“मैं तेरी हीर” – 85

Main Teri Heer – 85

Main Teri Heer
Main Teri Heer

गौरी के बारे में सोचते हुए मुन्ना को नींद आ गयी। अगले दिन पूरा बनारस रंगो से सराबोर होने वाला था और सभी इसकी तैयारियों में लगे हुए थे। मुन्ना उठा देखा घडी में सुबह के 9 बज रहे थे। रात में देर तक जागने की वजह से मुन्ना सुबह देर तक सोता रहा। उसने अपना फोन देखा गौरी का कोई मेसेज या फोन नहीं आया था। मुन्ना उठकर बाथरूम की तरफ बढ़ गया। नहाने के बाद अपने बालों को तौलिये से पोछते हुए वह बाथरूम से बाहर आया। अनु अपने हाथो में कपडे लिए मुन्ना के पास आयी और उन्हें बिस्तर रखते हुए कहा,”तुम्हारे पापा ने आज घर में ही होली का फंक्शन रखा है इसलिए ये कपडे तुम्हारे लिए”
“माँ वंश रात में घर आया था क्या ?”,मुन्ना ने पूछा
“नहीं वो तो होलिका दहन के बाद अपने दोस्तों के साथ चला गया था , क्यों पूछ रहे हो ?”,अनु ने सवाल किया
“नहीं बस ऐसे ही , आप चलिए हम तैयार होकर आते है”,मुन्ना ने कहा
“ठीक है”,कहकर अनु वहा से चली गयी। मुन्ना ने कमरे का दरवाजा बंद किया , उसने बिस्तर पर रखे कपडे उठाये और उन्हें पहनकर शीशे के सामने चला आया। मुन्ना ने आज सफ़ेद रंग का कुर्ता और पजामा पहना था और इन कपड़ो में वह बहुत प्यारा लग रहा था। मुन्ना तैयार होकर नीचे चला आया। हमेशा की तरह अनु ने आज भी मुन्ना के महादेव के लिए फूलो और रंगो की टोकरी सजाकर रख दी। मुन्ने ने उसे लिया और जीप की चाबी लेकर बाहर चला आया। जीप की तरफ बढ़ते हुए मुन्ना की नजर अपने पापा पर चली गयी। सफ़ेद रंग का कुर्ता पजामा पहने , आँखों पर काला चश्मा लगाए , हाथ में फोन लिए मुरारी किशना और घर के माली से होली के फंक्शन की तैयारी करवा रहा था। मुन्ना रुक गया और कुछ देर के लिए वही खड़ा मुरारी को देखता रहा। कुछ देर बाद उसे याद आया की उसे मंदिर भी जाना है तो वह आकर जीप में बैठा और टोकरी को अपने बगल वाली सीट पर रख लिया। मुन्ना ख़ुशी ख़ुशी वहा से घाट की ओर जाने वाले रास्ते की तरफ चल पड़ा।
अस्सी घाट के सामने पहुंचकर मुन्ना ने जीप को साइड में लगाया। आज हमेशा से कुछ ज्यादा भीड़ थी यहाँ , मुन्ना टोकरी सम्हाले नीचे चला आया। अस्सीघाट पर तो रंग खेलने का प्रोग्राम शुरू भी हो चुका था। सभी रंगो से सराबोर थे और खुशिया मना रहे थे। मुन्ना महादेव के मंदिर चला आया हर साल की तरह पंडित जी उसी का इंतजार कर रहे थे। मुन्ना के आते ही उन्होंने पूजा शुरू कर दी।

शक्ति की जिंदगी में अब खुश होने के लिए एक नयी वजह थी और वो थी काशी,,,,,,,,,,,,,,,,! हालाँकि वह अपने मकसद को नहीं भुला था लेकिन अब वह पहले की तरह गुस्सा नहीं होता था ना ही किसी को डराता धमकाता। शिवम् ने उसे अपने साथ काम करने को कहा लेकिन शक्ति ने मना कर दिया। आज होली थी और शक्ति अपने कमरे में लेटा काशी के बारे में सोच रहा था। बहुत जल्द काशी बनारस आने वाली थी शक्ति का भी अपने आख़री काम को अंजाम देने वाला था। वह सोच में डूबा हुआ था की तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया।
शक्ति उठा और दरवाजा खोला तो देखा सामने मकान-मालिक की 10 साल की लड़की अपने हाथो को पीछे किये खड़ी थी। शक्ति ने उसे देखा और कहा,”क्या काम है ?”
लड़की ने शक्ति को नीचे बैठने का इशारा किया। शक्ति पंजो के बल नीचे आ बैठा तो लड़की ने अपनी मुट्ठी में भरा लाल और पीला रंग शक्ति के गालों पर लगाते हुए कहा,”हैप्पी होली शक्ति भैया”
शक्ति का सफेद शर्ट खराब हो गया उसने अपनी भँवे चढ़ाकर बच्ची को देखा तो वह सहम कर पीछे हट गयी। अगले ही पल शक्ति के होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी और बच्ची भी खिलखिला उठी। शक्ति ने अपने गालों से थोड़ा सा रंग लिया और बच्ची को लगाकर कहा,”हैप्पी होली”
“लगता है इस बदमाश ने तुम्हे भी रंग लगा दिया”,बच्ची की माँ ने आकर शक्ति से कहा
“हम्म्म कोई बात , आज के दिन कौन मना करता है”,शक्ति ने कुछ रूपये अपनी जेब से निकालकर बच्ची के हाथ में रखते हुए कहा
“अरे ये तुम क्या कर रहे हो ? इतने पैसे ?”,बच्ची की माँ ने शक्ति को रोकते हुए कहा
“इनसे इसके लिए इसकी पसंद के कपडे और स्कूल बैग खरीद देना”,कहकर शक्ति जाने लगा
“शक्ति आज घाट पर होली का बहुत बड़ा उत्सव है , तुम्हारा मन हो तो जरूर जाना”,कहकर महिला अपनी बच्ची को वहा से लेकर चली गयी।
शक्ति वैसे तो बनारस के किसी उत्सव में शामिल नहीं होता था पर आज उसका घाट जाने का मन किया इसलिए वह चला आया। शक्ति ने देखा घाट पर आज काफी भीड़ थी और वहा नाच गाने का भी बंदोबस्त था जिसके लिए “बिजली” आयी हुयी थी। शक्ति भी वहा चला आकर खड़ा हो गया और देखने लगा
बिजली जो की नाचने के साथ साथ अच्छा गा भी लिया करती थी उसने गाना शुरू किया,,,,,,,,,,,,,,,,
“इश्क़ में हो जाता है,,,,,,,,,,,,,,मिलना बहुत जरूरी
मेरे राँझा,,,,,,,,,,,,,तेरे बिना तेरी हीर अधूरी
दिल से दिल मिल जाये गर तो , रहे ना कोई दूरी
मेरे राँझा,,,,,,,,,,,,,तेरे बिना तेरी हीर अधूरी”
शक्ति ने जैसे ही सूना उसकी आँखों के सामने काशी का चेहरा आ गया। वह खो सा गया और उसे लगा जैसे काशी वही है और उसके इर्द गिर्द घूमते हुए गा रही है
“मेरा राँझा तू , तेरी हीर हूँ मैं ,, तू हाथ है तेरी लकीर हूँ मैं
रँगरेज है तू , तेरा अबीर हूँ मैं
मेरी राहें तू तेरी मंजिल मैं ,, तू हरजाई तेरी संगदिल मैं
तू धड़कन है तेरा दिल हूँ मैं,,,,,,,,,,!!
शक्ति बस प्यारभरी नजरो से काशी को देखता रहा उसने जैसे ही काशी को छूने के लिए हाथ बढ़ाया उसका भरम टूट गया। सामने काशी नहीं बिजली थी , बिजली ने गाते हुए शक्ति की हाथ को थाम लिया और उसके हाथ को अपने कंधो से लपेटते हुए आगे गाया
“हो तुझसे ऐसे जुड़ जाऊ मैं , जैसे पतंग से मांझा
मेरे राँझा,,,,,,,,,,,,,तेरे बिना तेरी हीर अधूरी”
कहते हुए बिजली वहा से दूसरी तरफ चली गयी
शक्ति अपने ख्यालों से बाहर आया तो मुस्कुरा उठा। उसे काशी से प्यार हो चुका था वो भी इतना की अब जब भी वह काशी को याद करता काशी उसे नजर आने लगती। शक्ति भी उन सब में शामिल हो गया और नाचने गाने लगा , आज पहली बार बनारस के लोगो ने शक्ति का ये रूप देखा था लेकिन शक्ति बड़ा प्यारा लग रहा था। मुन्ना महादेव को रंग अर्पित कर बाहर आया और घाट की तरफ चला आया। उसने सबको नाचते गाते देखा तो थोड़ी देर के लिए वही रुक गया। अगले ही पल उसके कानो में किसी की गुनगुनाने की आवाजे पड़ी और मुन्ना ख्यालो में खो गया। कुछ दूर घाट की सीढ़ियों पर सफ़ेद रंग का सूट पहने , सफेद दुपट्टे को हवा में लहराते , गुनगुनाते हुए गौरी ख़ुशी से भरकर गोल गोल घूम रही थी। मुन्ना की नजरे उस पर जम सी गयी। अचानक हवा चली और लड़की का दुपट्टा हवा से उड़कर मुन्ना के चेहरे पर आ गिरा। मुन्ना जो की कम बोलता था आज गुनगुनाने पर मजबूर हो गया।
“ओह्ह्ह्हह्हह ह्म्म्मम्म्म्म
तेरी बातों में एक उलझन है , तेरी आँखों में एक दर्पण है
तेरे होंठो की मुस्कानों में , उलझा सा ये मेरा मन है”
मुन्ना का गाना सुनकर सब उसकी ओर देखने लगे , सफ़ेद दुपट्टे को लेकर घूमने वाली लड़की इस वक्त बिजली थी , उसने जैसे ही सूना पलटकर देखा मुन्ना को देखते ही वह मुस्कुरा उठी और दौड़कर उसके बगल में चली आयी। मुन्ना के दिमाग में इस वक्त गौरी चल रही थी। बिजली ने मुन्ना का गाना सूना तो उसके इर्द गिर्द एक चक्कर लगाया और फिर अपने कंधे को मुन्ना के कंधे से टकरा कर आगे गाने लगी
“तुझे प्यार हुआ ये जान ले तू , मेरी चाहत को पहचान ले तू
मैं इश्क़ तेरा मेरी जान है तू
तेरी बातो पर मैं इठलाऊ , तेरी आँखों में मैं खो जाऊ
अब जाओ जहाँ तुझको पाऊ”
मुन्ना को लगा उसके सामने गौरी है , वह प्यार से उसे देखकर मुस्कुराता रहा। बिजली नाचते गाते मुन्ना के पीछे आयी और अपनी पीठ मुन्ना की पीठ से लगाकर आसमान में देखते हुए गाने लगी
“हो सात जन्म के वादे सारे , एक जन्म में निभा जा,,,,,,,,,,!!
मेरे राँझा,,,,,,,,,,,,,तेरे बिना तेरी हीर अधूरी
दिल से दिल मिल जाये गर तो , रहे ना कोई दूरी
मेरे राँझा,,,,,,,,,,,,,तेरे बिना तेरी हीर अधूरी”

सभी एक दूसरे को रंग लगाने लगे , खुशिया मनाने लगे , मुन्ना अपने ख्यालो से बाहर आया उसने देखा वहा गौरी नहीं थी,,,,,,,,,,,,,!! मुन्ना जैसे ही जाने के लिए पलटा , अपने हाथो में रंग लिए बिजली उसके सामने आ गयी और कहा,”तू तो बड़ा अच्छा गाता , मेरा तो दिल आ गया है तुम पर”
“माफ़ करना हम,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने इतना ही कहा की बिजली ने उसकी बात काटते हुए कहा,”हाँ हाँ मैं जानती हूँ तेरा मेरा कोई मेल नहीं है बस तू जिसकी किस्मत में होगा , वो बड़ी किस्मतवाली होगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,खुश रहना और हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते रहना,,,,,,,,,,,,,क्या है ना मुस्कुराते हुए ना बड़ा प्यारा लगता है तू,,,,,,,,होली मुबारक”
कहते हुए बिजली ने मुन्ना के गालों को बड़े प्यार से रंग लगाया और वहा से चली गयी। मुन्ना मुस्कुरा उठा और कहा,”किस्मतवाली का तो पता नहीं हाँ थोड़ी पागल जरूर है वो,,,,,,,,,,,,,पर जैसी भी है अब हमारी है”
मुन्ना मुस्कुराते हुए वहा से बाहर निकल गया। वह अपनी जीप में आकर बैठा इतने में ही मुरारी का फोन आया और उसने मुन्ना को कुछ सामान लेकर आने को कहा। मुन्ना ने जीप स्टार्ट की और आगे बढ़ गया। जैसे ही जीप वहा से निकली गलियारे से एक लड़का निकल कर आया और अपने हाथ में पकडे तार को फेंककर कुटिल मुस्कान के साथ कहा,”जाओ मुन्ना जाओ ये तुम्हारी जिंदगी की आखरी होली साबित होगी , अगले साल अपने महादेव के साथ ही होली मनाना”
शक्ति वही से गुजर रहा था जैसे ही उसने सूना उसने लड़के को पकड़ने की कोशिश की लेकिन लड़का भीड़ में गायब हो गया।
“उसे ढूंढने से अच्छा है हम मुन्ना को बचाये”,सोचकर शक्ति ने वही खड़ी एक बाइक देखी जिसमे चाबी भी लगी थी और बाइक का मालिक बगल में ही खड़ा चाय पी रहा था। शक्ति ने आकर बाइक स्टार्ट की और वहा से निकल गया।
“अरे हमारी बाइक,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,आदमी पीछे से चिल्लाया लेकिन तब तक शक्ति वहा से जा चुका था।

जीप में ब्रेक नहीं है मुन्ना को इस बात की खबर तक नहीं थी। वह बड़े आराम से मुस्कुराते हुए चला जा रहा था , आज वह खुश था तो उसने म्यूजिक भी चला दिया। जीप से कुछ ही पीछे शक्ति बाइक से उसका पीछा कर रहा था उसने मुन्ना को आवाज भी दी लेकिन शोर शराबे में उसकी आवाज दब गयी। शक्ति के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये , हालाँकि मुन्ना उसे बिल्कुल पसंद नहीं करता था लेकिन फिर भी शक्ति नहीं चाहता था की काशी या उस से जुड़े किसी भी इंसान को कुछ हो। वह मुन्ना का पीछा करता रहा। सर्कल पर आकर मुन्ना ने ब्रेक लगाया लेकिन ब्रेक नहीं लगा , मुन्ना हैरान हो गया क्योकि आज से पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ था। उसने फिर कोशिश की लेकिन ब्रेक नहीं लगा मुन्ना को समझते देर नहीं लगी की गाडी में ब्रेक नहीं है। सामने से ही कुछ बच्चे गुजर रहे थे उन्हें कोई नुकसान ना हो सोचकर मुन्ना ने गाड़ी मोड़ दी और दूसरे रस्ते चला गया। शक्ति भी उसका पीछा कर रहा था लेकिन उसे रोक नहीं पाया। मुन्ना जीप को एक सुनसान रास्ते की तरफ ले आया जहा से लोग और गाड़िया काफी कम गुजरते थे। मुन्ना के माथे से पसीने की बुँदे टपकने लगी उसे किसी तरह जीप को रोकना ही था। मुन्ना ने महादेव को याद किया , तभी शक्ति अचानक से बाइक लेकर जीप के सामने आ गया। शक्ति को वहा देखकर मुन्ना हैरान था उसने शक्ति को बचाने के लिए उसने जैसे ही U टर्न लिया उसकी जीप खम्बे से टकराई और वह उछलकर सामने खाई की तरफ जा गिरा , मुन्ना खाई में गिरता इस से पहले ही शक्ति ने उसका हाथ पकड़ा और उसे गिरने से बचा लिया। दोनों की नजरे मिली और दोनों एक दूसरे को गुस्से से देखने लगे। मुन्ना गुस्सा था क्योकि उसे बचाने वाला शक्ति था , वो शख्स जिसने काशी का दिल तोड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!

वही शक्ति को गुस्सा आ रहा था की मुन्ना इतना लापरवाह कैसे हो सकता है ? शक्ति ने अपने गुस्से को साइड रखा और मुन्ना का हाथ मजबूती से थामकर उसे ऊपर खींच लिया। मुन्ना के सर पर भी खरोच लगी थी , और कुछ हाथ पर भी लेकिन वो अब ठीक था। शक्ति वही खाई के पास बैठ गया। मुन्ना भी उठकर बैठ गया वह शक्ति से कुछ कहता इस से पहले ही शक्ति ने गुस्से से कहा,”हम तुम्हे आवाज दे रहे थे और तुम थे की चले जा रहे थे , तुम्हारी गाड़ी में ब्रेक नहीं था,,,,,,,,,,तुम्हारी जान जा सकती थी”
“तुमने हमे क्यों बचाया ?”,मुन्ना ने भी गुस्से से पूछा
“इंसानियत के नाते , फिर तुम किसी के भाई हो या न हो हमे कोई फर्क नहीं पड़ता”,शक्ति ने बिना मुन्ना की तरफ देखे कठोर शब्दों में कहा
मुन्ना ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से बैठा कुछ देर पहले हुए हादसे के बारे में सोचने लगा। उसका दिल बहुत तेज धड़क रहा था , वो एक बहुत बड़े हादसे से बच गया सिर्फ शक्ति की वजह से,,,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना को शक्ति के साथ किया बर्ताव याद आ गया , उसे अब बुरा लग रहा था की उसने शक्ति को गलत समझा।
मुन्ना को खामोश देखकर शक्ति ने अपनी जेब से सिगरेट निकाली और जलाकर मुंह में रख ली एक कश लगाने के बाद उसने सामने देखते हुए सिगरेट मुन्ना की तरफ बढ़ा दी।
“हम सिगरेट नहीं पीते”,मुन्ना ने कहा तो शक्ति ने उसके सामने से सिगरेट हटा ली और जैसे ही अपने होंठो के बीच रखी मुन्ना ने उसके मुँह से सिगरेट निकालकर फेंकते हुए कहा,”काशी को भी ये पसंद नहीं है”
शक्ति ने सूना तो मुन्ना को एकटक देखने लगा , आज मुन्ना की आँखों में उसे गुस्सा नहीं बल्कि कुछ और ही नजर आ रहा था।

Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85 Main Teri Heer – 85

क्या होली के समारोह में आएगा वंश ? मुन्ना की जीप के ब्रेक निकालने वाला वो लड़का कौन था ? क्या इस घटना के बाद शक्ति और मुन्ना में होने वाली है दोस्ती ? जानने के लिए सुनते रहे “मैं तेरी हीर”

क्रमश – Main Teri Heer – 86

Read More – “मैं तेरी हीर” – 84

Follow Me On – facebook | instagram | youtube

संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer
Main Teri Heer

15 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!