“मैं तेरी हीर” – 49
Main Teri Heer – 49
Main Teri Heer – 49
वंश को मनाना मुन्ना के बांये हाथ का खेल था हालाँकि मुन्ना ऐसी शोर शराबे वाली जगहों से दूर रहना पसंद करता था लेकिन वंश के लिए चला आता था। वंश अपने फोन में बिजी था और मुन्ना सामने उस बुजुर्ग को देखने में , मुन्ना देख रहा था की इस उम्र में भी उस बुजुर्ग दम्पति के चेहरे पर कितने संतोष के भाव थे। “अब कहा चलना है ?”,वंश ने पूछा
“तुम बताओ कहा जाना है ?”,मुन्ना ने कहा
“चल आज घाट पर चलते है”,वंश ने अपना फोन जेब में डालते हुए कहा
मुन्ना ने सूना तो उसकी हैरानी का कोई ठिकाना नहीं था। उसने वंश को देखकर कहा,”कही हम सपना तो नहीं देख रहे तू घाट जाने की बात कर रहा है”
“यार मुन्ना अभी तूने ही तो कहा की बनारस स्विजरलैंड जैसा दिखता है , अब चल”,वंश ने जीप की सीट पर बैठते हुए कहा
मुन्ना भी ख़ुशी ख़ुशी आकर सीट पर बैठा और दोनों वहा से निकल गए। आधे घंटे बाद दोनों दशाश्वमेध घाट पहुंचे। जीप को बाहर ही खड़ा कर दोनों जैसे ही घाट की तरफ जाने लगे वहा मौजूद पहरेदार ने उन्हें रोक दिया और कहा,”बबुआ आज घाट पर ना जा सकी हो ?”
“क्यों चाचा क्या हुआ ?”,मुन्ना ने पूछा
“बिटवा साफ सफाई का कुछो काम चल रहा है , कल शाम में बड़ी पूजा है यहाँ।”,आदमी ने कहा
मुन्ना ने वंश की तरफ देखा तो वंश ने कहा,”ठीक है कोई बात नहीं हम फिर कभी चले आएंगे मुन्ना”
दोनों वापस जीप की तरफ चले आये और जीप के बोनट पर आ बैठे। मुन्ना ने एक नजर घाट की ओर देखा और कहा,”जब भी तुम दिल से घाट पर आना चाहते हो कुछ ना कुछ गड़बड़ हो ही जाती है”
“शायद बनारस हमारी किस्मत में नहीं और ना ये घाट”,वंश ने दार्शनिक अंदाज में कहा तो मुन्ना ने उसके सर पर चपत लगाते हुए कहा,”कुछ भी बोलता है”
वंश मुस्कुराने लगा , जनवरी का महीना रात का वक्त था और ठण्ड भी वंश और मुन्ना दोनों शांत बैठे दूर तक फैले उस घाट को देख रहे थे। वंश के मन में आज दिन में काशी से हुई बात घूमने लगी जब उसने गौरी से बहुत रूडली बात की। वो सब याद आते ही वंश मन ही मन कहने लगा,”ये तुझे क्या हो गया है वंश ? गौरी से ऐसे बात तो बिल्कुल नहीं करनी चाहिए थी , उसे कितना बुरा लग रहा होगा। और क्या हो गया जो उसने तुम्हारी फ्रेड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं की
हो सकता है बिना तुम्हे जाने वह तुम्हारी दोस्त ना बनना चाहती हो,,,,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना सही कहता है मैं बहुत जल्दी चिढ जाता हूँ। अब अगर उसे सॉरी भी कहू तो कैसे ?,,,,,,,,,,,,,,,,,काश इस बार काशी के साथ गौरी भी बनारस आये तो कितना अच्छा होगा ना।”
वंश गौरी के बारे में सोच रहा था और मुन्ना किसी और ही उलझन मे था। शिवम् का काम लगभग वह पूरा कर चुका था उसे बस मुरारी की चिंता थी क्योकि इन सब में मुरारी बुरा फसने वाला था और मुन्ना किसी न किसी तरह से अपने और शिवम् के परिवार पर कोई आंच आने देना नहीं चाहता था। जब भी वह परेशान होता उसे सिगरेट की तलब होने लगती , मुन्ना ने अपनी जेब से सिगरेट निकाली और मुंह में रख ली। सिगरेट जलाकर उसने एक दो कश लिए की वंश ने उसके हाथ से सिगरेट लेकर कहा,”मुझे भी पीनी है”
वंश को सिगरेट पकड़नी तक नहीं आती थी उसने उसे जैसे तैसे पकड़ा और एक साँस में खींच गया। जैसे ही धुँआ उसके गले से नीचे उतरा वह खाँसने लगा। मुन्ना ने उसके हाथ से सिगरेट लेकर फेंकी और उसकी पीठ सहलाते हुए कहा,”ए पागल है क्या तू ? तू ये सब नहीं पीता जानता है न तू फिर भी,,,,,,,,,,,,!!
“मुन्ना ये कितनी बकवास चीज है यार,,,,,,,,,,,,उह्हू उह्हू,,,,,,,,,,,कसम से आज के बाद कभी हाथ नहीं लगाऊंगा”,वंश ने खाँसते हुए कहा
मुन्ना ने उसे जीप में रखी पानी की बोतल पकड़ा दी। वंश ने पानी पीया और बोतल वापस मुन्ना की तरफ बढ़ाते हुए कहा,”तू कैसे पी लेता है इसे ?”
“हर किसी के बस की बात नहीं होती है,,,,,,,,और तेरे बस की तो बिल्कुल नहीं”,मुन्ना ने कहा और फिर वंश की पीठ सहलाते हुए कहा,”तू ठीक है ना ?”
वंश मुस्कुराया और कहा,”कितनी परवाह है ना तुझे मेरी मुझे ज़रा सी तकलीफ क्या हुई तू तो परेशान हो गया”
वंश की बातें सुनकर मुन्ना खामोश हो गया और कहा,”वंश चाहे तू हमसे 25 मिनिट बाद में क्यों ना पैदा हुआ हो लेकिन है तो हमारा छोटा भाई ना , तुझे तकलीफ में नहीं देख सकते यार”
“अगर तू लड़की होता ना तो कसम से अभी घुटनो पर बैठकर प्रपोज कर देता तुझे”,वंश ने शरारत से कहा
“चल कुछ भी,,,,,,,,,,,,घर चले ?”,मुन्ना ने घडी में समय देखते हुए कहा
“हम्म्म लेकिन मैं तेरे घर रुकूंगा और पापा को तू सम्हाल लेना”,वंश ने इस बार ड्राइवर सीट पर बैठते हुए कहा
दोनों घर के लिए निकल गए
किशोर के पास बहुत ही पुख्ता सबूत थे , उसने नहर वाले प्रोजेक्ट से जुड़े लोगो के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करवा दिया। अगला दिन बनारस में बहुत बड़ा दिन था। महादेव की बड़ी पूजा थी और शिवम् ने तय किया की आज वह नहर वाली जमीन पर शुगर फैक्ट्री की नींव रखेगा। सुबह तैयार होकर सब तैयारियों के साथ शिवम् और मुरारी घर से निकल गए। उनके जाते ही सारिका बाबा के पास आयी और कहा,”बाबा कैसे भी करके हमे शिवम् जी को रोकना होगा , अगर उन्होंने उस जमीन पर फैक्ट्री का काम शुरू कर दिया तो बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी। केशर बहुत बुरा आदमी है वह उस जमीन के लिए कुछ भी करेगा। शिवम् जी जानते भी नहीं है की उनके इतने सारे दुशमन है”
“चिंता मत करो बिटिया , जे जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए कही ना कही हम जिम्मेदार है हमने शिवा से उह जमीन लेने को कहा , हमने उसे सपना दिखाया की उह वहा शुगर फैक्ट्री शुरू करे पर जब भी कोई इंसान अच्छा काम करता है तो उसके सेंकडो दुश्मन बन जाते है। शिवा बनारस के लोगो का भला चाहता था लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर है शायद”,बाबा ने उदास स्वर में कहा
“हाँ बाबा लेकिन बुराई पर हमेशा जीत अच्छाई की ही होती है। शिवम् जी कभी कुछ गलत नहीं कर सकते है लेकिन आज ना जाने क्यों हमे डर लग रहा है ? ऐसा लग रहा है जैसे अनजाने में उनसे कोई गलती हुई है”,सारिका ने कहा तो बाबा ने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और कहा,”भरोसा रखो बिटिया महादेव सब ठीक करेंगे”
सारिका मन ही मन शिवम् और मुरारी के लिए प्रार्थना करने लगी।
शिवम् और मुरारी अपनी गाड़ी से बनारस से बाहर निकल चुके थे। नहर वाली जमीन बनारस से 10 किलोमीटर दूर जो थी। मुरारी और शिवम् दोनों बातें कर रहे थे की शिवम् ने देखा ड्राइवर ने गाड़ी गलत रास्ते की तरफ मोड़ दी। उसने ड्राइवर से कहा,”अरे ये कहा लेकर जा रहे हो तुम ?”
लेकिन ड्राइवर ने ध्यान नहीं दिया और गलत रास्ते पर गाड़ी चलाता रहा। मुरारी ने देखा और कहा,”ओह्ह बेटा कहा जा रहे हो ? पहली बार बनारस से बाहर निकले हो ? गाड़ी सही रास्ते पर लो”
ड्राइवर ने कुछ नहीं कहा एक हाथ से स्टेयरिंग सम्हाला और दूसरे हाथ से बन्दुक उठाकर पीछे तान दी। मुरारी ने देखा तो उसकी आँखे हैरानी से सिकुड़ गयी और शिवम् को कोई खास फर्क नहीं पड़ा उसने शांत भाव से कहा,”ये सब क्या है ? कौन हो तुम ? और क्या चाहते हो ?”
इस बार भी ड्राइवर ने कुछ नहीं कहा तो मुरारी भड़क गया और कहा,”अबे पान खा के बैठे हो का ? जवाब काहे नहीं दे रहे और जे कोई बख्त है हंसी ठिठोली करने का ,, देखो हमारी बात सुनो तुमको जो चाहिए उह हम तुम्हे बाद में देंगे पहिले हमारा वहा पहुंचना बहुते जरुरी है”
ड्राइवर ने एक सुनसान जगह पर लाकर गाड़ी रोक दी और खुद गाड़ी से नीचे उतरकर गाड़ी को लॉक कर दिया। शिवम् उलझन में पड़ गया क्योकि अब तक वह समझ चुका था की ये उसका ड्राइवर नहीं है बल्कि कोई और है। ड्राइवर ने अपना चेहरा छुपा रखा था कुछ देर बाद उसने किसी को फोन लगाया और गाड़ी का दरवाजा खोलकर शिवम् को बाहर आने का इशारा किया। मुरारी और शिवम् बाहर निकल आये , वे दोनों कोई गड़बड़ करेंगे सोचकर ही उस लड़के ने दोनों पर पहले ही बन्दुक तान दी और अपने हाथ में पकड़ा फोन शिवम् की तरफ बढ़ा दिया और बात करने का इशारा किया।
मुरारी को कुछ समझ नहीं आ रहा था उसने जैसे ही कुछ कहा लड़के ने मुरारी के पैरो के साइड में गोली चला दी , मुरारी उछल पड़ा एक पल को तो उसकी धड़कन ही तेज हो गयी और उसने डरते हुए कहा,”अबे भांग खा रखी है का ? बेटा हमको निकलने दो यहाँ से तुम्हारी पीपटी नहीं बजाई ना तो हमारा नाम मुरारी कुमारी मिश्रा नहीं”
शिवम् ने फोन कान से लगाया और कहा,”हेलो !”
“हेलो पापा , पापा हम काशी बोल रहे है , ये कुछ लोग है इन्होने कहा इन्हे आपने भेजा है,,,,,,,,,,,,ये हमे अपने साथ ले आये है पापा,,,,,,,,,हमे बहुत डर लग रहा है पापा,,,,,,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से काशी ने डरे हुए स्वर में कहा
काशी की आवाज सुनते ही शिवम् के चेहरे का रंग उड़ गया और उसके चेहरे पर चिंता के भाव उभर आये उसने डरते हुए कहा,”बेटा आप घबराईये मत हम आपको कुछ नहीं होने देंगे,,,,,,,,,!!”
“पापा ये बहुत खतरनाक लोग है पापा”,काशी ने डरे हुए स्वर में कहा और फोन कट गया।
“भैया का हुआ कौन था फोन पर ?”,मुरारी ने भी घबरा कर कहा
“आखिर कौन हो तुम और हमसे क्या चाहते हो ? हमारी बेटी से क्या दुश्मनी है तुम्हारी ? तुम जैसा कहोगे हम करने के लिए तैयार है बस हमारी बेटी को कुछ मत करना।”,शिवम् ने लगभग रोआँसा होकर कहा
लड़के ने शिवम् से फोन लिया और उन्हें वही बैठने का इशारा किया और खुद उन दोनों पर बन्दुक तान कर सामने बैठ गया। शिवम् को बस अब काशी की चिंता थी और मुरारी को इस लड़के पर गुस्सा आ रहा था जिसकी वजह से नहर वाले प्रोजेक्ट में खलल पड़ा और साथ ही काशी भी मुसीबत में थी। उस लड़के की बात मानने के सिवा शिवम् और मुरारी के पास कोई और चारा नहीं था। शिवम् की आँखों से सामने अपना अतीत घूमने लगा। अतीत की गलतिया आज भी उसका पीछा कर रही थी और शायद सामने वो शख्स भी उसका अतीत ही था।
केसर को जब पता चला की शिवम् और मुरारी नहर के लिए निकल गए है तो गुस्से में वह भी अपने आदमियों के साथ नहर वाले रास्ते की तरफ निकल गया। प्रताप भी अपने कुछ आदमियों के साथ नहर वाले मामले में घर से निकल गया। सी.एम. सर ने भी इस प्रोजेक्ट के नाम पर खूब फंड खाया था इसलिए वो भी चले आये। कमिशनर सर भी इस प्रोजेक्ट से जुड़े थे और उन्होंने ही इसे क़ानूनी तौर पर रजामंदी दिलवाई थी जबकि ये प्रोजेक्ट पूरी तरह गैर क़ानूनी था। मुरारी को इसमें इसलिए शामिल किया गया क्योकि वह बनारस में विधायक था और शिवम् को इसलिए शामिल किया गया क्योकि बनारस के लोगो का शिवम् पर बहुत विश्वास था। शिवम् और मुरारी जाने के लिए निकले लेकिन उन्हें बीच में ही किसी ने रोक लिया।
जैसा की प्रताप से मिलने वाले उस लड़के ने कहा था की कुछ बड़ा होने वाला है वह आज के दिन ही होना तय हुआ था। केसर को ना प्रोजेक्ट से मतलब था ना ही किसी की दुश्मनी से उसे बस ये जमीन चाहिए थी और बनारस में अपना गुंडा राज।
जैसे ही सब वहा पहुंचे केसर को देखकर सब घबरा गए। केसर ने सबको एक नजर देखा और फिर सी.एम. सर के गले आ लगा तो सबके चेहरों पर मुस्कराहट लौट आयी। केसर कोई और नहीं बल्कि सी.एम का ही आदमी था। सभी शिवम् और मुरारी के आने का इंतजार करने लगे। किशोर पहले ही अपनी टीम के साथ वहा छुपकर बैठ गया था। जब उन सब लोगो को एक साथ देखा तो उसे सारा खेल समझ आ गया। उसके साथ छुपे हुए कॉन्स्टेबल ने कहा,”सर सब तो आ चुके है बस शिवम् गुप्ता और विधायक जी नहीं आये है”
किशोर को लड़के की कही बात याद आ गयी तो उसने कहा,”उन दोनों के लिए रुकने की जरुरत नहीं है उन्हें मैं बाद में देख लूंगा। सबको अलर्ट कर दो”
कहते हुए किशोर ने अपनी टीम को इशारा किया और सब अपनी अपनी बंदूके ताने बाहर निकले और उन सबको एक साथ घेर लिया। सब अचानक हुए इस
हमले से चौंक गए लेकिन किशोर की फ़ोर्स ज्यादा थी इसलिए सब पकडे गए। केसर जिसे पकड़ना मुश्किल था लेकिन आज इस प्रोजेक्ट के चक्कर में वह भी फंस गया उसने जैसे ही भागने की कोशिश की किशोर ने उस के पैर पर गोली चला दी और वह गिर पड़ा। किशोर ने सबको गिरफ्तार कर वेन में डाला और वहा से निकल गया। उन सब लोगो का काला चिट्टा उसके हाथ में था और आज उसे खुद पर बहुत गर्व भी महसूस हो रहा था।
फाइल में शिवम् और मुरारी के खिलाफ कोई सबूत नहीं था ना ही आज शिवम् और मुरारी इन लोगो के साथ थे ये दो बाते बार बार किशोर के दिमाग में आये जा रही थी। इन दो बातो का पता लगाने के लिए किशोर को शिवम् और मुरारी से मिलना ही था लेकिन पहले उसे उन सब गुनहगारों को थाने ले जाना था। किशोर सबको थाने लेकर आया। बनारस में ये खबर आग की तरह फ़ैल गयी हर किसी के मुंह पर यही बातें थी। किशोर को ऊपर से आर्डर मिले हुए थे उसने सारी फॉर्मलिटीज पूरी की और सबको बड़े जेल भेज दिया क्योकि वह जानता था की यहाँ से निकलना इन लोगो के लिए बहुत आसान है। किशोर ने इस बार अपनी पूरी जान लगा दी
सुबह से दोपहर होने को आयी। शिवम् और मुरारी अभी भी उसी लड़के के साथ था मुरारी तो थक चुका था इसलिए वही आलथी पालथी मारकर बैठ गया। शिवम् बस काशी के बारे में सोचकर परेशान था। कई साल पहले उसी की दुश्मनी की वजह से सारिका मुसीबत में थी और आज वक्त फिर अपना इतिहास दोहरा रहा था। शिवम् बुझी आँखों से कभी लड़के को देखता तो कभी दूसरी तरफ आज इतने सालो बाद वह उसी दर्द और तकलीफ को महसूस कर रहा था जो सारिका के वक्त की थी लेकिन आज उसके हाथ में कुछ नहीं था क्योकि शिवम् अब बदल चुका था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
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आखिर कौन है ये आदमी जिसने शिवम् और मुरारी से पंगा लिया है ? किसने किया है काशी को किडनैप और क्यों ? आखिर क्या है किशोर के इरादे ? जानने के लिए सुनते/पढ़ते रहे “मैं तेरी हीर”
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 50
Read More – “मैं तेरी हीर” – 48
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संजना किरोड़ीवाल
Y ldka munna hi h jisse Shivam orMurari us jgh n phuche
Very beautiful
Ye aadmi pakka Munna hoga.. Usne kashi ko phone v kiya tha ki kch jaruri kaam k lye.. Use v apne plan me shamil kiya hoga shivam or murari ko waha jane se rokne ke ly 😀
Nice story
शिवम और मुरारी से पंगा लेने वाला शायद मुन्ना है। उसने ही मुरारी और शिवम को नहर वाली जगह पर जाने से रोक लिया होगा। ताकि किशोर के हाथ में मुरारी और शिवम के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत ना लगे और उसका परिवार सेफ रहे। मुन्ना को काशी से जरूरी बात करनी थी लेकिन गौरी ने कॉल पिक किया था। शायद मुरारी और शिवम को नहर वाली जगह जाने से रोकने के लिए मुन्ना ने काशी की मदद ली है।
ये मेरी कल्पना है। वैसे कल के पार्ट में पता चलेगा।
Nice
Ye sab munna ka plan lagta h shivam or murari ko bachane ka jisme i think kashi uski help kar rahi hai, superb part full of suspense
Yeh pkaa munna hi hai,vo shivam aur murari ko in sb mein involve nhi krna chahta ,isliye usne yeh plab bnaya, superb
Sab golmal ho rha h… Matlab ki Kishor ne keshar k saath saath partap aur cm ko be pakad liya kya
Waah Munna kya plan banaya usne kashi se 2 minute baat karne ke liye isiliye keh raha tha taaki kashi ke sath plan bana sake aur file me bhi Shivam aur murari ke khilaf koi saboot nahi hai maan gaye yrr Munna 😘🔥👏👏 . Bahut hi suspense, thriller episode tha mam 🤗 . Kahani bahut interesting hoti ja rahi hai ❤️❤️
Ye sab munna ne kiya hai kya gajab ka plan banaya hai maja aa gaya
Shivam or murari ko munna ne roka hh… Takii vo vha na ja payee or munna be kashi se isi bat ki help li hh taki shivem ko rokna asaan ho jayee😬😬😬
Or vo sare kmine easily pakde gyee… Munna ki wajah se kishore rocks 🤣🤣
Ye munna hi h sure h
As always superb superb superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌