“मैं तेरी हीर” – 44
Main Teri Heer – 44
Main Teri Heer – 44
शिवम् और मुरारी के सामने अब एक नयी समस्या थी वो था “प्रताप” , प्रताप अपनी दुश्मनी खत्म करने के लिए शिवम् से रिश्ता जोड़ना चाहता था लेकिन शिवम् ने उस से रिश्ता जोड़ने से इंकार कर दिया क्योकि वह जानता था की प्रताप जैसे लोग कभी नहीं सुधर सकते। मुरारी ने जब प्रताप की बात सुनी तो उसे बहुत गुस्सा आया वह तो काशी के लिए अपनी कुर्सी छोड़ने तक को तैयार था लेकिन जब पता चला की मिनिस्टर भी प्रताप की साइड है तो शिवम् ने उसे शांत रहने को कहा। ये मामला निजी था और शिवम् इसे उसी तरह सुलझाना चाहता था। उसने मुरारी को समझा बुझाकर घर भेज दिया और मुन्ना को एक जरुरी काम सौंपा लेकिन उस काम को लेकर मुन्ना थोड़ा उलझन में था , वजह थी मुन्ना के उसूल जिन्हे वह किसी के लिए भी तोड़ना नहीं चाहता था पर शिवम का कहा उसके लिए मुरारी के कहे से भी ज्यादा मायने रखता था।
इन सब उलझन में एक बात जो कुछ हद तक अच्छी हुई वो ये की वंश ने खुद आकर शिवम् से सॉरी कहा। वंश गुस्सैल था लेकिन शिवम् की ख़ामोशी और शांत स्वाभाव के पीछे की वजह वह नहीं जानता था जब मुन्ना ने उसे समझाया तो उसे अहसास हुआ की वह और उसका गुस्सा गलत है। शिवम् को सॉरी बोलकर वंश अपने कमरे में चला आया और विडिओ गेम खेलने लगा जब उसका मन शांत नहीं होता था तब वह ऐसा ही किया करता था।
दो हफ्ते इन्ही सब टेंशन में निकल गए। मिनिस्टर ने प्रताप और मुरारी दोनों को शांत रहने को कहा। प्रताप इसलिए शांत था क्योकि अगले इलेक्शन में मिनिस्टर ने उसके बेटे को सीट देने का वादा किया था और मुरारी इसलिए शांत था क्योकि शिवम् ने कहा था।
साल की आखरी शाम थी उसी शाम सारिका और बाबा ओल्डएज होम से वापस घर लौट रहे थे , सर्दियों के मौसम में भी बाबा को पसीने छूट रहे थे। ड्राइवर सीट पर बैठी सारिका ने देखा तो कहा,”क्या हुआ बाबा आप ठीक तो है ना ?”
“सारिका बिटिया बहुत घुटन महसूस हो रही है और गर्मी भी लग रही है”,बाबा ने मुश्किल से साँस लेते हुए कहा
सारिका ने बाबा की बिगड़ती हालत देखकर कहा,”बाबा हमे आपकी तबियत ठीक नहीं लग रही है , हम आपको हॉस्पिटल लेकर चलते है”
बाबा ने हाँ में गर्दन हिला दी। सारिका ने स्पीड थोड़ी तेज कर दी और गाड़ी को हॉस्पिटल जाने वाले रास्ते की ओर मोड़ दी। थोड़ी देर में ही सारिका उन्हें लेकर हॉस्पिटल पहुंची और उन्हें एडमिट करवाया ,, बाबा को हार्ट अटैक आया था जब सारिका ने सूना तो उसका दिल बैठ गया। बाबा हर वक्त हसने मुस्कुराने वाले इंसान थे उन्हें कभी ऐसी कोई शिकायत नहीं हुई थी फिर यू अचानक,,,,,,,,,,,,!!
डॉक्टर सारिका को जानता था इसलिए उसने सारिका से अपने केबिन में बैठने को कहा और चला गया। सारिका ने शिवम् को फोन लगाया। शिवम् को पता चला तो वह तुरंत हॉस्पिटल चला आया। घबराई हुई सारिका डॉक्टर के केबिन में बैठकर शिवम् के आने का इंतजार कर रही थी। कुछ देर बाद शिवम् आया और कहा,”सरु क्या हुआ है बाबा को ? वो ठीक तो है ना ?”
शिवम् को वहा देखकर सारिका रो पड़ी। शिवम् ने उसे सम्हाला। कुछ देर बाद डॉक्टर केबिन में आया और शिवम् से कहने लगा,”उनको अटैक आया है , बीते दिनों में कुछ हादसा हुआ है क्या ? कोई दुर्घटना या फिर उन्होंने आप लोगो से कुछ कहा हो अपनी कोई परेशानी”
“नहीं डॉक्टर साहब बाबा हमेशा हँसते मुस्कुराते रहते है , घर का माहौल भी सही है और बाहर भी ऐसा कुछ नहीं हुआ है जिस से बाबा किसी बात पर सोच विचार करे”,शिवम् ने कहा
“वही मिस्टर शिवम् , हो सकता है कुछ ऐसा घटा हो जिनसे उन्हें बहुत बड़ा आघात पहुंचा हो”,डॉक्टर ने कहा
“नहीं सर ऐसा कुछ नहीं है हम उनके साथ ही रहते है , शिवम् जी से भी ज्यादा वो हमारे साथ सहज है हमसे हर बात शेयर करते है। अगर ऐसी कोई बात होती तो वो हमे जरूर बताते”,सारिका ने कहा
“हम्म्म खैर कोई बात नहीं अभी वो ICU में है , उनके कुछ टेस्ट करवाए है रिज्लट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”,डॉक्टर ने कहा
“बाबा ठीक तो हो जायेंगे ना डॉक्टर”,कहते हुए शिवम् के चेहरे पर चिंता के भाव उभर आये। सब जानते थे की शिवम् अपने बाबा से कितना प्यार करता था।
“अभी वो खतरे से बाहर है लेकिन 24 घंटे के बाद ही कुछ कहा जा सकता है”,डॉक्टर ने कहा
शिवम् और सारिका उठकर केबिन से बाहर चले आये। शिवम् जैसे ही बाहर आया सामने बेंच पर बैठी आई उसके पास आयी और रोते हुए कहा,”का हुआ तुमरे बाबा को उह ठीक तो है ना ? शिवा बोल ना तू चुप काहे है बेटा ?”
“आई शांत हो जाईये कुछ नहीं होगा बाबा को , वो आज दोपहर में खाना नहीं खाया ना उन्होंने इसलिए एसिडिटी की समस्या हो गयी है उन्हें”,सारिका ने आई को सम्हालते हुए कहा
“ए भैया का हुआ बाबा को ? हम मीटिंग में थे पता चला बाबा को हॉस्पिटल लेकर आये है ,, का का हुआ सब ठीक है ना ?”,मुरारी ने आकर पूछा। अनु भी उसके साथ आयी थी। शिवम् मुरारी को साइड में लेकर आया और उसे सारी बात बताई तो मुरारी ने कहा,”अरे चिंता ना करो भैया कुछ नहीं होगा हमारे बाबा को , आप हिम्मत रखो बस और आई को सम्हालो यार आज तक कभी उनको ऐसे रोते हुए नहीं देखा है”
“हम्म्म , मुन्ना कहा है ?”,शिवम् ने देखा वहा सब है लेकिन मुन्ना नहीं तो पूछ लिया
“मुन्ना को घर में ही छोड़कर आये है”,मुरारी ने कहा
शिवम् आई के पास चला आया तो आई रोते हुए उसके सीने से आ लगी और कहने लगी,”तुम्हारे बाबा को कुछो होगा तो नहीं ना शिवा”
“बाबा को कुछ नहीं होगा आप राईये मत , हम है ना यहाँ”,शिवम् ने आई का सर सहलाते हुए कहा
सभी ICU के सामने चले आये शिवम् ने देखा बाबा को ऑक्सीजन लगी है साथ ही मॉनिटर भी। सबको एक साथ अंदर जाने की परमिशन नहीं थी इसलिए शिवम ने आई से जाने को कहा साथ में सारिका को भी भेज दिया ताकि बाबा को देखकर आई भावुक हो तो वह उन्हें सम्हाल ले। बाकि सब बाहर ही रुक गए। मुरारी डॉक्टर से मिलने चला गया , वंश भी वही दिवार के पास खड़ा था। बाबा को इस हाल में देखकर आई रो पड़ी सारिका ने उन्हें सम्हाला और बाहर ले आयी। शिवम् को छोड़कर सब बाबा से मिले क्योकि शिवम् उन्हें ऐसे हाल में देख नहीं सकता था। शिवम् ने मुरारी से सबको घर ले जाने को कहा। आई जाना नहीं चाहती थी लेकिन शिवम् ने समझाबुझाकर उन्हें भेज दिया और खुद वही रुक गया।
शिवम् ICU के बाहर बैठा था। कुछ देर बाद मुन्ना और मुरारी वहा आये मुरारी शिवम् के लिए खाना लेकर आया था।
“बाबा अब कैसे है बड़े पापा ?”,मुन्ना ने पूछा
“अभी ठीक है , डॉक्टर ने कहा है सुबह तक उन्हें ICU से बाहर शिफ्ट कर देंगे”,शिवम् ने बुझे मन से कहा
“हम उनसे मिल सकते है ?”,मुन्ना ने धीरे से कहा
“अभी डॉक्टर साहब राउंड पर है मिलने नहीं देंगे , तुम सुबह आकर उनसे मिल लेना”,शिवम् ने कहा
“हम्म्म , वो बड़ी माँ ने आपके लिए ये खाना भिजवाया है आप खा लीजिये”,मुन्ना ने बैग वही बेंच के बगल में रखते हुए कहा
“मुन्ना यहाँ भैया के साथ हम है तुमहु घर जाओ और भैया यहाँ कोई जरूरत हो तो देख लेना”,मुरारी ने कहा
“ठीक है पापा हम जाते है”,कहकर मुन्ना वहा से चला गया
शिवम् को परेशान देखकर मुरारी ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”चिंता मत कीजिये भैया सब ठीक हो जाएगा”
“तुमको याद है मुरारी एक्को बार ऐसे ही सरु के लिए हम हॉस्पिटल में बैठे थे और उस पल हमे लगा था की जैसे हम उनको खो देंगे,,,,,,,,,,,,आज भी हमे ऐसा लग रहा है जैसे हम बाबा को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते शिवम् की आँखे डबडबा आयी वह आगे बोल ही नहीं पाया।
मुरारी ने सूना तो कहा,”ए भैया ऐसा काहे कह रहे हो ? कुछ नहीं होगा यार हमारे बाबा को देखना एक दो दिन में बिल्कुल ठीक होकर हमारे साथ घर चलेंगे। आप परेशान ना होईये”,मुरारी ने शिवम् के कंधे पर अपना हाथ रख उसे दिलासा देते हुए कहा
शिवम् ने अपनी आँखों के किनारे साफ किये और कहने लगा,”बाबा हमसे कभी कुछो नहीं छुपाये है मुरारी , हर बात बताते है फिर ऐसी कोनसी बात होगी जिसे सोचकर बाबा की की आज जे हालत हो गयी है। हमे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है”
“भैया हो सकता है उह दिन प्रताप घर में आया था और उसने जो कहा उह सुनकर बाबा परेशान हो गए हो”,मुरारी ने कहा
“नहीं मुरारी वो बात बाबा को नहीं पता है हमने ही आई से मना भी किया था की बाबा और सारिका को इस बारे में ना बताये , कुछ और है मुरारी जो बाबा को अंदर ही अंदर खाये जा रहा है पर का जे ना समझ पा रहे है”,शिवम् ने कहा
“भैया जे सब सोचकर आप परेशान मत होईये अगर ऐसी कोई बात है तो बाबा हमे जरूर बताएँगे। बाबा की इतनी उम्र हो गयी है जे उम्र में भी कितनी भागदौड़ करते है। हमने डॉक्टर से बात की थी उह बता रहे थे की बाबा अब काफी कमजोर हो गए है उन्हें आराम और देखभाल की जरूरत है। हम सब अपनी अपनी दुनिया में मस्त है हम में से किसी का इन बातो की तरफ ध्यान ही नहीं गया।”,मुरारी ने कहा
“हाँ मुरारी जे बात तुमने सही कही , फॅमिली से इम्पोर्टेन्ट कुछ नहीं है। एक बार बाबा ठीक हो जाये उसके बाद बाबा से कह देंगे की घर रहकर आराम करे और हम खुद उनकी देखभाल करेंगे”,शिवम ने कहा तो मुरारी मुस्कुरा उठा। इतने सालो में शिवम् बिल्कुल नहीं बदला था , वैसा ही था अपने बाबा को बेहद चाहने वाला। शिवम् को पहले से कम परेशान देखकर मुरारी ने कहा,”चलो थोड़ा सा खाना खा लो”
“नहीं मुरारी हमे भूख नहीं है”,शिवम ने कहा
“अरे भैया जे समझ लो हम नहीं बाबा कह रहे है , अब तो खा लो”,मुरारी ने बड़े ही प्यार से कहा
“एक बात कहे मुरारी”,शिवम् ने खाना लेते हुए कहा।
“अरे कहो ना भैया इसमें पूछना कैसा ?”,मुरारी ने कहा
“बाबा के बाद तुम ही हो जो हमे समझते हो , जो हमेशा हमें हर हाल में सम्हाल लेता है”,शिवम् ने कहा
“काहे भैया ऐसा काहे कह रहे ? सारिका भाभी भी तो आपको बहुते समझती है ना”,मुरारी ने कहा
“मुरारी हमारी जिंदगी में सबकी अपनी अहमियत है लेकिन तुम सिर्फ हमारे दोस्त ही नहीं बल्कि हमारे छोटे भाई भी हो। एक माँ के पेट से जन्म नहीं लिया तो का हुआ ?”,शिवम् ने कहा
“का यार भैया इमोशनल कर दिए आप तो”,मुरारी ने कहा तो शिवम् ने उस के कंधे पर हाथ रखा और कहने लगा,”नहीं मुरारी सच कह रहे है इस जिंदगी में जितना साथ तुम दिए हो ना हमारा उतना साथ किसी ने नहीं दिया है। हमारे परिवार और हमारी जिंदगी का एक बहुते इम्पोर्टेन्ट हिस्सा हो तुम”
“अरे थैंक्यू भैया आप और भाभी खुश रहे हमको और कुछो ना चाही , बाकि जिंदगी है इह मा खुशिया और गम आते रहते है”,मुरारी ने कहा
बाबा के लिए दोनों रात भर वही बैठे रहे। बनारस का विधायक एक ऐसे हॉस्पिटल में मौजूद है देखकर हॉस्पिटल के डॉक्टर और इंचार्ज सब मुरारी की सेवा में आ खड़े हुए लेकिन मुरारी ने उन्हें अपना काम करने को कहा। वह नहीं चाहता था उसकी वजह से इन लोगो को डिस्टर्बेंस हो। शिवम् और मुरारी दोनों साथ बैठकर अपने बीते दिनों को याद करने लगे।
मुन्ना घर चला आया। अनु परेशान सी डायनिंग के पास बैठकर सोच में डूबी हुई थी मुन्ना ने देखा तो उसके पास चला आया और कहा,”माँ खाना खा लीजिये”
“मुन्ना,,,,,,,,तुम कब आये ?”,अनु ने जैसे नींद से जागते हुए कहा
“अभी अभी आये है , पापा और बड़े पापा के लिए खाना लेकर हॉस्पिटल गए थे”,मुन्ना ने कुर्सी खिसकाकर बगल में बैठते हुए कहां
“अब बाबा कैसे है ?”,अनु ने पूछा
“ठीक है , हम मिले नहीं थे उनसे पर बड़े पापा ने बताया की वो अब खतरे से बाहर है”,मुन्ना ने कहा
“मैं तुम्हारे लिए खाना गर्म कर देती हूँ”,अनु ने उठने की कोशिश की तो मुन्ना ने हाथ पकड़कर वापस बैठाते हुए कहा,”माँ रहने दीजिये हम ये खा लेंगे”
अनु वापस बैठ गयी मुन्ना ने अपनी प्लेट में थोड़ी सी सब्जी ली और एक चपाती रख ली। उसने एक निवाला तोड़ा और अनु की तरफ बढ़ा दिया। ये आज अचानक मुन्ना को क्या हो गया सोचकर अनु उसे हैरानी से देखने लगी।
“खाइये ना माँ बचपन में आप भी तो हमे ऐसे ही खिलाया करती थी”,मुन्ना ने प्यार से कहा तो अनु ने उसके हाथ से निवाला खा लिया। अगला निवाला मुन्ना ने खाया और कहा,”माँ आपसे एक बात पूछे”
“हम्म पूछो”,अनु ने कहा
“आप पापा पर कितना भरोसा करती है , हमारा मतलब क्या कभी ऐसा हुआ है की पैसो के लिए पापा ने कोई गलत काम किया हो”,मुन्ना ने थोड़ा गंभीर होकर पूछा
“ये कैसी बातें कर रहे हो मुन्ना ? मुरारी हम सब से थोड़ा अलग जरूर है लेकिन उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिस से हम सब का सर झुके ,, मुझे मुरारी पर खुद से ज्यादा भरोसा है। आज जो नाम जो शोहरत उसने हासिल की है मुन्ना वो अपनी मेहनत और अपने अच्छे कामो की वजह से की है,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे यकीन नहीं हो रहा तुम उनके लिए ऐसी बातें कर रहे हो”,अनु ने हैरानी से कहा
“माँ माँ परेशान मत होईये हम बस ऐसे ही पूछ रहे थे ,, हमे भी पापा पर पूरा भरोसा है बस ऐसे ही पूछ लिया हमने इन दिनों जो कुछ हो रहा है कही पापा को कोई खतरा न हो बस इसलिए ,, आपको बुरा लगा आई ऍम सॉरी”,मुन्ना ने कहा
“मुन्ना मैं मुरारी को बहुत अच्छे से जानती हूँ उसने कभी मुझसे कोई बात नहीं छुपाई है , वो किसी के साथ गलत नहीं कर सकता मुन्ना”,कहते हुए अनु उठी और वहा से चली गयी शायद मुन्ना की बात उसे अच्छी नहीं लगी।
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क्या बाबा सही सलामत घर आएंगे ? क्या शिवम् और मुरारी की दोस्ती में आएगा बदलाव ? आखिर क्यों है मुन्ना को अपने ही पिता पर शक ? जानने के लिए सुनते रहिये मैं तेरी हीर
शिवम् और मुरारी के सामने अब एक नयी समस्या थी वो था “प्रताप” , प्रताप अपनी दुश्मनी खत्म करने के लिए शिवम् से रिश्ता जोड़ना चाहता था लेकिन शिवम् ने उस से रिश्ता जोड़ने से इंकार कर दिया क्योकि वह जानता था की प्रताप जैसे लोग कभी नहीं सुधर सकते। मुरारी ने जब प्रताप की बात सुनी तो उसे बहुत गुस्सा आया वह तो काशी के लिए अपनी कुर्सी छोड़ने तक को तैयार था लेकिन जब पता चला की मिनिस्टर भी प्रताप की साइड है तो शिवम् ने उसे शांत रहने को कहा। ये मामला निजी था और शिवम् इसे उसी तरह सुलझाना चाहता था। उसने मुरारी को समझा बुझाकर घर भेज दिया और मुन्ना को एक जरुरी काम सौंपा लेकिन उस काम को लेकर मुन्ना थोड़ा उलझन में था , वजह थी मुन्ना के उसूल जिन्हे वह किसी के लिए भी तोड़ना नहीं चाहता था पर शिवम का कहा उसके लिए मुरारी के कहे से भी ज्यादा मायने रखता था।
इन सब उलझन में एक बात जो कुछ हद तक अच्छी हुई वो ये की वंश ने खुद आकर शिवम् से सॉरी कहा। वंश गुस्सैल था लेकिन शिवम् की ख़ामोशी और शांत स्वाभाव के पीछे की वजह वह नहीं जानता था जब मुन्ना ने उसे समझाया तो उसे अहसास हुआ की वह और उसका गुस्सा गलत है। शिवम् को सॉरी बोलकर वंश अपने कमरे में चला आया और विडिओ गेम खेलने लगा जब उसका मन शांत नहीं होता था तब वह ऐसा ही किया करता था।
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 45
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संजना किरोड़ीवाल
यार ये मुन्ना ने अपने पापा के लिए ये सब क्यू पूछा और वो भी अपनी मां से? हैरानी की बात है…और बाबा किस बात से परेशान हुए होंगे… कही प्रताप ने तो कुछ नहीं कहा…वैसे प्रताप की भी हिम्मत की दाद देनी होगी कि शिवम के घर जाकर, उसी से उसकी बेटी का हाथ मांग रहा है….गजब है यार
Pta nhi munna shivam ka kaam krega ya nhi,aage story aur bhi interesting hone vali hai,gauri ka abhi roll shuru nhi hua, superb part
Nice part…pratap ne to apna chal chal diya hai dekhate aage kya hota hai
Very beautiful
Heart touching
Mam…….mujhe hai na ek confusion hai ki iss story mei love triangle hone wala hai kya………mei ye isiliye puch rahi ho kyu ki vansh ke mann mei gauri ke liye felling aana start ho Chuka hai…….ye vansh ko bhi nahi pataa……..aur humare munna bhaiya ko bhi gauri ke liye felling aane start ho chuke hai……ye munna samjh nahi Paa raha hai……….aur ye gauri vansh ke baare mei itna kyu soch rahi hai……..mujhe bahoot confusion ho raha hai ki koun hai gauri ka hero……..agar munna gauri ka hero hai toh vansh ki heroin kahaa hai……..and last thing is that……..mujhe abhi tak kaashi ki love story bahoot pasand aayi……..Kash ki shakti ko ye love wali feelings ke baree mei samjh aane lage……ya fir shakti ko woh bachpan wali ladaki ko dhundh raha hai……agar munna gauri ka hero hai toh kab inkii love story kab start hogi……na gauri banaras aa rahi hai aur naa munna indore jaa raha hai………..but one thing is that……I love this story and specially kaashi and shakti……..mujhe kaashi isiliye hai kyu ki aapki last story Raanjhana mei Kaashi ki last line ne mera dil jeet liya tha”ye banaras hai dadaji,yahaa ki hawaa mei bhi ishq behtaa hai.aap hume toh rok loge per iss hawaa ko kaise rokoge”……..haaaiiiii mujhe iss line aur kaashi donoo se mohabbat ho gayi hai…….
Kiski Love Story Kiske sath banegi ye to aage hi pata chalega waise waise is kahani me lead role jyada hai to inki love story part 50 ke bad hi dekhne ko milegi
Nice part
Veryy nice part
Heart touching story 👌👌👌👌👌👌 super duper fantastic fabolous ossssssmmmm blosssssmmmm part 👌👌👌👌👌👌
Nice story
Bhut hi interesting chl rhi h story lekin munna ko murari pr shak kyun hua
Nice part
Excellent mam