Main Teri Heer – 20
Main Teri Heer – 20
वंश निशि को लेकर काउंटर पर आया बिल पे किया और बाहर निकल गया। क्लब के सामने आकर निशि का हाथ छोड़ते हुए कहा,”पागल हो गयी हो क्या इतना ओवर रिएक्ट क्यों कर रही हो ?”
निशि ने वंश की तरफ देखा और कहा,”मेरे सामने वो तुम्हे अपना नंबर लेने को कैसे बोल सकती है ?”
“क्यों नहीं बोल सकती ? एक मिनिट उसने तुम्हे मेरी गर्लफ्रेंड कहा इसका मतलब ये नहीं तुम खुद को सच में मेरी गर्लफ्रेंड समझने लग जाओ,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा तो निशि होश में आयी और उसे समझ आया कि उसे ऐसे बर्ताव नहीं करना चाहिए था।
निशि को खामोश देखकर वंश ने थोड़ा प्यार से कहा,”देखो अगर कोई तुम्हारा है और तुम्हे ये यकीन है कि वो सिर्फ तुम्हारा है तो फिर तुम्हे इस बात से फर्क नहीं पढ़ना चाहिए कि दूसरे लोग उसे कितना पसंद करते है।”
“क्या ?”,निशि ने चौंककर कहा क्योकि वंश ने जो कहा वो उसे ज़रा भी समझ नहीं आया
“अह्ह्ह्ह मालूम ही था कि ये तुम्हारे सर के ऊपर से जायेगा थोड़ी बड़ी हो जाओ फिर समझने लगोगी,,,,,,,!!”,वंश ने निशि की तरफ गर्दन झुकाकर कहा
“क्या मैं छोटी हूँ ?”,निशि ने अभी भी उलझन भरे स्वर में कहा
वंश ने अपने कंधे से निशि के कंधे को नापते हुए कहा,”हाँ बिल्कुल,,,,,,तुम यही रुको मैं मुन्ना को देखकर आता हूँ”
निशि ने अपना सर हिलाया और उस बारे में सोचने लगी जो वंश ने कहा लेकिन वंश की बातो का ना सर होता था ना पैर,,,,,,,,,,,,,,निशि ने बैग से अपना फोन निकाला और देखा तो पूर्वी का मैसेज देखकर उसे बुरा लगा उसने पूर्वी को फोन लगाया लेकिन पूर्वी ने फोन नहीं उठाया।
कुछ देर बाद वंश मुन्ना के साथ आया और निशि से कहा,”चलो चलते है , पूर्वी कहा है ?”
“वो घर चली गयी है उसने कहा उसे कुछ जरुरी काम है,,,,,,,,,,!!”,निशि ने मायूस होकर कहा
“कोई बात नहीं , तुम चाहो तो क्लब के बजाय हम कही और चल सकते है,,,,,!”,मुन्ना ने निशि को असहज देखकर कहा
“हम्म्म ठीक है क्लब नहीं चलते , यहाँ पास में एक बहुत अच्छा रेस्टोरेंट है हम सब खाना खाने वहा चले ?”,निशि ने कहा
“क्या ? ए मुन्ना तुमने कहा था तुम क्लब चलोगे अब प्लान चेंज क्यों ?”,वंश ने कहा
“वंश तुम मुंबई अपने सपने पुरे करने आये हो ये क्लब पार्टी करने नहीं , चलो कही और चलते है वैसे भी हमे बहुत भूख लगी है।”,मुन्ना ने कहा
वंश ने सुना तो मायूस हो गया कितने दिनों बाद तो वह क्लब जाने वाला था लेकिन मुन्ना ने लास्ट मोमेंट पर प्लान चेंज कर दिया। मुन्ना नहीं चाहता था निशि दो लड़को के साथ रहकर असहज महसूस करे इसलिए तीनो खाना खाने चले आये।
जैसा कि निशि ने बताया था रेस्टोरेंट काफी अच्छा था और वहा का खाना भी काफी लजीज था वंश कुछ ही देर में अपना गुस्सा भूल गया और निशि मुन्ना के साथ के बैठकर खाना इंजॉय करने लगा। खाना खाकर तीनो घर चले आये। मुन्ना को सुबह जल्दी निकलना था इसलिये उसने पहले निशि को घर छोड़ा और फिर वंश के साथ फ्लेट पर चला आया।
अगली सुबह शिवम् के घर में सोया मुरारी बिस्तर पर गिरा अंगड़ाई ले रहा था। वह आँखे मसलते हुए उठा और कमरे से बाहर आते हुए घर के नौकर को आवाज दी,”किसना,,,,,,,,,,,,एक ठो कप चाय पिलाय दयो”
मुरारी को अभी भी समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने नहीं बल्कि शिवम् के घर में है। वह आँखे मसलते हुए आकर सोफे पर बैठा और फिर से कहा,रे किसना ! हमहू तुम से कह रहे है भैया , चाय पिलाय दयो सर बहुते दर्द कर रहा है।”
“कहो तो चाय के साथ कचौड़ी भी मंगवा दे ?”,एक जानी पहचानी आवाज मुरारी के कानो में पड़ी
“अरे यार तब तो मजा ही,,,,,,,,,,,,,,,,,आप सुबह सुबह हिया का कर रहे है ?”,कचौड़ी खाने की ख़ुशी से भरकर मुरारी ने कहा और जैसे ही गर्दन घुमाई शिवम् को वहा देखकर हैरान रह गया।
“अब तुम कहोगे हम हिया का कर रहे है ?”,दूसरी तरफ से आती आई ने कहा
“अरे आई ! शिवम् भैया के साथ तुमहू भी आयी हो,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“अपनी जे मेंढक जैसी आँखे खोलकर देखो बिधायक जी हम तुम्हरे घर मा घर मा नहीं बल्कि तुम हमरे घर मा हो,,,,,,,,,,,,,हो का कल लाये गए हो”,आई ने कहा
मुरारी ने चारो तरफ नजर घुमा के देखा तो उसे समझ आया कि वह शिवम के घर में है लेकिन अब ये सोचकर उसका दिमाग और ज्यादा घूमने लगा कि वह शिवम् के घर में क्या कर रहा है ? उसने उलझे हुए भाव के साथ आई को देखा और कहा,”लाये गए है मतबल , तुमहू हमका उठवा ली हो का ?”
“हम का तोको उठवाएंगे मुरारी , तुमको तो इक ठो भोलेनाथ उठाय लेंगे और जे ही रंगबाजी रही ना तुम्हरी तो भोलेनाथ से पहिले अनु बिटिया उठा दी है तुमको “,आई ने मुरारी को घूरते हुए कहा
“अरे आई सुबह सुबह का कुछ भी कह रही हो ,, हमको जे बताओ हम हिया का कर रहे है ? और हम हिया आये कब हमको तो साला कुछो याद नहीं आ रहा है”,मुरारी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“हम बताते है,,,,,,,,,,,,आई आप ज़रा अंदर जाएँगी ?”,शिवम् ने मुरारी को देखते हुए कहा
आई वहा से चली गयी , शिवम् की आँखे देखकर ही मुरारी समझ गया कि बीती रात जरूर उसने कोई बहुत बड़ा कांड किया है वरना शिवम् भैया इतने गुस्से में नहीं होते। बेचारा मुरारी घबराकर सोफे में दुबक गया।
पिछले 2 मिनिट से शिवम् बस मुरारी को घूरे जा रहा था और ये देखकर मुरारी ने असहज होते हुए कहा,”भैया आखिर बात का है ? ऐसे देखकर हमको हार्ट अटैक काहे दे रहे हो ?”
शिवम् पास पड़े सोफे पर आ बैठा और मुरारी की तरफ देखकर कहा,”हमको एक बात बाताओ मुरारी , तुम्हे सीधा साधा जीवन पसंद नहीं है का ?”
“जे कैसा सवाल है भैया ? हमहू तो सीधा साधा जीवन ही जी रहे है , अब तो विधायकी भी छोड़ दिए है अब परेशानी है हमारे जीने से,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
शिवम् ने घूरकर मुरारी को देखा तो मुरारी ने ख़ामोशी से सर झुका लिया।
हालाँकि मुरारी अब एक नौजवान का बाप था लेकिन शिवम् के सामने कुछ कहने की हिम्मत उसमे आज भी नहीं थी।
“दिक्कत तुम्हारे जीने से नहीं है मुरारी तुम्हारी आदतों से है , हमे जे बताओ कल रात तुम घाट पर का कर रहे थे ?”,शिवम् ने सीधे सीधे पूछ लिया। मुरारी ने सुना तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। उसने शिवम् की तरफ देखा तो पाया शिवम् उसे ही देख रहा था। मुरारी ने कोई जवाब नहीं दिया और सर झुका लिया।
“मुरारी मत भूलो तुम अब वो पहले वाले मुरारी नहीं रहे जो बनारस की गलियों में बुलेट दौड़ाते थे , जो रात रात भर हमरे साथ घाट पर पड़े रहते थे , जो लोगो के साथ बकैती करते घूमते थे और दोस्तों के साथ आवारा घूमते थे। तुम्हारा अब एक परिवार है , तुम बनारस के विधायक रह चुके हो , बनारस में तुम्हारा जाना माना नाम है अगर तुम भांग के नशे में गंगा घाट पर भंड घूमोगे तो बनारस के लोगो में का इज्जत रह जायेगी तुम्हरी ?
हम जे नहीं कहते इह उम्र मा यार दोस्तों गलत है पर ऐसे दोस्त किस काम के जो तुमको मुसीबत में अकेला छोड़कर भाग जाये।”,शिवम ने कहा
“अरे भैया उह मोहन और रामभद्रा मिल गए थे कल शाम में तो उन्होंने वो ठंडाई पीला दी , अब हमे का पतो जे में भांग है,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने बचने की कोशिश करते हुए कहा
“अच्छा और बे स्टेज पे चढ़ के 16 शिरंगार तुम्हरी कौनसी सहेली के लिये गाय रहे थे ?”,शिवम् ने हवा में हाथ उठाते हुए कहा
“अरे भैया भैया का कर रहे है ? जे उम्र मा इतना गुस्सा ठीक नहीं ना होता है”,मुरारी ने कहा
“अच्छा तो इह उम्र मा भांड के जइसन लड़कियों के साथ नाचना भी नहीं होता है मुरारी,,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम ने कहा
“लगता है पूरा पिरोगराम देख के आये है,,,,,,,,,,!!”,मुरारी धीरे से बड़बड़ाया
“शर्म करो मुरारी इह उम्र मा जे सब करना का अच्छा लगता है ? अरे कुछ दिन बाद मा बहु आ जायेगी तुम्हरे घर में , तुम्हरे जे लक्षण देख के लगता नहीं हमको उह जियादा दिन टिकेगी,,,,,,,,,,,,,,
अभी भी बख्त है मुरारी सुधर जाओ , कभी उर्वशी , कबो विधायक ऑफिस वाला मैटर तो अब जे बिजली,,,,,,,,,,, तुमसे आधी उम्र की है उह और तुम साले उसके साथ कमर मटका के आ रहे हो,,,,,,,,,,पता है कितना सर्मिन्दा हुए है हम कल रात सारिका के सामने तुम्हरी वजह से , कितने दिनों बाद हम उनको बाहर लेकर गए थे लेकिन तुम तो पहिले से वहा रायता फैला के बैठे थे,,,,,,,,,,,,!”,शिवम् ने गुस्से से कहा
मुरारी ने देखा शिवम् कुछ ज्यादा ही नाराज है तो उसे समझ आ गया कि बीती रात उसने कुछ ज्यादा ही गड़बड़ की है उसने डरते डरते पूछा,”अनु को तो नाही बताये हो आप जे सब ?”
शिवम् ने फिर घूरकर मुरारी को देखा तो मुरारी सहम गया और कहा,”ना ही बताया हो तो अच्छा है वरना धोकर सूखा देगी उह हमे,,,,,,,,,,,,,ए भैया जे बार माफ़ करी दयो हमका,,,,,,,,,,महादेव की कसम आज के बाद कबो ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिस से तुमको हमरी वजह से शर्मिन्दा होना पड़े”
शिवम् ने मुरारी की तरफ देखा तो मुरारी ने अपना हाथ शिवम् की तरफ करके कहा,”अच्छा चलो आपके सर की कसम खाते है।”
“हमारे सर की कसम तो तुम ना ही खाओ तो अच्छा है मुरारी”,शिवम् ने कहा और वहा से चला गया
मुरारी मायूस हो गया वह समझ गया की शिवम् उस से बहुत नाराज है।
“मुरारी भैया चाय लीजिये,,,,,,,!”,सारिका की आवाज मुरारी के कानो में पड़ी तो मुरारी की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”भैया के जइसन आप भी हमसे नाराज हो का भाभी ?”
“नहीं हम आपसे नाराज नहीं है बस आपसे एक शिकायत है आपको घाट पर उस हालत में नहीं होना चाहिए था , आपके साथ कोई हादसा भी हो सकता था।”,सारिका ने प्यार से कहा
सारिका की बात सुनकर मुरारी का दुःख थोड़ा कम हुआ और उसने कहा,”देखा भाभी आप कितना प्यार से सब समझाय रही और भैया हमको इतना सब सुना के चले गए,,,,,,,,,,!!”
“सिर्फ सुनाया ? तुम्हरी पिपटी नहीं बजायी उसने,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हरे जैसे कर्म है ना मुरारी मत भूलो उनको कांड में बदलते देर नहीं लगती है।”,डायनिंग के पास बैठी आई ने कहा
“हमको तो लगता है आप ही नमक मिर्च निम्बू लगा के भैया को तैयार की है हमरी बारात निकालने के लिये,,,,,,,,!!”,मुरारी ने चिढ़ते हुए कहा
“मुरारी भैया,,,,,,,,,,आई रहने दीजिये ना शिवम् जी पहले ही इन्हे इतना सब कह चुके है,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
आई और मुरारी दोनों एक दूसरे को घूरते हुए चुपचाप अपनी चाय पीने लगे
शक्ति सुबह उठा और तैयार होकर पुलिस स्टेशन जाने के बजाय सीधा हॉस्पिटल चला आया। इंस्पेक्टर पंकज ने शक्ति को देखा तो उसके पास आया और सेल्यूट करते हुए कहा,”जय हिन्द सर”
“जय हिन्द , पंकज अब कैसा है वो ? क्या वो कल रात के लिये बयान दे पायेगा ?”,शक्ति ने पूछा
“सर वो खतरे से बाहर है लेकिन उसे काफी इंजरी है तो अभी होश नहीं आया है।”,पंकज ने कहा
“जैसे ही उसे होश आता है सबसे पहले उसका बयान नोट करो,,,,,,,,,,,और हाँ ये उसका फोन है मुझे इस फोन में आये कॉल्स और मैसेज के साथ ट्रांजेक्शन की सभी डिटेल्स चाहिए,,,,,,,!!”,कहते हुए शक्ति ने अपने जेब से फोन निकालकर पंकज की तरफ बढ़ा दिया।
“जी सर हो जायेगा”,पंकज ने फोन अपनी जेब में रखकर कहा
शक्ति कुछ देर वहा रुका और फिर वहा से निकल गया।
शक्ति के जाने के तुरंत बाद कबीर के माता पिता वहा आये। मिस्टर अरोड़ा शहर के बहुत बड़े बिजनेसमैन थे इसलिए उनके साथ कुछ सिक्योरिटी गार्ड भी थे। मिस्टर अरोड़ा जैसे ही कबीर से मिलने icu की तरफ जाने लगे पंकज ने उन्हें रोक दिया और कहा,”आप अंदर नहीं जा सकते,,,,,,,,!!”
“व्हाट ? हु द हेल आर यू ? तुम जानते भी हो मैं कौन हूँ ? विक्रम अरोड़ा इस शहर के बिजनेस वर्ल्ड का ब्रांड हूँ मैं और तुम मुझे जाने से रोक रहे हो,,,,,,,,!!”,विक्रम अरोड़ा ने गुस्से से कहा
शक्ति पंकज से बात करने वापस आया था उसने जब देखा एक आदमी पंकज से बदतमीजी कर रहा है तो वह मिस्टर अरोड़ा के सामने आया और कहा,”तुम कोई भी ब्रांड हो एक पुलिसवाले से बात करने की तमीज नहीं है तुम्हे,,,,,,,,,,!!”
विक्रम अरोड़ा ने देखा एक आदमी उसे आँखे दिखाकर बात कर रहा है तो वह शक्ति के थोड़ा करीब आया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”इसके जैसे पैसेवालों को अपनी जेब में रखता हूँ मैं , अभी नोटों की गड्डी फेकूंगा तो इसके साथ पूरा पुलिस डिपार्टमेंट मेरे लिये तालियां बजायेगा”
शक्ति को भला ये कहा बर्दास्त होना था। वह इस वक्त सिविल ड्रेस में था इसलिए अरोड़ा उसे पहचान नहीं पाया। शक्ति ने अपना सर खुजाया और खींचकर एक थप्पड़ विक्रम अरोड़ा के गाल पर रसीद कर दिया।
शक्ति के एक थप्पड़ में ही अरोड़ा हिल गया। साथ आये दोनों गार्ड्स ने शक्ति पर बन्दुक तान दी तो शक्ति ने उन्हें देखकर गुस्से से कहा,”पुलिस,,,,,,,,,,,DCP शक्ति शर्मा , बयान होने से पहले पेशेंट से कोई नहीं मिलेगा एंड इट्स माय आर्डर,,,,,,,!!”
कबीर अरोड़ा ने सुना तो गार्डस से बन्दुक नीचे करने का इशारा किया और चुपचाप वहा से चला गया।
शक्ति पंकज की तरफ आया और कहा,”जैसे ही उसे होश आये सबसे पहले उसे कस्टडी में लो,,,,,,,,,,,,,वो बिजनेस मेन का बेटा बाद में है उस से पहले वो एक क्रिमिनल है,,,,,,,!!”
कहते हुए शक्ति ने विक्रम अरोड़ा को देखा और वहा से चला गया। कबीर की माँ ने सुना तो बेहोश होकर वही गिर पड़ी और विक्रम अरोड़ा के माथे पर पसीने की बुँदे उभर आयी।
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संजना किरोड़ीवाल
Wha Shakti kya thappad lagaya uss Vikram Arora ko…ab sach samne aayega…esa lag raha hai ki yeh Kabir Arora bahot bada kirdar to nhi banane wala hai… Munna bhi Mumbai m ek aadmi ki information k liye gaya tha aur idhar Kabir naam shakhs bhi Murari aur Munna k bare m information nikalwa rha hai…kuch to tikdam hai yr…
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Bichara Murari Subah subah apne Shivam Bhai ka gussa dekh kar gabragaya…Vansh udaas hogaya Club na jane ki wajahse per Nishi ke bataye gaye yaha khana khane se uska mood bi tikh hogaya..Vansh ki baate Nishi ke sar ke upper se gayi…Shakti sahi pesh aya Vikram Arora se akar voh aram se baat karta toh aisa nahi hota…interesting part Maam♥♥♥♥
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Very nice part