मैं तेरी हीर – 23
Main Teri Heer – 23
Main Teri Heer – 23
इंदौर , अधिराज जी का घर
सुबह सुबह काशी अपने कमरे में नहाकर आयी और शीशे के सामने आकर अपने गीले बालों को पोछने लगी। बालों को पोछते हुए काशी को अहसास हुआ जैसे कमरे की खिड़की पर कोई है और उसे देख रहा है। काशी ने एकदम से खिड़की की तरफ देखा तो पाया वहा कोई नहीं था। अपना वहम समझकर काशी एक बार फिर अपने बालों को पोछने लगी।
खिड़की की दिवार के पास छुपा शख्स वापस खिड़की के किनारे आया और काशी को देखने लगा। काशी ने अपने बालों को सुखाया और नार्मल मेकअप करके कमरे से बाहर चली गयी। काशी के जाते ही लड़का खिड़की से कमरे के अंदर आया और कुछ ढूंढने लगा। वह जल्दी जल्दी कमरे में यहाँ वहा कुछ ढूंढ रहा था तभी कमरे का दरवाजा खुला लड़का घबरा गया और जाकर पर्दो के पीछे छुप गया।
काशी अंदर आयी और टेबल पर रखा अपना फोन उठाकर जैसे ही जाने लगी यकायक उसकी नजर पर्दो पर गयी। वहा किसी के होने का आभास कर काशी धीरे धीरे उस तरफ बढ़ने लगी। काशी को अपनी ओर आते देखकर लड़के ने अपनी सांसे रोक ली। उसके माथे से पसीने की बुँदे टपकने लगी और दिल तेजी से धड़क रहा था। काशी ने जैसे ही परदे की तरफ अपना हाथ बढ़ाया लड़के ने डरकर अपनी आँखे मूँद ली। काशी परदे को हटा पाती इस से पहले ही अधिराज जी ने कमरे में आकर कहा,”काशी चलो बेटा देर हो रही है।”
“जी नानू , हम बस अपना फोन लेने आये थे।”,काशी ने परदे के सामने से हटकर अधिराज की तरफ आते हुए कहा। काशी को जाते देखकर लड़के ने चैन की साँस ली और वही खड़ा रहा। जाते जाते काशी ने पलटकर पर्दो को देखा लेकिन वह उसके पीछे छुपे लड़के को नहीं देख पायी और अधिराज जी के साथ चली गयी।
अधिराज जी और काशी घर से बाहर आये। अम्बिका जी पहले से तैयार होकर बाहर ही खड़ी थी। अधिराज जी ने नौकर से घर का ध्यान रखने को कहा और सभी आकर गाड़ी में बैठ गयी। काशी और अम्बिका पीछे आ बैठी और अधिराज जी ड्राइवर के बगल वाली सीट पर आ बैठे। अधिराज जी के कहने पर ड्राइवर ने गाडी आगे बढ़ा दी।
“काशी ! तुमने शक्ति से बात की , वो मंदिर आ रहे है ना ?”,अधिराज जी ने पलटकर काशी से कहा
“नानू मंदिर पहुंचकर हम उसे फोन कर देंगे , वैसे भी उसका ऑफिस वहा से पास में ही है और शक्ति को आने में ज्यादा टाइम भी नहीं लगेगा।”,काशी ने कहा
“ठीक है बेटा,,,,,,,,,,,,,अम्बिका जी क्या आपकी अनु और छोटे दामाद जी से बात हुई , मुन्ना की सगाई के बारे में क्या सोचा है उन्होंने पंडित से कहकर कोई तारीख निकलवाई के नहीं ?”,अधिराज जी ने अम्बिका से पूछा
“कल शाम ही अनु से बात हुई थी लेकिन उसने ऐसा तो कुछ नहीं बताया , हाँ वो ये जरूर कह रही थी कि छोटे दामाद जी नया काम शुरू कर रहे है वही बनारस में,,,,,,,,,,,!!”,अम्बिका ने कहा
“नया काम ? लेकिन उन्हें काम करने की क्या जरूरत है ? विधायकी के बाद क्या उनका मन कही और लग पायेगा ? वैसे भी छोटे दामाद जब तक किसी को डांट डपट ना दे उनका मन थोड़े ना लगेगा”,अधिराज जी ने हँसते हुए कहा
“नानू ! आप हमारे सामने मुरारी चाचा के लिये ये सब कह रहे है ? हमने उन्हें बता दिया तो क्या होगा ?”,काशी ने अपनी आँखों को छोटा करते हुए कहा
“अरे काशी हम कौनसा गलत कह रहे है ? तुम बताओ क्या तुम्हारे मुरारी चाचा ऐसा कोई काम कर पाएंगे जिसमे अनुशासन हो।”,अधिराज जी ने कहा
“नानू वो मुरारी चाचा की पर्सनालिटी है , वो हमेशा से ऐसे ही रहे है बिंदास और मस्त और फिर आप भी तो कहते है ना कि वो सिर्फ आदमी टेढ़े है बाकी हमेशा सही बात करते है। हमे तो हमारे मुरारी चाचा बहुत पसंद है बनारस में सबसे फेवरेट है वो हमारे,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने मुरारी की साइड लेते हुए कहा
“पसंद तो हमे भी है तभी तो तुम्हारी अनु मौसी की शादी उन से कर दी,,,,,,,,,,,!!”,अधिराज जी ने कहा तो अम्बिका मुस्कुरा उठी
“अनु ने ये भी बताया कि अगले महीने मुन्ना बैंगलोर जा रहा है , दामाद जी के किसी दोस्त की कम्पनी है उसी में मुन्ना को नौकरी मिली है।”,अम्बिका ने कहा
“अरे जब खुद का बिजनेस है तो मुन्ना को नौकरी क्यों करनी है ? हमने उस से कहा था यहाँ इंदौर आये और हमारी कम्पनी सम्हाले लेकिन वो पट्ठा सुनता कहा है ? पहले वो बनारस से बाहर जाना नहीं चाहता था और अब एकदम से इतनी दूर जा रहा है। हम आज ही मुन्ना से बात करते है।”,अधिराज जी ने थोड़ा सा नाराज होते हुए कहा
“नानू गुस्सा मत होईये , मुन्ना भैया ने कुछ सोचकर ही ये फैसला किया होगा और वैसे भी बनारस में उनका मन नहीं लगेगा क्योकि वंश भैया नहीं है और यहाँ इंदौर आ गए तो गौरी उन्हें परेशान कर देगी
इसलिए मुन्ना भैया बैंगलोर जा रहे है और वहा भी वो हमेशा के लिये नहीं जा रहे है बस मुरारी चाचा का दिल रखने के लिये जा रहे है।”,काशी ने कहा तो अधिराज जी काशी को देखने लगे
अधिराज जी को अपनी तरफ देखते पाकर काशी ने कहा,”क्या हुआ नानू आप हमे ऐसे क्यों देख रहे है ? हमने कुछ गलत कहा क्या ?”
“हम देख रहे है काशी धीरे धीरे तुम बिल्कुल अपनी माँ जैसी होती जा रही हो। सारिका को भी ऐसे ही अपनी बातो से सामने वाले को सहमत करना अच्छे से आता था और हम देख रहे है तुम में भी ये गुण है।”,अधिराज जी ने सामने देखते हुए
“वो तो होंगे ना नानू हम उनकी बेटी जो है , अब ये फॅमिली ड्रामा टॉक छोड़िये और खुश मन के मंदिर चलिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्हः !”,कहते कहते काशी एकदम से चिल्ला दी।
ड्राइवर ने एकदम से गाड़ी को ब्रेक लगाया जिस वजह से काशी का सर सामने सीट से जा टकराया। अधिराज जी और अम्बिका भी घबरा गये कि ड्राइवर ने गाड़ी क्यों रोकी लेकिन जैसे ही अधिराज जी ने सामने देखा उन्हें गौरी दिखाई दी जिसने एकदम से सामने आकर ये गाड़ी रुकवाई थी।
गाड़ी रुकने के बाद गौरी काशी की तरफ आयी और दरवाजा खोलकर अंदर बैठते हुए कहा,”थैंक गॉड मैं वक्त पर आ गयी , आपको पता है नानू मैं कितना तेज भागकर आयी हूँ।”
“पर बेटा ऐसे कौन गाड़ी रुकवाता है , तुम्हे चोट लग जाती तो ?”,अधिराज जी ने कहा
“स्टुपिड क्या तुम हमे फोन नहीं कर सकती थी ?”,काशी ने गौरी की बाँह पर मारते हुए कहा
“फोन और तुम्हे ? जरा अपना फोन देखो काशी मैंने तुम्हे कितने फोन और मैसेज किये लेकिन तुम देखो तब ना”,गौरी ने भी गुस्से से कहा
काशी ने अपना फोन देखा तो पाया कि उसके फोन पर गौरी के कितने ही मैसेज और कॉल्स थे। उसने गौरी की तरफ देखा और झेंपते हुए कहा,”अह्ह्ह सॉरी वो दरअसल हमारा फोन साइलेंट पर था। वैसे तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”
“हे भगवान ! काशी तुम होश में हो न ? मतलब कल रात तुमने ही मुझे फोन करके कहा था कि सुबह हम सब मंदिर जा रहे है और अब तुम ही मुझसे पूछ रही हो मैं यहाँ कैसे ? सीरियसली ?”,गौरी ने अपनी आँखों को बड़ा करते हुए कहा
ड्राइवर भी पीछे गर्दन घुमाकर गौरी को देख रहा था और उसकी बाते सुन रहा था। अधिराज जी भी काशी और गौरी की बाते सुन रहे थे।
काशी को याद आया उसने ही गौरी को अपने साथ मंदिर चलने के लिये बुलाया था। काशी ने अपना सर पीट लिया ये देखकर अधीराज जी ने कहा,”कोई बात नहीं बेटा अब तुम आ गयी हो ना , चलो अब सब मंदिर चलते है।”
“हाँ गौरी अब हमारी काशी को माफ़ कर दो।”,अम्बिका जी ने कहा तो गौरी मुस्कुरा दी और जैसे ही नजर ड्राइवर पर पड़ी उसने अपनी आँखे मटकाते हुए कहा,”अब बस भी करो , कितना देखोगे मुझे ,, इतनी भी सुंदर नहीं लग रही मैं इस गुलाबी सूट में,,,,,,,,,,,!!”
गौरी की बातें सुनकर अधिराज जी मुस्कुरा उठे और सामने देखने लगे। ड्राइवर भी झेंप गया और सामने देखते हुए गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी।
काशी ने अम्बिका की तरफ देखा तो अम्बिका जी ने धीरे से कहा,”मुन्ना ने बैंगलोर जाने का फैसला सही लिया यहाँ इंदौर में आता तो गौरी तो उसका जीना दुस्वार कर देती”
“क्या हुआ आंटी आपने कुछ कहा क्या ?”,गौरी ने अपने बालों को साइड करते हुए कहा
“नहीं नहीं मैं बस काशी से कह रही थी ये गुलाबी सूट तुम पर बहुत जच रहा है।”,अम्बिका जी ने बात बदलते हुए कहा
बनारस , मुरारी का घर
मुरारी को हनुमान चालीसा गाते देखकर अनु कुछ देर उसके पास रुकी और फिर वहा से चली गयी। मुरारी ने चालीसा खत्म की और इधर उधर देखा अनु को घर में ना पाकर मुरारी ने चैन की साँस ली और उठते हुए कहा,”अच्छा हुआ मैगी हिया नहीं है वरना जे चालीसा हमारी तेहरवी पर हो रही होती , किशना , ओह्ह्ह किशना”
“जी भैया,,,,,!!”,मुरारी की आवाज सुनकर किशना भागकर आया
“नाश्ता लगा दो हमको किसी जरुरी काम से बाहिर जाना है।”,मुरारी ने कहा
“जी भैया , अभी लगाते है।”,किशना ने कहा और जाने लगा
“ए किशना एक्को बात सुनो,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने एकदम से किशना को रोककर कहा
“हाँ भैया कहिये ना,,,,,,,!!”,किशना ने मुस्कुरा कर कहा
“साले एक बताओ जे घर मा आग तुमहू लगाई हो ?”,मुरारी ने एकदम से पूछा तो किशना की मुस्कराहट गायब हो गयी और चेहरे पर हवइया उड़ने लगी। अगर किशना झूठ बोलता है तो मुरारी तुरंत उसे पकड़ लेगा फिर भी किशना ने हिम्मत करके कहा,”कैसी बातें कर रहे है मुरारी भैया ? अरे हम ऐसा कैसे कर सकते है ? हम तो हमेशा से आपकी साइड है,,,,,,,,!!”
“बेटा ऐसा ना हो हमरी साइड रह के हमरे लिये ही गड्डा खोद दो तुम”,मुरारी ने कहा
“अरे ना ना भैया कैसी बातें कर रहे है आप ? आप तो हमारे मालिक है अन्नदाता है आपके लिये गड्डा काहे खोदेंगे हम ?”,किशना ने कहा
“चलो मान लेते है अब जल्दी से नाश्ता लगाओ बहुते भूख लगी है।”,मुरारी ने कहा और डायनिंग टेबल की तरफ चला आया।
नहाने के बाद मुन्ना ने कबर्ड से कपडे निकाले।
आज उसने अपने लिए गहरे गुलाबी रंग की शर्ट और लाइट क्रीम कलर की पेंट निकाली और पहनकर शीशे के सामने चला आया। मुन्ना ने बाल बनाये , परफ्यूम लगाया और शर्ट को इन करके बेल्ट लगाने लगा। इन कपड़ो में मुन्ना आज बहुत ही प्यारा लग रहा था। मुन्ना तैयार हो ही रहा था कि तभी उसका फोन बजा। मुन्ना ने फोन देखा उसके किसी पुराने कॉलेज के दोस्त का फोन था मुन्ना ने फोन कान से लगाया और कहा,”हेलो !!”
“मुन्ना तुम आ रहे हो ना ?”,दूसरी तरफ से लड़के की आवाज आयी
“अरे हाँ बाबा , हमने कहा था ना हम वक्त से पहुँच जायेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने घडी पहनते हुए कहा
“देख मुन्ना अगर तू नहीं आया तो मैं ये शादी नहीं करने वाला , यार कल से सब दोस्त मेरे साथ है और एक तू है कि घर पर बैठा है।”,लड़के ने नाराजगी जताते हुए कहा
“सॉरी यार थोड़ा बिजी थे , पर हम आ जायेंगे,,,,,,,,,,हम बस निकल रहे है !!”,मुन्ना ने कहा
“चल ठीक है जल्दी आ हम सब तेरा वेट कर रहे है।”,लड़के ने कहा और फोन रख दिया
मुन्ना ने भी अपना फोन और पर्स जेब में रखा और कमरे से बाहर निकल गया। मुन्ना नीचे आया और बाइक की चाबी लेकर जैसे ही जाने लगा। मुरारी ने आवाज दी,”मुन्ना , ज़रा हिया आओ।”
“हां पापा,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने मुरारी के सामने आकर कहा तभी अनु भी वहा चली आयी उसने मुन्ना को तैयार देखा तो पूछ लिया,”मुन्ना तुम कही बाहर जा रहे हो क्या बेटा ?”
“हाँ माँ , हमारे एक दोस्त की शादी है तो वही जा रहे है।”,मुन्ना ने कहा
“सादी ? अभी तो सादी का कोई सीजन नहीं है , सीजन छोडो एकादशी से पहिले शादी का कोई मुहूर्त ही नहीं है तो जे बिन मुहूर्त की सादी कौन कर रहा है ?”,मुरारी ने बीच में पड़ते हुए कहा
“पापा ये एक कोर्ट मैरिज है , इसमें कोई मुहूर्त नहीं होता।”,मुन्ना ने कहा
“और जे बिन मुहूर्त की सादी कितने दिन चलेगी ?”,मुरारी ने अपनी शंका जताई
“मुरारी कैसी बाते कर रहे हो ? मुन्ना तुम जाओ,,,,,,,,,,!!”,अनु ने कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा तो मुन्ना वहा से चला गया
“कैसी का बात कर रहे है ? अरे सही कह रहे है , जे आजकल के बच्चे ना जाने किस राह पर चल पड़े है। हर शुभ काम के लिये मुहूर्त जरुरी होता है और शादी से बड़ा शुभ काम भला हो सकता है ? हमरे ज़माने में तो जे सब नहीं होता था मैग्गी,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने पराठा प्लेट में रखते हुए कहा
“पर तुम्हे देखकर तो लगता है तुम्हारे ज़माने के सबसे रंगबाज लड़के तुम ही थे,,,,,,,,,,!!”,अनु ने मुरारी को देखकर एक तंज वाली मुस्कान देते हुए कहा
“का बात कर रही हो ?”,मुरारी ने हैरानी से कहा
“तभी तो इस उम्र में भी तुम्हारी रंगबाजी कम नहीं हो रही है।”,अनु ने इस बार गुस्से से कहा
अनु की बात सुनकर मुरारी समझ तो गया कि अनु क्या कहना चाह रही थी लेकिन फिर भी खुद को नार्मल दिखाते हुए कहा,”छह ! कैसी बाते कर रही हो मैगी ? जे उम्र मा का जे सब बातें अच्छी लगती है तुमरे मुंह से,,,,,,,,,,,,अरे तुम सास बनने वाली हो यार थोड़ा शब्दों का चयन सोच समझकर करो।”
“अच्छा तो फिर अब तक तुम्हारे जो पासवर्ड घर के बाहर थे वो अब घर में भी आने लगे,,,,,,,,,,,!”,अनु ने मुरारी को घूरते हुए कहा
“अरे नहीं नहीं मैग्गी का तुम भी , बताये तो थे तुमको चौहान साहब की बहन है। का यार मैग्गी अब कोई पासवर्ड वासवर्ड नहीं रखते हम,,,,,,,,,,,,,,जो खाते थे सब बंद कर चुकी हो तुम ?”,मुरारी ने थोड़ा अफ़सोस के साथ कहा
“तो इस बात की तुम्हे ख़ुशी है या अफ़सोस ?”,अनु ने मुरारी का मन टटोलते हुए कहा
“अफ,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह मेरा मतलब छोडो ना जे सब बातें का तुम भी इह उम्र मा हम पर सक कर रही हो ? चलो नाश्ता करो हमरे साथ देखो किशना ने किते बढ़िया पराठे बनाये है।”,मुरारी ने एक पराठा अनु के लिये प्लेट में रखते हुए कहा
अनु मुरारी को घूरते हुए पराठा खाने लगी। मुरारी भी चुपचाप नाश्ता करने लगा लेकिन खाली पराठा खाने में उसे मजा नहीं आ रहा था इसलिए उसने कहा,”किशना अरे खाली पराठा दे दिया यार चटनी भी दे देते,,,,,,,,,,,!!”
“भाभी ने कहा चटनी उह खुद बनायेगी,,,,,,,,,,,,,!!”,किशना ने किचन के दरवाजे पर आकर कहा और वापस चला गया
किशना ने मुरारी की बात सुनकर जैसे ही अनु की तरफ देखा तो पाया अनु उसे ही देख रही है। खिंसिया कर मुरारी मुस्कुरा दिया और सोचने लगा किशना किस चटनी की बात कर रहा था वो जिसे पराठो के साथ खाना है या वो जो अनु मुरारी की बनाने का सोच रही थी।
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संजना किरोड़ीवाल
😂😂😂😂किशना की बात… भाभी खुद चटनी बनाएंगी…उसपर मुरारी का रिएक्शन… सुपर्ब…अनु अब ना छोड़ने वाली हैं मुरारी को…खैर आज गौरी ने भी गुलाबी रंग का सूट पहना है और मुन्ना ने भी गुलाबी रंग की शर्ट…भी वाह अब तो गौरी मुन्ना को जरूर वीडियो कॉल करेगी और उसे अपना पिंक सूट वाला अवतार दिखाएगी और फिर वो खुद मुन्ना को पिंक शर्ट में देखकर उसमें को जाएगी…. लेकिन वो लड़का तो अभी तक काशी के घर में है…अब क्या होगा
Voh Ladka kaun tha Kashi ke room me aur voh kya dhoont raha hai..aur Gauri jis tarah se Gadi roki bichara Driver usse dekhta reh gaya aur Ambika ji ko Munna ka faisla sahi laga Bangalore janne ka ..aur Murari aur Anu ki nok jok hamesh ki tarah mast aur upper se Kishan ka kehna ki Babhi ne kaha ki voh voh chatni banayegi superbb♥♥♥♥♥
Chatani….murari to gya ..😂😂…
Kisna bhi kuch km nhi h
Ab ksidi chatani banegi vo to anu hi jane