Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

Main Teri Heer – 33

Main Teri Heer – 33

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

सुबह सुबह मुरारी के घर में लग्जरी बस खड़ी थी। इंदौर के लिये सुबह जल्दी निकलना था। इतने लोगो के लिये फ्लाइट के और ट्रैन के टिकट्स बुक करने से अच्छा मुरारी ने बस ले जाना ज्यादा बेहतर समझा। सफ़ेद रंग के कुर्ते पजामे में मुरारी बहुत ही प्यारा लग रहा था। आज उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी आखिर बेटे की सगाई करने जो जा रहा था। मुरारी ने देखा सगाई में जाने वाले रिश्तेदार आ चुके है और एक दो लोगो का आना बाकि है। मुरारी फोन कान से लगाए किशना और घर के नोकरो को बस में सामान रखने को कह रहा था।


आई बाबा , शिवम् और सारिका भी अपने अपने बैग्स के साथ आ चुके थे। शिवम् को देखते ही मुरारी उसके पास चला आया और कहा,”हमने सब इंतजाम कर दिया है , जे बस सही रहेगा,,,,,,!!”
“हम्म बढ़िया,,,,,,,सब लोग आ गए”,शिवम ने पूछा
“अरे वो जौनपुर वाले फूफाजी आने वाले है अभी तक आये नहीं,,,,,,,,,,,उन्ही को फोन लगा रहे है।”,मुरारी ने कहा
आई और सारिका अंदर चली गयी , सारिका ने देखा अनु को साड़ी में पिन लगाने में दिक्कत हो रही है तो वह उसकी मदद करने चली गयी।

बाबा मुरारी के कुछ रिश्तेदारों से बतियाने लगे। शिवम् ने देखा सब है लेकिन मुरारी के चाचा चाची नहीं है तो उसने कहा,”मुरारी तुम्हरे चचा नहीं आ रहे सगाई में ? तुमने बताया ना उनको की मुन्ना की सगाई है,,,,,,,,,,,,!!”
“अरे भैया आप तो जानते ही है कितने सालो से यहाँ आना तो दूर चचा ने हमरी कोई सुध तक नहीं ली है फिर भी हमने फोन किया था लेकिन नहीं आये,,,,,,,,उह दोनों अपनी दुनिया में खुश है भैया तो काहे परेसान करे उन्हें,,,,,,,,,,आप चलकर अंदर बैठिये हम बाकी सबको लेकर आते है नहीं”,मुरारी ने कहा और घर के अंदर चला आया।

“अरे अनु , मुन्ना , किशना अरे भैया आज ही निकलना है तुम्हरा श्रृंगार हो गवा हो तो चले,,,,,,,,,,,,,,साला जौनपुर वाले फूफाजी भी नहीं आये है,,,,,,,,,,और कितना बख्त लगेगा ?”,मुरारी कहते हुए हॉल में आया।
सारिका के साथ सामने से आई को देखकर मुरारी ने कहा,”अरे मैग्गी और कितना टाइम लगाओगी यार ? सगाई तुम्हारी नहीं तुम्हरे बेटे की है,,,,,,,,,,,,,,और मुन्ना कहा है ? बुलाओ उनको,,,,,,,,,,देर हो रही है फिर निकलना भी है सबको,,,,,,,,ए किशना भागकर जाओ और मुन्ना का सामान लेकर आओ”


“मुरारी भैया , इतना परेशान क्यों हो रहे है आप ?”,सारिका ने प्यार से पूछा
“अरे का बताये भाभी पहली बार ऐसे जिम्मेदारी वाला काम करने जा रहे है ना तो थोड़ा नर्वस है,,,,,,,,,,,,आप आई और अनु चलकर बैठिये हम आते है।”,मुरारी ने फिर से अपने फोन में किसी का नंबर डॉयल करते हुए कहा
सारिका अनु और आई बाहर चली गयी। सामने से आती राधिका , राधिका के पति और अंजलि आती दिखाई दी तो आई का चेहरा खिल उठा। अंजलि ने आकर  सबके पैर छुए और इधर उधर देखते हुए कहा,”बड़ी मामी वंश भैया कहा है ?”


“तुम्हारे वंश भैया मुंबई में है,,,,,,,,,,,,,,,कल सगाई में आएंगे”,सारिका ने अंजलि के गाल को छूकर प्यार से कहा
ये सुनकर अंजलि थोड़ा सा उदास हो गयी क्योकि वंश से भले वह कितनी भी लड़ाई करे लेकिन इस घर में सबसे ज्यादा उसकी वंश से ही बनती थी। बाकि सब लोगो का साथ पाकर अंजलि की उदासी भी दूर हो गयी और वह सबके साथ बस में चली आयी। सारिका , अनु और राधिका एक सीट पर थी। राधिका अपनी नानी माँ यानि आई के साथ बैठी थी।

मुन्ना अपना बैग उठाये किशना के साथ नीचे चला आया उसने सिंपल पेंट शर्ट पहना था लेकिन इसमें भी वह बहुत प्यारा लग रहा था।  मुन्ना मुरारी के पास आया तो मुरारी ने कहा,”बेटा जे फसल काहे नहीं हटाई है ?”
“पापा रहने दीजिये ना प्लीज , कल सुबह हम ट्रिम कर लेंगे,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने बेचारगी से कहा
“अच्छा ठीक है चलकर बस में बैठो , किशना तुम हमरे साथ आओ और घर को ताला लगाओ,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा


“ताला काहे मालिक ? हम और बाकि लोग है ना घर मा”,किशना ने हैरानी से कहा
“काहे ? तुमहू हिया रहोगे तो हुआ मुन्ना की सगाई में नाचेगा कौन ?”,मुरारी ने कहा तो किशना हैरानी से मुरारी को देखने लगा तो मुरारी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और प्यार से कहा,”किशना तुमहू भी तो हमरे परिवार का हिस्सा हो यार ,, तुमको यहाँ छोड़कर कैसे जा सकते है ? चलो अब जल्दी जल्दी सब ताला लगाओ हम बाहर इंतजार कर रहे है।”


इतना कहकर मुरारी वहा से चला गया और किशना ख़ुशी से भर गया आखिर घर करने वाले को मुरारी ने इतनी अहमियत जो दी। उसने सब दरवाजे बंद किये ताला लगाया और फिर अपने कमरे में जाकर अपने सबसे नए वाले कपडे बैग में डालकर बाहर चला आया। किशना के साथ साथ घर के 2 नौकर और जा रहे थे और तीनो बहुत खुश भी थे। मुरारी ने तीनो से ड्राइवर के केबिन  में बैठने को कहा और खुद भी अंदर चला आया। मुरारी की सीट शिवम् के साथ फिक्स थी।

मुरारी ने नजर पसार कर सबको देखा , सब आ चुके थे बस जौनपुर वाले फूफाजी अभी भी नरारद थे। मुरारी को गुस्सा आया कि कल आने वाले फूफाजी अभी तक नहीं आये है और उनकी वजह से रुकना पड़ रहा था।
मुरारी ने एक और बार उनका नंबर डॉयल किया और उन्होंने फ़ोन उठा लिया। उठाते ही उन्होंने कहा,”अरे ! शिवाला वाले चौराहे से हमको उठा लेना”


“आप का कोई सामान है जो उठा ले , वही रुकिए आते है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और शिवम् के बगल में बैठते हुए ड्राइवर से कहा,”सुनो चन्दन , उह शिवाला वाले चौराहे पर फूफाजी खड़े है उनको कुचल देना,,,,,,,,हमरा मतलब उठा लेना”
“जी भैया,,,,,,,,,!!”,चन्दन ने बस स्टार्ट करते हुए कहा

जैसे ही बस चली आयी ने कहा,”बोलो बाबा काशी विश्वनाथ की”
“जय”,सबने एक साथ कहा
“माँ अन्नपूर्णा देवी की,,,,,,,!!”,आई ने फिर कहा
“जय”,सबने फिर एक साथ कहा और सभी हसंते बतियाते सफर का मजा लेने लगे।
मुरारी की बात सुनकर शिवम् ने उसकी तरफ देखा और कहा,”मुरारी तुम्हारे मुंह में फ़िल्टर नहीं है का ? मतलब कुछ भी बोलते हो थोड़ा सोच समझकर बोला करो,,,,,,,,,,,,फूफाजी को कुचल दो”


“अरे भैया ! सारे फसाद की जड़ ना जे फूफा लोग ही होते है ,, साला सुबह से 25 फ़ोन लगाए रहे पर मजाल है उठा ले , बेटे की सगाई नहीं ना होती फिर बताता मैं इनको,,,,,,,,,,,,और रही बात फ़िल्टर की तो फ़िल्टर ना दो ही जगह अच्छा लगता है एक तो लड़कियों की फोटू में और दुसरा पीने वाले पानी में बाकि हमको कोनो फ़िल्टर की जरूरत नाही है।”,मुरारी ने कहा


“भला हो तुम्हारा मुरारी,,,,,,,,,,खैर छोडो आज के दिन तुम्हे डाटेंगे नहीं , सफर का मजा लो”,कहकर शिवम् खिड़की के बाहर के नज़ारे देखने लगा।

गौरी का घर , इंदौर
सुबह से गौरी के घर में काफी चहल पहल थी। गौरी की नानी माँ उसकी सगाई में शामिल होने आ चुकी थी बाकि मेहमान सगाई वाली सुबह आने वाले थे। नंदिता अपनी माँ से पूछकर सभी तैयारियां कर रही थी आखिर उसके घर में ये पहली शादी थी। गौरी अपने लहंगे का ब्लाउज लिये नीचे आयी वह काफी परेशान और चिढ़ी हुई दिख रही थी। गौरी ने नंदिता के सामने आकर कहा,”मम्मा ये क्या है ? उस टेलर ने मेरा बलाउज ख़राब कर दिया अब कल सगाई में मैं क्या पहनूंगी आप ही बताओ ?”


नंदिता ने देखा ब्लाउज काफी अच्छा सिला था उन्हें उसमे कोई खराबी नजर नहीं आयी तो उन्होंने कहा,”लेकिन ये तो परफेक्ट है गौरी , तुम्ही बताओ इसमें क्या  कमी है ?”
“कमी ही कमी है मम्मा , इसकी बाजु कितनी बड़ी है ,, आगे का गला इतना छोटा है कि गर्दन ही दब जाये और पीछे का गला इतना बड़ा है कि देखने वाला देख के ही शरमा जाये , फिटिंग भी इसकी काफी बेकार है,,,,,,,,,मैं अभी जाकर उस टेलर की बेंड बजाती हूँ”,गौरी ने चिढ़ते हुए कहा


नंदिता गौरी का गुस्सा जानती थी इसलिए कहा,”गौरी तुम रहने दो इसे मैं सही करवा दूंगी,,,,,,,तब तक तुम नाश्ता कर लो”
“नाश्ता कहा मम्मा ? अभी तक मेरा लहंगा प्रेस होकर नहीं आया है , मेरी मेहँदी बाकि है , और भी बहुत सारे काम है मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करू ?”,गौरी ने चिड़चिड़ाते हुए कहा
“गौरी शांत हो जा , सब काम हो जायेगा लाड़ो रानी तू जरा इत्मीनान से बैठ जा,,,,,,,,,,,,,!!”,नानी माँ ने कहा
“लेकिन मेरा लहंगा नानी माँ”,गौरी ने रोआँसा होकर कहा


“तुम्हारा लहंगा हम ले आये है और हमने मेहन्दी वाली को भी बुक कर दिया है , वो 2 बजे आ जायेगी तब तक तुम अपने बाकि के काम निपटा लो”,काशी ने अंदर आते हुए कहा
“ओह्ह्ह थैंक्यू काशी,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
काशी ने आकर नानी माँ के पैर छुए और कहा,”कैसी है नानी माँ ?”


“मैं अच्छी हूँ काशी तुम कैसी हो ? अह्ह्ह्ह पहले से कितनी ज्यादा प्यारी लग रही हो,,,,,,!!”,नानी माँ ने काशी के ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा
“अरे नानी माँ ये शक्ति के प्यार का असर है,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
नानी में सुना तो हंस पड़ी।

नंदिता गौरी और काशी के लिये टेबल पर नाश्ता लगा चुकी थी उन्होंने दोनों को आवाज देकर कहा,”गौरी काशी चलो आकर नाश्ता कर लो,,,,,,,,,!!”
काशी और गौरी दोनों डायनिंग की तरफ चली आयी और बैठकर नाश्ता करने लगी। नाश्ते में आज तरी पोहा बना था। काशी और गौरी खाने लगी। खाते खाते गौरी ने काशी से कहा,”मान ने बताया वो लोग कल सुबह जल्दी यहाँ पहुँच जायेंगे,,,,,,,,,,,,!!”


“हम्म्म,,,,,,तुम्हे हमारे भैया से मिलने की इतनी जल्दी है क्या ?”,काशी ने शरारत से कहा
“तुमने कहा था तुम कुछ ऐसा करने वाली हो कि मान मुझे देखकर दीवाना हो जायेगा,,,,,,,,,,,,ये कब होगा ?”,गौरी ने फुसफुसाते हुए कहा
“सगाई के बाद मुन्ना भैया और बाकि फॅमिली कुछ दिन यही इंदौर में रुकेंगे,,,,,,,,,,तो सगाई के बाद कल शाम क्यों ना तुम दोनों की सगाई की सेलेब्रेशन पार्टी रखे ,, मुन्ना भैया के होश उड़ाने के लिये ये काफी होगा,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा


“क्या बात है काशी तुम तो बहुत स्मार्ट हो,,,,,,,,,,,ठीक है ऐसा ही करेंगे , ऋतू प्रिया और बाकि फ्रेडस को भी इन्वाइट कर देंगे और मेरी किट्टो मौसी को भी,,,,,,!!”,गौरी ने खुश होकर कहा
“किट्टो मौसी ? गौरी तुम्हे नहीं लगता मौसी लोग इस पार्टी में थोड़े ओड लगेंगी,,,,,,,,,,,!”,काशी ने कहा
गौरी हंसी और कहा,”काशी तुम जैसा सोच रही हो वैसा नहीं है , मेरी किट्टो मौसी बहुत मॉर्डन है अह्ह्ह्ह तुम्हारी अनु मौसी से भी ज्यादा ,, वो हम लोगो के साथ बिल्कुल हम जैसी हो जाएगी,,,,,,,,,मुझे तो शक है कही उनके सामने तुम लोग शरमा ना जाओ,,,,,,,,,,,,,!!”


“अगर ऐसा है तो फिर उन्हें जरूर इन्वाइट करना,,,,,,,,,,,,अब जल्दी से नाश्ता खत्म करो फिर उसके बाद हमे और बहुत काम है”,काशी ने कहा और नाश्ता करने लगी।  

वंश सुबह जल्दी फिल्मसिटी पहुंचा , मॉर्निंग शूट था इसके बाद आगे की शूटिंग 4 दिन बाद थी। के.डी. को किसी काम से बाहर जाना था इसलिए जाने से पहले वह आज सुबह का शूट खत्म कर देना चाहता था। शॉट रेडी था वंश बार बार गेट की तरफ देख रहा था लेकिन निशि अभी तक नहीं आयी थी।
“वो नयी लड़की कहा है जिसे कल सेलेक्ट किया था”,कैमरे के पीछा बैठा के.डी. चिल्लाया


अमितेश ने देखा निशि अभी तक नहीं आयी है तो उसने साइड में आकर निशि का नंबर डॉयल किया लेकिन निशि का फ़ोन आउट ऑफ़ रिच आ रहा था। अमितेश वंश के पास आया और कहा,”निशि कहा है ?”
“मुझे क्या पता वो मेरे साथ थोड़ी रहती है,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“मुझे लगा तुम दोनों साथ,,,,,,,,,!!”,अमितेश इतना ही कह पाया कि वंश ने कहा,”हम दोनों सिर्फ सीरीज में हस्बेंड वाइफ है रियल लाइफ में नहीं,,,,,,,,,,,!!”


“हाँ हाँ ठीक है इतना भड़क क्यों रहे हो ? निशि को फोन करो और जल्दी आने को बोलो,,,,,,,,,!!”,कहकर अमितेश चला गया
वंश ने अपना फ़ोन निकाला और निशि का नंबर डॉयल किया , अगले ही पल निशि वंश को आती दिखी ,, निशि ने जल्दी से कपडे चेंज किये और वंश के साथ एक दो शॉट दिये,,,,,,,,,,,,,के.डी ने पैक अप करने को कहा और चला गया।


वंश निशि के साथ फिल्मसिटी से बाहर आया और कहा,”तुमने आने में इतनी देर क्यों की ? पता है के.डी. कितना गुस्सा हो रहा था वो तो बाद में मैंने उसे शांत करवाया”
“हहहह रियली ?”,निशि ने हैरानी से
“हाँ सच में ?”,वंश ने मासूमियत से कहा
“तुम्हे पता है ना डेड कल से मुझसे गुस्सा है,,,,,,,,,,,वो मुझे इस सीरीज में काम करने नहीं देंगे,,,,,,,,,,,!!!”,निशि ने मायूस होकर कहा


“उसकी चिंता तुम मत करो मैं उन्हें मना लूंगा , तुम ये बताओ इंदौर आने के बारे में क्या सोचा है ?”,वंश ने पूछा
“उन्होंने साफ मना कर दिया है”,निशि ने कहा
वंश ने सुना तो सोच में पड़ गया और कहा,”आईडीआ”
“क्या ?”,निशि ने पूछा
“रुको बताता हूँ,,,,,,!!”,वंश ने कहा और इधर उधर देखा तो सामने से गुजरता अमितेश वहा से गुजरा वंश ने उसे रोककर उसका फोन लिया और निशि के पास आकर कहा,”अपने पापा का नंबर बताना,,,,,,,,,,,!!”


“तुम करने क्या वाले हो ?”,निशि ने अपने पापा का नंबर वंश को देते हुए कहा
वंश ने नवीन का नंबर डॉयल किया और फोन का स्पीकर ऑन कर दिया
“हेलो,,,,,,,,,!!”,नवीन की आवाज उभरी
वंश ने एक नजर निशि की तरफ देखा और अपनी आवाज को लड़कियों जैसा बनाकर कहा,”हेलो,,,,,,,,,,,,,,मैं गौरी बोल रही हूँ,,,,!!”


निशि ने वंश को लड़कियों की आवाज में बात करते देखा तो हैरानी से आँखे फाड़कर उसे देखने लगी और वंश के पीछे खड़ा बेचारा अमितेश गिरते गिरते बचा

Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33

Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33Main Teri Heer – 33

Continue With Main Teri Heer – 34

Visit Website sanjanakirodiwal

Follow Me On instagram

संजना किरोड़ीवाल 

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4
A Woman
A Woman by Sanjana Kirodiwal

6 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!