“मैं तेरी हीर” – 45
Main Teri Heer – 45
Main Teri Heer – 45
मुन्ना की बातो से नाराज होकर अनु वहा से चली गयी। मुन्ना वही बैठा रहा और मन ही मन खुद से कहने लगा,”हमने शायद माँ का दिल दुखा दिया पर जब आप सच जानेगी तो आपका दिल भी टूट जाएगा माँ ,, हम फैसला नहीं कर पा रहे है की पापा ग़लत है या फिर उन्हें इसमें फंसाया जा रहा है पर हमने जो देखा है उस से हम बस ये कह सकते है की आगे जाकर जरूर कुछ बड़ा होने वाला है जिसके लिए पापा भी जिम्मेदार होंगे”
“मुन्ना भैया आप कुछ और लेंगे ?”,पास खड़े किशना ने कहा तो मुन्ना की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”नहीं आप जाओ”
मुन्ना ने खाना अधूरा छोड़ दिया और उठकर वहा से चला गया। वह अपने कमरे में आया और आकर अपने लेपटोप के सामने बैठ गया और कुछ काम करने लगा। शिवम् ने उसे जो काम सौंपा था मुन्ना उसी की जानकारी हासिल कर रहा था और इसी बीच उसके सामने कुछ ऐसी बातें आयी की उसने अपने ही पिता को इन सब कामो में शामिल पाया। ये सच था या फिर किसी की साजिश मुन्ना बस इसी की खोज में लगा हुआ था। ये बातें उसने अपने अलावा किसी और से शेयर नहीं की वंश से भी नहीं।
मुरारी और शिवम् रातभर ICU के बाहर बैठे रहे। अगली सुबह बाबा को प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया। बाबा को होश आ चुका था वे आँखे मूँदे बिस्तर पर लेटे हुए थे। चिंता के भाव उनके चेहरे से साफ झलक रहे थे जिन्हे शिवम् आसानी से देख सकता था। शिवम् बाबा के बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा और उनका हाथ अपने दोनों हाथो में लेकर कहा,”बाबा”
बाबा ने शिवम् की आवाज सुनी तो अपनी आँखे खोली और शिवम् को देखकर कहा,”,,,,शिवा”
“हाँ बाबा हम यही है”,शिवम् ने कहा
“का हुआ तुम डर गए थे का ? अरे हमको कुछ नहीं होगा अभी तो हमे बहुते लम्बी उम्र जीनी है बेटा”,बाबा ने धीरे धीरे करके कहा
बाबा की बातें सुनकर शिवम् की आँखों में नमी उभर आयी और उसने कहा,”हाँ बाबा थोड़ा डर गए थे , लेकिन जे सब अचानक कैसे ?”
“अचानक नहीं बेटा अब उम्र हो गयी है हमारी , इस उम्र में ये सब तो होता ही रहता है। कावेरी कही दिखाई नहीं दे रही है”,बाबा ने कमरे में इधर उधर देखते हुए कहा।
“आई अभी घर पर है थोड़ी देर में आ जाएगी। आपने तो हम सबको डरा ही दिया ही दिया था बाबा , खैर अब आप ठीक हो जाये उसके बाद आप घर पर रखकर आराम करेंगे”,शिवम् ने कहा
शिवम् बाबा के साथ बैठकर बातें कर रहा था। कुछ देर बाद ही सारिका , आई और वंश चले आये। आई ने बाबा को शिवम् से बात करते देखा तो उन्हें थोड़ा सुकून मिला। आई को देखते ही बाबा मुस्कुरा उठे और कहा,”आओ कावेरी , जे सब तुम्हारे आम के अचार की वजह हुआ से है , रोज नाश्ते में हमे जो पराठो के साथ खिलाती थी ना तुमहू”
“कैसी बातें कर रहे है आप ?”,आई ने बाबा के पास आते हुए कहा
“अरे आई बाबा बस मजाक कर रहे है , वैसे भी तुम्हरा अचार तो पुरे बनारस में फेमस है ,, है आई”,मुरारी ने कहा तो बाबा मुस्कुराने लगे
“अब आपकी तबियत कैसी है बाबा ?”,सारिका ने अपने साथ लाये बोतल से दूध कप में डालते हुए पूछा
“हां बिटिया अब ठीक है , हम जे कह रहे थे सारिका जो सामान पिछले हफ्ते हमने आर्डर किया था वो आज शाम में आ जाएगा”,बाबा ने दूध का कप लेते हुए कहा
“बाबा वो सब हम देख लेंगे आप बस आराम कीजिये”,सारिका ने कहा
“बाबा हम और सारिका है ना और अब तो वंश भी बड़ा हो गया है कुछ काम वो सम्हाल लेगा लेकिन आप अब आराम करेंगे , बहुत काम किया है आपने हम सबके लिए अब बस आप अपना सारा वक्त आई के साथ बिताएंगे”,शिवम् ने कहा
“हम्म्म”,बाबा ने कहा लेकिन ये कहते हुए उनके चेहरे पर चिंता के भाव उभर आये। कुछ था उनके मन में जो उन्हें अंदर ही अंदर खाये जा रहा था। नाश्ता करने के बाद सारिका ने बाबा को दवा दी और आराम करने को कहा। आई वही रुक गयी बाकि सब बाहर चले आये शिवम् को चुप चुप देखकर मुरारी ने कहा,”शिवम् भैया चिंता ना करो बाबा अब ठीक है , कल से आप यहाँ है घर जाकर थोड़ा आराम कर लीजिये तब तक हम सब है यहाँ”
“मुरारी तूम भी कल रात से यहाँ हो , एक काम करो वंश , सरु और आई यहाँ रुक जायेंगे हम घर चलते है”,शिवम् ने कहा
“हाँ शिवम् जी आप चिंता मत कीजिये हम सब है यहाँ”,सारिका ने कहा तो शिवम् ने उसकी ओर देखकर अपनी पलकें झपका दी। शिवम् और मुरारी घर के लिए निकल गए। सारिका और वंश कमरे के बाहर पड़ी बेंच पर आ बैठे। वंश ने सारिका को देखा रोजाना चमकने वाले चेहरे पर चिंता के भाव थे। वंश ने अपना हाथ सारिका के हाथ पर रखा और कहा,”माँ सब ठीक है ना आप कुछ परेशान नजर आ रही है ?”
“हाँ सब ठीक है बेटा”,सारिका ने कहा जबकि मन ही मन किसी बात को लेकर सारिका बहुत परेशान हो रही थी। बाबा ने पानी माँगा , आई ने उन्हें पानी देना चाहा लेकिन बोतल खाली थी आई बोतल लेकर बाहर आयी तो वंश ने कहा,”आई लाईये मैं ले आता हूँ”
आई ने बोतल वंश को दे दिया और खुद सारिका के पास खड़ी हो गयी कुछ देर बाद आई ने बाथरूम जाने की बात कही और वहा से चली गयी। सारिका ने अपने दोनों हाथो को आपस में मिलाकर होंठो से लगा लिया और सोच में पड़ गयी। वंश पानी लेने गया था , आई वाशरूम ,सारिका सोच में डूबी थी और इस वक्त बाबा अकेले थे। चार हट्टे कट्टे आदमी जो देखने में गुंडे जैसे लग रहे थे और उनके पीछे उनका लीडर चला आ रहा था। सारिका का ध्यान उन पर नहीं गया वे लोग सीधा बाबा के कमरे में चले आये। उन लोगो का लीडर आकर सीधा सोफे पर बैठा , उसकी पर्सनालिटी काफी अलग थी , आँखों पर काला चश्मा , हाथ में सोने की अँगूठिया , गले में सोने की चैन , और होंठो पर जहरीली मुस्कान। उसके इशारे पर उसका एक आदमी बाबा की तरफ आया और उनकी कोलर पकड़ कर उन्हें उठाते हुए कहा,”चल बे बूढ़े बहुत सो लिया भाई मिलने आये है तुमसे”
बाबा ने सोफे पर बैठे आदमी को देखा तो डर से काँपने लगे और कहा,”महादेव के लिए यहाँ से चले जाओ “केशर” हम तुमसे कितनी बार कह चुके है की उह जगह बनारस के लोगो के लिए है हमारी नहीं ,, हम तुम्हारी बात नहीं मान सकते”
“मैं तुम्हारी ना सुनने नहीं आया हूँ , मुझे वो जमीन किसी भी हाल में चाहिए वरना अंजाम तुम जानते हो। अभी सिर्फ अटैक आया है बाद में कही तुम्हरा हार्ट ही ना फ़ैल हो जाये”,केशर ने गुस्से से बाबा को घूरते हुए कहा
“केशर , उह जगह से हमरे शिवा का सपना जुड़ा है , उसके बदले में तुमको जो चाहिए वो हम देने को तैयार है”,बाबा ने गिड़गिड़ाते हुए कहा तो केशर ने अपने आदमी से बाबा की कॉलर छोड़ने का इशारा किया। आदमी साइड में हो गया केशर उठा और बाबा के पास आकर कहा,”केशर को जो चाहिए वो केशर हासिल करके ही रहता है , तेरे पास 2 हफ्ते का समय है वो जमीन मुझे किसी भी हाल में चाहिए ही चाहिए , तेरे बेटे को बोल शुगर फैक्ट्री की बजाय कोई शॉपिंग मॉल या थियेटर बनवाये पैसा मैं दूंगा”
“कौन है आप लोग और इस तरह अंदर कैसे चले आये ?”,बाहर बैठी सारिका को जब कुछ आवाजे आयी तो उसने अंदर आते हुए कहा लेकिन जैसे ही केशर पलटा उसे देखकर सारिका के चेहरे पर भी चिंता के भाव उभर आये और उसके मुंह से निकला,”आप ?”
“नमस्ते मैडम जी कैसी है आप ? मुझे लगा था की आप मेरी बात अच्छे से समझ जाएगी लेकिन आप भी इनकी तरह बेवकूफी कर रही है। लगता है अपनी फॅमिली से प्यार नहीं है आपको ?”,केशर ने की तरफ आकर कहा
“ए केशर उह हमारे घर की बहू है उसे कुछ मत करना , तुम्हे वो जमीन चाहिए ना मिल जाएगी , लेकिन हमारे परिवार से दूर रहो तुम”,बाबा ने कहा तो केशर ने अपने कदम पीछे ले लिए। सारिका यू तो किसी से नहीं डरती थी लेकिन बाबा को ऐसी हालत में देखकर सारिका ने केशर से कहा,”देखिये इस वक्त बाबा की तबियत ठीक नहीं है , हम आपसे रिक्वेस्ट करते है प्लीज यहाँ से चले जाईये”
“जा रहे है मैडम जी लेकिन सिर्फ 2 हफ्ते , उसके बाद ये केशर किसी पर रहम नहीं करेगा,,,,,,,,,,,,चलो सब”,कहकर केशर वहा से चला गया।
कमरे के गेट से निकलते हुए केशर वंश के बगल से गुजरा लेकिन केशर ध्यान ना देकर आगे बढ़ गया। वंश अंदर आया और सारिका से कहा,”माँ कौन थे वो लोग ?”
सारिका ने बाबा की तरफ देखा तो बाबा ने धीरे से ना में गर्दन हिला दी। सारिका ने अपने डर को छुपाते हुए कहा,”वो गलती से इस रूम में आ गए थे बेटा”
“हम्म्म ये पानी”,कहकर वंश ने बोतल सारिका की तरफ बढ़ा दी। सारिका ने बाबा को पीने के लिए पानी दिया और मन ही मन खुद से कहने लगी,”अच्छा हुआ शिवम् जी यहाँ नहीं थे वरना पता नहीं क्या होता ? महादेव अब आप ही हम सबको इस मुसीबत से बाहर निकाल सकते है”
इंदौर , मध्य-प्रदेश
जबसे गौरी बनारस से वापस आयी थी पहले से काफी बदली बदली नजर आ रही थी। ना वह पहले की तरह खिलखिलाती , ना ही किसी से ज्यादा बातें करती , क्लास में भी बहुत कम दिखाई देती थी। पिछले कुछ दिनों से गौरी ये सब नोटिस कर रही थी , आज भी जब काशी उसे क्लास में दिखाई नहीं दी तो उसे ढूंढते हुए वह कॉलेज में चक्कर लगाने लगी आखिर बहुत ढूंढने के बाद गौरी को काशी लॉन में पड़ी बेंच पर बैठी मिली। गौरी काशी के पास आयी और चुपचाप आकर उसके बगल में बैठ गयी। काशी सोच में डूबी थी उसे अहसास भी नहीं हुआ की गौरी कब आकर उसकी बगल में बैठ गयी। कुछ देर बाद जब काशी जाने के लिए पलटी तो उसने गौरी को देखा और कहा,”तुम कब आयी ?”
“जब तुम किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी। क्या हुआ है काशी पिछले कुछ दिनों से देख रही हूँ तुम काफी खोई हुई सी रहती हो ? सब ठीक है ना आई मीन जबसे तुम बनारस से आयी हो बदली बदली सी नजर आ रही हो”,गौरी ने काशी के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए पूछा तो काशी को थोड़ी हिम्मत मिली और उसने अपने मन की बातें जो शक्ति को लेकर थी सब गौरी को बता दी। गौरी ने बड़े ध्यान से सब सूना और कहा,”हम्म्म्म तो ये बात है हमारी काशी मैडम को किसी से प्यार हो गया है , नॉट बेड यार कोन्ग्रेचुलेशन”
“गौरी,,,,,,,,,,,,,प्यार है या नहीं यही तो नहीं समझ पा रहे है। आखरी बार जब हम उस से मिले थे तब हमने उस से बात करने की कोशिश की लेकिन हम कुछ कह पाते इस से पहले ही उसका किसी से झगड़ा हो गया और वो चला गया ,, हम समझ नहीं पा रहे है गौरी की आखिर हमारे साथ ये हो क्या रहा है ? उसे हमने पहली बार बनारस में देखा और लगा जैसे हम उस से पहले भी मिल चुके है। एक रिश्ता जो उसके और हमारे बीच है पर दिखाई नहीं दे रहा। हमारे मन में ढेरो सवाल है पर उनका जवाब नहीं है,,,,,,,,,,,,,!”,काशी ने थोड़ा उदास होकर कहा
“फिर तो तुम्हे बनारस जाना चाहिए क्योकि तुम्हारे सवालो का जवाब उसी लड़के के पास मिलेगा , जब तक तुम उसे अपने दिल की बात कह नहीं दोगी ऐसे परेशान रहोगी। “,गौरी ने सीधी सपाट बात कही तो काशी उसकी तरफ पलटी और उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहने लगी,”वही तो हम से नहीं हो रहा है गौरी , उसके सामने जाते ही हम सब भूल जाते है क्या कहे क्या ना कहे कुछ समझ नहीं आता ?”
“होता है काशी डोंट वरी इस बार छुट्टियों में हम सब तुम्हारे साथ चलेंगे शायद थोड़ी हिम्मत मिल जाये। वैसे तुम्हारे ये मिस्टर परफेक्ट दिखते कैसे है ?”,गौरी ने अपनी भँवे उचकाते हुए पूछा
गौरी का ये सवाल सुनकर काशी के गाल एकदम से लाल हो गए , उसकी आँखों में एक अलग ही चमक उभर आयी और उसने खोये हुए स्वर में कहा,”बिल्कुल हमारे पापा जैसे”
गौरी ने सूना तो मुस्कुरा उठी
आखिर कौन है ये केशर और बाबा से क्या चाहता है ? क्या शक्ति से फिर मिलेगी काशी ? आखिर शुगर फैक्ट्री वाली जमीन के पीछे क्यों पड़े है सब ? जानने के लिए पढ़ते सुनते रहे “मैं तेरी हीर”
जबसे गौरी बनारस से वापस आयी थी पहले से काफी बदली बदली नजर आ रही थी। ना वह पहले की तरह खिलखिलाती , ना ही किसी से ज्यादा बातें करती , क्लास में भी बहुत कम दिखाई देती थी। पिछले कुछ दिनों से गौरी ये सब नोटिस कर रही थी , आज भी जब काशी उसे क्लास में दिखाई नहीं दी तो उसे ढूंढते हुए वह कॉलेज में चक्कर लगाने लगी आखिर बहुत ढूंढने के बाद गौरी को काशी लॉन में पड़ी बेंच पर बैठी मिली। गौरी काशी के पास आयी और चुपचाप आकर उसके बगल में बैठ गयी। काशी सोच में डूबी थी उसे अहसास भी नहीं हुआ की गौरी कब आकर उसकी बगल में बैठ गयी। कुछ देर बाद जब काशी जाने के लिए पलटी तो उसने गौरी को देखा और कहा,”तुम कब आयी ?”
“जब तुम किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी। क्या हुआ है काशी पिछले कुछ दिनों से देख रही हूँ तुम काफी खोई हुई सी रहती हो ? सब ठीक है ना आई मीन जबसे तुम बनारस से आयी हो बदली बदली सी नजर आ रही हो”,गौरी ने काशी के हाथ पर अपना हाथ रखते हुए पूछा तो काशी को थोड़ी हिम्मत मिली और उसने अपने मन की बातें जो शक्ति को लेकर थी सब गौरी को बता दी। गौरी ने बड़े ध्यान से सब सूना और कहा,”हम्म्म्म तो ये बात है हमारी काशी मैडम को किसी से प्यार हो गया है , नॉट बेड यार कोन्ग्रेचुलेशन”
“गौरी,,,,,,,,,,,,,प्यार है या नहीं यही तो नहीं समझ पा रहे है। आखरी बार जब हम उस से मिले थे तब हमने उस से बात करने की कोशिश की लेकिन हम कुछ कह पाते इस से पहले ही उसका किसी से झगड़ा हो गया और वो चला गया ,, हम समझ नहीं पा रहे है गौरी की आखिर हमारे साथ ये हो क्या रहा है ? उसे हमने पहली बार बनारस में देखा और लगा जैसे हम उस से पहले भी मिल चुके है। एक रिश्ता जो उसके और हमारे बीच है पर दिखाई नहीं दे रहा। हमारे मन में ढेरो सवाल है पर उनका जवाब नहीं है,,,,,,,,,,,,,!”,काशी ने थोड़ा उदास होकर कहा
“फिर तो तुम्हे बनारस जाना चाहिए क्योकि तुम्हारे सवालो का जवाब उसी लड़के के पास मिलेगा , जब तक तुम उसे अपने दिल की बात कह नहीं दोगी ऐसे परेशान रहोगी। “,गौरी ने सीधी सपाट बात कही तो काशी उसकी तरफ पलटी और उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहने लगी,”वही तो हम से नहीं हो रहा है गौरी , उसके सामने जाते ही हम सब भूल जाते है क्या कहे क्या ना कहे कुछ समझ नहीं आता ?”
“होता है काशी डोंट वरी इस बार छुट्टियों में हम सब तुम्हारे साथ चलेंगे शायद थोड़ी हिम्मत मिल जाये। वैसे तुम्हारे ये मिस्टर परफेक्ट दिखते कैसे है ?”,गौरी ने अपनी भँवे उचकाते हुए पूछा
गौरी का ये सवाल सुनकर काशी के गाल एकदम से लाल हो गए , उसकी आँखों में एक अलग ही चमक उभर आयी और उसने खोये हुए स्वर में कहा,”बिल्कुल हमारे पापा जैसे”
गौरी ने सूना तो मुस्कुरा उठी
Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45 Main Teri Heer – 45
क्रमश Main Teri Heer – 45
Read More – “मैं तेरी हीर” – 44
Follow Me On – facebook | instagram | youtubeg
संजना किरोड़ीवाल
Bhut hi badiya part tha lekin yh keshar kaun h aur usse sugar factory wali zammen kisliye chahiye sarika ko shivam ko sara sach bta dena chahiye
Very beautiful
ये केशर हो ना हो प्रताप का आदमी है और अगर ना भी हो तो उससे मिल जाएगा… क्योंकि प्रताप की जिंदगी का मकसद शिवम और मुरारी की बर्बादी है…कुछ ओर भी काला है दाल में…दिख ना रहा…सच में कुछ बड़ा तो नहीं होने वाला है…महादेव शिवम-मुरारी की फैमिली की रक्षा करे
Wow mam superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb part of the day 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌
Amazing interesting superb heart touching part
Ab keshar kon hai,lets see, superb part
Ma’am part 44 show nahi kr rha nd part 37 v
Mam ye 44 ki jgh 45 part show ho ra h🙄
Ye kesar kon hh to yhi karan hh baba k heart attack ka or sarika ki preshani kaa…. 😥😥😥😥
Munna ko esa kya mil gya jise dekh vo murari pe shak kr ra hh😥😥😥😥
Nice story
Nice part mam hope sb acha ho jaye