“मैं तेरी हीर” – 13
Main Teri Heer – 13
राजन के कहने पर भूषण ने काशी को अगवा कर लिया। काशी लापता है ये बात पूरी बनारस में आग की तरह फ़ैल गयी। शिवम् और मुरारी ने अपने आदमियों को चारो और लगा दिया। किशोर और उसकी टीम भी काशी को ढूंढने में लग गए लेकिन किसी को भी काशी के बारे में कुछ नहीं पता था। घर में सब परेशान थे मुन्ना ने वंश को घर छोड़ा और खुद काशी को ढूंढने निकल पड़ा। काशी की स्कूटी के पास पड़ी उसकी घडी देखकर मुन्ना को अहसास हो गया की जरूर काशी किसी बड़ी मुसीबत में है। वही शक्ति को जब काशी के बारे में पता चला तो वह भी अपनी बाइक लेकर निकल पड़ा। बाइक चलाते हुए शक्ति ने कुछ लोगो को फोन लगाया और काशी को ढूंढने को कहा।
मुन्ना की जीप प्रताप के घर के सामने आकर रुकी। मुन्ना गुस्से से जीप से उतरा और अंदर आया। प्रताप के आदमियों ने उसे रोकने की कोशिश की तो मुन्ना ने किसी को जवाब नहीं दिया बल्कि उन्हें पीटते हुए आगे बढ़ गया। मुन्ना अंदर आया देखा प्रताप बैठकर आराम से खाना खा रहा था। मुन्ना इस वक्त गुस्से में था उसने जाकर सीधा खाने की टेबल ही पलट दी और गुस्से से प्रताप से कहा,”राजन कहा है ?”
“हमको नहीं पता उह कहा है ? और जोन बदतमीजी तुमहू किये हो इसे का समझे हम ?”,प्रताप ने अपनी कुर्सी से उठते हुए कहा
“आपको सब पता है , अगर हमारी बहन को कुछ हुआ ना तो हम सबकी कब्र खोद देंगे ये याद रखना”,मुन्ना ने गुस्से से कहा और वहा से निकल गया। मुन्ना का गुस्सा देखकर प्रताप समझ गया की जरूर राजन ने कुछ गड़बड़ की है। उसने अपने आदमी को आवाज दी तो उसने आकर कहा,”जी मालिक”
“जे ससुरा रजनवा कहा है पता लगाओ तनिक , पता चले हमरे पीठ पीछे फिर से का गुल खिलाये है उह”,प्रताप ने अपने हाथ धोते हुए कहा
“जी मालिक”,आदमी ने कहा और चला गया। नौकर ने हाथ पोछने के लिए प्रताप की तरफ गमछा बढ़ा दिया तो प्रताप हाथ पोछते हुए बड़बड़ाने लगा,”जे रजनवा भी दिन ब दिन हमरे गले की फ़ांस बनता जा रहा है , इसका कुछो करना पडेगा भाईसाहब से बात करके इसे बनारस से बाहर ही भेज देते है साला टंटा ही खत्म हो”
मुन्ना वापस अपनी जीप में आ बैठा और वहा से निकल गया। राजन घर पर नहीं था मतलब वह काशी को लेकर जरूर कही और होगा और मुन्ना को बस अब उसे ढूंढना था। शक्ति ने काशी का पता लगा लिया। वह राजन के फार्महाउस पहुंचा जहा राजन काशी से शादी करने की तैयारी कर रहा था। मंडप तैयार था और भूषण डराधमका कर पंडित को भी ले आये थे। राजन के आदमी काशी को पकड़कर बाहर लेकर आये। काशी का रो रोकर बुरा हाल था , वह किसी भी हालत में राजन से शादी नहीं करना चाहती थी। राजन ने देखा तो काशी के पास आया और उसका मुंह भींचते हुए कहा,”बस कुछ देर की बात है काशी उसके बाद तो तुम हमेशा हमेशा के लिए हमारी होने वाली हो”
“इतनी भी क्या जल्दी है ?”,शक्ति ने अंदर आते हुए कहा
शक्ति की आवाज सुनकर काशी ने उस दिशा में देखा , शक्ति को देखते ही काशी की आँखों भर आये। उसने अपना हाथ छुड़ाकर शक्ति की तरफ जाने की कोशिश की तो राजन ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और शक्ति से कहा,”अच्छा हुआ तू खुद ही आ गया , अब तेरी आँखों के सामने मैं इस से शादी करूंगा”
“लगता है तुम उस दिन वाली मार भूल गए हो , हमने कहा था ना तुमसे की काशी से दूर रहना लेकिन तुम्हे समझ नहीं आया”,कहते हुए शक्ति ने अपने साइड से आ रहे बन्दे को खींचकर एक हाथ मारा और वह नीचे जा गिरा। काशी शक्ति का ये रूप पहली बार देख रही थी , डर से उसने अपनी आँखे मीच ली। राजन ने देखा तो अपने आदमियों से कहा,”खड़े खड़े देख का रहे हो ? मारो इसे”
राजन के कहते ही उसके आदमी शक्ति पर टूट पड़े , भूषण उस वक्त बाहर था उसे इसकी खबर तक नहीं थी। शक्ति ने राजन के आदमियों को एक एक करके पीटना शुरू किया। अपने आदमियों को पीटते देखकर भूषण काशी को खींचकर मंडप में लेकर आया और पंडित से कहा,”ए पंडित जल्दी से मंत्र पढ़ना शुरू करो”
काशी ने खुद को राजन से छुड़ाने की कोशिश की तो राजन ने गुस्से में आकर एक थप्पड़ काशी को जड़ दिया। शक्ति ने जैसे ही ये देखा उसकी आँखों में गुस्सा उतर आया वह गुस्से में राजन की तरफ आया और खींचकर एक लात उसे मारी राजन दूर जा गिरा। गहमा गहमी देखकर पंडित भी वहा से भाग गया। राजन को बहुत जोर से लगी थी कुछ देर तक तो वह उठ भी नहीं पाया। काशी ने देखा तो रोते हुए शक्ति के गले आ लगी। शक्ति ने काशी को सम्हाला , अगले ही पल एक जोरदार डंडा आकर शक्ति के सर पर लगा जिस से शक्ति कुछ पल के लिए सुन्न हो गया। उसके सर से खून बहकर काशी के हाथो में लगा तो काशी घबराकर शक्ति से दूर हटी उसने देखा शक्ति के सर से खून बह रहा है। डर और सदमे की वजह से काशी के गले से आवाज तक नहीं निकली , वह हैरानी से शक्ति को देखते रही और अगले ही पल शक्ति नीचे गिर गया। वह ज़िंदा था बस अचानक हुए इस हमले से अचेत हो चुका था। काशी ने देखा शक्ति के बिल्कुल पीछे हाथ में डंडा लिए भूषण खड़ा था। भूषण को वहा देखते ही राजन में पहले वाली हिम्मत फिर आ गयी वह उठा और काशी के पास आकर उसे एक थप्पड़ और मारते हुए कहा,”तुझे जो बचाने आया था वो तो गया अब देखते है तुम्हे हमसे कौन बचाता है ? ए भूषणवा शादी से पहले सुहागरात कैसी रहेगी ?”
“फिर तो मजा ही आ जाएगा भैया”,भूषण ने बेशर्मी से मुस्कुराते हुए कहा
भूषण की बात सुनकर राजन ने खा जाने वाली नजरो से काशी को देखा , काशी राजन के इरादे भाँप गयी उसकी आँखों में डर और गुस्से के भाव उभर आये उसने पीछे हटते हुए कहा,”हमारे पास मत आना”
“तुम्हरी पुकार सुनने वाला तो मौत की नींद सो गया काशी अब तो यहाँ सिर्फ हम है , तुम्हरी वजह से इह दो कोड़ी का शक्ति हमे मारने चला था अब देखो हम तुम्हरा क्या हाल करते है ?”,कहते हुए राजन ने काशी को धक्का दिया वह नीचे जमीन पर जा गिरी। गुस्से और अहंकार की आग में जलते राजन ने नीचे गिरी काशी के पैर पर अपना पैर रख दिया , दर्द से काशी चिल्ला उठी लेकिन राजन को उस पर कोई दया नहीं आयी। वह जैसे ही काशी पर झुका फार्म हॉउस के गेट को तोड़ते हुए जीप अंदर आयी। ये देखकर राजन ने उस ओर देखा , वो जीप मुन्ना की थी और उसमे बैठा लड़का भी मुन्ना ही था। मुन्ना ने जब काशी को इस हालत में देखा तो उसका खून खौल गया वह नीचे उतरा और राजन को कॉलर पकड़कर घुसा मारते हुए कहा,”तेरी इतनी हिम्मत की तू हमारी बहन को छुए”
मुन्ना जितना शांत था उसका गुस्सा उतना ही खतरनाक था। उसने राजन को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया , राजन लहू-लूहान हो चुका था और ये देखकर भूषण वहा से भाग गया। मुन्ना के चेहरे पर सिर्फ गुस्सा था और ये देखकर काशी बुरी तरह डर गयी। राजन जब अधमरा हो गया तो मुन्ना ने उसकी कॉलर पकड़कर उठाया और गुस्से से कहा,”अब तक हमने तुम्हारी हर गलती को नजरअंदाज किया राजन , हम कभी नहीं चाहते थे की हमारे पापा की तरहउनके बच्चो में भी ऐसी कोई दुश्मनी या झगड़ा हो लेकिन आज तुमने अपनी सारी सीमाएं लाँघ दी,,,,,,,,,,,,,,,,,हम सब बर्दास्त कर सकते है लेकिन अपनी बहन पर एक खरोंच तक नहीं और तुमने इसके साथ ये बर्ताव किया,,,,,,,!!”
“मुन्ना भैया,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने रोते हुए कहा वह चाहती थी मुन्ना राजन को छोड़ दे
काशी को रोते देखकर मुन्ना का दिल पिघल गया लेकिन राजन ने उसकी बहन के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की सोचकर मुन्ना के चेहरे पर दर्द और गुस्से के भाव उतर आये , उसकी आँखों में आँसू भर आये और उसने राजन का सर पास की दिवार पर जोर से दे मारा। राजन लहू-लुहान होकर नीचे जा गिरा। मुन्ना ने अपना जैकेट निकाला और काशी की तरफ आकर उसे ओढ़ाते हुए कहा,”कुछ नहीं हुआ है काशी ? तुम घबराओ मत हम यहाँ है”
काशी मुन्ना के सीने से लगकर रोने लगी। इस अचानक हुए हादसे ने उसे अंदर तक डरा दिया था। मुन्ना उसका सर सहलाते हुए उसे चुप कराने लगा काशी इतना डरी हुई थी की उसे शक्ति का ख्याल भी नहीं आया। मुन्ना ने अपना फोन निकाला और इंस्पेक्टर किशोर को फोन लगाया और उसे वहा आने को कहा।
मुन्ना किशोर के आने का इंतजार करने लगा। उसने काशी को पानी पिलाया और जीप में बैठने को कहा। अचानक हुए हादसे से काशी इतना डर चुकी थी की उसे शक्ति का ख्याल तक नहीं आया। कुछ देर बाद ही किशोर वहा अपनी टीम के साथ पहुंचा और सबको गिरफ्तार कर लिया। भूषण पहले ही वहा से भाग चुका था। राजन काफी घायल था इसलिए उसे एम्बुलेंस से हॉस्पिटल के लिए भेज दिया गया। किशोर ने मुन्ना से घर जाने को कहा और साथ ही ये भी कहा की कल सुबह आकर वह काशी का बयान ले लेगा। मुन्ना से बात करते हुए किशोर की नजर कोने में पड़े शक्ति पर गयी वह जल्दी से उस तरफ गया उसने शक्ति की नब्ज देखी जो की चल रही थी। किशोर ने शक्ति को सम्हाला और कहा,”सर सर आँखे खोलिये , सर आप ठीक है ना , सर”
अपनी जीप की तरफ जाते हुए मुन्ना की नजर किशोर पर पड़ी एक पुलिसवाला शक्ति को “सर” कहकर बुला रहा था , मुन्ना को ये जानकर थोड़ा अजीब लगा लेकिन इस वक्त उसके लिए काशी को घर लेकर जाना ज्यादा जरुरी था। वह जीप में आकर बैठा और काशी को लेकर निकल गया। किशोर ने तुरंत एम्बुलेंस बुलवाई और शक्ति को साथ लेकर निकल गया।
जीप चलाते हुए मुन्ना और काशी खामोश बैठे थे। काशी अभी भी डरी हुई थी उसे शक्ति का ख्याल आया तो उसने जल्दी से मुन्ना की तरफ देखा।
“वो ठीक है इंपेक्टर किशोर उसे हॉस्पिटल लेकर गए है”,मुन्ना ने सामने देखते हुए कहा
रात हो चुकी थी मुन्ना और काशी घर से 10 किलोमीटर दूर थे। एक ढाबा देखकर मुन्ना ने जीप साइड में लगाई उसने काशी को वही रुकने को कहा और खुद
ढाबे की तरफ चला गया। मुन्ना वापस आया उसने एक हाथ में पानी की बोतल थी और दूसरे में एक कप चाय। मुन्ना ने बोतल काशी की तरफ बढ़ा दी और मुंह धोने को कहा। काशी जीप से नीचे उतर आयी उसने अपना मुँह धोया , हाथ धोये और अपना हुलिया सुधारा,,,,,,,,,,,,,मुन्ना ने अपनी जेब से रुमाल निकालकर काशी को दे दिया और मुंह पोछने को कहा। काशी ने मुंह पोछा तो मुन्ना ने चाय का कप काशी की तरफ बढ़ा दिया।
“शक्ति ठीक तो है न ? उसे बहुत चोट लगी थी हमे उस से मिलना होगा”,काशी ने आँखों में आँसू भरकर कहा
“पागल मत बनो काशी अभी हालात बिल्कुल ठीक नहीं है , अभी के लिए तुम हमारे साथ घर चलोगी ,, सब बहुत परेशान है तुम्हारे लिए,,,,,,,,,,,,,ये लो चाय पि लो। हमने कहा ना हम तुम्हारे साथ है , हम सब सम्हाल लेंगे”,मुन्ना ने काशी को तसल्ली देते हुए कहा
काशी ने अपने आँसू पोछे और चाय का कप ले लिया। मुन्ना ने अपने हाथो को बांधा और पीठ गाड़ी से लगाकर सोच में डूब गया। उसके सामने कई बातें ऐसी थी जो की उलझी हुई थी। वंश गौरी से प्यार करता है ये जानने के बाद मुन्ना पहले ही परेशान था , अब उसके सामने शक्ति एक रहस्य बन चुका था , राजन ने काशी के साथ जो हरकत की उसे लेकर भी मुन्ना के दिमाग में एक साथ कई ख़याल आ जा रहे थे क्योकि मुन्ना जानता था उसके बाद शिवम् और प्रताप की दुश्मनी और ज्यादा बढ़ जाएगी। मुन्ना का दिमाग उलझता जा रहा था सबसे पहले उसे काशी को सेफ्ली घर पहुँचाना था। काशी ने चाय खत्म की तो मुन्ना उसे लेकर घर के लिए निकल गया। रास्तेभर मुन्ना काशी को समझाता रहा की उसे क्या बोलना है और क्या नहीं ? क्योकि मुन्ना नहीं चाहता था घर का माहौल खराब हो। घर पहुंचते ही काशी सबसे पहले आकर शिवम् के गले लगकर रोने लगी। शिवम् ने उसे चुप कराया और सारिका से उसे अंदर ले जाने को कहा। सारिका और अनु काशी को अंदर लेकर चली गयी। आई भी उनके साथ चली गयी। मुरारी , बाबा , शिवम् , वंश और शिवम-मुरारी के कुछ आदमी वही मौजूद थे। मुरारी मुन्ना के पास आया और कहा,”ए मुन्ना , किसने ? किसने किया जे सब हमको बताओ , हम साले को जिन्दा जमीन में गाड़ देंगे ,, तुम तुम बस नाम बोलो”
“प्रताप के बेटे राजन ने , उसी के आदमियों ने काशी का अगवा किया था”,मुन्ना ने धीमी आवाज में कहा
“उस प्रताप के लड़के की इतनी हिम्मत की उसने हमारी बेटी पर हाथ डालने की कोशिश की , आज हम उस प्रताप का किस्सा ही खत्म कर देते है”,गुस्से से कहते हुए शिवम् जैसे ही जाने को हुआ मुन्ना ने गुस्से से तेज आवाज में कहा,”बस कीजिये बड़े पापा , आखिर ये दुश्मनी ये लड़ाई जहहदे कब तक ?”
मुन्ना की आवाज सुनकर शिवम् के कदम रुक गए , वंश भी हैरान था क्योकि शिवम् के सामने हमेशा शांत रहने वाला और उसकी हर बात मानने वाले मुन्ना ने शिवम् को रुकने को कहा। मुरारी ने जैसे ही सूना मुन्ना की बाँह पकड़कर उसे अपनी तरफ करके कहा,”ए मुन्ना होश में तो हो का बक रहे हो तुम ? हाँ ! आज तक हमहू शिवम् भैया के सामने कुछो नहीं बोले है और तुम्हरी इतनी हिम्मत की तुम उनके सामने ऊँची आवाज में बात करो,,,,,,,,,,,चलो माफ़ी मांगों उनसे”
“हम माफ़ी नहीं मांगेंगे पापा”,कहते हुए मुन्ना ने मुरारी का हाथ झटककर अपनी बाँह छुड़ाई और शिवम् के सामने आकर कहने लगा,”आखिर कब तक बड़े पापा ? कब तक आप और हम ऐसे ही उनसे लड़ते झगड़ते रहेंगे। कभी वो हमे चोट पहुंचाएंगे कभी हम उन्हें,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या हम इसे खत्म नहीं कर सकते ? क्या हम शांति से जी नहीं सकते ? कभी बड़ी माँ , कभी वंश और आज काशी,,,,,,,,,,,आखिर कब तक ये सब चलेगा बड़े पापा ? हम आपसे जवाब चाहते है ,, आपकी और प्रताप की दुश्मनी आज आपके बच्चो के बीच भी आ चुकी है,,,,,,,,,,,,आपको क्या लगता है वंश के यहाँ बनारस में ना रहने के पीछे की वजह क्या है ?”
“मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने मुन्ना को रोकना चाहा लेकिन मुन्ना आज बोलना चाहता था उसने वंश को साइड किया और आगे कहने लगा,”आपकी और प्रताप की दुश्मनी है जिसकी वजह से वंश हमेशा इस शहर से दूर भागता है , अपना घर अपना परिवार छोड़कर आपने काशी को शहर पढ़ने भेज दिया इसकी वजह भी आपकी और प्रताप की दुश्मनी ही है। माँ , बड़ी माँ , काशी , वंश , बाबा इनमे से किसी को भी घर से बाहर अकेले नहीं जाता क्योकि आप डरते है,,,,,,,,,,आप डरते है कही उस प्रताप के आदमी इन्हे कोई नुकसान ना पहुंचा दे। हमने अपने गुस्से को हमेशा हमेशा के लिए अपने अंदर दबा लिया सिर्फ आप के लिए अब ही बताईये आखिर ऐसी जिंदगी कब जियेंगे हम सब ? कब तक एक दूसरे को चोट पहुंचाएंगे ? कब तक एक दूसरे की जान के दुश्मन बने रहेंगे आखिर कब तक ?”
मुन्ना एक पल के लिए शांत हो गया उसे ये सब कहते हुए बहुत तकलीफ हो रही थी क्योकि आज से पहले उसने शिवम् से इस तरह बात कभी नहीं की थी। अब तक प्रताप , राजन और उसके आदमियों ने जो किया वो सब मुन्ना ने नजरअंदाज किया लेकिन आज काशी के साथ जो हो सकता था उसके ख्याल मात्र से ही मुन्ना का खून खोलने लगा। शिवम् ने सूना तो उसे अहसास हुआ की मुन्ना ने जो कहा वो सही था , अगर वक्त पर उसने प्रताप और अपने बीच की समस्याओ को ठीक कर दिया होता तो शायद आज ये सब नहीं देखना पड़ता। शिवम् को खामोश देखकर मुरारी उसके पास आया और कहने लगा,”ए शिवम् भैया आप ना मुन्ना की बातो को दिल पर मत लेना , उह अभी बच्चा है उसने गुस्से में जे सब कह दिया। हम उसको समझायेंगे ना आप उसे माफ़ कर दो बस ,, हम शर्मिन्दा है मुन्ना ने आपसे इस तरीके से बात की”
“नहीं मुरारी तुम्हे शर्मिन्दा होने की जरूरत नहीं है , मुन्ना ने जो कहा उह सही कहा है। हमरी वजह से हमरे बच्चो को जे सब देखना पड़ रहा है इसलिए शर्मिन्दा होने की जरूरत हमे है तुम्हे और मुन्ना को नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने बुझे स्वर में कहा। वंश ने सूना तो मुन्ना को लेकर वहा से चला गया।
इंदौर , पर्पल क्लब
ऋतू और प्रिया गौरी को लेकर क्लब चली आयी। गौरी का बिल्कुल मन नहीं था लेकिन ऋतू प्रिया के जिद करने के कारण उसे आना पड़ा। क्लब आकर भी गौरी का चेहरा उतरा हुआ था 2 दिन से उसकी मुन्ना से बात नहीं हुई थी , मुन्ना ना तो उसके मैसज का जवाब दे रहा था ना ही उसका फोन लग रहा था। ऋतू प्रिया डांस करने चली गयी , गौरी वही काउच पर बैठी अपने फोन में अपनी और मुन्ना की साथ वाली फोटो देखने लगी। गौरी मुन्ना को बहुत मिस कर रही थी साथ ही परेशान भी थी मुन्ना उसे इग्नोर क्यों कर रहा है ? गौरी ने एक बार फिर मुन्ना का नंबर डॉयल किया लेकिन बंद था। उदास होकर गौरी ने फोन वापस रख दिया उसे मुन्ना के साथ बिताये पल याद आने लगे।
गौरी वहा बैठे बैठे बोर होने लगी तो वह उठी और प्रिया ऋतू को बताये बिना ही क्लब से बाहर निकल गयी। रात के 11 बज रहे थे। गौरी पैदल ही फुटपाथ पर चल पड़ी , ठंडी हवाएं चल रही थी और गौरी का चेहरा उदासी से घिरा हुआ था। जींस और टॉप के साथ उसने पारदर्शी लॉन्ग जैकेट पहना हुआ था। धीमे कदमो से वह सड़क पर चली जा रही थी। चलते चलते उसकी नजर वही सड़क किनारे बने छोटे से मंदिर पर चली गयी। गौरी रुकी और अपने हाथ जोड़कर कहने लगी,”मैं नहीं जानती क्या हुआ है ? लेकिन मैं चाहती हूँ की मान की सारी तकलीफे दूर हो जाये ,, मैं उसे बहुत मिस कर रही हूँ , उस से बात करना चाहती हूँ लेकिन पता नही वो मुझे इग्नोर क्यों कर रहा है ? मैं बहुत अपसेट हूँ और इस वक्त मेरा मन कर रहा है की मैं रो दू लेकिन मैं नहीं रो सकती क्योकि मैं इतनी कमजोर नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”
कहते हुए उसकी आँखों से गर्म आँसू बहने लगते है , मुन्ना का इग्नोर करना वो सहन नहीं कर पा रही थी और कल रात से परेशान थी। मुन्ना अचानक से उसे इग्नोर क्यों करने लगा यही बात गौरी समझ नहीं पा रही थी ? वह अंदर ही अंदर इस बात से परेशान थी , अपने दोस्तों से भी उसने जिक्र नहीं किया क्योकि वह नहीं चाहती थी उसके दोस्त मुन्ना को लेकर किसी तरह गॉसिप करे और वह उनके बीच मजाक बने। गौरी ने अपने आँसू पोछे लेकर वो फिर बहने लगे , गौरी एक साफ दिल लड़की थी जिसके लिए अपनी भावनाओ को रोक पाना मुश्किल था प्यार हो या गुस्सा वह खुलकर अपनी भावनाये जाहिर किया करती थी। वह वहा से आगे बढ़ गयी , चलते चलते उसने आसमान की ओर देखा और कहा,”मैं रोना नहीं चाहती लेकिन मैं क्या करू मेरे आँसू नहीं रुक रहे है ,, क्या तूम मुझे भूल गए हो मान ?”
Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13 Main Teri Heer – 13
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संजना किरोड़ीवाल
Very beautiful
Poor gauri,bhut bura lg rha hai uske liye😔😔
I like munna’s dailogues
Munna ka ye roop pehli baar dekha, gauri ke liye bhut bura lag rha h, but gauri ko jab kashi k bare me pata chalega to wo yhi samjhegi k is wajah se munna pareshan h, but ye puri tarah se sach to nhi h.
Bhut hi shaandaar part tha maam lekin munna aur gauri ko alag nhi hona chahiye
Mam aaj history repeat hui h
Yes,ese hi pratap ne sarika se jabardasti shaadi karni cahie thi aur aaj rajan ne.
So sad for Gauri nd Kashi
Beautiful part
Hr kahani me dard kyun hota hai
Beautiful part
Nice story
Superb part
Superb part…munna ne jo kaha sahi kaha..aise hi ye dushmani chalti rahegi…aaj pahli baar munna itne gusse m h… munna vansh ki wajah se Gauri ko ignore kr rha hai … munna ko vansh ko sach bata dena chahiye ki wo or gauri ek dusre se pyar krte h ….
Munna ki bat shi hh ye dushmani khatam ho jani chaiye ab😔😔😔
Gauri ko nhi pta ki munna k ese behave ki kya wajah hh but she is hurt…usko rota hua dekhna bilkul acha nhi lg ra☹️☹️☹️
Kashi ko bcha liya munna or shakti ne pr munna k liye bhut sare swal muhh khole khde h🙄🙄