Sanjana Kirodiwal

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Main Teri Heer – 19

Main Teri Heer – 19

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

मुन्ना , वंश , निशि और पूर्वी चारो एक आलिशान क्लब के सामने पहुंचे। मुन्ना जान बूझकर यहाँ आया था क्योकि जिस आदमी से मुन्ना मिलने वाला था उसने मुन्ना को यही आने को कहा था। एंट्री होने में अभी एक घंटा बाकि था और सब लोग पहले ही चले आये थे।
“यार मुन्ना तू कब से ऐसी जगह आने लगा ?”, वंश ने क्लब के बाहर की चकाचोंध देखकर कहा


“यहां हम तुम्हारे लिए आये है , जानते है मुंबई आने के बाद तुम सबसे ज्यादा यही सब मिस कर रहे हो,,,,,,,,,,,,तो सोचा क्यों न आज आज तुम्हारी तरह जिंदगी जीकर देखा जाये,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
वंश मुन्ना के गले आ लगा और कहा,”ओह्ह्ह मुन्ना थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,,,सच में तुम से ज्यादा प्यार मुझे इस दुनिया में कोई नहीं कर सकता”


“पर हम चाहते है कोई और भी करे,,,,,!!”,कहते हुए मुन्ना ने निशि की तरफ देखा तो पाया निशि उसे और वंश को ही देख रही थी। मुन्ना की बात सुनकर निशि का दिल धड़क उठा।


“वैसे हम लोग जल्दी आ गए है , इतनी देर हम लोग करेंगे क्या ?”,वंश ने पूछा
मुन्ना ने देखा क्लब के आस पास काफी स्ट्रीट शॉपिंग के स्टॉल लगे थे और दूसरे कई ब्रांडेड शोरूम भी थे। मुन्ना की नजर कुछ ही दूर एक झुमको के स्टॉल पर पड़ी तो उसे गौरी की कही बात याद आ गयी “मुझे तोहफे में झुमके चाहिए”


“हमें तो पता है हमे क्या करना है ? बाकि तुम तीनो अपना देख लो,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और वहा से चला गया , रोजाना के बजाय वह आज कुछ ज्यादा ही एक्टिव और खुश लग रहा था।


“अरे मुन्ना,,,,,,,,,,!!”,वंश ने आवाज दी लेकिन तब तक मुन्ना वहा से जा चुका था।
पूर्वी की नजर वही पास ही के एक शू शॉप पर पड़ी तो उसने कहा,”निशि तुम रुको मैं अभी आयी”
“अरे तुम कहा ?”,निशि ने कहा लेकिन पूर्वी जा चुकी थी , दरअसल पूर्वी को शू शॉप में खड़ा अपना बॉयफ्रेंड आकाश दिख गया था इसलिए वह निशि को साथ लिये बिना ही चली गयी
“हाह ! कितनी अजीब लड़की है ये मुझे साथ लेकर भी नहीं गयी,,,,,,,!!”,निशि ने मुँह बनाकर कहा


“वो अपने बॉयफ्रेंड से मिलने गयी है ताकि वह उसे शॉपिंग करवा दे , तुम्हे उनके बीच कबाब में हड्डी क्यों बनना है ? वैसे भी तुम्हारा तो कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है जो तुम्हे शॉपिंग करवाए,,,,,!!”,वंश ने अपने हाथो को बांधकर निशि का मजाक उड़ाते हुए कहा
निशि ने सुना तो वंश की बातो से जल भून गयी और उसकी तरफ पलटकर कहा,”तुम्हे लगता है मुझे बॉयफ्रेंड की जरूरत है ?”


“नहीं तुम गर्लफ्रेंड मेटेरियल हो ही नहीं,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
निशि ने हैरानी से वंश को देखा तो उसने निशि की आँखों में देखते हुए कहा,”तुम वाइफ मेटेरियल हो,,,,,,,,!!”
वंश की बात से निशि ख़ामोश हो गयी और उसे देखने लगी। निशि का यू देखना वंश को बेचैन कर गया 

  वंश ने निशि से नजरे हटाई और जैसे ही वहा से जाने लगा। निशि ने उसकी कॉलर पकड़कर उसे जाने से रोका और कहा,”तुम कहा चले ? तुमने कहा था जो मैं जो कहूँगी तुम वो करोगे,,,,,,!!”
“क्या करना होगा मुझे ?”,वंश ने अपनी शर्ट सही करते हुए कहा
“मेरे साथ आओ,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निशि वंश का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले गयी।


निशि के हाथ में वंश का हाथ बहुत ही प्यारा लग रहा था। वंश निशि के पीछे पीछे चला आया निशि वंश को वही पास ही के एक ब्यूटी प्रोडक्ट शोरूम में लेकर गयी। वंश समझ गया उसकी जेब खाली होने वाली है। वह निशि के साथ चला आया। निशि ने कुछ शेड्स खरीदे और कुछ फाउंडेशन कॉम्पेक्ट भी,,,,,,,,,,वह एक एक करके चीजे उठती उन्हें देखती और वंश को थमा देती और बेचारा वंश उसके पीछे पीछे चलता रहा।
निशि लिपस्टिक वाले सेक्शन में आकर रुकी और एक एक करके शेड्स देखने लगी।

उसने अपने हाथ के पिछले हिस्से पर कितनी ही लिपस्टिक को लगाकर देखा लेकिन उसे कुछ पसंद नहीं आ रहा था। उसने एक चेरी रंग का शेड उठाया लेकिन जब हाथ पर जगह नहीं बची तो उसने बेचारगी से वंश की तरफ देखा वंश समझ गया निशि क्या चाहती है इसलिये अपना हाथ आगे करके कहा,”ये लो इसे इस्तेमाल करो”
निशि मुस्कुराई और लिपस्टिक का ब्रश वंश के हाथ पर लगा दिया। ये रंग निशि को बहुत पसंद आया और उसने ले लिया।

पास ही खड़ी दोनों लड़किया काफी देर से वंश और निशि को देख रही थी।
“यार ये लड़का कितना स्वीट है , कितने आराम से इसने अपना हाथ आगे कर दिया,,,,,,,,,,!!”,लड़की ने कहा
“हाँ यार ! सच में कितना रोमांटिक है ये,,,,,,,,,,,,ऐसे लड़के हमारी किस्मत में क्यों नहीं होते यार ?”,दूसरी लड़की ने वंश की तरफ देखते हुए कहा


निशि ने सुना तो वह लड़की की तरफ देखने लगी। लड़की एकटक वंश को ही देखे जा रही थी। उस लड़की को देखकर निशि को ना जाने क्यों जलन होने लगी।

उसने गुस्से से लड़की को देखा और जब वंश की नजर निशि पर पड़ी तो उसे कुछ समझ नहीं आया।
“ए निशि ! क्या हुआ तुम्हे ?”,वंश ने निशि का कंधा हिलाते हुए कहा
“अह्ह्ह्ह , कुछ नहीं,,,,,,,,,,चलो यहाँ से चलते है।”,निशि ने कहा और वंश को लेकर वहा से जाने लगी
“बेचारा ! गर्लफ्रेंड के सामने किसी और को देख भी नहीं सकता,,,,,,ओह्ह्ह हेंडसम चाहो तो नंबर ले जाओ आराम से बात कर लेना,,,,,,!!”,दोनों में से एक लड़की ने कहा और दोनों खिलखिलाकर हंस पड़ी।


निशि ने सुना तो गुस्से से पलटी और वंश से कहा,”मैं मुंह तोड़ दूंगी इन लोगो का,,,,,,!!”
निशि लड़कियों की तरफ जा पाती इस से पहले ही वंश ने निशि की कमर में हाथ डालकर उसे उठाया और वहा से ले जाते हुए कहा,”अरे मेरी लड़ाकू विमान वो दोनों मेरे टाइप की नहीं है।”
निशि ने कुछ नहीं कहा बस दोनों लड़कियों को घूरते हुए वंश की गोद में अपने हाथ पैर मारती रही।    

चौहान साहब का घर
“ये कबीर मेरा फोन क्यों नहीं उठा रहा ? मैंने इसे दो दिन पहले कहा था काम हो जाना चाहिए और इसकी कोई खबर तक नहीं है।”,चौहान साहब अपने फोन को देखते हुए बड़बड़ाये।
चौहान साहब ने फोन रखा और सोफे पर आ बैठे। उन्होंने टीवी ऑन किया और न्यूज देखने लगे। कुछ देर बाद उनका पी.ए. कमरे में आया और कहा,”सर ! आपने मुझे मुरारी मिश्रा के बारे में जानकारी निकलवाने को कहा था , मैंने निकलवाली है सर”


“हम्म्म क्या पता चला ?”,चौहान साहब ने टीवी बंद करते हुए कहा
पी.ए. ने उन्हें देखा और कहने लगा,”सर मुरारी मिश्रा के बारे में पहले से सब जानते है , वो बनारस के विधायक रह चुके है और अभी कुछ महीनो पहले ही उन्होंने इस्तीफा दिया था।”
“ये नहीं इसके अलावा बताओ , उसके बैकग्राउंड के बारे में क्या जानते हो ?”,चौहान साहब ने मुरारी में दिलचस्पी दिखाते हुए कहा


“सर मुरारी को विधायकी अपने चाचा से मिली है , इसके अलावा जवानी के दिनों में कुछ खास नहीं रहा है। बनारस में पहले वो गुंडई करता था और उसके बाद उसने इंदौर के बिजनेस मेन की बेटी से शादी कर ली। उसके बाद विधायकी में आ गया और धीरे धीरे गुंडई छोड़ दी। विधायक बनने के बाद मुरारी ने बनारस कई अच्छे काम किये जिस से बनारस के लोग आज भी उसका बहुत सम्मान करते है।

उसका एक बेटा है जिसने अभी कॉलेज पूरा किया है। अभी फ़िलहाल वह अपने बड़े भाई की शुगर मील सम्हाल रहा है जो कि सारनाथ में है,,,,,,,,,,,,,,,

इसके अलावा उसका कोई बैकग्राउंड नहीं है सर। मुरारी बनारस में रहकर धौंस दिखा सकता है बनारस से बाहर नहीं और मुझे नहीं लगता उस से आपको किसी तरह का खतरा है।”,पी.ए. ने सारी कहानी चौहान साहब को कह सुनाई
वे कुछ देर खामोश रहे और कहा,”उसका बेटा क्या करता है ? क्या वो भी मुरारी की तरह राजनीती में दिलचस्पी रखता है ?”


“कौन मुन्ना ? नहीं सर उसे तो राजनीती से सख्त नफरत है। उसी ने तो पिछले केश कांड में मुरारी मिश्रा को बचाया था। वो लड़का बहुत ही सीधा और समझदार है।”,पी.ए. ने कहा
“मत भूलो यादव ऐसे लोग ही खंजर की तरह सीधे घुसते है,,,,,,,,,,,मुझे उस लड़के की पूरी डिटेल्स चाहिए”,चौहान साहब ने कहा


पी.ए. ख़ामोशी से वहा से चला गया और बाहर आकर हाथ में पकड़ी फाइल टेबल पर मारते हुए कहा,”समझ नहीं आता आखिर इनको सीधे लोगो से क्या दुश्मनी है। ये यहाँ दिल्ली में बैठे है लेकिन इन्हे बनारस के लोगो की डिटेल्स चाहिए,,,,,,,,,,,,,वर्षा कल सुबह के लिये बनारस के लिये टिकट्स बुक करवाओ मेरी,,,,,,,,,,,पी.ए बनना गले में कुत्ते का पट्टा डालने जैसा है।”
कहकर यादव वहा से चला गया।

मुन्ना झुमके लेने के बहाने स्टॉल की तरफ चला आया। दरअसल वहा वो आदमी खड़ा था जिस से मुन्ना आज मिलने वाला था। मुन्ना वहा आकर खड़े हो गया और इधर उधर नजरे घुमाई लेकिन आदमी उसे कही नजर नहीं आया। मुन्ना ने कलाई पर बंधी घडी देखी 9 बज चुके थे। तभी मुन्ना के कानो में वही जानी पहचानी आवाज पड़ी,”मुझे लगा नहीं था एक सबूत के लिये तुम मुंबई तक चले आओगे,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सामने देखा तो पाया झुमके के स्टॉल के सामने एक आदमी मास्क पहने खड़ा था।

मुन्ना आवाज सुनकर ही उसे पहचान गया और कहा,”क्योकि हमारा ये जानना बहुत जरुरी है आखिर इन सबके पीछे कौन है ? अब तक जो लोग पकडे गए है वो छोटी मछली थे बड़ी मछली कोई और है जो इन सबके पीछे बैठकर ख़ामोशी से तमाशा देख रही है। तुम पहले भी हमारी मदद की है और तुम जानते हो वो बड़ी मछली कौन है ?”
“नहीं मैं नहीं जानता वो कौन है लेकिन हाँ मेरे पास कुछ ऐसे सबूत है जिनसे उस बड़ी मछली तक पहुंचा जा सकता है।”,आदमी ने कहा


“हमे एक बात समझ नहीं आयी तुम चाहते तो ये सबूत पुलिस को भी दे सकते हो फिर हम ही क्यों ?”,मुन्ना ने कहा
“पुलिस सिर्फ मछलियों को खत्म करेगी समंदर साफ नहीं करेगी,,,,,,,,,,,,,,ये सब खत्म होने के लिये समंदर का साफ होना बहुत जरुरी है। पुलिस को ये दिया भी तो वह कभी असली मुजरिम तक नहीं पहुँच पायेगी लेकिन तुम ये करोगे,,,,,,,,,,,,,,,आखिर इसमें तुम्हारे पिताजी का नाम भी तो शामिल है।”,आदमी ने कहा तो मुन्ना सोच में पड़ गया

उसे लगा मुरारी को राजनीती से बाहर निकालकर मुन्ना ने उन्हें इन सब से बचा लिया है लेकिन ऐसा नहीं था मुरारी को अब भी इन सब से खतरा था जिसका आभास मुरारी को नही था।
उसने आदमी की तरफ देखा और कहा,”लेकिन हमारे पापा क्यों ?”


“मानवेन्द्र मिश्रा राजनीती एक ऐसा दलदल है जिसमे आदमी आ तो सकता है लेकिन निकल नहीं सकता,,,,,,,,,,तुम्हारे पास एक मौका और है ये सब खत्म करने का , अब इसे खत्म कैसे करना है ये मैं तुम पर छोड़ता हूँ”,आदमी ने मुन्ना की तरफ लिफाफा बढाकर कहा


मुन्ना ने लिफाफा लिया और आदमी की तरफ देखा तो आदमी ने आगे कहा,”आज के बाद हम नहीं मिलेंगे मैं हमेशा हमेशा के लिये ये देश छोड़कर जा रहा हूँ। बेस्ट ऑफ़ लक”
कहकर आदमी बिना मुन्ना का जवाब सुने वहा से चला गया और मुन्ना उस लिफाफे को देखने लगा।

मुन्ना ने लिफाफे को अपनी जेब में रख लिया वंश और बाकी लोगो को उस पर शक ना हो सोचकर मुन्ना झुमके देखने लगा। पूर्वी आयी तो उनके साथ थी लेकिन अपने  बॉयफ्रेंड के साथ वहा से चली गयी। जाते जाते उसने निशि को मैसेज कर दिया जो कि निशि ने देखा नहीं क्योकि वह वंश के साथ शॉपिंग करने में बिजी थी। मुन्ना स्टॉल पर रखे झुमके देखने लगा।

उसने कुछ डिजाइन देखे और सब भी बहुत खूबसूरत थे लेकिन मुन्ना को समझ नहीं आ रहा था कि वह कौनसा ले ? कुछ देर बाद वहा दो लड़किया आयी और अपने लिये झुमके देखने लगी मुन्ना ने उन्हें देखा और फिर मन ही मन खुद से कहा,”अह्ह्ह्ह ये गौरी ने भी हमे कहा फंसा दिया ? अब इतने झुमको में से हम कौनसा वाला ले समझ नहीं आ रहा।”


मुन्ना एक बार फिर देखने लगा उसने एक जोड़ी ऑक्सीडीसेड झुमके उठाये जो कि थोड़े बड़े थे और भारी थे लेकिन काफी खूबसूरत लग रहे थे।

मुन्ना ने उन्हें साइड रखा। उसके बाद उसने सफ़ेद मोतियों से बने एक जोड़ी झुमके उठाये और उन्हें भी घुमाकर देखा वो वजन में हलके थे और अच्छे लग रहे थे। मुन्ना ने उन्हें साइड रखते हुए धीरे से कहा,”ये सही रहेंगे , इस से गौरी के कान दर्द भी नहीं करेंगे,,,,,,,,,!!”
मुन्ना अभी गौरी के बारे में सोच ही रहा था कि उसे स्वस्तिक डिजाइन वाले झुमके दिखे ये तो मुन्ना को देखते ही पसंद आ गए। उसने गौरी को विडिओ कॉल लगा दिया।

अगले ही पल गौरी स्क्रीन पर दिखाई देने लगी तो मुन्ना ने झुमके उसके सामने करके कहा,”ये कैसे लग रहे है ?”
“मान क्या तुम सच में मेरे लिए झुमके खरीद रहे हो ?”,गौरी ने हैरानी से कहा
“हाँ ! तुमने कहा तुम्हे तोहफे में यही चाहिए तो हमने खरीद लिये,,,,,,,,,,,,बताओ इनमे से कौनसा अच्छा है ?”,मुन्ना ने बेक केमेरा करते हुए गौरी को रेंक में लगे झुमके दिखाए और गौरी एक एक करके उसे बताने लगी कौनसा खरीदना है।

पास खड़ी लड़कियों ने मुन्ना को देखा तो उनमे से एक ने कहा,”यार इसकी गर्लफ्रेंड कितनी लकी है जिसके लिए ये झुमके खरीद रहा है।”
मुन्ना ने सुना तो लड़की की तरफ पलटा और कहा,”गर्लफ्रेंड नहीं हमारी होने वाली पत्नी है,,,,,,,,!!”
लड़कियों ने सुना तो दोनों मुस्कुरा उठी दूसरी तरफ गौरी भी मुस्कुराने लगी

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