मैं तेरी हीर – 40

Main Teri Heer – 40

Main Teri Heer by Sanjana Kirodiwal |
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Main Teri Heer – 40

शक्ति लड़के की कॉलर पकडे गुस्से से उसे घूरे जा रहा था। कॉन्स्टेबल ने जब शक्ति को देखा तो कहा,”सर ये आप क्या कर रहे है ? इसने कुछ नहीं किया है सर , इसे छोड़ दीजिये।”
“हम पर गोली चली है ये बात तुम कैसे जानते हो ? क्या वो तुमने चलाई थी ?”,शक्ति ने गुस्से से दाँत पीसते हुए कहा
लड़का मुस्कुराया और कहा,”अगर वो गोली मैंने चलाई होती तो मेरा निशाना कभी नहीं चुकता”


शक्ति ने लड़के की कॉलर छोड़ दी और कॉन्टेबल की तरफ पलटकर कहा,”ये , ये आपका बेटा है ? ज़रा देखिये इसे कैसे ये एक क्रिमिनल की तरह बात कर रहा है। मुझ पर गोली चली है ये बात डिपार्टमेंट को छोड़कर बाहर किसी को नहीं पता फिर ये कैसे जानता है ?”
शक्ति को गुस्से में देखकर कॉन्स्टेबल ने लड़के को बाहर भेजा और खुद अंदर आकर शक्ति से कहने लगा,”सर सर उसे माफ़ कर दीजिये उसने नशे में ये सब ,

आप पर गोली चली है ये बात मैंने अपने घर में अपनी पत्नी से कही थी शायद इसने वही सुन लिया था। विजय क्रिमिनल नहीं है सर , वो तो वो तो पुलिस अफसर बनना चाहता था। उसने बहुत कोशिश की लेकिन नहीं बन पाया और इसी असफलता के चलते वह नशा करने लगा। धीरे धीरे उसके मन में पुलिस को लेकर नफरत की भावना पैदा होने लगी। उसे माफ़ कर दीजिये सर , उसकी तरफ से मैं आपसे माफ़ी मांगता हूँ।”


शक्ति को कॉन्टेबल की बातो में सच्चाई नजर आयी और उसने कहा,”हम्म्म ठीक है , आप उसे लेकर घर जाईये,,,,,,,,,,,,!!”
“शुक्रिया सर आप बहुत अच्छे है , मैं उसे समझा दूंगा सर आइंदा वो आपसे ऐसे पेश यही आएगा।”,कॉन्स्टेबल ने हाथ जोड़कर कहा तो शक्ति ने उसे वहा से जाने को कहा और खुद अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गया। काशी का और विश्वास का ख्याल शक्ति के दिमाग से निकल चुका था अब उसके दिमाग में सिर्फ विजय चल रहा था।

हो ना हो विजय का इस केस से कुछ तो कनेक्शन था। शक्ति हल्का सा मुस्कुराया और उठकर केबिन से बाहर निकल गया।

पुलिस स्टेशन से निकलकर शक्ति सीधा काशी के कॉलेज पहुंचा। वह प्रिंसिपल से मिला और एक बार फिर विश्वास गर्ग के बारे में जाँच पड़ताल की। शक्ति विश्वास की दोस्त सुमन से भी मिला। सुमन की बातो से शक्ति समझ गया कि घी सीधी ऊँगली से नहीं निकलेगा उसे अब दुसरा तरिका ही अपनाना पडेगा। शक्ति ने धीमे स्वर में सुमन से कहा,”तुम्हारी बातो से लग रहा है कि विश्वास तुम्हारा बहुत खास दोस्त है ,

तो तुम्हे बताना चाहेंगे कि एक पुलिस अफसर पर गोली चलाने के जुर्म में विश्वास गर्ग के खिलाफ अरेस्ट वारंट निकला है। वह बच सकता है अगर वह पुलिस के सामने अपना गुनाह खुद कबूल कर ले वरना वो इनकाउंटर में मारा जा सकता है।”
शक्ति की बात सुनकर सुमन मन ही मन घबरा गया लेकिन अपने डर को उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया और कहा,”आप ये सब मुझे क्यों बता रहे है ? मुझे अगर पता होता विश्वास कहा है तो मैं खुद उसे आपके पास लेकर आती।”


“हम्म्म ठीक है जरूरत पड़ी तो हम फिर आएंगे,,,,,,,,,,,,!”,शक्ति ने कहा और वहा से चला गया लेकिन अपने पीछे छोड़ गया उलझन में पड़ी सुमन को। शक्ति ने बस ऐसे ही हवा में तीर छोड़ा था लेकिन लगा वो सही जगह जाकर।

सेलेब्रेशन कैफे , इंदौर
काशी और गौरी एक दूसरे के सामने बैठी अपने आर्डर का इंतजार कर रही थी। काशी को परेशान देखकर गौरी ने कहा,”रिलेक्स काशी , कॉफी ही तो है आ जाएगी ?”
“हम कॉफी के लिये परेशान नहीं है गौरी”,काशी ने कहा
“तो फिर ?”,गौरी ने पूछा


“हम शक्ति को लेकर परेशान है।”,काशी ने कहा
“शक्ति को क्या हुआ है ? तुम दोनों का फिर झगड़ा हुआ क्या ?”,गौरी ने पूछा
“गौरी हमे तुम्हे कुछ बताना है।”,काशी ने सीरियस होकर कहा
काशी को सीरियस देखकर गौरी भी सीरियस हो गयी और कहा,”क्या बताना चाहती हो बताओ ?”


काशी ने गौरी को शक्ति के बारे में बता दिया जब शक्ति ने उस से विश्वास के बारे मे पूछा। गौरी ने शांति से पूरी बात सुनी और कहा,”व्हाट ? लेकिन शक्ति विश्वास को कैसे जानता है ? क्या तुमने कभी शक्ति के सामने विश्वास का जिक्र किया था ?”
“नहीं गौरी हमने शक्ति के सामने कभी विश्वास का नाम भी नहीं लिया पर उस दिन जिस तरह से शक्ति हम से उसके बारे में पूछ रहा था उसे देखकर लग रहा था जैसे वो सब जानता है।”,काशी ने कहा


“काशी हो सकता है बातो में बातो में कभी तुमने ही शक्ति को विश्वास के बारे में बताया हो और शक्ति ने पूछ लिया हो। वैसे भी मैंने देखा है शक्ति तुम पर बहुत ट्रस्ट करता है तुम खामखा परेशान हो रही हो। वैसे भी तुम्हे कॉलेज छोड़े काफी टाइम हो चुका है और वो सब तुम्हारा पास्ट है तुम्हे उसे भूलकर शक्ति के साथ
अपने आज में खुश रहना चाहिए।”,गौरी ने काशी के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा


“गौरी अगर शक्ति को सच पता चला तो उसे बहुत बुरा लगेगा और हम नहीं चाहते विश्वास का सच शक्ति के सामने आये,,,,,,,,,,,,,,,,पता नहीं उसके बाद शक्ति हमारे बारे में क्या सोचेगा ? कही उसने हमे गलत समझकर छोड़ दिया तो,,,,,,,,,,,,,,,नहीं हम शक्ति को सच नहीं बता सकते।”,कहते हुए काशी की आँखों में आँसू भर आये।
गौरी ने देखा काशी की आँखों में शक्ति को खो देने का डर साफ़ दिखाई दे रहा था इसलिए उसने कहा,”चिंता मत करो काशी ,

सगाई के लिये जब मान यहाँ आएगा तब हम लोग इस बारे में उस से बात करेंगे। वैसे भी मान बहुत समझदार है वो तुम्हारी बात समझेगा भी और तुम्हे इस परेशानी से निकाल भी लेगा।”
“नहीं नहीं गौरी हम मुन्ना भैया से इस बारे में बात नहीं कर सकते , हमे कभी उस विश्वास पर भरोसा करना ही नहीं चाहिए था।”,काशी ने आँखों में आँसू भरकर कहा

गौरी का मन भी उदास हो गया और उसने कहा,”काशी ! इन सब में तुम्हारी कोई गलती नहीं है मैं तुम पर भरोसा करती हूँ और रही बात उस विश्वास की तो तुम्हे अब उसे दूर रहना चाहिए।”
“हम दूर है गौरी उस हादसे के बाद तो हम उस से कभी मिले भी नहीं थे वो तो उस दिन मंदिर में वो पता नहीं कैसे मिल गया ? उसने हम से बात की तो हमने भी दो बातें की और वहा से निकल गए। उसके बाद हमारी उस से कोई बात भी नहीं हुई।”,काशी ने कहा


“एक मिनिट काशी ! उस दिन शक्ति भी मंदिर में आने वाला था ना ? हो सकता है शक्ति मंदिर आया हो और तुम्हे विश्वास के साथ देखकर वापस चला गया हो। हम्म्म्म आई ऍम डेम स्योर यही हुआ है इसलिए शक्ति ने तुम से विश्वास के बारे में पूछा ताकि वह जान सके तुम्हारे और विश्वास के बीच क्या रिश्ता है और जब तुमने ना कहा तो शक्ति ने आगे तुम से इस बारे में कोई बात नहीं की,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम खामखा ज्यादा सोच रही हो काशी।”,गौरी ने अपनी कॉफी का कप उठाते हुए कहा


“लेकिन गौरी,,,,,,,,,,,,,,,!”,काशी ने कहा तो गौरी ने उसकी बात काटते हुए कहा,”काशी क्या तुम्हारे ना कहने के बाद शक्ति में कोई बदलाव आया ?”
“नहीं , वो तो हमारे साथ वैसा ही है जैसा पहले था,,,,,,,,,,,,,!”,काशी ने मासूमियत से कहा
“वही तो मैं कह रही हूँ तू बेवजह अपने दिमाग को इन बातो से उलझा रही हो।

शक्ति तुम से बहुत प्यार करता है और वह तुम पर बहुत भरोसा भी करता है सो अब ये सब सोचना बंद करो और ये सोचो मेरी और मान की सगाई में तुम क्या पहनने वाली हो ?”,गौरी ने कहा
“हमने अभी कुछ डिसाइड नहीं किया है।”,काशी ने अपना कप उठाते हुए कहा


“नहीं किया तो चलो अब कर लेते है,,,,,,,,,,,,,,,,,,आज हम लोग तुम्हारे लिये शॉपिंग करेंगे ठीक है।”,गौरी ने खुश होकर कहा
“ठीक है,,,,,,,,,,,!!”,कहकर काशी भी मुस्कुरा दी और फिर दोनों अपनी अपनी कॉफी खत्म कर शॉपिंग के लिये चली गयी।

बनारस , शिवम् का घर
आज कई दिनों बाद वंश का फोन आया था जिस से सारिका का मन काफी खुश था। शिवम् आज सीमेंट गोदाम ना जाकर घर पर ही था। बनारस वाला काम उसने मुरारी को सौंप दिया था इसलिए उसे ज्यादा फ़िक्र नहीं थी। शिवम् अपने कमरे में बैठा कंप्यूटर पर अपने काम का कुछ हिसाब किताब कर रहा था। सारिका जूस का गिलास लेकर शिवम् के पास आयी और कहा,”घर पर रहकर भी आपको सिर्फ काम ही करना है , इंसान को कभी कभी खुद पर भी ध्यान देना चाहिए और अपने आस पास वालो पर,,,,,,!!”


शिवम् ने सूना तो मुस्कुरा दिया सारिका कभी कभी शिवम् से वक्त को लेकर शिकायत किया करती थी और ये शिवम् को बहुत अच्छा लगता था। सारिका ने देखा शिवम् अभी भी अपने काम में लगा है तो उसने शिवम् के सामने पड़ी फाइल बंद की और कहा,”पहले ये पि लीजिये उसके बाद काम कीजिये !”


शिवम् ने जूस का गिलास ले लिया सारिका मुस्कुरा कर जाने लगी तो शिवम् ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया और कहा,”क्या बात है सरु आज आप कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रही है।”
“खुश भी है और उदास भी,,,,,,,,,,,,,!”,सारिका ने शिवम् के सामने आकर कहा
“ये क्या बात हुई खुश भी है और उदास भी,,,,,,,,,,,,,अच्छा ठीक है आप पहले हमे ये बताईये आप इतना क्यों है ?”,शिवम् ने पूछा


“आज वंश का फोन आया था। मुंबई जाकर तो वो लड़का जैसे वही का हो गया है। हमने उस से बहुत शिकायते की कि वह हमे रोज फोन क्यों नहीं करता ? उसने बताया वो अपने काम में इतना बिजी रहता है कि वक्त ही नहीं मिलता लेकिन हमने तो उस से कह दिया भले ही 2 मिनिट बात करे लेकिन हमे फोन जरूर करे,,,,,,,,,,,,,,,उसकी आवाज से लग रहा था उसे ठण्ड लगी है , आपको तो पता ही है खुद को लेकर वो लड़का कितना लापरवाह है

जरूर बारिश में भीगा होगा या कुछ ठंडा खाया होगा लेकिन उसने हमे नहीं बताया कि उसे ठंड लगी है,,,,,,,,,,,,,सोचता होगा माँ परेशान हो जाएगी , लेकिन हम भी तो उसकी माँ है उसकी आहट से उसे पहचान लेते है। उसने फोन किया और बताया कि वो वहा खुश है बस इसलिए खुश है। हमारा बेटा बहुत मेहनत कर रहा है शिवम् जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,महादेव उसका हर सपना पूरा करे।”
“हम्म्म तो आपके खुश होने की ये वजह है और अब ये बताईये कि आप उदास क्यों है ?”,शिवम् ने पूछा


 शिवम् ने उदासी का कारण पूछा तो सारिका के चेहरे पर उदासी के भाव तैर गयी और वह कहने लगी,”मुरारी और अनु के बीच झगड़ा हुआ है और इस बार तो ये झगड़ा इतना बढ़ गया है कि वो दोनों एक दूसरे से सीधे मुँह बात तक नहीं कर रहे है।”
“झगड़ा हुआ है , लेकिन किस बात को लेकर ? और मुरारी ने हमे क्यों नहीं बताया ?”,शिवम् ने हैरानी से पूछा


“अरे कौन मुंह से बताई है उह मुरारिया , तुमको बताय के जूते चप्पल थोड़े ना खाने है उसको”,कमरे के सामने से गुजरती आई ने कहा
“आई,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा तो शिवम् ने सारिका की तरफ देखकर पूछा,”सरु क्या आप हमसे कुछ छुपा रही है ?”
सारिका ने शिवम् की तरफ देखा वह चाहकर भी शिवम से झूठ नहीं बोल सकती थी इसलिए सारिका ने शिवम् को सारी बाते बता दी।

शिवम् ख़ामोशी से सब सुनता रहा और पूरी बात सुनने के बाद कहा,”हमे ही पता ही था जे होना है , ये तो हम उसी शाम समझ गए थे जब विधायक जी उन मोहतरमा के बंगले के लिये अकेले ही माखन से भिड़ गए थे।”
शिवम् की बात सुनकर सारिका हैरानी से शिवम् को देखने लगी , शिवम् उर्वशी को पहले जानता जानकर भी सारिका काफी हैरान थी।
“जब आपको सब पता था तो फिर आपने मुरारी को क्यों नहीं रोका ?”,सारिका ने पूछा


“सरु ! भेड़िये की मौत आती है तब वह शहर की तरफ भागता है और मुरारी का बुरा समय आता है तब वह महिला मित्रो की तरफ हम तो ये कहेंगे अनु को इस बार सख्त हो जाना चाहिए और मुरारी को हरगिज माफ़ नहीं करना चाहिए।”,शिवम् ने कहा
“हाह ! ये कैसी बाते कर रहे है आप ? मुरारी आपका भाई और अनु हमारी बहन और इस वक्त उन दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं है , उनके बीच सब सही करने के बजाय आप ये सब बोल रहे है।

कुछ दिनों बाद मुन्ना की सगाई है ऐसे में वो दोनों झगड़ के बैठ जायेंगे तो कैसे चलेगा ? आप हमारे लिए मुरारी से बात करेंगे और समझायेंगे उन्हें”,सारिका ने शिवम् का हाथ थामकर प्यार से कहा
“ठीक है हम बात करेंगे , लेकिन अपने तरीके से,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कुछ सोचते हुए कहा तो सारिका मुस्कुरा दी और वहा से चली गयी।

शाम में शिवम् ने मुरारी को फोन किया और घाट पर बुलाया। मुरारी भी आज्ञाकारी भाई की तरह शिवम् से पहले ही घाट पर पहुँच गया। घाट की सीढ़ियों पर बैठा मुरारी उदास होकर हाथ में पकडे छोटे छोटे पत्थर पानी में फेंक रहा था। कुछ देर बाद शिवम आया और आकर उसके बगल में बैठते हुए कहा,”जॉन पत्थर तुम घाट में फेंक रहे हो ना मुरारी जे ही पत्थर तुम्हरी किस्मत में पड़ेंगे।”


“अरे भैया किस्मत मे पत्थर नहीं बल्कि पत्थरो में हमरी किस्मत पड़ी है। साला ले उम्र में भी सुकून ना है जिंदगी में,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“कैसे होगा भैया ? अपनी जिंदगी में चरस बोने का ठेका जो ले रखा है तुमने,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
“हमको जे बताओ आप हमको यहाँ काहे बुलाये है ? हमरे जले पर नमक छिड़कने,,,,,,,,,,,,,,,,,तो इस से बढ़िया है जे सामने रही गंगा मैया जे मा धक्का देइ दयो हमका सब झंझट ही खत्म हो जाई।”,मुरारी ने शिवम् की तरफ देखकर कहा


“अरे अरे तुम तो इमोशनल हो गए मुरारी , अच्छा जे बताओ इतना परेशान काहे हो ? घर मा सब ठीक है ना ?”,शिवम् ने पूछा
“का बताये भैया ? भौकाल जैसी लड़की से सादी किये रहय अब ससुरी जिंदगी भौकाल हुई पड़ी है।”,मुरारी ने अपना रोना रोते हुए कहा
“ठीक से बताओगे कि दे दे गंगा मैया में धक्का,,,,,,,,!!”,मुरारी का विलाप सुनकर शिवम् ने कहा तो मुरारी ने एक साँस में सारी कहानी शिवम् को कह सुनाई। शिवम् ने सूना तो आँखे हैरानी से खुली की खुली रह गयी।


“साले मुरारी जे उम्र माँ जे सब करते सोभा देता है तुमको ? तुम भूल रहे हो तुम शादीशुदा हो और एक बेटे के बाप हो , और कुछ दिनों बाद तुम्हरे उसी बेटे की सगाई है जे के बाद भी तुम जे रंगबाजी कर रहे हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,कोनो लाज सरम नहीं है तुम मा ?”,शिवम् ने गुस्से से कहा
“अरे भैया लाज और सरम दोनों है पर का करे है तो मर्द ही ना , फिसल जाते है कभी कभी,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने अपनी मज़बूरी बताई


“तुम्हरे जे फिसलने के चक्कर में लग गयी ना तुम्हरी लंका , अब अनु को जाकर कौन समझायेगा कि तुम्हरी सिर्फ हरकते गलत है नियत नहीं,,,,,,,,,,,!!”,शिवम ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“अरे भैया अब आप ही का सहारा है , जैसे 27 साल पहले समझाया था इह बार भी समझाय दयो का है कि सालिया अपने जीजा की बात जल्दी सुनती है बाकी हम वादा करते है आज के बाद जे सब रंगबाजी छोड़ देंगे कसम से,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने हाथ जोड़ते हुए कहा


“ठीक है , हम करते है बात अनु से और भी तुम भी आज के बाद उनके आस पास नजर नहीं आओगे,,,,,,,!!”,शिवम् ने उठते हुए कहा
“किन के भैया ?”,मुरारी ने पूछा
“वही जिनकी वजह से जे सब बवाल हुआ है,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा तो मुरारी की आँखों में चमक और होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी और उसने कहा,”वैसे भैया कुछ भी कहो बहुते बवाल है उह,,,,,,,,,,,,,मतलब कतई जहर”


शिवम् ने सूना तो अपने पैर से जुत्ती निकाली , मुरारी समझ चुका था कि उसे अब पड़ने वाली है इसलिए वह वहा से भाग गया। शिवम् ने उसके पीछे अपनी जुत्ती फेंकी और कहा,”अबे सुधर जाओ मुरारी।”

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संजना किरोड़ीवाल  

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