Main Teri Heer – 90
Main Teri Heer – 90

उर्वशी के अंतिम संस्कार के बाद शिवम् , मुरारी और मुन्ना पुलिस स्टेशन पहुंचे। शक्ति ने देखा शिवम् भी साथ में आया है। शक्ति ने उन्हें अपने केबिन में बैठने को कहा और कुछ देर बाद खुद भी चला आया। शिवम् और मुरारी शक्ति के सामने पड़ी कुर्सियों पर बैठे थे और मुन्ना अपने हाथो को बांधे एक तरफ खड़ा था।
बाहर से मुन्ना खुद को शांत दिखाने की कोशिश कर रहा था लेकिन अंदर ही अंदर उसके मन में एक तूफान चल रहा था। शक्ति ने शिवम् और मुरारी को सारी बात बताई और फिर कुछ डाक्यूमेंट्स पर मुरारी के साईन लिए,,,,,,,,,,,,,,गवाह के तौर पर शिवम् और मुन्ना ने भी साईन कर दिए। शिवम् ने फाइल शक्ति की तरफ बढाकर कहा,”इसके बाद कोई परेशानी तो नहीं होगी ना शक्ति ?”
“नहीं पापा ! बस इन्हे कुछ दिन राजनीती से दूर रहना होगा ,, यही इनके लिए बेहतर है,,”,शक्ति ने गंभीरता से कहा
“शक्ति तुमहू तो ऐसे कह रहे हो जैसे हम राजनीती के बारे में कुछो जानते ही नहीं है। अरे पुरे 25 साल हम राजनीती में रहे है लेकिन कबो एक ऊँगली तक उठी हम पर और देखो जैसे ही राजनीती छोड़े मुसीबतो से घिर गए हम,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने उदासी भरे स्वर में कहा
“वो इसलिए मुरारी चाचा क्योकि राजनीती बेईमानो का काम है और ठहरे सीधे,,,,,,,,,,,सीधी राजनीती सिर्फ बनारस में चल सकती है बनारस से बाहर नहीं,,,,,,,,,,,खैर आप चिंता ना करे यहाँ सब हम सम्हाल लेंगे,,,,,,,आप बनारस जाईये और मुन्ना की शादी की तैयारियां कीजिये”,कहते हुए शक्ति ने एक नजर मुन्ना को देखा जो कि शक्ति को ही देख रहा था।
मुरारी ने पलटकर मुन्ना को देखा और शक्ति से कहा,”हमरी गलती की वजह से हमरे बच्चो को भी परेशान होना पड़ा,,,,,,,,,,,और सिर्फ मुन्ना की नहीं बल्कि तुम्हरी और काशी की शादी भी उसी मंडप में तय हुई है।”
शक्ति ने सुना तो कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”आप तो जानते ही है हमारा कोई परिवार नहीं है , कोई रिश्तेदार नहीं है , ना ही कोई खानदान है , आप जो तय करेंगे हमे मंजूर है”
“किसने कहा परिवार नहीं है ? शक्ति क्या हम तुम्हारा परिवार नहीं है ? ये सब निपटाओ और दिवाली के बाद बनारस चले आओ वहा सबके साथ मिलकर धूमधाम से तुम्हारी और काशी की शादी करेंगे,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
शक्ति ने सुना तो शरमा कर दूसरी तरफ देखने लगा। मुन्ना शक्ति की बहुत इज्जत करता था लेकिन ये सब होने के बाद शक्ति को लेकर उसके मन में एक गुस्सा भर गया। उसने शिवम् की बात सुनी और वहा से चला गया।
कुछ देर बाद शिवम् और मुरारी भी बाहर चले आये और तीनो घर के लिए निकल गए।
बनारस वापस जाने के लिए जो बस बुक की गयी थी वो घर के बाहर आ चुकी थी। आई-बाबा , अनु , सारिका , राधिका अंजलि और उसके पापा सब अपने अपने सामान के साथ हॉल में तैयार बैठे थे इंतजार था तो बस शिवम् मुरारी और मुन्ना का।
“मुन्ना अब भी फोन नहीं उठा रहा है ? भगवान् ना करे उसके साथ कोई दुर्घटना,,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने कान से फोन हटाते हुए कहा
अम्बिका ने सुना तो कहा,”कैसी बाते कर रही हो अनु ? वो अपना फोन रखकर भूल गया होगा या साइलेंट पर होगा,,,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना इतना लापरवाह नहीं हो सकता कि फोन ना उठाये,,,,,,,,,,,,तुम परेशान मत हो वो आ जाएगा”
“परेशान ना हो तो और क्या हो समधन जी ? शिवा मुरारी का भी तो सुबह से कुछो अता पता नहीं है,,,,,,,,,,,,,ऐसे बिना बताये तो उह लोग कही नहीं जाते है , महादेव उनकी रक्षा करे”,आई ने परेशानी भरे स्वर में कहा
नंदिता जय के साथ सबको विदा करने आयी थी लेकिन हॉल में सबको परेशान देखकर उनके चेहरे की ख़ुशी भी गायब हो गयी और उन्होंने कहा,”क्या बात है आप सब परेशान क्यों है ?”
अधिराज जी ने उन्हें परेशान करना नहीं चाहते थे इसलिए कहा,”अरे नंदिता बेटा ! वो क्या है ये सब लोग इतने दिन यहाँ थे तो वक्त का पता ही नहीं चला , अब सब वापस बनारस जा रहे है तो थोड़ा उदास है,,,,,,,,,!!”
नंदिता के चेहरे पर मुस्कराहट फिर तैरने लगी और उन्होंने कहा,”इसमें उदास होने की क्या बात है ? कुछ दिनों बाद काशी और गौरी की शादी में सब बनारस में फिर मिलने वाले है,,,,,,,,,,,इस बार थोड़ा ज्यादा वक्त साथ बिताएंगे,,,,,,,,,,,,क्यों सारिका जी ?”
सारिका ने सुना तो मुस्कुरा कर नंदिता के पास आयी और उनके गले लगते हुए कहा,”बिल्कुल ! हम इंतजार करेंगे,,,,,,,,,,,,शादी की सब रस्मे साथ साथ होगी तो कितना अच्छा लगेगा और उस पर बच्चो को महादेव और माँ अनपूर्णा का आशीर्वाद भी मिल जाएगा”
“आंटी मेरे फ्रेंड ने बताया सर्दियों में वहा मलइयो मिलता है”,जय ने सारिका से कहा
बाबा ने सुना तो जय के पास आये और कहा,”हाँ बिल्कुल मिलता है और बहुत ही लाजवाब होता है , छोटे समधी जी आप आओ बनारस आपको वहा का हर स्वाद चखाएंगे आपको”
जय ने सुना तो खुश हो गया। सारिका ने नंदिता को बैठने को कहा। नंदिता सबके साथ सोफे पर आ बैठी उसने देखा सब वहा मौजूद है लेकिन शिवम् और मुरारी नहीं तो उन्होंने अनु से कहा,”समधी जी नजर नहीं आ रहे , कही बाहर गए है क्या ?”
अनु ने सारिका को देखा और फिर नंदिता की तरफ देखने लगी। उसे तो खुद नहीं पता था शिवम् और मुरारी कहा है वह भला नंदिता को क्या बताती फिर भी अनु ने कहा,”हाँ जीजू और वो बाहर गए है बस आते ही होंगे,,,,,,,,,,,,,!!”
“आते होंगे नहीं आ गए है , पापा और मुरारी चाचा आ गए है अनु मौसी,,,,,,,,,!!”,गौरी के साथ हॉल में आती हुई काशी ने कहा
शिवम् और मुरारी अंदर आये उन्होंने नंदिता को वहा देखा तो दोनों ने उन्हें नमस्ते की और हॉल में आकर बैठ गए। अधिराज जी ने नंदिता के सामने दोनों से कुछ पूछा नहीं। इधर उधर की बातो के बाद सबके लिए चाय आयी और चाय पीते हुए सभी बाते करने लगे।
गौरी ने देखा मुन्ना अभी तक बाहर से नहीं आया है तो वह सबके बीच से निकलकर बाहर बरामदे में आयी और अपने फोन से मुन्ना का नंबर डॉयल किया। मुन्ना एक शोरूम में था अब तक वह हर कॉल को इग्नोर कर रहा था लेकिन उसने जब देखा गौरी का फोन आ रहा है तो उसने फोन उठाया और कान से लगाकर कहा,”हेलो ! हां गौरी,,,,,,,,,!”
“मान तुम कहा हो ? मैं तुम्हारे घर हूँ यहाँ सब है और तुम नहीं हो ?”,गौरी ने चिंता भरे स्वर में पूछा
मुन्ना गौरी को सच नहीं बता सकता था इसलिए कहा,”हमारा एक दोस्त बीमार था उस से मिलने हॉस्पिटल आये थे , हम बस घर ही आ रहे है।”
“मान ! मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो,,,,,,,,,,,,,क्या तुम किसी मुसीबत में हो ?”,गौरी ने गंभीरता से कहा
मुन्ना कुछ देर शांत रहा और फिर खुद को सामान्य करके कहा,”नहीं गौरी ऐसा कुछ भी नहीं है , हम तुमसे क्या छुपायेंगे,,,,,,,,,दोस्त की तबियत ज्यादा खराब थी तो उसे देखकर थोड़ा अपसेट हो गए,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह ! तुम्हारा दिल कुछ ज्यादा ही मासूम है मान इसलिए तुम सबका दर्द महसूस करते हो,,,,,,,,,,,,,सब तुम्हारा इंतजार कर रहे है और स्पेशली मैं ,,
मुझे तुम्हे देखने का बहुत मन हो रहा है प्लीज जल्दी आ जाओ,,,,,,,,,!!”,गौरी ने प्यार से कहा
“हम आते है,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और फोन काट दिया।
हाथ में पकडे कपड़ो के लेकर चेंजिंग रूम में गया और कपडे बदलकर बाहर आया। दरअसल सुबह जो कपडे उसने पहने थे वो उर्वशी को हॉस्पिटल लेकर जाते हुए खून से खराब हो गए थे और मुन्ना ऐसी हालत में घर जाकर सबको परेशानी में डालना नहीं चाहता था।
शोरूम से बाहर आकर मुन्ना ने खराब हुए कपड़ो को डस्टबिन में डाला और घर के लिए निकल गया। कुछ देर बाद ही मुन्ना घर आया उसने जब नंदिता को हॉल में देखा तो आकर उनके पैर छुए। गौरी भी वही पास खड़ी थी मुन्ना को देखते ही उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा लेकिन सबके बीच वह मुन्ना से बात नहीं कर पायी। चाय नाश्ते के बाद सभी अपना अपना सामान बस में रखने लगे।
मुरारी ने देखा उसका कुर्ता गंदा हो गया तो उसने अनु से दुसरा कुर्ता देने को कहा और उसके साथ कमरे में चला आया।
मुरारी ने कुर्ता निकाला और अनु की तरफ बढ़ा दिया। अनु ने उसे साफ धुला हुआ कुर्ता दिया और कहा,”ये गंदा कैसे हुआ मुरारी ? जीजू तो बता रहे थे तुम और वो अपने किसी पुराने दोस्त से मिलने हॉस्पिटल गए थे”
“अरे उह हॉस्पिटल बहुते गंदा था तो ज़रा दाग लग गए , तुम इसे रखो हम बनारस जाकर धोबी को दे देंगे,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कुर्ता पहनते हुए कहा
अनु कुर्ते को समेटने लगी और सहसा ही उसका हाथ कुर्ते की जेब पर लगा जिसमे कुछ था। अनु ने कुर्ते की जेब चेक की तो उसमे से कान की एक बाली निकली। अनु ने देखा वो बाली किसी महिला की थी उसने मुरारी को देखा और कहा,”ये तुम्हारे कुर्ते की जेब में कैसे आयी मुरारी ?”
मुरारी ने अनु के हाथ में उर्वशी के कान की बाली को देखा तो उलझन में पड़ गया। दरअसल मुरारी उर्वशी की अस्थियो को तो गंगा में नहीं बहा सकता था लेकिन उर्वशी से जुडी बाली को वह श्मशान से ले आया ताकि बनारस जाकर उसे गंगा में बहा दे और उर्वशी की आत्मा को शांति मिले।
मुरारी को खामोश देखकर अनु उसके सामने आयी और कहा,”मुरारी मैंने कुछ पूछा , ये बाली किसकी है और तुम्हारे पास कैसे आयी ?”
“ये उर्वशी की है,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने बस इतना ही कहा वह आगे बोल ही नहीं पाया कि अनु ने गुस्सा होकर कहा,”तुम फिर उस औरत से मिलने गए थे मुरारी , आखिर उस में ऐसा क्या है मुरारी ? क्या तुम्हे हमारे रिश्ते की ज़रा सी भी परवाह नहीं है,,,,,,,,,,,,,शादीशुदा होकर भी तुम बार बार उर्वशी से मिल रहे हो आखिर क्या लगती है वो तुम्हारी ? माशूका है , पत्नी है या फिर,,,,,,,,,,,,,!!”
अनु आगे कोई आपत्तिजनक शब्द कहती इस से पहले मुरारी ने बुझे स्वर में कहा,”उर्वशी अब इस दुनिया में नहीं रही अनु,,,,,,,,,,,,!!”
अनु ने सुना तो आगे के शब्द उसके गले में ही अटक गए। वह निस्तेज आँखों से मुरारी को देखने लगी। मुरारी ने अनु के कंधो को थामा और उदासी भरे स्वर में कहने लगा,”हाँ अनु ! उर्वशी अब इस दुनिया में नहीं रही , हम हॉस्पिटल उसी से मिलने गए थे,,,,,,,,,,,,
उर्वशी को तो हम बनारस नहीं ले जा सकते इसलिए ये बाली जो तुम्हारे हाथ में है ये हम अपने साथ इसलिए ले आये ताकि इसे गंगा में बहा सके और और उर्वशी की आत्मा को शांति मिले”
मुरारी की बात सुनकर अनु के आँखों के सामने उर्वशी का चेहरा आ गया और वो पल चलने लगे जब जब उसकी उर्वशी से मुलाकात हुयी। शुरू से ही अनु उर्वशी को नापसंद करती थी लेकिन उसकी मौत के बारे में सुनकर उसे भी अच्छा नहीं लगा और कुछ देर बाद उसने कहा,”बाहर सब हमारा इंतजार कर रहे है , हमे चलना चाहिए”
मुरारी ने हामी में सर हिलाया और अनु के साथ कमरे से बाहर चला आया। एक एक करके सभी घर से बाहर चले आये और बस में बैठ गए। सबसे पीछे चल रहा था मुन्ना और उसके बगल में गौरी। गौरी ने देखा सब जा चुके है तो उसने मुन्ना की कलाई पकड़ी और उसे साइड में ले आयी।
“क्या कर रही हो गौरी ? सब बाहर है,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
गौरी मुन्ना के सामने आयी और कहा,”हाँ मुझे पता है लेकिन अब तुम पर मेरा थोड़ा हक़ तो बनता है न मान,,,,,,,,,,,,!!”
गौरी ने प्यार से कहा तो मुन्ना ने कहा,”तुम्हारा हम पर थोड़ा नहीं पूरा हक़ है लेकिन इस वक्त हमे जाना होगा,,,,,,,,!!”
“हाँ मुझे ये भी पता है और इस बार मैं तुम्हे रोक भी नहीं सकती क्योकि कुछ दिन बाद तो मुझे हमेशा के लिए तुम्हारे घर ही आना है,,,,,,,,,,,,,,,उतना सब्र है मुझमें और मैं इंतजार भी कर लुंगी,,,,,,,,,!!”,गौरी ने ख़ुशी से अपनी आँखे मिचमिचाते हुए कहा
मुन्ना का दिल किया वह आगे बढ़कर गौरी को गले लगाए लेकिन तभी मुरारी की आवाज मुन्ना के कानो में पड़ी,”मुन्ना आजाओ सब इंतजार कर रहे है”
गौरी ने सुना तो मुन्ना से कहा,”जल्दी से अपना हाथ आगे करो”
मुन्ना ने हैरानी से अपना हाथ गौरी के सामने कर दिया। गौरी ने अपनी जेब से एक काले रंग का धागा निकाला और मुन्ना की कलाई पर बांधते हुए कहा,”आज सुबह मैं तुम्हारे लिए मन्नत मांगने मंदिर गयी थी , मैं नहीं जानती मान वो क्या चीज है जो तुम्हे परेशान कर रही है लेकिन मैं तुम्हे ऐसे परेशान नहीं देख सकती इसलिए मैंने पंडित जी से ये धागा तुम्हारे लिए लिया है,,,,,,,,,,,,,,,ये तुम्हे हर बुरी नजर से बचाएगा”
मुन्ना ने गौरी को अपनी परवाह करते देखा तो उसकी आँखों में नमी तैर गयी और इस बार मुन्ना ने खुद को नहीं रोका और गौरी को गले लगाकर कहा,”थैंक्यू गौरी,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना के गले लगने का अहसास गौरी के चेहरे पर मुस्कुराहट दे गया। मुरारी ने फिर आवाज दी तो मुन्ना गौरी से दूर हटा और अपना बैग लेकर वहा से चला गया। गौरी ने अपनी पीठ दिवार से लगाई और आँखे मूंद ली वह मुन्ना को वापस जाते नहीं देख पायी और आँसू की दो बुँदे उसके गालों पर लुढ़क आयी।
बाहर आकर मुन्ना सबके साथ बस में बैठा और बस वहा से निकल गयी पीछे छोड़ गयी हाथ हिलाते अधिराज जी , अम्बिका , नंदिता , काशी और जय को,,,,,,,,,,,,,और गौरी वो अभी भी आँखे मूंदे दिवार से पीठ लगाए खड़ी थी लेकिन ये आँसू ख़ुशी के थे , ख़ुशी कुछ दिन बाद हमेशा हमेशा के लिए बनारस जाने की , उसे बस उस दिन का इंतजार था
काशी को दुल्हन बनकर शक्ति की जिंदगी में आने का इंतजार था
शक्ति को इस केस के खत्म होने और सबको जेल की सलाखों के पीछे देखने का इंतजार था
वंश को मुंबई पहुंचकर निशि से मिलने का इंतजार था तो वही मुन्ना को इंतजार था इस कहानी को एक नया मोड़ देने का,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नया मोड़ जो इस कहानी को ही बदलकर रख देगा और ये होगा इस कहानी के आखरी सीजन में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90
Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90Main Teri Heer – 90
- Continue With Main Teri Heer – 90
- Visit Website https://sanjanakirodiwal.com/
- Follow Me On instagram
संजना किरोड़ीवाल


Sanjana Ji,
To phr aakhri season kb aayega.
Aery yeh to bilkul nhi socha tha aaj season 4 ka last part hoga… mujhe laga tha ki yeh season 4 bhi 100 k paar jayega…khar koi nhi season 5 bhi aayega aur usme khoob Sara drama aur romance and emotion hoga yeh to taii hai… Vansh aur Nishi ki love story hogi, Munna-Guri aur Shakti-Kashi ki shadi hogi ..fir baba Vansh k liye ladki pasand karege…wow… season 4 k last bhi sahi rha… Murari jail jane se bach gaya… Vikram aur Chauhan aur DIG jail m chale gaye…halaki Urvashi ki mout ne sab change kar diya…lakin yeh to hona hee tha… Kabir aur Nilima sath hai… umeed hai next season 5 mazedar hoga
😱😱😱😱 haa fir se new season ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ aur wo kb aayega ?
Kya kal se iske part nhi aayege ya fir iske aage hi new season aa jayega ♥️♥️♥️♥️♥️
Nice story h hm intjaar krenge next part ka
Aur ye season 4 kb aega mam