Telegram Group Join Now

Main Teri Heer – 75

Main Teri Heer -75

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

जॉर्डन मारा जा चूका था और शक्ति के लिए ये गुत्थी सुलझना और मुश्किल हो गया। शक्ति ड्यूटी पर ना होकर भी अपना फर्ज निभा रहा था। शक्ति शुरू से सब सोचने लगा और कड़ियों को आपस में जोड़ने लगा और एकदम से वह खुद में बड़बड़ाया। कबीर का एक्सीडेंट होना , उसके अगले ही दिन मुझे आशिफ की जानकारी मिलना , हमारा अचानक सस्पेंड होना और हमे इस केस से हटाना ,

उर्वशी का मुन्ना की सगाई में आना , हम पर हमला होना , आशिफ की लाश का मिलना और अब जॉर्डन की मौत इसका मतलब अब उर्वशी की बारी है”
शक्ति ने जब आखरी बात पर गौर किया तो उसे समझ आया कि कबीर से लेकर उर्वशी तक सब इस खेल में मोहरे है और जिन लोगो तक शक्ति पहुँचने वाला होता है अगले ही पल उसकी मौत हो जाती है। शक्ति को अब धीरे-धीरे सब समझ आ रहा था। ये बाकी सब तो मोहरे थे असली खेल तो कोई और खेल रहा था जो अब तक सबसे छुपा हुआ था।


मोहसिन से कुछ जरुरी जानकारी ली और तुरंत वहा से निकल गया। वह गाड़ी में आकर बैठा और काशी को शाम में घर पर मिलने के लिए मैसेज करके वहा से निकल गया। एक ही इंसान था जो शक्ति को इस उलझन से निकाल सकता था और वो था कबीर,,,,,,,,,,,,,,,!!

नीलिमा उर्वशी के साथ कबीर के घर में आयी। कबीर की माँ शालू हॉल में ही थी उन्होंने जब नीलिमा के साथ उर्वशी को देखा तो कहा,”अरे नीलिमा ! आओ बेटा कैसी हो और ये तुम्हारे साथ कौन है ?”
“ये मेरी माँ है आंटी,,,,,,,,,क्या कबीर घर में है ?”,नीलिमा ने पूछा
“हाँ वो अपने कमरे में है,,,,,,,,,,तुम कुछ परेशान नजर आ रही हो नीलिमा क्या बात है ?”,शालू ने नीलिमा के पास आकर कहा


उर्वशी ने शालू को देखा तो शालू उसके पास आयी और कहा,”नमस्ते ! आप दोनों खड़ी क्यों है आईये बैठिये,,,,,,,,,,,,,सुनो ज़रा कबीर को बुला दो”
शालू ने घर के नौकर से कहा तो नौकर वहा से चला।  शालू ने नीलिमा और उर्वशी से बैठने को कहा।
कबीर नीचे आया और जब उसने नीलिमा के साथ उर्वशी को देखा तो उसकी भँवे तन गयी क्योकि कबीर अपने बाप के “नाजायज रिश्तो” के बारे में जानता था। वह उर्वशी के सामने आया और गुस्से से कहा,”तुम यहाँ क्यों आयी हो ?”


“कबीर ये क्या बदतमीजी है ? ये मेरी माँ है तुम इनसे ऐसे बात कैसे कर सकते हो ?”,नीलिमा ने उठकर गुस्से से कहा
नीलिमा उर्वशी की बेटी है ये जानकर कबीर को दुसरा झटका लगा , उसके चेहरे का रंग सफेद पड़ गय उसने हैरानी से नीलिमा को देखते हुए कहा,”क्या कहा तुमने ?”
“मैंने कहा ये मेरी माँ है कबीर और तुम्हे इनसे ऐसे बात नहीं करनी चाहिए,,,,,,,,,,,!!”,नीलिमा ने इस बार थोड़ा शांत स्वर में कहा  

कबीर ने सुना तो उसका दिल टूट गया , उसका दिल किया वह अभी और इसी वक्त उर्वशी को वहा से उठाकर बाहर फेंक दे लेकिन शालू भी वहा मौजूद थी और शालू अपने पति विक्रम के धोखे के बारे में नहीं जानती थी।
उर्वशी ने कबीर को उलझन में देखा तो अपनी जगह से उठी और कहा,”कबीर ये वक्त अभी इन सब बातों के बारे में सोचने का नहीं है , मैं यहा तुम्हारी मदद के लिए आयी हूँ,,,,,,,,,,नीलिमा से शादी कर लो”


इस बार कबीर के साथ साथ चौंकने की बारी शालू की भी थी , शालू नीलिमा को पसंद जरूर करती थी लेकिन उन्होंने कभी नीलिमा को घर की बहू बनाने के बारे में नहीं सोचा,,,,,,,,,वे उर्वशी के सामने आयी और कहा,”ये आप क्या कह रही है ? शादी क्या बच्चो का खेल है और ऐसे अचानक शादी,,,,,,,,,,,नीलिमा और कबीर एक दूसरे को पसंद करते है ये बात इन दोनों ने ही मुझे कभी नहीं बताई,,,,,,,,,,!!”
“ये वक्त इन सब बातो के लिए नहीं है , नीलिमा की जान खतरे में है उसका कबीर से शादी करना बहुत जरुरी है वरना , वरना वो लोग इसे भी मार डालेंगे”,उर्वशी ने घबराये हुए स्वर में कहा


“कौन लोग ? और ये सब क्या बकवास है ?”,इस बार कबीर ने गुस्से से तेज आवाज में कहा
नीलिमा कबीर के पास आयी और कहा,”क्या तुम मुझसे प्यार करते हो ?”
“हाँ नीलिमा,,,,,,,,,,!!”,कबीर ने कहा
“तो फिर मुझसे शादी कर लो कबीर , अगर तुमने मुझसे शादी कर ली तो वो लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते , इस शहर में सिर्फ तुम्हारे डेड ही है जो सबसे पावरफुल है , प्लीज कबीर मुझसे शादी कर लो”,नीलिमा ने कहा उसकी आँखों में आंसू थे


कबीर समझ नहीं पा रहा था कि आखिर ये सब हो क्या रहा है। शालू भी उलझन में थी कि तभी उसने देखा दरवाजे से विक्रम अंदर आ रहा है। उसने राहत भरे स्वर में कहा,”वो गए , नीलिमा जो भी बात है तुम विक्रम को बताओ वो तुम्हारी मदद जरूर करेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”
उर्वशी ने जैसे ही शालू के मुंह से विक्रम का नाम सुना उसका दिल धड़क उठा , उसने पलटकर देखा तो उसके दिल का डर और बढ़ गया। असल में वह ऐसे इंसान से मदद मांगने आयी थी जिस से उसे खतरा था”


उर्वशी ने विक्रम को वहा देखकर नीलिमा का हाथ मजबूती से पकड़ा और उसे वहा से अपने साथ ले जाते हुए कहा,”नीलिमा चलो यहाँ से हमे कोई मदद नहीं चाहिए,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन माँ सिर्फ विक्रम अंकल ही है जो हमारी मदद कर सकते है,,,,,,,,,,,,,!!”,नीलिमा ने कहा लेकिन उर्वशी ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और जैसे ही जाने लगी विक्रम से उसका सामना हुआ।

उर्वशी को अपने घर में देखकर विक्रम के होश उड़ गए , वह मन ही मन घबरा उठा कि कही उर्वशी ने शालू के सामने सब सच तो नहीं उगल दिया। उसने उर्वशी की बांह पकड़ी और उसकी आँखों में देखते हुए गुस्से से कहा,”तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”
कबीर ने देखा तो वह उनके पास आया और विक्रम से कहा,”क्या आप इन्हे जानते है ?”


विक्रम ने उर्वशी की बांह छोड़ी और कहा,”हाँ और बहुत अच्छे से जानता हूँ मैं इसे ,, पैसो के लिए धंधा करती है ये औरत,,,,,,,,,,,,,और अब इस धंधे में इसने अपनी बेटी को भी शामिल कर लिया ताकि तुम्हे फंसा सके,,,,,,,,,!!”
कबीर ने सुना तो हैरानी से उर्वशी और नीलिमा को देखने लगा , वही उर्वशी ने विक्रम के मुंह से ये बात सुनी तो उसे एक धक्का लगा। वो विक्रम जो उस से प्यार करने का दावा करता था वो उर्वशी के लिए इतने घटिया शब्दों का इस्तेमाल कर रहा था।

उर्वशी ने आगे बढ़कर अपने दोनों हाथो से विक्रम की कॉलर पकड़ी और गुस्से से कहा,”तुम इतना कैसे गिर सकते हो विक्रम ? तुम्हारा सच क्या है बताऊ तुम्हारी बीवी और बेटे को ? अगर मैंने बताना शुरू किया तो तुम मुंह छुपाते फिरोगे,,,,,,,,,,,!!”
विक्रम ने उर्वशी के हाथो को झटका और उसे खींचकर एक थप्पड़ मारा
“अंकल,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नीलिमा चिल्लाई लेकिन विक्रम ने उसे साइड किया और उर्वशी के बालो को पकड़कर गुस्से से कहा,”जाओ बता दो लेकिन एक धंधे वाली की बात का यकीन करेगा कौन ?”


“ये क्या कर रहे है आप ?”,शालू ने उर्वशी को छुड़ाते हुए कहा
विक्रम ने शालू को भी साइड में धकियाते हुए कहा,”तुम हट जाओ शालू इस घटिया औरत ने हम सबकी जिंदगी बर्बाद कर दी है , मैंने बेचारी और लाचार समझ कर इसकी मदद की और ये मेरे ही घर में आग लगाने का ख्वाब देख रही है , बार डांसर से उठाकर मैंने इसे सम्मान की जिंदगी दी लेकिन गंदगी हमेशा जाकर गंदगी में ही मिलती है। इसने भी वही किया लेकिन इस गंदगी के कतरे को मैं अपने घर में आने नहीं दूंगा। ना जाने ये लड़की किसकी नाजायज औलाद होगी,,,,,,,,,,,,,मैं इसे अपने घर की बहू हरगिज नहीं बना सकता”


नीलिमा ने सुना तो उसकी आँखों से आँसू बहने लगे वह कबीर के पास आयी और उसकी बाँह पकड़ कर कहा,”कबीर , कबीर रोको अपने पापा को , ये सब क्या बोल रहे है ? मेरी माँ ऐसी नहीं है उनकी कुछ मजबूरिया थी तुम्हारे पापा नहीं जानते,,,,,,,,,,,प्लीज रोको उन्हें”
अब तक कबीर नीलिमा के बारे में कुछ नहीं जानता था लेकिन आज ये सब जानकर उसे बहुत दुःख हुआ उस ने नीलिमा की तरफ देखा और ठन्डे स्वर में कहा,”क्या तुम्हारी माँ बार डांसर थी ?”


“कबीर ये तुम,,,,,,,,,!!”,नीलिमा ने हैरानी से कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी करती इस से पहले कबीर ने कहा,”नीलिमा क्या तुम्हारी माँ बार डांसर थी ?”
“हाँ,,,,,,,,,,!!”,नीलिमा ने आँखों में आँसू भरकर कहा , कबीर ने सुना तो उसे विक्रम की कही बातो पर यकीन होने लगा और उसने नीलिमा का हाथ धीरे से अपनी बांह से दूर कर दिया।
नीलिमा ने कबीर को देखा और कहा,”तुम सच नहीं जानते कबीर,,,,,,,,,,,,,!!”
कबीर ने सामने खड़े अपने पापा और उर्वशी को देखा और कहा,”सच मेरी आँखों के सामने है नीलिमा,,,,,,,,,,!!”

कबीर को ऐसी बाते करते देखकर नीलिमा का दिल टूट गया उसे लगा कबीर उसे समझेगा लेकिन कबीर ने यहाँ हाथ खड़े कर दिए और यहाँ गलत कबीर भी नहीं था वह उर्वशी और अपने पापा के नाजायज संबंध के बारे में पहले से जानता था लेकिन उर्वशी नीलिमा की माँ है ये बात उसे आज पता चली।
विक्रम ने उर्वशी को छोड़ा और कहा,”अपनी बेटी को साथ लो और दफा हो जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,इस से पहले कि मैं तुम दोनों को पुलिस के हवाले कर दू चली जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,!!”


उर्वशी उठी और गुस्से से कहा,”तुम्हे क्या लगता है विक्रम अरोड़ा तुम कुछ भी कहोगे और लोग उस पर यकींन कर लेंगे,,,,,,,,,,हाँ थी मैं बार डांसर लेकिन मुझसे प्यार का झूठा नाटक करके तुमने मेरी जिंदगी बर्बाद की,,,,,,,,,,,,अपने फायदे के लिए तुम मेरा इस्तेमाल करते रहे,,,,,,,,,,,,,,,,तुम क्या करते हो क्या नहीं इसकी सब जानकारी है मुझे अगर मैंने पुलिस के सामने मुंह खोला तो बची हुई जिंदगी जेल में चक्की पीसते नजर आओगे तुम,,,,,,!!”


उर्वशी की बात सुनकर विक्रम थोड़ा सपकपा गया क्योकि कही न कही उर्वशी उसके बारे में बहुत कुछ जानती थी और अब वह विक्रम के लिए खतरा बन चुकी थी लेकिन शालू और कबीर के सामने वह उर्वशी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता था।
उर्वशी कबीर के पास आयी और गुस्से से कहा,”और तुम ? क्या तुम अपने बाप के बारे में कुछ नहीं जानते ? नीलिमा एक ऐसे इंसान से मदद मांग रही हो जिसे खुद मदद की जरूरत है,,,,,,,,,ये क्या बचायेगा तुम्हे इन लोगो से ये तो खुद अपनी माँ तक को सच नहीं बता पा रहा कि उसके बाप के मेरे साथ नाजायज संबंध थे,,,,,,,,!!”


कबीर ने सुना तो उसका सर झुक गया और नीलिमा भीगी आँखों से कबीर को देखते रही। विक्रम ने सुना तो वह उर्वशी के पास आया और उसकी बांह पकड़कर उसे अपनी तरफ करके कहा,”बकवास बंद करो उर्वशी,,,,,,,,,,,मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया था लेकिन तुम , तुम उस विधायक मिश्रा के चक्कर में थी और तुमने सब बर्बाद कर दिया और अब यहाँ अपने सही होने की सफाई दे रही हो,,,,,,,,,,,,,,,तुम ऐसे नहीं मानोगी मैं अभी पुलिस को बुलाता है,,,,,,,,,,!!”

“रुक जाईये ! इसकी जरूरत नहीं है”,एक कड़कदार आवाज सबके कानो में पड़ी और सबकी नजरे दरवाजे की तरफ चली गयी जहा पुलिस की वर्दी में एक आदमी खड़ा था। वह अंदर आया और विक्रम से कहा,”आपको इन्हे पुलिस के हवाले करने की जरूरत नहीं है बल्कि मैं खुद इनके खिलाफ अरेस्ट वारंट लेकर आया हूँ,,,,,,,,,,,,मैं इसे जॉर्डन का कत्ल करने के इल्जाम में गिरफ्तार करता हूँ,,,,,,,,,,,,चलो उर्वशी अब अपनी बची हुई सफाई पुलिस स्टेशन चलकर देना”


“मैंने जॉर्डन का खून नहीं किया है , मैंने उसे नहीं मारा है ये झूठ है,,,,,,,,,,,,,,मेरा यकीं करो ,, विक्रम विक्रम मैं सच कह रही हूँ मैंने कोई खून नहीं किया है”,उर्वशी रोती गिड़गिड़ाती रही लेकिन किसी ने भी उसकी बात का यकीन नहीं किया और इंस्पेक्टर ने उसके हाथो में हथकडिया पहना दी। वह उसे लेकर जाने लगा तो नीलिमा भी उसके पीछे चल पड़ी,,,,,,,,,,,,उसने पलटकर कबीर को देखा जो की इस पुरे मामले में खामोश था,,,,,,,,,,,,,!!

विक्रम , शालू और कबीर तीनो घर के हॉल में खड़े थे। जॉर्डन के कत्ल के इल्जाम में उर्वशी को पुलिस ले गयी और कबीर की ख़ामोशी से आहत होकर नीलिमा भी वहा से चली गयी। कबीर विक्रम और उर्वशी के रिश्ते के बारे में सच जानता था लेकिन उसने कभी शालू को ये नहीं बताया और यही वजह थी कि कबीर हमेशा विक्रम से कटा कटा रहता था। उर्वशी की बातो और विक्रम के रवैये ने शालू के मन में उलझन पैदा कर दी वह विक्रम के पास आयी और कहा,”उस औरत ने जो कहा क्या वो सच है विक्रम है , क्या तुम्हारा उसके साथ,,,,,,,,,!!”


शालू अपनी बात पूरी भी नहीं कर पायी,,,,,,,,,,,,,विक्रम ने उसकी बाँहो को थामा और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मैं जानता हूँ शालू मुझसे गलती हुई है , उर्वशी मजबूर है ये सोचकर मैंने उसकी मदद की लेकिन उसने मदद को मौका समझा और मेरी ही पीठ में छुरा भोंक दिया। जब वह अपने इरादों में सफल नहीं हुई तो उसने अपनी बेटी को इस घर में भेज दिया ताकि वह कबीर को फंसा सके,,,,,,,,,,,,वो बहुत शातिर औरत है शालू , तुम उसे नहीं जानती,,,,,,,,,,जो कुछ उसने कहा वो सब झूठ है और ये सब उसने मुझे तुम्हारी नजरो में गिराने के लिए कहा ताकि वो मुझे हासिल कर सके,,,,,,,,,,,,,,

मैं आज भी सिर्फ तुम से प्यार करता हूँ,,,,,,मुझे माफ़ कर दो”
कहते हुए विक्रम ने शालू को अपने सीने से लगा लिया और वह फूट फूट कर रोने लगी। दूर खड़ा कबीर विक्रम के कहे एक एक शब्द का झूठ भांप गया लेकिन कहा कुछ नहीं। विक्रम मन ही मन परेशान हो रहा था उसका अब विराज चौहान से मिलना बहुत जरुरी था। उसने शालू से आराम करने को कहा और  
अपने कमरे की ओर चला गया। शालू हॉल में पड़े सोफे पर आ बैठी।

कुछ वक्त बाद कबीर विक्रम के कमरे में आया और कहा,”आपने माँ से झूठ क्यों कहा ?”
विक्रम वाशरूम से फ्रेश होकर आया था , उसके बाल हल्के गीले थे और चेहरे से पानी टपक रहा था। उसने अपना मुंह पोछते हुए कहा,”अगर तुम्हे और तुम्हारी माँ को इस घर में रहना है तो इस झूठ को सच मानकर रहना पडेगा”
“आपका और उर्वशी का क्या रिश्ता है मैं अच्छी तरह जानता हूँ , आखिर आप माँ को धोखा क्यों दे रहे हैं ?”,कबीर ने गुस्से से लेकिन धीमे स्वर में कहा


विक्रम ने अपने बाल बनाये और ड्रेसिंग पर कहे अपने ब्रासलेट को उठाकर पहनते हुए कहा,”बिजनेस कबीर , बिजनेस और तुम इस बिजनेस को नहीं समझोगे,,,,,,,,,,,,पावरफुल इंसान बनने के लिए उर्वशी जैसे लोगो को मोहरा बनाना पड़ता है,,,,,,,,,,,,ये सब भूल जाओ और शालू का ख्याल रखो,,,,,,,,,,,,,मैं एक मीटिंग में जा रहा हूँ उसके बाद आज रात फॅमिली डिनर पर चलते है”


विक्रम क्या कह रहा था कबीर को कुछ समझ नहीं आया उसकी नजर बस विक्रम के हाथो पर थी जिनमे एक सिल्वर ब्रासलेट था और जिसके बीचों बीच एक ब्लेक स्टोन लगा था जो कि बहुत चमक रहा था।
विक्रम ने कबीर का कंधा थपथपाया और वहा से चला गया।

Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75

Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75Main Teri Heer -75

Continue With Main Teri Heer -76

Read Previous Part Main Teri Heer – 74

Follow Me On instagram

संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4
A Woman
A Woman by Sanjana Kirodiwal

2 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!