Main Teri Heer – 68
Main Teri Heer – 68

मुन्ना के सामने कुर्सी पर एक उसका ही हमउम्र एक लड़का था जिसे मुन्ना ने आज से पहले कभी नहीं देखा था। शक्ति ने उस लड़के को ऐसे यहाँ क्यों कैद कर रखा है मुन्ना बस समझने की कोशिश कर रहा था। मुन्ना जैसे ही लड़के के पास जाने लगा शक्ति वहा आया और मुन्ना को उस से दूर करते हुए कहा,”मुन्ना,,,,,,,,!!”
मुन्ना पलटा उसने देखा शक्ति वहा खड़ा है , शक्ति ने मुन्ना को उस छोटे कमरे से बाहर निकाला और कमरे का दरवाजा बंद करते हुए कहा,”तुम्हे हमारी परमिशन के बिना इस कमरे में नहीं आना चाहिए था”
“ये कौन है और तुमने इसे यहाँ कैद क्यों कर रखा है ? क्या तुम किसी से कुछ छुपा रहे हो?”,मुन्ना ने हैरानी से पूछा
शक्ति मन ही मन उलझन में पड़ गया वह मुन्ना को उस लड़के के बारे में क्या बताये और क्या नहीं ? शक्ति को खामोश देखकर मुन्ना की बेचैनी और बढ़ने लगी और उसने कहा,”शक्ति ! हमे बताओ ये सब क्या है ?”
“हमारे साथ आओ,,,,,,,,,!!”,कहते हुए शक्ति मुन्ना को कमरे से बाहर ले आया। मुन्ना हॉल में रखे सोफे पर आ बैठा तो सामने खड़े शक्ति ने कहा,”हम अपने लिए चाय बनाने जा रहे है , तुम एक कप लेना पसंद करोगे ?”
मुन्ना उस लड़के को शक्ति के घर में देखकर पहले ही परेशान था और शक्ति उस से इस तरह की बाते करके उसे और उलझन में डाल रहा था। मुन्ना ने जैसे ही कुछ कहना चाहा शक्ति ने उसके बोलने से पहले ही कहा,”शायद तुम हाँ कहना चाहते हो , बैठो हम अभी आते है।”
“श,,,,,,,,,,,,,,ये हमारी बात क्यों नहीं सुनता ?”,मुन्ना खुद में ही बड़बड़ाया और फिर बैठकर घर देखने लगा। शक्ति इस घर में अकेला रहता था लेकिन उसने इस घर को बहुत सुंदर सजा रखा था। हर एक चीज बहुत ही साफ सुथरी और करीने से जमी हुई थी। हॉल की दिवार पर शक्ति के माँ-पापा की तस्वीर लगी हुई थी। मुन्ना उस तस्वीर को देखने लगा।
“तुम्हारी चाय,,,,,,!!”,शक्ति की आवाज मुन्ना के कानों में पड़ी तो मुन्ना की तंद्रा टूटी और उसने कप उठाते हुए कहा,”शुक्रिया !”
शक्ति अपनी चाय लेकर मुन्ना के बगल में पड़े सोफे पर आ बैठा और चाय का एक घूंठ भरकर कहा,”हम्म्म सबसे पहले हमे ये बताओ तुम इतनी सुबह यहाँ क्या कर रहे हो ?”
मुन्ना ने अपने जेब से लिफाफा निकाला और टेबल पर रखकर शक्ति की तरफ खिसकाकर कहा,”हमने तुम्हारा काम कर दिया है , हम मुंबई गए थे और उस आदमी से मिले थे उसने हमे ये लिफाफा दिया था जिसे हमने खोलकर नहीं देखा। आई हॉप इसके बाद पापा इन सब साजिशो से बच जायेंगे,,,,,,,,,!!”
ये सब कहते हुए मुन्ना के चेहरे पर बहुत ही गंभीर भाव थे। शक्ति ने लिफाफे को देखा और कहा,”थैंक्यू मुन्ना , हमे यकीन था तुम ये कर लोगे , और सिर्फ तुम ही ये कर सकते थे,,,,,,,,,,,हम पूरी कोशिश करेंगे मुरारी चाचा इन सब में ना फंसे लेकिन,,,,,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन क्या ?”,मुन्ना ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
शक्ति ने मुन्ना की तरफ देखा और कुछ देर शांत रहने के बाद कहा,”जो लोग इस स्केंडल में शामिल है उसमे एक नाम आता है “उर्वशी” का , और कल रात ही उर्वशी को हमने तुम्हारी सगाई में देखा,,,,,,,,,,,तुम्हारा उस से क्या रिश्ता है ?”
“हमारा उस से कोई रिश्ता नहीं है,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कठोरता से कहा
“तो फिर मुरारी चाचा,,,,,,,,,,वो उन्हें कैसे जानते है ?”,शक्ति ने एक पुलिसवाले की तरह सवाल किया
“पापा की पार्टी के कोई लीडर है उर्वशी उनकी रिश्तेदार है , कुछ वक्त पहले वो बनारस आयी थी और पापा ने उसकी मदद की थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट तो क्या पापा को फंसाया गया है ?”,मुन्ना ने पहले सहजता से कहा और फिर एकदम से उसके जहन में ये बात आयी और उसने हैरानी से कहा
शक्ति ने सुना तो हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”जानते हो मुन्ना हम तुम्हे इतना पसंद क्यों करते है ? क्योकि तुम बातों को बहुत गहराई से सोचते और समझते हो,,,,,,,,,,,,,,उर्वशी बनारस मुरारी चाचा की मदद लेने नहीं बल्कि उन्हें इस स्केंडल में फ़साने आयी थी और जितना हम तुम्हारे पापा को जानते है वो इसमें फंस भी चुके है।”
मुन्ना ने सुना तो उसके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये , वह कुछ देर शांत रहा और कहा,”हम समझ नहीं पा रहे है , ये सब लोग पापा को इसमें क्यों फंसाना चाहते है जबकि पापा तो राजनीती छोड़ चुके है।”
शक्ति अब तक अपनी चाय खत्म कर चुका था इसलिए उठा और हॉल में घूमते हुए कहा,”तुम भूल रहे हो मुन्ना ! राजनीती वो दलदल है जिसमे इंसान एक बार गया तो फिर कभी बाहर नहीं निकल पाता और बाहर भी निकल भी जाये तो उस दलदल के दाग जिंदगीभर उसका पीछा करते है।”
“तुम्हे क्या लगता है इन सब के पीछे कौन हो सकता है ?”,मुन्ना ने उठते हुए कहा
शक्ति जो काफी वक्त से मुन्ना के मुंह से अपने लिए तुम सुन रहा था एकदम से उसकी तरफ पलटा और कहा,”ए मुन्ना ! हम तुम्हारी बहन के होनेवाले पति है यानि तुम्हारे होने वाले जीजा ये तुम तुम क्या लगा रखा है तुमने ?”
शक्ति की बात सुनकर मुन्ना झेंप गया और कहा,”सॉरी वो हम,,,,,,,,,,,,,हमे माफ़ कर दीजिये,,,,,,,,,,,जीजाजी,,,,,,,,,,,!!”
जीजाजी शब्द पर मुन्ना ने कुछ ज्यादा ही जोर दिया तो शक्ति ने कहा,”इट्स ओके हम हमउम्र है तो तुम हमे शक्ति कहकर बुला सकते हो , लेकिन सिर्फ अकेले में सबके सामने नही,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म ठीक है”,कहते हुए मुन्ना भी हल्का सा मुस्कुराया
शक्ति मुन्ना के पास आया और उसके कंधो को थामकर कहा,”अब हमारी बात ध्यान से सुनो , मुरारी चाचा सिर्फ तुम्हारे पापा ही नहीं है बल्कि हमारे भी कुछ लगते है और फिर बनारस की शान है वो उन पर कोई कलंक नहीं लगने देंगे हम। जो सबूत तुमने हमे दिए है , हमे यकीन है उन से हम असली गुनहगार तक पहुंच जायेंगे,,,,,,,,,,,,,,हम सच्चाई के बहुत करीब है मुन्ना इसलिए चिंता मत करो।
तुम्हारी सगाई हो चुकी है और जल्दी ही शादी होने वाली है तो तुम्हे अपनी नयी जिंदगी और गौरी पर ध्यान देना चाहिए,,,,,,,,,,बाकि ये छोटी मोटी परेशानिया हम सम्हाल लेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”
“थैंक्यू !”,मुन्ना ने राहतभरे स्वर में कहा , जबसे वह मुंबई से लौटा था तबसे ही इस लिफाफे को लेकर परेशान था।
“तुम्हारा ये थैंक्यू हम सब खत्म होने के बाद स्वीकार करेंगे,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने मुस्कुरा कर कहा
“लेकिन उर्वशी,,,,,,,,,,,,,,वो पापा को इन सब में क्यों फसायेगी ?”,मुन्ना के मन में अभी भी उर्वशी को लेकर चीजे चल रही थी
“उर्वशी बस इस खेल में मोहरा है,,,,,,,,हमे नहीं लगता वो इन सब के पीछे है,,,,,,,,,हमे किसी जरुरी काम से बाहर जाना होगा , तुम चाहो तो यहाँ रुक सकते हो”,शक्ति ने मुन्ना के सामने से हटकर चाय के खाली कप उठाते हुए कहा
“नहीं दरअसल हमे भी गौरी के घर जाना है , सभी घरवाले वही है,,,,,,,,,,हम बस आपको ये सबूत देने आये थे।”,मुन्ना ने कहा
“ठीक है फिर आज शाम में मिलते है,,,,,,,,,,,,काशी , वंश और गौरी को भी साथ ले आना,,,,,,,,,,वैसे भी बहुत दिल हो गए हमे एक नार्मल लाइफ जिए”,शक्ति ने किचन की तरफ जाते हुए कहा
मुन्ना शक्ति से उस लड़के के बारे में पूछना चाहता था जिसे उसने शक्ति के कमरे के स्टोर रूम में कुर्सी पर बंधा देखा था लेकिन वह शक्ति से कुछ पूछता इस से पहले उसका फोन बजा।
मुन्ना में फ़ोन निकाला और देखा स्क्रीन पर गौरी का नाम था। मुन्ना ने फ़ोन उठाकर कान से लगाया वह कुछ कहता इस से पहले गौरी ने कहा,”मिस्टर मान ! आपकी जानकारी के लिए बता दू कि शादी का मुहूर्त लड़का और लड़की दोनों की उपस्तिथि में निकलता है , अगर 10 मिनिट में तुम यहाँ नहीं आये तो मैं ,,,,,,,,,,,,मैं इस पंडित से ही शादी कर लुंगी”
“गौरी,,,,,,,,,,,,,,उफ्फ्फ्फ़ क्या लड़की है ये ?”,मुन्ना बड़बड़ाया क्योकि गौरी उसकी बात सुने बिना ही फोन काट चुकी थी
“बहुत सही लड़की है मुन्ना , हमे तो लगता है तुम्हारी बोरिंग जिंदगी में चहल पहल यही लड़की लेकर आएगी,,,,,,,,,,,,अब चले ? हमे देर हो रही है।”,शक्ति ने मुन्ना के पास आकर कहा और दोनों वहा से निकल गए।
मुन्ना अपनी बाइक से गौरी के घर जाने वाले रास्ते की ओर बढ़ गया और शक्ति अपने काम से दूसरी ओर,,,,,,,,,,,,,,,!!
शिवम् अपने परिवार के साथ गौरी के घर पहुँच चुका था लेकिन मुन्ना वहा नहीं था। गौरी के घरवाले मुन्ना के घरवालों से मिले। चाय के बाद सभी पंडित जी के साथ आ बैठे , अब यहाँ जरूरत थी मुन्ना की लेकिन तो अभी तक आया नहीं था इसलिए गौरी उठी और साइड में आकर मुन्ना को फोन लगा दिया। मुन्ना को 10 मिनिट में घर आने का बोलकर गौरी मुरारी के बगल में आ बैठी।
बीती रात के बाद से ही गौरी मुरारी के साथ सामान्य हो चुकी थी। गौरी को अपने बगल में बैठे देखकर मुरारी ने धीरे से कहा,”परेशान ना हो बिटिया थोड़ी देर में मुन्ना आ जाएगा,,,,,,,,,,,,,,वैसे उह मोतीचूर के लड्डू लेने गया है,,,,,,,,,,!!
गौरी ने सुना तो उसे अजीब लगा और उसने भी धीमे स्वर में कहा,”मोतीचूर के लड्डू ? पर किसके लिए ?”
“अरे तुम्हरे लिए , हमने सुना तुम्हे बहुते पसंद है मोतीचूर के लड्डू,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने फिर धीमे स्वर में कहा
“किस गधे ने कहा मुझे मोतीचूर के लड्डू पसंद है,,,,,,,,,,,,,,हाह इसका मतलब आपके मुन्ना किसी और के चक्कर में है,,,,,,!!”,गौरी ने मुरारी की तरफ पलटकर एकदम से कहा
“तो तुमको लड्डू पसंद नहीं है ?”,मुरारी ने हैरानी से पूछा
“नहीं , बिल्कुल नहीं,,,,,,,,,,लेकिन मान ने आप सब से झूठ क्यों कहा ? और वो कहा गया होगा ?”,गौरी ने कहा और अपने साथ साथ मुरारी को भी उलझन में डाल दिया
अब जैसी गौरी थी वह मन ही मन इस बारे में सोचकर अपनी ही कहानी बनाने लगी वही मुरारी की आँखों के सामने घूमने लगा उर्वशी का चेहरा,,,,,,,,,,,,,,जिसने सबके सामने मुन्ना से प्यार करने की बात कही थी , तो क्या मुन्ना भी उर्वशी के प्यार में है यही सब सोचकर मुरारी भी गौरी की तरह अपने गाल से हाथ लगाकर सोच में पड़ गया।
उन दोनों के पीछे खड़े वंश ने उनकी बाते सुनी और बड़बड़ाया,”अह्ह्ह्ह बिचारा मुन्ना शादी के बाद इन दो महान हस्तियों को कैसे झेलेगा ? लोग शादी के वक्त लड़का लड़की की कुंडली मिलाते है लेकिन यहाँ तो मुरारी चाचा और गौरी की कुंडली मिलायी लगता है , पुरे 36 के 36 गुण मिल रहे है दोनों के,,,,,,,,,,एक आध ज्यादा भी हो सकते है,,,,,,,,,,,,,!!”
बड़बड़ाते हुए वंश वहा से चला गया। दरअसल वंश कुछ देर पहले ही यहाँ आया था , वह निशि को भी साथ लाना चाहता था लेकिन सुबह सुबह उस से हुई झड़प के बाद उसने निशि से आने का नहीं पूछा।
कबीर नीलिमा के कहने पर उस बार में आया जहा आखरी बार उसने अपने दोस्तों के साथ पार्टी की थी। कबीर बार मैनेजर से मिला और उस से उस रात के फुटेज दिखाने की रिक्वेस्ट करने लगा। मैनेजर ने उसे साफ मना कर दिया तो वह नीलिमा के साथ केबिन से बाहर चला आया।
“इसने तो मना कर दिया , अब हम क्या करेंगे?”,नीलिमा ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“एक मिनिट ! तुम यही रुको,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर कबीर एक बार फिर उसी केबिन में गया इस बार उसके हाथ में नोटों का एक बंडल था।
“तुम फिर आ गए मैंने कहा ना मैं तुम्हे कोई फुटेज नहीं दिखा सकता,,,,,,,,,,,,!!”,मैनेजर ने इतना ही कहा कि कबीर ने उसके सामने नोटों का बंडल रख दिया। बहुत कम लोग होंगे जो पैसे देखकर ना पिघले , मैनेजर ने तुरंत उन पैसो को उठाया और हामी में अपना सर हिला दिया।
कबीर ने नीलिमा को अंदर आने को कहा और दोनों साथ बैठकर उस रात का फुटेज देखने लगे , कबीर अपने दोस्तों के साथ बार में आया बस यही तक का फुटेज था उसके आगे का सारा फुटेज डिलीट था। मैनेजर ने तीन चार बार उसे चलाया लेकिन फुटेज डिलीट की जा चुकी थी।
कबीर ने नीलिमा को देखा और कहा,”इसमें तो कुछ भी नहीं है , लगता है किसी ने फुटेज डिलीट कर दी,,,,,,,,,,,,,,,सुनो ! क्या मुझसे पहले कोई और भी यहाँ आया था फुटेज मांगने ?”
कबीर ने मैनेजर से पूछा लेकिन मैनेजर ने मना कर दिया।
कबीर के चेहरे पर परेशानी के भाव तैरने लगे,,,,,,,,,,,,,नीलिमा ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”अब हम क्या करेंगे ? कबीर सिर्फ ये फुटेज ही था जिस से हम उस आदमी तक पहुँच सकते थे।”
“पर आखिर ये सब कौन कर रहा है ?”,कबीर बड़बड़ाया और फिर नीलिमा के साथ वहा से निकल गया।
बार में नीलिमा के साथ चलते हुए कबीर सामने से आते शक्ति से टकरा गया। दरअसल ये वही बार था जहा बैठकर बीती रात उर्वशी शराब पी रही थी और मोहसिन ने उसे तस्वीर भेजी थी। कबीर को वहा देखकर शक्ति थोड़ा हैरान हुआ , वह इस वक्त कबीर से किसी तरह के सवाल करना नहीं चाहता था। वह बस शांति से अपने फिर से ड्यूटी ज्वाइन करने का इंतजार कर रहा था ताकि सबूत के साथ कबीर को गिरफ्तार कर सके क्योकि शक्ति का पहला शक “कबीर” ही था।
कबीर ने शक्ति को अपने सामने देखा तो उसके चेहरे पर बेचैनी के भाव उभर आये जिन्हे देखकर शक्ति ने कहा,”क्या बात है ? तुम हमे देखकर घबरा क्यों गए ? वैसे सुबह सुबह तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“ये मेरे साथ आया है , आपको कोई ऐतराज है ?”,नीलिमा ने कबीर की बाँह थामकर शक्ति से कहा
शक्ति मुस्कुराया और कहा,”नहीं हमे कोई ऐतराज नहीं है , तुम दोनों जा सकते हो,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए शक्ति ने अपने दोनों हाथो से जाने का इशारा किया और नीलिमा कबीर को लेकर वहा से चली गयी।
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संजना किरोड़ीवाल


Munna to fans gaya…ab Murari aur Guri dono k samne uska motichoor k laddu ka jhooth khul to jayega, lakin wo bolega kya…I think Vansh uski help karega…lakin Shakti ko jo lifafa usne diya tha, wo to chori ho chuka tha…fir Munna ne Shakti ko kon sa lifafa diya….uff kitna suspense hai…well dekhte hai ki shaam m Shakti k ghar kon kon jata hai…
Bahut khoob 🧡❤️❤️😘❤️🧡❤️
Kya munna aur murari is rAjneeti k daldal me fas gye hai ❤️❤️😘❤️🧡❤️🧡❤️
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