“मैं तेरी हीर” – 16
Main Teri Heer -16
बनारस , उप्र
रात का 1 बज रहा था और पार्टी खत्म कर सभी घर जाने की तैयारी कर रहे थे। मुन्ना और वंश के सभी दोस्त जा चुके थे। वंश भी मुन्ना के साथ वहा से बाहर चला आया उसके हाथ में बियर की बोतल थी जो की लगभग खत्म होने वाली थी। वंश ने मुन्ना के कंधे पर अपना हाथ रखा था और दूसरे हाथ से बची हुई बियर खत्म करने लगा तो मुन्ना ने उसके हाथ से बोतल लेते हुए,”बस करो तुम्हे चढ़ गयी है”
“किसने कहा मुझे चढ़ गयी है देखो मैं बिल्कुल ठीक हु”,वंश ने मुन्ना से दूर हटकर कहा लेकिन अगले ही पल लड़खड़ाया और मुन्ना ने उसे सम्हालते हुए कहा,”हाँ दिख रहा है , अब बस करो चलो घर चलते है”
“थोड़ी देर और रुकते है ना देखो कितना मजा आ रहा है यहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे मैं तुम्हे तो बोलना भूल गया विश यू वेरी हैप्पी बर्थडे मुन्ना , तुम ऐसे ही मुस्कुराते रहो और खुश रहो,,,,,,,,,,,,मैंने देखा तुम इन दिनों बहुत अपसेट रहते हो पर मैं चाहता हूँ तुम अपसेट ना रहो तुम ऐसे बिल्कुल अच्छे नहीं लगते”,वंश ने प्यार से मुन्ना के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा
“मेरा गिफ्ट ?”,मुन्ना ने अपना हाथ आगे करके कहा
“क्या गिफ्ट ? लेकिन गिफ्ट तो मैं नहीं लाया फिर भी बताओ तुम्हे क्या चाहिए ?”,वंश ने अपने जैकेट की जेब चेक करते हुए कहा
“जो मांगे वो मिलेगा ?”,मुन्ना ने वंश की आँखों में देखते हुए कहा
“तुम जो मांगों सब हाजिर है बस गौरी को मत मांगना क्योकि अब वो ही मेरी जान है”,वंश ने नशे में मुस्कुराते हुए कहा
मुन्ना ने सूना तो उसे थोड़ा चुभन का अहसास हुआ कोई और लड़का ये बात कहता तो शायद मुन्ना बर्दास्त नहीं कर पाता लेकिन उसके सामने खड़ा लड़का वंश था इसलिए उसने कहा,”हम चाहते है की तुम ये पीना छोड़ दो”
“क्यों क्यों क्यों तुम्हे ये नहीं मांगना चाहिए ? इसके अलावा कुछ और मांग लो ना मैं मना नहीं करूंगा,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“तो फिर हमे गौरी चाहिए”,मुन्ना ने एकदम से कहा उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे वंश ने सूना तो एकदम से उसके भाव गायब हो गए। वह हैरानी से मुन्ना को देखने लगा तो मुन्ना ने हँसते हुए कहा,”अरे ! मजाक कर रहे है लेकिन हां इस बात को लेकर बहुत सीरियस है की तुम ये पीना छोड़ दो”
“लेकिन क्यों ?”,वंश ने बच्चो की तरह पूछा
“क्योकि गौरी ऐसे लड़के बिल्कुल पसंद नहीं है जो ड्रिंक करते है”,मुन्ना ने कहा जैसा की वह गौरी को जानता था
“हाँ सच में ? पर तुम्हे ये कैसे पता ? शायद उसने तुम्हे बताया हो पर तुम उसकी बातो में आ गए मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,,उसने मेरे साथ बैठकर बियर पी है फिर उसे पसंद नहीं ये मैं मान ही नहीं सकता”,वंश ने लड़खड़ाती जबान में कहा
“मतलब अब गौरी तुम्हारे लिए इतनी इम्पोर्टेन्ट हो गयी की हमारी बातो से कोई फर्क ही नहीं पड़ता”,मुन्ना ने मुंह बनाते हुए कहा
“ए मुन्ना ऐसे मत बोलो तुम , चाहे मेरी जिंदगी में कोई भी आये तुम हमेशा 1st रहोगे। तुम चाहते हो मैं ये सब पीना छोड़ दू ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये लो मैंने आज से छोड़ दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ”,वंश ने कहा और लड़खड़ाया तो मुन्ना ने फिर उसे सम्हाला। वंश ने मुन्ना के चेहरे को फिर अपने हाथो में लिया और कहा,”तू मेरा भाई है यार , मेरा दोस्त है , मेरी जान है एक लड़की के लिए मैं तेरी बातो को इम्पोर्टेंस नहीं दूंगा ऐसा फिर कभी मत कहना,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई लव यू आलवेज और मैं हमेशा तेरे साथ रहूंगा”
“और गौरी ?”,मुन्ना ने पूछा
“वो यहाँ मेरे दिल में रहेगी”,कहते हुए वंश फिर मुस्कुराया और मुस्कुराते हुए वह बड़ा प्यारा लग रहा था। मुन्ना ने महसूस किया की वंश गौरी को बहुत चाहता है , उसने मन ही मन गौरी को भूलने का और उस से दूर जाने का फैसला कर लिया क्योकि वो खुद को हर्ट कर सकता था लेकिन गौरी को नहीं। मुन्ना वंश को लेकर बाइक के पास आया। मुन्ना ने बाइक स्टार्ट की वंश उसके पीछे आ बैठा और मुन्ना की कमर को अपनी बांहो में भरकर अपना गाल उसकी पीठ से लगा लिया जैसा वह हमेशा किया करता था। मुन्ना का मन इस वक्त तकलीफ और दर्द से भरा हुआ था। उसे गौरी की बहुत याद आ रही थी और वह उस से बात करना चाहता था लेकिन वंश के लिए उसने अपनी भावनाओ को दबा दिया और बाइक आगे बढ़ा दी।
“मुन्ना एक बात पुछू ?”,वंश ने कहा
“जब गौरी यहाँ आयी थी तब क्या तुम्हे उस से प्यार नहीं हुआ ? मेरा मतलब वो इतनी अच्छी है किसी को भी उस से प्यार हो जाये फिर तुम कैसे बच गए ?”,वंश की बात सुनते ही मुन्ना की आँखों में आँसू भर आये , उसके सीने में दर्द उभरने लगा , उसका गला रुंध गया वह चाहकर भी सच नहीं बोल सकता था। उसे खामोश देखकर वंश ने कहा,”बता ना क्या तुझे गौरी से प्यार नहीं हुआ ?”
“काशी की तबियत कैसी है ? वो ठीक है ना ?”,मुन्ना ने जानबूझकर बात बदल दी क्योकि वह वंश से ना झूठ बोलना चाहता था ना ही सच
“काशी अब ठीक है , कल घर आ जाओ उस से मिलने वैसे भी हमे साथ खाना खाये बहुत टाइम हो गया”,वंश ने कहा
“हम्म्म”,मुन्ना ने कहा तो वंश ने अपनी आँखे मूँद ली और गाल मुन्ना की पीठ से लगाए रखा। कुछ देर बाद मुन्ना ने वंश को घर छोड़ा और खुद अपने घर के लिए निकल गया। घर की तरफ जाते हुए मुन्ना का मन काफी भारी था घर ना जाकर वह अस्सीघाट की तरफ चला आया। बाइक बाहर खड़ी कर मुन्ना घाट की सीढ़ियों पर आकर बैठ गया। कुछ देर पहले जहा उसके चेहरे पर ख़ुशी और मुस्कराहट थी अब उसकी जगह उदासी और दर्द ने ले ली। मुन्ना पिछले एक हफ्ते से ऐसे दर्द में जी रहा था जिसे वह किसी से बाँट नहीं सकता था ना ही किसी सामने बंया कर सकता था। घाट के बहते पानी को देखते हुए मुन्ना की आँखों के सामने गौरी के साथ बिताये पल चलने लगे। आज वंश की आँखों में गौरी के लिए प्यार देखकर मुन्ना की बची हुई उम्मीद भी टूटकर बिखर गयी। वंश की ख़ुशी के लिए उसे गौरी को भूलना था और ये उसके लिए सबसे कठिन फैसला था। मुन्ना की आँखों से आँसू बहने लगे , वो अपने अंदर चल रही भावनाओ को नहीं सम्हाल पा रहा था और वो आंसुओ के जरिये बहने लगी। उसका गला रुंध गया , रोने से आँखे लाल होने लगी , उसकी सांसे गर्म हो चुकी थी और वह बस किसी तरह खुद को सम्हालने की कोशिश कर रहा था वो भी अकेले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
मुन्ना घंटो वहा बैठा रहा , उसे होश भी नहीं रहा की रात बीत चुकी है और सुबह के 5 बज रहे है। अस्सी घाट पर सुबह की आरती के लिए लोग जमा होने लगे। लोगो के आने से मुन्ना की तंद्रा टूटी वह उठा और थके कदमो से वहा से जाने लगा। वह बहुत धीरे चल रहा था। उसके दिमाग में सिर्फ और सिर्फ गौरी चल रही थी और उसे अपने दिलो दिमाग से निकालना मुन्ना के लिए आसान नहीं था। मुन्ना घर चला आया , घर आकर वह सीधा अपने कमरे में चला आया और आकर बिस्तर पर उलटा गिर गया उसकी आँखों में अब भी नींद नहीं थी। ये सब करके मुन्ना सिर्फ खुद को तकलीफ पहुंचा रहा था और ये बात वो खुद भी जानता था लेकिन उसके पास दुसरा कोई रास्ता भी नहीं था।
काशी की तबियत में कुछ कुछ सुधार था लेकिन उसे बुखार अभी भी था। घरवालों को परेशान देखकर काशी ने झूठ ही कह दिया की वह ठीक है। सारिका ने काशी के लिए हल्का नाश्ता बनाया और खिलाकर दवा दे दी। वंश अपने कमरे में था और देर रात घर आने की वजह से सो रहा था। काशी कमरे में लेटे लेटे बोर हो चुकी थी वह उठी और ताजा हवा खाने के लिए बाहर बगीचे में चली आयी। घूमते हुए काशी की नजर अपनी स्कूटी पर पड़ी तो उसे अपने फोन का ख्याल आया। उसने उस दिन अपना फोन स्कूटी के बॉक्स में तो रखा था। काशी ने दीना भैया से स्कूटी की चाबी लाने को कहा। दीना ने काशी को चाबी लाकर दी काशी ने जल्दी से लॉक खोला और अपना फोन निकाला जो की बंद हो चुका था। काशी फोन लेकर बरामदे की सीढ़ियों पर आ बैठी उसने फोन ऑन किया तो उस पर नोटिफिकेशन की बाढ़ सी आ गयी। काशी ने देखा बहुत सारे मिस्ड कॉल थे जिनके बीच गौरी की सैंकड़ो मिस्ड कॉल्स थी।
“गौरी ने हमे इतने फोन क्यों किये होंगे ? सबसे पहले उसे ही फोन करते है”,कहते हुए काशी ने गौरी का नंबर डॉयल किया है
चार रिंग के बाद ही गौरी ने फोन उठा लिया और गुस्से से लेकिन रोते हुए कहा,”तुम्हे अंदाजा भी है काशी मैं कितना परेशान हो गयी थी , तुम्हारा फोन पिछले एक हफ्ते से बंद आ रहा है ,, ना तुम मेरे मैसेज का जवाब दे रही हो ना मेरे फोन का,,,,,,,,,,,,,आखिर तुम सबको हुआ क्या है ?”
“शांत हो जाओ गौरी हम ठीक है और सबसे पहले तो हमे ये बताओ की तुम रो क्यों रही हो ?”,काशी ने पूछा
“काशी हमे ये बताओ की मुन्ना कहा है ?”,गौरी ने अपने आँसू पोछते हुए कहा
“मुन्ना भैया तो घर पर होंगे क्यों क्या हुआ ? तुम इतना परेशान क्यों हो बताओगी हमे ?”,काशी को अब गौरी की चिंता होने लगी थी
गौरी ने काशी को सारी बात बता दी और आखिर में कहा,”पता नहीं वो ऐसा क्यों कर रहा है ? मुझे एक बार उस से बात करनी है काशी प्लीज”
“मुन्ना भैया ऐसा क्यों कर रहे है ? उन्होंने हमे तो कुछ नहीं बताया बल्कि कुछ दिन से हम उनसे मिले भी नहीं है , तुम चिंता मत करो हम आज ही उनके घर जायेंगे और उनसे बात करेंगे। तुम तुम परेशान मत हो गौरी हो सकता है कुछ गलतफहमी हुई हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बीते दिनों यहाँ काफी कुछ हुआ है जिसकी वजह से सब परेशान थे। हम तुम्हे जल्दी ही फोन करेंगे”,काशी ने कहा
“थैंक्यू , अपना ख्याल रखो”,गौरी ने कहा काशी से बात करके उसे थोड़ी तसल्ली मिली।
काशी ने फोन काटकर साइड में रख दिया और सोच में पड़ गयी। इंदौर से जब वह मुन्ना के साथ आयी थी तब मुन्ना काफी खुश था और वह काशी से गौरी के बारे में बात भी कर रहा था। बनारस आकर वह सब घरवालों को गौरी और अपने रिश्ते के बारे में बताने वाला फिर अचानक से ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,,काशी को कुछ समझ नहीं आया वह अंदर चली आयी। उसने फोन चार्जिंग पर लगा दिया। दोपहर बाद काशी ने सारिका से अनु के घर जाने की बात कही , काशी की खराब तबियत देखते हुए सारिका ने पहले तो मना कर दिया लेकिन फिर दीना के साथ उसे भेज दिया क्योकि वंश तो अभी तक सो रहा था। काशी तैयार होकर दीना भैया के साथ गाड़ी से निकल गयी। दीना ने काशी को मुरारी के घर छोड़ा और वापस चला गया। काशी बीमार थी लेकिन फिर भी उसका मुन्ना से मिलना जरुरी था। मुन्ना को अपने घर न बुलाकर वह खुद ही चली आयी।
“अनु मौसी मुन्ना भैया कहा है ?”,काशी ने अंदर आते हुए पूछा
“अरे काशी ! आओ अंदर आओ , तुम्हारी तबियत अब ठीक है ना बेटा ?”,अनु ने पूछा
“हाँ मौसी हम ठीक है। हमे मुन्ना भैया से मिलना है , कहा है वो ?”,काशी ने पूछा
“मुन्ना शायद अपने कमरे में है , तुम जाकर मिल लो तब तक मैं तुम्हारे लिए कुछ बनवा देती हूँ”,काशी ने कहा
“नहीं मौसी हम कुछ नहीं खाएंगे”,काशी ने कहा और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी। अनु भी अपने कमरे की ओर चली गयी। काशी ऊपर आयी देखा मुन्ना का कमरा बंद है उसने दरवाजा खटखटाया। कुछ देर बाद मुन्ना ने दरवाजा खोला काशी को देखकर मुन्ना थोड़ा हैरान हुआ और कहा,”काशी तुम यहाँ ? हमे कहा होता हम आ जाते ? अभी तुम्हारी तबियत भी ठीक नहीं है”
काशी ने कोई जवाब नहीं दिया वह अंदर आयी और दरवाजा बंद कर मुन्ना की तरफ पलटते हुए कहा,”आप गौरी से बात क्यों नहीं कर रहे ? ना आप उसका फोन उठा रहे ना उसके मैसेज का जवाब दे रहे ,, आप ऐसा क्यों कर रहे है ?”
“हम थोड़ा बिजी थे”,मुन्ना ने काशी से नजरे बचाकर बुक रेंक की तरफ जाते हुए कहा
“आप इतने भी बिजी नहीं है की किसी के फोन का जवाब ना सके , आप ऐसा जानबूझकर कर रहे है हम जानते है लेकिन क्यों ?”,काशी ने कहा
“वो सब हम तुम्हे नहीं बता सकते काशी और हम चाहेंगे की तुम इन सब से दूर रहो”,मुन्ना ने काशी की तरफ पलटकर कहा
“लेकिन क्यों ? आप जानते है गौरी कितना परेशान है आपके लिए एटलीस्ट एक बार उस से बात कर लीजिये , हम उसे फोन लगाते है”,कहते हुए काशी ने गौरी का नंबर डॉयल किया एक रिंग जाते ही गौरी ने फोन उठा लिया शायद वो काशी के फोन का ही इंतजार कर रही थी। गौरी के फोन उठाने के बाद काशी ने कहा,”मुन्ना भैया हमारे साथ लो बात करो”
काशी ने फोन मुन्ना की तरफ बढ़ा दिया मुन्ना की धड़कने तेज होने लगी और गला रुंधने लगा लेकिन उसने हिम्मत करके काशी के हाथ से फोन लिया और कहा,”हेलो”
पुरे एक हफ्ते बाद गौरी मुन्ना की आवाज सुन रही थी। जैसे ही मुन्ना ने हेलो कहा गौरी का दिल धड़का और उसकी आँख से आँसू बहने लगे
मुन्ना को अहसास हुआ की वह गौरी को बहुत हर्ट कर रहा है और शायद आगे भी करेगा। गौरी ने खुद को सम्हाला और कहा,”क्या हुआ है मान ? क्या तुम मुझसे नाराज हो ? क्या मुझसे कोई गलती हुई है ? अगर हुई है तो बताओ मैं , मैं उसे सुधारने की कोशिश करुँगी लेकिन ऐसे एकदम से मुझे इग्नोर मत करो प्लीज,,,,,,,,,,,पिछले एक हफ्ते से मैं तुमसे बात करने की कोशिश कर रही हूँ मान लेकिन तुम्हारा फोन नहीं लग रहा। क्या तुम ठीक हो ? तुम्हारे साथ कुछ हुआ है क्या ? चुप क्यो हो बोलो ना,,,,,,,,,,,,,,,?”
“अब तक जो कुछ भी हुआ वो सब मजाक था , हमे भूल जाओ गौरी”,मुन्ना ने एकदम से कहा एक पल के लिए गौरी की धड़कने जैसे धीमी पड़ गयी काशी ने सूना तो उसकी आँखे हैरानी से फ़ैल गयी।
“क्या क्या कहा तुमने जरा फिर से कहना ?”,गौरी ने मुश्किल से कहा
“हमने कहा हमे भूल जाओ और आज के बाद हमे फोन मत करना”,कहकर मुन्ना ने फोन काट दिया और काशी की तरफ बढ़ा दिया।
“आप ऐसा कैसे कर सकते है ? गौरी आपसे बहुत प्यार करती है मुन्ना भैया आप उसके साथ ऐसा नहीं कर सकते ? जरूर आप उस से और हम सबसे कुछ छुपा रहे है। आप किसी लड़की का दिल नहीं तोड़ सकते,,,,,,,,,,,,,,बताईये हमे ऐसा क्यों कर रहे है आप ?”,काशी ने गुस्से और तकलीफभरे स्वर में कहा
“गौरी हमसे बहुत अलग है काशी हमारा कोई मेल नहीं है,,,,,,,,,,,,इसलिए हमने फैसला किया की हम,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने इतना ही कहा की काशी ने उसकी बात काटते हुए कहा,”आप अकेले फैसला कैसे ले सकते है ? क्या आपने एक बार भी गौरी के बारे में नहीं सोचा आपके इस फैसले से उसका दिल टूट जाएगा , वो कितना हर्ट होगी। मुन्ना भैया आप ऐसा कैसे कर सकते है ? आप एक लड़की की फीलिंग्स के साथ ऐसे खेल नहीं सकते ? गौरी , गौरी बहुत अच्छी लड़की है भैया अगर आपके बीच कुछ मिस-अंडरस्टेंडिंग ही तो दूर कर लीजिये लेकिन ऐसा फैसला मत कीजिये”
“काशी हमने बहुत सोच समझकर ये फैसला लिया है , हमे इस बारे में और कोई बहस नहीं करनी है इसलिए प्लीज तुम यहाँ से जाओ”,मुन्ना ने खुद को कठोर करते हुए कहा
“क्या सच में आपका दिल पत्थर का हो चुका है ? क्या आपको इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता ?”,काशी ने थोड़ा गुस्से से कहा
“हाँ नहीं पड़ता हमे फर्क,,,,,,,,,,,,,,,,हमारे लिए हमारे उसूल पहले है और हमारे उसूल हमे ये परमिशन नहीं देते की अब हम गौरी के साथ और रहे। क्या इसके बाद भी हमे सफाई की जरूरत है ?”,मुन्ना ने चिल्लाकर थोड़ी ऊँची आवाज में कहा जिसे सुनकर काशी एक पल के लिए सहम गयी , उसकी आँखों में आँसू भर आये और उसने कहा,”आप बहुत बुरे है,,,,,,,,,,,,आप बहुत बुरे है मुन्ना भैया,,,,,,,,,!!
कहते हुए काशी वहा से चली गयी मुन्ना अपना सर पकड़कर बिस्तर पर आ बैठा।
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संजना किरोड़ीवाल
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Oh god munna ye kya kar raha h, khud ko galat sabit kar raha h, very sad part
Yeh story to uljhati ja rhi hai,pta nhi kb sb sahi joga
Munna ka dil Kitna tuta hoga ye vo hi janta h 😔😔😔 Kash koi uske dard ko samj Pata
So sad
Nice part 👌
मुन्ना अभी किस मानसिक तनाव से गुजर रहा है उसके लिए ये सब कहना और करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है 😣😣😣😣
No
munaa aaj to tumne hme bhi bahot hurt 💔💔💔💔💔 kiya hai
Yh kya kr diya munna n vansh ko takleef se bachane k liye khud k saath 2 gauri ko bhi hurt kr rha h
💔💔💔 akhir dil tod hi diya apne lekhika sahiba
यार ये तो मुन्ना ने साफ साफ बोल झूठ बोल दिया कि वो गौरी से प्यार नहीं करता… लगता है मैं जो रही हूं कही वही तो नही होगा आगे…कि गौरी मुन्ना से सब क्लीअर करें…फिर उसे पता चले कि मुन्ना वंश के लिए ये सब कर रहा है…फिर मुन्ना गौरी को शादी के लिए बोले…और गौरी शादी भी करें… पर इस दौरान वेळ जहर खा लें…फिर गौरी की तबीयत बिगड़े और सच सबके सामने आए….क्या तो नहीं होगा
Very nice
Nice story
Ye kya kr diya munna😰😰😰😰