Main Teri Heer – 17
Main Teri Heer – 17
मुरारी अपने दोस्त रामभद्रा और मोहन के साथ भांग के नशे में मस्त गंगा किनारे बैठा था। तीनो उटपटांग बिना सर पैर की बाते कर रहे थे। सामने से आती नाव को देखकर मोहन ने कहा,”मुरारी भैया जे लाइट वाली मछली हमरी तरफ काहे आ रही है ?”
“अरे मछली नहीं है जे तो हमको मगरमछ लग रहा है।”,रामभद्रा ने कहा
“पगला गए हो दोनों के दोनों ,, अरे उह नैया है नैया,,,,,,,,,,पर जे इतना चमक काहे रही है ?”,मुरारी ने आँखों पर हाथ लगाकर दूर तक देखते हुए कहा
नाव में बैठे शिवम् की नजर जब घाट किनारे पड़ी तो उसने सारिका से कहा,”जे मुरारी यहाँ का कर रहा है ?”
“मुरारी भैया,,,,,,,,!”,कहते हुए सारिका ने किनारे की तरफ देखा। शिवम् के साथ साथ वह भी मुरारी को वहा देखकर हैरान थी। उसने हैरानी से शिवम की तरफ देखा। शिवम् ने केवट की तरफ देखा और कहा,”कृष्णा जे नाव को ज़रा किनारे लगाना”
“जी भैया अभी लगाते है”,केवट ने कहा और नाव को किनारे की तरफ मोड़ दिया। नाव किनारे पहुंची शिवम् सारिका के साथ नीचे उतरा और सारिका से कहा,”सरु ! तुम यही रुको हम आते है।”
सारिका वही सीढ़ियों के पास रुक गयी और नाव वाला भी नाव किनारे लगाकर ऊपर चला आया।
मुरारी वही किनारे बैठा पानी से खेल रहा था। शिवम् को आता देखकर मोहन और रामभद्रा वहा से चले गए और मुरारी को अकेला छोड़ गए। मुरारी पर भांग का सुरुर था इसलिये वह गाने लगा,”अरे जा के बबवा बन जा , बनारस में पंडा,,,,,,,,,,,,मिसिर जी,,,,,,,,!!”
“मुरारी , मुरारी”,शिवम् ने मुरारी के पीछे आकर गुस्से से कहा
जैसे ही शिवम् की आवाज मुरारी के कानो में पड़ी मुरारी उठा और शिवम् की तरफ पलटकर हाथ जोड़ते हुए कहा,”अरे भैया आप है,,,,,,,,,,,,,,महादेव् भैया महादेव,,,,,,,,,पर आप अकेले चले आये , सारिका भाभी नहीं आयी आपके साथ,,,,,,,!”
मुरारी ने लड़खड़ाते हुए कहा , वह गिरता इस से पहले शिवम् ने उसे सम्हाल लिया और उसका हाथ थामकर उसे अपनी तरफ लाकर कहा,”हमे जे बताओ हिया का कर रहे हो तुम ?”
मुरारी मुस्कुराया और कहा,”अरे भैया उह बिजली,,,,,,,,,,हम बिजली का डांस,,,,,,,,,,,का बताये भैया का रंग जमाया है हमने आज , तुमहू मिस कर दिए कसम से,,,,,,!!”
शिवम् ने सुना तो मुरारी को झिड़कते हुए कहा,”मुरारी ! क्या तुमने कोई नशा किया है ?”
“नसा , अरे हम कबो नसा नहीं करते भैया ,, उह तो मोहनवा ठंडाई लेकर आया था बस वही पिये रहे , का ठंडाई थी भैया पूछो मत,,,,,,,,,,!”,मुरारी ने झूमते हुए कहा
उसे देखकर ही समझ आ रहा था कि भांग चढ़ चुकी थी उसे
मुरारी की बात सुनकर शिवम् ने पलटकर कुछ दूर खड़ी सारिका को देखा। सारिका को परेशान देखकर शिवम् को अच्छा नहीं लगा वह मुरारी से आगे कुछ कहता इस से पहले ही मुरारी की नजर शिवम् के पीछे खड़ी सारिका पर पड़ी तो वह खुश होकर सारिका की तरफ आया और हाथ जोड़ते हुए कहा,”अरे ! नमस्ते भाभी,,,,,,,,,भैया के साथ आप भी आये है,,,,,,,,,आज तो बनारस के घाटों पर चाँद निकल आया है।”
“मुरारी भैया सम्हलकर,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा तो मुरारी उसके सामने चला आया और मुस्कुराते हुए उसे देखने लगा। मुरारी के पीछे शिवम् भी आया और सारिका से कहा,”सरु ! गलत मत समझना मुरारी इस वक्त होश में नहीं है।”
“होश में नहीं है , अरे काहे होश में नहीं है ,, आपको लगता है हमने ज़रा सी ठंडाई पी ली तो हम भंड हो गए है,,,,,,,अरे सब होश है हमको , जे बनारस है , जे गंगा मैया है , तुमहू भैया हो जे हमरी भाभी है और यहाँ हवा में भांग घुला है,,,,,,,!!”,मुरारी मदहोश होकर कुछ भी बड़बड़ाये जा रहा था
सारिका ने सुना तो वह समझ गयी मुरारी होश में नहीं है उसने शिवम् से कहा,”शिवम् जी , चलिए मुरारी भैया को घर लेकर चलते है। अनु को पता चला तो खामखा परेशान हो जाएगी,,,,,,,!!”
“हमे तो इन पर गुस्सा आ रहा है सरु,,,,,,,,,,,2 दिन बाद मुन्ना की सगाई है और मुरारी यहाँ,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने गुस्से से कहा
“शिवम् जी जाने दीजिये ना,,,,,,,चलिए प्लीज , मुरारी भैया आईये घर चलते है।”,सारिका ने मुरारी को सम्हलाते हुए कहा
“आप रहने दीजिये , हम लेकर चलते है।”,कहते हुए शिवम् ने मुरारी का हाथ थामा और आगे बढ़ गया। सारिका भी उन दोनों के पीछे चल पड़ी। बेचारा शिवम् आज कितने दिनों बाद सारिका के साथ अच्छा वक्त बिताने घाट आया था और मुरारी की वजह से ये खूबसूरत पल भी बर्बाद हो गया।
गौरी का घर , इंदौर
गौरी बैग्स लेकर अपने कमरे में आयी और उन्हें साइड में रखकर बाथरूम की तरफ चली गयी। कुछ देर बाद गौरी कपडे बदलकर वापस आयी और अपना मुँह पोछते हुए शीशे के सामने आकर खुद को शीशे में देखते हुए कहा,”मान ने मुझे उस ड्रेस में देखा तक नहीं ,
अह्ह्ह्ह क्या वो सच में इतना शाय है या फिर वो मुझे ऐसे कपड़ो में देखना ही नहीं चाहता,,,,,,,,,,,,,,,,मान की तो कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं रही , काशी ने बताया था ना कि मैं ही उसकी जिंदगी में पहली और आखिरी लड़की हूँ ,, इसके बाद भी मान मुझे शार्ट ड्रेस में देखना नहीं चाहता,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह क्या होगा इस लड़के का ?”
कहते हुए गौरी ने तौलिया कुर्सी पर डाला और खिड़की की तरफ चली आयी। उसने कमरे की खिड़की खोली और परदे हटा दिए।
ठंडी हवा के झोंके ने आकर गौरी के ठन्डे चेहरे को सहलाया तो उसने अपनी आँखे मूंद ली और बड़बड़ाई,”तुम ऐसे क्यों हो मान ? दो दिन बाद हमारी सगाई है,,,,,,,,,,,,,,उस दिन हम ऑफिसियली एक दूसरे के हो जायेंगे , तुम्हे तो खुश होना चाहिए कि इतनी जल्दी हम इस खूबसूरत रिश्ते में बंधने जा रहे है,,,,,,,!!”
गौरी ने अपनी आँखे खोली और पलटकर बिस्तर की तरफ आते हुए कहा,”आई नो मुंबई जाकर तुम और ज्यादा बिजी हो गए हो इसलिये तो तुम्हे मेरी याद नहीं आती है,,,,,,,,,,,,मुझे तुम्हे सुनना कितना अच्छा लगता है और तुम मुझसे बात ही नहीं करते,,,,,,,,,,,,आओ तुम सगाई के लिये इंदौर , इतनी शिकायतें है ना इस बार मेरे पास कि तुम सुनते सुनते परेशान हो जाओगे,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए गौरी पेट के बल बिस्तर पर आ गिरी और अपना सर तकिये में छुपाकर कहा,”क्या ऐसा नहीं हो सकता मैं तुम्हे याद करू और तुम्हे वहा महसूस हो जाये और तुम मुझे फोन,,,,,,,,!!”
गौरी ने अपनी बात पूरी भी नहीं कि तभी उसका फोन बजा। गौरी ने बेमन से साइड में पड़ा फोन उठाया और देखा तो उसके दिल की धड़कने बढ़ गयी। स्क्रीन पर लाल दिल के साथ मान का नाम पॉप अप हो रहा था। गौरी का हाथ काँपने लगा उसके हाथ से फोन गिरते गिरते बचा।
उसने जल्दी से फोन उठाया तो स्क्रीन पर मुन्ना दिखाई दिया। ब्लेक शर्ट और फॉर्मल पेंट में मुना जानलेवा लग रहा था उस पर उसकी हलकी बढ़ी हुई दाढ़ी और गहरी काली आँखे गौरी के होश उड़ाने के लिये काफी थी। गौरी तो बस उसे देखते ही रह गयी , उसका मुंह खुला का खुला रह गया और वह अपनी पलकें झपकाना भूल गयी।
“कैसे लग रहे है हम ?”,मुन्ना ने धीमे स्वर में पूछा
गौरी को जैसे मुन्ना की बात सुनाई ही ना दी हो वह बस मुन्ना को देखे जा रही थी।
गौरी को खामोश देखकर मुन्ना ने अपने हाथ में पकड़ा फोन अपने सामने टेबल पर रखा और अपनी कलाई में घडी पहनते हुए कहा,”एक्चुली हम वंश और निशि के साथ बाहर जा रहे है डिनर पर , हम ये पहनना नहीं चाहते थे लेकिन वंश ने कहा हम पर ये कपडे अच्छे लगेंगे इसलिए हमने पहन लिए,,,,,,,,,,,फिर सोचा क्यों ना एक बार तुम से भी पूछ ले ,, अगर तुम यहाँ होती तो हम सब साथ चलते ,, गौरी , गौरी हम तुमसे बात कर रहे है ,, तुम ठीक हो ?”
मुन्ना के आखरी शब्दों से गौरी की तंद्रा टूटी और उसने खोये हुए स्वर में कहा,”मत जाओ,,,,,,,,,,!!”
“क्या ? कहा कहा तुमने ?”,मुन्ना ने हैरानी से पूछा
“मत जाओ , तुम बहुत सुन्दर लग रहे हो,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह अगर तुम ऐसे बाहर जाओगे तो लड़किया तुम्हारे पीछे पड़ जायेगी,,,,,,,,नहीं नहीं नहीं तुम ये पहनकर तो बिल्कुल नहीं जाओगे,,,,,!!”,गौरी ने मचलते हुए कहा
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुराने लगा और कुर्सी खिसकाकर उस पर बैठते हुए कहा,”तो पड़ने दो हम तो सिर्फ तुम्हारे रहेंगे , अगर किसी लड़की ने हमे देखा भी तो हम सामने से हाथ जोड़ लेंगे,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने कहा तो गौरी ने ख़ुश होकर हवा में उसे किस करते हुए कहा,”पर इन कपड़ो में तुम बहुत हॉट लग रहे हो”
“बस करो हमे अब शर्म आ रही है।”,मुन्ना ने दूसरी तरफ देखते हुए कहा
“तुम शरमाते हुए भी अच्छे लगते हो,,,,,,,,वैसे तुम मुंबई में क्या कर रहे हो ? वहा जाने के बजाय तुम मुझसे मिलने इंदौर आ सकते थे ना,,,!!”,गौरी ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा
“इंतजार करो गौरी शर्मा , इंतजार का फल मीठा होता है”,मुन्ना ने कहा
“तो क्या बाद में ये फल मुझे खाने को मिलेगा ?”,गौरी ने शरारत से अपनी आँखे चमकाते हुए
”शट अप,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा तो गौरी ने अपना निचला होंठ निकालते हुए मुंह बनाया
“अच्छा ये बताओ तुम्हे तोहफे में क्या चाहिए ?”,मुन्ना ने एकदम से पूछा
“हाँ ? क्या क्या क्या क्या पूछा तुमने ?”,गौरी ने चौंकते हुए कहा
“हमने पूछा तुम्हे हम से तोहफे में क्या चाहिए ?”,मुन्ना ने बड़े प्यार से पूछा
“अहम्म्म्म्म झुमके”,गौरी ने सोचते हुए कहा
“बस इतना सिंपल ?”,मुन्ना ने पूछा
गौरी मुस्कुराई और कहा,”इतना सिंपल कहा है ? मुझे तोहफे में तुमसे झुमके चाहिए और वो तुम खुद अपने हाथो से मुझे पहनाने वाले हो”
मुन्ना ने सुना तो कुछ देर के लिए शांत हो गया। गौरी को झुमके पहनाना मतलब गौरी के करीब आना। मुन्ना को खामोश देखकर गौरी ने मुस्कुराते हुए अपनी भँवे उचकाई और कहा,”देखो तुमने खुद पूछा है अब तुम मना नहीं आकर सकते,,,,,,,,,!!”
मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”हम्म्म ठीक है और कुछ ?”
“क्या बात है मिश्रा जी आज आप मुझ पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान लग रहे है , बोलो बोलो,,,!!”,गौरी ने कहा
“ए गौरी , तुम हमे हमेशा आप कहकर बुलाया करो ना,,,,,,,,,,,, तुम्हारे मुंह से अच्छा लगता है।”,मुन्ना ने कहा
” अच्छा जी लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकती,,,,,,,,,,,तुम्हे आप कहकर बुलाती हूँ तो लगता है मैं किसी बहुत बड़े आदमी से बात कर रही हूँ”,गौरी ने कहा
“हाँ तो हम उम्र में तुम से बड़े है न , बुलाया करो हमे आप कहकर”,मुन्ना ने कहा
“जी नहीं ये आप वाप सब शादी के बाद,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह शादी के बाद तुम मैं तुम्हे सुनिए जी कहकर बुलाऊंगी,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मुझे तो अभी से शर्म आ रही है।”,गौरी ने खिड़की पर लगे परदे को पकड़कर शरमाने की कुछ ज्यादा ही एक्टिंग करते हुए कहा और नतीजा ये हुआ कि रेंक में लगा पर्दा गौरी के हाथ में आ गया
गौरी खिंसिया कर मुन्ना को देखने लगी तो मुन्ना ने कहा,”सच में दुनिया का अथवा अजूबा हो तुम”
मुन्ना की बात सुनकर गौरी हसने लगी
वंश पीछे तैयार होते हुए टीवी पर चल रहा कोई गाना गुनगुना रहा था और मुन्ना मुस्कुराते हुए बस हंसती हुई गौरी को देख रहा था
“लेके तू मुझको अपनी बांहो में चल,,,,,,,,,,,,,ए मेरे आने वाले कल , ए मेरे आने वाले कल , ए आने वाले कल , ए मेरे आने वाले कल”
गौरी के रूप में मुन्ना का आने वाला कल उसके सामने हँसता मुस्कुराता खड़ा था। गौरी को खुश देखकर मुन्ना प्यार से उसे देखने लगा। गौरी ने चमकती आँखों से मुन्ना को देखकर अपनी भँवे उचकाई तो मुन्ना ने कुछ कहा नहीं बस अपने हाथ से गौरी की बलाये लेकर अपने हाथ की उंगलियों को अपने होंठो से छूकर गौरी की तरफ कर दिया। गौरी ने देखा तो पीठ के बल बिस्तर पर ही आ गिरी
मुन्ना से ऐसी चीजों की उम्मीद गौरी को कम ही थी लेकिन गौरी शायद ये नहीं जानती थी कि मुन्ना उस से भी ज्यादा रोमांटिक लड़का था जो सही वक्त पर अपनी भावनाये जाहिर करना जानता था।
गौरी स्क्रीन पर दिखाई नहीं दी तो मुन्ना ने मुस्कुरा कर फोन काट दिया और गौरी के लिये एक मैसेज छोड़ दिया।
फोन बजा तो गौरी ने देखा मुन्ना का मैसेज है। गौरी ने मैसेज खोलकर देखा जिसमे लिखा था,”हम जल्दी ही तुम्हारा तोहफा लेकर आएंगे,,,,,,,,!!”
गौरी ने मैसेज को चूमा और फोन को साइड में फेंककर ख़ुशी के मारे बिस्तर पर लौट पोट होने लगी। वह उठी और कमरे में लगा टीवी ऑन किया तो उस पर बहुत ही खूबसूरत गाना चल रहा था।
गौरी ने कमरे टंगी मुन्ना की जैकेट को उठाया और उसे बाँहो में लेकर कमरे में डांस करते हुए गाने लगी,”मेरे अँधेरे , मेरे उजाले , सब कुछ है मेरा , तेरे हवाले , लेके तू मुझको अपनी बांहो में चल,,,,,,,,,,,,,ए मेरे आने वाले कल , ए मेरे आने वाले कल , ए मेरे आने कल , ए मेरे आने वाले कल,,,,,,,,,,,!!
मुन्ना तैयार था और वंश भी तैयार होकर उसके सामने आया तो मुन्ना ने कहा,”आज किस पर बिजलिया गिराने का इरादा है ?”
“छिप,,,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब अब तुमसे क्या छिपाना मुन्ना ? तुम्हारा भाई है ही इतना स्मार्ट और हेंडसम की लड़किया खुद ही उसके प्यार में गिर जाती है।”,वंश कहना कुछ और चाहता था लेकिन मुन्ना के सामने बात बदल दी।
“अब चले ?”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म , एक मिनिट वो तुमने कहा था निशि भी हमारे साथ आ रही है,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने अपनी घडी पहनते हुए कहा
“निशि तुम्हारी बिल्डिंग के नीचे खड़ी हमारा इंतजार कर रही है , हमने पहले ही उसके लिये कैब भेज दी थी।”,मुन्ना ने वंश के साथ फ्लेट से बाहर आते हुए कहा
वंश ने दरवाजा बंद किया और मुन्ना के साथ लिफ्ट में चला आया। वह बार बार अपने कपड़ो और बालो को सही कर रहा था मुन्ना ने उसे देखा और कहा,”आई हॉप की तुम्हारे और निशि के बीच सब शार्ट आउट हो चुका है।”
“हाँ हाँ हाँ , हमने सब शार्ट कर लिया है डोंट वरी मुन्ना,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
दोनों लिफ्ट से बाहर आये और बिल्डिंग से बाहर चले आये। लॉबी में खड़ी निशि अपनी सहेली पूर्वी के साथ दोनों का इंतजार कर रही थी। वंश ने निशि को देखा तो बस देखता रह गया चेरी रंग की ड्रेस में निशि बहुत प्यारी लग रही थी। वंश की नजरे उस पर ठहर गयी। निशि ने मुस्कुरा कर वंश और मुन्ना को देखा तो वंश की धड़कने बढ़ गयी और उसके कानो में कुछ देर पहले सुने गए गाने के बोल रिवाइंड होने लगे
“”लेके तू मुझको अपनी बांहो में चल,,,,,,,,,,,,,ए मेरे आने वाले कल , ए मेरे आने वाले कल , ए आने वाले कल , ए मेरे आने वाले कल”
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संजना किरोड़ीवाल
Very nice part
Shivam Murari se Gussa hai ki uski wajahse uska plan spoil hogaya aur voh 2din baad Munna ki sagai rakh ke aise harkate kar raha bol kar..Gouri Bahut kush Munna ko apne saath Romantic baate karte dekh aur iss baat se bi ki usne usse yaad kiya aur uska ph ayaga…Vansh ne Nishi ke liye hi itna taiyar hua per usne Munna ko nahi bataya aur baat palat di…Vansh ne Nishi ko dekha toh dekhte hi reh gaya…interesting part Maam♥♥♥
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Very very👍👍👍