“मैं तेरी हीर” – 28
Main Teri Heer – 28
Main Teri Heer – 28
दिवाली की वो रात सबके लिए यादगार बन चुकी थी। शिवम् सारिका अपने पुरे परिवार के साथ थे खुश थे। मुरारी ने इतना अच्छा गाना गाकर महफ़िल जमा दी तो वही अनु को छेड़कर उसे मनाते घूम रहा था। काशी जिस लड़के से मिलने के लिए महादेव से दुआ कर रही थी , वह लड़का खुद काशी के सामने आया था। मुन्ना कॉलेज में होने वाले इलेक्शन को लेकर तैयार था तो वही मुन्ना पर आने वाले खतरे को वंश ने अपने ऊपर ले लिया और मुन्ना को इस बात का अहसास भी नहीं होने दिया। खाना खाने के बाद सभी बाहर घर के आँगन में आ बैठे और बतियाने लगे। वंश के हाथ में चोट लगी थी और घाव भी था इसलिए उसने उठते हुए कहा,”मैं वाशरूम होकर आता हूँ”
वंश वहा से चला गया तो बाबा ने कहा,”भई आज तो मुरारी ने क़माल कर दिया , का गाना गया मुरारी पूरी की पूरी महफ़िल लूट ली तुमने”
“अरे बाबा बस आपका आशीर्वाद है , वैसे भी असली बनारसी तो वही है जो अपनी मस्ती में जिए ,, क्यों बाबा ?”,मुरारी ने कहा
“बिल्कुल सही कहा मुरारी , बचपन में कैसे शरारतें किया करते थे तुम और शिवा और कैसे कावेरी को दिनभर अपने पीछे दौड़ाते थे तुम दोनों”,बाबा ने कहा तो सब हसने लगे
“अरे बाबा सिर्फ दौड़ती नहीं थी आई की चप्पल का निशाना सीधा बैठता था हमारी पीठ पर उह तो ओलम्पिक में ना गयी जे वरना पक्का मैडल लेकर आती ,, अपनी उम्र से दुगुने चप्पल खाये है हम”,मुरारी ने कहा
“तुम्हारी हरकते भी तो मार खाने जैसी थी ना मुरारी”,आई ने कहा
“अरे आई जब तक तुमसे दो बात ना सुन ले चैन कहा है इसको , क्यों मुरारी ?”,इस बार शिवम ने कहा
“हां हां भैया कर लो टाँग खिंचाई”,मुरारी ने कहा तो शिवम् मुस्कुराने लगा
“अरे चाचा डोंट वरी मुसीबते उसी पर आती है जो बहादुर होता है”,काशी ने कहा तो मुरारी काशी की तरफ झुका और फुसफुसाते हुए कहा,”तुम्हारी मौसी से प्यार किया , शादी की हमसे बड़ा बहादुर कौन होगा बनारस में ?”
कहते हुए काशी और मुरारी दोनों खी खी करके हसने लगे। अनु ने देखा तो मुरारी को घूरते हुए कहा,”क्या कहा ?”
“अरे अरे हम तो कह रहे है बहादुर है तभी तो इतनी सुन्दर बीवी मिली है हमें”,मुरारी ने खुद के बचाव में कहा
सभी वही बैठकर हंसी मजाक करने लगे , वंश वापस नहीं आया लेकिन सब बातो में इतना बिजी थे की किसी का ध्यान ही नहीं गया। मुरारी बाबा की तरफ पलटा और कहा,”अच्छा बाबा कुछ दिन पहले चाचा का फोन आया था हमारे पास , उह कह रहे थे की नोयडा में एक लड़का है ,, अच्छे घर का , अच्छा परिवार है और तो और इकलौता है। क्यों ना काशी के लिए देख लिया जाये,,,,,,,,,,,,,,,,शादी की अभी जल्दी नहीं है उन्हें”
“मुरारी तुम्हारे चाचा ने बताया है तो अच्छा ही होगा , पर जे बात तुम शिवा से कहो तो ज्यादा सही है ,, वह इस बारे में क्या सोचता है ?”,बाबा ने कहा
“कैसी बाते कर रहे है बाबा ? हमसे पहले आप और आई है इस घर में आप दोनों जो फैसला लेंगे वो हम मानेंगे लेकिन इतनी जल्दी काशी की शादी हमे ये विचार सही नहीं लग रहा। अभी कॉलेज में उसका अंतिम वर्ष है उसके बाद इसकी आगे की पढाई भी बाकि है ,, जब तक काशी अपने पैरो पर खड़ी नहीं होती इसकी शादी के बारे में सोचना हमे सही नहीं लगता”,शिवम् ने कहा
काशी ने सूना तो शिवम् को देखकर मुस्कुरा उठी वह बहुत खुश थी की उसके पापा उसे कितना समझते है। वह बस ख़ामोशी से सब सुनते रही। मुरारी ने सूना तो कहा,”भैया एक बार देखने में का बुराई है , और पढाई तो शादी के बाद भी जारी रहेगी काशी की”
“मुरारी हमने कह दिया ना , वैसे भी मुन्ना और वंश काशी से बड़े है हम सोच रहे है पहले वो दोनों अपनी पढाई पूरी करे। अपने पैरो पर खड़े हो जाये उसके बाद उनमे से किसी एक की शादी पहले हो”,शिवम् ने कहा
“जे तो तुमने हमरे मन की बात कह दी शिवा”,आई ने खुश होकर कहा
“दी हम लोग भी सास बनने वाली है अब”,अनु ने खुश होकर कहा तो सारिका मुस्कुरा दी और फिर धीरे से कहा,”अभी ये तीनो बच्चे है इतनी जल्दी इन पर ये सब जिम्मेदारियां डालना गलत होगा। मुन्ना फिर भी समझदार है लेकिन वंश,,,,,,,वंश तो आज भी बच्चा है”
“ये आपने सही कहा भाभी,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और फिर सब बीती बातो को याद करने लगे। काशी ने देखा वंश अभी तक नहीं आया है तो वह उठी और अंदर चली आयी।
ऊपर अपने कमरे में बैठा वंश हाथ में लगी चोट पर डेटोल लगाकर खून को साफ करने की कोशिश कर रहा था लेकिन दर्द और जलन की वजह से नहीं कर पाया।
वंश को ढूंढते हुए काशी उसके कमरे में चली आयी जब उसने वंश के हाथ पर लगी चोट देखी तो घबराकर उसके सामने आ बैठी और उसका हाथ देखते हुए कहा,”वंश भैया ये चोट कैसे लगी आपको ? देखिये कितना गहरा जख्म है हम अभी माँ को बुलाकर लाते है”
वंश ने काशी का हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा,”नहीं काशी माँ को इसके बारे में मत बताना , खामखा परेशान हो जाएगी”
“लेकिन देखिये ना कितनी गहरी चोट लगी है आपको , आप चलो नीचे अभी डॉक्टर के पास चलते है”,काशी ने कहा
“काशी बाबू हमारी बात सुनो , आज दिवाली है सब कितने खुश है अगर नीचे सबको इस चोट के बारे में पता चला तो सब परेशान हो जायेंगे और पापा तो मुझे डाँट भी देंगे। मैं बिल्कुल ठीक हूँ देखो कुछ नहीं हुआ है”,वंश ने कहा
“ठीक है , अगर आप नीचे नहीं जा रहे तो हम आपके हाथ पर दवा लगा देते है”,काशी ने उठते हुए कहा और नीचे जाकर फर्स्ट ऐड बॉक्स ले आयी। उसने वंश के हाथ पर दवा लगाईं और पट्टी बांधते हुए कहने लगी,”ये चोट कैसे लगी आपको ? जरुर आप फिर से कोई ना कोई शरारत कर रहे होंगे ,, कितनी बार कहा है मुन्ना भैया ने आपसे लेकिन आप किसी की नहीं सुनते अब लग गयी ना चोट,,,,,,,,,,,,,,,माँ को पता चलेगा तो परेशान हो जाएगी वो , वंश भैया आप अपना ख्याल क्यों नहीं रखते ?”
“काशी तुम तो माँ से भी ज्यादा लेक्चर दे रही हो मुझे”,वंश ने मुंह बनाते हुए कहा
“अच्छा वैसे थोड़ी देर पहले ही आपकी शादी की बात चल रही थी”,काशी ने शरारत से कहा
“अच्छा ,,,,,,,,,,,,,,,,, बताओ बताओ क्या कहा सबने ?”,वंश ने आँखे चमकाते हुए कहा
“क्या बात है आपको बड़ी जल्दी है शादी की ? कही वो कॉलेज वाली लड़की के साथ आपका,,,,,,,,!!”,काशी ने वंश की आँखों में देखते हुए पूछा
“मुझे शादी की जल्दी नहीं है काशी शादी के बाद बाहर घूमने जाने को मिलेगा , केन यू इमेजिन ?”,वंश ने आँखों में चमक भरते हुए कहा
“वंश भैया जब देखो तब यहाँ से भागने की लगी रहती है आपको”,काशी ने वंश को घूरते हुए कहा
“मेरा बस चले ना काशी तो एक बार यहाँ से जाने के बाद मैं बनारस कभी वापस ही ना आउ”,वंश ने कहा
“आप बहुत बुरे हो हमे आपसे बात नहीं करनी”,कहते हुए काशी उठी और जाने लगी तो वंश ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस बैठाते हुए कहा,”अरे बाबा मजाक कर रहा हूँ तुम्हे लगता है तुम्हारे हिटलर पापा मुझे जाने देंगे”
“हमारे पापा को हिटलर मत कहो आप वो बहुत अच्छे है”,काशी ने मुंह बनाकर
“अच्छा सॉरी वैसे तुम्हारे लिए मेरे पास कुछ है , ज़रा वो ड्रावर खोलना”,वंश ने काशी को मनाने के लिए कहा
काशी ने ड्रावर खोला उसमे एक बड़ा सा डिब्बा रखा था जिसमे ढेर सारे चॉकलेट्स रखे थे। काशी ने देखा तो खुश होकर पूछा,”ये हमारे लिए है ?”
“हां सब तुम्हारे लिए है , हैप्पी दिवाली”,वंश ने मुस्कुराते हुए कहा तो काशी उसके गले आ लगी और कहा,”हैप्पी दिवाली भैया एंड थैंक्यू फॉर दिस”
काशी वंश से दूर हटी एक चॉकलेट खोला आधा खुद खाया और आधा वंश को खिलाया तो वंश ने खाते हुए कहा,”लेकिन उस छिपकली को ये सब मत दिखाना वरना वो सब खा जाएगी और तुम्हारे पास सिर्फ डिब्बा बचेगा”
वंश को शायद अंदाजा भी नहीं था की अंजलि दरवाजे पर खड़ी सब सुन रही है जैसे ही उसने सूना वह वंश के पास आयी और पास पड़ा कुशन वंश के सर पर मारते हुए कहा,”और आप हो उस डिब्बे के ढक्कन , आपको तो हम छोड़ेगे नहीं वंश भैया”
अंजलि को वहा देखकर वंश जल्दी से उठा और अंजलि से बचते हुए कहा,”ए छिपकली तुम मेरे कमरे में क्या कर रही हो ?”
“मेरा कमरा तो ऐसे बोल रहे हो जैसे किसी रियासत के राजकुमार हो आप , बड़े मामा को कहा ना तो ये कमरा आपका नहीं रहेगा”,अंजलि ने वंश को घूरते हुए कहा।
“हम अच्छे मूड में है छिपकली हमारा मूड खराब मत करो”,वंश ने खुद को बचाते हुए कहा
“आपकी शक्ल ही ऐसी है वंश भैया की आपको देखते ही सबका मूड खराब हो जाये”,अंजलि ने चिढ़ते हुए कहा
काशी एक कोने में बैठकर मजे से चॉकलेट खा रही थी , वंश और अंजलि की लड़ाई वो बचपन से देखते आ रही थी इसलिए उसे कोई फर्क नहीं पड़ा। अंजलि वंश के सामने आयी और उसके बाल नोच डाले , वंश ने उसके बाल खींच दिए दोनों बच्चो की तरह लड़ झगड़ रहे थे। काशी ने देखा बात ज्यादा बढ़ गयी है तो उसने दोनों के बीच में आकर उन्हें अलग करते हुए कहा,”टाइम अप , अंजलि तुम ये खाओ”
कहते हुए काशी ने चॉकलेट का डिब्बा अंजलि को थमा दिया और वंश की तरफ पलटकर उसके नोचे जा चुके बालो को सही करते हुए कहा,”क्यों परेशान करते हो आप इसे ?”
“ये खुद आकर मुझसे झगड़ती है , वैसे भी इसे परेशान करने में जो सुकून है ना वो दुनिया की किसी चीज में नहीं है”,वंश ने अंजलि की तरफ देखकर कहा
तो अंजलि ने मुंह बना दिया। वंश को लगा की उसने कुछ ज्यादा ही छेड़ दिया तो उसने कहा,”अच्छा अंजलि कल ना मैं और काशी गोलगप्पे खाने जा रहे है तुम चाहो तो तुम भी चल सकती हो”
“गोलगप्पे का नाम आये और हमारी अंजलि ना पिघले ऐसे कैसे हो सकता था ? उसने तुरंत हामी भर दी तो वंश उसकी बगल आ में बैठा और डिब्बे से एक चॉकलेट उठाकर खाते हुए कहा,”इतना खाओगी तो मोटी हो जाओगी”
लेकिन इस बार अंजलि ने वंश से चिढ़ने के बजाय डिब्बा उसकी ओर बढ़ा दिया। काशी ने देखा कुछ देर पहले बुरी तरह लड़ने झगड़ने वाले वंश और काशी अब साथ बैठकर चॉकलेट खा रहे थे और बातें कर रहे थे। काशी उन्हें देखकर मुस्कुरा उठी।
इंदौर , मध्य-प्रदेश
दिवाली की रात अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी गौरी अपने लेपटॉप में कोई मूवी देख रही थी। कुछ देर बाद ही उसका फोन बजा , गौरी ने देखा फोन ऋतू
का था। गौरी ने मूवी को पोज किया और फोन उठाकर कहा,”हैप्पी दिवाली”
“हैप्पी दिवाली , कहा हो तुम ? और आज दिवाली सेलेब्रेशन में क्यों नहीं आयी तुम ? हमारे सब फ्रेंड्स यहाँ है बस तुम नहीं हो”,ऋतू ने कहा
“मुझे ये फेस्टिवल वगैरहा में कोई इंट्रेस्ट नहीं है , मैं शांति से बैठकर अपनी फेवरेट मूवी देख रही हूँ”,गौरी ने मुस्कुराते हुए कहा
ऋतू बात कर ही रही थी की तभी पास खड़ी प्रिया ने ऋतू से फोन लेकर कहा,”हे गौरी अपना फेसबुक चेक करो मैंने तुम्हे एक पोस्ट के साथ टैग किया है”
“प्रिया पिछले 6 महीने से मैंने अपना फेसबुक अकाउंट खोलकर नहीं देखा , तू एक काम कर व्हाट्सप्प कर दे”,गौरी ने कहा
“पर तू तो ऑनलाइन शो हो रही है”,प्रिया ने हैरानी से कहा
“वो मेरे छोटे भाई जय की वजह से , वो गधा पता नहीं दिनभर क्या करता रहता है ? खैर तू मुझे व्हाट्सप्प कर देना एंड हां हैप्पी दिवाली”,गौरी ने कहा
“हैप्पी दिवाली , यार काश काशी भी यहाँ होती तो हम सब साथ में सेलेब्रेशन करते ,, ए गौरी क्यों ना हम सब बनारस चले काशी को सरप्राइज देने”,प्रिया ने कहा
“प्रिया , नेक्स्ट वीक काशी आ ही रही है तो हम लोग जाकर क्या करेंगे ?”,गौरी ने कहा
“काशी ने बताया था की बनारस बहुत खूबसूरत शहर है”,प्रिया ने कहा
“काशी के साथ रहकर तुम दोनों भी उसकी तरह हो गयी हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट एक मिनिट कही बनारस जाकर तुम दोनों काशी के उस फ्लर्टी भाई से मिलने का तो नहीं सोच रही ?”,गौरी ने अपने आखरी शब्दों पर थोड़ा जोर देकर कहा
प्रिया समझ गई की गौरी ने उसकी बात पकड़ ली है इसलिए कहा,”चल बाय कल मिलते है”
“बाय”,गौरी ने मुस्कुरा कर कहा और फोन वापस साइड में रख दिया। उसने एक बार मूवी शुरू करने के लिए लेपटॉप की तरफ हाथ बढ़ाया की अचानक उसे वंश का ख्याल आया और उसने लेपटॉप बंद करते हुए कहा,”वंश गुप्ता,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्रेज़ी बॉय”
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क्या वंश की फ्रेंड रिक्वेस्ट गौरी के भाई “जय” ने रिजेक्ट की थी ? क्या गौरी कभी बनारस जाएगी ? क्या मुन्ना और राजन के बीच इलेक्शन फॉर्म को लेकर कुछ बड़ा होने वाला है ? जानने के लिए पढ़ते/सुनते रहे “मैं तेरी हीर”
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 29
Read More – “मैं तेरी हीर” – 27
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संजना किरोड़ीवाल
दिवाली की वो रात सबके लिए यादगार बन चुकी थी। शिवम् सारिका अपने पुरे परिवार के साथ थे खुश थे। मुरारी ने इतना अच्छा गाना गाकर महफ़िल जमा दी तो वही अनु को छेड़कर उसे मनाते घूम रहा था। काशी जिस लड़के से मिलने के लिए महादेव से दुआ कर रही थी , वह लड़का खुद काशी के सामने आया था। मुन्ना कॉलेज में होने वाले इलेक्शन को लेकर तैयार था तो वही मुन्ना पर आने वाले खतरे को वंश ने अपने ऊपर ले लिया और मुन्ना को इस बात का अहसास भी नहीं होने दिया। खाना खाने के बाद सभी बाहर घर के आँगन में आ बैठे और बतियाने लगे। वंश के हाथ में चोट लगी थी और घाव भी था इसलिए उसने उठते हुए कहा,”मैं वाशरूम होकर आता हूँ”
वंश वहा से चला गया तो बाबा ने कहा,”भई आज तो मुरारी ने क़माल कर दिया , का गाना गया मुरारी पूरी की पूरी महफ़िल लूट ली तुमने”
“अरे बाबा बस आपका आशीर्वाद है , वैसे भी असली बनारसी तो वही है जो अपनी मस्ती में जिए ,, क्यों बाबा ?”,मुरारी ने कहा
“बिल्कुल सही कहा मुरारी , बचपन में कैसे शरारतें किया करते थे तुम और शिवा और कैसे कावेरी को दिनभर अपने पीछे दौड़ाते थे तुम दोनों”,बाबा ने कहा तो सब हसने लगे
“अरे बाबा सिर्फ दौड़ती नहीं थी आई की चप्पल का निशाना सीधा बैठता था हमारी पीठ पर उह तो ओलम्पिक में ना गयी जे वरना पक्का मैडल लेकर आती ,, अपनी उम्र से दुगुने चप्पल खाये है हम”,मुरारी ने कहा
“तुम्हारी हरकते भी तो मार खाने जैसी थी ना मुरारी”,आई ने कहा
“अरे आई जब तक तुमसे दो बात ना सुन ले चैन कहा है इसको , क्यों मुरारी ?”,इस बार शिवम ने कहा
“हां हां भैया कर लो टाँग खिंचाई”,मुरारी ने कहा तो शिवम् मुस्कुराने लगा
“अरे चाचा डोंट वरी मुसीबते उसी पर आती है जो बहादुर होता है”,काशी ने कहा तो मुरारी काशी की तरफ झुका और फुसफुसाते हुए कहा,”तुम्हारी मौसी से प्यार किया , शादी की हमसे बड़ा बहादुर कौन होगा बनारस में ?”
कहते हुए काशी और मुरारी दोनों खी खी करके हसने लगे। अनु ने देखा तो मुरारी को घूरते हुए कहा,”क्या कहा ?”
“अरे अरे हम तो कह रहे है बहादुर है तभी तो इतनी सुन्दर बीवी मिली है हमें”,मुरारी ने खुद के बचाव में कहा
सभी वही बैठकर हंसी मजाक करने लगे , वंश वापस नहीं आया लेकिन सब बातो में इतना बिजी थे की किसी का ध्यान ही नहीं गया। मुरारी बाबा की तरफ पलटा और कहा,”अच्छा बाबा कुछ दिन पहले चाचा का फोन आया था हमारे पास , उह कह रहे थे की नोयडा में एक लड़का है ,, अच्छे घर का , अच्छा परिवार है और तो और इकलौता है। क्यों ना काशी के लिए देख लिया जाये,,,,,,,,,,,,,,,,शादी की अभी जल्दी नहीं है उन्हें”
“मुरारी तुम्हारे चाचा ने बताया है तो अच्छा ही होगा , पर जे बात तुम शिवा से कहो तो ज्यादा सही है ,, वह इस बारे में क्या सोचता है ?”,बाबा ने कहा
“कैसी बाते कर रहे है बाबा ? हमसे पहले आप और आई है इस घर में आप दोनों जो फैसला लेंगे वो हम मानेंगे लेकिन इतनी जल्दी काशी की शादी हमे ये विचार सही नहीं लग रहा। अभी कॉलेज में उसका अंतिम वर्ष है उसके बाद इसकी आगे की पढाई भी बाकि है ,, जब तक काशी अपने पैरो पर खड़ी नहीं होती इसकी शादी के बारे में सोचना हमे सही नहीं लगता”,शिवम् ने कहा
काशी ने सूना तो शिवम् को देखकर मुस्कुरा उठी वह बहुत खुश थी की उसके पापा उसे कितना समझते है। वह बस ख़ामोशी से सब सुनते रही। मुरारी ने सूना तो कहा,”भैया एक बार देखने में का बुराई है , और पढाई तो शादी के बाद भी जारी रहेगी काशी की”
“मुरारी हमने कह दिया ना , वैसे भी मुन्ना और वंश काशी से बड़े है हम सोच रहे है पहले वो दोनों अपनी पढाई पूरी करे। अपने पैरो पर खड़े हो जाये उसके बाद उनमे से किसी एक की शादी पहले हो”,शिवम् ने कहा
“जे तो तुमने हमरे मन की बात कह दी शिवा”,आई ने खुश होकर कहा
“दी हम लोग भी सास बनने वाली है अब”,अनु ने खुश होकर कहा तो सारिका मुस्कुरा दी और फिर धीरे से कहा,”अभी ये तीनो बच्चे है इतनी जल्दी इन पर ये सब जिम्मेदारियां डालना गलत होगा। मुन्ना फिर भी समझदार है लेकिन वंश,,,,,,,वंश तो आज भी बच्चा है”
“ये आपने सही कहा भाभी,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और फिर सब बीती बातो को याद करने लगे। काशी ने देखा वंश अभी तक नहीं आया है तो वह उठी और अंदर चली आयी।
Bhut hi shaandaar part tha pakka vansh ki friend request jai n hi reject ki hogi agey to bhut hi mazaa aane wala h story m
reject to jai ne hi ki h SB confirm ho gya re baba lekin jhamela ye h ki entry kiski kaha hogi he dekhne ke liye wait na hota haumse sorry ha mam thoda masti mood tha story such me bht achi chal ri h or shivam is always best kyuki usme har ek bt ki samjh h rishte dosti pyar SB bht ache se nibhaya usne he is my favourite in this story ranjhana me v or yaha v thank u mam story ke liye
Nice story
Lagta hai aage chal ke thoda bawal machne wala hai story mai 😯
सबकुछ तो आप लिख देती हो लाह्या में संजना जी कि कुछ लिखने की जरूरत नहीं पड़ती है…पर कल गोर्वधन को इस भूपण की तुड़ाई पक्की ना…अरे उसने शिवा के घर चल जश्न में भंग डालने की कोशिश की और वौश को भी जख्मी किया…अब कल देखना होगा कि बाजार में गोल गप्पे खाने के दौरान वंश, काशी और अंजली को राजन तो परेशान नहीं करेगा?
Very beautiful
Ohh matlab gauri nahi jai ne request delete ki vansh ki, aah bechara vansh, wese vansh or anjali ladai krte hue bhut cute lagte hai.
Very nice
vansh ne abhi to chupa liya h pr munna se jada der ni chupa payega..fr is bhushan k bhoo or shan alg hone pkke h 😂😂😂
Anjali or vansh wali ladai hmare sath ni hui kbhii..kitna mja ata na 🤣🤣
Gori k bhai ne request reject ki or vansh ne smjha ki gori ni ki h or block kr diya🤣🤣🤣🤣🤣
Nice part pr Anjali aur vansh ki ladai maze ki hoti hai sachi hi kaha hai behan bhai mey ladai nah ho toh ghr mey ronak bhi nhi rehti