“मैं तेरी हीर” – 64
Main Teri Heer – 64
गौरी ने जैसे ही दरवाजा खोला सामने खाने का बैग लिए वंश खड़ा था उसे वहा देखकर गौरी थोड़ा हैरान भी थी। गौरी कुछ पूछती इस से पहले ही वंश ने अंदर आते हुए कहा,”माँ ने तुम सबके लिए खाना भिजवाया है”
“आंटी को परेशान नहीं होना चाहिए था,,,,,,,,,,,,!!”.गौरी कहते हुए उसके पीछे आयी। वंश को वहा देखकर बाकि सब भी थोड़ा हैरान थे। मुन्ना कपडे बदलकर आ चुका था उसने जब वंश को देखा तो कहा,”ये फ़ूड डिलीवरी का काम कब से शुरू कर दिया तूने ?”
“मेरे होते तुम भूखे रहो ये कैसे हो सकता है ?”,वंश ने मुस्कुराते हुए कहा
“दोपहर से कहा था तू और शाम में भी नहीं आया ? हम सब घाट गए थे”,मुन्ना ने उसके हाथ से खाने का बैग लेकर किशना को देते हुए कहा
“मेरा मूड नहीं था”,वंश ने कहा
“क्या हुआ तुम्हारे मूड को ? बड़े पापा की वजह से ?”,मुन्ना ने पूछा
“पापा के अलावा भी बहुत लोग है जो हम हर्ट करने में विश्वास रखते है”,कहते हुए वंश ने एक नजर गौरी को देखा और डायनिंग टेबल ओर जाते हुए कहा,”मुझे भूख लगी है तुम सबको खाना है तो आ जाओ”
“काशी आओ चलो”,मुन्ना ने कहा तो काशी उठकर डायनिंग की तरफ बढ़ गयी। गौरी ऋतू प्रिया भी चली आयी। वंश बिल्कुल गौरी के सामने बैठा था और गौरी उसे देखकर समझ चुकी थी की सुबह वाली बात से वंश बहुत नाराज है। किशना ने सबको खाना परोसा और सब खाने लगे। खाते खाते हुए गौरी ने एक दो बार वंश की तरफ देखा लेकिन वंश का ध्यान सिर्फ खाने पर था। गौरी को अब बुरा लग रहा था उसे शायद वंश से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी। मुन्ना ने खाना खाया और उठते हुए कहा,”काशी हमे थोड़ा काम करना है इसलिए हम अपने कमरे में जा रहे है। माँ और पापा थोड़ी देर में आजायेंगे तब तक तुम सब बातें करो”
“ठीक है भैया”,काशी ने कहा
“तू रुकेगा या जाएगा ?”,मुन्ना ने वंश की तरफ देखकर पूछा
“सोच रहा हूँ चला ही जाऊ , वैसे भी लड़कियों की बातें काफी बोरिंग होती है”,वंश ने उठते हुए कहा तो गौरी उसे घूरने लगी।
“हम्म ठीक है थोड़ी देर में निकल जाना”,कहकर मुन्ना वहा से चला गया। मुन्ना चाहता तो उन सबके साथ बैठकर बातें कर सकता था लेकिन उसके लिए उसका काम पहले था और इन दिनों मुन्ना किसी नए प्रोजेक्ट में बिजी था। मुन्ना के जाने के बाद वंश भी उठा और किशना से कहा,”किशना भैया मुझे लेमन टी चाहिए”
“ठीक है वंश बाबा”,किशना ने किचन से कहा
वंश डायनिंग से उठकर वाशबेसिन की तरफ आया , हाथ धोये और बालकनी की तरफ चला आया। रात का वक्त था ऐसे में ठंड हलकी गुलाबी ठण्ड भी थी। वंश को वहा हवा में खड़े होना अच्छा लग रहा था। वंश अपनी चाय का इंतजार करने लगा। काशी , ऋतू और प्रिया तीनो गेस्ट रूम में चली आयी। काशी का उतरा हुआ चेहरा देखकर प्रिया ने कहा,”क्या हुआ काशी तुम इतनी अपसेट क्यों हो ?”
“कही तुम ये सोचकर तो परेशान नहीं हो रही की वो लड़का शादी के लिए हाँ कह देगा ?”,ऋतू ने पूछा
“हाँ हम यही सोच रहे है”,काशी ने असली बात छुपाते हुए कहा
“ओह्ह्ह काशी इतना मत सोचो कुछ नहीं होगा , हम सब है ना अगर अंकल नहीं माने तो हम सब उनसे रिक्वेस्ट करेंगे”,प्रिया ने काशी के गले लगते हुए कहा
“थैंक्यू गाइज , गौरी कहा है हमे उस से कुछ बात करनी है”,काशी ने देखा कमरे में ऋतू प्रिया है लेकिन गौरी नहीं।
“वो शायद वाशरूम गयी है”,ऋतू ने कहा और काशी के साथ बैठकर बातें करने लगी और उसे हँसाने लगी , कुछ देर बाद काशी भी हंस पड़ी
“तुम्हारी चाय”,गौरी ने चाय का कप वंश की तरफ बढ़ाते हुए कहा
“तुम क्यों लेकर आयी मैंने किशना से कहा था ?”,वंश ने गौरी को वहा देखा तो हैरानी से कहा
“वो तुम्हे सॉरी बोलना था”,गौरी ने अपने हाथ में पकडे दूसरे कप को घुमाते हुए कहा तो वंश उसकी तरफ देखने लगा। वंश को अपनी और देखता पाकर गौरी ने कहा,”मुझे सुबह तुमसे इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी।”
वंश ने सूना तो मन ही मन खुश हुआ लेकिन चेहरे पर नहीं आने दिया और अपने हाथो को बालकनी की रेलिंग पर टिकाकर बाहर देखने लगा। गौरी ने उसे चुप देखा तो वह भी उस से कुछ दूरी बनाकर उसी की तरह रेलिंग से हाथ टिकाकर खड़ी हो गयी और कहा,”आई नो मैं लोगो को बहुत जल्दी जज कर लेती हूँ , मुझे आज पूरा दिन तुम्हारे लिए सोचकर बुरा लगा , मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“चियर्स,,,,,,,,,!!”,वंश ने गौरी की बात खत्म ही नहीं होने दी और अपना कप उसके कप से टकराते हुए कहा
“मतलब तुम मुझसे नाराज नहीं हो ?”,गौरी ने हैरानी से पूछा
“मैंने तुम्हे माफ़ किया,,,,,,,,,,,,अब हर कोई मुझे समझ जाये मैं इतना भी आसान नहीं हूँ”,वंश ने कहा तो गौरी मुस्कुरा उठी और अपना कप उसके कप से बार फिर उसके कप से टकराते हुए कहा,”चियर्स”
दोनों बालकनी पर हाथ टिकाये खामोश खड़े अपनी अपनी चाय पीने लगे। गौरी को याद ही नहीं रहा की उसे काशी से भी बात करनी थी। कुछ देर बाद उसने वंश से कहा,”वैसे तुम घाट पर क्यों नहीं आये ? हम सबने बहुत एन्जॉय किया”
“मुझे ऐसी जगह पसंद नहीं है”,वंश ने सामने देखते हुए कहा
“फिर कैसी जगह पसंद है तुम्हे ?”,गौरी ने पूछा वह वंश को और जानना चाहती थी
वंश ने सूना तो गौरी को देखने लगा और कहा,”चलो दिखाता हूँ”
वंश खाली कप रख आगे बढ़ गया लेकिन गौरी वही खड़ी रही तो वंश पलटकर कहा,”मेरे साथ अकेले जाने में डर लग रहा हो तो ऋतू प्रिया को साथ ले चले ?”
गौरी ने कप रखा और कहा,”मुझे कराटे आते है”
वंश हल्का सा मुस्कुरा उठा और गौरी के साथ घर से बाहर चला आया। उसके पास मुन्ना की बाइक की चाबी थी उसने बाइक स्टार्ट की और गौरी से बैठने का इशारा किया। गौरी को वंश के साथ जाने में कोई दिक्कत नहीं थी क्योकि वंश सिर्फ थोड़ा मुंहफट था बाकि दिल का अच्छा था। गौरी उसके पीछे आ बैठी। वंश उसे लेकर वहा से चला गया। गौरी और वंश के बीच कुछ दूरी थी और वंश भी नहीं चाहता था की गौरी उस से टच हो इसलिए बहुत ही आराम आराम से वह बाइक चला रहा था। गौरी बनारस की खूबसूरती को अपनी आँखों में भरे जा रही थी , रात में ये शहर और भी खूबसूरत नजर आ रहा था। गौरी सब भूल गयी , वंश से हुई बहस , उसकी फ्लर्टिंग और एकदम से अपना हाथ वंश के कंधे पर रखते हुए कहा,”कितना खूबसूरत शहर है ये , काश मैं यहाँ पहले ही आ जाती,,,,,,,,,,,,!!!”
“तुम्हे बनारस अच्छा लगा ?”,वंश ने पूछा क्योकि गौरी जैसी मॉर्डन लड़की को बनारस पसंद आना थोड़ा मुश्किल था
“हाँ ये बहुत अच्छा है , वैसे हम लोग कहा जा रहे है ?”,गौरी ने पूछा
“बस पहुँचने ही वाले है , उम्मीद है तुम्हे पसंद आएगा”,वंश ने कहा तो गौरी मुस्कुरा उठी। कुछ देर बाद बाइक आकर एक क्लब के सामने रुकी ये बनारस में नया ही बना था और पिछले कुछ दिनों से वंश अपने दोस्तों के साथ यहाँ आना भी चाहता था लेकिन मौका नहीं मिला।
गौरी ने देखा तो उसकी आँखे चमक उठी , उसे तेज म्यूजिक और पार्टी करने का बहुत शौक था और ये बात वंश जानता था। गौरी बाइक से उतरी और कहा,”वाओ बनारस में भी क्लब होते है ?”
“अब बनारस इतना भी पुराना नहीं है , अंदर चले ?”,वंश ने पूछा
“व्हाई नॉट”,गौरी ने कहा और दरवाजे की तरफ बढ़ गयी। वंश भी उसके साथ साथ अंदर चला आया। अंदर तेज म्यूजिक चल रहा था और बहुत ही खूबसूरत लाइट्स भी थी। इंदौर में गौरी ने बहुत से क्लब देखे थे , बहुत सी पार्टी भी की लेकिन यहाँ उसे कुछ अलग लगा। वह आगे चली आयी , वंश के कुछ दोस्त वहा पहले से आये हुए थे उन्होंने जब वंश के साथ गौरी को देखा तो उनकी आँखे फ़ैल गयी। इतनी खूबसूरत लड़की वंश के साथ थी और वह बनारस की तो बिल्कुल नहीं थी। गौरी डांस फ्लोर की तरफ चली गयी वंश अपने दोस्तों की तरफ चला आया। गौरी ने देखा वंश दूसरी तरफ खड़ा है तो उसने वंश को अपनी ओर आने का इशारा किया। वंश चला आया और गौरी के साथ डांस करने लगा। गौरी को खुश देखकर वंश अपनी नाराजगी भूल गया और प्यार से उसके चेहरे को देखने लगा। वंश को अपनी ओर देखता पाकर गौरी उसके करीब आयी। वंश का दिल धड़कने लगा , गौरी ने उसके करीब आकर उसके कान में थोड़ी ऊँची आवाज में कहा,”मुझे यहा लाने के लिए थैंक्यू”
इस से पहले वंश किसी लड़की के इतना करीब नहीं आया था की उसका दिल धड़के लेकिन यहाँ गौरी की नजदीकियों ने उसकी धड़कन बढ़ा दी। उसने गौरी से कहा,”गला सुख रहा है कुछ पिए ?”
“हां चलो”,गौरी ने कहा
दोनों काउंटर की तरफ चले आये और वहा पड़ी कुर्सियों पर आ बैठे। वंश ने काउंटर के दूसरी और खड़े लड़के से कहा,”इनके लिए एक ऑरेंज जूस और मुझे एक बियर”
“मुझे भी बियर,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑरेंज जूस बच्चे पीते है”,गौरी ने कहा जो की इस वक्त काफी अच्छे मूड में थी
“तुम बियर पियोगी ? नहीं नहीं तुम्हे चढ़ जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा गौरी बोल्ड है वह जानता था लेकिन इतनी ये उसे आज पता चला
“जब खुश होती हूँ तो पी लेती हूँ,,,,,,,,,,,,अब तुम ये लुक देना बंद करो प्लीज,,,,,,,,,,,दो बियर प्लीज”,गौरी ने कहा
लड़के ने बियर के दो केन वंश और गौरी की तरफ बढ़ा दिए। गौरी ने उठाया और उसके केन से टकराते हुए कहा,”चियर्स”
“मैंने जितना सोचा था तुम तो उस से भी ज्यादा आगे निकली”,वंश ने कहा तो गौरी उसकी ओर देखने लगी और कहा,”एक ही जिंदगी मिलेगी है बार बार सोचेंगे तो इसे जियेंगे कब ? ये बियर हमारी पहली मुलाकात के नाम”
“सुनकर अच्छा लगा”,वंश ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर दोनों सामने डांस कर रहे कपल्स को देखने लगे। कुछ देर बाद दोनों उन्हें जज भी करने लगे की कौन ज्यादा बेहतर है ? ऐसा करते हुए उन्हें ध्यान नहीं रहा और वो एक के बाद एक बियर केन खत्म करते जा रहे थे
“एक भी कपल परफेक्ट नहीं है”,गौरी ने कहा उसे थोड़ी थोड़ी चढ़ने लगी थी
“हम है ना”,वंश ने कहा जिसने गौरी के साथ मिलकर कुछ ज्यादा ही पी ली थी।
“स्टुपिड हम कपल थोड़े है,,,,,,,,,,,,,,,वी आर गुड़ फ्रेंड्स,,,,,,,,,,हिच्च फ्रेंड्स”,गौरी ने हिचकी लेकर कहा और ऐसा कहते हुए वह थोड़ी क्यूट भी लग रही थी। वंश ने सूना तो अपना फोन निकाला और फ्रंट कैमरा ऑन कर गौरी के थोड़ा पास आकर कहा,”देखो लग रहे है ना हम साथ में क्यूट ?”
“हाँ हाँ सेल्फी लो”,गौरी ने खुश होकर अपने हाथो से हार्ट शेप बनाते हुए कहा और दोनों साथ साथ मुस्कुरा पड़े। ये तस्वीर बहुत प्यारी आयी थी।
“सर क्लब के बंद होने का टाइम हो गया है , आपको जाना होगा”,मैनेजर ने आकर कहा तो वंश और गौरी दोनों वहा से बाहर निकल आये। दोनों से ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। उस पर गौरी की हिल्स उसे ज्यादा तंग कर रही थी। गौरी को पूरी तरह चढ़ चुकी थी , लेकिन वंश थोड़ा थोड़ा होश में था। दोनों बाइक के पास आकर बैठ गए और आसमान में चमकते हुए चाँद को देखने लगे।
गौरी के आने का इंतजार करते करते ऋतू प्रिया और काशी सो चुकी थी। मुन्ना किसी काम से नीचे आया उसने देखा घर में कोई नहीं है। किशना भी सो चुका था वह गेस्ट रूम की तरफ आया देखा कमरे की लाइट चालू है , काशी ऋतू प्रिया सो रही है बस गौरी नहीं दिखी। मुन्ना ने कमरे की लाइट बंद की और दरवाजा बंद कर वहा से हॉल में चला आया और बड़बड़ाया,”इतनी रात में गौरी कहा जा सकती है ? माँ पापा भी नहीं आये है अभी तक,,,,,,,,,वंश को फोन करके देखते है”
मुन्ना वापस अपने कमरे में आया और वंश को फोन लगाया। रिंग जाती रही लेकिन वंश ने फोन नहीं उठाया। मुन्ना ने एक बार फिर ट्राय किया इस बार दो रिंग के बाद वंश ने फोन उठा लिया और कहा,”हेलो”
वंश की बदली आवाज से मुन्ना को अहसास हो गया की जरूर उसने पी है उसने सख्त स्वर में कहा,”तुमने पी रखी है ?”
“ज्यादा नहीं बस थोड़ी सी,,,,,,,,,,,,,,,,,बिल्कुल थोड़ी सी”,वंश ने लड़खड़ाती जबान में कहा
“इस वक्त कहा हो तुम ? तुम अकेले क्यों गए ?”,मुन्ना को वंश की चिंता होने लगी
“अकेला नहीं हूँ मैं मेरे साथ गौरी भी है , हमे यहाँ बहुत अच्छा लग रहा है”,वंश ने कहा
गौरी नाम सुनते ही मुन्ना की चिंता बढ़ गयी ये सोचकर की ना जाने वंश ने अब क्या गड़बड़ की है , उसने कहा,”तुम दोनों वही रुको हम आते है और हां फोन मत काटना”
मुन्ना ने अपना जैकेट पहना और कमरे से बाहर निकल गया। घडी में रात के 12.30 बज रहे थे और अनु मुरारी भी अब तक नहीं लौटे थे। मुन्ना बाहर आया अपनी जीप निकाली और गौरी वंश को लेने चल पड़ा। उसे वंश पर गुस्सा भी आ रहा था और चिंता भी रही थी की कही वह कोई मुसीबत में ना फंस जाये। मुन्ना वंश के बताये एड्रेस पर पहुंचा। जब उसने वंश और गौरी को देखा तो अपना सर पीट लिया। दोनों इस वक्त नशे में थे और दोनों को चढ़ चुकी थी। मुन्ना उनके पास आया और उन्हें सम्हाला। मुन्ना को देखते ही वंश एकदम से सीधा खड़ा हो गया और कहा,”मैं ठीक हूँ मुन्ना”
गौरी ने भी मुन्ना को वहा देखा तो चुप हो गयी और अपनी बड़ी बड़ी पलकें झपकाते हुए उसे देखने लगी। मुन्ना ने देखा गौरी ने गर्म कपडे भी नहीं पहन रखे वो सिर्फ जींस और उस झीने कुर्ते में ही थी।
मुन्ना ने अपना जैकेट निकाला और गौरी की तरफ बढ़ाकर कहा,”इसे पहन लीजिये”
गौरी ने जैकेट लिया और अपने कंधो पर डाल लिया। गलती किसकी थी ये मुन्ना भी नहीं जानता था और इस वक्त इन दोनों से कुछ पूछना भी नहीं चाहता था
उसे उन दोनी जो सही सलामत घर लेकर जाना था। उसने बाइक को क्लब के मैनेजर से कहकर वही छोड़ा और उन दोनों को जीप में बैठाकर घर की ओर निकल गया हालाँकि गौरी और वंश ने मुन्ना को रास्तेभर खूब तंग किया लेकिन मुन्ना खामोश रहा। गौरी का दुसरा रूप भी वह देख चुका था जो उसने इंदौर में देखा था और ये बात मुन्ना को ना जाने क्यों बुरी लग रही थी ?
घर पहुंचकर मुन्ना उन्हें अंदर लेकर आया उसने चैन की साँस ली की मुरारी और अनु अभी आये नहीं थे वरना गौरी और वंश को इस हालत में देखकर घर में एक नया बवाल खड़ा हो जाता। अंदर आते ही एक नया तमाशा शुरू हो गया जिसे वंश और गौरी ने शुरू किया। दोनों साथ साथ रहना चाहते थे , अब इतनी समझ तो थी मुन्ना में की किसी लड़की को वह नशे की हालत में किसी लड़के के साथ नहीं छोड़ सकता उसने गौरी को वंश से दूर करते हुए कहा,”तुम दोनों अलग अलग कमरे में सोओगे”
“नहीं हमे अलग मत करो , हमे साथ रहना है”,वंश ने गौरी का हाथ खींचकर कहा और गौरी से भी इशारा किया तो उसने भी सेम बात कही,”हाँ हाँ हमे अलग मत करो , हमे साथ रहना है”
मुन्ना ने सूना तो हैरानी से दोनों को देखा और फिर उन्हें अलग करने लगा वंश को ना जाने क्या शरारत सूझी की उसने एकदम से गौरी का हाथ छोड़ दिया और मुन्ना खुद को सम्हाल पाता इस से पहले ही गौरी को साथ लेकर सोफे पर आ गिरा। गौरी एक बार फिर उसकी बांहो में थी और मुन्ना का दिल जोरो से धड़क रहा था। गौरी मुन्ना की आँखों में देखते रही , मुन्ना जल्दी से उठा और वंश की तरफ चला आया। उसने वंश को मुरारी के ऑफिस वाले कमरे में सुलाया वापस आया तो देखा गौरी अभी भी सोफे पर ही लेटी है। मुन्ना उसके पास आया और कहा,”उठिये”
“नहीं मुझे यही अच्छा लग रहा है”,गौरी ने अपने हाथो को हवा में फैलाकर कहा। गौरी इस वक्त हॉल के सोफे पर लेटी थी और मुन्ना नहीं चाहता था की कोई उसे इस हालत में देखे। उसने एक बार फिर कहा लेकिन गौरी सुनने को तैयार नहीं थी ये देखकर मुन्ना ने उसका हाथ पकड़ा और उठाते हुए कहा,”इस वक्त आप होश में नहीं है यहाँ से चलिए प्लीज , किसी ने आपको ऐसे देखा तो प्रॉब्लम हो जाएगी”
गौरी मुन्ना के बगल में खड़ी उसे देखने लगी। मुन्ना वही खड़ा सोचने लगा गौरी को कहा लेकर जाये और फिर कहा,”हमारे कमरे में कोई नहीं जाता आज रात इन्हे वही सुला देते है”
“चलिए”,मुन्ना ने कहा लेकिन गौरी टस से मस नहीं हुई और कहा,”मेरे पैर बहुत दुःख रहे है , मुझसे अब नहीं चला जाएगा”
मुन्ना ने गौरी के पैरों को देखा जिनमे हिल्स वाले सेंडल्स थे। उसने ऊपर देखा और मन ही मन कहा,”माफ़ करना महादेव”
मुन्ना गौरी की ओर पलटा और उसे अपनी गोद में उठाकर सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। सीढिया चढ़ते हुए मुन्ना का ध्यान सामने था और गौरी बस प्यार से उसके चेहरे को देखे जा रही थी। मुन्ना सीढिया चढ़कर ऊपर आया और अपने कमरे की तरफ बढ़ गया और उसी वक्त मुरारी का अनु के साथ घर के अंदर आना हुआ। दोनों हँसते मुस्कुराते हुए हॉल में चले आये। मुरारी की नजर जैसे ही मुन्ना पर गयी तो वह उलझन में पड़ गया , गौरी मुन्ना की गोद में थी और मुन्ना अपने कमरे की तरफ जा रहा था। अनु मुन्ना को ना देख ले सोचकर मुरारी ने अनु को अपनी तरफ किया और कहा,”अरे मैग्गी आज तो तुमहू बहुते सुन्दर लग रही हो यार मतलब इतने सालो बाद भी तुम्हाये चेहरे पर वही चमक है”
“क्या बात है मुरारी आज कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है तुम्हे हम पे”,अनु ने कहा तो मुरारी ने उसे गले लगाया और बड़बड़या,”हमने जो देखा वो तुमहू देख लेती ना तो यहाँ तांडव होता , जे हमाई औलाद तो हमसे भी चार कदम आगे निकली,,,,,,,,,,,,!!”
Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64 Main Teri Heer – 64
क्या कांड के बाद गौरी और वंश बनेंगे अच्छे दोस्त ? गौरी की ये हरकत मुन्ना को कर देगी उस से दूर या फिर ले आएगी करीब ? मुन्ना कैसे करेगा सामना मुरारी के गुस्से का ? जानने के लिए सुनते/पढ़ते रहे “मैं तेरी हीर”
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 65
Read More – “मैं तेरी हीर” – 63
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संजना किरोड़ीवाल
Aap pade huee episode wapas kyo post kar rahe ho new post kro na plz