी बेगुनाही के साथ साथ चीफ के खिलाफ भी हमारे पास कुछ ठोस सबूत है , जल्द ही आपसे मुलाकात होगी”,शक्ति ने कहा
“दो दिन बाद मीटिंग रखी है उसमे तुम्हे आना होगा , इंदौर में एक बार फिर तुम्हारा स्वागत है ACP शक्ति”,दूसरी तरफ से वही आवाज उभरी जिसमे ख़ुशी साफ झलक रही थी
“हम वक्त से पहुँच जायेंगे सर”,शक्ति ने कहा और फोन काट दिया। एक सुकूनभरी मुस्कान उसके होंठो पर तैर गयी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
शक्ति इंदौर में ACP है ये बात कोई नहीं जानता था सिवाय मुन्ना के , इसलिए मुन्ना ने उस से मदद मांगी और शक्ति ने भी उसकी मदद कर मुरारी को चीफ के जाल में फसने से बचा लिया। इंदौर में काम कर रही प्राइवेट CBI एजेंसी का चीफ गैर क़ानूनी कामो में शामिल था ये बात शक्ति जानता था लेकिन शक्ति उसका सच सबके सामने ला पाता इस से पहले ही चीफ ने दूसरे लोगो के साथ मिलकर शक्ति को ही किसी बड़े स्केंडल में फंसा दिया और उसे 2 साल के लिए डिपार्टमेंट से भी निकाल दिया गया। शक्ति को अपनी बेगुनाही के सबूत बनारस में ही मिल सकते थे एक शख्स था जो लोगो की जानकारी चीफ तक पहुंचा रहा था लेकिन वो इंसान मुन्ना था ये बात शक्ति नहीं जानता था। शक्ति एक ईमानदार पुलिस आफिसर था जब उसने बनारस में फैले गैरकानूनी काम और बुरे लोग देखे तो उन्हें खत्म करने के लिए वह गुंडा बनकर रहने लगा। अब तक उसने कितने ही लोगो को कानून के हवाले करवा दिया था जिनमे से शंकर , कमिशनर और कुछ विधायक भी थे। उसकी लिस्ट में प्रताप , मुरारी और शिवम् का भी नाम था पर शिवम् से मिलने के बाद उसे अहसास हुआ की वे लोग इन सब बुरे कामो से कोसो दूर थे। शक्ति के पुलिस ऑफिसर बनने में सबसे बड़ा हाथ और सहारा शिवम् का भी था इसलिए शक्ति ने कभी उसे नुकसान नहीं पहुंचाया। शक्ति का आखरी मकसद था चीफ के खिलाफ काम करने वाले उस शख्स को ढूंढना और वो शख्स मुन्ना था। शक्ति जानता था की मुन्ना एक समझदार और सीधा लड़का है , चीफ ने उसे अपने जाल में फंसाया है ताकि आखिर में सारा इल्जाम मुन्ना और मुरारी पर डाल सके लेकिन शक्ति ने चीफ के प्लान को पहले ही फ़ैल कर दिया। शक्ति को दो दिन बाद इंदौर जाना था लेकिन इस से पहले वह काशी को अपने बारे में सब बता देना चाहता था , वह काशी से मिलने आया लेकिन काशी घाट पर नहीं आयी शक्ति को अब चिंता होने लगी थी वह घाट से निकलकर शिवम् के घर की तरफ चल पड़ा।
शक्ति शिवम् के घर के सामने पहुंचा लेकिन वहा खड़े गार्ड ने उसे रोकते हुए कहा,”ए ए ए कौन हो तूम ? और इति रात में हिया का कर रहे हो ?”
“मुझे शिवम् गुप्ता से मिलना है”,शक्ति ने कहा
“शिवम् भैया अभी घर पर नहीं है , किसी काम से बाहर गए है,,,,,,,,,,,,,,तुम सुबह आना”,गार्ड ने कहा तो शक्ति घर की तरफ देखने लगा ये सोचकर की शायद काशी उसे दिख जाए। शक्ति को अंदर झांकते देखकर गार्ड ने कहा,”अरे भाई कहा ना जाओ , सबेरे आना”
शक्ति वहा से चला गया , उसे समझ नहीं आ रहा था आखिर काशी को क्या हुआ है ? ना वह उस से मिलने आयी ना उसने शक्ति का फोन उठाया और तो और शिवम के घर पर भी इतनी सख्त पहरेदारी,,,,,,,,,,,,,,शक्ति वहा से निकलकर वापस घाट चला आया। रातभर वह उसी घाट पर बैठा रहा।
अगली सुबह शिवम् ने सारिका से तैयार होने को कहा। आज शिवम् ने दशाश्वमेध घाट पर बड़ी पूजा रखवाई थी जिसमे पुरे परिवार को शामिल होना था। उसने मुरारी से भी अनु और मुन्ना के साथ तैयार होकर आने को कहा। आई-बाबा , सारिका और शिवम् तैयार थे और बाहर खड़े काशी और वंश का इंतजार कर रहे थे। वंश जिसे ये घाट पर जाना बिल्कुल पसंद नहीं था आज ना जाने क्यों वह वहा जाने के लिए उतावला हो रहा था। वह तैयार होकर काशी के साथ बाहर चला आया। काशी ने लाल रंग का हरे दुपट्टे के साथ बहुत ही प्यारा सूट पहना था। सभी गाड़ी में आ बैठे और घाट के लिए निकल गए। काशी का दिल किसी अनहोनी के डर से बार बार धड़के जा रहा था। दो दिन से ना वह शक्ति से मिली थी ना ही उसके फोन मेसेज का जवाब दिया , कही शक्ति उसे घाट पर ना मिल जाये ये सोचकर ही काशी का मन अंदर ही अंदर परेशान था।
शिवम् का फोन आने से मुरारी ने अनु को तैयार होने को कहा हालाँकि उसका मन नहीं था लेकिन मुरारी शिवम् की बात टाल दे ऐसा कभी नहीं हो सकता था। अनु ने मुन्ना से भी तैयार होकर आने को कहा। घाट पर पूजा थी इसलिए मुरारी ने सफ़ेद कुर्ता पजामा पहना था। वह अनु के साथ हॉल में ही खड़ा था की मुन्ना सीढ़ियों से होकर नीचे चला आया। आज मुन्ना ने भी सफ़ेद रंग का कुर्ता पजामा पहन रखा था और वह बिल्कुल मुरारी जैसा ही लग रहा था। मुन्ना अनु और मुरारी के पास चला आया उसने मुरारी की तरफ देखा , उसे अपने पापा के लिए बहुत बुरा लग रहा था लेकिन मुन्ना जानता था कुछ वक्त बाद सब सही हो जाएगा। मुरारी ने मुन्ना को देखा और उसके सामने चला आया। मुरारी ने अपने हाथ बढाकर मुन्ना के कुर्ते की कॉलर को ठीक करते हुए कहा,”इन कपड़ो में अच्छे लग रहे हो , जो कुछ हुआ है उसे भूलने में हमे थोड़ा वक्त लगेगा पर हमे उम्मीद है की सब ठीक हो जायेगा। हमरे लिए परेशान मत हो हम ठीक है”
“मुरारी चले क्या देर हो जाएगी ?”,अनु ने मुरारी से कहा तो मुरारी अनु के साथ गेट की तरफ चला गया। मुरारी को बात करते देखकर मुन्ना का मन थोड़ा हल्का हो गया वह मुस्कुराया और अनु मुरारी के पीछे चल दिया।
बाहर आकर मुरारी ने देखा विधायक बनने के बाद वह जिस गाडी में घूमता था वह गाड़ी अब वहा नहीं थी। मुरारी उदास हो गया उसे एकदम से याद आया की अब वह बनारस का विधायक नहीं रहा है। मुन्ना ने देखा तो कहा,”पापा आपकी जीप से चलते है ना , रुकिए हम लेकर आते है”
मुन्ना मुरारी की पुरानी जीप ले आया जो आज भी वैसी ही हालत में थी जैसी मुरारी अपनी जवानी के दिनों में चलाया करता था। मुरारी मुन्ना के पास आया और उसे नीचे उतरने का इशारा किया। मुन्ना नीचे आ उतरा तो मुरारी जीप की ड्राइवर सीट पर आ बैठा। उसने स्टेयरिंग पर हाथ रखा और जीप स्टार्ट की कितने सालो बाद मुरारी अपनी जीप की ड्राइवर सीट पर बैठा था उसे अच्छा लगा उसने सामने पड़ा मुन्ना का चश्मा उठाया और अपनी आँखों पर लगाकर साइड मिरर में देखते हुए कहा,”मैग्गी आ जाओ”
अनु आकर मुरारी के बगल में बैठ गयी तो मुरारी ने मुन्ना से कहा,”हम जा रहे है तुम अपनी फटफटिया लेकर आ जाओ”
“हम आपके साथ क्यों नहीं जा सकते ?”,मुन्ना ने हैरानी से पूछा
“अबे ! प्रायवेसी नाम की भी कोनो चीज होती है , चलो जाओ”,मुरारी ने अपने पुराने अंदाज में कहा तो मुन्ना मुस्कुरा दिया। मुरारी अनु को लेकर घाट की और जाने वाले रास्ते की तरफ बढ़ गया। मुन्ना ने बाइक निकाली और घाट की तरफ निकल गया। धीरे धीरे सब सही हो रहा था ये देखकर मुन्ना के चेहरे पर काफी दिनो बाद मुस्कान थी।
सभी घाट पहुंचे शिवम् अपने परिवार के साथ पहले से वहा मौजूद था। वंश घाट के बाहर ही खड़ा था मुन्ना ने देखा तो कहा,”बड़े पापा ने ये पूजा हम सबके लिए रखवाई है , चलो नीचे चलो”
“वैसे तो मैं घाट पर नहीं जाता पर आज जाऊंगा , पता है क्यों ? क्योकि मैंने सूना है गौरी को ये जगह बहुत पसंद है और क्या पता तुम्हारे महादेव मेरी सुन ले और गौरी हमेशा के लिए मेरी हो जाये। उफ्फ्फ कितना सोचता हूँ ना मैं,,,,,,,,,,,चल चलते है”,वंश ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
मुन्ना जो की थोड़ा नार्मल था गौरी का नाम सुनते ही फिर उदास हो गया। वंश जो हमेशा इस जगह आने से बचता था आज सिर्फ इसलिए चला आया क्योकि गौरी को ये जगह पसंद थी। मुन्ना भी वंश के पीछे चला आया। शिवम् ने घाट पर पूजा रखवाई सभी उसमे शामिल हो गए। पूजा खत्म होने के बाद पंडित जी ने शिवम् को कुछ फूल और अक्षत दिए और गंगा में अर्पण करने को कहा। शिवम् सीढ़ियों से होकर पानी में चला आया और महादेव को याद करते हुए हाथो में लिए अक्षत और फूल गंगा में अर्पित कर दिए। उसने पानी में डुबकी लगाई और फिर बाहर चला आया। कुछ और भी पूजा विधि बाकि थी उन्हें पूरी करने शिवम् पंडित जी के साथ चला गया। मुरारी बाकि सबके साथ वही खड़ा था। पूजा के कारण आधे से ज्यादा घाट आज खाली करवाया हुआ था। मुरारी एक तरफ खड़ा था की वहा घूमने वाले आदमी ने कहा,”हर हर महादेव बिधायक जी”
“हर हर महादेव , अब हमहू विधायक नहीं रहे है”,मुरारी ने आदमी से कहा
“अरे काहे ? आप हमेशा हमारे लिए विधायक ही रहेंगे,,,,,,,,,,,!!”,आदमी ने तुनक कर कहा
“हम विधायक थे अब फिर से आम आदमी है आपकी तरह”,मुरारी ने बड़ी ही सहजता से कहा हालाँकि मन ही मन काफी उथल पुथल मची थी
“अरे थे से का मतलब हम नहीं मानते जे सब , हमरे बिधायक तो आप ही है आप ही रहेंगे ,, अरे जे का बात हुई ऐसे कैसे उह लोग आपको पार्टी से निकाल दिए ,,,,,,,,,,हम जे अन्याय बर्दास्त नहीं करेंगे,,,,,,,,,,,,,,अरे हम आंदोलन करेंगे आपके लिये”,आदमी जोश जोश में कुछ ज्यादा ही बोल गया और अब तक हमारे मुरारी भैया के सब्र का बांध भी लगभग टूट ही चुका था उन्होंने आदमी की तरफ पलटकर कहा,”उह बगल वाले घाट पर चिता बन रही है जाओ लेट जाओ और साले तब तक ना उठना जब तक हम फिर से विधायक ना बन जाये,,,,,,,,,,,,,जाओ करो आंदोलन”
“हम कुछ समझे नहीं,,,,,,,,,!!”,आदमी ने हैरानी से कहा
“अमा यार निकलो यहाँ से , एक तो जिंदगी वैसे ही खेत जैसी हो गयी है ऊपर से तुम साले चरस बोने चले आये ,, निकलो नहीं तो अभी पेल देंगे”,मुरारी ने खीजते हुए कहा तो आदमी आगे बढ़ गया। मुरारी समझ गया उसके लिए ये सब बहुत मुश्किल होने वाला है लेकिन फिर भी वह कोशिश कर रहा था की अपने गुस्से को थोड़ा काबू में रखे।
काशी घाट की सीढ़ियों पर खामोश सी खड़ी थी। अचानक से किसी ने उसकी बाँह पकड़ी और उसे लेकर साइड में आते हुए कहा,”तुम हमारा फोन क्यों नहीं उठा रही ? हम पिछले दो दिन से तुम्हे फोन कर रहे है , तुम्हे क्या हुआ है काशी ?”
“शक्ति तुम यहाँ से जाओ हमे अभी तुमसे कोई बात नहीं करनी है”,कहते हुए काशी ने शक्ति के हाथ से अपनी बांह छुड़ाई और वहा से चली गयी। शक्ति भी उसके पीछे आया और उसका हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”काशी तुम हमसे भाग क्यों रही हो ? तुम्हे क्या हुआ है कुछ बताओगी ?”
शक्ति इस वक्त काशी का हाथ थामे घाट की सीढ़ियों के बीचोबीच खड़ा था। बाकी घरवालों का ध्यान पूजा और दूसरी चीजों में था लेकिन वंश की नजर अचानक से शक्ति पर चली गयी। उसने जब शक्ति को काशी का हाथ थामे देखा तो गुस्से से उसकी तरफ आया। काशी ने कुछ नहीं कहा बस शक्ति से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। शक्ति उस से कुछ और कहता इस से पहले ही वंश ने आकर एक घुसा शक्ति को दे मारा काशी का हाथ शक्ति के हाथ से छूट गया और वह नीचे जा गिरा। काशी ने देखा तो घबराकर कहा,”वंश भैया उन्हें मत मारिये”
लेकिन वंश का गुस्सा तेज था उसने काशी की बात नहीं सुनी और शक्ति के साथ उसकी हाथापाई शुरू हो गयी। शिवम् के आदमियों ने देखा तो वे भी आकर शक्ति को मारने लगे। काशी ने देखा तो वह दौड़कर मुरारी के पास गयी और कहा,”मुरारी चाचा वंश भैया को रोकिये ना वो उन्हें ना मारे , प्लीज उन्हें रोकिये”
मुरारी समझ गया ये वही लड़का था जिसकी बात शिवम् कर रहा था उसने एक नजर शिवम् की तरफ देखा शिवम् व्यस्त था मुरारी ने कुछ नहीं कहा तो काशी सारिका की तरफ आयी और रोते हुए कहा,”माँ माँ आप वंश भैया को रोकिये ना , माँ उनसे कहिये ना वो शक्ति को ना मारे”
“क्या ये वही लड़का है ?”,सारिका ने पूछा तो काशी रोते हुए हाँ में गर्दन हिला दी। सारिका भी शिवम् के खिलाफ नहीं जा सकती थी इसलिए उसने काशी से ही कहा,”काशी चलो यहाँ से चलते है”
“माँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,काशी ने हैरानी से कहा घर में सिर्फ एक ही इंसान था जो उसकी बात सुनेगा सोचकर काशी ने इधर उधर देखा दूर घाट की आखरी सीढ़ी पर खड़ा मुन्ना फोन पर किसी से बात कर रहा था। काशी भागकर उसके पास आयी और उसे वंश को रोकने के लिए कहा तो मुन्ना भागते हुए आया। उसने देखा शक्ति और वंश आपस में गुथम-गुत्था हो चुके है। मुन्ना ने वंश को शक्ति से दूर किया।
“मुन्ना हट जा यहाँ से आज मैं इसका किस्सा ही खत्म कर दूंगा”,वंश ने गुस्से से कहा। वंश को बेकाबू देखकर मुन्ना ने खींचकर उसे एक थप्पड़ मारा तो सब हैरान रह गए , वंश भी फटी आँखों से मुन्ना को देखने लगा। शक्ति के मुंह से खून निकल आया था और उसे काफी चोटे भी लगी थी उसने खुद को सम्हाला मुन्ना ने शक्ति के सामने आ गया , शक्ति उसके पीछे था। सभी घरवाले वहा चले आये। मुन्ना ने वंश की आँखों में देखते हुए कहा,”जिस पर तूने हाथ उठाया है जानता है वो कौन है ? ये है ACP शक्ति शर्मा”
जैसे ही सबने सूना की शक्ति एक पुलिसवाला है सब हैरान हो गए। मुरारी का तो सर चकराने लगा था। काशी ने सूना तो वह भी हैरानी से शक्ति की तरफ देखने लगी। शक्ति वही सीढ़ी पर आ बैठा। मुन्ना सबको शक्ति की सच्चाई बताने लगा। शिवम् ने देखा सारे घरवाले ऊपर सीढ़ियों पर है। शक्ति उठा और शिवम् की तरफ बढ़ गया किसी में हिम्मत नहीं थी की उसे रोक सके। उसकी आँखों में काशी के लिए प्यार और चेहरे पर गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। शक्ति शिवम् के सामने आ खड़ा हुआ और उस से बात करने लगा। शिवम् ख़ामोशी से सब सुनता रहा इस बीच उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। घरवाले दूर खड़े रहे किसी को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था शक्ति ने शिवम् से क्या कहा ? कुछ देर बाद शिवम् चुपचाप सीढिया चढ़ते हुए बाकि सबके पास आया और उन्हें लेकर घाट से बाहर निकल गया।
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संजना किरोड़ीवाल
Nice one, time to unite shakti and kashi
Chlo shakti ki sachchayi to km se km sb ke samne aayi,ab kujh thik ho sakta hai, superb part ❤️❤️
Shakti ka sach sabke samne agya, chalo ab shayad sab thik ho jaye atleast kashi or shakti ki problem to solve ho taki munna or vansh ki bhi gadi agey badhe.
Very beautiful
Aaj ka part superr tha chalo ab Shakti aur kashi k bare shivam sochega to shi
Yh kya ho gya shakti ki sachai ase samne nhi aani chahiye thi
Really love the story and the way you are always writing. Feel that we are the part of the story. And also feel that every character is in real..
Ye to sbke sath sath hme bhi sakte me dal diya
Esa ka kaha sakkti ne jo tufaan itna shant hai
Kuch gadbad n ho
Bs mahadev itna krna
💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓💓
what about gauri nd munna ???
Atleast aabb toh sab kuch solve ho jaayega shakti aur kashi ke ek hone ki puri ummeed hai
अब तो बवाल होगा….
Kuchh to achha hua aaj ka part bahut achha lga udashi k bad ka sukun
ओह अंत में आपने अच्छा खासा सस्पेंस क्रिएट कर दिया अब कल देखते हैं शिवम का रिएक्शन क्या रहता है बहुत ही अच्छा हुआ शक्ति की सच्चाई सब जान गए 🤗🤗🤗🤗🤗
Nice story
Hope so ab shakti ki sachai samne aa gyi to shivam kashi or shakti k bare me vichar kre🙏